दोस्त से बीवी को गर्भवती कराया- 2 (Cuckold Wife Extramarital Sex)

ककोल्ड वाइफ एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स की कहानी है यह! एक शौहर बीवी आपस में बहुत प्यार करते हैं पर उनको बच्चा नहीं हो रहा है. तो शौहर ने अपने एक दोस्त की मदद ली.

कहानी के पहले भाग
गर्म बीवी को दोस्त से चुदवाने की तैयारी
में आपने पढ़ा कि जुनैद अपनी सेक्सी बीवी को अपने दोस्त से चुदवाकर गर्भवती करवाना चाहता था क्योंकि वह खुद उसे बच्चा नहीं दे पा रहा था. तो जुनैद ने अपने दोस्त को अपने घर बुलाया और बीवी को गर्म करके दोस्त से चुदवाने के लिए मनाने लगा.

अब आगे ककोल्ड वाइफ एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स:

तबस्सुम का मन तो किया कि कह दे ‘बुला लो मेरे राजा … आज तुम दोनों को निचोड़ दूंगी.’
पर शर्म और हया के कारण तबस्सुम बोली- वह तो मजाक की बात थी. तुम रुको नहीं, बस मुझे चोदते रहो.

जुनैद फिर पीछे पड़ा- साजिद को बुला लेता हूँ.
तबस्सुम बोली- अगर साजिद नहीं आया तो मेरी और फहीजत हो जायेगी.

जुनैद के मुंह से निकल ही गया- वह तो कब से कह रहा था यहाँ आने के लिए … सिर्फ तुम्हारी वजह से!
अब तबस्सुम ने पूछा- तुम्हें ऊपर वाले की कसम … बताओ क्या तुम और सुल्ताना बिस्तरबाजी कर चुके हो?

जुनैद ने उसकी आँखों में देखा और अपना लंड पूरा अंदर पेलते हुए बोला- हाँ … पर साजिद से उसके निकाह से पहले. पर साजिद को यह बात निकाह के बाद मालूम पड़ी. तो बस मैं उसका कर्ज़दार हूँ. अगर तुम्हारी मंजूरी होगी तो सिर्फ एक बार हम तीनों मिल कर बिस्तरबाजी कर सकते हैं.

तबस्सुम की चूत से तो मानो ज्वाला निकल पड़ी.
उसने कहा- आज रात नहीं, कल देखेंगे.
जुनैद बोला- साजिद का पता नहीं, अगर उसका काम निबट गया तो वह कल ही चला जाएगा.
“तो फिर जब ल्ला मिया चाहेंगे तब करेंगे.” कहकर तबस्सुम जुनैद के ऊपर चढ़ गयी और लगी उछलने.

उसका ताबीज़ उसके मम्मों के साथ साथ हवा में लहरा रहा था.

तभी उसे जुनैद ने इशारा किया चुप रहने का.
जुनैद उससे हटकर आहिस्ता से खड़ा हुआ और गेट खोल दिया.

सामने साजिद दरवाजे से कान लगाए खड़ा था.
जुनैद हंस पड़ा और साजिद का हाथ पकड़कर अंदर खींच लिया.

बेड पर तबस्सुम नंगी पड़ी थी, उसने चादर खींच कर अपने को ढाम्पा.

कमरे में लाईट बहुत हल्की थी.

जुनैद ने तबस्सुम से कहा- अब तय तुम्हें करना है कि साजिद यहाँ सोये या अपने कमरे में. कोई जबरदस्ती नहीं.

तबस्सुम सोचती रही.

साजिद ही बोला- रहने दें. मैं अपने कमरे में जाता हूँ. और हाँ मेरा काम का तो बहाना था. मैं तो सिर्फ जुनैद के बुलावे पर तुमसे मिलने आया था. मैं कल सुबह वापिस चला जाऊंगा.

वह वापिस मुड़ा, तभी तबस्सुम बोली- बिना मस्ती किये चले जायेंगे. जुनैद तो बड़ी डींगें हांक रहे थे आपकी मर्दानगी की. हम भी तो देखें कितने जवान मर्द हैं आप … आइये आप दोनों बेड पर!

