फ्रेंड मॅाम हॉट कहानी में मेरा एक नया दोस्त बना. उससे सेक्स की बातें होने लगी. मैंने उसे बताया कि मैं अपनी बहन को चोदता हूँ. तो उसने बताया कि वह अपनी मम्मी की चुदाई करता है.
प्यारे दोस्तो, मैं आपका दोस्त समर्थ!
मेरी पिछली कहानी थी: जवान मौसी की चुदाई झाड़ियों में की
आज मैं एक बार फिर एक और सच्ची फ्रेंड मॅाम हॉट कहानी के साथ हाजिर हूँ.
मैं एक ऑडिट फर्म में मुंबई में जॉब कर रहा हूँ.
हमारे बॉस के एक दोस्त थे, जिनका गुड़गांव में बहुत बड़ा मॅन्यूफॅक्चरिंग प्लांट था.
मेरे बॉस ने मुझे इंटरनल ऑडिट के लिए वहां भेज दिया.
यह बात अक्टूबर 2018 की है.
उधर मेरे रहने और खाने का इंतजाम आदि भी कर दिया गया था.
मैं जब दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा तो मुझे लेने के लिए कंपनी के मालिक खुद आए थे.
उनके साथ एक लड़का भी था.
उसका नाम समीर था.
वह मुझसे दो साल छोटा था.
कंपनी के मालिक का नाम देवेंद्र था.
देवेंद्र जी ने मेरा स्वागत करते हुए कहा- आइए सैम, आपका दिल्ली में स्वागत है.
मैंने कहा- थैंक्स सर.
देवेन्द्र- इनसे मिलिए, ये समीर हैं. हमारी फैक्ट्री के इंचार्ज. आपको किसी भी चीज़ की आवश्यकता हो, तो आप इनको बता सकते हैं.
मैंने समीर की तरफ हाथ बढ़ाते हुए कहा- हैलो समीर, मेरा नाम समर्थ है.
समीर- हैलो सर.
मैंने कहा- आप मुझे सर न कहें केवल सैम कह सकते हैं.
समीर- ओके सर.
मैंने कहा- नो सर.
समीर- ओके सैम.
देवेन्द्र- सैम, मैं रास्ते में उतर जाऊंगा, इसलिए तुम्हें बता दूँ कि तुमको कंपनी के खाते 2016 से आगे के चैक करने है क्योंकि हमको तभी से अब तक के रिटर्न भरने हैं और ये सब आने वाली 31 मार्च से पहले ही जमा करने होंगे.
मैंने कहा- ओके सर.
देवेन्द्र- समीर, मुझे घर छोड़कर तुम सैम के साथ कंपनी वाले फ्लैट में चले जाओ और वहां से घर चले जाना … और हां इस बात का ध्यान रखना कि सैम को किसी भी चीज़ की कमी ना हो, वह मुंबई वाला है.
समीर- आप चिंता न करें सर … मैं सब देख लूँगा.
मैंने कहा- थैंक्स सर.
समीर ने देवेन्द्र सर को घर छोड़ा और हम दोनों कंपनी द्वारा प्रदत्त घर में पहुंच गए.
कंपनी ने मेरे लिए एक पूरी तरह से सुसज्जित एक कमरे का फ्लैट तैयार रखा था.
मैंने अपने बैग्स बेडरूम में रखे और पूरे घर का निरीक्षण करने लगा.
समीर- सैम आपके पास मेरा नंबर है. आपको किसी भी चीज़ की जरूरत हो, तो मुझे कॉल कर लेना.
मैंने कहा- मेरे खाने का क्या प्रबंध है?
समीर- हां, खाने का ये है कि आप कैंटीन से कुछ भी खाना मंगवा सकते हो और अगर बाहर के खाने का मन करे, तो इधर से आगे निकल कर कुछ फ़ास्ट फूड सेंटर्स और रेस्टोरेंट आदि भी हैं.
मैंने कहा- ओके समीर अब आप घर चले जाओ.
कुछ और बात करने के बाद समीर चला गया और मैंने अपना रूम सैट किया.
उसके बाद मैंने अपना डिनर कैंटीन से मंगवा लिया.
उसका खाना काफ़ी अच्छा था.
