कॉलेज के सर ने मेरी जबरदस्त चुदाई की

पोर्न कॉलेज टीचर सेक्स कहानी में एक जवान लड़की ने अपने शरीफ प्रोफेसर को पटाया और उससे चुद गयी. पहले लड़की ने पढ़ाई के नाम से उनका नम्बर लिया और फिर उनके घर पहुँच गयी.

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हाय दोस्तो, मेरा नाम पूजा है. मैं गोरखपुर की रहने वाली हूँ. यह मेरी सच्ची चुदाई की कहानी है.

मेरा कालेज खत्म होने वाला था, तभी मुझे एक सर से मिलने का अवसर मिला.
वे बहुत ही अच्छे स्वभाव के थे. वे किसी भी लड़की की तरफ नहीं देखते थे जबकि यह एक महिला कालेज था और किसी भी मर्द का किसी भी टीचर या लड़की छात्रा की ओर निगाह जाना सामान्य सी बात थी.

जबकि सर किसी की भी बिना किसी स्वार्थ के मदद कर देते थे.

यह पोर्न कॉलेज टीचर सेक्स कहानी इन्हीं सर के साथ चुदाई की है.

उनका नम्बर लेने के लिए मैं बहुत दिनों से कोशिश कर रही थी लेकिन नहीं मिल पा रहा था.

उस दिन मैं उनसे मिली तो उनसे उनका नम्बर मांगने लगी.
उन्होंने एक कागज पर अपना नंबर लिख कर दे दिया.

मैंने उनको शाम को कॉल किया- सर, मैं पूजा बोल रही हूँ. आपसे दिन में नंबर लिया था.

तब मैंने उनसे पढ़ाई के सिलसिले में काफी देर तक बात की.

फिर धीरे धीरे उनसे मेरी रोजाना बात होने लगी.

ऐसा लगभग 20 दिन तक चला और वे मेरे साथ काफी फ़्रेंडली हो गए थे.

वे मुझसे हंस हंस कर बातें करने लगे थे.
उनसे बात करके मुझे ऐसा लगता ही नहीं था कि मैं किसी सर से बात कर रही हूँ.

यही बात मैंने एक दिन उनसे कह दी- आपसे बात करके ऐसा लगता ही नहीं है कि आप मेरे सर हैं.
वे हंसने लगे और कहने लगे- तो तुम मुझे सर समझती ही क्यों हो. अपना दोस्त समझ कर बात किया करो न!

मैंने कहा- हां, सच में आपसे बात करके मुझे ऐसा लगने लगा है कि मैं अपने किसी दोस्त से बात कर रही हूँ.
वे भी मेरे साथ दोस्त के जैसे बात करने में खुद को सहज मानने लगे थे.

सर की शादी नहीं हुई थी और वे एक फ्लैट किराए पर लेकर रहते थे.
मैंने उनसे कहा- मैं आपके फ्लैट पर आकर आपसे कुछ बात करना चाहती हूँ.

वे हंसने लगे और बोले- कहीं तुम मुझे अपना दोस्त से ब्वॉयफ्रेंड न बना लेना!

मैंने भी उनकी बात की गहराई को समझा और ऊपर तौर से हंस कर कह दिया- यदि आपको लगेगा कि आप मेरे ब्वॉयफ्रेंड बन सकते हैं, तो बन जाइएगा. मुझे कोई दिक्कत नहीं है.

इतनी बात हुई तो सर जोर जोर से हंसने लगे.

और मैं उनके फ्लैट पर मिलने गई.

हालांकि उन्होंने मुझसे कहा- फ्लैट पर रुक कर क्या मजा आएगा, चलो कहीं घूमने चलते हैं.
मुझे बड़ी निराशा हुई कि ये तो फिसल गए.

फिर मैं उनके साथ एक मॉल में घूमने गयी.

मॉल में घूमते घूमते हमारे सामने एक कपल अपने हाथों में हाथ डाले घूम रहा था और उसमें लड़की ने लड़के को अपने से चिपका सा रखा था.

वह सीन हम दोनों ने देखा और मेरे मन में एक मस्ती सी चढ़ने लगी.
सर भी मेरी आंखों में देखने लगे.
मैंने अपनी बांह सर के हाथ में डाल दी और उन्हें अपनी तरफ खींच लिया.

हम दोनों के जिस्म एक दूसरे से टकराए तो मेरी चूत में मुझे बड़ी गजब की सनसनी हुई.
उधर पीवीआर था और एक इंग्लिश मूवी लगी थी.

मैंने उनसे कहा- चलो फिल्म देखते हैं.
वे भी कुछ नहीं बोले और टिकट ले लिए.

उन्होंने जो टिकट लिए थे, वे एक कोने के थे.

हम दोनों अन्दर चले गए और फिल्म देखने लगे.
फिल्म काफी हॉट थी और उस फिल्म में सेक्स सीन ज्यादा थे.
एक दो जगह तो साफ साफ चुदाई दिखाई गई थी, बस लंड चूत ही नहीं दिखाए गए थे.
हीरोइन के पूरे नंगे दूध तो कई बार दिखाए गए थे.

वो सब देख कर हम दोनों गर्म हो गए थे और वहीं पर पहली बार मैंने उनको अपने गले से लगा लिया था.

सर की बॉडी बहुत ही सख्त थी.
मैंने उसी दिन मन बना लिया था कि किसी भी हाल में सर के लंड से अपनी चूत की चुदाई करवाना ही है.

लेकिन मैं बार बार एक अनजाने डर से सहमी जा रही थी कि कहीं ये मुझसे बात करना ही बंद ना कर दें.
इसलिए मैं उस दिन सर से ज्यादा कुछ नहीं बोली.

फिल्म देखने में हम दोनों का ही मन नहीं लग रहा था तो सर उठ कर बोले- चलो बाहर चलते हैं.
मैं भी अपने घर वापस आ गई.

हम दोनों की बातचीत में अब कुछ विषय बदलने लगा था.
फिल्म में सेक्स सीन के ऊपर चर्चा होने लगी थी फिर धीरे धीरे सेक्स क्लिप्स कर आदान प्रदान होने लगा था.

फिर एक दिन मैंने बात करते करते उनको वीडियो कॉल लगा दिया और जानबूझ कर उन्हें अपनी एक चूची दिखा दी.
लेकिन वे कुछ नहीं बोले और फोन कट हो गया.

मैंने वापस से साधारण कॉल लगाया तो कहने लगे- सिग्नल वीक आ रहे थे तो वीडियो कॉल में कुछ समझ में नहीं आ रहा था.
मैं समझ गई कि ये कुछ संकोच कर रहे हैं.

फिर मैंने उनसे रात को चैट पर बात की और कुछ सेक्स की बातें करने लगी.
वे भी धीरे धीरे मुझसे खुली बात करने लगे.

मैंने उनसे चैट करते हुए अपनी एक ओपन वाली फोटो भेजी जिसको देखकर वे बोले- तुम बहुत सेक्सी हो. क्या मेरे साथ सेक्स करना चाहोगी?
मुझे इसी पल का इन्तजार था.
लेकिन मैंने उनको मना कर दिया- नहीं, अभी नहीं … थोड़े दिन बाद.

अब मैं रोज उनसे खूब गन्दी गन्दी बात करने लगी और नंगी फोटो भेजने लगी.
अब वे मेरे साथ एकदम कामुक हो गए थे और खुली खुली चूत चुदाई और लंड चुसाई की बातें करने लगे थे.

फिर वह दिन भी आ ही गया जब मेरी चुदाई होनी थी.
उस दिन मैं बहुत ही अच्छे से तैयार उनसे मिलने होकर गयी.

वे मुझे एक होटल में ले गए जहां पर उन्होंने सबसे पहले मुझे गले लगाया और मुझे किस करने लगे.

मैं उनकी बांहों में ऐसे समा गयी जैसे सदियों से मुझे उनकी बांहों की तलाश थी और आज मेरी प्यास बुझ जाएगी.

हम दोनों में चुंबन रंग लेने लगा और हमारी जीभें एक दूसरे से लड़ने लगीं.

उन्होंने मेरे दूध दबाने शुरू कर दिए, मेरे सारे कपड़े धीरे धीरे करके उतार दिए.
फिर धीरे धीरे वे मेरे गाल, हाथ, पेट पर किस करने लगे.

मेरी काया के हर अंग पर वे अपने स्पर्श की छाप छोड़ रहे थे.

अंत में वे मेरी चूची पर आ गए और उधर चुंबन करना चालू कर दिया.
कसम से ऐसा चुंबन कभी किसी ने मेरी चूची को नहीं किया था.

मैं तो जैसे पागल हो गयी थी.
धीरे धीरे वे मेरी बुर के पास आ गए और अपनी जीभ से मेरी बुर के अन्दर तक किस कर रहे थे.

कुछ ही देर में सर एकदम पागलों की तरह मुझे भंभोड़ रहे थे.
मैं भी पागल हो गयी थी.
मेरी बुर से कामरस निकलने लगा था.
वे मेरी चूत से निकला सारा पानी पी गए.

मेरे हाथ ने भी उनके लौड़े को टटोलना चालू कर दिया था.
ये देख कर उन्होंने अपना लंड निकाला और मुझे ललचाने लगे.

सर के लंड का साइज़ काफी बड़ा लग रहा था.
इतना सख्त लंड देखकर मुझे डर लगने लगा.

फिर मैंने किसी तरह से अपने आप को कण्ट्रोल किया और उनके लंड को हाथ से सहलाने लगी.

सर से रहा नहीं जा रहा था.
उन्होंने मुझे चुदाई की पोजीशन में लिटाया और मेरी बुर में अपना लंड डालने लगे.

मेरी चूत चिकनी थी तो लंड अन्दर जाने लगा.

अभी थोड़ा सा ही लंड अन्दर गया था कि मेरे मुँह से ‘आह आह्ह आह्ह …’ की आवाज निकलने लगी.

सर ने लंड को वहीं पर रोक दिया और मुझे चूमने लगे.
मैं सहज हुई तो सर फिर से लौड़े को धीरे धीरे चूत में धकेलने लगे.

कुछ देर तक दर्द की लहर चली, उसके बाद सुख मिलना शुरू हो गया.

अब मुझे भी चुदने में मज़ा आने लगा था.
पहली बार इतने अच्छे से कोई मेरी चुदाई कर रहा था.
मैं बिलकुल जन्नत की सैर कर रही थी.

सर ने करीब मुझे बहुत देर तक चोदा होगा.
इस बीच में दो बार स्खलित हो चुकी थी.

लेकिन वे किसी उन्मत्त सांड की तरह मुझे चोदे जा रहे थे.
मेरे तीसरी बार के स्खलन के समय वे भी झड़ने को हो गए.

सर ने मेरी चूत से लंड खींच कर उसके ऊपर ही अपना सारा पानी निकाल दिया.

हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर सुख का आनन्द लेने लगे.

उनका कड़ियल जिस्म मेरी नाजुक देह को कुचल चुका था.
मैं कुचली हुई कली की तरह अपने मर्द के सीने में सर छुपाए गहरी गहरी सांसें ले रही थी.

फिर वे मुझे अपनी गोद में उठा कर बाथरूम में लेकर गए, वहां पर उन्होंने मेरी बुर को अच्छे से साफ़ किया और वापस मुझे अपनी गोद में उठा कर बेड पर लेकर आ गए.

कुछ देर के बाद सर ने फिर से मेरी बुर को चाटना चालू कर दिया.
मैं तो उनका चाटना देखकर जैसे पागल हो गयी थी.

जल्द ही उन्होंने मेरा पैर ऊपर करके मेरी बुर में दुबारा से लंड पेल दिया और धीरे धीरे मुझे चोदना चालू कर दिया.

इस बार मैं भी शुरू से ही उनका साथ देने लगी.
इस बार उन्होंने मुझे बहुत देर तक अलग अलग तरीके से चोदा और मैं बस चुपचाप अपने जिस्म की चटनी बनवाती हुई उनसे चुदवाती रही.

जब वे फिर से झड़ने वाले थे तो मुझसे पूछने लगे- पानी कहां निकालूं?
मैं बोली- ये आपकी ही बुर है, जहां चाहे निकाल दीजिए.

फिर सर ने मेरी बुर के अन्दर ही अपने लंड का सारा पानी निकाल दिया.

इतनी देर तक मैं पहली बार चुदी थी.
मेरी बुर सूज गई थी.
लेकिन उनका लंड अब भी वैसे ही सख्ती से खड़ा था.

कुछे देर बाद उन्होंने तीसरी बार मेरी बुर में लौड़े को पेलना चालू कर दिया.

इस बार वह मुझे अपनी गोद में उठा कर चोद रहे थे.
उनका लंड मेरी बुर में अभी तक पूरा नहीं गया था.

वे इतने अच्छे से चुदाई कर रहे थे कि उनकी चुदाई के आगे मैं अपने आपको रोक नहीं पा रही थी.

उस दिन उन्होंने मुझे करीब ढाई घंटे तक चोदा होगा.
कभी मेरे ऊपर आकर, कभी मुझे झुका कर, कभी मेरी टांगों को उठाकर, कभी मुझे अपने ऊपर कुदवा कर, कभी मुझे दीवार के सहारे सटा कर … वे हर तरह से मेरी बुर में लंड पेलते रहे थे.

मैं एकदम मस्त होकर बस चुदाई के मजे ले रही थी.
उनकी चुदाई में जो मुझे सुख मिला, वह सुख फिर कभी नहीं मिला था.

उन्होंने मेरी बुर की इतनी ज्यादा चुदाई की थी कि मेरी बुर की हालत आलूबंडा सी हो गई थी.
मैं सही से खड़ी नहीं हो पा रही थी और ना मैं सही से चल पा रही थी.

मैंने कहा- अब रहने दो, घर चलते हैं.
पर उन्होंने कहा- नहीं जान, तुमको एक बार और चोदना है.

वे फिर से मेरी बुर को कुत्ते की तरह चाटने लगे.
बहुत देर तक चूत चाटने के बाद उन्होंने मेरी फटी हुई बुर में लंड डाला और धीरे धीरे चोदने लगे.

उनकी चोदने की जो स्टाइल थी, उसको देखकर मैं पागल हो गयी थी.

मुझे ऐसी ही चुदाई की तलाश थी, जो अब जाकर पूरी हुई.

मैंने इससे पहले भी बहुतों के साथ चुदाई की थी लेकिन इस वाली चुदाई में जो बात थी, वह किसी और की चुदाई में नहीं थी.

सर ने एकदम मस्त तरीके से चुदाई की थी.
मेरी बुर की सम्पूर्ण प्यास को बुझा दिया था.
लेकिन मुझे अभी भी उनके लंड से और चुदना है.

मैं उम्मीद करती हूँ कि आप लोगों को मेरी सेक्स कहानी अच्छी लगी होगी.
अगली बार मैं आपको बताऊंगी कि सर के साथ मैंने और कैसे चुदाई की. उन्होंने मेरा क्या हाल किया.

मुझे अपनी पोर्न कॉलेज टीचर सेक्स कहानी के लिए आपके मेल का इंतजार रहेगा.
[email protected]

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