पोर्न भाभी Xxx कहानी में मैंने एक सेक्सी चालू भाभी को पटाकर उसे अपने घर बुलाया. पहले मैंने उसकी चूत जमकर चोदी. फिर मैंने उसकी गांड भी फाड़ी अपने बड़े लंड से!
साथियो, मैं पंकज आपको अपनी सेक्स कहानी में मुहल्ले की दुकान वाली भाभी की चुदाई की बात सुना रहा था.
कहानी के तीसरे भाग
दुकान वाली भाभी की चूत चोदी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं सलोनी भाभी की ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था.
अब आगे पोर्न भाभी Xxx कहानी:
सलोनी मेरे लौड़े से चुदती हुई और जोर से अहह अहह करने लगी और बोलने लगी- आह … और जोर से चोदो … फाड़ दो मेरी चूत को … डाल दो अन्दर तक अपना यह मोटा तगड़ा लंड आह!
उसकी ये सब बातें सुन कर मैं और उत्तेजित होने लगा और मैंने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी.
अब उसकी चूत मक्खन की तरह मेरा लंड अपने अन्दर उतारने लगी थी.
मुझे भी भाभी को चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था.
करीब 4-5 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद वह कराहती हुई झड़ गई और चूत से पानी निकलने लगा.
मैंने सलोनी भाभी की चूत में लंड को फंसाए रखा और उसके पैरों को पीछे धकेलते हुए उसकी चूत को और ऊपर उठा कर मैं उसकी चूत पर उकड़ू बैठ गया.
इस आसन से मेरा लंड बाहर खींचते हुए और कड़ा व मजबूत हो गया था.
चूत के रस से सराबोर लंड में उसकी उभरी हुई रगें अपना शानदार जलवा बिखेर रही थीं.
अब मैं सलोनी की चूत पर सवार था और अपनी गांड को ऊपर उठा उठा कर जोर जोर से लंड पेलने लगा था.
इससे सलोनी दर्द के मारे अपने हाथों से अपने पैरों की पकड़ को छुड़वाने का जतन करने लगी.
पर मैं उसकी जमकर चुदाई किए जा रहा था.
थोड़ी देर में वह भी ढीली पड़ गई और साथ देती हुई अहह अह्ह करने लगी.
मैंने सलोनी को उसके हाथों से उसके पैरों को पकड़ने को कहा.
उसने अपने हाथों से अपने पैर पकड़ लिए.
उसके हाथों के एक्शन में आते ही मैंने अपने हाथों को छोड़ दिया और थोड़ा झुक कर उसके मम्मे मसलने लगा.
आह क्या मज़ा आ रहा था … लंड को चिकनी चूत में सरपट पेलने का मज़ा अलग ही आ रहा था.
साथ में उसके मोटे मम्मों को दबाते हुए … और पकड़ कर खींचते हुए, चूत पर धक्के लगाने का मज़ा ही अलग था.
यार सच में … मुझे बहुत मजा आ रहा था.
क्या लुगाई चोदने को मिली थी … मैं अपने लौड़े के नसीब पर इतरा रहा था.
मैं भाभी की चूत में लंड को और तेजी से घुसेड़ कर उसकी चुदाई करने लगा था.
पूरे कमरे में बेड की चरर मरर चरर मरर की आवाज के साथ सलोनी भाभी की अहह्हा अहह्हा … और इसकी के साथ तीसरी चुदाई की फच्च फच्च की मीठी आवाज़ गूंजने लगी थी.
दस मिनट तक यूं ही चूत में लंड पेलने के बाद भाभी फिर से झड़ गयी.
उसने अपने हाथ हटा लिए और पैर पसर गए.
इसी वजह से मेरा लंड बाहर निकल आया था मगर वह अभी भी चुदाई के लिए गुर्रा रहा था.
मैंने भाभी से डॉगी स्टाइल में सैट होने के लिए कहा.
सलोनी धीरे से कराहती हुई बेड पर कोहनी के बल झुक गई और अपने घुटने बिस्तर पर टेक कर कुतिया बन गई.