मुझे भूख भी काफी तेज लग आई थी तो मैंने खाना खाया और लेट गया.
अगले दिन सुबह 07.30 बजे मैं ऑफिस के लिए रेडी हो गया था.
मैंने समीर को फोन लगाया, मैंने कहा- हैलो.
सामने से किसी महिला की आवाज़ आई- हैलो जी!
मैंने कहा- समीर है?
वे- समीर नहा रहा है, आप कौन बोल रहे हैं?
मैंने कहा- मैं समर्थ उसका दोस्त बोल रहा हूं. आप कौन हैं?
वे- मैं समीर की मॉम बोल रही हूँ.
मैंने कहा- कैसी हो आंटी आप?
वे- मैं ठीक हूँ. समीर बता रहा था तुम्हारे बारे में कि तुम कल ही मुंबई से आए हो!
मैंने कहा- हां आंटी.
आंटी- लो, समीर से बात करो.
‘हैलो सैम, मैं 20 मिनट में तुम्हें पिक करता हूं.’
मैंने कहा- ओके मैं तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ.
मैंने फोन कट कर दिया और कुछ ही देर में समीर आ गया.
हम दोनों ऑफिस पहुंच गए.
कुछ ही दिनों में मैं और समीर बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे.
मैं अक्सर शाम के समय वॉकिंग और जॉगिंग के लिए हाइवे पर जाता था और उसी से रोजाना समीर की मॉम से बात करता था.
एक शुक्रवार को मैं और समीर मेरे रूम पर बैठे बातें कर रहे थे कि अचानक मैं उठ कर किसी के फोन आने से उससे बात करने लगा और बात करते करते मैं समीर से थोड़ा दूर हट गया.
उधर समीर के हाथ से मेरे कंप्यूटर का एंटर बटन दब गया और मेरे डेस्कटॉप का मॉनिटर ऑन हो गया.
स्क्रीन पर अन्तर्वासना की एक स्टोरी नुमाया हो गई थी जिसे मैं समीर के आने से पहले पढ़ रहा था.
उस सेक्स कहानी में एक लड़का अपनी ही मॉम को गोवा के बीच पर चोदता है.
समीर उस सेक्स कहानी को बड़े ध्यान से पढ़ने लगा था.
मैंने उसे सेक्स कहानी पढ़ते हुए देख कर कहा- अबे तू भी ये सब कहानी पढ़ता है?
समीर- कभी-कभी फ्री टाइम में ऐसे ही पढ़ लेता हूं. पर यार तुम एक बताओ कि क्या ये सेक्स कहानियां सच्ची होती हैं?
मैंने कहा- मेरा अनुभव कहता है कि सब कहानियां रियल नहीं होती हैं. पर बहुत कुछ सच के आधार पर ही लिखी गई होती हैं.
समीर- तुम्हारा सोचना है कि कुछ लोग अपनी मां और बहनों क़े साथ सेक्स करत हैं?
मैंने कहा- हां ये कोई असंभव बात नहीं है. सभी के अन्दर सेक्स की आग होती है और स्थितियों के अनुकूल होने पर मां बेटे या भाई बहन में सेक्स संबंध बन सकते हैं. क्यों तुझे क्या लगता है?
समीर- पर यह तो समाज की नज़र में ग़लत है!
मैंने कहा- भाई हर समय इंसान समाज के बारे में नहीं सोचता है. फिर यह समाज़ बना भी तो हमसे ही है. समाज में जो बड़े पैसे वाले लोग होते हैं, वे जो भी करें तो चलता है … और हम जैसे छोटे लोग अगर कुछ करें तो हर कोई समाज की धमकी देने लगता है.
समीर- मतलब तेरी नज़र में अगर कोई अपनी बहन के साथ सेक्स करता है तो वह गलत नहीं है?
मैंने कहा- अगर घर की समस्या का समाधान घर में ही किया जाए तो अच्छा है.
समीर- मैं तुम्हारी बात समझ नहीं पाया!
मैंने कहा- देख, वैसे भी तू मेरा बहुत खास और अच्छा दोस्त है इसलिए आज मैं तेरे साथ एक बहुत राज़ की बात शेयर करता हूं. मैंने भी अपनी बड़ी बहन के साथ सेक्स किया है और उसे संतुष्टि दी है.
