अनकटे लंड से गांड मरवाने का मजा लिया (Indian Gand Chudai Kahani)

इंडियन गांड चुदाई कहानी में पढ़ें कि मुझे अपनी गांड में लौड़ा लेने की बड़ी खुजली होती थी. मेरे दोस्त ने मुझे एक गे लड़के से दोस्ती करवायी.

दोस्तो, उम्मीद करता हूँ कि आप सब ठीक होंगे. आज मैं आपको अपनी एक नई इंडियन गांड चुदाई कहानी सुना रहा हूँ. मैं जो भी सेक्स कहानी लिखता हूँ, केवल सच पर आधारित ही लिखता हूँ, इसमें लेशमात्र भी बनावटीपन नहीं होता है. आज भी जो पूर्व में मेरे साथ हो चुका था, वही इस सेक्स कहानी में लिखा हुआ है.

मेरा नाम साजिद ख़ान (बदला हुआ नाम) है. मेरी उम्र 30 वर्ष है. मेरी हाइट 5 फुट 5 इंच और वजन 50 किलो है. मेरी बॉडी एकदम स्लिम है और रंग गोरा है.

ये उस समय की बात है, जब मेरी उम्र करीब 25 वर्ष थी और मुझे अपनी गांड में लौड़ा लेने की बड़ी खुजली होती थी.

मैं अपने दादा जी से, चाचा से और एक दोस्त से अपनी गांड मरवा चुका था.
गांड मराने के साथ साथ अब मुझको गंदा सेक्स अच्छा लगने लगा था. ये मैंने एक ब्लू-फिल्म में देखा था. उस फिल्म को देखने के बाद मेरे अन्दर की भावना गंदे सेक्स से भर चुकी थी.

मैं अपने साथी संजय से कोई बंदा तलाश करने के लिए कहा. संजय भी गांड मरवाता और मारता था. संजय ने मुझसे गांड मरवाई थी और मेरी गांड भी मारी थी.

संजय ने मुझे एक नंबर दिया. मैंने उससे बात की, तो उसने अपना नाम बताया. उसका नाम सन्नी था. सन्नी मोदीनगर का रहने वाला था.
उससे मेरी कई दिन तक बातें होती रहीं. मगर कुछ ऐसा हुआ कि मुझको उसके पास जाने का टाइम ही नहीं मिला.

एक दिन मैं किसी काम से मेरठ गया था और वहां पर समय मिलने पर बेगम पुल पर जगत सिनेमा में एक सेक्सी फिल्म देखने लगा.

वहां पर मुझे एक लड़का मिला, जो मेरे बगल में बैठा था.
उसने धीरे धीरे मेरी जांघों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. मैंने कुछ नहीं कहा और उसकी हरकत को नजरअंदाज करते हुए देखता रहा.

उसने मेरी तरफ से कोई विरोध नहीं देखा, तो उसने धीरे से मेरा लंड टटोला. मेरा लंड खड़ा होने लगा था.
वो समझ गया और उसने धीरे से मेरा हाथ उठा कर अपने लंड पर रख दिया.

हॉल के अन्दर बहुत अंधेरा था.
मैंने हाथ से टटोल कर देखा, तो उसने अपना लौड़ा बाहर निकाल रखा था.
उसका लौड़ा बहुत मोटा था.

मैंने उसके लौड़े की नोक की खाल को देखा तो समझ गया कि वह एक बिना खतना किया हुआ मर्द था.
मैंने जब उसका लौड़ा आगे पीछे किया, तो उसके सुपारे की चमड़ी से साफ़ महसूस कर लिया.

एक मिनट बाद उसने मेरे कंधे को पकड़ कर मुझे नीचे आने का इशारा किया. मैं उसके सामने बैठ गया और उसका लौड़ा अपने मुँह में ले लिया.
उसका लौड़ा बहुत कड़क था, एकदम लोहे की तरह सख्त था.

मुझे एक अनकटा लंड चूसने में बड़ा अच्छा लग रहा था.

पांच मिनट में ही मुझे उसके लंड से माल की गंध आने लगी थी और थोड़ी ही देर में उसके मोटे लंड का वीर्य निकल गया.
उसने मेरा मुँह अपने लौड़े पर दबा दिया. जिससे उसका सारा वीर्य मेरे मुँह में भर गया.
मैं लंड रस को पी गया.

कुछ देर बाद वो उठ कर चला गया. मैं भी फिल्म देखने के बाद बाहर आ गया.

बाहर आकर मैंने सन्नी को फोन किया कि मैं आ रहा हूँ.

सन्नी ने मुझको बताया था कि कहां पर आना है. उसने मुझे रात में आने के लिए बोला, तो मैं टाइम काटने लगा.

मैं रात को सन्नी के पास पहुंचा. उससे बात हुई तो जानकारी मिली कि वो लखनऊ का रहने वाला था और मोदीनगर में रहकर पढ़ाई करता था.

उसने अपना एक अलग आवास किराए पर ले रखा था. उसमें नीचे मकान मालिक ने एक दुकान भी खोली हुई थी. ऊपर एक दो कमरे का घर बना हुआ था, जो सन्नी ने किराए पर लिया था. ये घर एक नई कॉलोनी में था.

हम दोनों उस कॉलोनी में आ गए.

फिर सन्नी ने कहा कि अभी थोड़ी देर बाहर घूमते हैं, जब अन्धेरा सा हो जाएगा, तब घर में अन्दर चलेंगे.
मैंने हामी भर दी.

हम दोनों कॉलोनी के भीतर उस तरफ को आ गए, जहां पर एकदम सुनसान था. उधर अभी कोई आता जाता भी नहीं था.
मैं और सन्नी उधर एक अधबने मकान की आड़ में खड़े हो गए.

सन्नी ने मुझको अपनी बांहों में भर लिया और मेरी गांड को मसलने लगा.
वह मुझको ऐसे मसल रहा था, जैसे मैं कोई रंडी हूँ.

उसमें बहुत ताक़त थी. उसकी ताकत के सामने मैं कुछ भी नहीं था.
वह मुझको मेरी गांड को हाथों में भर कर ऊपर की तरफ खींच रहा था और मैं बस उसकी छाती से चिपका हुआ था.

कुछ देर बाद उसने मुझे छोड़ दिया और मैं नीचे हाथ करके उसकी पैंट की जिप खोलने लगा.
मैंने कुछ ही पलों में उसका लौड़ा बाहर निकाल लिया.
उसका लौड़ा टाकीज वाले लड़के से कुछ पतला था लेकिन उससे लंबा ज्यादा था.

सन्नी का लौड़ा भी चमड़ी वाला था और सुपारा एकदम गुलाबी रंग का था. जबकि लंड का रंग एकदम काला था. सन्नी के लंड की झांटें बड़ी बड़ी थीं.

उसने मुझको अपने लौड़े के सामने बिठाया और मेरा मुँह पकड़ कर जबरन खुलवा दिया.
मुँह खुला, तो उसने अपना लौड़ा मेरे मुँह में दे दिया.
उसके लंड से कुछ बदबू सी आ रही थी. मगर उसकी झांटों से मदहोश करने वाली महक आ रही थी.

मैं उसके लौड़े को चूसने लगा. उसने उत्तेजित होते हुए मेरा सर पकड़ा और अपना पूरा लौड़ा मेरे मुँह में गले तक ठेल दिया.
मुझको सांस आना बंद हो गई और उल्टी होने की पोजीशन बन गई.

मैंने उसका लौड़ा बाहर निकाला चाहा लेकिन उसने मेरा सर को नहीं छोड़ा.
नतीजतन मुझको उल्टी हो गई.

तभी उसने मुझको गाली देते हुए कहा- भोसड़ी के साले सूअर गांडू … भैन का लौड़ा फोन पर तो बोल रहा था कि मुझको गंदा सेक्स पसंद है. मादरचोद तेरी गांड तो लंड चूसने में ही फट गई. लौड़ा चूस मादरचोद. पूरा अन्दर लेकर चूस साले तेरी माँ को चोदूं.

मैंने बोला- यार, मुझको उल्टी हो रही है.
वह बोला- मादरचोद होने दे … तू बस मेरा लौड़ा चूस.

