पड़ोसन आंटी के साथ पहला सेक्स

Xxx बिहारी आंटी सेक्स का मजा मुझे दिया मेरे पड़ोस में रहने वाली एक लेडी ने! आंटी बहुत गर्म माल थीं. मैंने उन्हें चोदने के ख्यालों में रहता था. मुझे मौक़ा मिल ही गया.

मेरा नाम अमित है. मैं 26 साल का हूं. मेरी लंबाई 5 फुट 9 इंच है. मेरा लंड 5.5 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है.

यह बात मेरे पहले सेक्स की है जो मुझे मेरी पड़ोसन आंटी के साथ करने को मिला था.
मैं आशा करता हूं कि आपको सेक्स कहानी पसंद आएगी.

बात आज से 8 साल पहले की है. तब मैं नया नया जवान हुआ था.

हमारे पड़ोस में एक बिहार से आई हुई एक फैमिली रहती थी. अंकल, उनकी पत्नी बेटी और बेटा.

वे अंकल टीचर थे, बेटा बाहर नौकरी करता था और बेटी पढ़ती थी.

अंकल की बेटी ज्यादा खूबसूरत नहीं थी पर मेरी पड़ोसन बिहारी आंटी बहुत नमकीन माल थीं.

आंटी ही इस कहानी की नायिका हैं.

उनका रंग एकदम दूध सा गोरा, कद 5 फुट 7 इंच और उनका कातिल फिगर 36-32-38 का था.

वे लोग हमारे मकान के नीचे वाले हिस्से में रहते थे.
मैं अक्सर उनको ऊपर से देख कर मुठ मारा करता था.

जब कभी आंटी झुक कर अपने बगीचे की सफाई करती थीं तो उनके चूचे बाहर की तरफ आ जाते थे.
उनके भरे हुए चूचे देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था.

एक दिन हमारे घर में छोटी सी पार्टी थी. खाना खाने के बाद मैं उन्हें आइसक्रीम देने गया तो उस वक्त आंटी लेटी हुई थीं.

उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी.
मैं रुका रहा और उन्हें देखता रहा.

आंटी भी उठ कर बैठ गई थीं और उनके गहरे गले वाले कुर्ते से उनके आधे चूचे साफ दिख रहे थे.

उनके मदमस्त चूचे देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा था और मेरी पैंट में फूलने लगा था.
वे भी आइसक्रीम को चखती हुई मेरे लंड को देख रही थीं.

उनके साथ मेरा यूं ही खड़ा रहना करीब दस मिनट का रहा.
मुझे इस बात का होश ही नहीं था कि मैं आंटी को भूखी नजरों से देख रहा हूँ और मेरा लंड अपनी औकात दिखा रहा है.

फिर आंटी ने मुझे देख कर एक स्माइल दी तो मुझे कुछ कहने की हिम्मत हुई.

मैंने उनसे कहा- आंटी, मैं आपसे एक बात कहूं, यदि आपको मेरी बात बुरी लगे तो मुझे माफ कर देना और प्लीज घर में मत बताना.
वे मेरे लौड़े को देखती हुई बोलीं- ठीक है, बोलो.

मैं बोला- प्लीज आप इस तरह सामने न आया करो, मुझे आपके बारे में गलत ख्याल आते हैं.
वे हो हो करके हंसने लगीं.

मैंने कहा- आप क्यों हंस रही हैं?
वे बोलीं- कोई बात नहीं, मैं तुम्हारी नादानी पर हंस रही थी. अभी तुम छोटे हो … अपने ऊपर कंट्रोल करना सीखो.

मैं बोला- वही तो नहीं हो पाता है.
वे कहने लगीं- कोई गर्लफ्रेंड बना लो.

मैंने कहा- आप ही बन जाओ.
वे वासना भरी नजरों से मुझे देखने लगीं.
शायद उन्हें मेरे अन्दर एक जवान लंड दिखने लगा था.

