तू भी बेवफा मैं भी बेवफा- 4 (Pati Ka Dost Chod Gaya)

पति का दोस्त चोद गया एक गर्म भाभी को! भाभी के पति ने ही यह सारा खेल रचा था अपनी बीवी को अपने दोस्त से चुदवाने का … ताकि वह खुद उसकी बीवी को चोद सके!

कैसे हैं दोस्तो,
कहानी के तीसरे भाग
पड़ोसी की बीवी की चाहत
में आपने पढ़ा कि रवि ने अपने दोस्त गौरव को डिनर बुलाया ताकि उसकी बीवी गौरव को अपने यौवन जाल फंसा कर आगे बीवी की अदला बदली का मार्ग प्रशस्त कर सके.

अब आगे पति का दोस्त चोद गया:

रवि ने सोचा जो होगा देखा जाएगा.
वह कामिनी के ऊपर झुका और उसके होंठों से अपने होंठ भिड़ा दिए.

कामिनी उससे सूखी बेल की तरह लिपट गयी.
दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे.

गौरव उन्हें देखता रहा.

रवि ने कामिनी से कहा- गौरव जा रहा है, एक आध चुम्मी तो उसे भी दे दो.
कामिनी ने बांहें फैला कर गौरव को बुला लिया.
गौरव झपट कर आया और कामिनी से लिपट गया.

कामिनी ने अब रवि को छोड़ा और लिपट गयी गौरव से!
दोनों ऐसे चूमाचाटी कर रहे थे जैसे बरसों के बिछड़े आशिक हों.

रवि ने अपनी टी शर्ट उतार दी और नीचे होकर कामिनी की टांगों के बीच अपना मुंह घुसा दिया.
उसने बड़ी नफासत से कामिनी की पेंटी उतार दी और उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी.

कामिनी सिहर उठी.
उसकी शोर्ट नाइटी कमर तक उठ चुकी थी.

कामिनी ने गौरव से कपड़े उतारने को कहा और अपनी नाइटी भी उतार दी.
अब तीनों निपट नंगे थे.

कामिनी के मांसल मम्मों को गौरव किसी भूखे बच्चे की तरह एक एक करके चूम रहा था.
और नीचे रवि उसकी चूत में जीभ को गहराई तक उतारे हुए था.

कामिनी ने पति का दोस्त को ऊपर खींचा और उसके होंठों से अपने होंठ भिड़ाये और उसे अपने से भींच लिया.
रवि ने भी अपने को कामिनी से अलग किया यह सोचकर कि अभी कामिनी और गौरव को मजे लेने दिए जाएं.

गौरव 69 हो गया और कामिनी और गौरव दोनों ने एक दूसरे को अपनी मुंह में कैद कर लिया.

कामिनी गौरव का लंड जोर से मुंह में दबाये चूस रही थी तो गौरव उसकी टांगें फैलाकर अपनी जीभ उसकी फांकों के बीच घुसाए हुए था.

तब कामिनी गौरव को अंदर लेना चाहती थी तो वह पलटी और गौरव के ऊपर चढ़ गयी.
अपने हाथों से उसने गौरव के लंड को अपनी चूत में घुसा लिया और लगी जोर जोर से उछलने!

गौरव को सेक्स का ऐसा अद्भुत आनंद कभी सारिका से नहीं मिला था.
वह नीचे से धक्के लगाने लगा.

अब रवि भी बेड पर खड़ा हुआ.
उसने अपना लंड कामिनी के मुंह में दे दिया.

कामिनी उछलते उछलते पति का दोस्त का लंड भी चूसने लगी.

अब गौरव ऊपर आना चाहता था.
उसने कामिनी से कहा- तुम नीचे आओ.

कामिनी ने रवि को छोड़ा और नीचे लेट गयी.
गौरव ने उसकी टांगें चौड़ायीं और पेल दिया अपना लंड उसकी चूत में!

और फिर जो रफ़्तार उसने पकड़ी, इस चुदाई मेल ने कामिनी को भी पागल बना दिया.

उसके मुंह से झाग निकल रहा था.
वह पागलपन में अंटशंट बक रही थी. वह कह रही थी- मजा आ गया जानू! आज दोनों मिल कर फाड़ दो मेरी चूत को!