अब जुनैद और साजिद दोनों बेड पर आ गए.

जुनैद की तहमत तो खुल चुकी थी पर साजिद अभी तहमत और टीशर्ट में था.

तबस्सुम ने फिर उसे छेड़ा- क्यों मियां … क्या सुल्ताना के साथ भी आप इतनी शराफत से पेश आते हैं? ये कपड़ों का बोझ नहीं उतारियेगा?

अब सबकी शर्म खुल चुकी थी.
साजिद ने भी कपड़े उतर फेंके और घुस गया चादर के अंदर.

तबस्सुम बीच में थी और उसके एक और जुनैद था दूसरी और साजिद.
दोनों उससे चिपटे हुए थे.

साजिद उसे चूमते हुए उसकी चूत को सहला रहा था और जुनैद उसके मम्मे चूम रहा था.

जुनैद ने साजिद से कहा- तबस्सुम को चूत चुसवाना और लंड चूसने का बड़ा शौक है.

साजिद ने कहा- मोहतरमा आप बताइये कि किसका मुंह में पहले लेंगी.
तबस्सुम बोली- पहले तो आपका चखूँगी, फिर आप मेरी चखना.
कहकर तबस्सुम ने टांगें खोल दीं.

साजिद नीचे पहुंचकर उसकी टांगों के बीच घुस गया और अपनी जीभ उसकी चूत में कर दी.
तबस्सुम की आहें निकालनी शुरू हो गयीं.

जुनैद ने अपना लंड उसके मुंह में कर दिया.
तबस्सुम कसमसा कसमसा कर जुनैद का लंड चूस रही थी.

उसकी चूत की आग को साजिद ने भड़का दिया था.
वह जीभ के साथ साथ अपनी उंगली भी घुसाए हुए था तबस्सुम की चूत में और उसके दाने को मसल रहा था.

साजिद ने तबस्सुम से कहा- आगे इजाजत हो तो मैं अदर आ जाऊं? अब बर्दाश्त नहीं हो रहा.
तबस्सुम ने जुनैद से कहा- तुम थोड़ी देर रुको, मैं ज़रा तुम्हारे दोस्त का ढीला कर दूं.

कह कर तबस्सुम ने साजिद का लंड मुंह में ले लिया.
साजिद की हालत तो दो मिनट में ही खराब हो गयी.
उसने झटके से अपने को छुड़ाया और बोला- अब कोई लिहाज नहीं. अब देखना मैं तुम्हारी चूत का क्या हाल करता हूँ.

कह कर साजिद ने तबस्सुम की टाँगें चौड़ायीं और पेल दिया अपना मूसल और लगा दमादम पेलने!

तबस्सुम की चीखें निकलने लगी.
उसे आज पहली बार कोई बेरहमी से चोद रहा था.

जुनैद दूर खड़ा उनकी रेलमपेल को देख रहा था.

तबस्सुम ने उसे पास बुलाया और उसका लंड पकड़कर लगी मसलने!

तभी ज़ुनैद ने साजिद से कहा- मैं नीचे लेटता हूँ और नीचे से अपना लंड तबस्सुम की चूत में डालता हूँ. तुम ऊपर से आना इसकी चूत में ही.
तबस्सुम बोली- तुम दोनों तो मेरी चूत फाड़ दोगे. ऐसे नहीं … मैं घोड़ी बन जाती हूँ, एक आगे आ जाओ एक पीछे.

वह घोड़ी बनी, जुनैद का लंड उसके मुंह में था और साजिद ने अपनी औज़ार उसकी चूत में पेल दिया.

साजिद पीछे से धक्के मार रहा था और जुनैद आगे से.
तबस्सुम बीच में फंसी थी.
उसके गले का तावीज़ हवा में लहरें मार रहा था.

साजिद का मन उसके ऊपर चढ़ कर ही चोदने का था तो वह जुनैद से खुशामद करते हुए बोला- यार, थोड़ी तेर मुझे पेलने दे इसे, तू तमाशा देख. फिर तुम पेलना!