वे अपने हाथ पीछे रख कर अपने चूचे तानती हुई बोलीं- मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड क्यों बन जाऊं? तुम्हें मेरे अन्दर ऐसा क्या खास दिखता है!
मैंने कहा- जो आप दिखा रही हैं न … वे ही तो मुझे परेशान करते हैं.

वे बिंदास बोलीं- ओके, तो तुम्हें मेरे बूब्स दिक्कत देते हैं?
मैंने कहा- हां!

Xxx बिहारी आंटी वासना भरी आवाज में बोलीं- तो इन्हें एक बार अच्छे से देख लो, फिर ख्याल नहीं आएगा.
मैं भी उनके चूचे देखते हुए बोला- ठीक है, पर कैसे?

वे बोलीं- क्या कैसे?
मैंने कहा- मैं आपके बूब्स को कैसे देख सकता हूँ? मतलब आपको कोई दिक्कत तो नहीं है न!

वे हंसने लगीं.

मैं उनकी हंसी का मतलब समझ गया और तुरंत आगे आकर उनके कुर्ते को ऊपर करके उन्हें टच करना शुरू कर दिया.

कुछ देर तक आंटी के दूध मसलने के बाद मैं उनसे अलग हो गया.

आंटी अपने कुर्ते को सही करती हुई बोलीं- बस, अब सब ठीक हो जाएगा.

मैं उस दिन बड़ा खुश था.

घर जाकर मैंने मुठ मारी तो काफी आराम मिला.

फिर एक दिन मेरे घर में कोई नहीं था.

मैंने ऊपर से देखा कि आंटी मेरे घर की तरफ आ रही हैं.

तो मैंने जल्दी से प्लान बनाया और मैं कान में हेड फोन लगा कर फोन में ब्लू फिल्म देखने की एक्टिंग करने लगा और कपड़े उतार कर मुठ मारने लगा.

हेडफोन इसलिए लगाए हुए थे कि आंटी आवाज लगाएं तो उन्हें लगे कि इसे हेडफोन की वजह से सुनाई नहीं दिया.

वही हुआ.
उन्होंने आवाज लगाई, मैंने सुना नहीं.

वे मेरे कमरे में आ गईं.
मैं अपने लंड को सहलाते हुए मुठ मारता रहा.
उन्होंने मुझे मुठ मारते हुए देख लिया.

मेरा लंड लोहे की रॉड की तरह पूरा खड़ा था और एकदम चमक रहा था.

वे मेरे कड़क लंड को घूरने लगीं.
उन्हें शायद अनुमान ही नहीं था कि मेरा लंड इतना बड़ा हो सकता है.

इधर मैं तो बस इसी चीज के इंतजार में था कि आंटी मेरे लौड़े पर मोहित हो जाएं.

उन्होंने तेज आवाज देकर पूछा- ये तुम क्या कर रहे हो?
मैंने अचानक से उन्हें देखने की एक्टिंग की और कहा- अरे आप कब आईं … मैं आपको ही याद कर रहा था.

वे बोलीं- मैंने तुम्हें कहा तो था कि कंट्रोल करना सीखो!
मैं कुछ नहीं बोला, बस लंड सहलाता रहा.

वे पास में आईं और मेरे लंड को खुद पकड़ कर हिलाने लगीं.
कुछ ही देर में उन्होंने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया.

मुझे अपना लंड चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था.

वे मेरे लंड के सुपारे को चूस रही थीं और मेरे चूतड़ों पर हाथ से दबाती हुई मेरी गांड के छेद में उंगली कर रही थीं.

मैं तो पागल हो रहा था.

उन्होंने स्पीड बढ़ाई तो मेरे लौड़े ने हार मान ली और लंड का सारा पानी आंटी के मुँह में ही निकल गया.

वे मेरी रबड़ी को स्वाद लेती हुई खा गईं और बोलीं- अब आगे से कंट्रोल कर लेना … ठीक है!

तब वे जाने लगीं.