उसने मेरे गाल पकड़ कर दबाए और मेरे मुँह में लौड़ा देने लगा.
उसके लम्बे लंड की चूसने में अब मेरी गांड फट रही थी.

मैं- तू आगे पीछे धक्का लगा रहा था … इसीलिए मुझको उल्टी हो रही थी. मेरी आंखों से आंसू आए थे.

फिर उसने अपने आंड मेरे मुँह में दे दिए, जिनको में मजे से चूसने लगा था.

कुछ देर बाद उसने मुझको खड़ा किया और अपनी बांहों में भर लिया. पीछे से वो मेरी गांड में उंगली पेलने लगा.
गांड में उंगली करने के साथ साथ वो मेरी गांड को मसल भी रहा था और मेरी गांड को थप्पड़ भी मार रहा था.

जब सैटिंग बन गई और हम दोनों रेडी हो गए तो वह मेरे पीछे बैठ गया. उसने मेरी गांड को चाटा. मुझको अपनी गांड चटवाने में बहुत मज़ा आ रहा था.

उसने मेरी गांड के फूल पर बहुत जोर से काट लिया, जिससे मैं एकदम से उछल पड़ा.
साले के गांड काटे का निशान बहुत दिनों में गया था. उसके काटने से मुझे ली दिन तक दर्द भी होता रहा था. मैं जब भी बैठता था तो मेरी गांड बहुत दर्द करती थी.
उस दर्द से मुझको सन्नी की गांड चुदाई की याद आ जाती थी.

कुछ देर तक ये अब मजा करने के बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और कमरे पर चल कर बाकी की चुदाई का मजा लेने का तय कर लिया.
मैं सन्नी के साथ उसके रूम पर आ गया.

उसने खाना बनाया हुआ था. वो अकेला रहता था. हम लोगों ने खाना खाया.

अब रात के दस बजे चुके थे. उसने दरवाजा बंद किया और बाथरूम में चला गया.
उसने मुझे भी आने की आवाज दी तो मैं भी बाथरूम में आ गया.

उसने बाथरूम में अपने पूरे कपड़े उतार दिए और मेरे भी उतरवा दिए.

अब मैं उसके आगे पूरा नंगा था. मेरा चिकना बदन था. मैंने अपने शरीर के सारे बाल साफ़ कर रखे थे.

उधर लाइट जल रही थी. मैं लाइट में उसका लौड़ा देखा, तो उसका लंड चमड़ी वाला एकदम काला लंड था. झांटें भी बड़ी बड़ी थीं, जो लंड को मस्त बना रही थीं. वो खड़ा हुआ था.

उसने बाथरूम के ऊपर बनी एक बड़ी सी टांण पर एक गद्दा रज़ाई डाल रखे थे और चढ़ने के लिए सीढ़ी लगा रखी थी. मतलब यूं समझो कि उसने उसे एक चुदाई घर बना रखा था.

उधर उसने मुझे आने का कहा और मैं उधर देखने लगा.
तभी सन्नी ने मुझको सीढ़ी पर ऊपर चढ़ने के लिए बोला.

जैसे ही मैं सीढ़ी पर चढ़ा तो वो भी मेरे पीछे पीछे चढ़ने लगा.
वो मेरी गांड पर थप्पड़ मारने लगा और मुझको गाली देने लगा.

सन्नी- चल भोसड़ी के गांडू … साले जल्दी जल्दी ऊपर चढ़. फिर मैं तेरे ऊपर चढूंगा और तेरी गांड का भुर्ता बनाऊंगा. तूने मुझे फोन पर परेशान कर दिया था. आज मौका मिला है … मैं आज तुझे बताऊंगा कि गांड चुदाई कैसे होती है.

मैं ऊपर गया तो मैंने देखा कि उसने गद्दा बिछाया हुआ था और चुदाई का अच्छा ठीया बना रखा था.

मैंने पूछा कि इधर क्यों … कमरे में क्यों नहीं?
वो बोला- ये जगह मुझे पसंद है और मुझे लगता है कि आज तेरी गांड यहीं मारूं.

मैं उसकी बात को समझे बिना मान गया.

वह गद्दे पर सीधा लेट गया और मुझको अपना लौड़ा चुसवाने लगा. मैं उसका बदबूदार लौड़ा चूस रहा था.

