हॉट नेकेड सेक्सी गर्ल कहानी में एक लड़की अपने सगे बाप को सेक्स के लिए पटाने में लगी हुई है. वह बिना पैंटी के छोटी सी स्कर्ट पहन कर सोयी ताकि उसके पापा उसकी नंगी चूत देखें.
कहानी के दूसरे भाग
मेरी नंगी चूत देख पापा ने मुठ मारी
में आपने पढ़ा कि
मेरा तो दिन ही नहीं कट रहा था।
मैं बस सोच रही थी कि जल्दी से रात हो ताकि पता चले कि आज फिर पापा आते हैं या नहीं।
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Hot Naked Sexy Girl Kahani
अब आगे हॉट नेकेड सेक्सी गर्ल कहानी:
किसी तरह रात हुई और खाना खाकर पापा-मम्मी भी अपने कमरे में चले गए और मैं भी ऊपर अपने कमरे में आ गई।
मैंने कपड़े बदले और छोटी स्कर्ट और टी शर्ट पहन ली।
टी शर्ट और स्कर्ट के नीचे मैंने ब्रा और पैंटी नहीं पहनी क्योंकि कल जो हुआ था वो तो अचानक हुआ था लेकिन आज मैने जानबूझकर इसलिए नहीं पहना कि पापा को लगे कि मैं रोज बिना पैंटी के सोती हूँ।
फिर नाइट बल्ब जलाकर कर लाइट को ऑफ कर दिया।
अँधेरा रहेगा तो पापा को नाइट बल्ब ऑन करना पड़ेगा इसलिए मैंने पहले ही नाइट बल्ब ऑन कर दिया था।
साथ ही मैने चादर के ऊपर एक तौलिया बिछा कर लेटी थी ताकि अगर आज फिर पापा के लंड से पानी निकले तो बिस्तर पर ना पड़े।
कुल मिलाकर मैं पापा को यह अहसास दिलाना चाह रही थी कि क्या होने वाला है, ये मैं जान रही हूं।
आज क्या होगा, ये सोच कर मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था।
अपनी चूत सहलाते हुए बेसब्री से पापा का इंतज़ार करने लगी।
रात के करीब पौने एक बजे मुझे सीढ़ियों से हल्की सी आवाज आयी.
मैं समझ गयी कि पापा आ रहे हैं।
फिर कल रात की तरह मैंने पीठ के बल लेट गयी और अपने हाथ को मोड़कर आँखों को ढक लिया कि चोरी से उनकी हरकतों को देख सकूं।
पापा ने धीरे से कमरे का दरवाजा खोला, फिर 10-15 सेकेण्ड तक दरवाजे पर ही रुके रहे।
शायद उन्हें उम्मीद नहीं थी कि नाइट बल्ब पहले से जल रहा होगा।
खैर 10-15 सेकेण्ड रुकने के बाद वे धीरे से दबे पाँव कमरे में आये और बेड के पास आकर खड़े हो गये।
आज पापा ने हाफ पैंट और बनियान पहना हुआ था।
पापा बेड के पास बिलकुल मेरे बगल खड़े थे।
आंखों को मैंने हाथों से ढक रखा था, इस वजह से मुझे उनका चेहरा तो नहीं दिख रहा था लेकिन पेट से नीचे का पूरा हिस्सा दिख रहा था।
मैंने स्कर्ट और टी शर्ट पहनी थी … पापा करीब 15-20 सेकेण्ड तक ऐसे ही खड़े रहे।
फिर धीरे से झुककर उन्होंने मेरी स्कर्ट के निचले हिस्से को पकड़ा और धीरे-धीरे ऊपर की तरफ खिसकाने लगे।
मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था।
फिर पापा ने स्कर्ट को पूरा ऊपर की तरफ खिसका कर मेरे पेट पर कर दिया।
अब आज एक बार फिर मेरी नंगी चूत पापा की आँखों के सामने थी।
