देसी भाभी हॉट सेक्स कहानी में पढ़ें कि मुझे सेक्स की बहुत चाह रहती है. शादी से पहले मैंने खूब लंड लिए. अब पति मुझे चोद कर मजा देते हैं. लेकिन एक दिन पति के चार दोस्त आये.
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Desi Bhabhi Hot Sex Kahani
सभी पाठकों को कामुक कामिनी की चिकनी गीली चूत से प्रणाम।
सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बताती हूँ.
मेरा नाम कामिनी सिंह है, मैं मध्यप्रदेश के इंदौर शहर से हूँ, मेरी उम्र 34 वर्ष है।
पेशे से मैं एक एच आर हूँ.
मेरी शादी सन 2014 में मेरे बॉयफ्रेंड कुणाल से हुई थी जो कि मेरे ही ऑफिस में मेरे सीनियर मैनेजर थे।
यह था मेरा साधारण परिचय!
अब मैं अपने परिवार के बारे में बताती हूं.
मेरे परिवार में कुल 5 सदस्य हैं; मैं, मेरे पति कुणाल, सासु माँ, ससुर जी और प्यारी सी बेटी कनिका।
सासु माँ और ससुर जी ज्यादातर अपने गाँव में ही रहते हैं, इंदौर में हम तीनों ही रहते हैं।
अब ज्यादा बोर न करते हुए मैं आपको बताती हूँ कि सब मुझे कामुक कामिनी क्यों कहते हैं.
इसका कारण है मेरा कामुक शरीर!
चेहरे से शुरुआत करती हूँ चेहरे में सबसे कामुक हैं मेरे भरे हुए होंठ, एकदम मोटे!
अगर कोई इन्हें चूसना शुरू करे तो चूसता ही रहेगा।
मेरी बड़ी बड़ी आंखें किसी को भी घायल करने के लिए काफी हैं।
साथ ही मेरी सुराहीदार गर्दन कामुकता में चार चांद लगा देती है।
अब बात करते हैं फिगर की … तो मेरा फिगर है 34D 30 38 मतलब 34 की चूची, 30 की कमर और 38 की गांड।
मोहल्ले के सारे मर्द मेरी गांड के दीवाने हैं।
चाहे वो जवान लड़के हो या बूढ़े, मुझे देख कर अपना लंड मसल ही देते होंगे।
वैसे मेरी और कुणाल की सेक्स लाइफ बहुत अच्छी तरह चल रही है, हर दो तीन दिन में वो मुझे अच्छे से रगड़ देते हैं.
पर कुछ दिनों से ऑफिस में ज्यादा काम होने की वजह से हम एक दूसरे को समय नहीं दे पा रहे हैं.
और मैं चुदाई को बहुत मिस करती हूँ तो यहाँ अन्तर्वासना पर आकर सेक्सी कहानियाँ पढ़कर अपनी चूत रगड़ कर अपना कामरस निकाल लेती हूँ।
अब देसी भाभी हॉट सेक्स कहानी पर आती हूँ कि किस तरह कुणाल के दोस्तों ने मुझे अपनी रंडी बना लिया।
31 दिसम्बर का दिन था, मैं ऑफिस में काम कर रही थी. कुछ क्लाइंट्स के साथ मीटिंग थी.
तभी कुणाल का फ़ोन आया, वे बोले- आज जल्दी घर आ जाओ, हॉउस पार्टी करेंगे, थोड़ी ड्रिंक और ढेर सारी चुदाई!
मैंने कहा- घर पर नहीं यार … कनिका अब बड़ी हो रही है. उसके सामने अच्छा नहीं लगेगा.
तब कुणाल ने कहा कि वह कनिका को दादा दादी के घर छोड़ देगा कुछ दिन के लिए! वैसे भी उसकी सर्दी की छुट्टियां चल रही हैं.
तो मैं मान गयी।
ऑफिस से जल्दी काम खत्म कर मैं ब्यूटी पार्लर गयी और अपने शरीर से सारे बाल साफ करवाये.
सबसे पहले पार्लर वाली लड़की ने मेरी बगल को चिकना किया. फिर हाथ और पैर, उसके बाद मेरी हुई चूत से झांटों को साफ किया।
और तो और … वो बोली मुझे- दीदी, अपनी गांड के बाल भी साफ करवा लो!
