पेड सेक्स वाली भाभी को उसकी ननद ने उसके किसी रईस ग्राहक़ के साथ पूरी नंगी हालत में पकड़ लिया. असल में भाभी का शौहर विदेश में था तो वह गैर मर्दों से चुदवाने लगी थी.
मेरे रसिक पाठको,
आपको मेरी एक पेड सेक्स वाली भाभी की अनोखी फैंटेसी वाली कहानी
हाउसवाइफ से बनी रंडी
याद होगी.
यह कहानी है उसी सेक्सी शादीशुदा औरत हया की कुंवारी सेक्सी कमसिन ननद की पहली चुदाई की.
वह जवान हो रही थी और उसका जिस्म मर्दों की आँखों को लुभाने लगा था.
वह खुद भी मर्दों की नजर पहचान कर कुछ करना चाहती थी.
उसमें एक MNC में कार्य करने वाले व्यक्ति अखलाक की बीवी हया, अपने शौहर से अपनी एक दबी हुई हसरत का इजहार करती है कि कैसे उसे एक बार रंडी बनकर, किसी अजनबी गैर मर्द से चुदवाना है और सिर्फ एक बार अपनी चूत की कीमत वसूल कर के, रंडी होने के अहसास को महसूस करना है।
अपनी बीवी की इस अनोखी और अजीब हसरत पूरी करने के लिए उसका शौहर अखलाक एक ऐसे ग्राहक को ढूंढ के लाता है जिसकी बीवी डिलीवरी के लिए मायके गई हुई थी।
वह पत्नी की गैर मौजूदगी के कारण शरीर से लेकर दिमाग तक वासना से लबालब भरा हुआ था।
उसका लंड बिना किसी चूत के तड़प रहा था।
ऐसी स्थिति में जब उसे नई चूत यानि हया मिली तो वह जी भरकर हया के जिस्म के हर छेद के मजे लेकर, कस के उसकी चूत की चुदाई और गांड की गुड़ाई करके, अपनी दी हुई कीमत वसूलता है तथा अपनी और हया की उफनी हुई वासना को शांत करता है।
इतना ही नहीं … हया का शौहर अखलाक भी वासना के उस नशीले वातावरण में उन दोनों के साथ में जुड़ता है और तीनों थ्रीसम का खेल भी खेलते हैं।
हया ने अपनी हसरत तो यही बताई थी कि उसे सिर्फ एक बार रंडी बनकर कैसा लगता है, यह अहसास लेना है।
लेकिन इंसान यह नहीं जानता कि भविष्य में उसकी कोई भी हसरत बजाय शांत होने के भड़क भी सकती है … या और कौन कौन सी नई हसरतें उसके शरीर और दिमाग को वासना से भर देंगी।
आइए देखते हैं कि कई गैर मर्दों के लंड ले चुकी और अपनी एक बार रंडी बनने की हसरत को पूरी करने के बाद, हया क्या अपने शौहर के सामने अपनी बात पर कायम रह पाई?
हया और अखलाक दोनों अपने जीवन में चुदाई के मिलने वाले हर मौके में हर खेल से, जी भर के चुदने और चोदने का आनन्द ले रहे थे।
लेकिन जिस्म में चूत और लंड के अलावा एक पेट भी होता है, जिसको भरने के लिए कमाना भी जरूरी होता है।
अखलाक को दुबई में उसके दोस्त के जरिए बेहतर जॉब का एक ऑफर मिला।
इतना तो उसे भी पता था ही कि हया उसकी गैर मौजूदगी में बिना अपनी गर्म चूत में लंड लिए रहने वाली औरत नहीं है।
इसलिए जब वह यहां से जा रहा था तो उसने पहले ही हया को कह दिया था- तुम मेरी गैर हाजिरी में बिना चुदाई के तड़पना मत, जी भर के नए-नए लंड लेकर अपनी हसरतें पूरी करती रहना, पैसे की कमी मैं होने नहीं दूंगा।
अखलाक ने हया को चुदाई के लिए अपनी तरफ से पूरी छूट दे दी थी.
लेकिन हया को तो नए नए लंड के साथ, अपनी चूत की कीमत वसूल करने का ऐसा चस्का लग गया था कि वह पूरी तरह पेड सेक्स वाली भाभी, सफेदपोश रंडी बन गई थी।
उसे पैसे या कीमती गिफ्ट लेकर चुदवाने में मजा आने लगा था बल्कि उसे चुदाई की कीमत वसूलने में अपने जिस्म पर फख्र का अहसास होने लगा था।
उसने एक बार अपनी चूत की कीमत क्या वसूली, उसे चुदाई के साथ साथ चूत की कमाई का नशा सा हो गया।
किसी से भी मुफ्त में चुदवाना उसे बेवकूफी लगने लगी।
वह अपने हर नए चोदू को उससे वसूली गई कीमत के अनुसार मजा देती थी।
ऐसे में उसकी नए नए लंड से चुदाई और चूत की कमाई दोनों ही लगातार बढ़ रही थी।
यह तब की बात है जब अखलाक कमाई करने के लिए दुबई जा चुका था.
उसकी चुदाई करने वालों में उसका एक मनपसंद मजबूत लंड वाला आशिक दिलावर भी था जो उसके मांसल जिस्म, उसकी सिसकारियां भरने की आदत, उत्तेजना की अवस्था में गंदी गंदी गालियां बकने और बेशर्म हो कर चुदवाने की अदाओं पर फिदा था।
वह न केवल अपने लंबे मोटे लंड से उसकी मस्त चुदाई करता था बल्कि हर बार उसके लिए कुछ ना कुछ कीमती तोहफा लाकर उसको खुश किया करता था।
हया भी बदले में उसकी मर्जी के मुताबिक अपना मस्ती भरा जिस्म उसके हवाले कर देती थी।
कभी दिलावर चूत चोदता, कभी गांड मारता तो कभी उसके मुंह में अपना वीर्य का जखीरा खाली करता।
हया अपने मुंह में दिलावर का केवल वीर्य ही नहीं निकलवाती बल्कि उसके वीर्य का एक एक कतरा गटक जाती।
वीर्य गटकने के बाद वह ऐसा जताती जैसे दिलावर का वीर्य दुनिया की सब से लज़ीज़ चीज है।
दिलावर उसके वीर्य पान के बाद, हया की आंखों की चमक देख कर मस्त हो जाता था।
हया के कमरे के साथ ही लगा हुआ, उसकी ननद जास्मिन का कमरा भी था. जास्मिन एक अधखिली कमसिन कली थी, उसके 28-24-30 के बदन पर धीरे-धीरे बहारें आ रही थीं।
उसके मुलायम, मखमली उरोजों पर निप्पलें अभी पूरी तरह उभरी नहीं थी।
निप्पलों का रंग भी अभी भूरा न होकर लाल गुलाबी ही था।
उसके जिस्म की रंगत निखर रही थी और तन बदन से एक मीठी सी खुशबू उठना शुरू हो गई थी।
उसे आदमी और औरत के बीच में जिस्मानी ताल्लुकात से मिलने वाले आनन्द के बारे में, अधकचरी जानकारी थी लेकिन हर इंसान के शरीर में कामवासना तो कुदरती तौर पर मौजूद रहती है और अपना असर डालती है।
हया के कमरे से आती हुई सिसकारियों और कामुक आवाजों को सुन सुन कर अक्सर जास्मिन के कानों की कोर तपने लगती थी।
उसे ध्यान आता है कि कुछ समय पहले जब पहली बार उसकी नींद उचटी थी और तब उसने पहली बार हया की आनन्द भरी सिसकारियां सुनी थीं और अपने शरीर में बेचैनी महसूस की थी।
उसके बाद से वह कान लगा के हया के कमरे से आ रही आवाजों को सुनने की कोशिश करती थी और समझना चाहती थी कि हया के बंद कमरे में आखिर चल क्या रहा है?
सिसकारियों को तो समझने की जरूरत भी नहीं होती, वे तो जिस्म और जेहन पर असर डालती ही हैं।
सिसकारियां सुन सुन कर नादान जास्मिन के शरीर में सनसनी होने लगती, उसकी चूत में जैसे चींटियाँ सी चलती महसूस होती।
उसको कुछ समझ में नहीं आता था कि ये माज़रा क्या है?
कई बार वह अपने बदन को सहला के, बूब्स को दबा के, मसल के और चूत पर हाथ फेर के वासना को शांत करने की नाकाम कोशिश करती थी.
लेकिन उसकी बेचैनी दिन पर दिन बढ़ती जा रही थी।
उसकी चूत में अब मीठी मीठी खुजली सी होने लगी थी।
बहुत समय बाद उस को पता चला कि चूत की इस मीठी मीठी खुजली को किसी का कड़क लंड ही मिटा सकता है.
लेकिन किसी लड़के से चुदवाने में उसको बदनामी का डर लगता था और कम उम्र के कारण उसकी हिम्मत भी नहीं होती थी कि वह किसी लड़के से चुदवाने जितना बड़ा कदम उठाए।
अपने शौहर को अनछुई चूत का नज़राना देने का ख्वाब भी जास्मिन ने सजा रखा था।
कुल मिलाकर वह नाकाफी इल्म से पैदा हुए डर एवं नैतिक बंधनों में अपने आप को जकड़ी हुई पा रही थी।
कभी कभी तो उसकी वासना उसे इतनी परेशान करती कि वह सोचने लगती कि ‘मां चुदाने गया कुंआरापन, इस करारी कुंआरी चूत में अब किसी का तन्नाया लंड डलवा ही लेती हूं!’
लेकिन वह ‘कब, कहां और कैसे’ में ही उलझी रहती।
जब उसे अपनी हसरत पूरी करने की कोई राह दिखाई नहीं पड़ती तो जलन के मारे उसकी बहुत इच्छा होती थी कि हया की कारगुजारियों के बारे में अपने भाईजान अखलाक से बात करे!
लेकिन पता नहीं क्या सोचकर वह दुविधा का शिकार हो जाती और कुछ बोल नहीं पाती थी।
ऐसे ही एक दिन की बात है, दिलावर हमेशा की तरह पेड सेक्स वाली भाभी हया को चोदने के इरादे से उसके कमरे में आया.
हया बिस्तर पर बिछी उसी का इंतजार कर रही थी।
दिलावर एक लंबी चौड़ी कद काठी वाला, भरे बदन का, ताकतवर, कड़क मर्द था.
उसका पोल्ट्री फॉर्म का व्यवसाय था जिससे महीने की डेढ़ दो लाख की आमदनी हो जाती थी।
रोज नई-नई ब्रांड की अंग्रेजी शराब पीना, अपने पोल्ट्री फॉर्म का एक तंदुरुस्त मुर्गा खाना और तकरीबन रोज रात को किसी न किसी औरत को चोदना, यही उसकी दिनचर्या थी।
हया ने उसका स्वागत करते हुए कहा- आओ मेरे दिलबर दिलावर, मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रही थी। आओ मेरे राजा, बजा दो मेरी चूत का बैंड बाजा!
दिलावर उसकी घटिया तुकबंदी पर ठो ठो करके हंस पड़ा।
उसने अपनी जेब से हया के लिए चांदी की एक भारी पाजेब निकाली और उसे देते हुए कहा- ले मेरी रानी, यह तेरी आज की चुदाई का नज़राना!
हया ने पाजेब ले कर खुश होते हुए कहा- शुक्रिया मेरे राजा, तुम्हें यह तो पता है कि मैं हर किसी से नहीं चुदवाती. और मुफ्त में चुदवाना तो दूर, किसी को हाथ भी नहीं लगाने देती। लेकिन तुम्हारा तो लंड ही इतना दमदार और चुदाई इतनी धांसू है कि तुम तो कभी फोकट में चोदने के लिए कहोगे तो भी मैं मना नहीं कर पाऊंगी।
दिलावर हया की इस बात पर खुश हो गया, बोला- मेरी प्यारी रंडी, तेरी इन्हीं बातों के कारण तो मैं नई नई रंडियों के पास न जाकर बार-बार तेरे पास आता हूं। इसके अलावा तू इतना मस्त होकर चुदवाती है, मुझको हर तरह से इतना आनन्द देती है कि मैं और मेरा लंड यहां खिंचे चले आते हैं।
उसके बाद दिलावर ने गदराई हुई हया को अपनी बाहों में भरते हुए उसके रसीले लबों पर अपने मोटे-मोटे एवं कत्थे के कारण लाल हुए होंठों को रख दिया और हया के होंठों का रसपान करने लगा।
हया भी दिलावर के होंठों को अपने होंठों में जकड़ के उन्हें चूसने लगी।
तब हया की नाक में दिलावर के मुंह से आ रही बाबा छाप तंबाकू की महक समाने लगी।
हया और दिलावर ने जब एक दूसरे के होंठों को छोड़ा तो हया ने पूछा- आज क्या बात है? बहुत महक रहे हो?
तो दिलावर ने कहा- यार आज दिन भर पोल्ट्री फॉर्म में रहने के कारण बदन में अजीब सी बू भर गई थी। इसलिए इत्र फूलेल करके और खुशबू वाला पान खाकर तेरे पास आया हूं मेरी रानी, जिससे कि मुझे ही नहीं, तुझे भी चुदवाने में मजा आवे!
इसके साथ ही दिलावर ने हया की कुर्ती उतार दी.
उसके सामने गदराये बदन वाली हया के 40 इंच के मम्मे साधारण सी ब्रा में झूल रहे थे।
दिलावर ने कहा- यार, कोई अच्छी वाली ब्रांडेड ब्रा क्यों नहीं पहनती?
इस पर हया ने कहा- अगली बार जब तुम आओ तो मेरे लिए अपनी पसंद की ब्रा ले आना!
फिर आंख मारती हुई बोली- साइज तो तुमको पता है ही! और हां … हर बार तो मेरी ब्रा उतारते हो, अगली बार जाते हुए पहना भी देना!
दिलावर ने हंसते हुए कहा- ठीक है मेरी रानी!
यह कहकर उसने हया की सलवार का नाड़ा खींच दिया.
सलवार उसके पैरों में गिर पड़ी.
उसने देखा कि हया ने पैंटी भी नहीं पहन रखी थी और उसकी झांट के बाल भी बढ़े हुए थे।
दिलावर ने कहा- हया, आज तूने पैंटी भी नहीं पहनी और झांटें भी साफ नहीं करी?
हया ने कहा- तुम हमेशा तो आने के एक दिन पहले फोन कर देते थे, आज अचानक आ गए इसलिए साफ नहीं कर पाई. और पैंटी तो मेरी गर्म चूत के कारण भीग गई थी, इसलिए उसको हटाना पड़ा।
दिलावर ने हया को अपनी बाहों में भरकर पीछे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.
ब्रा के नीचे गिरते ही उसके सामने पके खरबूजों की तरह दो मोटे-मोटे स्तन दिलावर के लंड में करंट दौड़ाने लगे।
हया का कामुक बदन दिलावर की वासना में उबाल ला रहा था।
दिलावर उसके बोबों को मसलते हुए हया की भूरी भूरी, बड़ी बड़ी निप्पलों को चूसने लगा।
उसके लंड में धीरे-धीरे तनाव आ रहा था।
दिलावर बोबे चूस रहा था तो हया की चूत में भी सरसराहट होने लगी।
हया ने भी दिलावर का कुर्ता उतारा, उसने अंदर बनियान नहीं पहना था.
उसकी बालों से भरी छाती, हया को बहुत उत्तेजित करती थी।
हया ने दिलावर की छाती को सहलाते हुए अपने होंठों को उसके बालों में रगड़ा, उसकी निप्पलों को मसला, एक एक कर के उन को चूसा।
दिलावर को हया की ये हरकतें बहुत अच्छी लगती थीं।
उसके बाद हया ने दिलावर की पठानी सलवार को खोलते हुए उसके अंडरवियर में हाथ डाल के उसके खड़े हो रहे लंड को एक हाथ से पकड़ लिया और दूसरे हाथ से आंड सहलाने लगी।
हया के पकड़ते ही, उस का लंड तन्नाने लगा।
दिलावर ने अपना अंडरवियर उतार फैंका।
दोनों के नंगे जिस्म एक दूसरे में समाने और लज़्ज़त हासिल करने के लिए मचलने लगे।
हया ने घुटनों के बल हो के दिलवर के लंड को चूस के एकदम कड़क कर दिया।
उसके बाद दोनों पलंग की ओर बढ़े.
दिलावर ने हया को पलंग पर पटक दिया।
हया को मालूम था कि उसकी चूत रस का शौकीन दिलावर अब हमेशा की तरह पहले उसकी चूत में मुंह देगा।
जिस तरीके से दिलावर को हया का उसकी छाती के बालों में होंठों को रगड़ना, निप्पलों को मसलना अच्छा लगता था, उसी तरह से हया को भी दिलावर का उसकी चूत में मुंह देना बहुत पसंद था।
दिलावर ने हया की सांवली रसीली चूत के होंठों पर अपने होंठ रखें और पूरी चूत पर जुबान फेर के उसे मुखलार से चिकना किया.
फिर उसकी चूत के कोमल मुलायम होंठों को अपने होंठों से खींच खींच कर चूसने लगा।
हया जोर जोर से सिसकारियां भरते हुए कहने लगी- क्या मस्त चूत चूसता है मेरे यार दिलावर!
जब दिलावर ने हया के भगांकुर को अपनी जुबान से छेड़ा तो हया जैसे हिनहिनाने लग गई।
उसकी सिसकारियां और तेज हो गईं, कहने लगी- और जोर से कर भड़वे दिलावर!
गाली सुनकर दिलावर और अधिक जोश में आकर उसके भगांकुर को जोर-जोर से चूसने लगा।
हया चूत में हो रही गुदगुदी से पागल होने लगी, उसका शरीर अकड़ने लगा, वह अपनी चूत के फड़कने के साथ बोल पड़ी- मजा ला देता है यार, तू बहुत बड़ा चोदू है साले!
दिलावर को लगा कि हया की इतनी जोर से सिसकारियों की आवाजें सुनकर कहीं पास के ही कमरे से हया की ननद जास्मिन आ न धमके।
उसने हया के चूत रस को निगलते हुए बोला भी- जरा कंट्रोल कर भोसड़ी वाली, तेरी इतनी तेज आवाजें कहीं तेरी कमसिन ननद सुन लेगी तो?
हया ने कहा- सुनने दे साली को … अरे मैं उससे क्या, उसके बाप से नहीं डरती. ‘मेरा जिस्म मेरी मर्जी’ तू तो लंड डाल दे अब मेरी फड़कती हुई चूत में … और दम लगा के रगड़ दे उसको!
अभी वह डींगें मार ही रही थी कि धड़ाम से दरवाजा खुला.
सामने हया की ननद जास्मिन खड़ी थी।
वह गुस्से में लाल हो रही थी, उसके नथुने फूल रहे थे, होंठ कांप रहे थे।
वह चिल्लाई- भाभी … यह सब क्या हो रहा है? और कौन है ये आदमी? तुम दोनों नंगे हो के कर क्या रहे हो? आने दो भाईजान को, मैं तुम्हारी सारी करतूतें बताऊंगी।
जास्मिन के बाप से ना डरने का दावा करने वाली हया उसकी बात सुन के घबरा कर उठी, कहने लगी- जास्मिन, मेरी बहन, एक मिनट मेरी बात सुन, मैं तुझे समझाती हूं।
तब जास्मिन ने तैश में कहा- मुझे कुछ नहीं समझना, सब कुछ साफ-साफ दिखाई दे रहा है।
हया फिर बोली- मैं तेरे हाथ जोड़ती हूं, तेरे पांव पड़ती हूं. अखलाक को कुछ मत बताना. वरना क्या पता, क्या हो जाएगा।
उधर दिलावर हक्का-बक्का होकर देख रहा था.
उसके तो चूत में घुसने को बेकरार खड़े लंड पर धोखा हो गया था।
उसने तुरंत अपनी सलवार उठाई और पहनने लगा।
मेरे कामुक पाठकों आपको कहानी का यह भाग अच्छा लगा होगा.
अगले भाग में देखते हैं कि जास्मिन द्वारा पकड़े जाने के बाद पेड सेक्स वाली भाभी हया क्या करती है.
और कहानी में आगे क्या रोचक मोड़ आते हैं!
अपनी राय और सुझावों से अवगत कराएं लेकिन अच्छे सलीकेदार शब्दों में!
मेरी आईडी है
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पेड सेक्स वाली भाभी की कहानी का अगला भाग: आज मैं जवान हो गई हूं- 2