पड़ोसन आंटी ने मुझे पटा कर सेक्स किया

हॉट Xxx आंटी सेक्स कहानी में मुझे मेरे घर के पास रहने वाली आंटी ने मुझे लाइन देने शुरू की तो मैं विचलित हो गया. मैंने आंटी से सीधे पूछ लिया कि वे क्या चाहती हैं.

मेरा नाम साहिल है, मैं राजस्थान के उदयपुर जिले से हूँ.
मेरी उम्र 20 साल है. मेरी हाइट 5.6 है.
और मेरे लंड का साइज औसत है. ये 6 इंच लम्बा है और 2.5 इंच मोटा है.

यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, अगर कोई गलती हो जाए, तो माफ कीजिएगा.
वैसे मैं बाकी लोगों की तरह 9 इंच या 10 इंच भी बता सकता था, लेकिन नहीं, मैं सच ही लिखना पसंद करता हूँ और यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं है.

इस हॉट Xxx आंटी सेक्स कहानी की शुरुआत एक साल पहले हुई थी.

मैं आपको उन आंटी के बारे में भी बता देता हूँ, जिनके साथ ये वाकिया घटित हुआ था.
वे रिश्ते में तो मेरी आंटी लगती हैं लेकिन उनकी उम्र किसी जवान भाभी जितनी ही है.

आंटी का नाम साहिना है और यह नाम काल्पनिक है.
साहिना की उम्र 25 साल है, उनका फिगर का नाप तो सही सही नहीं लिख सकता, तब भी मैं बताने की कोशिश करूंगा.

आंटी की कमर 32 इंच के लगभग होगी और उनकी गांड का तो पूछो ही मत, साली पूरी बाहर को निकली हुई मस्त सुडौल गांड है जिसको देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.

साहिना की हाइट कोई ज्यादा नहीं है. वे 5 फीट या उससे थोड़ी सी ज्यादा होंगी.
वे जब मेरे साथ खड़ी होती हैं तो मेरे कन्धे तक ही आती हैं.

उनके चूचे थोड़े ज्यादा ही बड़े हैं और लटके हुए भी हैं.
शायद उनके पति ने आंटी के मम्मों को खूब दबाया और मसला था.

आंटी के परिवार में उनके पति और बेटी के साथ उनकी सास, ससुर और एक देवर है, वे सब साथ में रहते हैं.

साहिना आंटी का पति नशेड़ी है. वह रोज़ शराब पीकर आता है और उनके साथ झगड़ा करता है.
इसी वजह से साहिना आंटी मेरी तरफ आकर्षित होने लगी थीं क्योंकि मैं कोई नशा नहीं करता हूँ.

आंटी का घर और मेरा घर पास में ही है जिससे वे पूरे दिन मुझे देखा करती थीं.
शायद इसी वजह से एक दिन मुझे उनसे पूछना ही पड़ा कि आप मुझसे क्या चाहती हैं?
मेरे सवाल पर वे कुछ नहीं बोलीं, बस हंस कर चली गईं.

उनकी इस बात से मुझे बहुत गुस्सा आया लेकिन उनका ये देखना बन्द नहीं हुआ.

फिर से एक दिन मैंने उनके घर के पीछे जाकर उनसे पूछा.
वे इधर से अपने कमरे में जाती थीं.

उस दिन उन्होंने कहा- मुझे आप अपना फोन नंबर दो, मैं कॉल पर बताऊंगी.
मैंने आंटी को अपना नंबर दे दिया और चला गया.

बाद में उन्होंने मुझे कॉल करके कहा कि वे मुझे बहुत पहले से पसन्द करती हैं.
मैंने कहा- पहले से मतलब कब से?
आंटी- जब मेरे पति कुवैत गए थे, तब से मैं तुमको पसंद करती हूँ.

फिर मैंने कॉल पर आंटी से थोड़ी देर बात की और फोन रख दिया.
उस दिन के बाद से अब मेरी उनसे लगभग रोज़ बातें होने लगीं.

एक दिन मैं उनसे मिलने का बोलने लगा लेकिन वे मिलने को राजी नहीं थीं क्योंकि वे थोड़ी डरपोक किस्म की औरत थीं.

मैंने एक दिन फोन पर आंटी से कहा- आपकी फटती बहुत है.
वे हंस कर बोलीं- फटती नहीं है. फड़वानी है.

मैंने कहा- हां तो पहले मिलो तो सही तभी तो फाड़ पाऊंगा!
आंटी बोलीं- हां, जल्द ही मिलने की जुगाड़ करती हूँ.

मैंने कहा- आपकी सासु मां कहीं बाहर नहीं जाती हैं?
वे कहने लगीं- हां यार, यही तो दिक्कत है. वे कहीं जाती नहीं हैं.

फिर एक दिन वे मुझसे अपने घर के पीछे अंधेरे में मिलीं.
उस दिन उन्होंने मुझे किस किया और हग किया.
मैंने भी आंटी के चूचों और गांड को खूब दबाया.

इतना ही करने के बाद वे वहां से चली गईं.

उसी दिन मुझे अहसास हुआ कि आंटी के जिस्म में आग दहक रही है.
वे जिस दिन मेरे लौड़े के नीचे आएंगी, तब समझ आएगा कि वे कैसी माल हैं.

इसके बाद आंटी मुझसे ऐसे कई बार मिलीं जिसमें उन्होंने मेरा लंड भी चूसा.
लेकिन मुझे उनको चोदने का मौका और जगह नहीं मिल पा रही थी क्योंकि मेरे घर पर हर वक्त कोई न कोई होता था और उनके घर पर भी लोग होते थे.

आंटी को ज्यादा से ज्यादा एक घंटा का वक्त मिल सकता था, जब मैं उन्हें चोद सकता था.
दोपहर में उनकी सासु माँ सो जाती थीं और उसी वक्त उनकी लड़की भी सोई हुई रहती थी.

हालांकि उस समय आंटी के साथ कुछ भी करने में काफी रिस्क भी था पर तब भी उतनी देर में मैं आंटी के साथ चूमा चाटी और लंड चुसाई का मजा लेता रहा.
कई बार तो समय ज्यादा मिल जाता था तो आंटी मेरे लौड़े को चूस कर उसका रस भी पी लेती थीं.

एक दिन तो ऐसा हुआ कि मैं पहले से काफी उत्तेजित था तो आंटी के मुँह में कुछ जल्दी ही झड़ गया.

उस दिन आंटी ने कहा- आज तुम मेरे चूचे चूसो.
मैंने आंटी की कुर्ती को ऊपर कर दिया और उनकी ब्रा को बिना खोले ही मम्मों से ऊपर चढ़ा दिया.

आंटी के लटके हुए मम्मे उनकी ब्रा में से दब कर ऐसे निकले हुए थे मानो तोतापरी आम निकल रहे हों.

मैं उधर ही रखी एक कुर्सी पर बैठ गया और आंटी को अपने मुँह की तरफ झुका कर उनकी चूचियों को पकड़ कर खींचने लगा.

अंकल ने आंटी की चूचियों को शायद इतना ज्यादा खींचा था कि उन्हें अब अपनी चूचियों को जोर जोर से खिंचवाने में जरा सा भी दर्द नहीं होता था.

वे खुद भी कुछ ज्यादा ही गर्मा गई थीं तो मेरे मुँह को पकड़ कर अपने एक हाथ से अपनी एक चूची को अन्दर तक देने की कोशिश कर रही थीं.

मैं भी उनकी दोनों चूचियों को बारी बारी से अपने मुँह में दबा दबा कर खींचते हुए चूस रहा था.
सच में ऐसा लग रहा था जैसे मैं दो थन वाली गाय के दूध चूस रहा हूँ.

उस दिन आंटी को भी मेरे साथ काफी मजा आया.
उनके मम्मों के साथ खेलने से मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था और मुझे एक बार फिर से आंटी के मुँह में लौड़ा देने का मन किया.

मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी और आंटी की 5 साल की बेटी, जो हमेशा ही उनके या आंटी की सासु के साथ चिपकी रहती थी, उसके बाहर आने की संभावना दिखाई देने लगी थी.

आंटी ने कहा- एक मिनट रुको, मैं अन्दर अपनी बेटी को देख कर आती हूँ. यदि सब ठीक हुआ तो मैं पांच मिनट में ही बाहर आ जाऊंगी और अगले पांच मिनट में मैं न आऊं, तो तुम चले जाना.
मैंने ओके में सर हिला दिया.

आंटी दो ही मिनट में वापस आ गईं.
मैंने आंटी को झटके से घुटने के बल बिठाया और अपना लौड़ा उनके मुँह में पेल दिया.

आंटी ने भी पूरी मस्ती से मेरे लौड़े को चूसना चालू कर दिया था.
वे आज मेरे टट्टे भी सहला रही थीं तो मुझे कुछ ज्यादा ही मजा मिल रहा था.

मैंने आंटी से उस दिन अपने टट्टे भी चुसवाए और लंड का पानी उनके मुँह में छोड़ कर वापस आ गया.

अब हम दोनों काफी कामातुर हो चुके थे और जल्द ही चुदाई के लिए तड़फ रहे थे.
मगर आंटी के घर में उनकी बेटी और सासु के रहने के कारण हम दोनों कहीं बाहर होटल में भी नहीं जा पा रहे थे.

इसी सबके बीच एक दिन हमें सुनहरा मौका मिल गया.
आंटी की बेटी अपनी दादी के साथ कहीं गयी थी.

यह एक काफी अच्छा मौका था और मैं आंटी से दिन में जाकर मिल सकता था.
लेकिन वे उस दिन भी डर रही थीं.

