पड़ोसन भाभी को उन्हीं के घर में चोदा- 2 (Xxx Bhabhi Chudai Kahani)

Xxx भाभी चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरा दिल अपनी पड़ोसन भाभी पर आया. मैंने उनसे दोस्ती करके उन्हें अपना बनाया. एक रात मैंने उनकी ही छत पर उन्हें चोदा.

हैलो फ्रेंड्स, मैं आपका दोस्त शुभ एक बार फिर से अपनी सेक्स कहानी में आपका स्वागत करता हूँ.
Xxx भाभी चुदाई कहानी के पहले भाग
पड़ोसन भाभी पर दिल आ गया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने पड़ोसन दिव्या भाभी की चुत को चाट कर उन्हें उत्तेजित कर दिया था.

अब आगे Xxx भाभी चुदाई कहानी:

अब भाभी मेरा विरोध भी नहीं कर रही थीं और बिना कुछ बोले चुपचाप लेटी हुई थीं. मुझे समझ में आ गया था कि भाभी को अब मजा आने लगा है.

कुछ देर बाद मैंने भाभी के होंठों को अपने होंठों से दबा लिया और किस करने लगा.
मैं अपनी जीभ से उनके पूरे चेहरे को चाटने चूमने लगा.

एक दो पल बाद भाभी भी मेरा साथ देने लगी थीं और मुझे चूम रही थीं.

थोड़ी देर बाद जब मैं भाभी की नाइटी खोलने लगा … तो भाभी मना करने लगीं कि यहां नहीं … नीचे चलते हैं वरना यश बेटा जग जाएगा तो गड़बड़ हो जाएगी.

मैंने अपनी गोद में भाभी को उठा लिया और नीचे उनके बेडरूम में लाकर लाकर बेड पर पटक दिया.

मुझसे रहा नहीं जा रहा था, तो मैंने भाभी की नाइटी को ऊपर से पकड़ कर पूरा फाड़ दिया और ब्रा को भी एक ही बार में खींच कर हटा दिया.
मैंने भाभी को पूरी तरह नंगी कर दिया था.

अब भाभी ऊपर से नीचे तक एकदम नंगी हो चुकी थीं और मैं उनकी मदमस्त जवानी को आंखों से चोदने लगा था.

भाभी ने शर्मा कर अपनी टांगों को भींचा और चुत दबा ली.

मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और उनके बोबों को जोर जोर से निचोड़ने लगा और पीने लगा.
उस वक्त भाभी को मीठा दर्द भी हो रहा था.

तो भाभी हौले हौले से कराह रही थीं- आंहा … आह … हाआ जरा धीरे मसलो न कबसे तेरा इंतजार कर रही थी … आह … शुभ पी लो मेरे दूध चूस लो!
मैंने कहा- भाभी आपने इशारा तो दिया होता … अब तक तो न जाने कितनी बार चुदाई कर चुका होता.

भाभी- इसीलिए तो आज बुलाया था.

मैं समझ गया कि भाभी ने खुद ही बिजली खराब करने की कोशिश की है. मगर वो कुछ ज्यादा ही खराब हो गई है.

भाभी बोलीं- अब देर मत करो … जल्दी से मुझे चोद दो.

इसके बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और अपना लंड भाभी के मुँह के सामने ले गया और भाभी के मुँह में डालने लगा.
भाभी मना करने लगीं- प्लीज़ मुझे ये मुँह में नहीं लेना. मैंने पहले कभी मुँह में नहीं लिया और तुम्हारा ये बहुत बड़ा भी है.

पर मैंने भाभी की एक ना सुनी और लंड जबरदस्ती भाभी मुँह में ठूंस दिया- भाभी एक बार चूस कर तो देखो … मजा न आए तो कहना.
भाभी कुछ जवाब देतीं, इससे पहले मैंने भाभी के बालों को पकड़ा और उनके मुँह को चोदने में लग गया.

लंड को जोर-जोर से उनके मुँह में आगे पीछे करने लगा, मेरा लंड उनके गले तक जा रहा था.
हालांकि इससे भाभी को तकलीफ़ हो रही थी और उन्हें थोड़ी खांसी आने लगी. साथ ही भाभी की आंखों से आंसू आने लगे.

तो मैं थोड़ा रुक गया और लंड को भाभी के मुँह से निकाल दिया.
भाभी मुझे गालियां देने लगीं- कुते हरामजादे … मादरचोद … मैं भी इंसान हूँ कोई रंडी नहीं हूँ.

