गलती से मम्मी मेरे लंड से चुद गई

माँ बेटे का सेक्स है इस गन्दी कहानी में! मम्मी पापा की लड़ाई हुई तो मम्मी मेरे कमरे में सो गयी. यह देख मैं मम्मी पापा के कमरे में सो गया.

मेरा नाम राहुल है. मैं 21 साल का हूं. मैं दिल्ली में पढ़ाई करता हूं.

बात उस समय की है, जब पहला लॉकडाउन हुआ था. सभी लोग शहर छोड़ कर अपने अपने गांव वापस जा रहे थे.

उसी दौरान मैं भी अपने घर वापस आया हुआ था.

मेरे घर पर मम्मी पापा और मेरा छोटा भाई रहता है. पापा की किराना दुकान है, तो पापा लॉकडाउन में भी अपनी दुकान खोल रहे थे.
एक दिन की बात है मैं घर पर ही था.

उस समय पापा दुकान से आए और नहा कर कमरे में आए.

तभी पापा मम्मी की आपस में लड़ाई हो गई और उनकी लड़ाई ने कुछ ज्यादा ही कड़ा रूप ले लिया.
उनके बीच मामला बहुत गंभीर हो गया.

पापा ने खाना भी नहीं खाया और इसी वजह से मम्मी ने भी उस दिन खाना नहीं खाया.
मैंने और मेरे भाई ने तो पहले ही खा लिया था.

कुछ देर बाद जब लड़ाई शांत हुई तो मम्मी अपने कमरे में नहीं सोईं, वे मेरे वाले कमरे में चली गईं और पापा भाई वाले कमरे में भाई के साथ सोने चले गए.

अब मैंने सोचा कि मेरे कमरे में मम्मी हैं और भाई वाले में पापा चले गए हैं, तो मैं कहां सोऊं!

फिर मैंने तय किया कि मैं मम्मी पापा वाले कमरे में ही सो जाता हूं.
कुछ देर बाद मैं सो गया.

उसके बाद जो हुआ, वह मैंने कभी सोचा ही नहीं था.

मैं सो रहा था और गहरी नींद में था.
तभी मुझे लगा कि कोई मेरे पास आकर लेटा है.

मैंने ध्यान नहीं दिया और मैं सोता रहा.
उसके बाद मुझे लगा कि मेरे अंडरवियर में कोई हाथ डाल रहा है.

तभी मेरी नींद खुल गई.
मैंने आंखें खोलीं पर मुझे कुछ दिखाई नहीं दिया क्योंकि लाइट ऑफ थी.

मेरी मम्मी पापा को समझ कर पापा को मनाने की कोशिश कर रही थीं और पापा को सॉरी बोल रही थीं.
तभी मैं समझ गया कि मम्मी, मुझमें पापा को समझ कर ये सब कर रही हैं.

मेरी कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं पड़ रही थी क्योंकि मम्मी मेरा लंड पकड़ कर उसको जोर जोर से ऊपर नीचे किए जा रही थीं.

मैं बिना हिले-डुले ही लेटा हुआ था और लंड पर मम्मी के हाथ के स्पर्श का अहसास कर रहा था.
मुझे तभी अचानक से अपने लंड में तनाव आता सा महसूस हुआ.
मैं हैरान था कि यह क्या हुआ!

अब लंड तो लंड है, उसमें कोई दिमाग तो होता नहीं है कि अभी खड़ा नहीं होना है.
उसे तो सहलाया जाएगा तो वह खड़ा हो ही जाएगा.

मम्मी बोल रही थीं- राहुल के पापा, मुझे माफ कर दो.
यह कहती हुई मम्मी ने मेरे कड़क होते लंड को और भी प्यार से सहलाना चालू कर दिया.

वे मेरे अंडकोष भी सहला दे रही थीं तो लंड में अकड़न आने लगी थी.
कुछ ही देर के बाद मेरा लंड पूरी तरीके से कड़ा हो गया.

मेरी मम्मी पूरी नंगी होकर मेरे पास लेटी हुई थीं और उनकी एक टांग मेरे ऊपर रखी हुई थी.

मेरी कुछ भी करने की हिम्मत नहीं हो रही थी.

कुछ देर बाद मम्मी मेरे ऊपर चढ़ गईं और उन्होंने खुद अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत में डाल लिया.
वे आह करती हुई बोलीं- राहुल के पापा, मुझे चोद डालो.

यह सुन कर मैं अपने आपको रोक नहीं पाया और धीरे धीरे उनकी चूत में अपना डाल दिया.

पूरा लंड चूत डालते ही मम्मी की चीखें निकलना शुरू हो गईं.
क्योंकि एक जवान लड़के के लंड में जो बात थी, वह पापा के लंड में नहीं थी.

मम्मी दर्द से कराहती हुई कहने लगीं- आज कुछ ज्यादा ही टाईट नहीं हो गया है!
मैं कुछ नहीं बोल रहा था क्योंकि बोलने से पोल खुल जाती.

फिर लंड के डालने के बाद मैं धीरे धीरे मम्मी की चूत चोदता गया और मम्मी हल्की आवाज में दर्द से चिल्लाती रहीं- बस करो राहुल के पापा. आज तुम मेरी जान ले लोगे, इतना गुस्सा निकाल रहे हो मेरी चूत पर!
माँ बेटे का सेक्स हो रहा था पर मैं चुप था.

मैं बस उन्हें चोदता ही जा रहा था.
मम्मी की चूत मस्त मजा दे रही थी.

जबकि मम्मी के मुँह से बस यही निकल रहा था कि छोड़ दो, बस करो … आह जान ले लोगे क्या … पहले कभी ऐसे नहीं किया … आज क्या खा लिया है.

कुछ देर तक चोदने के बाद मैं उनकी चूची को मसलने लगा.
उनके मुँह से उन्ह आह आह की आवाज लगातार निकल रही थी.

मेरा अभी भी निकला नहीं था.
मम्मी ने अपनी चूत को मेरे लंड से निकाल कर लिप किस करना चालू कर दिया.

मैंने भी उनकी चूत उंगली डालनी चालू कर दी.

मम्मी सिसकारी लिए जा रही थीं.
ये सब मैं अंधेरे का फायदा उठा कर करता जा रहा था.

तभी मम्मी बोलीं- आज तक आपने मुझे ऐसे नहीं चोदा.

वे मुझसे रिक्वेस्ट करने लगीं- एक बार और करो … आज सच में बड़ा मजा आ रहा है.
मैंने जरा भी देर नहीं लगाई और उनके ऊपर चढ़ गया.

कसम से लंड पेलने के बाद फिर जो आवाजें कमरे में गूंजीं, वह आज भी मैं सोच लेता हूं … तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है.
मैंने बिना रुके उनको बीस मिनट तक चोदा.

वे भी लपक लपक कर मेरा लंड लिए जा रही थीं और बोलती जा रही थीं- बस ऐसे ही करो … आह रुकना मत … चोदते रहो … ऐसी चुदाई मैंने कभी नहीं की … आह बहुत मजा आ रहा है … आह उह म्म्म्म्म और और जोर से …

चुदाई पूरी रफ्तार से चल रही थी और मम्मी की चूत से भी पट पट की आवाज आने लगी थी.
मेरा लंड मम्मी की चूत में पानी छोड़ चुका था, तो चूत से फछ फच्छ की आवाजें आ रही थीं.

मैं झड़ चुका था, अत: मैं मम्मी के ऊपर से उतर कर नीचे लेट गया और लंबी लंबी सांसें लेता हुआ आराम करने लगा … मैं काफी थक गया था.
मम्मी भी कुछ देर लेटी रहीं.

उन्होंने मुझे पापा समझ कर कहा- खाना खा लो, मैं ले आती हूं.
अब मैं फंस चुका था लेकिन मैंने कुछ जवाब नहीं दिया.

मम्मी ने उठ कर लाइट ऑन कर दी … और फिर जो हुआ, वह मैं कभी नहीं भूला.
मैंने पहली बार मम्मी को पूरी नंगी देखा.

रोशनी में उनकी चूचियां एकदम सफेद अंडा लग रही थीं. उनकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे.
मैं भी बेड पर नंगा लेटा था.
लाइट जलते ही मम्मी मुझे देख कर सहम गईं और मैं भी डर गया.

मम्मी तुरंत साड़ी से अपने आपको लपेटने लगीं.
मैंने भी अपनी अंडरवियर पहन ली.

फिर दो मिनट के सन्नाटे के बाद मम्मी मेरे पास आकर बोलीं- तुमको शर्म नहीं आई ये सब करते हुए?
मैंने धीरे से कहा- शुरू तो आपने किया था. मैं कुछ बोल ही नहीं पाया. आपने खुद ही मेरा लंड अपने अन्दर डाल लिया.

मम्मी को अपनी गलती का अहसास हो गया था तो उन्होंने मुझे समझाया कि अब ये बात कभी भी किसी को पता नहीं चलनी चाहिए क्योंकि तेरे पापा मुझे मार डालेंगे, तुम वादा करो!
मैंने वादा किया कि मैं किसी को नहीं बताऊंगा.

काफी देर तक हम दोनों के बीच यही सब बातें होती रहीं कि गलती हम दोनों की है.
फिर मम्मी को मुझसे सारी शर्म चली गई और मेरी भी शर्म खत्म हो गई.

कुछ देर तक हम दोनों के बीच इसी टॉपिक पर बात होती रही.
मम्मी बोलीं- वही मैं सोचूं कि इतना पॉवर तो तुम्हारे पापा में है नहीं कि मेरी हालत खराब कर दें … लेकिन सब होता गया और मैंने ध्यान ही नहीं दिया.

मैंने भी कह दिया कि हां और मुझे भी आपके स्पर्श से काफी अच्छा लग रहा था तो मैंने भी कुछ नहीं कहा.
मम्मी ने उलाहना दिया- हां तू क्यों कुछ कहने लगा था!
मैं हंस दिया.

कुछ देर बाद मम्मी बोलीं- मैं तेरे कमरे में जा रही हूँ. तू यहीं सो जा.
मैं बोला- अब वैसे भी नींद नहीं आएगी.

मम्मी बोलीं- हां, नींद तो मेरी भी उड़ गई है … क्या करें!
मैंने मम्मी से पूछा- क्या एक बार और हो जाए?

मम्मी को गुस्सा आ गया.
मैंने कहा- गुस्सा मत करो मम्मी, मैंने तो मजाक किया था.

मम्मी संजीदगी से बोलीं- देख ये बात कहीं बाहर न जा पाए, सोच ले! तेरी मर्जी अगर है तो ठीक है … एक बार और कर ले. तेरे साथ मुझे भी अच्छा लगा था तो मेरा भी मन है.

मम्मी ने यह कहा तो बस फिर क्या था. फिर मैंने जलती लाइट की रोशनी में ही मम्मी की साड़ी उतार कर उन्हें नंगी कर दिया.
वे नंगी हुईं तो मैंने सीधे उनकी चूत में मुँह लगा दिया और चाटने लगा.

वे भी बिंदास होकर अपनी चूत चटवाने लगी थीं और आह आह कर रही थीं.
वे मुझे राहुल के पापा ही कह रही थीं.

मैंने उनसे कहा- यार, अब तो राहुल के पापा मत कहो. मुझे यह सुनकर अच्छा नहीं लग रहा है.
मम्मी बोलीं- एक काम कर तू अपना नाम जॉनी सिन रख ले और मैं तुझे जॉनी कह कर ही बुला लेती हूँ.
मैंने कहा- अरे वाह मेरी सनी लियोनी, तुझे भी जॉनी की चुदाई पसंद है!

मम्मी हंसने लगीं और बोलीं- चल चूत से हट कर मेरी चूचियों पर आ जा मेरे जॉनी!

मैंने मम्मी की चूचियों को दबाना शुरू किया और उनकी चूचियों को खूब चूसा वे भी अपने दूध पकड़ कर मेरे मुँह में दिए जा रही थीं.
मैंने खूब दूध पिया.

उसके बाद मैंने मम्मी को चित लिटा दिया और उनके हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया.
मम्मी ने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के दाने को खूब रगड़ा और मैं भी उनके ऊपर चढ़ा हुआ अपने लंड से उनकी चूत को घिसता रहा.

उसके बाद उन्होंने कहा- अब पेल भी दे मादरचोद जॉनी!
मैंने भी उन्हें गाली दे दी- ले कुतिया, अपने जॉनी का लंड खा ले.

लंड अन्दर पेला तो मम्मी की आंखें फैल गईं. कुछ देर तक इसी पोजीशन में लंड पेलने के बाद मैंने मम्मी से कहा- अब आप मेरे ऊपर चढ़ जाओ.
वे झट से मेरे नीचे से हट गईं और मेरे लंड पर चूत टिका कर बैठने लगीं.

मैंने उनके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया और उनकी गांड पर अपने हाथ लगा कर उन्हें लंड पर झूला झुलाने लगा.
मम्मी को बेहद मजा आ रहा था और वे मुझसे रुकने के लिए बोल ही नहीं रही थीं.

उनकी चूत दो बार झड़ चुकी थी. उनकी चूत इतना ज्यादा पानी निकाल रही थी कि बिस्तर गीला हो गया था.
उस रात मैंने मम्मी को सुबह चार बजे तक चोदा.

अब आलम ये हो गया है कि मेरी गर्लफ्रेंड होने बाद भी मुझे मम्मी के साथ सोना पड़ता है.
उनका जब मन होता है, वे मेरे कमरे में आ जाती हैं और मैं उनको चोद कर पूरा मजा देता हूँ.

मैंने मॅाम की चुदाई का रिकॉर्ड रखा हुआ है, अब तक वे मुझसे 254 बार चुदवा चुकी हैं.

मेरी यह सेक्स कहानी एकदम सच है, बस नाम बदले हुए हैं.
यह सेक्स कहानी मैंने और मम्मी ने साथ में मिलकर लिखी है.

माँ बेटे का सेक्स कहानी आपको पसंद आई होगी.
मैं अपनी मम्मी के साथ बिताई और भी रातों के बारे में बताऊंगा.

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