तो मैंने कहा- ठीक है, कर दो!
फिर हल्का मेकअप करवाकर मैं घर के लिए निकली.
तभी मुझे याद आया कि कुणाल को मेरा जिस्म लाल ब्रा पेंटी ज्यादा अच्छा लगता है तो एक हॉट सी जाली वाली ब्रा पेंटी खरीद कर मैं घर पहुंची.
तब तक कुणाल पार्टी की तैयारी कर चुका था।
मैं अपने कमरे में गयी और नंगी होकर नहाने लगी नहाते हुए चूत को थोड़ा सहलाया, फिर अपनी नई ब्रा पेंटी और एक सेक्सी सा गाउन पहन लिया जिसमें से मेरे आधे के करीब चूचे बाहर दिख रहे थे और गांड का उभार भी उठ कर दिख रहा था।
ये सारी तैयारी मैंने कुणाल को उकसाने के लिए की थी ताकि वो बुरी तरह रगड़ कर चोद दे।
तभी अचानक से घर की बेल बजी.
मैंने कुणाल से कहा दरवाजा खोलने के लिए!
कुणाल की आवाज आई- कामिनी, तुम ही खोल दो, मैं नहा रहा हूँ।
मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि 4 हट्टे कट्टे मर्द हाथ में शराब की बोतलें और एक बैग लेकर खड़े हैं।
तो मैंने देखा किये चारों कुणाल के कॉलेज के दोस्त मनीष पंकज रमण और अजय थे.
चारों मुझे घूरे जा रहे थे.
तो मैंने कहा- बस बस … बहुत हुआ घूरना! अब अंदर भी आइये.
फिर हम सब हँसने लगे और सब अंदर आ गए।
रमण ने आंख मारते हुए कहा- क्या बात है भाभी जी, इतनी हॉट बनकर घर में बैठी हो. कहीं जाने का प्रोग्राम है क्या?
पंकज ने बात काटते हुए कहा- अरे, मुझे तो कुछ और ही प्रोग्राम लग रहा है भाभी जी और कुणाल का स्पेशल वाला!
तब तक कुणाल नहा कर बाहर आये और दोस्तों से बोले- भोसड़ी के, तुम लोगों को बकचोदी के अलावा कोई काम नहीं है क्या?
अजय ने कहा- अरे है ना भाई … चल दारू पीने चलते हैं. तुझे ही लेने आये हैं।
कुणाल ने कहा- नहीं यार, मेरा आज अपनी पत्नी के साथ प्रोग्राम है।
मनीष ने कहा- क्यों न हम सब मिलकर थोड़ी देर यहीं एन्जॉय कर लें?
सब तैयार हो गए।
यह मुझे अच्छा नहीं लग रहा था क्योंकि मेरे नीचे आग लगी हुई थी और मैं कब से सोच रही थी कि ये लोग जाएं और मैं कुणाल से अपनी जबरदस्त चुदाई करवाऊं पूरी रात!
मुझे लगा अब ये लोग रात भर यहीं रहेंगे और हमारा सारा प्लान खराब होगा.
पर मुझे अंदाजा भी नहीं था कि मेरे साथ क्या होने वाला है.
मैं ये सोच ही रही थी कि रमण ने कहा- भाभी जी, ग्लास और आइस ला दीजिये।
और मैं रसोई में आ गयी सामान लेने!
किचन हॉल के पास होने की वजह से मुझे उनकी बातें सुनाई दे रही थी.
रमण ने कुणाल से कहा- साले कुत्ते, तेरी तो किस्मत खुल गयी. क्या मस्त माल मिला है तुझे! मन करता है दिन रात चोदूँ तेरी आइटम को! साली बहुत कड़क माल है. क्या मस्त गदराई हुई जवानी है उफ!
मुझे उम्मीद नहीं थी कि कुणाल कहेगा कि कामिनी मान जाए तो चोद ले. पर फिर मैं भी तनवी की लूंगा.
तनवी रमण की पत्नी है।
ये सब सुनकर मेरी चूत फिर से गीली होने लगी।
जैसे ही मैं सामान लेकर गयी, सब चुप हो गए और मुझे घूरने लगे.
