देसी वर्जिन लड़की की पहली चुदाई उसके पड़ोस में रहने वाली एक सेक्सी भाभी ने अपने सामने पति से ही करवा दी. लड़की भी अपने पहले सेक्स का मजा लेने के लिए मचल रही थी.
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Desi Virgin Ladki Chudi
दोस्तो, आज मैं आपको अपनी बिल्कुल सच्ची सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूं.
सबसे पहले तो मैं आपको अपने बारे में बता दूं, मेरा नाम नीलू है और मेरी उम्र 23 वर्ष है.
मेरा रंग बहुत ही गोरा-चिट्टा है.
मेरी फिगर 34-30-36 की है.
मेरा शरीर इतना मक्खन सा चिकना है कि अगर कोई मर्द उस पर हाथ फेरे तो उसका हाथ फिसल जाए और उसका लंड खड़ा हो जाए.
मैं जब भी नहाने जाती हूं और अपने को बाथरूम के शीशे में नंगी देखती हूं तो मैं खुद ही हैरान हो जाती हूं और खुद ही अपने शरीर को देखकर उत्तेजित हो जाती हूँ.
मैंने इस घटना के पहले आज तक किसी भी लड़के से चुदवाया नहीं था, मैं तब तक देसी वर्जिन लड़की थी.
हां, यह बात सही है कि कुछ लड़कों ने बाहर से मेरी चूचियां जरूर मसली हैं और एक लड़के ने अन्दर हाथ डाल कर भी दबाई हैं.
लेकिन अभी तक किसी भी लड़के ने मेरी चूत में उंगली नहीं डाली है.
हमारे घर के बाजू में एक नया शादीशुदा जोड़ा रहने आया था.
उन दोनों की शादी अभी एक महीने पहले ही हुई थी.
वे दोनों हमारे बाजू में किराए से मकान लेकर रहने लगे थे.
उनमें भाभी का नाम सारिका था और भैया का नाम विजय था.
भाभी की उम्र 26 वर्ष थी और भैया करीब 28 वर्ष के थे.
मेरी ही तरह भाभी भी बहुत ही गोरी- चिट्टी थीं बल्कि सही कहूँ तो वे मुझसे भी ज्यादा गोरी चिट्टी थीं.
भाभी का फिगर बड़ा ही कमाल का था, उनकी फिगर 34-32-36 की ही थी यानि वे भी लगभग मेरी फिगर वाली ही थीं.
हालांकि भाभी देखने में मुझसे कहीं ज्यादा खूबसूरत थीं और उनके काले घने लंबे बाल उनकी खूबसूरती में चार चांद लगा देते थे.
उनके बाल उनकी कमर से भी नीचे चूतड़ों तक जाते थे और बहुत ही घने थे.
भैया भी गबरू जवान थे.
उनके मसल्स देखकर और उनके सपाट पेट देख कर कोई भी लड़की उन पर फिदा हो सकती थी.
वे दोनों बहुत ही खुले दिमाग के थे और आपस में बहुत ही ज्यादा चुहलबाजी करते रहते थे.
मुझे उनके साथ बातें करना बहुत ही पसंद था.
मैं अक्सर उनके घर चली जाती थी और हम तीनों लोग मिलकर कैरम बोर्ड ताश खेलते थे और खूब गपशप हंसी मजाक आपस में करते थे.
लेकिन कभी भी भैया ने मुझको छूने की कोशिश नहीं की और कोई भी ऐसी अश्लील बात कभी नहीं की जिससे मुझे कुछ खतरा महसूस हो.
हालांकि मैँ मन ही मन चाहती थी कि वह मुझे छुएं और मुझे सेक्स का मजा दे दें.
एक दिन की बात है.
उस दिन रविवार था और भैया और भाभी दोनों घर में थे.
करीब 1:00 बजे का समय रहा होगा.
मेरी मां ने खीर बनाई थी और उन्होंने कहा- जाओ यह खीर सारिका और विजय को दे आओ.
मैं कटोरे में खीर लेकर सारिका भाभी के घर गई.
इत्तेफाक से उनका घर खुला हुआ था, मतलब अन्दर से बंद नहीं था.
मैं चूंकि उनके घर में अक्सर बिना दस्तक दिए आती जाती रहती थी इसलिए मैं उनके घर में सीधी अन्दर घुसती चली गई.
घर में जब मैं धीरे-धीरे अन्दर बढ़ रही थी तो भैया भाभी दोनों की फुसफसाने की आवाज सुनाई दे रही थी.
