लड़का लड़की सेक्सी कहानी मेरे दोस्त और उसकी गर्लफ्रेंड की चुदाई की है. वे दोनों चुदाई कर रहे थे और मैं उसकी गर्लफ्रेंड की सहेली के पास बैठा उनकी कामुक सिसकारियां सुन रहा था.
नमस्ते दोस्तो, मैं आपका दोस्त आशीष!
मेरी पिछली कहानी
हॉट मधु की चूत का मधु निकाला
को आपने जो प्यार दिया उसके लिए धन्यवाद.
सन 2019 से मार्च 2020 तक तो हम दोनों ने खूब धमाल मचाया था.
पर 2020 के लॉक डाउन ने सब बर्बाद कर दिया.
अब मैं एक बार फिर एक लड़का लड़की सेक्सी कहानी लेकर आया हूँ.
मुझे भी इस महामारी के चलते दिल्ली से अपने घर (गाजीपुर) आना पड़ा.
मेरे लंड महाराज को अब रोज मधु के मद को पीने की लत जो लग गई थी.
इसी बीच हमारा ब्रेकअप भी हो गया तो मेरे लंड को और दुख होने लगा.
इस गम में दिन बीतते गए और मैं भी थक हार कर सामान्य जिंदगी में वापस आ गया.
पर कहते हैं ना कि जब बारिश नहीं होती, तो बिल्कुल भी नहीं होती. पर जब होती है, तो बाढ़ ही ला देती है.
ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ.
एक दिन मैं अपना काम (वर्क फ्रॉम होम) खत्म करके अपने घर से बाहर घूमने निकला था.
जुलाई का महीना था. उस दिन लग रहा था कि बारिश होगी.
मैं मार्केट में अपने दोस्त संतोष के साथ चाय की एक टपरी पर बैठ कर चाय पी रहा था.
उधर बैठे बैठे हम आने जाने वाली लड़कियों को ताड़ रहे थे.
अचानक से बारिश शुरू हो गई.
लोग बारिश से बचने के लिए छिपने लगे.
उसी भगदड़ से एक लड़की भागती-भागती हमारी तरफ आ रही थी.
दौड़ते वक्त उसके बड़े बड़े चूचे हिचकोले भरते हुए मानो हमारे मुँह की तरफ ही आ रहे थे.
उस पर गिरती बारिश की बूंदें ऐसी लग रही थीं मानो किसी पहाड़ से टकरा कर बिखर रही हों.
उसकी चूचियों का साइज़ करीब 36 इंच का रहा होगा.
मैं चाय का गिलास हाथ में लिए बस उसी नजारे को एकटक देखे जा रहा था.
ऐसा लग रहा था कि उसके पहाड़ बड़े होते जा रहे थे.
फिर अचानक से एक आवाज आई- कभी लड़की नहीं देखे हो क्या?
मैंने देखा कि वह मेरे पास ही खड़ी थी.
‘देखी तो बहुत हैं, पर आपकी जैसी नहीं.’ अनायास ही मेरे मुख से ये बात निकल गई.
मैंने जब नजर ऊपर की तो उसका चांद सा सुंदर मुखड़ा दिखा.
काले घने बालों से सरकता एक बारिश की बूंद, उसकी बड़ी बड़ी आंखों के पलकों से लटक कर उसके टमाटर जैसे लाल गालों चूमती हुई … उसके गुलाबी रसदार होंठों को चूमती हुई … सुराहीदार गर्दन से आगे बढ़ कर उसकी चूचियों की कोख में जा छिपी.
‘बदतमीज कहीं के!’ बोल कर वह घूम गई.
आगे के शानदार नजारे के बाद पीछे का नजारा तो और भी शानदार हो गया था.
उसकी 28 की कमर के नीचे 38 की उठी हुई उसकी गांड ने मेरे लंड महाराज को चुत के दु:ख से उबर कर खड़ा कर दिया.
मैंने जल्दी से हाथ नीचे किया और लौड़े को पकड़ा.