गौरव के धक्के बढ़ते जा रहे थे और एक झटके में उसने सारा माल कामिनी की चूत में भर दिया और उसके ऊपर ही लुढ़क गया.

दो मिनट बाद गौरव उठा, वाशरूम जाकर फ्रेश होकर कपड़े पहने.

तब तक रवि और कामिनी की चुदाई भी पूरी हो चुकी थी.
कामिनी निढाल होकर मुंह फिराकर लेटी हुई थी.

रवि ने शॉर्ट्स पहनी और गौरव को विदा करके आया.

कामिनी उठी और फ्रेश होकर रवि से चिपटकर सो गयी.

सुबह उठकर रवि की चुदास भड़की हुई थी.
सन्डे था तो कोई जल्दी नहीं थीं.

उसने कामिनी को उठाकर एक बार फिर सेक्स सेशन की नीयत से उसके मम्मे चूमे.
तो कामिनी बोली- अभी नहीं. फ्रेश होने दो.

खैर फिर उनका यह सेशन नहाते में पूरा हुआ.

रवि ने शावर के नीचे कामिनी की टांग उठाकर उसे खड़े खड़े और फिर घोड़ी बनाकर खूब चोदा.

कामिनी के ख्यालों में गौरव का लंड भी था तो उसे चुदाई में भरपूर मज़ा आया.
पर कामिनी ने रवि से साफ़ कह दिया कि अब ये कभी दोबारा नहीं होगा. और गौरव को भी बोल देना कि सारिका से कभी इसका जिक्र न आ जाए.

अगले दिन गौरव का फोन आया कामिनी के पास.
वह उसकी बहुत तारीफ़ कर रहा था.

कामिनी ने उसे साफ़ कहा- ये बस एक रात की बात थी. हम लोग अच्छे दोस्त थे और अच्छे रहेंगे. इससे ज्यादा कुछ नहीं. हाँ, मुझे चिंता रवि की ओर से है. इसमें कोई शक नहीं कि ये सब रवि की पहल से हुआ. पर मर्द अपनी बीवी शेयर करने के बाद पछताते बहुत हैं. तो देखना है कि आगे रवि कैसे रियेक्ट करेगा.

गौरव सोचता रहा.
फिर उसने कहा- मैं रवि से रिलेशन और अच्छे करने की कोशिश करूंगा.
कामिनी ने हँसते हुए उससे कहा- जब तक रवि न पहल करे, तुम मुझको फोन करने से भी बचना.

गौरव के दिलो दिमाग पर अब सारिका नहीं, कामिनी थी.

अब गौरव इस बात पर दिमाग लगाने लगा कि किस तरह रवि से अंतरंगता और बढ़ाई जाए.

गौरव जानता था कि रवि सेक्स का भस्सी है.
उसने बातचीत के दौरान रवि से कहा- क्यों न थाईलैंड चलें, कुछ मस्ती करना चाहते हैं.
पर रवि घूमने फिरने में बिना कामिनी के जाने में सहज नहीं था.
तो यह बात फुस्स हो गयी क्योंकि अकेले थाईलैंड उसे सारिका भी नहीं जाने देती.

पर वह यह भी जानता था कि सारिका रवि की क्रश है.
पर सारिका तो दुनिया की क्रश थी.

आज तक बातों के अलावा गौरव को सारिका के किसी व्यवहार में बेवफाई नहीं नजर आई थी.
तो वह कैसे कहे सारिका से कि वह रवि के नजदीक जाये.

तब बहुत सोच विचार कर गौरव ने एक योजना बनाई.

असल में रवि की जॉब बहुत अच्छी थी. वह एक सीनियर पोजीशन पर था.
गौरव की जॉब में बहुत कम पैसा मिलता था.

उसने सोचा कि वह सारिका से कहेगा कि वह रवि पर दवाब बनाये कि वह गौरव की मदद करे उसकी कम्पनी में नौकरी के लिए.

एक रात मूड बनाकर उसने सारिका को यही कहा कि उसकी बहुत इच्छा है कि उसे रवि की कंपनी में जॉब मिले. और इसमें रवि बहुत हेल्पफुल हो सकता है.

सारिका का तो हर गणित पैसे से चलता था.
उसको जब यह मालूम पड़ा कि रवि का पैकेज गौरव से ड्योढ़ा है तो उसे भी लालच आ गया.

सही बात तो यह है कि सारिका भी रवि को पसंद करती थी.