मैंने उसकी पीठ पर हाथ रखा और उसकी पीठ को दबाते हुए गांड को उठाने के लिए इशारा किया.
साली रांड ने मचलते हुए अच्छे से अपनी गांड हिलाई और चूतड़ ऊपर को उठा कर बाहर निकाले.
उसकी मस्त गुब्बारे जैसी गांड मेरे सामने थी.
मैंने अपने हाथ के पूरे पंजे से उसकी गांड पर हल्के से एक थप्पड़ मारा और सहलाने लगा.
उसको भी इसमें मजा आ रहा था.
अब मैं कभी इस चूतड़ पर हाथ मारता, तो कभी दूसरे पर!
उसको मजा आ रहा था और वह हंसती हुई आह आह कर रही थी.
कुछ 10-15 थप्पड़ों के बाद उसकी गांड काटे हुए लाल तरबूज के रंग की सी हो गई.
मेरा मन अभी उसकी गांड मारने का था.
मुझे पता था कि सीधे पूछने पर वह मना ही करेगी, पर मुझे यह भी पता था कि इस साली की गांड कैसे चोदनी है.
मैंने उसकी चूत को थोड़ी देर तक चाटा, जिससे वह थोड़ा रिलेक्स महसूस करने लगी.
फिर मैंने सलोनी भाभी को डॉगी पोजीशन में ही उसके दोनों पैरों को चौड़ा कर दिया और खुद दोनों टांगों के बीच में सैट हो गया.
नीचे से भाभी की चूत पर लंड को ठप ठप ठप करके मारने लगा.
लंड की हर थाप के साथ वह अह्ह अह्ह आवाज़ निकालती.
मैंने लंड को उसकी चूत पर रगड़ते हुए अचानक से एक ही झटके में अन्दर घुसेड़ दिया और उसकी गांड को दोनों हाथों के साथ खींचते हुए जोर जोर के झटके लगाने लगा.
उसकी बड़ी और गुब्बारे जैसी मुलायम गांड मेरी बॉडी से टच होकर ठप ठप ठप आवाज़ करने लगी.
वह भी अचानक से लौड़े के अन्दर आ जाने से मचल उठी और आह आह करने लगी.
फिर मैंने एक उंगली में बहुत सारा थूक लिया और उसकी गांड के छेद पर रगड़ने लगा.
सलोनी भाभी- आह्हा अहहा … आज तुम मेरी गांड को छोड़ दो … गांड चुदाई कभी दूसरी बार कर लेना … आज रहने दो.
मैं- अरे जानेमन, कुछ नहीं होगा. मैं तो सिर्फ़ तेरी गांड सहला रहा हूँ. अगर तुझे मजा ना आए, तो मना कर देना.
वह चुप हो गई.
मुझे भी उसकी गांड में उंगली डालने से अंदाजा हो गया था कि ये लौड़े को झेल लेगी.
मैं उसकी गांड में एक उंगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.
उसके दोनों छेद भरे होने से उसको एक अलग ही मज़ा आने लगा और वह कुछ ज्यादा उत्तेजित होकर अपनी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी.
उसकी चुदास भी बढ़ने लगी.
थोड़ी देर बाद सलोनी भाभी बोली- ओह पंकज … तुम आज ही मेरी गांड चोद दो … इसमें अपना मोटा लंड डाल कर मेरी चुदाई की तड़प को मिटा दो.
मैंने लंड को चूत में से आराम से बाहर निकाला और कंडोम निकाल कर तेल की शीशी ले आया.
अब मैं उसकी गांड पर हाथ घुमाते हुए किस करने लगा और उसकी गांड में बहुत सारा तेल लगा दिया.
पहले मैंने एक उंगली को अन्दर डाल दिया, फिर दूसरी उंगली आराम से डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.
मेरी दोनों उंगलियों ने उसकी गांड के छेद को हल्का सा चौड़ा कर दिया था.
उस छेद में मैं तेल की पतली धार गिराने लगा, जिससे तेल उसकी गांड के अन्दर जाने लगा.
