K-Y जैली से गांड मारी मैंने एक जवान लड़की की. गांड मरवाने में दर्द के कारण मैंने के वाय जेली लगाई थी. उसकी भाभी मुझे उसकी गांड मारते देख रही थी.
दोस्तो, मेरा नाम संजय है. मैं जालंधर में रहता हूँ.
मेरे लौड़े का आकार काफी मस्त है यह साढ़े सात इंच लंबा है.
आप सभी का धन्यवाद जो आपने मेरी सेक्स कहानी
ननद भाभी को एक साथ चोदाhttps://www.freesexkahani.com/antarvasna/do-chut-do-gand-ek-sath/
पढ़ी और उसको पसंद किया.
उसमें आपने पढ़ा था कि कैसे मैंने कोमल और मीनू को चोदा और उनकी गांड मारी.
आज आप सबके लिए मैं अपनी दूसरी सेक्स कहानी लेकर आया हूं. जिसमें मैंने K-Y जैली लगा कर कोमल की गांड मारी.
मैंने कोमल की गांड तो मार ही ली थी. मेरा दिल भरा नहीं था, पर मेरी पत्नी के आ जाने के कारण सब बंद करना पड़ा था.
ऐसे ही कुछ दिन निकल गए और मेरी बीवी को पीरियड आ गए, जिसके कारण मैं उसकी चूत नहीं चोद सका.
मेरा लौड़ा तो रोज ही खड़ा हो जाता था.
मुझको ख्याल आया कि क्यों न माली के घर जाया जाए.
मैं सुबह को उसके घर गया तो देखा माली पानी भर रहा है और उसकी बीवी मीनू कपड़े धो रही थी.
माली मुझको आया देख कर बोला- छोटे बाबू … आप मेरे घर … आइए ना!
मैं घर में गया तो देखा कोमल दिखाई नहीं दे रही थी.
तो मैं माली से नए पौधे लेने के बारे में पूछने लगा.
तभी कोमल पेटीकोट में बाथरूम से निकली.
वह बड़ी सेक्सी लग रही थी.
माली मुझको पौधे दिखा रहा था और मैं उसकी बहन कोमल को देख रहा था.
मीनू मुझको देख कर हंस रही थी.
मैंने माली से और पौधे देखने के बारे में पूछा.
तो वह बोला- छोटे बाबू आप थोड़ी देर बैठो, मैं अभी जाकर नए पौधे लाता हूं.
मैंने कहा- ठीक है.
इतने में माली ने मीनू को कहा- साहब को चाय पिलाओ. मैं अभी गया और अभी आया.
मैंने सोचा कि यह यहीं कहीं पास में जाने के लिए कह रहा होगा.
एक बार को तो मन उदास हुआ कि यह भोंसड़ी का हाल की हाल लौट आएगा तो इसकी बहन और बीवी की चूत का मजा कैसे मिलेगा.
मैंने उससे पूछा- नए पौधे लेने किधर जाना है?
वह बोला- यहाँ से थोड़ी दूरी पर मेरे दोस्त की नर्सरी है. उससे बात हुई थी तो उसने बताया था कि उसके पास नई नई पौध आई हैं.
मैंने पूछा- उसकी नर्सरी कितनी दूर है.
वह बोला- बस साब दस मिनट की दूरी पर ही है. मैं अभी गया और अभी आया. आप उसकी नर्सरी की पौध देख कर खुश हो जाएंगे.
मैंने कहा- हां भाई ठीक है. पर तुम आराम से जाओ और आराम से आना. मुझे कोई जल्दी नहीं है. मैं यहीं बैठा हूँ और चाय पीते पीते ही समय बिता लूँगा. तुम बेफिक्र जाओ और आराम से अच्छी अच्छी पौध छाँट कर लाना.
वह ‘ठीक है मालिक.’ कह कर चला गया.
मैं समझ गया कि अब इसे आधा घंटा तो पक्का लगेगा.
तब मैं चारपाई पर बैठ गया.
जैसे ही माली निकला, मैं मीनू के पास जाकर उसके दूध दबाने में लग गया.
मीनू बोली- छोड़ो ना साहब, कोमल अन्दर है. जल्दी से जो करना है कर लो.
मैं फटाफट मैं रूम में घुस गया
उधर देखा तो वह साड़ी बांध रही थी.
मैंने देखा तो मेरा लौड़ा खड़ा हो गया.
तभी मैंने कोमल को पीछे से पकड़ लिया और उसकी साड़ी उतारने लगा.
मैंने गेट भी बंद नहीं किया था.
अब मैंने कोमल को चूमना चालू कर दिया.
धीरे से उसका ब्लाउज भी उतार दिया.
कुछ ही पलों बाद पेटीकोट भी हटा दिया.
वह ब्रा पैंटी में आ गई.
तो मैंने उसके ब्रा पैंटी को भी उतार दिया और उसको नंगी कर दिया.