भाभी के मुँह से गालियां सुनने से मुझे मजा आ गया और मैं भी भाभी को गालियां देने लगा- साली बहन की लौड़ी रंडी … तेरी मां की चुत … छिनाल … इतनी देर से नाटक कर रही थी. अब आई न लौड़े की लाइन पर.

फिर मैंने भाभी को मेरी गोद में उल्टा पटका और भाभी की गांड पर 8-10 थप्पड़ मार-मार कर उनकी गांड को लाल कर दिया.

भाभी इस वक्त मस्त थीं और ‘आह … आह … आह …’ की मादक आवाजें निकाले जा रही थीं.

थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को बेड पर उल्टा पटक कर घोड़ी बना दिया और लंड को भाभी की चुत में सैट करके जोर से धक्का लगा दिया.

भाभी की चुत पहले ही रस निकलने की वजह से पूरी गीली हो चुकी थी तो मेरा लंड एक बार में ही पूरा अन्दर घुस गया और इसी के साथ भाभी की जोरदार चीख निकल गई.

शायद भैया का लौड़ा मेरे लौड़े से छोटा होगा, तभी भाभी को मेरे लौड़े के प्रहार से इतना दर्द हो रहा था.

परंतु मैं नहीं रुका और लगातार जोर-जोर से भाभी की चुत में लंड को पेलते जा रहा था.

भाभी को थोड़ी देर दर्द हुआ … मगर बाद में भाभी का दर्द मजे में बदल गया और भाभी को भी मज़ा आने लगा.

अब भाभी भी अपनी गांड आगे-पीछे कर रही थीं और सेक्सी आवाजें निकाल रही थीं- आह शुभ मजा आ गया … आह चोद माँ के लौड़े … आह और जोर से चोद भोसड़ी वाले … उन्हा मुहाआ!

लगातार दस मिनट तक ताबड़तोड़ चुदाई करने के बाद भाभी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और थोड़ी देर बाद भाभी झड़ गईं.

भाभी की चुत का गर्म लावा मेरे लंड को स्पर्श हुआ … जिससे लंड फच फच की आवाज करते हुए अन्दर बाहर होने लगा.

अभी मेरा रस नहीं निकला था तो मैं लगातार धक्के मार रहा था.

कोई 5-7 मिनट तक भाभी की चुत चोदने के बाद मेरा भी वीर्य निकलने वाला हो गया था.
इससे पहले मैं झड़ता कि भाभी ने बोल दिया- रस अन्दर मत छोड़ना.

मैंने लंड को निकाल कर जल्दी से भाभी के मुँह के सामने कर दिया.
मैं लंड भाभी के मुँह में डालने लगा पर भाभी ने मुँह नहीं खोला.
इससे मेरा सारा लावा भाभी के चेहरे पर, बोबों पर और पेट पर जा गिरा.

मैं निढाल होकर भाभी के साइड में गिर गया.

इस वक्त हम दोनों पसीने में तरबतर हो गए थे.

यूं ही कुछ मिनट लेटे रहने के बाद भाभी बाथरूम में नहाने चली चली गईं … तो मैं भी भाभी के पीछे से बाथरूम में घुस गया.

मैंने भाभी को पीछे से पकड़ लिया और भाभी की गर्दन पर किस करने लगा.

मैं बोला- भाभी एक बार और हो जाए.
मगर भाभी मना करने लगीं, बोलीं- मुझे गर्मी लग रही है, अब रहने दो मुझे नहा लेने दो.

पर मैं कहां मानने वाला था, मैंने बाथरूम का शावर चालू कर दिया और शावर के नीचे भाभी को पटक दिया. उनकी दोनों टांगों को चौड़ा करके लंड को चुत के छेद पर रख कर तेज़ी से लंड को घुसेड़ दिया.

भाभी की एक आह निकली और मैं भाभी को चोदने लगा.

अब भाभी फिर से आहें भरने लगीं- आआह … आआ शुभ और तेज पेलो … आहह … उउऊह..

भाभी की सेक्सी आवाजों से मुझे और नशा चढ़ता जा रहा था और मैं लगातार धकापेल उन्हें चोदता जा रहा था.

करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.

जैसे ही भाभी को पता चला कि मैं उनकी चुत में झड़ गया तो भाभी मुझसे लड़ने लगीं और गालियां देने लगीं- बहन के लौड़े, हरामजादे, मादरचोद अन्दर क्यों झड़ा. मैंने मना किया था ना!
मैंने बोला- साली बहन की लौड़ी रंडी … मुझे पता ही नहीं चला कि मेरा रस कब निकल गया.

उसके बाद भाभी टांगें चौड़ी करके नीचे बैठ कर मूतने लगीं.
उन्होंने अपनी उंगली चुत में डालकर मेरे लंड रस को निकाला और मूत से चुत को साफ़ किया ताकि मेरे वीर्य से कुछ गड़बड़ न जाए.

हालांकि इस तरह से गर्भ नहीं ठहरने की गारंटी तो नहीं होती, तब भी काफी हद तक वीर्य का असर खत्म हो जाता है.

फिर हम दोनों एक साथ बाथरूम में शावर के नीचे नहाने लगे.

मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आया और कपड़े पहन कर छत पर जाकर लेट गया. नीचे गर्मी बहुत ज्यादा लग रही थी.

थोड़ी देर बाद भाभी भी नहाकर नई सफ़ेद नाईटी पहन कर छत पर आ गईं और मेरे बगल में आकर सो गईं.

भाभी व्हाइट कलर की नाईटी में और भी हॉट लग रही थीं और भाभी को देख कर मेरा फिर से मूड बनने लगा था.

मैं भाभी की कमर में हाथ डालने लगा तो भाभी मना करने लगीं- अब नहीं शुभ … मुझे नींद आ रही है.

पर मैं उनकी कहां मानने वाला था … मैं वापस से भाभी के ऊपर चढ़ गया. भाभी के मुँह पर किस करने लगा और बोबों को मसलने लगा.

भाभी मेरा विरोध करने लगी थीं तो मेरा दिमाग़ खराब हो गया.
मैंने बोला- रंडी चुपचाप चोद लेने दे … वरना अभी ये नाइटी भी फाड़ दूंगा.

भाभी चुप हो गई और मुझे चूमने लगीं.
मैंने भाभी की नाइटी को कमर तक उटा दिया.
भाभी ने नीचे पैंटी नहीं पहन रखी थी.

मैंने भाभी को पेट के बल उल्टा लेटा दिया और उनकी गांड चाटने लगा, गांड चटवाने में भाभी को बहुत मजा आ रहा था.
भाभी ने इससे पहले कभी गांड नहीं चटवाई थी.

एक मिनट से भी कम समय में भाभी जोर जोर से आहें भर रही थीं- आह शुभ यू आर सो गुड … आह … आह.

मैंने भाभी को घोड़ी बना दिया और लंड को भाभी की गांड में डालने लगा.

जैसे ही मेरे लंड ने भाभी की गांड को टच किया, तो भाभी फटाफट से हट गईं और गांड मरवाने से इन्कार करने लगीं- तुम चुत मार लो … गांड मरवाने बहुत दर्द होता है. मैंने गांड आज दिन तक कभी गांड नहीं मरवाई.

पर मैं कहां मानने वाला था, मैंने प्यार से भाभी को समझाया- भाभी बस थोड़ा सा दर्द होगा, मैं आराम से करूंगा … अगर आपको दर्द हुआ तो नहीं करूंगा.

फिर क्या था भाभी को मैंने मना लिया और भाभी गांड मरवाने की लिए राज़ी हो गईं.

मैंने भाभी की नाइटी को पूरा उतार दिया और घोड़ी बना कर लंड उनकी गांड में डालने लगा. लंड अन्दर घुस ही नहीं रहा था.

मैंने भाभी से कुछ चिकना पदार्थ मांगा जिससे कि लंड आसानी से गांड के अन्दर घुस जाए.

भाभी ने जानबूझ कर झूठ बोला- चिकना पदार्थ तो नहीं है.
ऐसा उन्होंने इसलिए कहा था ताकि मैं उनकी गांड न मार पाऊं.

मैं समझ गया कि भाभी झूठ बोल रही हैं, तो मैं खुद नीचे किचन में गया और वहां से थोड़ा सा घी एक कटोरी में ले आया.

मैंने भाभी की गांड में अच्छे से घी लगाया और छोटी उंगली से गांड के अन्दर घी लगाया, जिससे उनकी गांड चिकनी हो जाए.

फिर थोड़ा घी लंड पर भी लगा लिया और अब गांड को दोनों हाथों से चौड़ा करके लंड को गांड में सैट कर दिया.

