रियल लव सेक्स कहानी में मुझे अपनी भाभी से प्यार हो गया था पर इस प्यार में वासना भी थी. मैं भाभी को सोच कर मुठ मारता था. आखिर मुझे भाभी के साथ सेक्स का अवसर मिला.
कहानी के पहले भाग
मेरी प्यारी सी भाभी
में आपने पढ़ा कि मेरे भाई की शादी हुई, भाभी की डिलिवरी हुई, भाई नहीं आ सके, मैंने भाभी की सेवा की.
हम लोग घर आ गए.
2 दिन बाद भैया भी घर आ गये।
अब घर में सब खुश थे पर मुझे तो भाभी का नशा होने लगा था इसलिए कई बार तो उनको याद कर के मुठ मारनी पड़ी।
अब आगे रियल लव सेक्स कहानी:
लेकिन जब तक भैया रहें मुझे भाभी के पास जाने का अधिक मौका नहीं मिला।
अब मेरा भतीजा 5 महीने का हो चुका था.
भैया दिल्ली और कोमल अपने घर चली गई थी.
अब भाभी की सेवा के लिए सिर्फ मैं था।
एक दिन सुबह सुबह मैं नहा कर छत पर टहल रहा था.
मैंने सिर्फ अंगोछा (तौलिया) लपेट रखा था.
तभी भाभी छत पर आई.
मुझे देख कर वे मुस्कुराई और मेरे पास आकर खड़ी हो गई.
मैं- क्या भाभी, भैया के आते ही मुझे तो इग्नोर ही कर दिया. सही कहा गया है अपने तो अपने होते हैं, बाकी सब सपने होते हैं.
इस पर भाभी ने मुझे हल्के से चपत लगाई और बोली- बहुत बोलने लगा है, तूने कब खोजा अपनी भाभी को भला?
मैं- मैं तो बस आपको ही खोज रहा हूं रात दिन! अस्पताल में वो दिन … दिन जो आपके साथ गुजरे हैं, उन्हें याद करते करते रातें कटी हैं मेरी!
भाभी- अच्छा जी, इतना भी क्या याद आने लगा था?
मैं- एक चीज हो तो बताऊं … अब तो कभी वैसा मौका भी शायद ही मिले जब आप मेरे सीने पर सर रख कर सोएंगी।
भाभी बोली- बस इतनी सी बात … ठीक है आज मां के सोने के बाद मेरे पास आ जाना!
मैंने तो तुरंत ही भाभी का हाथ पकड़ के चूम लिया और भाग कर नीचे आ गया।
दोस्तो, अब अपने लंड और चूत को तैयार कर लो पानी छोड़ने के लिए!
बेसब्री में दिन गुजरा.
रात हुई सबने डिनर किया, मां सोने गई.
भाभी ने भैया को कॉल पर सर दर्द का बहाना बनाया और जल्दी सोने का बोल दिया.
फिर उन्होंने मुझे व्हाट्स एप पर मैसेज किया- आ जाओ….😘
मैंने भी पूरी तैयारी कर रखी थी, झांटें और बगल के बाल साफ़ कर लिए थे और बॉडी स्प्रे लगा लिया।
मेरी भाभी को डेयरी मिल्क पसंद है इसलिए उनके लिए एक बड़ी वाली डेयरी मिल्क सिल्क ले लिया था.
भाभी के रूम में जाने के पहले मैंने अपना अंडरवीयर उतार दिया केवल निक्कर पहन लिया।
अब मैं भाभी के रूम में हूं.
ब्लू नाइट बल्ब की लाइट में भाभी पलंग पर रेड नाइटी पहने हुए बैठी हैं.
कमरे में अजीब सी मादक गंध फैली हुई है.
मैंने लाइट ऑन की, भाभी उठकर मेरे एकदम नजदीक आईं और बिना कुछ बोले लाइट बंद कर दी.
फिर वे मेरा हाथ पकड़ कर बेड के पास आईं और धीरे से बोली- अभि, ऊपर चढ़ो.
मैं- किसके ऊपर?
भाभी- तुम्हें कहां चढ़ना है?
मैं- आप जहां कह दो?
भाभी- तो आओ ऊपर चढ़ जाओ बेड पर!
यह बोल कर नेहा भाभी खिलखिला कर हंस दी.
मैं चुपचाप बेड पर चढ़ के बैठ गया.
भाभी ने बच्चे को बेड से उठा कर पालने में लिटा दिया और मेरे पास आकर बैठ गईं- अब बोलो, क्या मिस कर रहे थे?
मैं– अपनी प्यारी भाभी को … जो मेरे सीने पर सर रख के सोती थी.
भाभी चुपचाप मेरे सीने पर सर रख के लेट गईं.
अब तक मेरी हालत खराब होने लगी थी.