इसके बाद मैंने बहुत जल्दी से खुद के कपड़े भी उतारे और कोमल को पकड़ कर नीचे बिठा दिया.
मैंने अपना लौड़ा उसके मुँह में डाल कर उसको चूसने को कहा.
कोमल मेरे लौड़ा चूसने लगी.
बस फिर तो मैं कोमल के दूध पकड़ कर जोर जोर से दबाने लगा.
पांच मिनट लौड़ा चूसने के बाद मैंने कोमल को खड़ा किया और कोमल की पीठ के पीछे जाकर लौड़ा उसकी चूत में डाल दिया.
कोमल ‘आई मर गई आह आह …’ करने लगी.
तभी मीनू आ गई.
वह बोली- साहब, आपने मेरे साथ तो ऐसे कभी नहीं किया!
मैं कोमल को वैसे ही चोद रहा था. उसकी बात सुन कर कोमल और मैं हस पड़े.
मैंने मीनू से कहा- तू भी अपने कपड़े उतार दे और आ जा … फिर तुझे भी बता देता हूँ.
मीनू ने अपना घाघरा ऊपर किया और बोली- मेरे साथ ऐसे ही करो.
पर मुझको तो बिना कपड़ों के मजा आता है.
मैंने मीनू से बोला कि अपने कपड़े उतार कर आना है तो आ जा, वरना तेरा घर वाला आ जाएगा … जल्दी कर.
मीनू ने भी कपड़े उतार दिए.
बस फिर क्या था.
मैंने मीनू को घोड़ी वाली स्टाइल में होने को कहा.
उसके घोड़ी बनते ही मैंने उसके मम्मों को एक हाथ से पकड़ लिया और दोनों की चुदाई का मजा शुरू हो गया.
कभी मीनू की चूत में, तो कभी कोमल की चूत में लौड़ा पेलने लगा.
कोमल का हो गया था.
अब मैं मीनू की चूत में पेलने लगा और उसकी के अन्दर झड़ गया.
हम दोनों ने भी जल्दी से कपड़े पहने और बाहर आकर बैठ गए.
तभी माली आ गया.
शुक्र था कि उसने देखा नहीं था.
मैं माली के साथ पौधे देखने लगा.
मैं बड़ा खुश हुआ.
मैं माली से बोला- तुलसी के चार पौधे मेरे घर के पास वाले मंदिर में लगाने हैं. दो गुलाब के, एक नीम का और कुछ फूलों के पौधे भी लगाने हैं.
माली बोला- कब?
मैंने कहा- अभी.
माली खाद व पौधे लेकर मंदिर जाने के तैयार हो गया.
वह मुझसे बोला- चलो साब!
मैंने कहा- तू चल, मैं तेरे पीछे पीछे आता हूं.
वह बोला- ठीक है.
मैं बाईक पर उसके पीछे हो लिया.
मंदिर जाकर मैंने उसको जगह दिखाई.
फिर मैं पुजारी जी से बोला- पुजारी जी, आज ये माली मन्दिर के गार्डन को सुंदर बना देगा.
पुजारी जी ने कुछ नहीं कहा.
माली अपने काम में लग गया.
मैंने माली से पूछा- काम कब तक खत्म हो जाएगा.
वह बोला- दो तीन घंटे तो लग ही जाएंगे साब!
मैंने कहा- ठीक है, मैं जब तक तेरे लिए कुछ खाने को लाता हूँ. तब तक तू काम कर … और हां कहीं जाना मत!
माली बोला- ठीक है.
मैं बाईक से माली के घर आ गया.
कोमल बाहर बाल सुखा रही थी.
मैंने पूछा- तेरी भाभी किधर है?
वह बोली- नहा रही है.
मैं भी कपड़े उतार कर उसके बाथरूम में घुस गया.
मुझको देख कर मीनू डर गई.
फिर मीनू ने मुझको गले लगाया और मैं मीनू को वापस चोदने लगा.
तभी कोमल बाहर से बोली- मुझको भी देखना है.
मैंने बाथरूम का गेट खोल दिया और मीनू को चोदने लगा.
मेरा जैसे ही हुआ, तभी मीनू का भी हो गया.
हम दोनों नहाने लगे.
नहा कर मैं बाहर आ गया.
कोमल मुझको देख ही रही थी.
वह अपनी चूचियां मसल कर मुझे रिझाने लगी.
मैंने बाहर आकर कोमल को किस किया.
मैं नंगा तो था ही.
कोमल बोली- एक बार मेरे साथ और कर लो ना. मेरे नीचे खुजली हो रही है.
इतनी जल्दी मेरे लौड़ा खड़ा नहीं हुआ था.
मैंने बहाना लगा दिया- मुझको तेरे भाई के पास जाना है … फिर कभी चुदवा लेना.
कोमल बोली- मैं और भाभी कल गांव जा रही हैं.
मैंने कहा- वापस कब आओगी?
वह बोली- अब मैं नहीं आऊंगी क्योंकि मेरी मम्मी की तबियत ठीक नहीं है. भाई भी जा रहा है.
