देसी बुर की पहली चुदाई का मजा मेरी भतीजी ने दिया. वो मेरे साथ मेरी चचेरी बहन के घर गयी थी जहां उसने मुझे बहन की चूत चुदाई करते देख लिया था.
मित्रो, मैं यशवंत आपको अपनी बहन और भतीजी की चुदाई की कहानी में पुन: स्वागत करता हूँ.
कहानी के पहले भाग
चचेरी बहन की चुदाई करते भतीजी ने देख लिया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अपनी बहन की चुदाई कर चुका था और मेरी भतीजी मेरे लंड चूस कर मेरे वीर्य को गटक चुकी थी.
अब आगे देसी बुर की पहली चुदाई:
मेरी बहन याचना ने बताया था कि घर पर कोई नहीं था.
याचना के बच्चे उस दिन अपने दादा के घर गए थे.
मैं खड़ा उठा और कपड़े पहनने लगा तो याचना कहने लगी- भैया ऐसे ही रहो ना … बताया तो है कि घर पर कोई नहीं है.
अब हम तीनों ऐसे ही नंगे बेडरूम से बाहर आ गए.
सुमी बहुत शरारत कर रही थी.
वो कभी मेरा लंड पकड़ रही थी तो कभी अपनी बुआ की चूत पर हाथ फेर रही थी.
याचना किचन में गयी और खाना लेकर आई.
हम खाना खाने बैठ गए.
याचना कहने लगी- भैया आज अपने हाथों से खिला दो न!
मैंने अपनी बहन याचना को नंगी ही गोदी में बिठाया और खाना खिलाने लगा.
उधर से सुमी भी जब मैं उन दोनों को खाना खिला रहा, तो बारी बारी से वो दोनों मेरा लंड हिलाए जा रही थीं.
अब इतनी देर में लंड खड़ा हो गया.
याचना ने ऐसे ही खाना खाते हुए टांगें चौड़ी की और मेरे गोदी में से ही लंड को अपनी चूत में ले लिया.
अब वो खाना खाते खाते ही धक्के मारने लगी.
थोड़ी देर धक्के मारते हुए याचना ने मेरा लंड अपनी गीली चूत से बाहर निकाला और टेबल से आइसक्रीम उठा ली.
उसने मेरे लंड के ऊपर और अपनी चूत में डाल दी.
इसके बाद उसने सुमी से कहा- तू अपने चाचा का लंड चाट … और भैया आप मेरी चूत पर लगी आइसक्रीम चाटो.
अब सुमी मेरे आइसक्रीम लगे लंड को चाट रही थी और मैं अपनी बहन याचना की चूत चाट रहा था.
सुमी कहने लगी- चाचा, इससे पहले आइसक्रीम खाने का ऐसे मजा कभी नहीं आया.
आइसक्रीम चाटने के बाद फिर से सुमी और याचना ने कुछ तीखा खा लिया.
तीखा ज्यादा लग गया था तो दोनों को पानी पीना था.
सुमी कहने लगी- चाचा, गले में खाना अटक गया और तीखा भी लग रहा है. मुझे पानी पीना है.
मैंने कहा- किचन से ले आ. मैं तब तक मूत कर आता हूँ.
याचना कहने लगी- सुमी को पानी की जगह से अपना मूत पिला दो!
मैंने कहा- पागल हो गयी क्या?
सुमी भी कहने लगी- हां चाचा, यही पिला दो … देखती हूँ, इसका टेस्ट कैसा होता है!
मैंने लंड सुमी के मुँह के तरफ करके मूतना शुरू किया और उसके मुँह में पेशाब कर दी.
ये देखते ही याचना ने भी अपना मुँह आगे कर दिया और उसने भी मेरे लंड से मूत पिया.
अब सुमी आगे आई और मेरा मूत वाला लंड पकड़ कर अपनी मुँह में लेकर चूसने लगी.
आह … कमसिन लौंडिया से लंड चुसवाने में बड़ा मजा आ रहा था … मैं तो खाना-वाना सब भूल गया था.
मैंने कहा- आह हां सुमी बेटा, ऐसे ही चूसती रह!
इतनी देर में याचना किचन से सरसों का तेल लेकर आ गयी और उसने सुमी से कहा- ले बेटी, अपने चाचा के लंड पर तेल लगा कर खूब मालिश कर.
मैं बेड पर आ गया और लेट गया.
सुमी मेरी टांगों पर आकर तेल से मेरे लंड की मालिश करने लगी.
आह्ह … उसका मालिश करना ही कितना सुखद था … बड़ा मजा आ रहा था.
अपने हाथ से सुमी खूब मालिश करके मेरी मुठ मार रही थी.
वह कभी मेरी तरफ देखती, तो कभी लंड की तरफ … और फिर तेल लगा कर लंड की मुठ मारने लगती.
एक तरफ भतीजी लंड की मालिश कर रही थी और उधर दूसरी तरफ मेरी बहन याचना मेरे होंठ चूस रही थी.
अब याचना ने सुमी की कुंवारी चूची को दबाना और मसलना शुरू किया.
सुमी कहने लगी- आह बुआ … चूसो मेरी चूची को खूब दबाओ, बड़ा अच्छा लग रहा है.
सुमी की मालिश से मेरा लंड कड़क हो गया था.
उसने कहा- चाचा, अब मालिश बहुत हो गयी है. अब मुझे चोदो … मेरी कुंवारी बुर में अपना लंड पेलो. मुझे अपनी सील बंद चूत का भोसड़ा बनवाना है.
मैंने कहा- बेटी, तुझे दर्द बहुत होगा.
इतने में मेरी याचना बहन कहने लगी- अरे भाई, घुसा दो न उसकी कुंवारी बुर में … शुरू में दर्द होगा, बाद में वो खुद ही अपनी गांड उठा उठा कर अपने चाचा से चुदवाएगी.
मैंने कहा- ठीक है.
अब मेरी भतीजी सुमी नीचे लेट गयी.
याचना ने कहा- सुमी अपनी टांगें चौड़ी कर, मैं तेल लगा देती हूँ. तुझे दर्द ज्यादा नहीं होगा.
सुमी ने ऐसा ही किया.
याचना ने उसकी बुर तेल से खूब भिगो दी.
अब सुमी की बुर तेल से चिकनी हो गयी थी.
याचना ने मेरा लंड पकड़ा और सुमी की बुर के छिद्र पर टिका दिया.
उसने कहा- भैया, आराम से लंड को अन्दर पेल कर मेरी कुंवारी भतीजी की सील तोड़ दो. आज उसकी नथ उतार दो.
मैंने ऐसे ही किया, पर लंड फिसल कर दूसरी तरफ चला गया.
याचना ने फिर से मेरा लंड पकड़ा और सुमी की बुर पर टिका दिया.
मैंने फिर से धक्का मारने की कोशिश की, तो लंड फिर फिसल गया.
अबकी बार याचना ने कहा- भैया, जब तक लंड अन्दर नहीं जाएगा, तब तक मैं लंड को पकड़े रखूंगी.
मैंने कहा- हां ठीक है.
याचना ने लंड पकड़ा और फिर से चूत पर टिका कर लंड पकड़े ही रखा ताकि लंड फिसले ना.
अब मैंने धीरे धीरे से अन्दर घुसाना शुरू किया. बहुत मुश्किल ने लंड का मुख चूत में घुसा.
मैं थोड़ी देर ऐसे ही रहा क्योंकि सुमी को दर्द होना शुरू हो गया था.
मैंने याचना को इशारा किया तो वो समझ गयी.
उसने एक हाथ से सुमी की चूची दबाई और अपने होंठ से उसके होंठ चूसने लगी.
सुमी दर्द भूलने लगी.
बस यही मौका था, मैंने एक झटके में लंड सुमी की बुर में घुसा दिया.
वो जोर से दर्द से कराह रही थी, पर याचना ने अपने होंठ नहीं हटाए.
मैं कुछ पल को रुका और उसे सहलाने लगा.
उसका दर्द हल्का सा कम हुआ, तो मैं धीरे धीरे धक्के मारने लगा.
उधर उसकी याचना बुआ उसके होंठ चूस कर उसे पूरा अनुभव और मजा दिला रही थी.
अब सुमी के चूत का दर्द कम हुआ, तो उसकी सिसकारियां निकलने लगीं.
ये देख कर मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.
हम दोनों को बहुत मजा आने लगा. सुमी के मुँह से तेज तेज आवाजें निकलने लगीं- आहह चाचा … ओहह … चोदो अपनी भतीजी को … आह्ह सुमी आपके लंड की प्यासी है … मुझे आपके लंड से बहुत प्यार है … आहह चाचा … और जोर से … फाड़ दो इस कुतिया सुमी की चूत … आह!
उधर मेरी बहन याचना भी पूरी गर्म थी, वो भी कहने लगी- हां भाई, फाड़ दो आज अपनी रांड की चूत. उसके बाद अपनी इस रांड बहन के चूत के चीथड़े उड़ाना.
याचना सुमी के होंठ चूसने लगी.
सुमी कहने लगी- आई लव यू चाचा … आई लव यू मेरी रांड बुआ … आह्ह … ओहह … उम्माह … उईईइ … चाचा अपनी स्पीड बढ़ाओ … वोहह मेरे शेर चाचा … आह!
सुमी की गर्म सांसें मेरे मुँह से टकराने लगीं. सुमी पहली बार सेक्स के सागर में गोते लगा रही थी.
‘ले मेरी सुमी रांड … आहह मेरी गुड़िया … मेरी फूल सी बच्ची.’
सुमी की सांसें भी तेज तेज चलने लगी थीं.
उसकी कामुक सिसकारियां तेज हो गयी थीं- आह्ह्ह उहह आई लव यू चाचा … आह्ह्ह चाचा आज अपने बच्चे की माँ बना दो मुझे … आह्ह्ह चाचा आई लव यू … अपने आगोश में समेट लो चाचा … क्या मस्त चुदाई करते हो आप … अब तो आपके सिवा किसी के बारे में सोचना ही नहीं है … आह्ह्ह ओह्ह्ह!
मैं अपनी भतीजी सुमी की जमकर चुदाई कर रहा था, सुमी को भरपूर मजा दे रहा था.
धक्कों की स्पीड तेज हो गयी.
फच फच फच की आवाज सुमी की चूत से आने लगी थी.
उसकी चूत की सील टूट चुकी थी और बुर भोसड़ा बनने लगी थी. बिस्तर की चादर खून से लथ पथ थी.
मेरी मासूम कली सी भतीजी को आज मैंने अपने लंड से रगड़ रगड़ कर फूल बना दिया था.
सुमी अब चरम सीमा पर थी और जोर जोर से आवाजें कर रही थी.
उसकी आवाजों से पूरा कमरा गूंजने लगा था.
मैंने सुमी से कहा- आवाज थोड़ी नीचे कर मेरी रांड … साली पड़ोसी सुन लेंगे.
तो मेरी सुमी रांड कहने लगी- सुनने दो … मुझे मेरा पति ही तो चोद रहा है … और अपने पति चुदने में कैसी शर्म. आज मुझे कोई शर्म नहीं, कोई डर नहीं … बस आप अपनी सुमी रांड की चूत को पेलते जाओ. आज से मैंने आपको अपना पति मान लिया … अब आप ही मेरे सब कुछ हो … आज के बाद मैं आपको चुदाई में बिल्कुल निराश नहीं करूंगी. जब चाहे अपनी सुमी रांड की चूत बजा लेना. किचन में, बाथरूम में, बेडरूम में सब जगह मुझे चोद लेना. यहां तक कि मुझे बीच सड़क में भी चोद देना चाचा … मैं अपने चाचा से खुले-आम चुदना चाहती हूँ. आहह ऊओह्ह्ह मेरे पति … मुझे पत्नी ना सही … अपनी रांड ही बनाकर रखना … आह चोदो मेरे पति देव … आहह … आज से ये सुमी तुम्हारी पत्नी बन गयी … बस अब जल्दी से माँ बना दो … आहह चाचा … ओहह मेरे पति.
सुमी की चूत एकदम टाईट थी.
मैंने अपना लंड बाहर खींचा और फिर से अन्दर डाल दिया.
इस बार सुमी के मुँह से सेक्सी आवाज़ निकली.
मैं जोर जोर से सुमी की चूत चोदने लगा और उसके बड़े-बड़े मम्मे मेरे झटकों के साथ हिलने लगे.
याचना सुमी के हिलते हुए मम्मों को पकड़ कर दबाने लगी.
उसका चेहरा चुदाई के नशे से चहक रहा था. मेरे लंड के अन्दर-बाहर होने से सुमी की चूत बिल्कुल गीली हो गई थी और फच्च फच्च की आवाज़ें आने लगी थीं.
हम तीनों अपने रिश्ते से बेखबर होकर चुदाई का आनन्द ले रहे थे.
मैं दनादन झटके मारकर अपनी सगी भतीजी को अपनी रांड बनाकर मस्ती से चोदने में लगा था और सुमी भी बड़ी गर्मजोशी से अपने सगे चाचा का लंड ले रही थी.
मेरे हर झटके से सुमी के मुँह से कामुक आहें निकल जातीं और मेरा जोश और भी बढ़ जाता.
जब सुमी मस्ती में चिल्लाती, तो मैं जोश में आकर और भी तेज़ी से उसकी चूत चोदने लगता.
अब सुमी जोर से चिल्लाने लगी और कहने लगी- चाचा मैं आने वाली हूँ … आह्ह चाचा … मैं आ गयी … आह गई.
उसने अपनी चूत का सारा माल मेरे लंड पर ही छोड़ दिया और शांत हो गयी.
पर मेरा लंड कहां शांत होने था.
उधर मेरी याचना बहन अभी पूरी तरह से गर्म थी.
मैंने याचना से कहा- आ जा मेरी रांड बहन … अब तेरी बारी है.
मैंने याचना की टांगें चौड़ी की और चूत के बदले उसकी गांड में लंड पेलने लगा.
अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रख कर अन्दर पेलने लगा.
पहली बार होने के कारण उसकी गांड में लंड नहीं घुस रहा था.
मैंने थोड़ा सा धक्का मारा तो सुपारा अन्दर चला गया.
मेरी बहन याचना चिल्लाने लगी- उई भैया बहुत दर्द हो रहा है. अपना लंड बाहर निकालो … प्लीज बाहर निकालो.
मैंने कहा- बहन की लौड़ी, बस थोड़ी देर दर्द होगा. थोड़ी देर ऐसे ही चुप रह साली.
फिर मैंने लंड का अगला झटका मारा. इस बार एक ही झटके में पूरा लंड अपनी बहन याचना की गांड में पेल दिया.
उसका दर्द से बुरा हाल हो गया, उसके आंसू निकल आए, वो चिल्ला रही थी.
मुझे उसका चिल्लाना बहुत मजा दे रहा था.
इतने में सुमी ने अपनी बुआ के होंठों पर अपने होंठ रख कर उसका चिल्लाना बंद कर दिया.
अब मैं रुका नहीं, धीरे धीरे याचना की गांड में धक्का मारने लगा.
पांच मिनट तक ऐसा ही करता रहा.
अब याचना का दर्द कम होने लगा. वो भी साथ देने लगी. अपनी गांड को उछाल उछाल कर मजे लेने लगी.
वो कहने लगी- आज अपने भाई से गांड मरवाने में कितना मजा रहा है. वाहह भैया खूब गांड मारो अपनी बहन की … आह फाड़ दो अपनी बहन की गांड … ओहह मेरे राजा … और जोर से धक्का मारो भाई … आह.
मेरे धक्कों की स्पीड बढ़ चुकी थी.
मेरी बहन फिर से कहने लगी- भाई जब माल छूटने वाला हो, तो लंड सीधे सुमी की चूत में पेल देना और लंड का माल उसकी चूत में छोड़ कर उसे माँ बना देना. आहह भैया … आई लव यू मेरा जानू … आई लव यू मेरे स्वीट हार्ट … आह्ह्ह पेलो भैया पेलो … आह.
मैं ऐसे ही याचना की गांड में धक्के मारता रहा. कुछ देर बाद मैं याचना को सीधी साइड करके फिर से उसकी गांड में लंड पेलकर गांड मारने लगा और साथ उसकी चूचियां भी दबाने लगा.
याचना ने मेरा मुँह नीचे खींच कर मेरे होंठ अपने होंठों पर लगाए और चूसने लगी.
मैं भी उसके होंठ चूसने लगा.
उसकी गांड में धक्कों की स्पीड जारी थी.
मैंने कहा- याचना मैं झड़ने वाला हूँ.
तो वो कहने लगी- भैया थोड़ा रूककर सुमी की चूत में डालो लंड.
मैं थोड़ा रुका और मैंने सुमी की टांगें हवा में खड़ी करके एक झटके में लंड चूत में पेल डाला.
मैं सुमी को चोदने लगा.
आह्ह्ह मेरी भतीजी की कुंवारी चूत में क्या मजा आ रहा था. बड़ी टाइट चूत है मेरी भतीजी की.
सुमी की कामुक सिसकारियां पूरे कमरे में गूंजने लगी थीं.
सुमी की आवाजें तेज होने लगीं- आह्ह्ह चाचा … चोदो अपनी रानी को … आह्ह्ह ओहह माँ मसल डाला मेरे चाचा ने अपनी नाजुक कली को … आह्ह चाचा उसकी गर्म सांसें मेरे चहेरे पर पड़ने लगीं.
उसकी सिसकारियां तेज हो गईं.
वो मुझसे विनती करने लगी कि आह चाचा और जोर जोर से चोदो … अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा कर मसल दो अपनी भतीजी को … अच्छी तरह से रगड़ दो आज मुझे … मैं अपने चाचा में पूरी तरह से समा जाना चाहती हूँ. निचोड़ दो मुझे चाचा.
कुछ देर ऐसे ही धक्के मार कर मैंने अपना सारा माल सुमी की चूत में ही छोड़ दिया.
देसी बुर की पहली चुदाई के बाद कुछ देर लंड ऐसे ही फंसाए रखा और उसके बाद बाहर निकाला, तो मेरी बहन याचना ने मेरा लंड चूस कर साफ़ कर दिया.
उसने मुझे सीने से लगा कर मुझे खूब चूमा.
सुमी ने भी मुझे गले से लगा कर खूब चूमा और कहा- चाचा, आज आपने मुझे वो सुख और मजा दिया, जो मेरा पति भी नहीं दे सकता. लव यू मेरा जानू.
उस दिन सारा समय बस चुदाई और चुदाई में ही निकला.
बहुत कुछ सुनाने को बाकी है.
दोस्तो, इससे आगे भी बहुत कुछ हुआ, वो सब मैं अगली सेक्स कहानी में लिखूंगा.
आप लोग मेल करके जरूर बताएं कि देसी बुर की पहली चुदाई की सच्ची सेक्स कहानी कैसी लगी.
मेल करें.
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