ननद भाभी की चूत की चुदाई का खेला (Sexy Chut Ki Chudai Story)

सेक्सी चूत की चुदाई स्टोरी में मेरी ननद बहुत चालू थी. उसने बताया कि उसकी अम्मी यानि मेरी सास भी बहुत चालू चुदक्कड़ थी. तो मैं कौन सी कम थी किसी से!

मेरा नाम हिना है दोस्तो.
मैं एक साल पहले इस घर में बहू बनकर आई थी।

मेरी पहली मुलाक़ात मेरी ननद रबा से हुई थी।
उसके बाद मैं अपनी सास अनाया बेगम से मिली।

मेरी सास तो एकदम मस्त जवान औरत है।
देखने में वह रबा की अम्मी नहीं उसकी आपा लगती है।
उसका सेक्सी बदन देख कर मैं भी हैरान रह गई।

रबा तो थी ही बहुत खूबसूरत … पर सास भी उससे कम खूबसूरत नहीं है।

मेरी ननद एकदम हॉट है तो सास भी उतनी ही हॉट है।

मेरे मन में आया कि अगर मैं मर्द होती तो लौड़ा दोनों के मुंह में पेल देती और फिर दोनों की चूत में लण्ड पेल पेल कर एक साथ चोदती।

फिर जब धीरे धीरे बातचीत शुरु हुई तो आपस में ही बड़े प्यार से बहनचोद, मादरचोद, लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा सब होने लगा।
मैं भी उनके साथ यही सब मस्ती से बोलने लगी।
तो मेरी सास और ननद दोनों बहुत ही खुश गई।

एक दिन सास ने पूछ लिया- बहू, तुम शादी के पहले चुदी हुई थी या नहीं?
मैं थोड़ा रुकी, फिर हिम्मत करके बोली- मैं चुदी हुई थी सासू जी।

उसने मेरे गाल थपथपाये और कहा- मुझे चुदी हुई बहू ही चाहिए थी। तूने मेरी ख्वाहिश पूरी कर दी बहू। मैं भी अपनी शादी के पहले खूब चुदी हुई थी और तेरी ननद बुरचोदी खूब झमाझम चुदी हुई थी अपनी शादी के पहले।

मैं आपको अपनी ननद का एक मजेदार किस्सा सुनाती हूँ:

एक दिन मैं अपनी ननद के साथ बैठी हुई बातें कर रही थी।
हमें कुछ सब्जी लेना था।

अचानक एक सब्जी वाला आ भी गया।
ननद ने उसे रोक लिया।

वह एक मस्त नौजवान गोरा गोरा लड़का था; स्मार्ट और हैंडसम था।
साइकिल पर सब्जी रख कर बेच रहा था।

ननद ने उसे अंदर बुला लिया, साइकिल बाहर खड़ी करवा दी और सब्जी अंदर!
उसने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।

तब उसने पूछा- तुम्हारा नाम क्या है सब्जी वाले? और तुम्हारी उम्र कितनी है?
वह बोला- मेरा नाम रफ़ी है और मैं 24 साल का हूँ।

ननद फिर बड़े गौर से उसे देखने लगी और साथ साथ सब्जियां भी देखने लगी।
मैं भी उसका साथ देने लगी।

मैंने एकाएक पूछा- तुम तो बड़े अच्छे घर के लड़के लगते हो. तो फिर सब्जी क्यों बेचते हो?
वह बोला- मैं सब्जी नहीं बेचता। मैं तो स्टूडेंट हूँ, कॉलेज में पढ़ता हूँ। सब्जी मेरे अब्बू जान बेचते हैं. आज वे नहीं हैं, बाहर गये हैं तो मैं बेचने निकल पड़ा।

तब तक ननद ने पूछा- अच्छा ये बैगन क्या भाव हैं?
वह बोला- कौन से बैगन मैडम? गोल वाले या लम्बे वाले?
ननद हंस कर बोली- गोल वाले तो मेरे पास हैं, तुम लम्बे वाले बताओ?

वह बार बार लम्बे वाले बैगन उठा उठा कर देखने लगी।

मैं ननद के बोलने का मतलब समझ गई।

उसने कहा- बोलो लम्बे वाले बैगन क्या भाव दोगे?
उसने कहा- मैडम, आप जो दे देंगी, मैं ले लूंगा।

ननद मुस्कराकर बोली- अच्छा मैं जो चाहूंगी, वो तुम दे दोगे?
सब्जी वाला बोला- हां जरूर दे दूंगा।

ननद बोली- तो फिर मुझे वो वाला लंबा बैगन दे दो।
उसका इशारा उसके लण्ड की तरफ था।

लड़का थोड़ा समझ तो गया पर पूरी तरह नहीं!
वह बोला- मैं कुछ समझा नहीं मैडम?
ननद बोली- वो बैगन जो तेरे पाजामे के अंदर है. वह भी तो बहनचोद लंबा बैगन जैसा ही है.

तो सब्जी वाले ने बड़ी आसानी से कह दिया- जो पसंद हो, वो ले लो।

ननद ने हाथ बढ़ाया और उसका लण्ड पकड़ कर कहा- मुझे ये वाला बैगन पसंद है।
वह एकदम से बोल पड़ा- अरे मैडम, वो बैगन नहीं, मेरा लण्ड है.
ननद बड़ी बेबाकी से बोली- मुझे तो यही लण्ड वाला बैगन चाहिए रफ़ी!

लड़का थोड़ा शर्मा गया।

वह बोली- अरे यार तुम मर्द हो तो फिर शर्माते क्यों हो? खोल कर दिखाओ न अपना लण्ड वाला बैगन?

ननद ने पाजामे का नाड़ा खोल डाला और हाथ अंदर घुसेड़ दिया।
लड़का भी मूड में गया।

ननद के बड़े बड़े मम्मे खुल गए थे तो उसका लण्ड खड़ा होने लगा।

तब तक मैंने भी अपने दूध दिखाना शुरू कर दिया तो लड़का और गरमाने लगा।

उसके बाद ननद ने एकदम से उसका लण्ड बाहर निकाल लिया।
मैं लण्ड देख कर बोल पड़ी- बाप रे बाप … इतना बड़ा लण्ड? इतना गोरा चिट्टा लण्ड!

ननद बोली- यार रफ़ी, तेरा तो लण्ड भोसड़ी का बड़ा लाजवाब है। मुझे ऐसा ही बैगन अच्छा लगता है। आज मैं तेरे इसी बैगन को अपनी चूत में डाल कर भूनूंगी। आज मैं खाऊँगी तेरे लण्ड जैसा बैगन का भरता! समझ में आया रफ़ी तेरी माँ का भोसड़ा!

यह सुनकर रफी का लण्ड फनफना उठा।

मैंने फिर उसके सारे कपड़े उतार दिये और कर दिया उसे पूरा नंगा!
वह नंगा बड़ा सुन्दर लग रहा था।

मैं भी जोश में थी तो ननद के भी कपड़े उतार कर उसे भी नंगी कर दिया।

ननद का नंगा जिस्म देख कर मैं हैरान हो गई।
वह सच में एकदम ज़न्नत की हूर लग रही थी।
क्या मस्तानी चूचियाँ थी उसकी! क्या मस्तानी चूत थी उसकी!
उसकी गांड के तो अलग ही जलवे थे।

रफ़ी उसके नंगे जिस्म पर हाथ फिराने लगा।
ननद रफ़ी के लण्ड की चुम्मी लेने लगी, उसे मजे से सहलाने लगी, पेल्हड़ भी चूमने लगी।

तब तक मैंने भी अपने कपड़े उतार फेंकें।
फिर क्या … हम दोनों ननद भौजाई नंगी नंगी उसका लण्ड चाटने लगी।
कभी वह मेरे मुंह में लण्ड घुसेड़ती, कभी मैं उसके मुंह में!