मैं उधर से चला गया और समोसे लेकर माली के पास गया तो माली काम कर रहा था.
मैंने उसको समोसे दिए और पूछा- क्या तुम घर जा रहे हो?
वह बोला- हां छोटे साहब!
मैंने पूछा- मेरा काम कौन करेगा?
वह बोला- तीन दिन बाद मेरा छोटा भाई आ जाएगा.
मैंने कहा- ठीक है. कोई दिक्कत नहीं है, पर मुझको ये बता तेरी मम्मी को हुआ क्या है?
वह बोला- उनको पथरी की शिकायत है. वहीं जाकर ऑपरेशन करवाना है.
मैंने कहा- मैं यहीं तेरी मम्मी का इलाज करा दूंगा. तू मम्मी जी को इधर ही ले आ.
वह मान गया और अगले दिन वह अकेला अपनी मम्मी को लेने चला गया.
मैंने भी अगले दिन एक होटल बुक किया रात अपनी वाइफ से बोला कि मैं चंडीगढ़ जा रहा हूँ. परसों तक आ जाऊंगा.
मैं सुबह ही निकल गया और दोपहर को मैं मुँह बांध कर माली के घर गया और दोनों को साथ ले आया.
वे दोनों मेरे लौड़े से चुदने के लिए बेकरार थीं.
मैंने दोनों को नंगी किया और हम तीनों ने एक एक कामवर्धक गोली खा ली.
उसके बाद मैंने कोमल की गांड में K-Y जैली लगाई.
वह कहने लगी- साब शुरुआत में ही दुखाने वाली चुदाई कर रहे हो!
मैंने कहा- इस बार तू पहली बार गांड नहीं मरवा रही है. साथ ही इस बार एक स्पेशल जैली भी लगा रहा हूँ. देखना तुझे बड़ा मजा आएगा.
वह कुछ नहीं बोली और मेरी उंगली से अपनी गांड में K-Y जैली लगवाने लगी.
उसकी गांड में मैंने गांड को सुन्न कर देने वाली जैली लगा दी थी जो शुरू में होने वाले दर्द का अहसास ही नहीं करवाती थी.
फिर जब गांड का छेदा बड़ा हो जाता था तब तक सुन्न करने वाली जैली का असर खत्म होने लगता था.
उस वक्त तक गांड को लंड का मजा आना शुरू हो जाता था.
यही हुआ.
कोमल की कोमल गांड में मैंने जैली लगाई और जब तक उसका असर हो तब तक उसके चूचे मसल कर पीने लगा.
वह जल्दी ही गर्म हो गई और कहने लगी कि अब चोदो.
मैंने उसकी गांड में लंड एक झटके में ही पेल दिया.
उसको दर्द नाम की कोई चीज नहीं हुई.
यह देख कर मीनू खुश हो गई- अरे मालिक यह तो बड़ी अच्छी जैली है. कोमल की गांड में जरा भी दर्द नहीं हुआ.
मैंने जल्दी जल्दी अपना पूरा लंड कोमल की गांड सटासट करना शुरू कर दिया.
और अब कोमल भी आह आह करने लगी थी क्योंकि उसकी गांड से जैली का असर खत्म होने लगा था.
कुछ ही देर बाद कोमल मस्ती से अपनी गांड मरवाती हुई मुझसे जैली का नाम पूछने लगी थी.
मैंने हंस कर कहा- क्यों गांव में किसी और से भी गांड मरवाने का मन है?
वह शर्मा गई.
इसी तरह से मैंने मीनू की गांड भी मारी.
वे दोनों मेरे साथ होटल के कमरे में बिंदास चुदने में लगी थीं.
रात को मैंने उन दोनों को दारू पिला कर नंगी नचवाया और अपने लौड़े से उन दोनों को भरपूर चोदा.
रात को सो गया.
फिर अगली दोपहर तक उन दोनों को मैंने नंगी करके ही रखा और बार बार चोदा.
कोमल को तो बहुत ही ज्यादा चोदा.
उसकी तो चूत भी अन्दर से छिल गई थी, पर मजा बहुत आया.
फिर अगले दिन मैंने उनको घर छोड़ दिया और मैं अपने घर आ गया.
शाम को माली की घरवाली यह कहने आई कि हम घर जा रहे हैं.
पता चला कि उसकी मम्मी नहीं रहीं.
मैं उन दोनों को स्टेशन छोड़ कर घर आ गया.
उस दिन के बाद वे मुझको दुबारा कभी नहीं मिली.
मैं आज भी जालंधर जाता हूँ पर वे नहीं मिलती हैं क्योंकि वे दोनों तब से वापिस ही नहीं आई हैं.
ये तो थी अब तक की एक K-Y जैली से गांड मारने की सच्ची स्टोरी.
अब मैं चंडीगढ़ में जॉब करता हूँ.
चंडीगढ़ में क्या हुआ, अगली स्टोरी में ये भी बताऊंगा.
तब तक के लिए बाय.