समीर- वो क्यों?
मैं- वो इसलिए क्योंकि उसके पति ने उसे कभी संतुष्ट नहीं दिया था. मेरी बहन की सास अपने बेटे की दूसरी शादी करना चाहती थीं क्योंकि उन्हें जल्द पोता चाहिए था और मेरे जीजाजी का लंड सिर्फ़ 3 इंच का था और वह भी सिर्फ़ दो-तीन मिनट तक ही मेरी बड़ी बहन के साथ सेक्स कर पाता था.
समीर- अरे बस दो मिनट?
मैं- हां, वह मेरी बहन को 02 से 03 मिनट तक चोदता और सो जाता. मेरी दीदी बताती थीं कि उसके पति का पानी पतला होने के कारण उसकी चूत से बाहर निकल जाता था.
समीर- फिर?
मैं- फिर जब मेरी बहन अपने मायके आई तो मेरी मॉम ने उसे सुझाव दिया कि वह मेरे साथ सेक्स करे. मेरी दीदी ने मुझ पर ट्राइ मारी और मैंने उसे जीभर कर प्यार किया और जब उसने अपनी सास और हज़्बेंड को बताया कि वह प्रेग्नेंट है तो वे सब बहुत खुश हुए. आज मेरी दीदी का घर बहुत खुशी से चल रहा है. मैंने उसकी देवरानी को भी चोदा है.
समीर- क्या बात कर रहे हो यार. क्या तुम यह सब सच कह रहे हो?
मैंने कहा- तुझे क्या लगता है कि मैं तेरे साथ मस्ती कर रहा हूँ?
समीर- यार सच में तू और मैं बिल्कुल एक जैसे हैं.
मैंने कहा- क्यों तेरे जीवन में भी कुछ ऐसा ही हुआ है?
समीर- मेरे पापा पिछले तीन साल से सिर्फ़ ओर सिर्फ शराब पीते हैं और वे मेरी मॉम की ओर देखते भी नहीं हैं. फिर मेरी मॉम उनसे 15 साल छोटी भी हैं. वे बिस्तर में अपनी उंगलियों से काम चलाती थीं. क्योंकि पापा के बस का कुछ नहीं था.
मैं- फिर?
समीर- फिर एक दिन हम दोनों ने मिल कर इस समस्या का समाधान निकाला, जो कि घर के घर में ही था. उसके बाद मैंने अपनी छोटी बहन जो कि 19 साल की है, उसको भी संतुष्ट किया है.
मैंने कहा- मैंने पहले मेरी बड़ी बहन और फिर मेरे खानदान की दूसरी महिलाओं के साथ सेक्स किया है.
समीर- मुझे तेरी बहन की पिक्चर देखनी है?
मैंने कहा- हां क्यों नहीं.
मैंने अपने मोबाइल में दीदी की प्रेग्नेंट वाली फोटो को दिखा दिया.
समीर- इनके पेट में यह तेरा बच्चा है?
मैंने कहा- हां उस वक्त बीस दिन तक मेरी बहन हमारे घर रही थी और उन 20 दिनों में मैंने कम से कम 30 बार उसे चोदा और हर बार अपना पानी उसकी चूत में ही डाला था.
समीर- मेरे घर में तो मेरी मॉम, खानदान की बदनामी से बचने के लिए 03 साल से ककड़ी, मूली, गाजर और अपनी उंगलियों से काम चलाती थीं.
मैंने कहा- यार, तेरी मॉम की कोई फोटो है तो बता!
समीर- फोटो क्या बताना है. तुझ उससे मिला ही देता हूं.
मैंने कहा- सच?
समीर- हां इस बार तू मेरे घर चल, हम दोनों मिल कर घर पर मॉम के साथ एंजाय करेंगे.
मैंने कहा- वह कैसे?
समीर- वह सब तू मुझ पर छोड़ दे.
मैंने कहा- यार, तेरी मॉम या बहन को तुम क्या बोलोगे?
समीर- मैंने कहा ना … वह सब तू मुझ पर छोड़ दे. तू सिर्फ़ वीकेंड पर मेरे साथ मेरे घर चल. मैं सब कुछ सैट कर दूंगा.
फिर समीर मेरे रूम से निकल कर मुझे अपने घर ले गया.
अगले दिन शनिवार था और हमारा ऑफिस सिर्फ़ 1.30 बजे तक ही रहता था.
हम ऑफिस से समीर के घर के लिए निकल गए.
समीर और मैं लिफ्ट से उसके फ्लैट पर पहुंच गए.
समीर ने दरवाजे की घंटी का बटन दबाया और मेरे दिल की धड़कनें तेज़ होने लगीं.
फिर कुछ ही सेकंड बाद समीर के घर का दरवाजा खुल गया.
सामने समीर की मॉम थीं.
उन्होंने घर का दरवाजा खोला.
समीर ने उनके पैर छूकर प्रणाम किया.
जैसे ही वह अपनी मॉम के पैर छूने के लिए नीचे झुका उसने मॉम ने उसके सर पर हाथ फेरा.
उनके झुकते ही मेरी नज़रें उनके रसीले मम्मों पर जा पड़ीं.
समीर की मॉम ने बड़े गले का पंजाबी सूट पहना हुआ था.
मेरी नज़रें सीधे समीर की मॉम के बूब्स पर टिक गईं, उनके आधे से अधिक बूब्स कुर्ते के गले से बाहर निकलने को बेताब थे.
उनके बूब्स को देखकर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया और मेरी पैंट में उभार सा बन गया.
मैं अपने होंठों पर अपनी जीभ फेरने लगा.
फिर अचनाक से मुझे आभास हुआ कि उसकी मॉम मेरे फूलते लवड़े को देख रही हैं, तो मैं अपने होश में आ गया.
समीर पैर छूकर अन्दर चला गया था.
उसकी मॉम एक 36 साल की भरे हुए जिस्म की मालकिन थीं.
समीर की मॉम ने एकदम फिटिंग वाला पंजाबी सूट पहना हुआ था. वह एकदम हॉट सेक्स माल लग रही थीं.
उसकी मम्मी की कमीज़ का गला आगे और पीछे दोनों साइड से काफ़ी गहरा था.
समीर की मॉम की कलीवेज इतनी सेक्सी थी कि दिल कर रहा था कि वहीं पर मुठ मार कर अपना पानी गिरा दूँ.
मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया और समीर की मॉम की ओर देखने लगा.
समीर- मॉम यह समर्थ (सम) है, जो मेरे साथ ऑफिस में काम करता है और मुंबई से है.
मॉम- हां उस दिन तुमने फोन पर बताया था. कैसे हो सैम बेटा?
मैंने कहा- मैं ठीक हूँ आप कैसी हो?
मैंने भी आगे बढ़ कर उनके पैर छू लिए.
समीर की मॉम ने मुझे उठा कर अपने गले से लगाया और पूरी शक्ति से मुझे अपने सीने में भींच कर दबा लिया.
मैंने उनकी चूचियों की सख्ती को महसूस किया और उनके गले पर अपनी गर्म सांसें छोड़ दीं.
उन्होंने तो मुझे चूम ही लिया था.
मैंने समीर की ओर देखा, तो समीर हमें मिलवा कर अपने बेडरूम में जा चुका था.
उसकी मॉम के मम्मों का अहसास पाकर मेरा लंड खड़ा होने के कारण समीर की मॉम ने मुझे कुछ ज्यादा ही अपने सीने से सटा लिया था.
मैंने भी समय की मांग को समझा और समीर की मॉम की कमर पर दोनों हाथ रख कर उन्हें अपने जिस्म से सटा लिया.
फिर हल्के से उनकी गर्दन पर किस कर दिया.
धीरे से मैं अपना एक हाथ समीर की मॉम की गांड पर ले गया और उनकी गांड को सहला दिया.
उनकी गांड बहुत सॉफ्ट थी ऐसा लग रहा था मानो मेरे हाथ में आटे की बड़ी सी लोई हो.
गांड दबाते समय मेरा लंड और टाइट हो गया और मैं उनकी गांड को बार बार दबाने लगा.
मेरा हाल बुरा हो रहा था.
अचानक वॉशरूम खुलने की आवाज़ आई और हम दोनों अलग हो गए.