फिर एक़ फायर किया तो मेरा लंड आधे से ज्यादा भाभी की गांड में घुस गया.
दिव्या भाभी दर्द से कहराने लगीं.

वो अपने बेटे के छत पर सोये होने के कारण तेज स्वर में नहीं चिल्ला पा रही थीं.

उस वक्त भाभी को बहुत दर्द हो रहा था, भाभी लंड बाहर निकालने को बोल रही थीं- आह शुभ … मुझे बहुत दर्द हो रहा है … प्लीज़ लंड को बाहर निकालो. प्लीज़ जल्दी बाहर निकालो.

मैं बिना कुछ करे … थोड़ा रुका और भाभी को सहलाने लगा, उनके बोबे दबाने लगा और भाभी की पीठ को चूमने लगा.

थोड़ी देर बाद जब भाभी का दर्द नॉर्मल हुआ तो मैंने एक हाथ से भाभी के मुँह को दबाया और एक तगड़ा शॉट मार दिया.
इस बार पूरा लंड दिव्या भाभी की गांड में अन्दर तक घुस गया.

भाभी की जान निकल गई और वो दर्द से छटपटाने लगीं. भाभी को बहुत दर्द हो रहा था. वो चीखने को हो रही थीं.

मगर मैंने लंड गांड में पेलते ही अपने एक हाथ से भाभी के मुँह को दबा दिया था, जिससे भाभी की चीख घुट कर रह गई.

यदि मैं सही समय पर उनका मुँह न दबा देता, तो भाभी की तेज चीख निकल जाती और उनका बच्चा जाग जाता, जो उस वक्त छत पर ही सोया हुआ था.

फिर जब मैंने भाभी की गांड को देखा, तो गांड फट गई थी और उसमें से खून भी निकल रहा था.

फटी गांड का सीन देख कर मैं थोड़ी देर और रुक गया ताकि दिव्या भाभी का दर्द कम हो जाए.

थोड़ी देर बाद मैं लंड को धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगा.
दस बारह शॉट में भाभी का दर्द मजे में बदल चुका था और भाभी गर्म आहें भर रही थीं- आह … शुभ … आहह मजा आ रहा है .. मेरी गांड की खुजली मिट रही है… और अन्दर तक पेलो मेरी जान … आह.

भाभी मस्त आवाजें निकाल रही थीं.
उनकी इन आवाजों से मुझे भी मस्ती चढ़ रही थी.

भाभी मजे में अपनी गांड को आगे पीछे करके हिला हिला कर लंड ले रही थीं.

अब मैं तेज़ी से भाभी की गांड में शॉट पे शॉट मार रहा था और भाभी भी बराबरी से मेरा साथ दे रही थीं.

करीब 15 मिनट तक ताबड़तोड़ गांड ठुकाई के बाद मेरा वीर्य निकला और मैंने पूरा वीर्य भाभी की गांड में भर दिया.
झड़ने के बाद मैं थक कर भाभी के ऊपर ही गिर गया.

थोड़ी देर बाद मैं उठा, तो मैंने देखा कि भाभी गांड से खून और मेरा वीर्य एक साथ बाहर निकल रहा था.

अब तक रात भी बहुत हो गई थी, मैंने मोबाइल में समय देखा, तो 1.00 बज रहा था.

थकावट से नींद भी आ रही थी तो मैं बिना कपड़े पहने ही सो गया. भाभी भी उठीं और नाइटी पहन कर वापस सो गईं.

दोस्तो, मैं उस समय इतना थक चुका था कि मैं बिना कपड़े पहने ही नंगा ही भाभी से चिपक कर सो गया.

मैं रोज सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाता हूँ. मेरे मोबाइल में रोज 5:30 बजे अलार्म बजता है.
सुबह मोबाइल में अलार्म बजा और मैं उठा, तो देखा मेरी और भाभी के हालत अस्त व्यस्त थी.

मैं बिना कपड़ों के ही नंगा भाभी से चिपक कर सो रहा था और भाभी की नाइटी से बोबे बाहर निकल रहे थे.
नीचे से उनकी नाइटी जांघों तक ऊपर थी.

बिस्तर पर भाभी के खून और मेरे वीर्य के धाग बने हुए थे जो रात को भाभी की गांड से निकला था.

मैं उठा और अलार्म बंद करके कपड़े पहने.
उस समय तक थोड़ा-थोड़ा उजाला हो चुका था.