मैंने पीछे से उनका हाथ पकड़ कर उन्हें अपनी तरफ खींचा और उन्हें बेड पर धक्का देते हुए गिरा दिया.

वे कुछ समझ पातीं, तब तक मैं उन्हें जोरदार किस करने लगा.

वे मुझसे छूटने का प्रयास कर रही थीं, पर मैं उन्हें अब कहां छोड़ने वाला था.

जिस औरत ने मेरे लंड को चूस कर माल खा लिया हो, उसे छोड़ देना तो सबसे बड़ी मूर्खता होती.
मैं आंटी के कपड़ों के ऊपर से ही उनके मम्मे दबा रहा था और अपना लंड उनकी चूत से रगड़ रहा था.

तभी नीचे से आंटी की बेटी की आवाज आई.
उस आवाज से मैं भी ढीला पड़ गया और वे भी मुझे धकेलती हुई अलग होकर जल्दी से चली गईं.

अब ये था कि आंटी को मैं जब तब देख कर चुदाई के इशारे कर देता था और वे भी मुझे जीभ चिढ़ा कर गर्म कर देने वाले इशारे करने लगी थीं.

फिर एक दिन हमारे घर के नल में पानी नहीं आ रहा था.
मैं नीचे पानी लेने गया.

उस समय आंटी कपड़े धो रही थीं.
मुझे देख कर वे अश्लीलता से अपने होंठों पर जीभ फिराने लगीं.

मैं उन पर झपटना चाहता था कि तभी मेरी मम्मी ने मुझे जल्दी से ऊपर आने की आवाज दे दी.

मैंने पानी की बाल्टी भरी और ऊपर आ गया.

मम्मी को पानी दे दिया और अपने लिए वापस एक बाल्टी पानी लेने जाने लगा.

तभी मुझे कुछ याद आया और अपने कमरे में आकर मैंने पहले अंडरवियर उतारा और फिर से पानी लेने गया.

तब तक आंटी के कपड़े भीग चुके थे. शायद उन्होंने जानबूझ कर अपने ऊपर पानी डाल लिया था.

उनकी चूचियां साफ दिख रही थीं. मेरा लंड खड़ा हो गया था.
आंटी पानी की बाल्टी भरने के लिए उठी थीं, मैंने पीछे से अपना लंड उनकी गांड में लगा दिया.

वे बोलीं- कोई आ जाएगा … मत करो.
मैं करता रहा.

वे भी गर्म हो रही थीं.

फिर कुछ देर तक मैंने उनके साथ खेला और वापस ऊपर चला आया.

फिर वह दिन आया, जिसका इंतजार था.

उस दिन मेरे घर में भी कोई नहीं था.
रात को मुझे अकेले ही सोना था और उस दिन आंटी के घर में कोई भी नहीं था.

आंटी को मैच देखना बहुत पसंद था और मुझे भी.
लेकिन उस दिन हमारे टीवी में मैच नहीं आ रहा था तो मैं आंटी के घर मैच देखने चला गया.

हम दोनों मैच देखने लगे.
उसी समय आंटी की सहेली उधर आ गईं और वे भी मैच देखने लगीं.
मुझे उनका आना एकदम ऐसा लगा मानो खड़े लंड पर धोखा हो गया हो.

मैं सोफे पर बैठ गया और आंटी बेड पर बैठ गईं.

कुछ देर बाद मुझे ठंड लगने लगी.
आंटी की सहली भी अपने घर जाने की कह कर उठने लगी थीं.

वे जैसे ही गईं, आंटी ने मुझसे कहा- बेड पर आ जाओ.
अब मैं और आंटी एक ही रजाई में थे.

आंटी के इतने पास आकर मेरा लंड खड़ा होना शुरू हो गया.
मैं धीरे धीरे से लंड हिलाने लगा.

आंटी ने नोटिस किया लेकिन कुछ बोली नहीं.
उन्हें शायद अंदेशा था कि उनकी सहेली वापस आ सकती है.

कुछ देर बाद मुझे नींद आने लगी.
मैं सो गया.

आधा घंटा के बाद आंख खुली तो देखा कि टीवी चल रहा है और आंटी भी सो चुकी हैं.

मैंने मौके का फायदा उठाया और आंटी की गांड में लंड टच करना शुरू कर दिया.
वे गहरी नींद में थीं.

फिर मैंने लंड बाहर निकाला और आंटी के हाथ में पकड़ा कर खुद उनके चूचे पकड़ कर दबाने लगा.

आंटी की जब आंख खुली तो उन्होंने कहा- यह क्या कर रहे हो?
मैं बोला- मुझसे रहा नहीं जा रहा है. मुझे आपके साथ सेक्स करना है.

वे तुंरत मान गईं.
मैंने उनको किस करना शुरू कर दिया.
उनके होंठ बहुत मुलायम थे.

पहले तो मैंने उनको सिर्फ चूमा, फिर जीभ उनके मुँह में डाल दी.
हम दोनों ने पूरे 5 मिनट तक किस किया.

होंठों की चुम्मी के बाद मैंने उनके 36 साइज़ के चूचे चूसने शुरू किए.
उनके चूचों की लचक मुझे पागल कर रही थी.

कुछ ही देर बाद वे मेरे ऊपर चढ़ गईं और नीचे सरक कर मेरा लंड चूसने लगीं.

ऐसा लग रहा था कि उन्होंने काफी समय से सेक्स नहीं किया था.

मैंने भी 69 का पोज बनाया और Xxx बिहारी आंटी की चूत को चाटना शुरू कर दिया.
अपनी चूत चटवा कर वे पागल हो रही थीं.

फिर वे मेरे लंड पर बैठ कर अपनी चूत को रगड़ने लगीं.
तभी मेरे लंड का सारा पानी निकल गया.

वे फिर से लंड खड़ा करने के लिए हिलाने लगीं.
उस वक्त आंटी एक रांड की तरह लंड चूस रही थीं.
इस से मेरा लंड खडा हो गया.

फिर मैंने लंड को उनके मुँह से निकाला और थूक लगे लंड को उनकी चूत में सैट कर दिया.
उन्होंने भी चूत खोल दी थी.

मैंने चूत के छेद में लंड सैट किया और हल्का सा धक्का लगा दिया.

मेरा पूरा लंड उनकी बड़ी सी चूत के अन्दर घुसता चला गया.
वे जवान लंड को अपनी चूत में लेकर पागल हो रही थीं.

पहले मैंने धीरे धीरे धक्के मारे, फिर रफ्तार तेज कर दी.
वे मस्ती में तेज आवाज में चीख रही थीं.

उनकी तेज आवाज से मेरी गांड फट रही थी.
मैंने उनके होंठों को अपने होंठों में दबाया और उन्हें चुप कर दिया.
उधर मेरा लंड अपने काम पर लगा था और मैं आंटी को ताबड़तोड़ चोदता रहा.

फिर कुछ मिनट बाद मैं उनकी चूत में झड़ गया.
आंटी भी झड़ गईं.

उस रात हम दोनों ने 4 बार सेक्स किया और नंगे ही लिपट कर सो गए.

सुबह मेरी आंख खुली तो लंड फिर से तैयार था.
इस बार मैंने आंटी की गांड में लंड पेल दिया.

वे गांड की तरफ से भी खुली थीं. उन्होंने गांड चुदाई का भी मजा लिया.

हम दोनों ने मस्त सेक्स किया और मेरे लंड ने अपना वीर्य आंटी की गांड में ही छोड़ दिया.

यह थी पड़ोसन आंटी के साथ मेरी पहली सेक्स कहानी.

आपको मेरी Xxx बिहारी आंटी सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताइएगा.
[email protected]

About Abhilasha Bakshi

Check Also

Sali aur uski saheli

Sali aur uski saheli

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *