पड़ोस की भाभी की चूत लंड की तलबगार (Xxx Bhabhi Hindi Kahani)

Xxx भाभी हिंदी कहानी में पढ़ें कि पड़ोस की एक भाभी से मेरी दोस्ती है. उसके पति विदेश में हैं तो वो मुझे लंड की प्यासी लगती थी. कैसे चुदी मुझसे वो?

मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती हैं, उनका नाम नेहा है. नेहा भाभी की उम्र 27 साल की है. भाभी एकदम गोरी और बड़ी गांड वाली माल हैं. उनकी हाइट करीब 5 फुट 4 इंच है.
उनके पति पिछले तीन साल से विदेश में हैं.

मैं उनके घर अकसर जाता रहता था. भाभी भी हमेशा मुझसे मज़ाक करती रहती थीं और मुझे लगता था कि वो मेरी तरफ कुछ आक़र्षित थीं.

इसी बात से मुझे लगता था कि भाभी मुझसे अपनी चुदाई करवाना चाहती थीं, हालांकि ये बात सिर्फ मैं सोचता था. पता नहीं भाभी के मन में ये बात थी या नहीं.

एक दिन मैं उनके घर गया था तो अपना मोबाइल ग़लती से उनके घर छोड़ आया.
मैंने घर आकर देखा, तो मोबाइल नहीं था.

फिर ध्यान आया कि मेरा मोबाइल तो भाभी के पास ही छूट गया है.
मैं भाग कर वापस गया, तो मोबाइल नहीं मिला.

मैंने भाभी से पूछा- मेरा मोबाइल दे दीजिए.
वो बोलीं- आपका मोबाइल तो मैंने देखा ही नहीं है.

जबकि मैंने देखा कि भाभी ने मेरा मोबाइल अपनी ब्रा के अन्दर डाल लिया था. उधर से मेरा मोबाइल साफ़ झलक रहा था.

मैंने भाभी से हाथ जोड़कर कहा- प्लीज़ दे दीजिए.
भाभी बहाना करने लगीं- मेरे पास है ही नहीं.

मैंने कहा- भाभी मुझे साफ़ समझ आ रहा है कि मेरा मोबाइल आपकी ब्रा में है.
भाभी अदा से मुस्कुराई और बोलीं- चैक कर लीजिए … नहीं है.

मैंने बोला- ठीक है. यदि मैंने आपकी चुचियों को पकड़ लिया, तो आप मुझे गाली मत दीजिएगा.
भाभी इठलाते हुए बोलीं- इतनी हिम्मत!

उनकी इस अदा से मैंने सोचा कि लगता है आज भाभी का मुझसे चुदवाने का दिल है. मेरे मन में भी भाभी को चोदने के ख्याल आने लगे.

मैंने आगे बढ़ कर उनकी एक चूची पकड़ ली तो भाभी तेज सांस लेने लगीं और सीसीईई की आवाज़ निकालने लगीं.
मैं समझ गया कि भाभी को चुदने का दिल है. मैंने भाभी की चूचियों को मींज दिया तो भाभी आह आह करने लगीं.

मैंने उनकी चूची को मींजा तो मेरा मोबाइल ब्लाउज के ऊपर आ गया.
मैंने मोबाइल निकाला और मोबाइल को चूम कर कहा- आह बड़ा गर्म हो गया है.

भाभी कुछ नहीं बोलीं, सिर्फ मुस्कुरा कर रह गईं.

मैंने भाभी को आंख मारी और कहा- ये कहां से आ गया?
भाभी बोलीं- मुझे नहीं पता … लेकिन आप बड़े बेदर्दी हो … बहुत जोर से दबा दी आपने.

मैंने कहा- हां बहुत टाईट थी. मुझे बहुत जोर लगाना पड़ा. अच्छा भाभी अब मैं चलता हूँ.
भाभी बोलीं- चलता हूँ … इसका क्या मतलब है?

मैंने कहा- चलता हूँ मतलब अब मैं जा रहा हूँ. मुझे मेरा मोबाइल मिल गया है.
वो बोलीं- डिस्चार्ज हो गया होगा.
मैंने कहा- बहुत मजबूत है, इतनी जल्दी डिस्चार्ज होने वाला नहीं है.

