पहली बार अपने दोस्त से गांड मरवाई

गांड लैंड सेक्स कहानी में मैंने अपने दोस्त की वासना भड़का कर उससे अपनी गांड मरवाई. गे पॉर्न देखकर मुझे भी अपनी गांड मरवाने का मन करता था.

अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी में आप सभी का स्वागत है.
मेरा नाम रोहित है. मैं दिल्ली से हूँ. मेरा रंग गोरा है और देखने मैं काफी आकर्षक भी हूँ.
मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है.

यह मेरी पहली हॉट गांड लैंड सेक्स कहानी है.

मैं जब गे पॉर्न देखता था तो मुझे भी अपनी गांड मरवाने का मन करता था.
लेकिन मुझे शर्म भी आती थी.

एक मेरा दोस्त था, जो मेरा बेस्ट फ्रेंड था.
वह मुझे हमेशा चिकना कह कर छेड़ता था और कभी कभी मेरे चूतड़ों पर हाथ फेर कर मेरे साथ मसखरी करता रहता था.

मैंने सोचा क्यों ना इसे ही अपने जाल में फंसा कर गांड मरवा लूँ.
उसका घर हमारे घर के पास ही था.

वे गर्मी के दिन थे तो सारे घर वाले दोपहर में सो जाते थे.

मैंने प्लान बनाया कि मैं उसके घर जाऊं और उससे गांड मराऊं.

मैं एक बजे दोपहर में उसके घर आ गया.
उस टाइम पर उसके घर वाले सो रहे थे.

वह अपने कमरे में अकेला था.

मैं वहां पर पहुंच गया.

वह दूसरी तरफ करवट लेकर लेटा हुआ था और सो रहा था.
मैं भी उसके साथ में लेट गया.

लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि उससे कैसे कहूँ कि मेरी गांड मार दे.

कुछ देर बाद उसकी नींद खुल गई और उसने मुझे देखा तो वह बोला- अबे चिकने, तू कब आया?
मैंने उसकी कमर पर हाथ रखते हुए कहा- अभी आया था. तू सो रहा था तो कुछ कहा नहीं, बस लेट गया.
वह बोला- अबे जगा लेता न!

फिर वह उठ कर बाथरूम गया और बिना दरवाजा बंद किए पेशाब करने लगा.
उसका मूसल सा लंड साइड से कुछ कुछ दिख रहा था.
उसकी मूत की धार सामने दीवार पर पड़ रही थी.

मुझे वह नजारा देखने में बड़ा अच्छा लग रहा था.

फिर वह अपने लंड को झटकारने लगा और उसकी पेशाब की कुछ बूंदें और निकल कर खत्म हो गईं.

उसने लंड को अपने लोअर में अन्दर किया और हाथ धोकर बाहर आ गया.

फिर वो मुझसे कहने लगा- मुझे गेहूं पिसवाने जाना है, तू साथ चलेगा क्या?
मैंने कहा- नहीं तू अकेला ही चला जा.

वह कपड़े पहन कर बाहर चला गया और उसी के साथ मैं भी अपने घर में आ गया.

मेरा सारा प्लान खराब हो गया.
उसको मैं टच भी नहीं कर पाया.

अगले दिन मैं फिर से एक बजे उसके घर में गया.
उसके घर वाले सो रहे थे.

मैं अपने दोस्त के रूम में गया और उसके साथ लेट गया.
वह जाग रहा था और एक किताब पढ़ रहा था.

मैं उसके करीब लेटा हुआ था तो उसका बदन मेरे बदन से चिपका हुआ था.
उसके बदन की गर्मी मुझे कामुक कर रही थी क्योंकि मेरे मन में उससे गांड मरवाने की इच्छा थी जबकि उसे ऐसा कुछ अहसास ही नहीं था.

फिर हम दोनों उठ कर बैठ गए और कुछ देर मैंने और उसने शतरंज का खेल खेला.

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
सॉरी, मैं आपको उसके बारे में बताना भूल ही गया. उसका नाम अमन है. उसकी उम्र 20 साल की है और हाइट 5 फुट 7 इंच थी. उसका लंड काफी लंबा और गोलाई में मोटा था.

