जवान टीचर की चुत चुदायी का मजा (Teacher Student Sex In College)

यह कहानी टीचर स्टूडेंट सेक्स इन कॉलेज की है. मेरी टीचर जवान थी और उसने खुद सेक्स का मजा लेने के लिए मेरी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था.

दोस्तो, मेरा नाम रवीश कुमार है और मैं रांची झारखंड का रहने वाला हूं.

मेरी पिछली सेक्स कहानी
दोस्त की बहन निकली लंड की शौकीन
को आप लोगों ने बहुत पसंद किया, बहुत सारे मेल्स आए. कुछ नए दोस्त भी बने.

आप लोगों से अनुरोध है कि मुझसे मेरे सेक्स पार्टनर का जानकारी नहीं मांगें, मैं कोई चुत का दलाल नहीं हूं.

दोस्तो, यह कहानी मेरे छात्र जीवन के दिनों की है.
मैंने अपनी क्लास की एक लड़की आकांक्षा को प्रपोज किया था लेकिन उसने मना कर दिया था.
मैं थोड़ा उदास हो गया था और गुमसुम रहने लगा था.

एक दिन मैं स्कूल जाने के लिए निकला और बस स्टॉप पर अपने कंप्यूटर की टीचर से बात कर रहा था.

उस बस स्टॉप से स्कूल के कई स्टूडेंट्स और टीचर्स जाते थे.
उधर ही आकांक्षा भी खड़ी थी.

मैं टीचर से बात करते हुए उसी को देख रहा था.

मेरी कंप्यूटर टीचर ने मुझे उसकी ताड़ते हुए देख लिया.
बस यहीं से सेक्स कहानी शुरू हो गई.

मेरी टीचर का नाम जागृति था और उनकी उम्र 24 साल थी.
जागृति मेम ने अपनी शिक्षा पूरी करके स्कूल में पढ़ाना शुरू किया था. जागृति मेम देखने में बीस साल की लड़की सी लगती थीं और देखने में बहुत खूबसूरत और हॉट माल लगती थीं.

उनकी लंबाई 5 फुट 6 इंच थी और जीरो फिगर थी. मेम की चूचियां छोटी छोटी थीं, शायद उन्होंने अभी अपनी चूचियां किसी मर्द से नहीं मिंजवाई थीं.

बस स्टॉप पर मैं और जागृति मेम बात कर रहे थे; साथ ही मैं आकांक्षा को भी घूर रहा था.

जागृति मेम ने मुझसे कहा- आकांक्षा में ऐसा क्या है कि तुम उसके पीछे पागल हो?
मैं सकपका गया और मैंने अपनी नजरें नीचे कर लीं.

जागृति मेम ने मुझे आकांक्षा के बारे में कुछ बातें बताईं और उससे दूर रहने का सलाह दी.

मैं उनकी तरफ हैरानी से देखने लगा तो जागृति मेम ने अपनी पलकें झपका कर मुझे आश्वस्त किया कि मैं सब समझती हूँ … मगर तुम दूसरी लड़कियों को गर्लफ्रेंड को बनाने की कोशिश करो … ये लड़की तुम्हारे लिए ठीक नहीं है.

मैंने उनसे जरा चिढ़ कर पूछा कि तो किसको बना लूं!
मेम ने मजाक में ही खुद को मेरी गर्लफ्रेंड बनाने की बात मुझसे बोल दी.

उनकी इस बात पर मैं हंस दिया और मेम की आंखों में देखने लगा तो मुझे उनकी आंखों में एक वास्तविक प्रेम की झलक दिखाई दी.

फिर हम दोनों बस में साथ में स्कूल पहुंच गए.

हम दोनों कुछ ही दिनों में अब स्टूडेंट और टीचर नहीं रह गए थे, आपस में दोस्त बन गए थे.

हम दोनों अब फोन पर भी बात करने लगे थे. हमारी बातें रात में भी होने लगी थीं.

