काकी की नानी बनने की इच्छा पूरी की- 2 (Sexy Desi Hot Girl Story)

सेक्सी देसी हॉट गर्ल मेरे सामने चूत चुदवा कर बच्चा कोख में लेने आई अपनी माँ के साथ. साथ में इस महिला और थी. मैंने ऐसा खेल रचाया कि माँ बेटी दोनों मेरे सामने नंगी हो गयी.

कहानी के पहले भाग
काकी की बेटी का नामर्द पति
में आपने पढ़ा कि मेरी नौकरानी की बेटी को बच्चा नहीं हो रहा था तो उसे उसके ससुराल वले तंग करते थे. कमी उसके पति में थी. तो बात यहाँ तक पहुंची कि मैंने उसे चोद कर उसे बच्चा दे दूँ. वह लड़की भी इसके लिए तैयार थी.

अब आगे सेक्सी देसी हॉट गर्ल की जवानी की कहानी:

अगले ही दिन मैंने सक्कू से सारी बात साझा की तो उसे भी थोड़ा सदमा लगा.
पर मेरे ऐसे करने के पीछे की वज़ह सुनकर सक्कू भी मुझ से ज़्यादा बहस नहीं कर सकी.

मेरी मनसा और तनु की उलझन समझते हुए सक्कू बोली- अब तो मुझे ही कुछ करना पड़ेगा, वो साली रंडी शोभा अपने बच्ची का भला देख भी नहीं सकती क्या छिनाल?

मैंने सक्कू को भी अपने तेवर दिखाते हुए कहा- अरे छोड़ो उन दोनों को, अगर बच्चा चाहिए तो जाए किसी डाक्टर के पास, मेरे पास आने की कोई जरूरत नहीं!

सक्कू ने मेरे तेवर देख कर मुझे आश्वासन दिया कि वह पूरी कोशिश करेगी कि तनु उसकी मम्मी शोभा काकी के सामने आपके साथ सोने के लिए तैयार हो जाये.

इसके बाद सक्कू ने अपना दिमाग लड़ाते हुए तनु को अकेले में जाकर उसे समझाया.

दो दिन तक वह तनु को अच्छे से समझाती रही थी.
और आखिर तनु का मन बदल गया.

पर अब बात थी शोभा काकी की … जो सबसे बड़ा काम था.
इस बार मैंने ही इस बात को सुलझाने की ठान ली.

एक शाम जब काकी अपनी मजदूरी लेने आयी तो मैंने उसको कहा- तुम रुको, कुछ बात करनी है तुमसे!

मैंने मेरी शर्त को थोड़ा शिथिल करते हुए सुझाव दिया कि मैं तनु को काकी के सामने तो नहीं करूँगा. पर उसका उसी घर में मौज़ूद होना जरूरी है.

काकी ने भी ज्यादा अकड़ ना दिखाते हुए मेरी बातें ध्यान से सुनी, फिर घर जाकर तनु से इस बात पर विचार करने का वादा लेकर चली गयी.

उधर सक्कू ने जानबूझकर मेरे चुदाई के हुनर को तनु को बताना चालू किया और 5-6 दिन के अंतराल के बाद मुझे और सक्कू को सफ़लता मिली.

सफलता की बधाई देने जब सक्कू आयी तो उसने सीधा मेरा लौड़ा चूसते हुए कहा- क्यों मेरे शेर, अब तो ख़ुश है ना तू? अब तो तुझे जवान चूत मिल रही है.

मैंने भी सक्कू से कहा- यार, उसके साथ उसकी रांड माँ मिल जाए तो और मजा आएगा, कुछ सोच मेरी रंडी सक्कू!

सक्कू ने मेरे लंड के साथ साथ मेरे टट्टों को मसलते हुए कहा- बिल्कुल मालिक, मुझे भी देखना है उस रंडी शोभा को उसकी बेटी के सामने चुदवाते हुए, मादरचोद बड़े नख़रे करती है छिनाल!

दूसरे रोज सक्कू थोड़ी देर से खेतों में काम करने आयी.
पर आज उसके चेहरे पर अजीब सी मुस्कराहट थी.