वह फोन में गेम खेलने लगा.

उसने शॉर्ट्स पहना हुआ था.

फिर मुझसे और इंतजार नहीं हुआ.
मैंने बिना देर किए उसके शॉर्ट्स के ऊपर हाथ रख दिया.
जब मैंने हाथ रखा तो उसका लंड टाइट नहीं था.

इस पर भी जब उसका कोई रिएक्शन नहीं आया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने उसके शॉर्ट्स के ऊपर से ही हाथ से उसके लंड को थोड़ा थोड़ा सहलाने सा लगा.

वह मेरे हाथ की हरकत को देखने लगा लेकिन उसने कुछ कहा नहीं.

मैं उसकी तरफ देख कर उसके लौड़े को पूरी मस्ती से सहलाने लगा.
अब उसका लंड खड़ा होने लगा और कुछ ही पलों में उसका लंड ऐसा टाइट हो गया था मानो शॉर्ट्स को फाड़ कर बाहर निकल आएगा.

उसने कामुक भाव से कहा- क्या कर रहे हो बे … लौड़े को क्यों खड़ा किया है?

मैंने कुछ नहीं कहा, बस लंड को हिलाना चालू रखा.

उसने मेरे हाथ को हटाया और अपने शॉर्ट्स को उतार कर लंड को खुला कर दिया.
उसका लंड मस्त मूसल सा हिनहिना रहा था.

वह कुछ नहीं बोला और उसने मेरा हाथ पकड़ कर खुद ही अपने लौड़े पर रखवा लिया.

उसका लंड पूरा टाइट था और मोटा था तो हिलाने में मजा आ रहा था.

उसने कहा- क्या कर रहे हो बे … घर वाले आ जाएंगे!
मैंने कहा- वे सब सो रहे हैं तुम टेन्शन मत लो.

‘अन्दर लेगा क्या?’
‘हां पेल दे!’
‘तो चल आ जा, आज तेरा काम उठा ही देता हूँ.’

यह सुनकर मैं झट से उठा और गेट व विंडो बंद करके वापस बिस्तर पर आ गया.
कुछ देर बाद मैंने अपनी जींस भी उतार दी.

उसने कहा- अपनी गांड उधर को कर ले.
मैंने कर लिया.

उसने मेरा अंडरवियर निकाला और अपने लंड पर थूक लगा लिया.
फिर उसने मेरी गांड को चौड़ी कर दी और छेद में थूक दिया.

उसके बाद अमन ने अपना लंड मेरा गांड के छेद में सैट किया और एक धक्का दे मारा.
लेकिन उसका लंड फिसल गया क्योंकि मेरी गांड टाइट थी.

उसने दुबारा से गांड में थूक लगाया और मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा कर बोला- अपनी गांड के छेद में सैट कर!
मैंने लंड को अपनी गांड में सैट कर दिया.

उसने धीरे से धक्का दिया तो उसका सुपारा गांड के अन्दर चला गया.
मुझे बहुत तेज दर्द हुआ और मैं हल्के से ‘आह एयेए एयेए आह …’ करने लगा.

उसने कहा- क्या हुआ बे?
मैंने कहा- अबे, दर्द हो रहा है.

उसने कहा- कुछ देर होगा, फिर मज़ा आने लगेगा.
एक दो पल के बाद उसने फिर से एक धक्का मारा.

इस बार मैं दर्द में गाफिल था और मेरा ध्यान सिर्फ अपने छेद को ढीला करके दर्द को सहन करने में लगा हुआ था.

उस वजह से उसका आधा लंड मेरी गांड के अन्दर घुसता चला गया था.

मुझे फिर से दर्द होने लगा.
मैं दर्द से ‘आह मर गया उह इस्स …’ करने लगा.

उसने कहा- भोसड़ी के, चिल्ला मत मादरचोद … घर वाले उठ जाएंगे.
मैं चुप हो गया.