मैंने सोचा कि वे लोग आपस में कुछ गोपनीय बातें कर रहे होंगे.
मैं जब उनके घर में अन्दर की तरफ बढ़ी तो ये आवाजें उनके बेडरूम में से आ रही थीं.
भाभी के बेडरूम का दरवाजा भी खुला हुआ था.
फिर मैंने जो बाहर से देखा तो मैं दंग रह गई.
भैया और भाभी दोनों नंगे थे और आपस में चिपके हुए थे.
वे दोनों सेक्स कर रहे थे.
भाभी ने अपनी टांगें ऊपर उठाई हुई थीं और भैया बिल्कुल नंगे अपना लंड उनकी चूत में डालने का प्रयास कर रहे थे.
मैं यह सीन देखकर बहुत ही उत्तेजित हो गई और चुपचाप उन्हें देखने लगी.
इतने में भैया ने भाभी की चूचियों को दबाना शुरू किया और बोले कि तुम्हारी चूचियां दबाने में मुझे बड़ा मजा आता है.
सारिका भाभी बोलीं- हां हां तो दबाओ ना … मना किसने किया है. मसल दो मुझे दबा दबा कर!
उनकी इन बातों को सुनकर मेरी चूत गीली होने लगी और मेरे ऊपर सेक्स का नशा चढ़ने लगा.
मेरी सांसों की रफ्तार तेज होने लगी और मेरी सांसों की रफ्तार सुनकर भैया भाभी को अंदाजा हो गया कि कमरे के बाहर कोई है.
उन्होंने मेरी तरफ देखा और वहीं से सरिता भाभी बोलीं- अरे नीलू, तुम यहां कब आईं?
मुझे देखकर सारिका भाभी और विजय भैया बिल्कुल भी सकपकाए नहीं … और ना ही उन्होंने कपड़े पहनने की कोशिश की.
भैया ने सरिता भाभी की चूत से लंड बाहर निकाल लिया.
अब उनका लंड भाभी की चूत के रस से सना हुआ एकदम खड़ा हुआ नजर आ रहा था.
मैंने कहा- भाभी, मम्मी ने आप दोनों के लिए यह खीर भेजी थी, उसी को लेकर आई थी.
सरिता भाभी ऐसे ही बिना कपड़ों के नंगी ही मेरे पास आ गईं.
उन्होंने प्यार से मेरे गाल पर हाथ रखा और खीर लेकर वहीं रखी हुई मेज पर रख दी.
वे बोलीं- तू हमको कितनी देर से देख रही थी?
मैंने कहा- मैं करीब 10 मिनट से आप लोगों को सेक्स करते हुए देख रही थी.
सरिता भाभी ने कहा- हमें सेक्स करते देखना यदि तुझे अच्छा लग रहा है, तो तू अन्दर आ जा. हमें कोई आपत्ति नहीं है … क्यों विजय?
विजय- हम्म …
वे अपने पति की तरफ देख कर बोलीं- अगर नीलू यहां बैठकर हम लोग को सेक्स करते हुए देख ले, तो तुम्हें कोई ऑब्जेक्शन है?
विजय भैया ने कहा- मुझे तो कोई आपत्ति नहीं है, चाहे तो देख ले और इसे भी तो यह सब करना ही है … तो अगर कुछ सीख कर जाएगी तो आगे आसानी होगी.
भाभी ने प्यार से मेरे गाल पर हाथ रख कर पूछा- तो हम लोगों को देखना चाहती है तो हम लोग सेक्स करते रहेंगे, तू यहीं पर रुक कर हमें देखती रहना.
उनकी बात सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगा और मैं वहां बैठने को राजी हो गई.
अब मेरे सामने बिल्कुल लाइव ब्लू फिल्म चल रही थी.
विजय भैया और भाभी सेक्स में मशगूल हो गए थे.
उन दोनों को चुदाई करते देखकर मेरी सांसें गर्म हुई चली जा रही थीं.
गर्मी बढ़ती चली जा रही थी और मेरी चूत गीली होती चली जा रही थी.
मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
भैया भाभी के दूध बहुत जोर जोर से मसल रहे थे और उनकी चूचियों को भी खूब दबा रहे थे.
भाभी खूब मस्ती से उनका लंड पकड़े हुई थीं.