एक तो भाभी की ये अदाएं … ऊपर से वो नशीली महक … फिर यह नीली रोशनी!
मैं कुछ बोल नहीं रहा था.
भाभी भी चुप थी.
इधर मेरा लंड उनके चेहरे के ठीक सामने खड़ा हो कर निक्कर के बाहर आने को बेचैन हो रहा था.
मैंने जेब से डेयरी मिल्क निकाली और भाभी को बोला- भाभी, ये आपके लिए … आपको पसन्द है ना!
भाभी- वाओ अभि, तुम कितने प्यारे हो!
ऐसा बोल कर वे चॉकलेट खाने को उठने लगी।
तभी उनका हाथ मेरे लंड के ऊपर आ गया!
भाभी– एक तो मुझे दिया, ये दूसरा किसके लिए छुपाया है?
मैं- भाभी, वो चॉकलेट नहीं है!
भाभी– मुझे दिखाओ क्या है?
ऐसा बोल कर उन्होंने अपना हाथ फिर से मेरे लंड पर रख दिया.
मेरा दिमाग एकदम से गनगना गया.
उन्होंने झटके से हाथ हटाया और बोलीं- तू तो एकदम बड़ा हो गया है. ये तो तेरा ‘वो’ है. पर ये ऐसा क्यों हुआ है शैतान?
मैं झेंप गया.
भाभी फिर से सीने पर सर रख के लेट गई और चॉकलेट खाने लगी.
मैं उनकी पीठ और कमर सहलाने लगा.
थोड़ी देर में भाभी बोली- बाबू मुझे अब नींद आ रही है!
मैं बोला- ठीक है तो मैं जाऊं?
वे बोली- नहीं, यहीं सो जाओ ना!
और उन्होंने मुझे जोर से बांहों में भर लिया, उनकी चूचियां मेरे जांघों पर चिपक गई।
मैं भी नीचे सरक आया और भाभी के सामने लेट गया.
उन्होंने अपना एक हाथ मेरे सीने पर रख दिया और प्यारी सी स्माइल दी और आंखें बंद कर ली.
इतना सब होने के बाद कोई हिजड़ा ही होगा जो इससे आगे की ना सोचे.
मैं तो वैसे ही भाभी के साथ प्यार करना चाहता था।
मेरी आंखों में नींद तो थी नहीं … इसलिए मैं भाभी के सोने का इन्तजार करने लगा.
थोड़ी देर बाद भाभी सो गई.
अब मैं अपने काम में लग गया.
मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर लिया.
उनके होंठ एकदम मेरे होंठों के पास थे, उनकी सांसें मेरे होंठों पर लग रही थी.
भाभी की चूचियां मेरे सीने से लगी थी और मेरे हाथ उनकी पीठ और कमर पर चलने लगे.
कुछ देर में मेरी हिम्मत बढ़ने लगी, मैंने भाभी को हल्के से धक्का दिया तो वे सीधी लेट गई.
अब मैंने धीरे से उनकी नाइटी के बटन खोल दिए और उनकी चूचियों पर हाथ फिराने लगा.
ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत में हूं, मुझे बिल्कुल भी डर नहीं लग रहा था.
फिर मैंने अपनी निक्कर नीचे की और लंड को बाहर निकाला.
मैं भाभी का हाथ पकड़ के अपने लंड पर रख कर दबाने लगा.
मेरे मुंह से सिसकारी निकलने लगी.
अब मैं भाभी की नाइटी को ऊपर उठाने लगा और उनकी जांघ पर लंड रख कर रगड़ने लगा.
तभी मुझे झटका सा लगा.
यह क्या … भाभी ने तो पैंटी पहनी ही नहीं है … उनकी चिकनी चूत मेरे सामने खुली पड़ी है.
मैंने धीरे से अपना हाथ उनकी चूत पर रख दिया और हल्के से चूत को फैला कर एक उंगली से बीच में रगड़ने लगा.
भाभी की चूत गीली थी.
यानि भाभी जाग रही थी.
मेरी हिम्मत सातवें आसमान पर पहुंच गई.
भाभी को जगी हुई सोच कर जोश में मैंने भाभी की गीली चूत में एक उंगली धीरे से घुसा दी.
उनके मुंह ‘अ अ आह’ की हल्की आवाज निकली और उन्होंने अचानक से मेरी तरफ करवट ली.
उनकी आंखें अभी भी बंद थीं।
मेरे होंठ नेहा भाभी की होंठों के ठीक सामने थे.
मैंने हिम्मत करके अपने दूसरे हाथ से भाभी की चूची पकड़ कर दबा दी.
भाभी कसमसाई पर उनकी आंखें अभी भी बंद थी.
मैं चाहता था कि भाभी पहल करें.
