जवान लड़की सेक्स कहानी मेरे स्टोर में काम करने वाली एक कमसिन लड़की की चुदाई की है. उसे उसकी भाभी ने काम पर लगवाया था. मैंने उससे दोस्ती बढ़ाई और एक शाम उसे चोद दिया.
मेरा नाम प्रदीप है और मैं 30 साल का हूं.
अपने बारे में मैं लड़कियों से और ज्यादा क्या कहूं.
बस मैं 6 फीट लंबा हूं और उसी के अनुसार आप मेरे शरीर को जान सकते हैं कि मेरा क्या क्या, कैसा कैसा होगा.
यह जवान लड़की सेक्स कहानी उन दिनों की है जब मैं मध्यप्रदेश में एक कंपनी में सुपरवाइजर के रूप में काम करता था.
वह एक स्टोर डिपार्टमेंट था जिसमें कुछ आदमी … और साफ सफाई के लिए 3 औरतें थीं.
उन सभी लोगों का अटेंडेंस लिखना और उसी के मुताबिक पेमेंट मुझे ही करना होता था.
वे सभी लोग बहुत ही गरीब परिवार से थे और वे लोग मुझे बहुत ही सम्मान और इज्जत देते थे.
मैं भी उन लोगों की बहुत इज्जत करता था, उनके साथ हंस कर बात करता था और अच्छा व्यवहार करता था.
कुछ दिन बाद उसमें से एक औरत ने मेरे पास आकर कहा कि उसके पड़ोस में उसकी एक ननद रहती है, वह भी काम पर आना चाहती है. मैं उसे भी काम पर रख लूं.
मैंने उसे हां कह दिया और सुबह उसे लेकर आने के लिए कहा.
अगले दिन मैंने सभी लोगों को अपने अपने काम पर जाने के लिए बोल दिया.
वह अपनी ननद को भी लेकर साथ में आई थी.
उसकी ननद का नाम सीमा था.
मैंने उससे पूछा- किस क्लास तक पढ़ी हो तुम?
उसने शर्मा कर अपना गर्दन झुका ली और धीरे से बोली- दसवीं में पढ़ती थी, एक साल फेल हो गई थी.
मैंने बोला- अब आप स्कूल क्यों नहीं जाती?
उसने कहा- पढ़ाई में मन नहीं लगता.
मैंने पूछा- तो आगे क्या करने का विचार है?
वह बोली- कुछ नहीं.
फिर वह शर्मा कर हंसने लगी.
दोपहर के समय सब लंच के लिए चले गए.
मैं ऐसे ही स्टोर में घूम रहा था.
तभी मैंने देखा कि उसकी ननद सीमा अकेली बैठी थी.
मैं उसके पास गया और उससे पूछा- आज आपने लंच नहीं किया क्या?
उसने कहा- कर लिया है, बस भाभी लोगों के आने का इंतजार कर कर रही हूं. जब वे सब आएंगी, तो काम पर जाऊंगी.
मैं आपको बताना ही भूल गया कि सीमा की उम्र जवान में कदम रखने वाली ही थी लेकिन वह अपनी देह से कम से कम 20 साल की लड़की के जैसी दिखती थी.
उसका बदन बहुत ही उभरा हुआ था और उसके तन में कामुकता बहुत अधिक थी.
मैंने उससे बहुत देर तक बात की.
इतने में उसकी भाभी आ गई और हंसकर बोली- सर आप मेरी ननद के साथ क्या बात कर रहे हैं?
मैं बोला- कुछ नहीं बस ऐसे ही हाल-चाल पूछ रहा था.
फिर मैं अपने ऑफिस में चला गया.
शाम के 6:00 बज गए और ऑफिस की छुट्टी हो गई.
सभी लोग अपने अपने घर चले गए.
इसी तरह सीमा रोज ऑफिस आने लगी हम दोनों की मुलाकात लंच में लगभग रोज ही हो जाया करती थी.
वह मुझसे पता नहीं क्यों बहुत शर्माने लगी थी और उसकी भाभी भी मेरा नाम लेकर उसका मजा लेती थी.