अचानक सरिता भाभी मेरी तरफ मुखातिब होकर बोलीं- नीलू तुझे मेरे बूब्स कैसे लगते हैं?
उनके इस स्पष्ट प्रश्न पर मैं चौंक गई और मुझसे तुरंत कोई जवाब देते नहीं बना.
कुछ क्षण पश्चात् मैंने कहा- बहुत अच्छे लगते हैं, आप खुद गोरी और बहुत सुंदर हो भाभी. भैया के तो मजे ही हो गए हैं.
इस पर भाभी बहुत जोर से हंसती हुई बोलीं कि इधर आ तू मेरे पास … और ले आज मौका है, तू मेरे दूध दबा कर देख ले.
मैंने भी सोचा कि यह मौका अच्छा है और मैंने आगे जाकर भाभी के मम्मों पर हाथ रख दिया.
भाभी के दूध एकदम तने हुए गोरे-चिट्टे चिकने थे और मुझे उनके दूध दबाने में बड़ा आनन्द आया.
मैंने भाभी के मम्मों को थोड़ा दबा कर देखा, फिर मैंने उनके निपल्स की घुंडियों को मींजना शुरू किया तो भाभी उत्तेजित होने लगीं.
वे बोलीं- तेरे हाथों में तो जादू है, तू तो बहुत ही सॉफ्ट है. तेरे हाथ बहुत ही मुलायम हैं.
यह कहते-कहते उन्होंने मेरे दूध भी पकड़ लिए.
उनके हाथ मेरे दूध पर जैसे ही लगे, मैं एकदम से बेकाबू हो गई और एकदम से उनसे चिपक गई.
उन्होंने मुझे खींच कर आलिंगन में भर लिया और अपने सीने से चिपका लिया ‘तुझे अच्छा लग रहा है ना, तो तू भी अपने सारे कपड़े उतार दे और मेरे साथ मजे ले.’
मेरा तो मन कर रहा था कपड़े उतारने का, पर मैंने विजय भैया की तरफ देखा.
भाभी ने विजय भैया से पूछा- क्यों विजय, अगर नीलू सारे कपड़े उतार दे, तो क्या तुम्हें कोई आपत्ति है?
भैया बोले- मुझे कैसी आपत्ति, मुझे तो अच्छा लगेगा और मुझे तो और ज्यादा मजा आएगा. नीलू का शरीर इतना गोरा चिट्टा है मुझे तो उसके शरीर देखने में बहुत आनन्द आएगा.
उनकी यह बात सुनने के बाद भाभी ने मुझे इशारा किया और मैंने अपने सारे कपड़े एक बार में ही उतार दिए.
अगले ही पल देसी वर्जिन लड़की उन दोनों के सामने बिल्कुल नंगी होकर खड़ी हो गई.
सही ही तो था मेरे सामने मैं एक जोड़े को देख रही थी जो बिल्कुल नंगा था और मैं उनके शरीर का मजा भी ले रही थी.
उनके सामने मैं कपड़े पहने बैठी रहूं तो यह तो उनका अपमान था.
यही सोचते हुए भी मैंने अपने कपड़े उतार दिए.
मेरे कपड़े उतारते ही मेरे गोरे चिट्टे बूब्स को सारिका भाभी ने देखा और बोलीं- अरे वाह, तू तो माल है. तेरे दूध तो बहुत ही गोरे-चिट्टे हैं और चिकने हैं.
बस यह कहकर उन्होंने मेरे दूधों को दबाना शुरू कर दिया.
उन्होंने मुझको अपने शरीर से चिपका लिया.
उनके शरीर से चिपक कर मैं बेहद उत्तेजित हो गई थी.
हम दोनों एक दूसरे के दूध दबाने में व्यस्त हो गयी.
अचानक से विजय भैया ने पीछे से मेरी चूत में उंगली डाल दी और मैं चिहुंक गई.
भैया बोले- अरे सारिका, इसकी चूत एकदम गीली हो रही है. यह तो शायद चुदना चाह रही है.
उनकी बात सुनकर मैंने एकदम से कहा- हां, मुझे भी चोद दो.
सारिका भाभी ने धीरे से मेरे गाल थपथपा कर कहा- तू चिंता मत कर, आज हम तुम्हें सेक्स का पूरा मजा दिलाएंगे.
भाभी ने विजय भैया से कहा- सुनिए जी, आज आप नीलू को सेक्स का मजा चखा दीजिए. आज उसकी चूत में लंड डाल कर उसको खोल दीजिए.