हम दोनों का इस तरह से लण्ड चूसने का पहला मौक़ा था।

वह बोली- भाभी जान, इसका लण्ड मेरे शौहर के लण्ड से बड़ा भी है और मोटा भी है। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है।
मैंने कहा- हां ननद रानी, इसका लण्ड मेरे भाईजान के लण्ड से मिलता जुलता है।

लण्ड चूसते हुए मैंने कहा- किसी दिन मैं इसका लण्ड अपनी सास के भोसड़े में पेलूँगी।

ननद ने कहा- अरे भाभी जान, तेरी सास बुरचोदी बड़ी चुदक्कड़ है। खुल्लम खुल्ला ग़ैर मर्दों के लण्ड पेलवाती है अपनी चूत में!
मैंने पूछा- कभी तूने कोई लण्ड पेला है उसके भोसड़े में ननद रानी?

उसने बताया- हां कई बार पेला है. और उसने भी पेला है लण्ड मेरी चूत में!

मैं यह सुनकर बड़ी खुश हुई कि अब हम तीनों को एक साथ चुदाई का मज़ा लेने से कोई नहीं रोक सकता।

ननद मेरी चूत सहला रही थी, सहलाते सहलाते उसने घुसेड़ दी अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में … और बोली- हायल्ला … तेरी तो चूत भट्ठी की तरह जल रही है भाभी जान!
फिर उसने लण्ड मेरी चूत में रगड़ना शुरू किया।

रफ़ी को ताव आ गया तो उसने गच्च से पेल दिया लण्ड अंदर और चोदने लगा भकाभक मेरी फुद्दी!
उसकी चुदाई देख कर मुझे यकीन हो गया कि उसे चोदने का तज़ुर्बा है।

मैंने पूछा- रफ़ी, तूने किस किस की बुर चोदी है अभी तक?
उसने बताया- मैंने अपनी भाभी जान की, अपनी खाला की बेटी की और एक पड़ोस की लड़की की बुर चोदी है।

मेरा अगला सवाल था- तूने कभी किसी का भोसड़ा चोदा है?
उसने कहा- हां, अपनी फूफी जान का भोसड़ा चोदा है।

उसी जोश में ननद ने पूछा- कभी तूने अपनी माँ के भोसड़े में लण्ड पेला है?
उसने कहा- माँ के भोसड़े में तो नहीं पेला … पर माँ के सामने ही फूफी के भोसड़ा में पेला था लण्ड!

मुझे उससे चुदवाने में बड़ा मज़ा आ रहा था।
मेरी ननद रफ़ी का लण्ड बार बार मेरी चूत से निकाल निकाल कर चाट रही थी।

तब तक रफ़ी ने उसकी चूत में उंगलियां डाली तो पता चला कि उसकी चूत बहुत ज्यादा ही धधक रही है।
रफ़ी बोला- अब मैं तेरी ननद की चूत में लगाऊंगा अपने लण्ड का छौंका! गरम गरम लण्ड पेलूँगा तेरी ननद की चूत में भाभीजान! तड़का लगाऊंगा अपने लण्ड का इसकी चूत में!

वह भी मुझे भाभी जान कहने लगा।
चुदाई में वह इतना मस्त हो गया कि लगता ही नहीं था कि वह हमारे लिए एक अनजान आदमी है।
ऐसा लगने लगा जैसे वह हमारे ही कुनबे का लड़का है।

फिर उसने सच में मेरी चूत से लण्ड निकाल कर ननद की चूत में घुसेड़ दिया।
मैं भी बगल में लेटी हुई चुदवाने लगी अपनी ननद की फुद्दी!

लण्ड घुसा तो ननद चिल्ला पड़ी- उई भाभी जान … फट गई मेरी चूत! बड़ा मोटा है इसका लण्ड। बड़ा दर्द हो रहा है। हाय रे!

और फिर ननद को ज़न्नत का मज़ा आने लगा।
वह बोली- जल्दी जल्दी पेलो लण्ड … फाड़ डालो मेरी चूत! तेरा लौड़ा बड़ा कमाल का है रफ़ी!