इसलिए मैंने एक बार पूरी उंगली फिर से चूत के भीतर डाल दी और फिर उंगली निकाल कर उनसे चिपक कर लेट गया.
इधर भाभी भी पूरी गर्म हो चुकी थी.
पर वे झिझक रही थी पहल करने में!
लेकिन 5 मिनट बाद ही उन्होंने अपनी एक टांग उठा कर मेरे ऊपर रख दी और हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ लिया.
जैसे ही उन्होंने मेरा लंड पकड़ा, एकदम से उनके होंठ कांपने लगे.
मैंने देर ना करते हुए उनके होंठों को चूम लिया.
मेरी इस हरकत ने भाभी को पागल कर दिया और उन्होंने मुझे कस के बांहों में जकड़ लिया और मेरे होंठों को चूसने लगीं.
मैं तो जैसे सातवें आसमान पर पहुंच गया- भाभी, ये क्या कर रही हो?
भाभी- अपने छोटे पति को प्यार!
मैं- भाभी …आई लव यू!
भाभी- भाभी नहीं नेहा!
मैं- नेहा आई लव यू!
भाभी- आई लव यू टू अभि!
रियल लव सेक्स की भावना से हम दोनों की सांसें तेज हो गई.
भाभी ने अपनी जीभ मेरे मुंह में ठेल दी, मैं उनकी जीभ को चूस रहा था.
मैं नेहा भाभी की चूचियों को मसल रहा था और भाभी मेरे लंड को सहला रही थी.
थोड़ी देर बाद नेहा उठी और कमरे की लाइट जलाकर खिड़की को बंद कर दिया और अपने सारे कपड़े उतार दिए।
मेरी हाफ वाइफ नेहा मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी.
उनके बड़े-बड़े चूचे और बड़े तरबूज जैसी गांड देखकर मेरा लन्ड पागल हो गया।
तभी भाभी आई, भूखी बिल्ली की तरह मुझको भी पूरी तरह से नंगा कर दिया और मेरे लंड की खाल को नीचे कर के सुपारे को चूसने लगी।
भाभी पूरी तरह से मेरे लौड़े को अपने मुंह में लेने की कोशिश कर रही थी।
आज पहली बार कोई औरत मेरा लंड चूस रही थी.
करीब 10 मिनट चूसने के बाद मेरे लंड ने भाभी के मुंह में माल निकाल दिया, जिसे नेहा ने कुछ तो पिया और कुछ को मेरे लंड पर ही अपने जीभ और होंठों से मल दिया।
माल निकलने के बाद मेरा लंड ढीला होने लगा.
पर भाभी ने मेरे लंड को तब भी चूसना जारी रखा.
लगभग 15 मिनट लगातार चुसाई के बाद मेरा लंड फिर से तैयार हो गया था.
तब मैं प्यारी भाभी के ऊपर चढ़ गया और उन्हें चूमने चाटने लगा.
मैंने भाभी की चूचियों को मसल कर लाल कर दिया, जगह जगह दांत काटने के निशान बना डाले.
तभी भाभी मेरा सर पकड़ के नीचे चूत को तरफ धकेलने लगी.
मैं समझ गया कि मुझे क्या करना है.
मैंने नेहा की कमर के नीचे दो तकिए लगाए और उनकी दोनों टांगों को फैला कर भाभी की चूत को सूंघने लगा.
झांट वाली जगह पर मैंने जीभ से चाट कर किस किया और हल्के से दो उंगलियों से चूत को खोला फिर अपनी जीभ चूत के अंदर डाल दी.
ऐसा लगा मानो भाभी को कुछ हो गया हो … उन्होंने अपनी दोनों टांगों से मुझे जकड़ लिया और अपने हाथों से मेरा सर चूत में दबा दिया.
भाभी जोर जोर से सिसकारी लेने लगी.
उनके मुंह से निकलने वाली ये आवाजें मुझे और पागल बना रही थी.
मैंने एक उंगली भाभी की चूत में घुसाई.
और भाभी के मुंह से आवाज आई- आ आअह हह अभि, इस खजाने का सारा माल चूस ले मेरी जान!
मैं भी उनकी दोनों चूचियां दबाने लगा और वे जोर जोर से सीत्कार लेने लगी।
तब मैंने भाभी के मुंह में अपनी एक उंगली डाल दी जिसे भाभी लंड की तरह ही चूसने लगी.
लेकिन मेरे मन में शैतान था.
यह बात भाभी ने कहां ही समझी होगी.
मैंने उस गीली उंगली को भाभी के मुंह से निकाला और सीधे भाभी की गांड के छेद में दबा दिया.
उफ्फ कितनी कसी हुई गांड है भाभी की!