फिर धीरे धीरे उसने अपने लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया और वह हाथ से थूक लगा कर लंड पेलता रहा.
उसने अपनी चोदने की स्पीड भी कुछ तेज कर दी थी.

अब मुझे दर्द के साथ साथ मज़ा भी आने लगा था.

कुछ देर बाद उसने अपना लंड बाहर निकाला और मुझे पेट के बल लिटा दिया.
फिर उसने कहा- अपने चूतड़ों को चौड़ा कर ले!

मैंने अपने दोनों हाथ से चूतड़ों को चौड़ा कर दिया और छेद दिखाने लगा.
उसने लंड को गांड के छेद पर सैट कर दिया.

इस बार पोजीशन सही थी और मेरी गांड का छेद भी खुला था.
उसने जोर लगाया और इस बार एक ही धक्के में उसका आधा लंड अन्दर चला गया था क्योंकि मेरी गांड अब ढीली हो चुकी थी.

हालांकि तब भी लंड पेलने पर मुझे हल्का दर्द हुआ और मैंने ऊँह करके लंड ले लिया.

वह रुक गया और कुछ देर उसी पोजीशन में हम दोनों एक दूसरे को देखने लगे.
उसने होंठों से चुम्मी लेने का इशारा किया, तो मेरी मुस्कान ने उसे घायल कर दिया.

वह बार बार होंठों से पुच्च पुच्च करने लगा.
मैं भी अपने होंठ गोल करके उसकी पुच्च पुच्च का जबाव देने लगा.

उसी खेल में हम दोनों की कामुकता बढ़ गई और उसका लंड मेरे गांड में आगे पीछे होने लगा.

पता ही नहीं चला कि कब उसने अपना पूरा लंड मेरी गांड में पेलना चालू कर दिया था.

करीब दस मिनट तक उसने मेरे गांड मारी और अपने लंड का रस मेरी गांड में ही छोड़ दिया.

झड़ने के कुछ देर बाद तक हम दोनों उसी पोज़िशन में लेटे रहे.

बाद में हम दोनों अलग हुए और सामान्य हो गए.
कुछ 15 मिनट तक हम दोनों नंगे लेटे रहे.

मैं उसके लंड को सहलाता रहा.
इससे उसका लंड फिर से टाइट हो गया.

इस बार उसने मुझे फिर से डॉगी स्टाइल में कर दिया और इस बार मेरे कहने पर उसने क्रीम की डिब्बी उठा ली थी.

अब उसने अपने लंड पर क्रीम लगा कर उसे चिकना किया और मेरी गांड में भी क्रीम लगा दी.
फिर पीछे से ही उसने लंड को गांड के छेद पर सैट करके धक्का मार दिया.

मुझे हल्का सा दर्द हुआ लेकिन उतना नहीं जितना पहले हुआ था.
कुछ दस मिनट तक गांड मारने के बाद वो फिर से झड़ गया.

वह सीधा वॉशरूम गया और अपने लंड की साफ सफाई करके कपड़े पहन कर बाहर आ गया.

उसके बाद मैं भी वॉशरूम में गया और साफ सफाई के बाद कपड़े पहन कर अपने घर आ गया.
अब 3 बज चुके थे और घर वाले भी उठने वाले थे.

हम दोनों ने उस दिन गांड चुदाई के खूब मज़े किए और एक बार फिर से सेक्स करने का वादा किया.

अब हम दोनों दोस्त खुल चुके थे तो झिझक भी खत्म हो गई थी.

दो दिन बाद मैंने उससे कहा- चल यार, कहीं बाहर घूमने चलते हैं.

वह बोला- हां, कहीं नहाने चलते हैं. उधर मैं तेरी खुजली भी दूर कर दूंगा.

मैं समझ गया कि बंदे को मेरी गांड लैंड सेक्स यानि गांड मरवाने की चुल्ल का पता चल गया है.

मैंने झट से उसकी बात मान ली और हम दोनों ने नदी में नहाने की बात पक्की कर ली.

शहर से बाहर कुछ दूर पर नदी थी; हम दोनों ने उसमें नहाने का प्लान बनाया.