दोपहर को जब मैंने उससे पूछा तो उसने मुझे शाम तक धीरज रखने को कहा.
मैं भी ज़्यादा ना सोचते हुए पढ़ाई करने लगा.

खाना खाने के बाद दो घंटे सोने की आदत थी मेरी तो मैं मजदूरों को काम समझकर वापिस अपने कमरे में आ कर सो गया.

मेरी नींद इतनी गहरी थी कि मुझे पता नहीं चला कि शाम कब हो गयी.
जब मेरी नींद खुली तो देखा सक्कू पूरी नंगी होकर मेरे लौड़े को बाहर निकाल कर सहला रही थी.

मैंने भी उसे लौड़ा चूसने का इशारा करते हुए कहा- क्यों रंडी आज बड़ी ख़ुश है तू? मुझे भी तो बता छिनाल!
सक्कू ने प्यार से मेरे लौड़े पर चुम्मी देते हुए कहा- समझ लो मालिक, आपका माँ बेटी को एक साथ चोदने का सपना अब पूरा होने वाला है. पर आज तो मैं ही चुदूँगी आपके लौड़े से!

मैं सक्कू का मुँह मेरे लौड़े से दूर करते हुए ख़ुशी से उछल पड़ा- वाह मेरी रांड, मुझे भी तो बता कैसे किया तूने सक्कू बाई?

सक्कू ने लंड सहलाते हुए बताया कि उसका पति शहर से कोई दवाई लाया है जिससे बदन में गर्मी पैदा होती है और फिर औरत हो या आदमी वासना में बेहोश होकर जमकर मजे लेता है.

वैसे सक्कू के पति पूरा नामर्द तो नहीं था. पर शहर में रहने के कारण सक्कू को उसके लौड़े की कमी महसूस होती और इसीलिए आज वह मेरे सामने नंगी होकर मेरा लौड़ा चूस रही थी.
सक्कू ने यह भी बताया कि जब उसका मर्द उस दवाई का सेवन करता है तो सक्कू की चूत का भोसड़ा बना देता है. एक रात में वो 3 बार सक्कू की चूत और गांड फाड़ कर रख देता है.

मैं सब सुन ही रहा था कि सक्कू ने लंड जोर से दबाते हुए कहा- उन दोनों को रात को खाने पर बुला लो. और फिर शरबत में दवाई मिलकर पिला दो. फिर देखना कैसे दोनों माँ बेटी आपके लौड़े के लिए एक दूसरी से लड़ाई करती हैं.

खैर योजना के मुताबिक मैंने तनया और शोभा काकी को रात के भोजन का निमंत्रण दिया.
सक्कू ने भी आगे आकर कहा कि रात के भोजन समारोह का खाना वो ख़ुद अपने घर से बनाकर लाएगी.

सब सुनियोजित करके मैंने अगले ही रात का प्लान बनाया.
पिताजी से कहकर रात में मैं खेतों की हवेली पर ही रुक गया ताकि भोजन के साथ साथ चुदाई का समारोह भी बिना किसी परेशानी से सफल हो सके.

आखिर वो शाम आ ही गई.
सक्कू ने बढ़िया सा खाना बनाकर हवेली पर आकर सारी तैयारियां कर दी थी.

हम दोनों शरबत का स्वाद लेते हुए तनु और काकी का इंतजार कर रहे थे.

करीब 8 बजे काकी और तनु भी आ गयी.
अब भी वे थोड़ी सहमी हुई थी.

तो उनको सहज करने के लिए मैंने और सक्कू ने हंसी-मज़ाक करना चालू किया.
बातों बातों में सक्कू ने तनु और काकी के लिए बनाया शरबत उनके सामने किया.

शरबत का स्वाद लेते हुए काकी ने सक्कू के बनाये खाने की तारीफ़ भी कर दी.