पापा ने कल की तरह चूत या झांटों को छूने की हिम्मत नहीं दिखाई।
उसके बाद पापा सीधे खड़े हो गये और फिर वही हुआ जो मैं सोच रही थी।
उन्होंने अपनी हाफ पैंट को पकड़ कर नीचे खिसका दिया।
जैसे ही उन्होंने पैंट नीचे खिसकाया उनका लण्ड एक झटके से बाहर आ गया।
उनका लण्ड करीब-करीब खड़ा था।
पापा धीरे धीरे अपने लण्ड की चमड़ी को आगे पीछे कर मुठ मारने लगे।
तभी अचानक पापा ने लण्ड को हिलाना छोड़ दिया और अपने दोनों हाथ को धीरे से बेड के किनारे रखा और फिर नीचे झुकने लगे।
मैं समझ नहीं पायी कि वे क्या करने जा रहे हैं।
तभी मैंने देखा कि पापा अपना मुंह मेरी चूत के पास लाकर नाक से मेरी चूत को सूंघने लगे।
मेरी सांस धौंकनी की तरह चल रही थी।
मैं हॉट नेकेड सेक्सी गर्ल बिना हिले डुले सो रही थी।
करीब 15 सेकेण्ड तक मेरी चूत को सूँघने के बाद वे वापस खड़े हो गये।
इस बार जब खड़े हुए तो उनका लण्ड एकदम टाइट खड़ा था।
अब पापा थोड़ा आगे खिसकर बेड से एकदम सट कर खड़े हो गये।
उनका लण्ड करीब-करीब मेरी चूत के ठीक ऊपर था।
अब वे तेजी से अपने लण्ड को हिलाकर मुठ मारने लगे।
करीब 5 मिनट तक बीते होंगे कि उन्होंने अपनी कमर को तेजी से हिलाना शुरू किया और अचानक तेज झटके और धार के साथ रुक-रुक कर उनके लण्ड से पानी निकलने लगा जो मेरी चूत, जाँघ, स्कर्ट और तौलिये पर फैल गया।
झड़ने के बाद भी करीब 4-5 सेकेण्ड तक पापा उसी तरह लण्ड को पकड़े खड़े रहे और फिर अपने पैंट से को ऊपर खिसका कर उसी से लण्ड को साफ कर पूरा पहन लिया।
और फिर मेरे ऊपर चूत और जांघ पर फैले लण्ड के पानी को बिना साफ किये कमरे से बाहर निकले और धीरे से दरवाजा बंद कर चले गये।
इसके बाद मैं धीरे से बिस्तर से उठी और दरवाजे को अंदर से लॉक करके लाइट जलाई।
मैंने देखा कि पापा के वीर्य की कुछ बूंद नीचे जमीन पर भी गिरी थी।
चूंकि मैंने चादर के ऊपर तौलिया डाल लिया था इसलिए चादर बच गई थी।
मगर तौलिये और स्कर्ट पर पापा के लंड का पानी पड़ा था।
मैंने बाथरूम में पानी से अपनी चूत और जांघ को साफ किया और फिर फर्श पर पड़े वीर्य को तौलिये से साफ किया और दूसरे कपड़े पहने।
फिर मोबाइल में सुबह 8 बजे का अलार्म लगा कर मैं सो गई।
मैंने 8 बजे का अलार्म इसलिए लगाया था क्योंकि यही समय था जब पापा और मम्मी चाय पीते हैं।
सुबह 8 बजे अलार्म बजने पर नींद खुल गई।
मैं उठी और धीरे से कमरे का दरवाजा खोला और चोरी से नीचे झांक कर देखा तो पापा और मम्मी डाइनिंग टेबल पर चाय पी रहे थे।
मेरी योजना थी कि जैसे मैं कल चादर कर नीचे गई थी, उसी तरह आज स्कर्ट और तौलिया लेकर जाऊंगी और मम्मी से धोने को कहूंगी।
मैं वापस कमरे में आई और स्कर्ट और तौलिया लेकर नीचे पहुंची।
पापा मेरे हाथ में स्कर्ट और तौलिया देखकर फिर थोड़े परेशान हुए.