हम दोनों वहां पर गए, तो सन्नाटा छाया हुआ था.
उधर कोई दिखाई ही नहीं दे रहा था, सिर्फ़ हम दोनों ही थे.

हम दोनों ने कपड़े उतारे और दोनों अंडरवियर में ही नदी में नहाने लगे.
दिमाग में तो सेक्स घुसा ही हुआ था तो हम दोनों एक दूसरे के ऊपर पानी फेंकने लगे.

पहले हो चुके सेक्स के कारण जल्द ही हम दोनों एक दूसरे के करीब आ गए और उसने अपना हाथ मेरे गले में डाल दिया व मुझे खींचने लगा.
उसका लंड मेरी कमर में गड़ने लगा और उसी वक्त मेरे मन में उससे गांड मरवाने की कामना बलवती होने लगी.

अब मुझे जरा सा भी डर नहीं था और ना ही अपने दोस्त से किसी बात की झिझक थी क्योंकि हम दोनों पहले भी एक बार सेक्स कर चुके थे.

मैं उससे एकदम पास हो गया और एक झटके से उसके अंडरवियर में हाथ डाल दिया.
वह हंसने लगा.

मैंने पूछा- हंस क्यों रहा है बे?
वो बोला- आज फिर से गांड फड़वाने का मन है क्या?

मैं कुछ नहीं बोला और बस लंड हिलाने में लगा रहा.
उसका लौड़ा भी जल्द ही टाइट हो गया.

उसने मुझे किस किया.
तो मुझे उसका चूमना काफी अच्छा लगा.

कुछ देर ऐसे ही चलता रहा.

फिर उसने मुझे पलटा कर झुका दिया, मेरी अंडरवियर नीचे कर दी और अपने लंड को मेरी गांड के छेद में लगा कर रगड़ने लगा.
मुझे सुख मिलने लगा.

मैंने उसका लंड पकड़ कर अपने छेद से सटाया और एक दाब दे दी.
उसकी आह की आवाज आई और लंड का सुपारा गांड में चला गया.

उस वक्त हम दोनों पानी में थे तो मुझे ऐसा अहसास हुआ कि लंड के साथ साथ कुछ पानी भी गांड के अन्दर चला गया हो.

उसने मुझे और झुकाया और लंड को अन्दर डालने लगा.
उसका लंड अन्दर नहीं जा पा रहा था.
मुझे भी दर्द हो रहा था.

इसका कारण ये था कि हम दोनों पानी में थे, हमारे पास कोई चिकनाई नहीं थी.
उसका थूक भी काम नहीं कर रहा था.

फिर मैंने कहा- चल घर चल कर सही से करते हैं.
वह बोला- ठीक है.

जल्दी ही हम दोनों घर पर आ गए.

अपने कमरे में पहुंच कर उसने जल्दी से अपने कपड़े उतारे और मुझे डॉगी स्टाइल में होने को कहा.

उसने मेरी पैंट उतार दी और पीछे से लंड और गांड में तेल लगा दिया.
फिर लंड सैट किया और एक ज़ोर से धक्का दे मारा.

मेरी आंखों में आंसू आ गए.
मैंने कहा- धीरे धीरे करो यार … दर्द हो रहा है.

वह रुक गया और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.

‘आआ जानू फक मी हार्ड एयेए ऊऊ एयेए …’
मैं आवाज करने लगा तो उसका जोश और बढ़ गया.

उसने अपनी स्पीड तेज कर दी और दस मिनट बाद वो झड़ गया.
तब उसने अपना रस मेरे चूतड़ों पर ही गिरा दिया.

उस दिन सच में मुझे बहुत मज़ा आया.
मैं साफ सफाई करके घर चला गया.

फिर मैंने अपने दोस्त से कई बार गांड मरवाई.

यह मेरी पहली गांड लैंड सेक्स कहानी थी.
उम्मीद करता हूँ कि आपको पसंद आई होगी.
प्लीज अपने कमेंट्स से जरूर बताएं.
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