जैसे जैसे शरबत और खाने का निवाला तनु और काकी के पेट में जाने लगा तो सबसे पहले मुझे तनु की हरकतों से पता चल रहा था कि सक्कू की दवाई काम करने लगी है.
सक्कू ने मुझे भी दवाई से बने शरबत का प्याला दिया था पर मुझ पर इतना असर नहीं दिखाई दे रहा था.

पर लगभग आधे घंटे के बाद मेरे कान गर्म होने लगे.

उधर तनु के साथ साथ अब काकी की भी आँखें वासना से लाल हो चुकी थी.
तनया का बदन तपने से पसीना पसीना हो रहा था.

सक्कू ने भी उन दोनों को देख कर मुझे इशारा किया और ख़ुद जाकर तनु और काकी के बीच में बैठ गयी.

तनु की जाँघों पर हाथ फेरते हुए सक्कू शोभा काकी से बोली- अरे काकी, ज़रा देख तो मालिक को और कुछ चाहिए क्या? जा उनके साथ भी बैठ ज़रा!

शोभा की हालत ऐसी थी कि उसे बस चाबी लगाने की ज़रूरत थी.
और सक्कू की बात ने उस चाबी का काम किया.

काकी तुरंत ही मेरे पास चली आयी.

शोभा का हाथ पकड़ कर मेरे बाजू में बिठाया और तनु की तरफ देखते हुए सीधा काकी को चूमने लगा.
मेरे चूमने से चाची की चुदास इस क़दर उफ़ान पर आ गयी कि उसने सीधा मेरा लंड पजामे के ऊपर से सहलाना चालू किया.

तनया को उसके मम्मी का रंडी वाला रूप दिखाते हुए मैंने भी खुलकर अपना हाथ काकी के साड़ी के अंदर डालते हुए उसके पपीतों पर ले गया.

काकी की साड़ी का पल्लू नीचे करते हुए मैं अब तनु के सामने उसके मम्मी की चूचियाँ मसलने लगा.
और तभी पूरी ताकत से उसका ब्लाउज़ खींचते हुए फाड़ दिया.

तनया की चुदास बढ़ाने के लिए सक्कू ने भी उसकी जांघें सहला दी तो उसकी आअह निकल गयी.

तब तनया ख़ुद सक्कू का हाथ अपनी जाँघों में बीच ले गयी.
तनु की जोर जोर से चलती साँसों के कारण उसका सीना भी ऊपर नीचे हो रहा था.

उसकी मनोदशा भांपते हुए सक्कू ने अपना हाथ उसके सलवार में घुसाया तो तनु थरथर काँप उठी.
तनया पागल होकर सक्कू से चिपक गयी.

शोभा की चूचियाँ अब उसके बेटी के सामने नंगी करके मैंने काकी हाथ पकड़ कर मेरे पजामे में घुसा दिया तो उसे रंडी ने मेरा पजामा ही नीचे सरका दिया.

मेरा नंगा लौड़ा सबके सामने खोलकर शोभा काकी मेरे सामने घुटनों पर बैठ गयी और बेशर्म रंडी की तरह अपने बेटी के सामने मेरा लौड़ा चूसने लगी.

अपनी मम्मी को देख तनु ने भी आगे बढ़ते हुए सक्कू की चूचियाँ अपने हाथों में थाम ली और वह सक्कू को पागलों की तरह चूमने लगी.
दोनों का जोश इतना था कि देखते ही देखते तनु और सक्कू एक दूसरी को नंगी कर चुकी थी और उनके नंगे बदन एक दूसरे से रगड़ रहे थे.

तनु को देखते हुए मैंने जानबूझकर काकी को बेइज्जत करते हुए बोला- आआह शोभा … मादरचोद रंडी, चूस ऐसे छिनाल, आज यही लौड़ा तेरे बेटी की चूत का भोसड़ा बना देगा कुतिया!
मेरी ललकार सुनकर तनु और सक्कू हम दोनों को देखने लगी.

तो मैं शोभा काकी के कपड़े खींच खींच कर फाड़ने लगा, फ़टा हुआ ब्लाउज और बाकी के कपड़े कुछ ही देर में ज़मीन पर बिख़र चुके थे.