मगर मैंने बिना उनकी तरफ देखे मम्मी से कहा- मम्मी, ये स्कर्ट और तौलिया मशीन में धोने के लिए डाल देना।
मम्मी बोलीं- ये तो साफ कर के रखी थी गंदी कैसी हो गई?
मैंने कहा- अरे अभी बाथरूम में लेकर गई थी तो नीचे गिर गया था।
पापा फिर समझ रहे थे कि मैं झूठ बोल रही हूं।
मैं पापा को यही जताना भी चाह रही थी कि मैं जानबूझ कर झूठ बोल रही हूं।
फिर मैं एकदम नॉर्मल होकर पापा से बात करने लगती जैसे कुछ हुआ ही न हो।
अब मैं बिना पैंटी के सोती … कभी सिर्फ कुर्ती में तो कभी सिर्फ लांग टी-शर्ट में!
और रोज रात में पापा मेरे कमरे में आते और मुझे नंगी देखकर मुठ मारकर चले जाते।
खैर इस बीच पापा का डर काफी कम हो गया था क्योंकि वो अपना वीर्य मेरी चूत और जांघ के साथ ही जो कुछ भी मैं पहनी रहती चाहे स्कर्ट, कुर्ती, टीशर्ट उस पर गिरा कर चले जाते थे.
उन्हें डर नहीं लगता था कि मैं जगूंगी और अपने ऊपर लंड का पानी देखूंगी तो क्या सोचूंगी।
हालांकि वे अभी भी मुझे छूने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे.
बस आते थे और मुझे नंगी देखकर मुठ मारकर चले जाते थे।
और मैं रोज उठकर अपने शरीर पर और जमीन पर फैले वीर्य को साफ करती।
सुबह वीर्य वाले कपड़े लेकर पापा को सुनाती हुई मम्मी को धोने के लिए देती और हमेशा कोई न कोई झूठ बोलती।
ऐसा करीब 5-6 दिन तक चलता रहा।
लेकिन मैं अब थोड़ा और बात आगे बढ़ाने के मूड में थी।
मगर समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं।
अचानक मुझे एक आइडिया आया.
मैंने आज पापा को सरप्राइज देने का प्लान बना लिया।
प्लान के बारे में सोचते ही मेरी उत्तेजना बढ़ गयी।
किसी तरह रात हुई।
रोज की तरह खाना वगैरह खाकर मैं अपने कमरे में आ गयी.
टाइम देखा तो 11 बज चुके थे।
मैंने कमरे का दरवाजा बंद किया और अपने सारे कपड़े उतारकर पूरी नंगी हो गई।
दरअसल मैं आज पापा को अपने मस्त बदन के पूरे नंगे दर्शन करा देना चाह रही थी।
मैंने सोचा कि जब पापा मेरी चूत को नंगी देख ही चुके हैं तो अब उनसे क्या छुपाना … तो क्यों ना आज मैं पूरी नंगी होकर सो जाऊं ताकि चूत के साथ पापा मेरी चूची भी देख लें।
इसलिए मैं पूरी नंगी होकर और सिर्फ एक पतली सी चादर अपने शरीर पर डाल कर लेट गयी और पापा का इंतज़ार करने लगी।
एक-एक पल भारी लग रहा था.
जैसे तैसे किसी तरह रात के 12.30 बजे।
मैं सोच रही थी कि पापा अब किसी भी तरह आते होंगे।
इंतज़ार करते-करते 1 बज गया मगर पापा नहीं आये।
मैं सोचने लगी कि हो सकता है मम्मी थोड़ी देर से सोई हों तो पापा उनके गहरी नींद में आने का इंतज़ार कर रहे हों।
यह सोच कर मैं प्रतीक्षा करती रही।
मगर रात के करीब पौने 2 बजे तक पापा नहीं आये।
मुझे लगा कि अब पापा नहीं आएंगे।
मेरा मूड एकदम ख़राब हो गया।
मुझे अब नींद भी आने लगी थी।
इंतज़ार करते-करते मैं कब सो गयी मुझे पता ही नहीं चला।
अगली सुबह जब मैं नीचे गयी तो रोज की तरह मम्मी-पापा बैठकर चाय पी रहे थे।
चूंकि रात में कुछ हुआ नहीं था इसलिए मैं आज धुलने के लिए देने को कोई कपड़ा लेकर नहीं गयी थी।
इस पर मम्मी बोलीं- क्या हुआ, आज कोई कपड़ा गंदा नहीं है क्या .. कल तक तो कभी स्कर्ट, कभी कुर्ती, कभी तौलिया, कभी बेडशीट गंदा लेकर आती थी। आजकल रोज क्यों गंदे हो जा रहे हैं तुम्हारे कपड़े। कभी पानी गिर जाता है कभी बाथरूम में गंदा कर देती हो?
मम्मी का यह सवाल सुनकर मैं थोड़ा हड़बड़ा गयी।
मुझे उम्मीद नहीं थी कि मम्मी इस तरह पूछेंगी कपड़ों को लेकर!
मैंने कहा- अरे आज नहीं गंदा है कोई कपड़ा तो क्या करूं?
फिर मैं जल्दी से बात को इधर-उधर घुमाते हुए रसोई में चाय के लिए चली गयी।
पापा पेपर पढ़ते हुए ये सुन रहे थे।
वे भी समझ गये थे कि मैं मम्मी के इस सवाल से घबरा गयी हूँ।
रसोई से चाय लेकर निकली तो मैंने पापा की ओर देखा तो पाया कि वे भी मुझे ही देख रहे थे.
जैसे ही नज़र मिली मैं हल्के से मुस्करा दी।
फिर वे दोबारा पेपर पढ़ने लगे।
मैं भी नॉर्मल होकर बैठकर चाय पीने लगी।
पापा समझ रहे थे कि कल रात में वे कमरे में आये नहीं थे इसी वजह से आज कोई कपड़ा गंदा नहीं हुआ था।
अब पापा को कन्फर्म हो गया था कि उनका ये सारा खेल मैं जानती हूँ और मैं भी मजे ले रही हूँ उनकी इस हरकतों का।
तभी मम्मी बोलीं- आज दोपहर तक अम्मा (मेरी नानी) आ रही हैं, गुडडू (मेरे छोटे वाले मामा) उन्हें लेकर आएंगे। तो पापा ऑफिस रेलवे स्टेशन जाएंगे उन्हें लेने!
मैंने हैरानी से पूछा- अचानक कैसे नानी के आने का प्लान बन गया?
मम्मी बोलीं- अरे कल रात 12 बजे के करीब गुड्डू का फोन आया था कि अम्मा की तबीयत थोड़ी खराब लग रही है तो आज वे उन्हें लेकर डॉक्टर को दिखाने आएंगे।
जैसे ही मम्मी ने ये बोला तो मुझे समझ आ गया कि इसका मतलब कल रात इसी चक्कर में पापा ऊपर नहीं आये थे. बातचीत में देर हो गयी होगी और मम्मी भी देर से सोयी होंगी इसलिए पापा ने रिस्क नहीं लिया होगा।
मैं रसोई में मम्मी की मदद करने चली गई।
दोस्तो, मेरी हॉट नेकेड सेक्सी गर्ल कहानी आप को कैसी लग रही है, आप मुझे ज़रूर बतायें।
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हॉट नेकेड सेक्सी गर्ल कहानी का अगला भाग: चूत और लण्ड का एक ही रिश्ता- 4