अब ये हो गया था कि मैं सीमा की भाभी से भाभी कहने लगा था और वह भी मेरे मुँह से भाभी शब्द सुनकर बड़ी खुश हो जाती थी.
इसी तरह 15 दिन बीत गए.
फिर एक दिन शाम को मैंने सीमा की भाभी को फोन किया और उससे कहा कि भाभी, जरा सीमा से बात करा दीजिए.
वह हंसने लगी और बोली- सीमा के पास फोन नहीं है, उसका फोन मेरे पास ही रह गया है. मैं उसके घर पहुंच कर आप से बात करा दूंगी.
फिर जब रात को 8:00 बज रहे थे. तब उसकी भाभी का फोन आया.
मैंने फोन रिसीव किया तो उधर से सीमा बोल रही थी.
वह धीरे से बोली- हां, सर मैं सीमा बोल रही हूँ. बोलिए आपको क्या कहना था?
मैंने कहा- क्या हुआ इतने धीमे क्यों बोल रही हो?
वह बोली- कुछ नहीं, अब ठीक है. मैं पहले घर के अन्दर थी, तो सभी के सामने धीमी आवाज में बोल रही थी.
मैंने उससे कहा- आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो. आप से मिलने का मन कर रहा है.
वह शर्मा गई और धीरे से हंसने लगी.
थोड़ी देर बाद वह बोली- आपसे मैं कई दिन से बात करना चाह रही थी. आप भी मुझे बहुत अच्छे लगते हैं. आप मेरे दूसरे नंबर पर कॉल किया करना.
ये कह कर उसने मुझे अपना दूसरा नंबर बता दिया.
मगर मुझे ऐसे नंबर याद नहीं हुआ तो मैंने कह दिया कि बाद में मुझे मिस कॉल दे देना.
वह ओके कहती हुई बोली- सर अभी मैं भाभी के फोन से बोल रही हूँ, तो ज्यादा बात नहीं कर पाऊंगी … और हमारे और आपके बीच में जो भी बात होगी, वह आप भाभी को मत बताइएगा.
मैंने हामी भर दी और उससे फिर से कहा कि आप अपने फोन से मिस कॉल जरूर कर दीजिएगा.
रात को 10:00 बजे जब उसके घर में सब लोग सो गए, तब उसने अपने मोबाइल से एक मिस कॉल दी.
मैं अज्ञात नंबर देखते ही समझ गया कि ये कॉल सीमा का होगा.
हम दोनों ने अब एक दूसरे से खूब खुलकर बात की.
मैंने उससे उसके शरीर के एक-एक अंग के बारे में पूछ लिया.
उसकी चूचियों के बारे में पूछा तो वह शर्मा गई.
मैंने उससे कहा- मैं तुम्हारे हर एक अंग को चूमना चाहता हूं.
उसने हामी भर दी और बोली- एक बार मिलिए तो सही, आप जो मांगेंगे वह दे दूंगी.
अगले दिन रविवार था.
ऑफिस की छुट्टी थी.
उसके गांव से एक बस शहर के लिए जाती थी.
मैंने उससे अगले दिन मिलने के लिए एक पार्क में बुलाया और उससे कहा कि सुबह वाली बस से आ जाना.
वह बोली- जी, मैं पक्का आ जाऊंगी.
उस रात हमने बहुत सारी बातें की.
सुबह 10:00 बजे हम दोनों शहर के एक पार्क में मिले.
उसने पास आकर मुझसे नमस्ते की.
उस समय तक पार्क खाली होने लगा था.
हम दोनों पार्क के खाली कोने में चले गए और उधर मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया.
वह भी शायद मेरे सीने से लगना चाहती थी तो एकदम से चिपक गई.
अब हम दोनों ने एक दूसरे के गले में बांहें डालकर खूब चूमा चाटी की.
उसने कहा- अभी कहीं और चलो.
उस समय तक भूख लग आई थी तो हम दोनों ने एक होटल में जाकर खाना खाया और घूमने निकल गए.