फिर हम दोनों ने 69 की पोज़िशन बना ली थी. वह मेरी गांड चाट रहा था और मेरी गांड पर जोर जोर से थप्पड़ मार रहा था. गांड चाटने के साथ वो छेद में उंगली भी पेल रहा था.

मैं उसका लौड़ा और उसकी गोटियों को चूस रहा था. वो मेरी गांड लगातार पीट रहा था, इससे मुझको बड़ा मज़ा आ रहा था.

फिर उसने मुझको औंधा लिटा दिया और मेरी गांड को चाटने लगा. मेरी गांड में गुदगुदी हो रही थी और मैं इधर उधर हो रहा था.
जैसे ही मैं इधर उधर होता था, वह मुझको गालियां देने लगता था और थप्पड़ भी मार रहा था.
उसका यह सब करना मुझको बहुत अच्छा लग रहा था.

वह एक जंगली बिल्ली की तरह मुझ पर टूट पड़ा था. साला जगह जगह मुझे नौंच रहा था और दांतों से काट रहा था.
मुझको बहुत दर्द हो रहा था … लेकिन बहुत मज़ा आ रहा था.

करीब 20 मिनट उसने मेरी ऐसी चुसाई और पिटाई की कि मैं आज तक वैसा मजा नहीं ले पाया.
आज से पहले तक किसी ने मुझे ऐसा चोदा भी नहीं था.

फिर उसने मुझको एक कंडोम दिया और बोला- चल भोसड़ी के गांडू … मेरे लौड़े पर इस कंडोम को चढ़ा.
मैंने वह कंडोम उसके काले लौड़े पर चढ़ा दिया.

अब उसने मेरी टांग उठा दी और बहुत पीछे तक कर दी. जिससे मेरी गांड आसमान की तरफ बहुत ऊपर उठ गई थी.

फिर उसने क्रीम की डिब्बी उठाई और मेरी गांड के छेद में उंगली डालकर बहुत सारी क्रीम लगा दी.
मेरी गांड एकदम चिकनी हो गई थी. फिर सन्नी ने अपने लौड़े पर भी क्रीम लगा दी.

लंड एकदम रेडी हो गया था. उसने मेरी गांड के छेद पर अपना दौड़ा रखा और एक जोरदार धक्का दे मारा.
उसका टोपा मेरी गांड में घुस चुका था. मेरी एक आवाज जोरदार निकली- हहा हायल्ला मर गया.

उसने झट से अपने हाथ से मेरा मुँह भी बंद कर दिया. अब मेरे मुँह से ‘उम्म्म्म … उऊऊहहुउ … ऊम्म्म्म ..’ की आवाज़ निकल रही थी.

उसने एक और जोरदार धक्का मारा तो इस बार उसका पूरा लौड़ा मेरी गांड में घुस चुका था.
मैं अपने आपको उससे छुड़ाने की कोशिश कर रहा था. लेकिन उसने मुझको अपनी बांहों में जकड़ रखा था. फिर उसने धक्कों पर धक्के लगाना शुरू कर दिए.

मेरे मुँह से लगातार आवाज़ निकल रही थी- आआह … इस्स्स्स्सा अहहा उमम्म्म!

वो मुझको धकापेल चोद रहा था. वह मुझको जंगलियों की तरह ऐसे चोद रहा था, जैसे आज तक उसे कोई गांड ही नहीं मिली हो. वो मेरी गांड पर थप्पड़ भी मार रहा था.

अब मुझको बहुत मज़ा आने लगा था. उसने मेरी गांड चरखी सी बना रखी थी. मेरी आवाज़ गूँज रही थी. वह मेरी चुचियों को भी चूस रहा था.

करीब 20 मिनट तक वह मुझे चोदता रहा. फिर उसने अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया और मेरे मुँह में दे दिया.

वो लंड चूसने के लिए बोला.
मैं लंड चूस रहा था.

तभी अचानक उसने मेरा सिर जोर से पकड़ लिया और अपने लौड़ा मुँह में गले तक धंसा दिया और अपने वीर्य की पिचकारी मेरे मुँह में छोड़ दी, जिसको मैं पी गया.
उसका वीर्य नमकीन लग रहा था.

फिर मैंने लंड चाट चाट कर उसका काला मोटा चमड़ी वाला लौड़ा साफ़ कर दिया.

मेरी गांड में चिनमिनी लग रही थी. मैं नीचे आकर बाथरूम पेशाब करने लगा और थोड़ी देर वहीं पर बैठा रहा.
वो बाहर चला गया था.

वहां से मैं बाहर आया तो देखा वो लेटा हुआ था, शायद मेरा इंतज़ार कर रहा था.

मेरे आते ही उसने अपना लौड़ा मेरे मुँह में डाल दिया और मैं उसके लंड को चूसने लगा.
उसके लौड़े से अभी भी बदबू आ रही थी.

थोड़ी देर में उसका लौड़ा खड़ा हो गया.
हम दोनों ने 69 की पोज़िशन की, उसने मेरी गांड चाटी, उसको थप्पड़ मारे.
मैंने उसका लंड रेडी कर दिया.

अब उसने मुझको घोड़ी बनाया और पीछे से अपना कड़क लौड़ा मेरी गांड में दे दिया.
मेरे मुँह से ‘आआहह ..’ की आवाज़ निकली. लंड अन्दर तक घुस चुका था.

अब उसने झटके देना शुरू कर दिए और मैं भी अपनी गांड पीछे को हिलाते हुए उसका साथ दे रहा था.
मुझको उससे अपनी गांड मराने में मज़ा आ रहा था.

कोई दस मिनट तक उसने मुझको ऐसे ही चोदा. मेरे मुँह से ‘आअह … इस्स्स्सि … याह … हम्म्मह ..’ की आवाज़ निकल रही थी.

वह मेरी गांड मारते हुए बोल रहा था- आह ले भोसड़ी के … ले लंड ले मादरचोद …. और अन्दर ले भैन के लंड … साले गांडू आज तेरी गांड को ऐसे चोदूंगा कि अब तक किसी ने नहीं चोदी होगी. मज़ा आ रहा है न!

मैंने भी हां में सर हिला दिया.

फिर उसने मुझको उल्टा लिटा दिया और मेरी गांड को चोदने लगा.
मुझको बहुत मज़ा आ रहा था. मुझको सच में इतना मज़ा आ रहा था कि मेरे लंड ने भी वीर्य निकाल दिया.

उधर वह रुकने का नाम नहीं ले रहा था. मेरा वीर्य निकल जाने से मेरा जोश ठंडा हो गया था और मैं उससे खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगा.
लेकिन वह अभी झड़ा नहीं था और मेरी गांड में जोर जोर से धक्के मारे जा रहा था.

इस समय मुझको अपनी गांड काफी जलन होने लगी थी.

थोड़ी देर में वह हांफने लगा और तेज तेज धक्के मारने लगा.
मैं चिल्ला रहा था- आआई … छोड़ दे साले … आहह … उऊउम्म्म्मा … या खुदा मुझको छोड़ दो … मेरी गांड में जलन हो रही है.

फिर करीब दो मिनट बाद वह झड़ गया और मेरे ऊपर लेट गया.

थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद वह उठा और उसने मुझको अपने लौड़े से कंडोम उतारने के लिए बोला.
मैंने उसके लौड़े से कंडोम उतारा और उसका वीर्य से सना हुआ लंड चाट चाट कर साफ़ कर दिया.

थोड़ी देर में उसने पूछा- और चुदवाना है?
उसकी थप्पड़ की मार से मेरे आंडों में दर्द हो गया था.

मैंने कहा- मुझको दर्द हो रहा है … अब नहीं चुदवाना.
उसने बोला- ठीक है. चल अब तू सो जा.

हम दोनों थोड़ी देर में सो गए.

करीब चार बजे मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि सन्नी मेरे बगल में सो रहा था और उसका लौड़ा खड़ा था.
मैंने उसका लंड चूसा और उसका वीर्य पी लिया.
वो जाग गया तो उसने मेरी फिर से गांड मारी और सो गया.

इसके बाद मैं वहां से चला आया.

मेरी इंडियन गांड चुदाई कहानी आपको कैसी लगी प्लीज़ मुझे मेल करके बताएं.
[email protected]

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