सारिका ने रवि तक पहुँचने के लिए कामिनी से नजदीकी बढ़ाई.
उसने कामिनी को फोन किया कि अगर मालिश करवानी हो तो आ जाना.

कामिनी अगले दिन ही आ गयी.

सारिका शॉर्ट्स और टी शर्ट में थी.
मालिश से पहले कामिनी को भी कपड़े बदलने थे तो सारिका ने उसे अपनी एक शॉर्ट्स और टी शर्ट दी.

सुरभि ने मालिश करते समय कामिनी की नाजुक काया की बहुत तारीफ करी.
उसने सारिका के सामने ही कामिनी से कहा कि उसने इतना मखमली जिस्म बहुत कम लड़कियों का देखा है.

यह सुनकर सारिका को तो मानो आग लग गयी.
वह अब अपनी आदत के अनुसार कुछ ऐसा करने की सोचने लगी जिसमें वह कामिनी को शिकस्त दे सके.

सुरभि के जाने के बाद सारिका-कामिनी ने लंच लिया.
आज सारिका ने बाहर से ही मंगाया था.

सारिका बहुत बेतकल्लुफी से कामिनी से अंतरंगता बढ़ा रही थी.
उसने कामिनी को सिगरेट के सुट्टे भी लगवाए.

सारिका ने कामिनी को कुरेदते हुए सेक्स लाइफ पर बात छेड़ दी.

तब सारिका ने कामिनी को बताया कि वह तो गौरव को अपनी मर्जी से ही अपने जिस्म पर हाथ लगाने देती है. मतलब जब उसका मन हो, तभी गौरव उसके नजदीक आ पाता है.

इस पर कामिनी बोली कि वे लोग भी रोज़ नहीं करते. पर जिस दिन भी करते हैं, रवि उसे थका देता है.

सारिका मुस्कुरा दी पर उसकी चूत यह सुन कर गीली हो गयी थी.
उसका रुझान रवि के लिए बढ़ रहा था.

पर उसे यह अहसास हो गया था कि कामिनी के माध्यम से रवि तक वह नहीं पहुँच सकती.
जो कुछ उसे करना है, वह कामिनी से छिपा कर ही करना होगा.

असल में वह कामिनी से रवि को चुराना चाहती थी अब!

कामिनी के जाने के बाद सारिका ने रवि को हाय का मेसेज किया.
रवि का जवाब आया कि वह मीटिंग में है.

शाम को ऑफिस से आते समय रवि ने उसे रिप्लाई किया तो सारिका का फोन ही आ गया.
आज उसकी टोन में बहुत अंतर था, बहुत मीठेपन से बात कर रही थी आज सारिका!

सारिका ने रवि को किसी दिन घर आने का निमन्त्रण दिया.
रवि ने उसे बताया कि अभी दो तीन दिन वह बहुत व्यस्त है. अगले हफ्ते उसे कम्पनी की मीटिंग में मुंबई जाना है.

सारिका ने बात बनाते हुए कहा- अरे वाह, अगले हफ्ते तो उसे भी दो दिन के लिए मुंबई जाना है अपनी मौसेरी बहन के पास!
रवि ने कह दिया- फिर मेरे साथ ही चलो.

सारिका हँसती हुई बोली- तुम्हारे साथ तो नहीं जा सकती. पर हाँ अगर उस समय मैं वहां हुई तो वहां मिल सकती हूँ.
वह अच्छे से जानती थी कि गौरव उसे अकेले में रवि से मिलने में सहज नहीं महसूस करेगा. वह मर्द जात की सोच से भली भांति परिचित थी.

शाम को सारिका ने गौरव से कहा कि उसे अगले हफ्ते मुंबई अपनी मौसी की लड़की के पास जाना है किसी पारिवारिक काम से! और ये बहुत जरूरी है.

गौरव को हालाँकि यह सूट नहीं कर रहा था.
पर उसके पास इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं था.
सारिका उसकी कोई बात नहीं टालती थी तो वह कैसे मना करता.

और उसे लालच भी हुआ कि शायद सारिका के जाने के बाद रवि उसे फिर घर बुला ले.
उसका इंटरव्यू अब ऑनलाइन था तो उसे कहीं जाना भी नहीं था.
तो उसने सारिका को जाने की हाँ कह दी.

