चचेरे भाई संग चुदाई का सफ़र- 4 (Nangi Bahan Xxx Kahani)

नंगी बहन Xxx कहानी मेरे चचेरे भाई के साथ घर में चुदाई की है. हम दोनों घर में अकेले थे तो हमने खुल कर सेक्स किया. मेरा भाई मेरी सहेलियों की चूत की बात करने लगा.

प्यारे पाठको, आपने मेरी पहले की कहानी कजिन से चुदाई का सफर का पिछला भाग
मेरे भाई ने मेरी सहेली की गांड मारी
पढ़ा.
उम्मीद करती हूं कि आपको मेरी कहानी पढ़ कर बहुत मज़ा आया होगा.

अब मैं आपकी मोना, अपने भाई अनिल के साथ की आगे की नंगी बहन Xxx कहानी लेकर हाज़िर हूँ.
अगले दिन मैं सुबह नौ बजे उठी, तब तक कामवाली आ चुकी थी.

रिया और अनिल अभी भी सो रहे थे.
मैंने कपड़े पहनकर उन दोनों को उठाया और बाहर आ गई.

फिर हम तीनों नहा धोकर तैयार हुए और नाश्ता किया.
नाश्ता करते समय रिया की मम्मी का फोन आया कि उनके घर कोई आने वाला है, रिया को घर वापिस आना होगा.

नाश्ता करने के बाद अनिल रिया को छोड़ने चला गया और मैं घर पर अकेली मूवी देखने लगी.
तब तक कामवाली भी जा चुकी थी.

मैं मूवी देखते देखते सोचने लगी कि अनिल रिया को चोदते टाइम ज्यादा रफ़ था और मुझे ये सब सोचते सोचते लगने लगा कि रिया भी मुझसे ज्यादा वाइल्ड होकर चुदवाती है.

मेरे दिल में वहम बैठ गया कि कहीं अनिल मुझे छोड़कर रिया को प्यार ना करने लग जाए.
मैं ये सब सोचकर परेशान हो उठी और बार बार अनिल को फ़ोन करके घर बुलाने लगी.

उसने मुझे समझाया कि वो रिया को छोड़कर ही तो आ पाएगा.

मेरे लिए ये दो घंटे निकालने मुश्किल हो रहे थे.
जैसे तैसे मैंने ये टाइम निकाला.

तभी डोरबेल बजी तो मैंने दौड़ कर दरवाज़ा खोला.
बाहर अनिल था, मैं जाकर उससे लिपट गई और मुझे रोना आ गया.

अनिल मुझे चुप करवाता हुआ अन्दर लेकर आया और उसने मुझे बिठाकर पूछा- क्या हुआ है?
मैंने रोते हुए उसको सब बात बताई.

तो उसने मुझे प्यार करते हुए कहा- मोना ऐसा नहीं है. हम दोनों ने सिर्फ सेक्स किया है. कल को मैं किसी और से भी सेक्स करूँगा, तो इसका मतलब ये नहीं कि मैं उससे प्यार करने लगूंगा. अगर तुम भी किसी और से सेक्स करोगी तो इसका मतलब ये नहीं कि तुम भी किसी और से प्यार करने लगोगी!

उसकी बातों से मुझे सुकून मिला और मैंने उससे मुझे ना छोड़ने की कसम ली.

वो मेरा चेहरा अपने हाथों में लेकर चूमने लगा और बोला- मेरी मोना सबसे सुंदर और हॉट है.

मैं और अनिल यूं ही बैठे बातें करते रहे.
बातें करते करते अनिल ने मुझसे मेरी सहेलियों के बारे में पूछा.

मैंने कहा- रिया को तो तुम जानते ही हो और बाकी दो शबनम और नेहा हैं.

अनिल उनके बारे में सब पूछने लगा तो मैंने उसको शबनम और नेहा के बारे में सब बातें बता दीं.

उनके बारे में सुनकर अनिल का लंड खड़ा हो गया.
उसने मेरा हाथ अपने लंड पर रख कर कहा- यार मोना, उनको भी बुला लो. उनको भी चोदने का मन हो रहा है.