जुनैद एक और हो गया और तबस्सुम फिर टांगें फैला कर लेटी.

अबकी बार साजिद ने उसकी टांगें पकड़कर ऊपर हवा में की और ताबड़ तोड़ चुदाई शुरू की.

तबस्सुम जल्दी ही थक गयी, उसके मुंह से झाग निकलने लगा.
पर जो मज़ा उसे आज आ रहा था, वैसा कभी नहीं आया.
वह भी नीचे से उछल रही थी.
उसे लग रहा था कि साजिद का लंड सीधे उसकी बच्चेदानी पर टक्कर मार रहा है.

साजिद ने अपने हाथों में उसके मम्मे पकड़े हुए थे.
तबस्सुम को मालूम था कि अब अगले दो चार दिन उसका एक एक अंग दुखेगा और वह शायद जुनैद के साथ दो चार दिन सेक्स न कर पाए.
पर वह आज की रात को भरपूर जीना चाहती थी.

साजिद भी चोदते चोदते थक गया था, वह हांफते हुए बोला- जुनैद, तू क्या खिलाता है तबस्सुम को? मैंने इतनी दमदार औरत कोई नहीं देखी.

परन्तु अब साजिद और तबस्सुम दोनों का ही होने को था.
साजिद ने पूछा- कहाँ निकालूं?
तबस्सुम ने उसे कस के भींच लिया और बोली- सारा अंदर ही निकालो.

साजिद ने एक झटके में तबस्सुम की चूत अपने माल से भर दी.
तबस्सुम ने उसे छोड़ा नहीं, वह फुसफुसाकर बोली- ऐसे ही पड़े रहो थोड़ी देर!

अब बारी जुनैद की थी.

साजिद उठकर बाहर वाशरूम में गया तो जुनैद चढ़ गया तबस्सुम के ऊपर और लगा रेलम पेल करने.

तबस्सुम थक जरूर गयी थी पर अपने शौहर को उसका हक़ जरूर देना चाहती थी.

साजिद खड़ा उनकी चुदाई देख रहा था.

वह आश्चर्यचकित था तबस्सुम का स्टेमिना देख कर!

जुनैद भी स्पीड से पेल रहा था तबस्सुम को और वह भी उसका साथ दे रही थी.

जुनैद ने भी जल्दी ही अपना सारा माल तबस्सुम की चूत में कर दिया.

तबस्सुम उठी नहीं और वैसे ही लेटी रही.
वह ऊपर वाले से दुआ मांग रही थी कि वह उसकी गोद भर दे.

साजिद अपने रूम में जाने लगा तो तबस्सुम ने हाथ पकड़कर रोक लिया, बोली- तीनों यहीं सोयेंगे आज रात!

इस बात को साजिद मान गया और वह और जुनैद तबस्सुम से लिपटकर सो गये.

सुबह तबस्सुम की आँख चार बजे खुली.
उसे लगा कि उसकी चूत में चीटियाँ चल रही हैं.

उसने आँख खोल कर देखा तो साजिद उसकी चूत चाट रहा था.
तबस्सुम ने जुनैद की और देखा तो वह तो खर्राटे लेकर सो रहा था.

अब तबस्सुम ने अपनी टांगें खोल दीं और मुस्कुराते हुए साजिद को ऊपर आने का इशारा किया.
साजिद लपक कर उसके ऊपर चढ़ गया.

तबस्सुम ने फुसफुसाकर उसके कान में कहा- ज़रा रेल धीरे धीरे चलाना, जुनैद न जग जाए, तुम खूब अंदर तक पेल लगाओ.

साजिद उसके ऊपर मछली सा लेट गया और अपना लंड उसकी चूत में करके उसके मखमली जिस्म पर तैरने सा लगा.
उसका लंड तबस्सुम की चूत में गहराइयों तक पहुँच गया था.

साजिद ने तबस्सुम के मांसल मम्मे अपने मुंह में ले लिए और पूरी ताकत से लंड को और अंदर किया.
तबस्सुम की तो मानो जान ही निकल गयी.

साजिद ऐसे ही करता रहा.
तबस्सुम तो चरमोत्कर्ष पर पहुँच गयी थी.

उसने अपने लम्बे नाखूनों को साजिद की कमर पर गड़ा दिया और उसके होठों को अपने होठों से भींच लिया.

साजिद जल्दी ही खलास हो गया.
अब वह अपने रूम में जाते जाते तबस्सुम से कहता हुआ गया कि ख़ूबसूरती और सेक्स में तबस्सुम का कोई मुकाबला नहीं.

अगले दिन साजिद चला गया.

तबस्सुम और जुनैद बहुत खुश थे.
अंजाम चाहे जो भी हो, पर वह रात उनके लिए एक यादगार रात थी.

दोनों को इंतज़ार था तबस्सुम की माहवारी का.

तबस्सुम ने जुनैद को बताया कि गर्भाधान के लिए उसका ये हफ्ता बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए जुनैद को भी उसकी चुदाई का कोई मौक़ा नहीं खोना चाहिए.
वक्त की बात थी, थोड़ी देर में ही उमेश का फोन आया कि वह जिस कारखाने में यहाँ काम करता था, उन्होंने एक दिन के लिए उसे बुलाया है तो वह कल आयेगा और काम नहीं निबटा तो रात को रुकेगा.

जुनैद ने तबस्सुम को ये बताया और कहा- कल रात को थ्रीसम सेक्स करेंगे.
तबस्सुम चुप रही.

कल साजिद ने उसका अरजा पुर्जा सब ढीला कर दिया था.
चूत तो उसकी सूज गयी थी … पर मज़ा बहुत आया.

तबस्सुम ने दिन में कई बार गर्म पानी के तरेड़े लिए और एक पेन किलर ली.

रात को उसने जुनैद को सेक्स के लिए मना किया और हल्दी का दूध लिया.

हालाँकि उसे अब बहुत आराम था.
पर कल का पता नहीं, क्या होगा.

असल में तबस्सुम गर्भवती होने का कोई मौक़ा खोना नहीं चाहती थी.

अगले दिन दोपहर बाद उमेश का फोन आया कि वह शहर में ही है और शायद रात को वापिस चला जाएगा.

तबस्सुम ने उससे भी इसरार किया जब आये हो तो रुक कर जाना.
और जुनैद को भी सारी बात बता दी.

शाम को जुनैद का फोन आया कि वह और उमेश रात को घर आयेंगे और उमेश रात को रुकेगा.
दोनों रात को घर आये.

नहा धोकर तीनों ने हंसी मजाक के बीच खाना खाया.

उमेश ने जुनैद की निगाह बचाकर तबस्सुम को गहरी चुम्मी दी और पूछा- रात का क्या प्रोग्राम है?
तबस्सुम बोली- कुछ नहीं, खाना खाओ, तुम्हारा कमरा तैयार है, चुपचाप सो जाओ.

उमेश ने कहा- खुशखबरी कब सुना रही हो?
तो तबस्सुम बोली- दुआओं में याद रखना, ल्ला मियाँ ने सुन ली है हमारी!

तीनों देर रात नॉनवेज मजाक करते रहे.
उमेश बोला- मैं अपने कमरे में सोने जा रहा हूँ.

जुनैद ने कहा- ज्यादा नौटंकी मत कर, तीनों यहीं सोयेंगे. आ जा चुपचाप!
उमेश ने तबस्सुम की और देखा तो तबस्सुम जुनैद से बोली- जाने दो इसे, इसका अब मन भर गया है.

जुनैद ने उमेश का हाथ पकड़कर खींच लिया बेड पर और तबस्सुम से बोला- तुम चेंज करके आ जाओ.

तबस्सुम फ्रेश होकर आई और जैसा सुबह जुनैद ने कहा था वह एक फ्रॉक पहन कर आई.
नीचे उसने कुछ नहीं पहना था.

कमरे में आते ही उसने लाईट बंद कर दी.