मैंने सोती हुई भाभी को किस किया और भाभी को नींद से जगाकर कहा- मैं जा रहा हूँ भाभी.
भाभी ने बोला- रूको, मैं भी चल रही हूँ.

वो मेरे साथ नीचे तक आने की कहने लगीं.

फिर जैसे ही भाभी उठीं, तो उनसे चला नहीं जा रहा था, उनकी गांड में बहुत दर्द हो रहा था.

मैंने उन्हें गोद में उठाया और नीचे तक ले आया.
जब मैंने भाभी को नीचे उतारा तो देखा उनकी सफ़ेद नाइटी के गांड के पीछे वाले हिस्से पर वीर्य और खून का गोल सा धब्बा बना हुआ था.

रात को भाभी थकान की वजह से गांड साफ करे बिना ही पहन कर सो गई थीं, जिस वजह से दाग बन गया था.

मैंने भाभी की नाइटी को ऊपर उठा कर देखा तो भाभी की गांड पर वीर्य और खून की परत जम चुकी थी.
Xxx भाभी की गांड भी सूजी हुई थी. जिसकी वजह से भाभी को चलने-फिरने में दिक्कत हो रही थी.

मैं किचन में गया और उधर गैस पर थोड़ा पानी गर्म किया और उसे टब में डाल कर भाभी को उस टब में बैठने को बोला.

भाभी ने अपनी नाइटी को उतार कर बाथरूम में डाल दी और 5-7 मिनट तक भाभी टब में बैठी रहीं.
इससे भाभी को थोड़ा आराम मिला.

फिर मैंने भाभी को उठाया और बेडरूम में ले जाकर भाभी की गांड को सूखे कपड़े से पौंछकर नारियल का तेल लगाया ताकि गांड की सूजन ठीक हो जाए और भाभी को थोड़ा आराम मिल सके.

फिर मैंने भाभी के होंठों पर एक लम्बा सा किस किया और घर चला गया.

घर आकर मैंने बाहर से लॉक खोला और अन्दर मेरे रूम में जाकर सो गया.

उस दिन मैं मॉर्निंग वॉक पर नहीं गया.

फिर 8 बजे भाभी के बेटे के स्कूल जाने के बाद उनका फोन आया.

भाभी ने मुझसे बोला- रात को तो तुमने मेरी हालत ही खराब कर दी थी, मैंने इतना दर्दनाक सेक्स कभी नहीं किया था. मेरे पूरे बदन में दर्द हो रहा है.
मैंने दिव्या भाभी से पूछा- जानेमन मज़ा नहीं आया क्या?
भाभी बोली- मज़ा तो आया, मगर दर्द बहुत हो रहा था, तो मैंने पेनकिलर ले ली है.

मैंने कहा- अच्छा किया. अब दर्द कैसा है?
भाभी- हां अब थोड़ा आराम है.
मैंने कहा- अब कब बुलाओगी?

भाभी ने बोला- पहले जल्दीो से घर की लाइट ठीक करवाओ, किसी इलेक्ट्रीशियन को बुलाओ. तुम्हारे भैया को आने में अभी समय लगेगा.

थोड़ी देर बाद मैंने एक इलेक्ट्रीशियन को बुलाया और भाभी के घर की लाइट ठीक करवाई.

जब मैं उनके घर से जाने लगा तो भाभी ने मुझे रोका और अपनी फटी हुई नाईटी को एक थैली में रख कर मुझे दी.

भाभी ने कहा- इसे बाहर कहीं फैंक देना, यहां अगर तुम्हारे भैया ने देख ली तो प्रॉब्लम हो सकती है.

मैं थोड़ा हंसा और फिर भाभी के होंठों पर किस करने लगा. मैं किस करके चला गया.

उनके घर के पास एक नाला था … उसमें मैंने भाभी की फटी हुई नाईटी को फैंक दिया.

अब हम दोनों को जब भी मौक़ा मिलता था, हम चुदाई कर लेते थे.
हमारी चुदाई का कार्यक्रम एक-डेढ़ महीने चला.

फिर मैंने भाभी के कहने पर उनसे मिलना बंद कर दिया. बिना किसी कारण के हम दोनों नहीं मिलते … और अब हम दोनों के बीच कुछ नहीं होता.

तो दोस्तो, ये थी मेरी Xxx भाभी चुदाई कहानी. आपको कैसी लगी … मुझे मेल ज़रूर कीजिएगा.
आपका अपना शुभ प्रताप सिंह
[email protected]

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