हम दोनों की इन दो अर्थी बातों से हम दोनों ही मजा ले रहे थे.
मैं भाभी के इशारा देने के बावजूद भी वापस घर आ गया.

मैंने भाभी की चूत में आग लगा दी थी. वो तो आज ही चूत खोल देतीं, मगर मैं उन्हें थोड़ा तड़फा तड़फा कर चोदना चाहता था.

दूसरे दिन मैं भाभी के घर गया.
देखा तो भाभी काली साड़ी पहनी हुई थीं … और बहुत सेक्सी लग रही थीं.
इस काली नेट की साड़ी के साथ मैचिंग का लो कट ब्लाउज बहुत आग लगा देने वाला था.

भाभी ने मुझे देखा तो बोलीं- सही समय पर आए हो … चलो नाश्ता कर लो.

मैं डाइनिंग टेबल पर बैठ गया और भाभी को नाश्ता लाते हुए देखने लगा.
इस समय भाभी झुक कर नाश्ता लगा रही थीं तो उनका क्लीवेज साफ दिख रहा था.

मैं बस एकटक भाभी की चूचियों को ही देखे जा रहा था.

भाभी ने भी ये नोटिस कर लिया और पूछने लगीं- क्या देख रहे हो?
मैं शर्मा गया और बोला- कुछ नहीं.

भाभी बोलीं- शर्माओ मत. बोल दो ना कि तुम मेरे बूब्स देखने की कोशिश कर रहे थे.
मैंने कहा- आप बहुत सेक्सी हो भाभी. मेरा मन आपके साथ शादी करने का करता है.

भाभी बोलीं- पागल है तू … तेरे भैया क्या करेंगे फिर?
मैंने कहा- भाभी मैं आपको किस करना चाहता हूँ.

वो बोलीं- कर ले ना … मैं तुझे मना थोड़ी करूंगी.
मैंने कहा- मुझे किस आपके होंठों पर करना है.
वो बोलीं- हाय राम, ये आप क्या बोल रहे हैं.

मैं अचानक से उठ कर भाभी के होंठ चूमने लगा.
शुरुआत में तो भाभी चुम्बन का विरोध कर रही थीं पर मैंने उनके हाथ पकड़ लिए और बेतहाशा उनके होंठों का रस चूसने लगा.

किस खत्म होने के बाद भाभी बोलने लगीं- अरे देवर जी, आपने अपनी भाभी के साथ ये क्या कर दिया है. आप बड़े बदमाश हैं.
मैंने बोला- बदमाश तो आपने ही बनाया है.

भाभी बोलीं- हां आपने ही तो चोदने के लिए मुझे बदमाश बना दिया है.
मैंने भाभी के मुँह से चोदना शब्द सुना तो मैंने भी खुल कर कहा- भाभी, आपको देख कर तो मुझे हमेशा से लगता रहा है कि मैं न जाने आपकी चुदाई कब कर सकूँगा.

भाभी मेरी आंखों में नशीले अंदाज से देखती हुई धीमे स्वर में बोलीं- आज चोद ले मुझे … आज के लिए मैं तेरी हूँ … आज मेरी चूत तेरे नाम है राजा. वैसे भी मैं काफी समय से लंड की प्यासी हूँ.
मैंने कहा- भाभी बड़ी मस्त बोल रही हो.

वो- अपनी चुदास मिटाने के लिए मैं चुदाई की फ़िल्में देख देख कर चूत में फिंगरिंग करती थी. तेरा भाई, साला छोटे लंड वाला, बहुत बिज़ी आदमी है. तेरे लंड में कितनी दम है … आज देखती हूँ मैं.

भाभी के मुँह से इतनी खुली और गंदी बातें सुन कर मैं एकदम से शॉक्ड रह गया और सोचने लगा कि यह वही भाभी है, जो साली देखने में कितनी भोली और मासूम दिखती थी.

मैंने भाभी को अपनी तरफ खींचा और उन्हें किस किया. वो भी मेरे होंठों से होंठ लगा कर मुझसे लिपट गईं.
मैं भाभी के होंठ चूसने लगा.

कुछ ही देर में गर्मी बढ़ गई, तो मैंने अपने कपड़े निकाल दिए और भाभी को अपना 7 इंच लंबा खड़ा लंड दिखा दिया.
भाभी मेरा लंड देखने लगीं.

तो मैं बोला- रंडी … इतना बड़ा काफ़ी है या इससे बड़ा भी चाहिए तुझे?
वो मेरे कड़क लंड देख कर खुश हो गईं और नशीली आंखों से लंड देखते हुए बोलीं- वाह, क्या मस्त लंड है तुम्हारा … लाओ इसे चाटने दो.

मैंने भाभी को घुटनों पर बैठने को कहा और उनके मुँह में लंड दे दिया.
भाभी मेरे लंड को आइस्क्रीम के जैसे चाटने लगीं.

पांच मिनट तक लंड चाटने के बाद मैंने भाभी से कहा- आह भाभी, मेरा रस निकल जाएगा … छोड़ो मुझे बाथरूम में जाने दो.
वो बोलीं- मेरे राजा, बाथरूम में जाने की क्या जरूरत है, अपने लंड का रस तुम मेरे मुँह में ही गिरा दो ना!

मैंने आंखें बंद कर लीं और भाभी को लंड चूसने दिया.

थोड़ी देर बाद मेरे लंड से मलाई निकली और सीधे भाभी के गले में उतरती चली गई.
भाभी ने भी मेरे लौड़े का सारा रस खा लिया और चाट चाट कर लंड साफ कर दिया.

मैं एकदम से निचुड़ गया, तब भाभी ने मेरे लंड को अपने कब्जे से छोड़ा.

अब मैंने भाभी की साड़ी उतार कर उनको पूरी नंगी कर दिया और उनके मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा.

भाभी कराहते हुए बोलीं- आह धीरे दबाओ राजा … मैं कहीं भागी नहीं जा रही.
मैंने भाभी से कहा- भाभी आपके दूध बिल्कुल ट्रक के हॉर्न जैसे हैं. मैं तो इनको ज़ोर ज़ोर से ही दबाऊंगा.

भाभी हंस कर बोलीं- हॉर्न दबाने से क्या हासिल होगा मेरी जान … असली मजा तो नीचे के इंजन चलाने से मिलेगा.
मैंने बोला- हां भाभी, आज मैं आपकी चुदासी चूत को फाड़ ही दूँगा. अब जल्दी से अपनी चूत दिखाओ.

भाभी बिस्तर पर चित लेट गईं और टांगें खोल कर अपनी चूत पसार दी.

आह क्या मस्त चूत थी … मैं तो भाभी की चूत देख कर एकदम से मस्त हो गया.
बिल्कुल सफाचट चिकनी चूत थी.

मैं झुक कर पहले तो भाभी की चूत को सूंघने लगा … क्योंकि मुझे चूत की गंध बहुत पसंद हैं. भाभी की चूत से मदहोश कर देने वाली महक आ रही थी.

भाभी ने मुझे अपनी चूत सूंघते हुए देखा तो बोलीं- ये क्या कर रहे हो जानू … चाटो न … जल्दी से.
मैंने कहा- ज़रा रुको तो भाभी जी, मुझे इस गुलाब की ख़ूशबू को सूंघ तो लेने दो.

वो बोलीं- हां मेरे प्यार देवर … आज से ये चूत तुम्हारी ही है.
मैंने भाभी की नशीली आंखों में अपनी आंखें डालकर देखा और कहा- हां मेरी रानी … आज से आपकी चूत बिना लंड के नहीं रहेगी.

बस ये कह कर मैंने भाभी की चूत को चूम लिया.
अपनी चूत पर मेरे होंठों का स्पर्श पाकर भाभी सिसक उठीं- इसस्स्स … क्या कर रहे हो राजा … अब देर न करो … मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है.
मैंने कहा- चिंता मत करो भाभी … आज मैं आपकी चूत की सारी खुजली को शांत कर दूँगा.

भाभी से रहा नहीं जा रहा था तो उन्होंने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया.
मैंने भाभी की चूत को धीरे धीरे चाटना शुरू कर दिया.

चूत का स्वाद बहुत अच्छा था.

जल्दी ही भाभी की चूत ने प्रीकम छोड़ दिया और उनकी चूत से लिसलिसा सा पानी निकलने लगा. मैं उस मदन रस को चाटने लगा.