फिर वह मुझसे बोली- भाभी जान, यह तो बड़ी अच्छी तरह से चोद रहा है। अब तो मैं अपने सामने अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाऊंगी इससे! तब मुझे और ज्यादा मज़ा आएगा।

ननद की मस्ती देख कर मैं भी खूब उत्तेजित हो रही थी।

रफ़ी को तो ऐसा लगा जैसे उसे चूत लॉटरी में मिल गई हो।
उसने मन में कहा सब्जी बेचते बेचते अगर अनजान लड़कियों की चूत मिल जाए चोदने के लिए तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है?

उसका लण्ड साला हर पल मोटा होता जा रहा था और वह हचक हचक कर हम दोनों की चूत चोदता जा रहा था।
कभी लण्ड मेरी चूत में पेलता तो कभी मेरी ननद की चूत में।

कभी लण्ड मैं ननद के मुंह में घुसेड़ देती कभी ननद मेरे मुंह में!

हम का दोनों का लण्ड से प्यार करना और उसके साथ खेलना रफ़ी को बड़ा अच्छा लग रहा था।

कुछ देर में सेक्सी चूत की चुदाई पूरी हुई, मैं भी खलास हो गयी और ननद भी!

ननद फिर अपना मुंह खोल कर लण्ड का मुट्ठ मारने लगी।
लण्ड ने फिर उगल दिया सारा वीर्य ननद के मुंह में!
और मैंने भी लण्ड का टोपा चाट चाट कर मज़ा लिया।

हम तीनो नंगे बाथरूम में घुस गए।

वहां से निकले तो रफ़ी अपने घर जाने लगा।
ननद बोली- अच्छा रफ़ी, अब अगली बार आना तो अपने दोस्तों को भी लेते आना जिनके लण्ड तेरे लण्ड के जैसे हों।

कुछ देर बाद मेरी सास आ गईं।
मैंने उसे पूरा किस्सा सुना दिया।

वह बोली- अरे बहू रानी, तेरी ननद बुरचोदी सड़क चलते लोगों के लण्ड पकड़ लेती है। तेरी ननद की माँ का भोसड़ा!

तब तक ननद बोली- तेरी सास की बिटिया की बुर भाभी जान … रोज़ रोज़ ग़ैर मर्दों के लण्ड खाता है तेरी सास का भोसड़ा!
मैंने कहा- मेरी भी चूत बुरचोदी आज से ग़ैर मर्दों के लण्ड खाने लगी है।

फिर हम तीनों हंसने लगी।

एक रात मैं सोयी हुई थी.
मेरी सास ने मुझे जगाया और एक झटके में पेल दिया मेरी चूत में अपने ननदोई का मोटा तगड़ा लण्ड!

मैंने कहा- अरे सासू जी ये क्या कर रही हो? संभालने तो दो!
वह बोली- अरे बहू, लण्ड जब तन कर खड़ा हो जाता है तो फिर वह इंतज़ार नहीं करता. मेरे ननदोई का लण्ड बिचारा बड़ी देर से खड़ा खड़ा किसी चूत की तलाश में घूम रहा था। तब तक मेरी नज़र तेरी चूत पड़ी तो मैंने सोचा कि क्यों न इसे तेरी चूत में पेल दिया जाए? तो मैंने पेल दिया! लौड़ा मेरा आजमाया हुआ है बहू रानी, बड़ा मज़ा देगा तुम्हें! चुदवाकर मज़ा ले ले … ऐसा लौड़ा बार बार नहीं मिलता.

मैं लण्ड का इंतज़ार ही कर रही थी तो मजे से चुदवाने लगी।

उस रात को हम दोनों सास बहू ने उनसे खूब चुदवाया।

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी सेक्सी चूत की चुदाई स्टोरी?
[email protected]

लेखिका की पिछली कहानी थी: मैं हूँ बड़ी चुदक्कड़ कामवाली बाई

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