अब मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और सुपारे पर तेल ज़्यादा सा लगा कर लंड को उसकी गांड के छेद पर सैट कर दिया.
फिर मैंने उसके घुटनों को थोड़े अन्दर खिसकाते हुए दोनों पैरों को थोड़ा चौड़ा कर दिया.
इससे उसकी गांड थोड़ी नीचे को आ गयी और मेरे गोटे उसकी चूत के मुख पर बराबर टच होने लगे.
अभी मैंने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर टोपे के पीछे अंगूठा रखा, जिससे लंड का टोपा उसकी गांड में कायदे से घुस जाए और इधर उधर ना छिटके.
फिर एक हाथ को उसकी पीठ पर रख कर दबाव देते हुए एक जोर सा झटका दिया.
तेल की अधिकता से मेरा लंड 3-4 इंच तक उसकी गांड में घुसता चला गया.
सलोनी भाभी- हाय अम्मा, मेरी गांड फट गई … बहुत दर्द हो रहा है … जल्दी से निकालो अपने लंड को बाहर … मुझे नहीं मरवानी गांड … आह.
मैं उसकी पीठ को सहलाने लगा और एक हाथ से उसकी कमर को टाइट पकड़े रखा ताकि उसके आगे पीछे होने की कोशिश में लंड बाहर ना निकल जाए.
थोड़ी देर तक मैंने लंड को ऐसे ही घुसेड़े रखा और पीठ सहलाना बंद कर दिया.
फिर दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ कर लंड को थोड़ा सा बाहर खींचा और वापस जोर से एक धक्का दे दिया.
इस बार उसकी गांड फटती चली गई और पूरा लंड अन्दर घुस गया.
मैं मज़बूती से उसकी गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर अपने लंड पर खींचते हुए चिपकाए रखे रहा, साथ ही मैं आगे को झुक कर उसकी पीठ पर किस करने लगा.
सलोनी भाभी अपनी आंखों में आँसू भर कर गाली बकने लगी- बहनचोद … मेरी गांड फाड़ दी … निकाल ले अपना लौड़ा … भोसड़ी के आराम से नहीं पेल सकता था. कमीने ने मेरी गांड फाड़ दी. आह मैंने पहले मेरी गांड नहीं मरवायी थी. आह … बहुत दर्द हो रहा है.
वह गाली तो दे रही थी लेकिन अपनी गांड को हटा नहीं रही थी.
थोड़ी देर मैंने लंड को अन्दर ही घुसाए रखा और हल्के से आगे पीछे करने लगा.
कुछ देर बाद सलोनी भाभी भी शांत हो गई और उसको भी गांड मरवाने में मज़ा आने लगा.
वह हल्की हल्की ‘अहह अह्ह’ की सिसकारियां लेने लगी.
मैं भी उसकी पीठ से उठ कर दोनों हाथों से कमर को खींचते हुए धक्के लगाने लगा.
धकापेल करते हुए उसकी गांड की चुदाई से फिर से ठप ठप की आवाज़ रूम में गूंजने लगी.
उसकी बड़ी मटके जैसी गांड मेरे लंड को बहुत मजे दे रही थी.
जब मैं अपना लंड टोपे तक बाहर निकाल कर अन्दर तक पेलता, तो उसके दोनों मुलायम चूतड़ों के बीच मेरा लंड दबते और रगड़ते हुए वापस उसके छेद में अन्दर घुसता, तो कुछ अलग ही मज़ा आने लगता.
यह ऐसा मजा था कि इससे मेरे लंड की गर्मी और बढ़ने लगी.
मैं उसके बालों को पकड़ कर खींचते हुए जोर जोर से गांड चोद रहा था.
कुछ 6-7 मिनट में सलोनी की गांड मेरे लंड को लेकर चौड़ी हो गई और गांड का गोदाम बन गया था.
मुझ पर उसकी गांड की चुदाई से एक अलग ही नशा चढ़ गया था.
मैंने उसके बालों को छोड़ दिया और आगे झुक कर उसके हाथों को कोहनी से पकड़ कर पीछे खींचते हुए उसको उठा लिया.