इसी दरमियान शाम के 4 कब बज गए, पता ही नहीं चला.
मेरे पास बाइक थी.
मैंने उसे बाइक से उसके घर छोड़ने की प्लानिंग पहले ही बना ली थी.
उसका घर शहर से 40 किलोमीटर दूर था. मैं जानता था कि बाइक से उसके घर तक जाते जाते रात हो जाएगी.
हम दोनों बाइक से चल दिए.
वह कभी मेरी कमर को अपने हाथों से पकड़ कर चिपक जाती, तो कभी कंधे को पकड़ कर.
मैं उसकी गर्म हो चुकी जवानी की हालत को समझ गया था.
मैं धीरे-धीरे अपने बाएं हाथ से उसकी जांघों को सहलाने लगा.
सूरज ढल चुका था, तो धुंधलका सा होने लगा था.
उसके घर के रास्ते में लगभग 15 किलोमीटर तक जंगल ही जंगल था और रोड पर इक्का दुक्का ही वाहन दिखाई दे रहे थे.
मैंने उससे कहा- मजा आ रहा है?
वह बोली- हां बहुत.
मैंने कहा- फुल मजा लेना है?
उसने हंस कर धीमे से हामी भर दी.
इसका मतलब था कि वह पूरी तरह से चुदने के लिए तैयार थी और मेरे बदन से चिपक गई थी.
मैंने बाइक को धीमे किया और उससे कहा- सीमा मैं गाड़ी जंगल में घुसा देता हूँ और वहीं हम दोनों प्यार करेंगे.
वह तो बिल्कुल कामुक हो गई थी और उसने झट से हां कर दी.
मैंने आगे पीछे देखा कि कोई गाड़ी तो नहीं आ रही, फिर मेन सड़क से बाइक को कच्चे रास्ते पर उतार दिया.
फिर एक पतली सी पगडंडी वाला रास्ता देखकर मैंने बाइक को घने जंगल में बाइक को घुसा दिया.
अब मैंने गाड़ी की लाइट को बंद कर दिया और उसे झाड़ों में छुपा दिया.
तब शाम के 7 बज रहे होंगे, चारों तरफ अंधेरा था. हम दोनों जंगल में अकेले थे.
थोड़ी देर बाद एक साफ सी जगह देख कर मैंने उसे एक पेड़ के पास खड़ा कर दिया.
हम दोनों चिपक गए और चुंबन करने लगे.
हमारी कामुकता सर चढ़ कर बोल रही थी.
मैं उसके दूध दबाने लगा.
वह भी मेरे पैरों के बीच में अपने पैर से मेरे लौड़े को महसूस करने लगी.
अब मुझे सीमा को खूब चोदने का मन कर रहा था.
वह भी चुदने को मचल रही थी.
मैंने उससे कहा- अब हमें यहां कोई नहीं देखेगा, क्या हम दोनों चुदाई करें?
जबाव में वह मुझसे लिपट गयी.
उसकी सांसें बहुत तेज चल रही थीं.
मैं उसके होंठों को पागलों की तरह चूसने लगा.
वह अपना पूरा होश खो बैठी थी और वहीं लेट गई.
मैंने उसकी सलवार खोलने की कोशिश की तो नाड़ा नहीं खुला.
उसने मेरे हाथ को हटाया और धीरे से अपनी सलवार को खोल दिया.
फिर मैं उसकी कमीज को ऊपर करके उसकी चूचियों को एक एक करके पीने लगा.
सीमा के जैसी चूचियां मैंने ब्लू फ़िल्म में भी नहीं देखी थीं.
एकदम गुब्बारे जैसी तनी हुई थीं.
जब मैंने अपना हाथ उसकी चड्डी के अन्दर डाल कर चूत पर लगाया, तो पता चला कि वह बहुत पानी छोड़ चुकी थी और उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.
गजब की चिकनी चूत थी.
मैंने उसकी चड्डी को नीचे सरकाया और टांगों को फैलाकर चूत चाटने लगा.
लगभग 5 मिनट तक तो मैं उसकी चूत को ही चाटता रहा.
वह भी अपनी मुट्ठियां भींच कर आह आह करती हुई अपनी गांड उठा कर मेरे मुँह पर चूत रगड़ रही थी.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैंने अपनी शर्ट पैंट और चड्डी को उतार कर एक तरफ डाला और लौड़े को सहलाने लगा.
मेरा 7 इंच का लंड पहले से ही चोदने को तैयार था.
मैंने लंड के सुपारे पर थूक लगाया और उसकी चूत पर रख दिया.
वह चिहुंक गई.
मैंने एक हाथ से उसका मुँह बंद किया और अपना लंड उसके चूत में धकेल दिया.
उसने दर्द सहन करने के लिए मुझे जोर से पकड़ कर अपने हाथों और पैरों से भींच लिया.
उसे दर्द तो हुआ पर मुझे समझ नहीं आया कि सीमा पहली बार चुद रही है या पहले भी चुद चुकी है.
वह खुद ही मेरे होंठों को चूमने लगी.
मैं भी खूब जोर जोर से उसे चोदे जा रहा था.
कभी मैं उसके होंठों को चूमता तो कभी दोनों हाथों से चूचियां पकड़ कर पीने लगता.
लगभग 15 मिनट तक मैंने उसे खूब चोदा.
इतनी देर में वह दो बार झड़ गई थी.
मैंने भी अपना वीर्य बाहर निकाल दिया ताकि वह प्रेग्नेंट न हो जाए.
चुदने के बाद थकान के कारण वह तो जैसे बेहोश सी हो गई थी.
मैंने उसे खूब किस किया.
सेक्स करते समय मैंने उसे कई जगह काट भी लिया था.
हम दोनों दस मिनट तक ऐसे ही पड़े रहे.
फिर वह बोली- सर जी, बहुत मजा आया न आपको?
मैंने उसके होंठों को चूमा और बोला- हां यार … तुमने तो जन्नत दिखा दी.
वह बोली- और करना हो तो कर लीजिए.
जवान लड़की सेक्स की बात सुनकर मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा था.
मैंने उससे लंड चूसने को बोला.
पहले तो उसने थोड़ी आनाकानी की, मगर फिर मान गई.
उसने मेरे लंड मुँह में लेकर 5 मिनट तक चूसा.
जब मेरा लंड पूरा तन गया तो मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा.
वह मुस्कुराने लगी और घोड़ी बन गई.
क्या गांड थी उसकी … एकदम मस्त.
मैं पीछे से उसकी चूत को चाटने लगा.
वह फिर से मदहोश हो गई.
थोड़ी देर बाद मैं अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ कर उसे चोदने लगा.
वह आह भरने लगी.
मैं उसे धकापेल चोदे जा रहा था.
कुछ मिनट बाद मेरा जब गिरने वाला था, तभी मैं उसके बालों को पीछे से पकड़ कर उसे खूब तेज तेज चोदने लगा और झड़ गया.
वह बोली- बस करो सर, आज ही सब कर लेंगे क्या … बाद के लिए भी कुछ रहने दीजिए न!
लगभग 8 बज चुके थे.
हम दोनों ने कपड़े पहने और चलने के लिए रेडी हो गए.
मैं बाइक को रोड पर लाया और स्टार्ट किया; मैं उसके घर की तरफ चल दिया.
रास्ते मेरे उसने मुझे बांहों में जकड़ कर मुझे पकड़ लिया था और खूब प्यार किया.
मैंने उसे उसके घर उसी टाइम छोड़ा, जिस टाइम उसके गांव की बस आती थी.
इससे उस पर किसी ने शक नहीं किया.
उसकी भाभी हमेशा मुझे देखकर हंसती रहती है.
मैं सोचता रहता हूँ कि कहीं इसको हम दोनों की चुदाई के बारे में पता तो नहीं चल गया.
इस तरह से मैंने सीमा को कई बार चोदा.
अब तो वह एकदम ग़दरी जवानी हो गई है.
आपको मेरी सच्ची जवान लड़की सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताइएगा.
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