तनया की मम्मी अब उसके सामने पूरी नंगी हो चुकी थी और तनया देख रही थी कि कैसे उसकी मम्मी बेशर्म रंडी की तरह उसके बेटे के उम्र के लड़के का लौड़ा चूस रही है.

शोभा काकी का जोश इतना था कि उसने भूखी कुतिया की तरह नीचे बैठते हुए मेरा लंड और गोटे चूसना चालू किया.
और यह सब तनु आँखें फाड़-फाड़ कर देख रही थी.

तनु को देख कर मैं बोला- तू क्या देख रही है हिजड़े की बीवी, मेरा लौड़ा क्या तेरा बाप चूसेगा अब मादरचोद?

मेरे इतने बोलने पर तनया भी चुंबक की तरह मेरे पास आ गयी, मेरे लौड़े की तरह इशारा करके मैंने उसे बिना बताये उसकी जग़ह दिखा दी.

तनया का नंगा बदन किसी भी मर्द को लुभाने के लिए काफ़ी था.
उसकी भरी हुई चूचियां, पतली कमर और उभरी हुई गांड मेरे ख़ून में आग लगा रही थी.

मेरा इशारा समझ कर तनया भी अपने मम्मी के बग़ल में बैठ गयी और नीचे बैठती हुई उसने मेरी जाँघों को सहलाना और चूमना चालू किया.

लौड़ा शोभा काकी के मुँह से निकाल कर तनु को दिखाते हुए कहा- ले शोभा रंडी औलाद, चूस अच्छे से भोसड़ी वाली, आज तुझे चोद चोद कर रंडी बना दूंगा!

हवस से अंधी तनया ने बिना किसी संकोच के मेरे लंड को पकड़ा और झट से अपने मुँह में भरते हुए बिल्कुल अपने मम्मी की तरह चूसने लगी.
शोभा काकी अपनी बेटी का साथ देते हुए मेरी जांघें और गोटे चूमने लगी.

इस दोहरे मज़े की लहर में मेरे हाथ उन दोनों के सर मेरे लंड की तरफ़ दबाने लगे.

तनु के मुँह में धीरे धीरे लंड गर्माने लगा तो अनजाने में पता नहीं कब मैंने उसके मुँह में पूरा लौड़ा घुसाते हुए उसका मुँह चोदना चालू किया.

हम तीनों के इस ख़ेल में शामिल होते हुए सक्कू ने अब शोभा के बाल पकड़ कर उसे मेरे गांड की तरफ़ किया और बोली- यहाँ भी चाट ले छिनाल, घुसा तेरी जीभ गांड में कुतिया!
सक्कू ने बाल खींच कर काकी को घसीटा तो वह अपने आप को संभल नहीं पायी.
और तब तक उसका मुँह मेरी गांड के गलियारों में दब चुका था.

शोभा कोई प्रतिकार ना करे, इस हेतु से सक्कू ने जोर से उसका मुँह मेरे गांड में दबाया तो मैं भी थोड़ा आगे की तरफ़ झुक गया.

मैं मन ही मन में सक्कू के मर्द को ऐसी असरदार दवाई के लिए धन्यवाद दे रहा था.
उसी दवाई के असर ने आज दोनों माँ बेटी की बाजारू रंडी से भी बदतर हालत कर दी थी.
बेटी दो कौड़ी की रंडी बनकर गैर मर्द का लौड़ा चूस रही थी तो उसकी मम्मी उसी मर्द की गांड का छेद अपने जीभ से चाट रही थी.

तनया एक हाथ से अपनी चूत सहला रही थी, ह्हम्म चपप पपपप स्लउप पपपप की आवाजें निकालते हुए किसी सड़क छाप रंडी जैसे मेरा लौड़ा मज़े से चूस रही थी.

दोनों ओर से मिल रहे कामसुख से मेरी भी आअह निकल रही थी.

गांड को शोभा काकी के मुँह पर रगड़ते हुए मैं तनया की नंगी गांड और पीठ सहला रही था.

तनु के मुँह की गर्मी से मेरे लौड़े को धार लगवा रही थी.
उसके थूक से भीगा हुआ मेरा काला लौड़ा भयंकर रूप धारण कर चुका था.

सामने खड़ी सक्कू पर जैसे ही मेरी नजर पड़ी तो मैंने कहा- तू क्या देख रही है छिनाल, चूस इस रंडी तनया की चूत. गीली कर दे इस मादरचोद की भोसड़ी मेरे लौड़े के लिए!

सक्कू झट से तनया के पीछे गयी, उसकी गांड फ़ैलाते हुए अपनी जीभ से वो तनया की चूत, जो पहले से ही उसके चूतरस से गीली हो रही थी, उसे कुतिया की तरह चाटना चालू किया.

सेक्सी देसी हॉट गर्ल की चूत चाटने से तनया की आहें जोर जोर से निकलने लगी.
सक्कू के मुँह पर अपनी गांड घिस घिस कर वह अपने सक्कू मौसी से अपनी भोसड़ी चुसवा रही थी.

तनया की सिसकारियाँ और मेरे लौड़े की अकड़ देख कर मुझे अब तनया को चोदने की जल्दी थी.

तो मैंने अपना लौड़ा तनु के मुँह से निकाला.
तनु के बाल पकड़कर उसे घसीटते हुए बिस्तर पर लाकर पटक दिया.

दो टक्के की रंडी की तरह तनया मेरे बिस्तर को गर्म करने जा रही थी.

मैंने शोभा काकी को देखते हुए कहा- आ जा काकी, आज तू अपने हाथों से अपने बेटी को चुदवा ले, पकड़ मेरा लौड़ा और घुसा दे इसकी भोसड़ी में!

मेरी बात सुनकर सक्कू ने शोभा को मेरी तरफ धकेलते हुए कहा- देख क्या रही है छिनाल, सुना नहीं मालिक ने क्या कहा?

तनया के दोनों पैर फ़ैलाते हुए मैंने उसकी चूत खोली.
और जैसे ही शोभा काकी ने मेरा लौड़ा अपनी बेटी की चूत पर रखा, मैंने तुरंत ही उसका मुँह तनया के चूत पर दबाया.

मेरा लंड अब तनया की चूत और शोभा काकी के ओंठों के बीच में फंसा हुआ था.

काकी का मुँह जोर से दबाते हुए मैंने कमर आगे पीछे करना चालू किया.

तनु की भूरे रंग की चिकनी चूत गीली होकर अपना रस छोड़ रही थी.
मेरा सुपारा उस चूत का मदनदाना रगड़ने लगा तो तनया की कमर भी हवा में ऊपर उठने लगी.

तनया की वासना इस कदर बढ़ गयी कि उसने ख़ुद अपने मम्मी का मुँह दबाते हुए कहा- आआह्ह ह्ह उफ्फ … चूसो मम्मी ईई … चूसो मेरी चूत … रगड़ो मेरा दाना, ह्म्म म्म्म्म चोदो ओओओ ओह मुझे ईएएए मम्मी ईईई!

तनया की उत्तेजना देख बिना देर किये मैंने शोभा काकी का मुँह दूर किया और तनया के दोनों पैर मेरे कन्धों पर लिए.
एक हाथ से उसका गला दबाते हुए दूसरे हाथ से लौड़ा पकड़ कर चूत के छेद पर दबाने लगा.

तनया की कसी हुई चूत उसके पति अमित की नामर्दगी की कहानी बता रही थी.

अब तक की मेरी इस सेक्सी देसी हॉट गर्ल की जवानी की कहानी पर अपने विचार मुझे बताएं.
मानस पाटिल
[email protected]

सेक्सी देसी हॉट गर्ल की जवानी की कहानी का अगला भाग:

About Abhilasha Bakshi

Check Also

मेरी चूत और गांड दोनों प्यासी हैं-6 (Meri Chut Aur Gand dono Pyasi Hain- Part 6)

This story is part of a series: keyboard_arrow_left मेरी चूत और गांड दोनों प्यासी हैं-5 …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *