कॉलेज टीचर के साथ मसूरी में मस्ती- 2 (Lady Teacher ki Gand Mari)

लेडी टीचर की गांड मारी मैंने मसूरी के होटल में! मैम मुझे अपने साथ मसूरी घुमाने ले गयी थी. हमने मसूरी में सेक्स का भरपूर मजा लिया.

दोस्तो, मैं हार्दिक आपका पुन: स्वागत करता हूँ. आप मेरी हॉट टीचर की चुदाई का मजा लिख रहा था.
कहानी के पिछले भाग
कॉलेज टीचर के साथ मसूरी टूअर
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने मेम से कहा कि जो ड्रेस खरीदी हैं, उनमें से एक को पहन कर दिखाओ. तो वे बाथरूम में ड्रेस बदलने चली गईं.

अब आगे लेडी टीचर की गांड मारी:

वे ड्रेस चेंज करके जब बाहर निकलीं, तो मेरी निगाहें उन पर से हट ही नहीं रही थीं.
मैं सोच रहा था कि मालिक ने मेरे माल को पूरी तसल्ली से तराश कर ही मेरे लिए बनाया है.

वे मुझसे बोलीं- क्या सोच रहे हो?
मैंने कहा- बस यही कि मेरी किस्मत खुल गई … जो आप मिल गईं. भगवान ने भी पूरी तसल्ली से आपको मेरे लिए बनाया है.

वे बोलीं- लाइन तो अच्छी मार लेते हो, फिर कोई गर्लफ्रेंड क्यों नहीं बनाई अब तक?
मैं उठ कर उनके पास गया और बोला- अगर गर्लफ्रेंड बना लेता, तो आप कहां से मिलतीं, फिर तो मैं गर्लफ्रेंड के चक्कर में ही रह जाता!

वे बोलीं- हां, ये सही सही कहा. अब बताओ भी कैसी लग रही हूँ … और मज़ाक बिल्कुल भी नहीं!
मैंने कहा- बस कलेजा हलक में अटका पड़ा है.

वे बोलीं- कोई बात नहीं जान, रात को कलेजा भी ठंडा कर दूँगी. फिलहाल बड़ी भूख लगी है, चलो डिनर करने बाहर चलते हैं.
मैंने कहा- हां जी बिल्कुल … आख़िर बाहर चल कर सबको जलाना भी तो है कि मेरे पास इतना मस्त माल है. जिससे सब सोचें कि इसको ये मस्त आइटम कहां से मिल गई.

वे बोलीं- चल हट बदमाश … मैं आइटम हूँ क्या?
हम दोनों हंसने लगे.

फिर हम बाहर डिनर करने एक पास के ही रेस्टोरेंट में आ गए और वहां डिनर करके वॉक पर निकल पड़े.

हम रास्ते में एक दूसरे के हाथ में हाथ डाल कर घूम रहे थे.
हम दोनों ने वहां काफ़ी सारी पिक्चर भी खींची.

फिर हम 9 बजे वापिस रूम में आ गए.

पल्लवी मेम आकर सीधा बेड पर लेट गईं.
मैं भी एकदम उनके ऊपर लेट गया और उनको गुदगुदी करने लगा जिससे वे ज़ोर ज़ोर से हंसने लगीं.

कुछ ही देर में वे बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थीं और हम दोनों एक दूसरे को परेशान करते करते कब सेक्स में डूब गए, कुछ पता ही नहीं चला.

हमारे होंठ आपस में मिल गए.
मैं उनके होंठ चूसने के बाद उनकी गर्दन पर किस करने लगा.

पल्लवी मेम की सांसें तेज चलने लगीं और उनके अन्दर चुदाई की आग भड़क उठी.
वे मुझे लिपट लिपट कर किस किए जा रही थीं और अपने जिस्म पर मेरे हाथ को पकड़ कर फिरवा रही थीं.

मैंने उनको किस करते हुए अलग किया क्योंकि मुझे किसी की कॉल आई थी.
वे उठ कर खड़ी हो गईं और मैं फोन पर बात करने लगा.

पल्लवी मेम मेरे सामने खड़ी होकर मुझे अपनी अदाएं दिखाने लगीं.
वे मुझे जानबूझ कर परेशान करने लगीं क्योंकि मैं फोन पर बात कर रहा था.

घर से कॉल आई थी, अगर बात ना करता तो फिर उनको शक होता.
पल्लवी मेम ने अपनी ड्रेस की ज़िप खोल दी और उसको एक शोल्डर से थोड़ा नीचे करके मेरी तरफ कातिलाना नज़रों से देखने लगीं.

उन्होंने टीवी पर गाने भी चला दिए.

अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने एकदम कॉल कट की और उनकी तरफ देखा.

उन्होंने मुझे इशारे से अपनी ओर बुलाया और मैं उठ कर उनके पास आ गया.
वे मेरे साथ डांस करने लगीं और मैं उनके पूरे जिस्म को अपने हाथों से सहलाने लगा.

मैंने उनको किस करना शुरू किया.
उनके आधे नंगे कंधे और छाती पर किस करने लगा … मम्मों को अपने हाथों से दबाने लगा.
उन्होंने मेरी शर्ट निकाल दी और मेरी जींस भी निकालने लगीं.

फिर मुझे बेड पर धक्का देकर खुद अपनी ड्रेस निकाल दी और मेरे ऊपर आ गईं.

मेरा लंड तो पूरे उफान पर था. अंडरवियर से बाहर झांक रहा था.

वे पल्लवी मेम के मेरे ऊपर आते ही उनकी चूत में घुसने को तैयार था.

मेरे मन में पल्लवी मेम की गांड मारने के भी ख्याल चल रहे थे पर मैंने सोचा कि वे बाद में मारूंगा. अभी चूत का मजा ले लेते हैं.

मैंने उनको किस करते हुए ब्रा निकाली और उनके बूब्स को मुँह में लेकर चूसने लगा, मम्मों पर काटने लगा.

फिर उनके पेट पर जीभ फिराते हुए उनकी चूत पर आ गया, उनकी पैंटी निकाल कर चूत को चाटना शुरू कर दिया.
इससे वे तड़प उठीं और मेरा मुँह अपनी चूत पर दबाने लगीं.

कुछ ही मिनट में वे झड़ गईं.

मैंने अपना अंडरवियर निकाला और तभी वे मेरे ऊपर आकर मेरे लंड को किस करने लगीं, उस पर जीभ फिराने लगीं जिससे मैं और ज़्यादा उत्तेजित हो रहा था.

फिर वे मेरे लंड को चूसने लगीं.
उन्होंने 5-7 मिनट तक मेरा लंड चूसा.

वे बोलीं- जान हम कंडोम लाना तो भूल ही गए!
मैंने उनसे कहा- ऊऊ … जान आप क्यों टेंशन लेती हो, मैं हूँ ना … बस वे बैग उठा दो मेरा!

वे मेरा बैग लाईं और मैंने उसमें से सारे कंडोम निकाल कर उनके आगे डाल दिए.
मैंने कहा- जो फ्लेवर यूज करना हो, कर लो!

वे इतने सारे कंडोम देख कर खुश हो गईं और बोलीं- अब तो मेरी सालों की प्यास पूरी तरह से बुझ जाएगी.
उन्होंने एक चॉक्लेट फ्लेवर का कंडोम लिया और मेरे लंड पर लगा दिया.

मैंने उन्हें अपने नीचे लिटा कर उनकी चूत में लंड डाल दिया.
वे थोड़ा सा उचकीं और पूरा लंड खा गईं.

थोड़ी सी आवाज़ ‘आआ अहह उउउहह …’ की निकालती हुई लंड अन्दर ले गईं.

मैंने उनको धक्के देना शुरू किए और कुछ देर बाद वे अकड़ती हुई झड़ गईं.

तभी मैं रुका और मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर देखा तो उनकी चूत से हल्का सा पानी बाहर आ रहा था.

वे बोलीं- क्या हुआ बाबू?
मैंने कहा- मुझे डॉगी स्टाइल में करना है.

वे झटके से खड़ी हुईं और मेरे सामने झुक कर बोलीं- मेरा भी मन कर रहा था डॉगी स्टाइल में … और मैं तुमको कहने वाली थी पर तुमने मेरे मन की बात बोल दी.

मैंने उनकी चूत पर अपना लंड सैट किया और एक ही धक्के में पूरा लंड अन्दर डाल दिया.
जिससे वे थोड़ा चिल्लाईं पर मैं ध्यान ना देते हुए उनकी चूत में लंड को पेलता रहा … और तेज तेज धक्के लगाता रहा.

वे हर धक्के पर आह आह की आवाज़ निकालतीं.
पर मुझे तो आज अलग ही जुनून सवार था … मैंने उनकी आवाजों पर ध्यान ही नहीं दिया; बस उन्हें तेज़ी से उन्हें पेलता रहा.

कुछ देर बाद मैं और पल्लवी मेम एक साथ झड़ गए.

मैं उनके ऊपर ही लेट गया और उनकी कमर पर हाथ फिराने लगा.

मैंने जब अपना लंड बाहर निकाला तो उन्होंने मुझे ज़ोर से हग कर लिया और बोलीं- आज तो मेरी जान ने मेरी जान ही निकाल दी.

वे मुझसे लिपट गईं.
मैंने उनको किस किया और हम ऐसे ही लेटे रहे.

उस रात हम दोनों ने एक बार और चुदाई की क्योंकि उनको थोड़ा दर्द हो रहा था.
फिर सुबह उठ कर हम साथ में नहाने गए.

मैंने शॉवर चलाया और हम दोनों भीगने लगे; एक दूसरे से लिपट कर किस करने लगे.
हम दोनों ने एक दूसरे की बॉडी पर साबुन लगाया.

वे इठला कर बोलीं- मेरी चूत में साबुन लगाने को वेटर को बुलाना पड़ेगा क्या?
मैं हंस दिया और उनकी चूत पर साबुन लगा कर उसे मल दिया.

उन्होंने भी मेरे लंड पर अच्छे से साबुन लगा दिया.

मैंने उनकी टांगें खुलवाते हुए थोड़ा नीचे को हुआ और उनकी चूत पर लंड लगा कर धीरे से अन्दर डाल दिया.

उन्हें बड़ा मजा आया और ऐसे ही 3-4 धक्के लगा कर मैंने लंड बाहर निकाल लिया.

मैंने शॉवर चला कर उनको बाथरूम में खड़ा किया और पीछे से उनकी चूत चोदने लगा.

फिर जब मेरा होने वाला था, तो मैंने उनको बोल दिया.
वे रुक गईं और लंड बाहर निकालने को बोलीं- मुझे अब इसका जूस पीना है.

मैं सीधा खड़ा हुआ और वे नीचे बैठ कर मेरे लंड को तसल्ली से चूसने लगीं.
कुछ ही मिनट में मेरे वीर्य से उनका मुँह भर गया और वे सारा वीर्य पी गईं.

मेम बोलीं- ये तो बहुत अच्छा जूस है.

हम दोनों बाथरूम से बाहर आ गए और घूमने जाने को रेडी हो गए.

आज उन्होंने एक शॉर्ट्स और क्रॉप टॉप पहना था जिसमें बस उनके बूब्स ढके हुए थे.
फिर हम दोनों ने ब्रेकफास्ट किया और घूमने निकल गए.
हम वहां बहुत मजे कर रहे थे.

शाम को वहां से हम खूब सारी शॉपिंग करके रूम में आए.
आज उन्होंने मेरे लिए भी काफ़ी कुछ खरीद लिया था.

रूम में आकर हम बेड पर लेट गए और मैंने टीवी ऑन कर लिया.

एक रोमांटिक सी मूवी लगा ली और जल्द ही हमारा दोबारा से खेल शुरू हो गया.

हम दोनों फिर से गर्म हो गए और एक दूसरे को किस करने लगे.
मैंने फटाफट से उनका टॉप और अपनी शर्ट निकाल दी और उनके बूब्स को ब्रा में से ही चूसने लगा.

मैंने अपनी जींस निकाली और उनकी शॉर्ट्स भी.
उनकी पैंटी पर ऊपर से ही अपने लंड को रगड़ने लगा जिससे उनको मजा भी आ रहा था और वे बेचैन भी हो रही थीं.

तभी पल्लवी मेम का फोन बजा.
उन्होंने पहले इग्नोर किया और हम एक दूसरे के शरीर को आपस में रगड़ते रहे.

मगर तभी दोबारा उसका फोन बजा तो वे बोलीं- पता नहीं कौन चूतिया है … जो परेशान है. शांति से मजे भी नहीं लेने देता.
मैं बोला कि पहले देखो तो किसका कॉल है?

वे उठ कर मेज के पास गईं और झुक कर फोन उठाया, तो मेरा मन उनकी गांड पर आ गया.

ये कॉल कॉलेज से था कुछ अर्जेंट फाइल की वजह से.
फिर वे झुक कर कुछ लिखने लगीं जिससे मुझे उनकी गांड की दरार दिख रही थी.

मेरा मन बेचैन हो रहा था.
मैं उठा और उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया.

वे एकदम इशारे से बोलीं- एक मिनट.
पर मैं वैसे ही खड़ा रहा … और जैसे ही फोन कट हुआ, उनको ऐसे ही पीछे से पकड़ कर उनकी गांड पर लंड रगड़ने लगा.

इससे उनको इतना तो समझ आ गया था कि मैं उनकी गांड का दीवाना हूँ और उनकी लेकर रहूँगा.
पर उन्होंने ये नहीं सोचा होगा कि अभी ही मैं उनकी गांड मारूँगा.

वे मुझसे बोलीं- क्या हुआ हार्दिक?
मैं फिर से उनकी गांड को लंड से रगड़ते हुए बोला- आपको नहीं पता कि क्या हुआ? एक तो इतनी मस्त गांड है आपकी … और अब पूछ रही हो कि क्या हुआ?

वे नकली नखरे करती हुई बोलीं- नहीं, आज नहीं … फिर कभी. मैं तुम्हारी हूँ. कहीं भागी थोड़े ही जा रही हूँ.
मैं बोला- तो फिर आज ही क्यों नहीं?
वे बोलीं- बस नहीं … आज नहीं आज इसके लिए मेरे पास सामान नहीं है.

मैं बोला- काल करे सो आज कर … और आज करे सो अब. मैं सारा इंतजाम लेकर आया हूँ बेबी.

ये कह कर मैंने उनको पीछे से उठाया और बेड पर पटक कर पागलों की तरह उन्हें किस करने लगा.
मैंने उनकी ब्रा भी निकाल दी और उनके बूब्स को चूसते हुए नीचे आ गया.
उनकी पैंटी और अपना अंडरवियर निकाल फेंका और पहले उनकी चूत पर हाथ फिराया.

उनकी चूत में लंड डाल दिया जिससे पल्लवी मेम को लगा कि उनकी गांड आज बच गई.

पर 5-7 धक्के मारने के बाद मैंने कहा- चलो डॉगी स्टाइल करते हैं.

मैंने उन्हें घोड़ी बना कर उनकी चूत में धीरे से लंड डाला और 4-5 धक्के लगाने के बाद रुक गया.

मैंने कहा- मुझे आज तुम्हारी गांड मारनी है.
मैं ज़िद करने लगा जिससे वे मान गईं.

मैंने बैग से बेबी आयल लिया जो मैं साथ में लाया था.
मैंने उनकी गांड पर अच्छे से बेबी ऑयल लगा दिया.

थोड़ा तेल अपने लंड पर भी लगा लिया.
वैसे मेरा लंड उनकी चूत में जाकर गीला हो गया था, लेकिन फिर भी तेल लगा लिया.
अब मैंने उनकी गांड पर लंड रखा और बहुत प्यार से गांड के छेद में लंड दबाने लगा.

मेरा लंड अन्दर नहीं जा रहा था, वे अच्छा ख़ासा मोटा है इसीलिए.

मैंने थोड़ा और तेल लगाया, जिस पर वे बोलीं- नहीं जाएगा, यह बहुत मोटा है.

मैं कुछ नहीं बोलते हुए फिर से लंड को दबाने लगा.
थोड़ी ताक़त के साथ मेरा हल्का सा लंड अन्दर गया, जिससे वे चिल्ला पड़ीं ‘आआ फट गईई …’

मैं थोड़ा रुका और फिर से हल्का हल्का सा हिलने लगा और बेबी ऑयल की शीशी से तेल गांड के छेद में टपकाने लगा.
इससे उनकी गांड में मेरा लंड हल्का सा आगे पीछे होने लगा.

वे ‘आअहह आअहह …’ की आवाज़ निकालने लगीं.

मैंने धीरे से थोड़ा और ज़ोर दिया और थोड़ी और ताकत से अपना लंड उनकी गांड में पेल ही दिया.

वे काफ़ी तेज चिल्लाईं और मैं उन्हें किस करने लगा.
जब उनका दर्द थोड़ा कम हुआ, तब मैंने उनको धक्के देने शुरू किए.

वे ‘आअहह उह …’ की आवाजें निकालती रहीं और कुछ देर बाद मैं उनकी गांड में ही झड़ गया.
फिर मैं लेडी टीचर की गांड मार कर उनके बाजू में लेट गया और सो गए.

हम दोनों ने अगले 2 दिन भी ऐसे ही मजे किए और हम घर आ गए.

अब मेरा खर्च बढ़ गया था, ये सभी को समझ आने लगा था.
इसीलिए मैंने घर पर ये बहाना बनाया कि मैं कुछ बच्चों को होम ट्यूशन देता हूँ.

पर मैं शाम को पल्लवी मेम के पास जाता और उनके बेटे को पढ़ाने लगा था.
इससे दो फायदे हुए थे.
एक तो उनके बेटे को भी मेरे घर आने का मकसद मालूम था और दूसरा मुहल्ले वाले भी कुछ नहीं कहते.

इससे ये भी हुआ कि अब मैं जो खर्च करता या कुछ सामान लाता या पल्लवी मेम लाकर मुझे देतीं, तो घर वालों को लगता कि बच्चों को पढ़ा कर कमाता हूँ; उसी में से ये खर्चे कर रहा हूँ.

पल्लवी मेम हर महीने एक अच्छी ख़ासी अमाउंट मेरे अकाउंट में जमा करतीं और मुझ पर अलग से भी खर्चा करतीं.

अब मैंने भी अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है और गवर्नमेंट जॉब की तैयारी कर ली.

उसका खर्चा पल्लवी मेम ने ही उठाया और अब एक अच्छी ख़ासी जॉब कर रहा हूँ.
मैं हर महीने पल्लवी मेम के पास जाता हूँ और वे भी मेरे पास एक या दो दिन के लिए आ जाती हैं.

वे अब भी मेरा ख्याल अच्छे से रख रही हैं.
पल्लवी मेम मेरे लिए केवल एक टीचर या एक मेरे साथ सेक्स करने वाली औरत ही नहीं हैं, बल्कि वे मेरी वाइफ की तरह ही पूरा ख्याल रखती हैं. मेरी हर ज़रूरत का और पैसों का और मुझे सब बातें समझाती हैं. मेरे पैसों का सही जगह निवेश भी करवाती हैं.

मुझे इतनी अच्छी लाइफ बस उन्हीं की वजह से मिली है.
थैंक्यू.
आप मुझे मेल करके ज़रूर बताएं कि आपको मेरी लेडी टीचर की गांड मारी कहानी कैसी लगी.
[email protected]

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