एक रात हम बात कर रहे थे तो जागृति मेम ने स्कूल बंक करके घूमने का प्लान बनाया.
अगली सुबह हम दोनों मिले और बाइक से चालीस किलोमीटर दूर एक पार्क में आ गए.

ये पार्क एक बहुत बड़े जंगल में बना था. उसमें चारों तरफ कपल्स बैठे हुए थे. सब अपने रोमांस में लगे हुए थे. कुछ कपल्स चूमाचाटी कर रहे थे, कुछ लंड चुसवाने में लगे थे, कुछ तो जंगल में घुस कर चुदाई में भी मस्त थे.

हम दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़ कर घूम रहे थे और बात कर रहे थे.

जागृति मेम ने मुझसे बोला- तुम आकांक्षा को गर्लफ्रेंड बना कर यहां लाते और यही सब करते … है न!
मैंने शरमाते हुए मना कर दिया.

तो जागृति मेम ने मुझे ऑफर दिया- तुम मुझे गर्लफ्रेंड समझ कर कुछ करना चाहो, तो कर सकते हो, मैं मना नहीं करूंगी.

इतना खुला ऑफर पाकर मैंने भी मौके का फायदा उठाने के मन बना लिया था.
मैंने जागृति मेम का हाथ पकड़ा और उनको घने जंगल में अन्दर की तरफ ले गया.
मेम भी मेरे हाथों में हाथ डाले मेरे साथ अन्दर चल दीं.

अन्दर एक पेड़ से सटा कर मैंने मेम को देखा तो उन्होंने अपने होंठ गोल करके चुम्बन का इशारा कर दिया.
मैंने उनके होंठों से होंठ लगा दिए और मेम को किस करने लगा.

जागृति मेम भी मेरा पूरा साथ देती हुई मुझे किस कर रही थीं.
वो मेरी जीभ को अपने मुँह में अन्दर लेकर चूसने लगी थीं; मेरे होंठों को काट रही थीं.

मुझे बेहद मजा आ रहा था.

हम दोनों ने दस मिनट तक पूरे मन से किस किया.
फिर जागृति मेम ने मेरा एक हाथ अपनी एक चूची पर रख दिया और दबाने का इशारा कर दिया.

मैंने भी उनकी दोनों चूचियों को दबाना और मसलना शुरू कर दिया.

मेरा लंड खड़ा हो गया था और जागृति मेम की चुत में रगड़ रहा था.
मैं किस करते हुए जागृति मेम की चूचियों को दबा रहा था और जागृति मेम मुझे कस कर अपने गले से लगाई हुई थीं.

वो खुद अपनी गांड आगे करके अपनी चुत को मेरे लंड पर रगड़ रही थीं.

मुझे उनकी हवस देख कर समझ आ गया कि ये खेली खाई हैं और इस वक्त मेम को अपनी चुत में मेरा लंड चाहिए.

करीब तीस मिनट तक हम दोनों ने चूमाचाटी का मजा लिया. इस बीच मेम की चुत का पानी गिर चुका था.

जंगल के बीचों बीच चेले और गुरुआइन के बीच ये सब चल रहा था. आस-पास कोई नजर भी नहीं आ रहा था.

जागृति मेम ने मेरी जींस का बटन खोला और चड्डी के अन्दर हाथ डाल कर लंड हिलाने लगीं.

आज पहली बार किसी लड़की ने मेरे लंड को हाथ से पकड़ा था. मुझे बहुत मजा आ रहा था.

दो मिनट लंड हिलाने के बाद मेरा माल गिर गया.
लंड का कुछ माल जागृति मेम के हाथ पर लग गया था जिसे उन्होंने चाट लिया.

मुझे देख कर थोड़ा अजीब सा लगा.

अब लगभग एक घंटा होने को था. हमारे आस-पास कोई नहीं आया था.

फिर जागृति मेम ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चुत पर रख दिया.
मैं उनकी लैगिंग्स के ऊपर से चुत को सहलाने लगा.