अब रवि से सारिका रोज़ सी ही बात करने लगी.
रवि ने उसे बताया की वह अगले बृहस्पत को मुंबई जाएगा और शनिवार लौटेगा.

सारिका ने कहा- ठीक है मैं बताती हूँ अपना प्रोग्राम! पर यह बात कामिनी या गौरव को मत बताना.

तब सारिका ने गौरव से कहकर अपनी फ्लाइट शुक्रवार की जाने की और रविवार की लौटने की करा ली.
उसने अपनी मौसेरी बहन के साथ योजना बना ली.

जाने से पहले सारिका ने पार्लर जाकर अपने जिस्म पर मेहनत करवा ली.
पता नहीं कहाँ तक बात बढ़े … सोचकर उसने अपनी चूत भी चिकनी कर ली.

वह किसी भी हाल में रवि को मजबूर करना चाहती थी कि वह गौरव की मदद करे.
क्योंकि घर में ज्यादा पैसे आने से सारिका को ही फायदा होने वाला था अपने शौक पूरे करने के लिए!

रात को सेक्स के दौरान गौरव ने सारिका को बताया- रवि भी एक दो दिन मुंबई ही रहेगा.
तो सारिका ने मुंह बिचका कर कहा- तो मैं क्या करूं?
गौरव आगे कुछ नहीं कह पाया.

बृहस्पत को सारिका रवि की बातें हुईं.
रवि ने उसे अपने होटल का नाम और लोकेशन बताई.

सारिका ने अहसान दिखाते हुए कहा कि वह कोशिश करेगी उससे मिलने की! पर हाँ, रवि अपने को फ्री रखे.
रवि ने उसे बताया कि उसका काम कल दोपहर बाद तक ख़त्म हो जाएगा और वह शाम को सारिका के साथ पूरा टाइम दे सकता है.

सारिका ने उसे फिर चेता दिया कि किसी भी हालात में गौरव और कामिनी को उनके मिलने की भनक न लगे.

अगले दिन सारिका भी मुंबई पहुँच गयी अपनी कजन के पास!
दोनों बहुत दिन बाद मिली थीं तो बहुत गर्मजोशी से मिलीं.

सारिका ने उसे एक कहानी सुना दी कि उसे किसी कम्पनी में किसी से मिलना है शाम को और लौटते में देर हो जायेगी. उसके साथ उसकी एक सहेली भी आयी हुई है और वह होटल में ठहरी है, तो शायद आज रात सारिका उसके साथ होटल में ही रुक जाए, पर कल वह घर पर ही रहेगी.

शाम को रवि ने उसे फोन करके होटल आने को कहा कि फिर घूमने चलेंगे.

सारिका टैक्सी से होटल पहुंची.
आज वह गजब ढा रही थी … स्कर्ट टॉप में वह कॉलेज गर्ल लग रही थी.

होटल में रूम में पहुंच कर उसने मुंह फाड़े उसे देखते रवि से हाथ मिलाया.
रवि के लिए सारिका को छूने का पहला मौक़ा था.

उसके शरीर में करंट दौड़ गया.
उसने सारिका की सुन्दरता और ड्रेस की बहुत तारीफ करी.

रवि ने उससे पूछा कि वह कॉफ़ी लेगी क्या.
सारिका ने बेबाकी से कहा कि वह आज रात तक उसकी मेहमान है, जैसा वह चाहे.

तभी सारिका ने बेबाकी से उससे लिपटते हुए कहा- आज की शाम को मैं यादगार बनाना चाहती हूँ. तो बाहर चलते हैं.

सारिका के मोबाइल पर तभी गौरव का फोन आ गया, पूछ रहा था कि कहाँ हो.
तो सारिका बोली- कजिन के साथ घूमने जा रही हूँ. रात को देर हो जायेगी, आकर फोन करती हूँ.

कहकर उसने फोन वहीं बेड पर रख दिया और फिर बातों बातों में रवि के साथ रूम से बाहर आ गयी.
मोबाइल वहीं भूल आई.

मेरे प्यारे पाठको, यह पति का दोस्त कहानी पढ़कर आपको आनन्द मिल रहा होगा, ऐसा मैं सोचता हूँ.
अपने विचार मुझ तक पहुंचाएं.
[email protected]

पति का दोस्त कहानी का अगला भाग: तू भी बेवफा मैं भी बेवफा- 5

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