मैंने अनिल के लंड को अपनी मुट्ठी से भींचते हुए कहा- अच्छा तो इसको दो और छेद चाहिए?
अनिल बोला- हां क्यों नहीं, दो ही क्यों … ये तो तुम चारों को एक साथ चोद सकता है!

मैंने अनिल के लंड को बाहर निकाल कर उस पर चूमते हुए कहा- कोई बात नहीं … इसको उन दोनों की भी मिल जाएगी, पर थोड़ा सब्र रखो.

फिर मैंने अनिल से पूछा- रिया तुमसे चुदवाते टाइम अपनी मम्मी के बारे में क्यों बोल रही थी?
अनिल ने मुझे समझाया कि हर किसी की फंतासी होती है. उसकी फंतासी होगी कि कोई उसको उसकी मम्मी के सामने चोदे.

मैंने अनिल से पूछा- तुम्हारी क्या फंतासी है?
तो उसने मुझे बताया कि किसी बहुत हॉट मां बेटी की एकसाथ चुदाई या किसी लड़की से खुले में चुदाई.

तो मैंने उसको छेड़ते हुए कहा- क्या बात है अनिल … तुम्हारी और रिया की फंतासी तो बहुत मिलती जुलती है. कहीं गलती से मैं तुम लोगों के बीच में तो नहीं आ गयी?
अनिल ने मेरे मम्मों को मसलते हुए कहा- नहीं, रिया तो तुम्हारी वजह से ही मिल सकी है. तुम ही मेरी असली जान हो!

अनिल ने मेरे मम्मों को बाहर निकाल कर एक को चूसते हुए पूछा- मोना एक बात सच सच बताओगी?
मैंने कहा- हां पूछो, सच ही बताऊंगी.

उसने कहा- मोना मैंने अपना बता दिया, तुम बताओ तुम्हारी क्या फंतासी है?
मैं चुप हो गयी.

तो उसने ज़ोर देते हुए कहा- बताओ ना?
मैंने कहा- अनिल गुस्सा मत होना.
अनिल ने मुझे प्यार करते हुए कहा- गुस्सा क्यों होना?

तो मैंने कहा- मेरा दिल होता है कि जब हम सेक्स करें, तो कोई हमें देखे.
अनिल ने पूछा- कौन देखे, लड़का या लड़की?
मैंने जवाब दिया- कोई भी हो, चाहे तो एक से ज्यादा भी हों.

अनिल ने पूछा- हम्म … कोई और फंतासी?
मैंने कहा- हां है.

अनिल ने फिर से जोर देकर पूछा- क्या?
मैंने थोड़ा झिझकते हुए कहा- एक साथ दो या दो से ज्यादा लड़कों से सेक्स!

अनिल ने आगे पूछा- दो से कैसे?
मैं उसको बताने लगी कि एक लंड चूत में और दूसरा गांड में एक साथ अन्दर बाहर हों और दोनों लंड तुम्हारे जैसे बड़े और काले हों.

अनिल ने ये सुनकर मेरे बूब्स पर जोरदार थप्पड़ मारते हुए कहा- बड़ी गर्मी है कुतिया तेरी चूत और गांड में … साली दो नहीं, तुझे ठंडी करने के लिए तो मेरा लंड ही काफी है.

मेरी चूत ये बातें करने से गीली हो चुकी थी.
मैंने बेशर्म होते हुए कहा- तुम्हारा लंड तो मेरी जान है, पर अगर ऐसा ही एक और हो … तो कितना मज़ा आए. एक साथ दोनों मेरे अन्दर हों.

मैं अनिल को ये बताते हुए गर्म हो चुकी थी. मैं उठकर अपनी टांगें अनिल की दोनों टांगों के ऊपर से निकाल कर उसकी गोद में बैठ गयी.

मेरा चेहरा अनिल की तरफ था. मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में ले लिया और चूसने लगी.

अनिल का खड़ा लंड मेरी शॉर्ट्स के ऊपर से मेरी चुत को छू रहा था.
वह भी किस करने में मेरा साथ दे रहा था और उसके दोनों हाथ मेरे चूतड़ों को सहला रहे थे.

अनिल मुझे किस करता हुए बोला- मोना, तुम्हारे पास नेहा और शबनम की नंगी फ़ोटो है?
मैंने अपने बूब्स उसकी छाती से मसलते हुए कहा- हां हैं … मेरे फ़ोन में हैं.

अनिल फिर बड़ी मासूमियत से बोला- यार मोना, दिखा ना!
मैंने नखरे करते हुए उसका लंड पकड़ कर कहा- उनकी फ़ोटो देखकर ये उनके बारे में सोचने लगेगा तो मेरा क्या होगा?

अनिल मेरी लल्लो चप्पो करता हुआ बोला- जान ये तो तुम्हारा ही है, पर इसको थोड़ा सा अलग मज़ा मिल जाए तो उसमें हर्ज़ ही क्या है?
मैंने कहा- ठीक है, दिखाती हूं.

ये कहकर मैं फ़ोन लेने कमरे में चली गयी और वापिस आकर अनिल के पास बैठकर उसको हमारी फ़ोटो दिखाने लगी.
उन फ़ोटो में हम सब सहेलियों की नॉर्मल फ़ोटो थीं.

अनिल फ़ोन अपने हाथ में लेकर शबनम और नेहा की फोटो को ज़ूम करके देखने लगा.
नेहा हम सबमें हेल्थी है और उसके बूब्स बहुत बड़े हैं. वहीं शबनम पतली सी है और उसके बूब्स मीडियम आकार के हैं.

अनिल नेहा की फ़ोटो देख कर बोला- यार ये कितनी मस्त माल है. मोना इसकी चूत दिलवा दे ना!
मैंने उसके हाथ से फ़ोन छीनते हुए कहा- कमाल करते हो यार … मुझे कहते हो तुमसे प्यार करता हूं और मुझे ही कह रहे हो कि अपनी सहेली की चूत दिलवा दो?

अनिल मेरा चेहरा अपने हाथ में लेकर मेरे होंठों पर चूमते हुए बोला- तुम भी कितनी स्वीट हो जान!
वो अपने लंड को बाहर निकाल कर मेरे हाथ में पकड़ाता हुआ बोला- देखो मोना इसको ध्यान से देखो, क्या रिया की चूत मारकर इसको कोई फर्क पड़ा?

मैंने उसको ध्यान से देखते हुए कहा- नहीं अनिल, ये तो वैसा ही है.
तो वो बोला- तुम रिया की चूत भी देख लेना, उसको भी इस लौड़े को अन्दर लेकर कोई फर्क नहीं पड़ा होगा.

मैंने हंसते हुए कहा- हां, इसको तो कोई फर्क नहीं पड़ा … पर इस मूसल को अन्दर लेकर रिया की चूत तो जरूर ढीली हो गयी होगी.

अनिल ने खड़े होकर लंड मेरे मुँह में डालते हुए कहा- मोना, तुम बहुत बोलती हो. एक बार नेहा से पूछ कर तो देखो.
मैंने लंड चूसते हुए कहा- ठीक है, मैं बात करूंगी.

ये कह कर मैंने अनिल के लंड को पूरा मुँह में भर लिया और मजे से चूसने लगी.
अनिल ने लंड चुसवाते हुए कहा- तुम मोना नहीं, नेहा हो. अब मैं तुम्हें नेहा बनाकर चोदूंगा.

मैंने अनिल की तरफ सवालिया नज़रों से देखा.
तो उसने मेरा चेहरा पकड़ कर मुझे खड़ी करके लंड मेरी चूत से सटाते हुए कहा- तुम नेहा का रोल प्ले करो.
वो खड़े होकर ही अपना आधा लंड मेरी चूत में डाल कर झटके मारने लगा.

फिर मेरी गर्दन पर चूमते हुए बोला- नेहा, तुम कितनी सेक्सी हो … काश एक बार तुम्हारी चूत मिल जाए.
मेरे लिए ये रोलप्ले का खेल नया था, मुझे भी मज़ा आने लगा.