जुनैद ने उसे बीच में लिटाया.
अब दोनों लड़कों के हाथ उसके जिस्म पर घूमने लगे.

तबस्सुम बोली- चुपचाप सो जाओ, कोई बदमाशी नहीं.

इतने में जुनैद ने उसकी फ्रॉक ऊपर करके उंगली उसकी चूत में घुसा दी.

तबस्सुम की आह निकल गयी.

इधर उमेश ने अपने होंठ तबस्सुम के लबों से भिड़ा दिया और लगा चूमने!
साथ भी उसकी गोलाइयों को भी लपक लिया उमेंश ने.

अब तबस्सुम से भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
उसने हाथ सरकाकर उमेश का लंड तहमत के ऊपर से पकड़ लिया.

जुनैद को अहसास हो गया था कि तबस्सुम भी गर्म होकर लग गयी है.
उसने अपनी तहमत उतार फेंकी और तबस्सुम की फ्रॉक भी ऊपर तक उठा दी.

उमेश ने रही सही कसर पूरी करते हुए अपनी तहमत के साथ तबस्सुम की फ्रॉक भी उतार दी.
अब तीनों निपट नंगे थे.

तबस्सुम के मम्मे दोनों ने बाँट लिए और मुंह में ले लिए. तबस्सुम के हाथों में भी दोनों के लंड थे.

उमेश नीचे खिसका और तबस्सुम की चिकनी चूत में जीभ घुसा दी.
तबस्सुम कसमसा गयी.
उसने जुनैद के होठों को अपने होठों से चिपका लिया और ताबड़तोड़ चूमने लगी.

तबस्सुम आज सेक्स सेशन लम्बा नहीं चाहती थी तो उसने उमेश से कहा- अंदर आ जाओ.

उमेश ने तुरंत उसकी टांगें ऊपर की ओर चौड़ाई और पेल दिया अपना मूसल.
तबस्सुम ने भी अपने को जुनैद से हटाया और चुदाई में उमेश का साथ देने लगी.

उमेश की स्पीड बढ़ती जा रही थी.
तबस्सुम उसे और जोर से करने को उकसा रही थी.
वह चाहती थी कि उमेश का लंड उसकी बच्चेदानी तक पहुंचे.

उमेश की स्पीड बढ़ती जा रही थी.
अब दोनों के मुंह से अश्लील भाषा निकलने लगी.

तबस्सुम ने उससे कहा- तुम्हारी बीवी तो मायके में है. तो मेरी चूत फाड़ोगे क्या?
उमेश भी बोला- इतने दिनों की कसर तो निकालूँगा ही.

अब उमेश का होने वाला था, उसने एक झटके में सारा माल तबस्सुम की चूत में भर दिया और उठकर बाथरूम में चला गया.
तबस्सुम ने जुनैद से कहा- अब इसे अपने कमरे में जाने दो. मेरा अभी नहीं हुआ है, मैं तुम्हारे साथ करुँगी.

उमेश अपने आप ही अपने रूम में चला गया और फिर जुनैद और तबस्सुम ने अपनी पूरी चुदास जम कर शांत की.

आज उनके सेक्स में कुछ अलग बात थी.
तबस्सुम समा लेना चाहती थी जुनैद को अपने अंदर!

वह दिल से शुक्रगुजार थी ऊपर वाले का कि उसने इतना मददगार शौहर उसे दिया ककोल्ड वाइफ एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स की इजाजत देने वाला!
वह जानती थी कि इस समय जुनैद के लिए सेक्स से बढ़कर ये इच्छा है कि कैसे भी, किसी से भी, बस तबस्सुम गर्भवती हो जाये.

और कमाल हो गया … ऊपर वाले ने उनकी सुन ली.
तबस्सुम की अगली माहवारी नहीं हुई.
उन्होंने टेस्ट करवाया तो खुशखबरी थी.

दोस्तो, कैसी लगी आपको ककोल्ड वाइफ एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स की कहानी?
लिखियेगा मुझे मेरी मेल आई डी : [email protected] पर!

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