फिर मैंने मन ही मन बोला कि रुको महाराज, अभी थोड़ा सब्र तो करो.
ये सारी बातें बगल में खड़ा मेरा दोस्त बहुत ही गौर से देख सुन रहा था और वह मुझे घूर रहा था.
वह बोला- चाहिए क्या?
मैंने पूछा- जानता है क्या?
वह बोला- ये मेरी वाली की सहेली है.
मैंने झट से बोला- दिलवा दे इसकी.
कुछ देर बाद बारिश बंद हो गई और उसने मेरी तरफ पलट कर एक बार देखा और मुँह बना कर चली गई.
हाय उसका वह पलटना … मुझे तो समझो मार ही गया था.
मैंने सोचा कि इसका पीछा करूं, पर मेरे दोस्त ने रोक लिया.
फिर हम घर चले गए.
अगले हफ्ते संतोष का कॉल आया- रात में 8 बजे एक छोटी सी पार्टी है. तुम आओगे?
मैंने कहा- लॉकडाउन में पार्टी!
उसने कहा- हां, मेरी गर्लफ्रेंड रश्मि का बर्थडे है. पार्टी मेरे रूम पर ही है.
मैंने पूछा- कौन कौन आएगा?
उसने कहा- ज्यादा नहीं, बस 4 लोग.
‘यार 3 तो हम ही हो गए, ये चौथा कौन है?’
‘सुप्रिया, जिसको चाय की टपरी पर तू घूर रहा था.’
उसका नाम सुनकर एक बार लंड ने फिर से अंगड़ाई ले ली.
फिर मैं 6 बजे ही तैयार होकर उसके रूम पर चला गया.
पहले तो भोसड़ी वाला बहुत हंसा और बोला- ऐसे तो साला हर बार लेट हो जाता है, पर आज दो घंटे पहले. वाह बेटे वाह!
मैंने कहा- हां बेटे, तेरी मदद करने आया हूं. जा जाकर नहा ले भोसड़ी के, बदबू मार रहा है.
वह मुझे गुब्बारे फुलाने को देकर नहाने चला गया.
एक घंटे बाद वह बाहर आया.
जब तक वह आया मेरे अन्दर की सारी हवा गुब्बारे में जा चुकी थी.
फिर वह तैयार हुआ.
हम दोनों बाहर आ गए.
गिफ्ट लेने के लिए वह मेडिकल शॉप पर गया और वहां से मैनफोर्स का चॉकलेट फ्लेवर वाला कंडोम का पैक ले लिया.
ब्वॉय फ्रेंड का गिफ्ट यही होता है.
मैं एक गिफ्ट शॉप में गया तो उधर से एक सही सा गिफ्ट खरीदा.
फिर केक वगैरह लेते हुए हम रूम पर पहुंचे.
आठ बजने के पांच मिनट पहले वह दोनों आ गईं.
रश्मि और सुप्रिया से उसने मेरा इंट्रो करवाया.
सुप्रिया ब्लैक सूट बहुत ही कमाल लग रही थी.
मैं तो स्तब्ध रह गया.
फिर मैंने उनसे हाथ मिलाया.
मैंने रश्मि को उसका गिफ्ट दिया.
उसने संतोष से पूछा- गिफ्ट?
‘केक कटने के बाद दूंगा.’
यह कह कर उसने आंख मार दी.
मैंने और सुप्रिया ने ये हरकत देख ली थी और हम दोनों ही मुस्कुरा दिये.
पार्टी में मस्ती हुई.
मैं सुप्रिया से बातें करने लगा.
उसने मुझसे पूछा- क्या करते हो?
मैंने बताया– आई टी कंपनी में काम करता हूं.
मैंने उसके बारे में पूछा तो बोली कि वह यहां हॉस्टल में रह कर बीसीए कर रही है.
जब मैं बातें करते हुए मुड़ा तो इधर संतोष और रश्मि मुँह में मुँह डाले पड़े थे.