उंगली अंदर जाते ही भाभी ने कमर ऊपर उठा दी जिससे उनकी चूत मेरे मुंह में धंस गई.
और भाभी के मुंह से ‘उफ्फ आअ ह्ह्ह हम्फ’ जैसी आवाज आने लगी.
5 मिनट गांड में उंगली से चोदने और चूत चाटने में ही भाभी ने अपनी चूत का नमकीन रस मेरे मुंह में निकाल दिया जिसे मैं पूरी तन्मयता के साथ चाट चाट कर पी गया.
फिर मैं उनके बगल में आ कर लेट गया और चूत को सहलाने लगा, चूचियों से खेलने लगा.
भाभी– अभि, आज बता कैसा लगा भाभी का स्वाद?
मैं- भाभी, ये बताने की नहीं फील करने की चीज है!
यह बोलकर मैं भाभी के होंठों पर टूट पड़ा.
फिर मैंने भाभी की चूचियों को जी भर के पिया, उनमें से दूध निकल रहा था जिसका स्वाद थोड़ा नमकीन, थोड़ा मीठा था.
मुझे ये काफी पसंद आया.
मैं- भाभी, आप प्रोमिस करो कि जब तक आपकी चूची से दूध निकलेगा, आप मुझे रोज ऐसे ही चूची पिलायेंगी.
भाभी ने भी बिना किसी नखरे के मेरी बात मान ली.
अब हम 69 की पोज में आ गए.
मैंने अपना मुंह उनकी गुलाबी चूत पर रखा और अपनी जीभ से चाटने लगा.
और वे भी मेरा पूरा लंड अपने मुंह में लेने लगी।
भाभी फिर से गर्म हो गई और बोली– मेरी जान, अब रुका नहीं जाता. अब तो मेरी चूत में अपना लंड डाल दो. कब तक तड़पाने का इरादा है?
मैं चूत के पास अपना लंड लाया, लंड में थूक लगाया और लंड को चूत पर टिका कर रगड़ने लगा.
भाभी उफ्फ उफ्फ करने लगी.
तभी मैंने जोरदार धक्का लगाया और पूरा लंड उनकी चूत में समा गया।
भाभी जोरदार सिसकारी ‘उम्मह ओह मर गई … औहह बस … बबबस’ निकलने लगी।
मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और भाभी को चोदने लगा.
लगातार स्पीड बढ़ती जा रही थी और उनकी सिसकारियां तेज होती जा रही थीं।
मैंने काफी देर उनकी चूत की चुदाई की.
फिर मैंने उनको घोड़ी बनाया, उनकी चूत में अपना लोड़ा सेट किया और जोरदार धक्का लगाया.
पूरा लंड उनकी चूत में समा गया।
आधे घंटे तक लगातार धकापेल चोदाई के बाद भाभी की चूत ने माल फेंक दिया.
अब भाभी को फिर से सीधा लेटा कर मैंने उनकी एक टांग अपने कंधे पर रख कर लंड को चूत में उतार दिया.
दो से तीन मिनट तेज तेज धक्के मारने के बाद मेरे लंड ने भी दम तोड़ दिया.
मैंने जल्दी से लंड चूत से निकाला और भाभी की पेट पर सारा माल निकाल दिया.
भाभी ने अपना चूत और मेरा लंड अच्छे से साफ किया फिर हम लोग एक दूसरे से चिपट कर सो गए.
मैं सोया पड़ा था.
मुझे ऐसा लगा कोई मेरे लंड को सहला रहा है.
मैंने आंखें खोली तो मेरे लंड पर मेरी हाफ वाइफ नेहा का हाथ था.
वे मेरे लंड को हल्का हल्का मसल रही थीं.
जिसकी वजह से मेरी नींद खुल गई.
मैंने भाभी से टाईम पूछा तो वे बोली- सवा पांच बजे हैं.
अब मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मैंने नेहा को अपनी तरफ खींच कर उसके होंठ अपने होंठों में दबा लिए और चूसने लगा.
मेरी हाफ वाइफ नेहा भी मुझे साथ देने लगी.
हम दोनों पांच मिनट तक एक दूसरे के चूसते रहे.
फिर भाभी नीचे जाकर मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
मेरी हाफ वाइफ मेरा लंड को चूस कर गीला भी कर रही थी।
कुछ ही पलों में मेरा लंड छः इंच का लंड कड़क सरिया बन गया था.
बस उसके बाद मैंने भाभी को अपने लंड से पेला।
अब ये हम दोनों का रोज का काम है.
हम दोनों अब भैया की अनुपस्थिति में पति पत्नी की तरह रहने लगे हैं.
आप सब को मेरी सच्ची रियल लव सेक्स कहानी कैसी लगी नीचे कमेंट या मेल में लिख कर बताएं।
धन्यवाद
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