मेरी जीभ भाभी की चूत पर ऊपर से नीचे तक होती हुई मजा लेने लगी थी. मेरी जीभ चूत के निचले सिरे पर जाती, तो मुझे भाभी की गांड के छेद से आने वाली मदमस्त महक आने लगी, तो मैंने भाभी की गांड के छेद को भी चाटा और सूंघा.

भाभी एकदम मस्त होकर तड़पने लगीं और कहने लगीं- अब बस करो मेरे देवर राजा … जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो राजा … नहीं तो मैं मर जाऊंगी.
मैं बोला- ओके भाभी, अब लंड ही डालता हूँ.

मैंने अपना लंड भाभी की चूत के मुँह पर रखा और उनकी आंखों में देखते हुए एक जोरदार धक्का दे मारा.
पहले ही शॉट में मेरा 4 इंच लंड चूत में घुसता चला गया.

भाभी बहुत ज़ोर से चिल्ला पड़ीं- आआह … मर गई मम्मी रे … आह नहीं … बहुत दर्द हो रहा है … आह बाहर निकालो … मेरी चूत फट गई.

मैं थोड़ा रुक गया और भाभी की चूचियों को चूसने लगा.
थोड़ी देर बाद भाभी शांत हुईं तो मैंने फिर से एक जोरदार धक्का दे मारा.
इस बार मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में जड़ तक घुसता चला गया.

वो एक बार फिर से जोर से चिल्लाईं- आआह मर गई मां … आह धीरे.

मैं झुक कर उनके होंठों को चूसने लगा और उनकी एक चुची को मसलने लगा. धीरे धीरे वो शांत हो गईं, तो मैं चूत में लंड के धक्के लगाने लगा.

वो बोलने लगीं- आह धीरे करो … दर्द करता है.
मैंने कहा- बस मेरी जान … थोड़ी देर में ये सारा दर्द खत्म हो जाएगा … फिर आपको बहुत मज़ा आएगा.

मैं भाभी को चोदने लगा.

कुछ देर बाद लंड चूत की दोस्ती हो गई और अब वो भी कहने लगीं कि बड़ा अच्छा लग रहा है … आअहह एमेम … बस ऐसे ही राजा … आह और चोदो मुझे … ओफफ्फ़ आह. प्लीज़ फास्ट करो … इसस्स्स क्या नशा है.

मैं अब भाभी को धकापेल चोदने लगा. पूरे रूम में ‘फॅक फॅक …’ की आवाज़ गूंजने लगीं.

अचानक से भाभी मुझसे कस कर लिपट गईं और मुझे चूमते हुए आवाजें देने लगीं.
‘पुक्क्क म्म्म्म म ..’ की मस्त आवाज तेज हो गई थी. भाभी की चूत से रस निकलने लगा था जिससे लंड सटासट अन्दर बाहर हो रहा था.

भाभी की गर्म सांसों की आग मुझे मेरे चेहरे पर पड़ रही थी जो मुझे और भी पागल बना रही थी.

मैं ताबड़तोड़ चोदने में लग गया. भाभी की मादक आवाजें हर पल तेज होती जा रही थीं- सस्स्स ओफ्फ़ नहिन्यी ईईईईई … आआह ऊऊ मांआआअ ..’

तभी भाभी की चूत का रस बाहर आने लगा और वो अकड़ते हुए बोलने लगीं- आह … मैं कट गई … आह मैं झड़ गई हूँ.

मैं और खूब कस कस कर चूत चोदने लगा और भाभी की मलाई की गर्मी से मैं भी झड़ने की कगार पर आ गया.

हम दोनों एक साथ झड़ गए थे. मैंने अपने लंड का लावा भाभी की चूत में ही भर दिया.
वो मुझसे लिपट कर हांफने लगीं. हम दोनों ही ऐसे लिपटे हुए पड़े रहे मानो किसी लम्बी दौड़ से आए हों.

हम दोनों एकदम से बेदम हो गए थे और बिना चूत से लंड निकाले मैं यूं ही भाभी ले साथ सो गया.

इसके बाद से भाभी की चूत मेरे लिए खुल गई थी, कभी भी जाकर भाभी की चूत चोद देता था.

मेरी ये सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज़ मेल से बताएं.
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