मैं तुरंत आगे बढ़ कर सोफे पर बैठ गया और एक कुशन को उठा कर अपने लंड के ऊपर रख लिया.
समीर की मॉम ने मुझे एक शरारती मुस्कान दी- समीर बहुत प्रशंसा करता है आप की.
मैंने कहा- अरे नहीं आंटी ऐसा कुछ नहीं है और आप मुझे आप नहीं तुम कहें.
मॉम- ओके तुम्हारे माता पिता तुम्हारे साथ इधर नहीं रहते हैं क्या?
मैंने कहा- नहीं, मेरे पिताजी ओर मॉम मुंबई में रहते हैं. आंटी मुझे पानी चाहिए.
मॉम- अरे मैं भूल ही गई. तुम बैठो, मैं तुम्हारे लिए पानी लाती हूँ.
समीर का घर एक कमरे का फ्लैट था पर बहुत बड़ा था.
उसका किचन ओपन किचन था और जब उसकी मॉम पानी का ग्लास ट्रे में लेकर मेरी तरफ आ रही थीं, तो उनके 36 साइज़ के दूध एकदम टाइट थे और मस्ती से थिरक से रहे थे.
समीर की मॉम ने मेरी नज़रों को पढ़ लिया था और उनके चेहरे पर एक कामुक सी मुस्कान थी.
मैंने किसी तरह से अपने आपको कंट्रोल किया और समीर की मॉम पानी के ग्लास वाली ट्रे को टेबल पर रखने के लिए जैसे ही झुकी, उनके बूब्स एक बार फिर से मेरे लंड को खड़ा करने लगे.
समीर अपने बेडरूम में चेंज करने गया था.
मेरा तो बुरा हाल था.
मेरी आंखें आंटी के मम्मों पर चिपक सी गई थीं.
आंटी के बूब्स एकदम गोरे थे.
मैं अपने होंठों पर अपनी जीभ फेरने लगा था.
मॉम- बेटा प्यास लगी है तो पानी पी लो ना!
मैंने कहा- हां आंटी थैंक्स.
मॉम- मुझे इंग्लिश थोड़ी कम समझ में आती है.
मैंने कहा- धन्यवाद.
मॉम- ठीक है बेटा और अगर कुछ और भी चाहिए तो मांग लेना … संकोच नहीं करना. तुम भी मेरे लिए समीर जैसे ही हो और हां इसे अपना ही घर समझना.
मैंने कहा- हां जी आंटी.
मेरी नज़रें अभी भी आंटी के बूब्स पर टिकी हुई थीं.
कुछ समय बाद समीर चेंज करके हॉल में आ गया और मेरे साथ सोफे पर बैठ गया.
समीर ने मुझे भी चेंज करने के लिए कहा और उसने मुझे एक टी-शर्ट व ट्रॅक पैंट दी.
उसने कहा- रूम में जाकर चेंज कर ले और कंफर्टबल हो ज़ा.
मैं रूम में गया और अपनी टी-शर्ट उतार कर मैंने दर्पण में देखा तो समीर की मॉम किचन में से मुझे ही देख रही थीं.
मैंने भी टी-शर्ट के बाद अपनी पैंट भी उतार दी.
अब मैं अंडरवियर को घुटनों तक उतार कर अपने लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगा.
कुछ ही सेकेंड में मेरा लंड एकदम कड़क हो गया.
मैंने शीशे में देखा तो फ्रेंड हॉट मॉम चोरी चोरी मेरे लंड को निहार रही थीं.
अचानक मेरी और उनकी नज़रें चार हुईं.
मैंने देखा कि समीर की मॉम ने अपने होंठों पर अपनी जीभ फेरी और एक हल्की सी सेक्सी सी स्माइल दे दी.
मैं भी अपने लंड को उनकी ओर करके हिलाने लगा.
समीर की मॉम ने मुझे आंखें बड़ी करके ना कहा, फिर मैंने अंडरवियर पहन लिया और ट्रॅक पैंट पहन कर हॉल में आ गया.
दोस्तो, फ्रेंड मॅाम हॉट कहानी का अगला भाग काफी कामुक होने वाला है. आप मेरे साथ बने रहें. अगले भाग में समीर की मॉम की चुदाई की कहानी का मजा आएगा.
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