पोर्न भाभी Xxx सलोनी अब घुटनों के बल थी, उसके दोनों हाथों की कोहनियों को मैंने सलोनी की पीठ के पीछे पकड़ कर रखा था.
इस वजह से उसका पेट बाहर की ओर आया और गांड एकदम उठ गई.
उसके दोनों चूतड़ आपस में चिपक गए थे जिससे उसकी गांड और टाइट हो गई.
मैंने अपने बदन को कुछ और टाइट किया और अपनी गांड को टाइट करके लंड को थोड़ा बाहर निकालते हुए उसकी गांड मारने लगा.
सलोनी की गांड मुझे पहले से भी ज़्यादा मज़ा देने लगी और मैं उत्तेजित होकर अपनी स्पीड बढ़ाते हुए पूरा लंड बाहर खींच कर अन्दर पेलने लगा.
हर धक्के के साथ में मेरे गोटे उसकी चूत पर चमाट मारने लगे.
इससे सलोनी को भी बड़ा मजा आने लगा.
वह आह आह करने लगी और उस पर एक अलग ही नशा छा गया.
थोड़े टाइम के बाद सलोनी भाभी ऐसे लड़खड़ाने लगी, जैसे उसमें अभी कुछ ताकत ही नहीं बची हो.
पर मैंने उसको कसके पकड़ा हुआ था और अपनी फुल स्पीड से गांड मार रहा था.
रफ़्तार के साथ लंड को उसकी गांड की गहराई तक पेलने से ठप ठप ठप की आवाज़ कुछ और बढ़ गई थी.
साथ में उसके बड़े बड़े मुलायम गुब्बारे जैसी गांड पर चुदाई के झटके से एक लहर बनने लगी.
कुछ देर के बाद मैं भी झड़ने को आया और 4-5 टाइट झटकों के साथ उसकी गांड को कसके चिपकाते हुए चरम पर आ गया.
उसी वक्त मुझे लगा कि माल अब नहीं रुकेगा.
तो अपने लंड को और अन्दर डालने की कोशिश करते हुए मैंने पूरा माल भाभी की गांड के अन्दर ही गिरा दिया.
झड़ने के बाद मैं लंबी लबी सांसें लेने लगा.
मैंने सलोनी भाभी को ढीला छोड़ा और वह बेड पर वैसे ही गिर गई.
मैं भी उसकी गांड में लंड घुसाए हुए ही उसके ऊपर पड़ा रहा.
फिर एक बाजू हट कर हम दोनों वैसे ही बेड पर शिथिल अवस्था में पड़े रहे.
करीब 15 मिनट बाद हम दोनों उठे और उसने मुझे गले लगा लिया.
मैंने उसको सम्भाल कर उठाया और नंगा ही रसोई में चला गया.
उसने आराम से अपने कपड़े पहने और इतने में मैंने चाय बना ली.
हम दोनों ने चाय पी और थोड़ा नाश्ता किया.
मैंने टाइम देखा तो 2 घंटे निकल गए थे.
सलोनी भाभी- अब मुझे जाना पड़ेगा, नहीं तो घर पर शक हो जाएगा.
मैं- फिर कब आओगी … मेरे इस फ्लैट पर कोई नहीं आता. जब भी मन हो बेझिझक आ जाना.
सलोनी भाभी मुस्कुराती हुई- हां मेरे राजा, अब तुम्हारे लंड की आदत जो लगी है. अब यहीं पर रंडी की तरह आकर चुद लिया करूंगी. अब तुम बाहर देखो कि रास्ता साफ है तो मैं जाऊं!
मैंने बाहर देखा कि कोई है तो नहीं.
कोइ नहीं था तो सलोनी भाभी अपने पल्लू से मुँह को ढक कर चली गई.
उससे ठीक से चला नहीं जा रहा था; वह अपनी टांगों को फैला कर चल रही थी.
मैं समझ गया कि आज साली रांड की मस्त ठुकाई हुई है.
दोस्तो, आपको मेरी पोर्न भाभी Xxx कहानी अच्छी लगी होगी.
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