रमण तो मेरे दूध ऐसे देख रहा था जैसे अभी दोनों चूचियों को निचोड़ कर रस निकाल लेगा।
मैंने भी बेशर्मी से पूछ लिया- क्या देख रहे हो रमण, कभी चूचियां नहीं देखी क्या?
वो भी बेफिक्री से बोला- देखा तो है कामिनी जी, पर आपके जैसे गोल कसी हुई नहीं देखी.
मुझे थोड़ी शर्म आ गयी तो मैं पानी लाने के बहाने से वापिस किचन में चली गयी।
करीब पांच दस मिनट बाद में वापिस आयी और रमण के सामने पानी रखने लगी.
उस कमीने की नज़र मेरी चूचियों की दरार पर थी.
और उसने मुझे आंख मारते हुए कहा- कामिनी भाभी, सच में आप काम की देवी लगती हो।
इन सब बातों में रात के 9 बज चुके थे.
अब कुणाल ने कहा- चलो पार्टी शुरू करते हैं, ओपनिंग बीयर से करेंगे.
सबने एक एक बीयर ली और चियर्स करते हुए पीना शुरू किया.
और इधर उधर की बातें करते हुए सबने पहली बीयर खत्म की.
मैं ज्यादा नहीं पीती तो मुझे हल्का सा नशा होने लगा.
मैंने उठ कर लाइट बन्द की और नाईट बल्ब और हल्का म्यूज़िक चला दिया।
माहौल बिल्कुल किसी बार जैसा हो गया था.
उन पांच मर्दों के बीच मैं अकेली औरत थी और कपड़े भी मेरे सेक्सी थे तो हल्की रोशनी में बिल्कुल बार वाली रंडी जैसी लग रही थी।
कुणाल ने गाना बदल दिया और मुझे उठाकर मेरे साथ डांस करने लगा एकदम रोमांटिक टाइप से!
और बाकी सारे देख रहे थे।
थोड़ी देर बाद रमण ने कहा- चलो, दूसरी बोतल खोलो!
और एक बोतल खोलकर मुझे लाकर दी.
मैं मना करने लगी क्योंकि मैं ज्यादा नहीं पीती.
पर थोड़ा नशा था तो मैंने सोचा एक और पी लेती हूँ.
कुणाल ने भी कहा- पी लो कामिनी डार्लिंग … नशे में तुम्हारी लेने में ज्यादा मज़ा आएगा.
और सबके सामने ही मुझे एक जोरदार किस कर दिया.
अब मैं दो बीयर के नशे में थी बड़ा मजा आ रहा था मुझे नशे में।
अजय जो अभी तक चुप थे, उन्होंने कहा- कुणाल यार … क्या ऐसे ही बीयर पीते रहेंगे या कुछ गेम खेलें? जैसे हम कॉलेज में खेलते थे बॉटल गेम, जिसमें सब गोला बनाकर बैठते थे और बीयर की खाली बोतल को टेबल पर घुमाते थे, जिसकी साइड बोतल का मुंह आये उसको सब मिलकर टास्क देंगे जैसे गाना गाना या डांस करना!
हम सब तैयार हो गए क्योंकि बड़ा मज़ा आता है इस गेम में।
सबसे पहले मैंने बोतल को घुमाया, उसका मुँह पंकज की ओर आया.
अजय ने उसे टास्क में अपनी ऐसी सीक्रेट बताने को कहा जिसमें उसने अपनी पत्नी के अलावा किसी और की चुदाई की हो.
पंकज ने बताया कि कैसे उसने अपने जूनियर की बीवी को चोदा था।
वो कहानी सुनकर मुझे भी चुदने का मन होने लगा पर मैंने खुद को कंट्रोल किया.
पंकज की कहानी आपको फिर कभी सुनाऊँगी।
फिर मैंने कुणाल से कहा- कुणाल, मुझे व्हिस्की पीने का मन कर रहा है.
कुणाल सबके लिए स्ट्रॉन्ग पेग बना लाये ऑन द रॉक्स!
अब दूसरा राउंड शुरू हुआ गेम का, बोतल मेरी ओर आकर रुकी और मेरी गांड फट गई!
मुझे लगा क्या टास्क देंगे?
तभी रमण ने मुझे कहा- कामिनी, शादी से पहले कितने लंड लिये हैं आपने अपने मुँह में?
मुझे काटो तो खून नहीं … क्या बोलूं कुणाल के सामने!
क्योंकि मैं तो स्कूल के समय से ही लंड चूसने की कला में माहिर थी।
सबसे पहला लंड मैंने कम उम्र में ही चूस लिया था रॉकी का!
मैं कुणाल को देखने लगी तो कुणाल ने कहा- बताओ कामिनी, मुझे सुनना है मेरी बीवी ने शादी के पहले क्या गुल खिलाये हैं?
मुझे डर लग रहा था कि कहीं ये सब सुन कर कुणाल मुझे छोड़ न दे.
पर कुणाल ने कहा- डरो मत मेरी जान, हर किसी का कुछ न कुछ पास्ट होता है, हर कोई शादी से पहले भी कुछ न कुछ मज़े जरूर लेता है।
मुझमें थोड़ी हिम्मत आयी और बताया कि मैंने शादी से पहले 6 लंड चूसे हैं।
मैंने झूठ ही बताया क्योंकि कुणाल को क्या ही बताती कि मैंने कम से कम 15 लड़कों के लंड चूसे हैं.
और दो ने तो मुझे कॉलेज की टेबल पर पटक पटक कर चोदा भी है।
मेरा जवाब सुनकर मनीष ने कहा- उफ्फ भाभी, आप तो एक्सपर्ट लगती हो लंड चूसने में!
रमण ने कहा- यह तो कुणाल ही बताएगा कि कितनी एक्सपर्ट है कामिनी।
तभी कुणाल बोल पड़ा- क्या बताऊँ यार, इतना मस्त चूसती है, कि मन करता है बस ये चूसते रहे दिन रात। सबसे ज्यादा मज़ा तो तब आता है, जब मेरी कामिनी डार्लिंग मेरे सुपारे को अपने होंठों से रगड़ते हुए मेरे टट्टे सहलाती है।
कुणाल की बात सुनकर मैं शर्म से लाल हो गयी।
रमण ने सबके लिए एक एक पेग और बना दिया और शर्त रखी कि सभी को एक ही साँस में पीना है.
सबने चियर्स कहा और कुछ ही सेकंड में सबके पेग खत्म हो गए।
अब हम सब अच्छे खासे नशे में आ चुके थे.
फिर से एक बार बोतल घुमाई कुणाल ने।
हाय रे मेरी गांडू किस्मत … फिर से बोतल मेरे ही सामने रुकी।
मैं सोच में पड़ गयी कि कहीं कोई ये ना पूछ ले कुणाल के अलावा किस किस से चुदी हूँ मैं!
पर मुझे तब झटका लगा जब पंकज ने कहा- कामिनी, अपना गाउन अपनी चूचियों के नीचे तक करो.
मैंने साफ मना कर दिया.
लेकिन वे कहाँ मानने वाले थे.
अब तो लगने लगा था कि ये लोग आज मेरे सारे छेद चोद कर ही मानेंगे।
मैं बार बार ना बोल रही थी.
तभी अचानक रमण ने गाउन को गले के पास से पकड़ कर एक झटका दे दिया जिससे मेरा गाउन चरररर की आवाज़ के साथ फट गया।
मेरी लाल जाली वाली ब्रा दिखने लगी.
उस जाली में से मेरे भूरे निप्पल बाहर झाँकने लगे.
निप्पल देखकर सब एक साथ बोल पड़े- आहह कामिनी, कितने मादक निप्पल हैं रे तेरे साली … मन कर रहा है इनको निचोड़ दें।
रमण ने कहा- निचोड़ने के साथ काटने में और मज़ा आयेगा।
अपने लिए पराये मर्दों से ऐसी बातें सुनकर मेरे अंदर की रंडी जागने लगी.
मैंने कुणाल की ओर देखा.
वो इतना नशे में था कि सोफे पर ही लुढ़क गया।
दोस्तो, आपको मेरी यह देसी भाभी हॉट सेक्स कहानी कैसी लग रही है? मुझे कमेंट्स और मेल में बताएं.
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