मैंने अनिल का साथ देते हुए कहा- मेरा बॉयफ्रेंड है, अगर उसको पता चल गया तो?
अनिल बोला- क्या वो तुम्हें वो चोदता है?
मैंने कहा- हां कभी कभी.
अनिल बोला- उसका लंड अच्छा है या मेरा?
मैंने कहा- तुम्हारा.

अनिल ने ये सुनते ही मेरे चूतड़ पकड़ कर एक और झटका मारा और पूरा लंड अन्दर डाल दिया.
मैंने भी अपनी टांगें खोलकर उसको अन्दर ले लिया.

अनिल ने ऐसे ही लंड डाले हुए मुझे उठा कर खाना खाने की टेबल पर लिटा दिया और खुद नीचे खड़ा होकर कस कस कर झटके मारने लगा.

मुझे नेहा बनकर अनिल से चुदवाने में बहुत मज़ा आ रहा था.
मैं मज़े से चिल्ला रही थी- आह अनिल चोदो अपनी नेहा को … कितना मस्त लंड है तुम्हारा!

अनिल भी मेरे बूब्स मसलते हुए मुझे चोदने लगा.

वो मुझे गालियां देते हुए बोला- साली नेहा रंडी … तुझे तेरे बॉयफ्रेंड के सामने चोदूंगा.
मैंने कहा- हां अनिल जैसे तुम्हारा मन हो, मुझे चोद देना.

ये कहते हुए हम अनिल के लंड ने मेरी चूत में अपना गर्म गर्म पानी छोड़ दिया.
लंड के गर्म पानी की पिचकारी लगते ही मेरी चूत भी बह गयी.

अनिल ने मुझे अपनी बांहों में लेते हुए मुझे उठाकर सोफे पर बिठाया और मुझसे पूछने लगा- नेहा का रोलप्ले करके कैसा लगा?
मैंने कहा- मज़ा तो आया पर मुझसे ज्यादा मज़ा तो तुमको आया होगा. तुमको महसूस करने में कि नेहा मेरे लंड को मिल गयी थी?

अनिल ने कहा- हां यार मज़ा तो बहुत आया, पर उसको रियल में चोदने का अलग ही मज़ा होगा.
मैं मुस्कुराने लगी.

अनिल ने मुझसे आगे पूछा कि तुम्हें सबसे ज्यादा मज़ा किस रोलप्ले में आएगा?

मैंने अनिल की छाती पर अपना सिर रखकर उसके सिकुड़े हुए लंड को अपनी उंगलियों से सहलाते हुए कहा- तुमको बताया तो है कि मुझे एक साथ दो या दो से ज्यादा के साथ … या उनको महसूस करके मज़ा आएगा.

अनिल ने उठते हुए अपना मुँह दूसरी और घुमाकर कहा- ओह … ये बात है?
मैंने भी उठ कर उसको हग करते हुए कहा- हां यही बात है.

अनिल ने कहा- कोई बात नहीं इस बारे में हम बाद में बात करेंगे.

ये बोलकर अनिल कमरे में चला गया और जाकर लेट गया.

मुझे लगा जैसे वो थोड़ा गुस्सा हो गया है.
मैं भी कपड़े पहनकर उसके पास जाकर बैठ गयी.

मैंने अनिल से कहा- अनिल, अगर तुम मेरी सहेलियों से सेक्स करो, तो कोई बात नहीं … और अगर वहीं मैं किसी और से सेक्स की बात करूं, तो गलत हो गया. मैंने तो तुम्हारे कहने पर अपनी फंतासी ही शेयर की थी.

अनिल ने मुझे अपने पास बुलाकर साथ में लिटाते हुए कहा- नहीं रिया, ऐसी बात नहीं. बस मुझे थोड़ा अजीब सा लगा. चलो कोई बात नहीं, इस बारे में बाद में बात करेंगे.
मैंने कहा- ठीक है.

हम दोनों एक दूसरे की बांहों में लेट गए.
मुझे अनिल की बांहों में पता नहीं चला कि कब नींद आ गई.

पाठको और पाठिकाओ, इस कहानी में इतना ही, बाकी आप सब अगली कहानी में बताऊंगी.

तब तक आप इस नंगी बहन Xxx कहानी पर मुझे मेल करें.
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