मेरे दूध सहला सहला कर और भैया ने मेरी चूत में उंगली कर करके मुझे गर्म कर दिया था.
मुझसे कुछ बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मुझे सिर्फ लंड और लंड ही नजर आ रहा था.
सरिता भाभी ने मुझसे कहा- नीलू, तुम बेड पर लेट जाओ और अपनी टांगें खोल लो. अब विजय अपना लंड तेरी चूत में डालेगा.
मैं सम्मोहित सी लेट गई और सारिका भाभी का हाथ पकड़ लिया.
सारिका भाभी ने मेरी टांगें फैला दीं और विजय भैया से बोलीं- लो विजय, अब इसकी चूत में लंड डाल दो.
विजय भैया ने अपने लंड हाथ से हिलाया उसे खूब तनतना कर मुझे दिखाया.
फिर मेरी चूत की फांकें खोल कर लंड रख दिया.
सारिका भाभी ने उनका लंड पकड़ कर मेरी चूत में घुसाने की प्रक्रिया शुरू की.
भाभी बोलीं- देखो आज मैं अपने हाथ से तुम्हारा लंड नीलू की चूत में डाल रही हूं, मजा तो आ रहा है?
भैया बोले- हां मुझे बहुत मजा आ रहा है, मैंने भी तुम्हें ऐसे ही एक बार चुदवाया था.
उनकी यह बात सुनकर मैं आश्चर्यचकित हो गई.
इसका मतलब वह दोनों लोग एक दूसरे की चुदाई में मदद करते थे.
भाभी ने धीरे-धीरे विजय भैया के लंड को सही दिशा दिखाते हुए चूत में घुसाने को सैट कर दिया.
उसी समय भैया ने धक्का देकर मेरी चूत में लंड डाल दिया.
धीरे धीरे धीरे अन्दर डालते जा रहे थे और मैं एक्साइटिड हुई चली जा रही थी.
भाभी मेरे दूध दबाए जा रही थी.
फिर भैया ने एक जोरदार धक्का मारकर अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे एकदम से बहुत दर्द हुआ.
चूत में चिकनाहट की वजह से लंड आसानी से सीधा अन्दर जा रहा था.
मुझे बहुत दर्द भी हुआ क्योंकि मेरी चूत की सील टूट गई थी.
तब भी मैंने दर्द बर्दाश्त कर लिया और भैया अपनी पूरी स्पीड से मेरी चुदाई करने लगे थे.
कुछ ही समय बाद मुझे मजा आने लगा था.
मैं बोल रही थी- आह मुझे चोदो … मुझे चोदो … तुमने मुझे मजा दे दिया. आह मुझे आज चोद डाला. भाभी, आपने मुझे चुदवा दिया … आपने मुझे गर्म करके मेरी चूत में लंड डलवा दिया. मैं कब से भैया से चुदवाने की सोच रही थी.
यह सुनकर सारिका भाभी बोलीं- हां हम दोनों को मालूम था कि तुझे विजय का लौड़ा अपनी चूत में चाहिए था. पर ये नहीं मालूम था कि तू कुंवारी देसी वर्जिन लड़की है.
ऐसी ही मस्ती भरी बातों के बीच हम तीनों चुदाई का मजा लेते रहे.
कुछ 15 मिनट चोदने के बाद भैया ने अपना पूरा वीर्य मेरी चूत के अन्दर डाल दिया.
उसके बाद भैया और भाभी दोनों मेरे बाजू में लेट गए और मेरे शरीर से चिपक कर सो गए.
वे दोनों मेरे दूधों को दबाते रहे और मेरे जिस्म से आनन्द लेते रहे.
मैं भी उनके शरीर से आनन्द लेती रही.
इसके बाद तो मैं जब तब उन दोनों के साथ सेक्स का मजा लेने उनके कमरे में जाती रही.
जब भैया नहीं होते थे, तब मैं भाभी के साथ लेस्बियन सेक्स भी कर लेती थी.
जब कभी भाभी अपने मायके जाती थीं तो भैया के साथ मैं अकेली ही चुदवा लेती थी और उनके लौड़े को चूस कर मजा ले लेती थी.
एक दिन भैया ने मेरी गांड भी मार दी थी.
वह सेक्स कहानी आपको अगली बार सुनाऊंगी.
दोस्तो, देसी वर्जिन लड़की की पहली चुदाई की कहानी आपको कैसी लगी, बताना जरूर.
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