मैं झट से वापस मुड़ गया.
यह बात सुप्रिया ने नोटिस कर ली.
उसने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- कुछ नहीं.
पर वह भी लड़की थी, लड़के की बात कैसे मान लेती.
वह भी मुड़ी तो वह भी झट से सीधी हो गई.
हम दोनों सोफे पर बैठे हुए हंसने लगे.
सुप्रिया को शरारत सूझी.
उसने कहा- चलो इनको तंग करते हैं.
मैंने पूछा- कैसे?
वह बोली- साथ में वापस मुड़ते हैं और कुछ बोलेंगे नहीं, बस देखेंगे.
मैंने कहा- ठीक है.
हम दोनों मुड़ गए, हम दोनों सोफे पर उल्टा मुड़ कर बैठ गए.
अब मामला तो और गर्म हो चुका था.
संतोष रश्मि के होंठों को बहुत ही तक किस कर रहा था.
वह किस नहीं कर रहा था, वह उसके होंठों को चूस रहा था.
वे दोनों एक दूसरे को इसी तरह चूस रहे थे.
अब संतोष के हाथ रश्मि के चूचियों को मसलने लगे थे.
उनके किस से उम्म्माह आह आहह आहह ह की भी आवाजें आने लगी थीं.
संतोष ने पीछे से रश्मि के शर्ट की चैन को नीचे सरकाते हुए खोल दिया और अन्दर अपना हाथ डालने लगा.
मैंने सुप्रिया को देखा तो वह एकटक उन्हें ही देख रही थी.
मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था.
मैंने देखा कि एक हाथ अन्दर जा चुका था और रश्मि की चूचियों को मसल रहा था.
उसके मुँह से आह्ह्ह्ह की आवाज आ रही थी.
मैं धीरे धीरे सुप्रिया की ओर खिसकने लगा और धीरे से बोला- पूरी फिल्म देखनी है … या इन्हें रोकना भी है.
उसने कहा- थोड़ी देर और!
फिर संतोष को अहसास हुआ कि कोई और भी उन दोनों को देख रहा है.
वे दोनों हमारी तरफ देखने लगे.
रश्मि चिल्ला पड़ी- आआअ … क्या देख रहे हो तुम लोग?
मैंने बोला- वही, जो हो रहा है.
वह बोली- शर्म नहीं आती?
सुप्रिया बोली- रुक क्यों गए तुम लोग, जारी रखो ना … मैं देख कर सीख रही हूं.
संतोष बोला- चलो बेबी अन्दर चलो … ये लोग हमें प्यार भी नहीं करने देंगे. चलो तुमको तुम्हारा गिफ्ट देता हूँ.
यह सुनकर हे हे हे करके हम दोनों हंस पड़े.
रश्मि भी मेरी तरफ एक गुब्बारा फेंक कर चल दी.
सुप्रिया मेरे ऊपर गुस्सा करने लगी- तुमने भगा दिया.
मैंने सॉरी बोला.
फिर मामला शांत हो गया.
मैंने उसे छेड़ते हुए पूछा- क्या सीखना था तुम्हें?
‘वही, जो वे लोग कर रहे थे.’
फिर हम दोनों हंसने लगे.
बातों बातों में मैंने उससे पूछ लिया- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है क्या?
उसने कहा- जरा सा भी नहीं.
अब वह मुझसे पूछने लगी- तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड है?
मैंने कहा- पहले थी, पर ब्रेकअप हो गया.
फिर यही बातें चलने लगीं.
अन्दर से रश्मि और सन्तोष की प्यार की दहाड़ बाहर तक आ रही थी.
बाहर मैं अपने कबूतर को दाना चुगा रहा था.
हम दोनों इंस्टाग्राम पर एक दूसरे के फ्रेंड बन गए.
अन्दर से लड़का लड़की सेक्सी आवाज साफ साफ आ रही थी.
रश्मि बोल रही थी- चोद मेरे राजा … और जोर से चोद आज … आह आह आआह.
संतोष बोला- हां मेरी रानी, और खा और खा … सब तेरा ही तो है.
‘हां मेरे राजा बहुत अच्छे … आह आह्ह्ह राजा मैं आने वाली हूं!
संतोष बोला- मैं भी.
ये सब सुन कर मेरा लंड खड़ा होने लगा.
सुप्रिया मेरे नजदीक आने लगी और उसने मेरे हाथ पकड़ लिए.
वह चुपके चुपके मेरे लंड को भी देख रही थी.
उसने कहा- आवाज कम करने को बोलो ना.
शायद वह असहज हो रही थी.
मेरे लिए भी बहुत मुश्किल होता जा रहा था.
मैं दरवाजे को पीटते हुए बोला- अबे धीरे आवाज कर … अपने प्यार की दहाड़ पूरे मोहल्ले को सुनाएगा क्या?
उधर से सन्तोष बोला- थोड़ी देर सुन ले … बस हो ही गया है.
ये सब बोलते बोलते वे दोनों झड़ गए.
उन दोनों की आवाजें आनी बंद हो गई थीं.
मैं और सुप्रिया दोनों बातें करने लगे.
फिर वह बाहर आया.
अब रात के 12 बज चुके थे.
उन दोनों ने मुझको रुकने के लिए कहा.
तो मैंने सुप्रिया को कहा- आज रात भर यहीं रुक जाओ ना.
वह भी सहमत हो गयी.
संतोष रश्मि के साथ जाने लगा.
मैंने उसे रोका- तू कहां भोसड़ी के?
‘सोने … रश्मि के साथ.’
मैंने कहा- साले न तुम सोओगे और ना हम दोनों को सोने दोगे.
यह सुन कर दोनों लड़कियां हंसने लगीं.
‘तुम चादर उठा कर जमीन पर सो यहीं हाल में. सुप्रिया और रश्मि को साथ जाने दो.’
वे दोनों साथ चली गईं, मैं सोफे पर सो गया.
अगले दिन सुबह वे दोनों जागीं और हम दोनों को जगाया.
जब सुप्रिया ने मुझे हाथ लगाया तो मैं झट से उठ कर बैठ गया … पर संतोष नहीं जागा.
वे दोनों वापस हॉस्टल जाने के लिए बोलीं.
संतोष तो सो रहा था.
मैंने उसकी बाइक की चाभी ली और उन दोनों को हॉस्टल वापस ले जाने के लिए निकल पड़ा.
बाइक पर सुप्रिया एक कमीनी मुस्कान के साथ खुद से बीच में आ बैठी.
मैं समझ गया कि लड़की लाइन पर आ गई है.
वहां से दो किलोमीटर दूर उन लोगों का हॉस्टल था.
हम हंसी मजाक करते हुए हॉस्टल की तरफ निकल गए.
जब हम हॉस्टल तक पहुंचे तो रश्मि आगे आगे जाने लगी.
सुप्रिया थैंक्स बोली.
मैंने बोला- बस थैंक्स?
वह समझ गई और बोली- मोबाइल दो.
मैंने मोबाइल दिया, तो उसने अपना नंबर उसमें डायल कर दिया और बोली- मुझे दिन भर डिस्टरबेंस नहीं चाहिए.
तो मैंने पूछा- शाम को और रात में डिस्टर्ब कर सकता हूं ना?
वह मुस्कुराती हुई हां बोल कर चली गई.
मैंने भी उसे बाय बोला और चला गया.
अब अगले भाग में सुनें कि मेरे और सुप्रिया की प्यार की दहाड़ कैसे गूँजी.
तब तक के लिए बाय … और हां मेरी लड़का लड़की सेक्सी कहानी पर अपने अपने मेल जरूर भेजें.
[email protected]
लड़का लड़की सेक्सी कहानी का अगला भाग: कंटीली माल लड़की को पटाकर चोदा- 2