कुछ मिनट तक मैंने जागृति मेम की चुत को रगड़ा और साथ में उन्हें किस भी करता रहा.

अब जागृति मेम से रहा नहीं गया तो उन्होंने मेरा हाथ पैंटी के अन्दर डाल दिया.

उनकी चुत और पैंटी पूरी ऐसी भीगी हुई थी जैसे उन्होंने पेशाब कर दिया हो.

मैं मेम की चुत में उंगली करने लगा.
उंगली करते हुए कभी मैं उनकी चूचियों को दबाता, कभी किस करता.

मेम की चुत ने फिर से पानी छोड़ दिया. मैंने हाथ बाहर निकाला तो उन्होंने मेरी एक उंगली को मेरे मुँह में डलवा दिया.

मुझे उनकी चुत का पानी चाटना पड़ा, नमकीन पानी था.
मैंने अब अपनी दो उंगलियां जागृति मेम के मुँह में दे दीं जिनमें उनकी चुत का रस लगा हुआ था.
उन्होंने तुरंत अपनी चुत का रस चाट लिया.

बहुत देर तक यूं ही मजा लेने के बाद हम दोनों एक दूसरे से अलग हुए और इधर उधर घूमने लगे.

लेकिन अब हमारा चुदाई करने का मन हो रहा था.
जंगल में हम दोनों चुदाई के लिए सही जगह खोजने लगे … लेकिन हमें डर भी था.

फिर थोड़ी देर घूमने के बाद कोई मतलब हल नहीं हुआ तो हम दोनों पार्क से निकल गए.

वापसी में हमने एक रेस्ट्रोरेन्ट में खाना खाया और अपने अपने घर की तरफ बढ़ गए.

अब हम दोनों लोगों को चुदाई के लिए एक रूम चाहिए था.

जागृति मेम ने दूसरे दिन मुझे अपने घर बुलाया.
उन्होंने मुझे ट्यूशन पढ़ाने के बहाने से बुलाया था.

मैं उनके घर गया तो वो मुझे अपने रूम में ले गईं.

रूम में जाते ही जागृति मेम ने रूम बंद किया और हम दोनों किस करने लगे.

दो मिनट किस करने के बाद जागृति मेम ने मेरी जींस का बटन खोला और लंड को हिलाने लगीं.

कुछ ही पलों बाद उन्होंने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.

हम दोनों चुदाई की हड़बड़ी में थे तो उन्होंने लंड चूस कर जल्दी से उसको गीला किया और कहा- अब देर मत करो … आ जाओ.

मेम ने मुझे कंडोम पकड़ाते हुए जल्दी से चुदाई करने को बोला और अपना पजामा खोल दिया.
अन्दर उन्होंने पैंटी नहीं पहनी थी.

जिंदगी में पहली बार मैं चुत सामने से देख रहा था.

जागृति मेम ने मुझे चुदाई शुरू करने का इशारा किया.

मैंने भी लंड को कंडोम पहनाया और जागृति मेम के ऊपर चढ़ गया.

उन्होंने अपने हाथ से मेरे लंड को अपनी चुत के मुँह पर लगाया और धक्का लगाने का इशारा किया.

चूंकि जागृति मेम की चुत चुदाई बहुत दिनों से नहीं हुई थी. इस कारण उनकी चुत टाइट थी, मेरा मोटा लंड चुत में घुस ही नहीं रहा था.

फिर जागृति मेम ने मुझसे चुत चाटने को बोला.
मैं उनकी चुत को चूसने और चाटने लगा, साथ में चुत में 2 उंगली डाल कर लंड के लिए जगह बनाने लगा.

मेम की चुत ने कुछ पानी छोड़ दिया, जिससे उनकी चुत गीली हो चुकी थी.

मैंने लंड को चुत के मुँह पर लगाया और पूरा लंड एक बार में ही चुत के अन्दर कर दिया और धक्के लगाने लगा.

जागृति मेम ने अपने दांत भींच कर अपनी चीख रोकी और कुछ धक्कों के बाद उन्होंने लंड का मजा लेना शुरू कर दिया.
मेम ने अब अपना टॉप ऊपर कर दिया और अपने चूचों को चूसने का इशारा किया.

मैं जागृति मेम की एक चूची चूसते हुए धक्के लगाने लगा.

दस मिनट की चुदाई के बाद मैं मेम की चुत में ही झड़ गया.
कंडोम लगा था, तो किसी तरह की चिंता की कोई बात नहीं थी.

झड़ने के बाद जागृति मेम ने अपने कपड़े पहने और रूम से बाहर चली गईं.

बाहर जाते समय मेम ने मुझसे दोबारा तैयार होने को कहा.

वो अपने परिवार वालों को देखने गई थीं कि कौन कहां है क्यूंकि हम और चुदाई करने के मूड में थे.

तभी वो मेरे लिए जूस और नाश्ता लेकर आईं और दस मिनट में वापस आने का बोल कर अपने परिवारजनों के पास चली गईं.

मैंने जूस पी लिया और जागृति मेम के आने का इंतजार करने लगा.

जागृति मेम ने कमरे में आते ही दरवाज़ा बंद कर दिया और अपना पजामा खोल दिया.

वो बिस्तर पर आ गईं और मेरी जींस को नीचे करके लंड को हिला कर पूरा खड़ा कर दिया.
लंड खड़ा होते ही वो मुझे नीचे करके मेरे ऊपर बैठ गईं. मेरे लंड को अपनी चुत में घुसाने लगीं. लंड को चुत में घुसाने के बाद वो मेरे लंड पर कूदने लगीं.

मेरे जिंदगी का वो सबसे हसीन पल था.
मुझे चरमसुख की प्राप्ति हो रही थी, मेरे मुँह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं.

जागृति मेम भी मजे लेकर लंड पर कूद रही थीं.

दस मिनट कूदने के बाद वो झड़ गईं और मेरे बगल में लेट गईं.

मेरा अभी नहीं हुआ था तो मैंने उनके ऊपर चढ़ गया और लंड चुत में डाल कर चोदने लगा.

कुछ मिनट की चुदाई के बाद मेरा भी माल झड़ गया.

हम दोनों ने चुदाई के अपने अपने कपड़े पहने और पढ़ने का नाटक करने लगे.

थोड़ी देर बाद मैं अपने घर निकल गया.
अब हम दोनों आज के आनन्द को लेकर फोन पर बात करने लगे.

फिर हम दोनों अगली चुदाई के लिए जगह ढूंढने लगे.

जागृति मेम ने सुबह 6 बजे स्कूल चलने का प्लान बनाया.
उन्होंने कंप्यूटर लैब में चुदाई करने का प्लान बनाया था.

हम दोनों रोज़ सुबह 6 बजे स्कूल पहुंच कर लैब में चुदाई करने लगे.

मुझे चुत चुदाई का नया नया चस्का लगा था तो मैं रोज़ जागृति मेम को लैब में, स्टाफ रूम, लाइब्रेरी में चोदने लगा.

इस तरह से छह महीने तक मैंने उसकी चुत चोदी. मैं सप्ताह में 3-4 बार जरूर चोद देता था.

जागृति ने लाइब्रेरी टीचर प्रियंका से दोस्ती कर ली थी. वो हमें लाइब्रेरी में बंद करके बाहर से ताला लगा देती थी. हम अन्दर चुदाई करते रहते थे.

उसके बाद जागृति मेम अपनी आगे की पढ़ाई के लिए बैंगलोर चली गईं.
उधर के कॉलेज में मेम ने एक नया ब्वॉयफ्रेंड बना लिया.

अब तो उनकी शादी भी हो गई है.

जागृति मेम के जाने के बाद प्रियंका की शादी के एक महीना पहले मुझे उसकी चुत चोदने का मौका मिला, वो सेक्स कहानी मैं अगली बार लिखूँगा.

आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
[email protected]

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