इस वजह से मुझे एक दूसरा रास्ता अपनाना पड़ा.

मेरे एक पड़ोसी दोस्त, जो मुझे भईया बोलता था, उसे मुझे हम दोनों के बारे में बताना पड़ा ताकि जब हम दोनों उनके घर पर मिल रहे हों, तब वह ध्यान रख सके कि कोई घर में आ तो नहीं रहा है.

उस दिन दोपहर में मैं आंटी के घर गया और उनका मोबाइल उस लड़के को देकर कहा- तुम बाहर बैठ कर ध्यान रखना.
तब अन्दर जाकर मैंने दरवाजा बन्द किया और आंटी को पकड़ लिया.

उसके बाद थोड़ी देर तक तो मैं उनके होंठों को चूसता रहा.
इसमें वे भी मेरा साथ देती रहीं.

उसके बाद मैंने उनके और उन्होंने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए.

मैं कई दिनों का प्यासा था, तो सीधे उनके चूचों पर टूट पड़ा, उनको दबाने और चूसने लगा.
कुछ मिनट तक तो मैं उनके दूध चूसता रहा.

उसके बाद मैं थोड़ा नीचे आया और खड़े खड़े ही उनकी चूत में उंगली डाल कर चाटने लगा.
मुझे चूत चाटना बहुत अच्छा लगता है.
चूत चाटने की वजह से आंटी ने एक बार मेरे मुँह में ही पानी छोड़ दिया, जिसको मैंने पी तो लिया लेकिन मुझे वह इतना अच्छा नहीं लगा.

उसके बाद आंटी ने मुझको बेड पर धक्का दे दिया और मेरा लंड चूसने लगीं.
थोड़ी देर तक तो वे मेरा लंड चूसती रहीं जिससे कुछ ही मिनट के अन्दर ही मेरा पानी निकल गया.

मैंने अपने लौड़े का रस उन्हें ही पिला दिया और उन्होंने लंड को चाट कर चमका दिया.
उसके बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और एक दूसरे के अंगों से खेलते रहे.

जल्द ही मैं और साहिना आंटी दोनों काफी गर्म हो गए और मैंने लंड को उनकी चूत पर थोड़ा ऊपर नीचे रगड़ा.
वे उत्तेजित होकर बोलने लगीं कि अब जल्दी से डाल भी दो न … क्यों सता रहे हो.

यह सुनते ही मैंने एक झटका मारा, मेरा पूरा का पूरा लंड एक बार में ही अन्दर चला गया.

आंटी अपने पति से काफी चुदवाती रहती थीं और एक बच्चे की माँ भी थीं.
इसलिए उन्हें लंड लेने में जरा सी भी दिक्कत नहीं हुई।

मैंने आंटी को मिशनरी पोज में दस मिनट तक चोदा और रुक गया.
उन्होंने कहा- अब दूसरे तरीके से करते हैं.

अब वे मेरे ऊपर आकर अपनी चूत में लंड डालकर कूदने लगीं जिससे 5 मिनट में ही वे झड़ गईं.
उसके बाद मैंने आंटी को घोड़ी बनाया और पीछे से उनकी चूत में लंड डालकर चोदने लगा.

कुछ मिनट तक चोदने के बाद मैंने अपना पानी हॉट Xxx आंटी की चूत में ही निकाल दिया.
हमारी ये चुदाई लगभग आधा घंटा तक चलती रही जिसका हमें कोई पता ही नहीं चला.

उसके बाद कुछ मिनट तक हमने आराम किया और कपड़े पहन लिए.

मैं उनके घर से बाहर आ गया.
बाहर आकर मैंने अपने दोस्त से पूछा- कोई आया तो नहीं?
तो उसने कहा- कोई नहीं आया.

वह मुझसे पूछने लगा- अन्दर क्या क्या हुआ?
मैंने उससे कहा- फिर कभी बताऊंगा.

मैं अब थोड़ी देर तक अपने घर की छत पर घूमता रहा ताकि कोई मुझे देखे तो मुझ पर शक नहीं करे.

उसके बाद भी हम दोनों ने कई बार और चुदाई की … मगर फिर कुछ ऐसी परिस्थितियां बनी कि हमारे बीच किसी तीसरे की वजह से गलतफहमी बढ़ती गईं और हम अलग हो गए.

आंटी और मैं अभी भी पास में ही रहते हैं.
लेकिन ना वे मुझसे बोलती हैं और ना मैं उनसे.

हमारा ये रिश्ता 6 महीने तक चला था जिसमें मैंने उनको कई बार चोदा.

आपको यह हॉट Xxx आंटी सेक्स कहानी अच्छी लगी या नहीं … मेल करके मुझे अपनी राय जरूर दें जिससे मैं और कहानियां भी लिख सकूं.
धन्यवाद.
[email protected]

About Abhilasha Bakshi

Check Also

Sali aur uski saheli

Sali aur uski saheli

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *