चूत का पैसा कमाकर बचाया और फिर उससे घर बनाया, जमीन बनाई और फिर चुनाव लड़ कर लोकल नेता बन गयी दो मजदूर लड़कियां. कैसे? खुद पढ़ें इस कहानी के 4 भागों में!
कहानी के तीसरे भाग
पुणे का बुधवार पैठ रेड लाइट एरिया
में आपने पढ़ा कि गाँव की कमली और मालती शहर के कोठे पर चुदाई से पैसा कमाने आई थी.
कमली ने काफी पैसे कमाए.
पर एक दिन इलाके का थानेदार आया और कमली को कोई 15 मिनट तक थानेदार ने रुक रुक कर चोदा.
कमली की चूत से कामरस का फव्वारा निकलने लगा.
अब आगे चूत का पैसा:
थानेदार का लंड अभी भी खड़ा था- कमली, कुतिया बन कर पलंग के किनारे खड़ी हो जा!
कमली कुतिया की तरह खड़ी हो गई.
थानेदार ने कमली की चूत में लंड पेल दिया, इस बार लंड और अन्दर तक गया था.
कमली चीख उठी- आह … मर गयी.
थानेदार कमली की कमर पकड़कर निर्ममता से चोदने लगा.
कमली का बदन हिल रहा था.
थानेदार कमली की कमर पकड़कर निर्ममता से चोदने लगा.
कमली का बदन हिल रहा था.
थानेदार ने उसकी कमर पकड़ रखी थी नहीं तो वह मुँह के बल गिर जाती.
कमली के कूल्हों पर थानेदार चांटे मार रहा था, कूल्हे लाल हो गए थे.
इससे कमली को मजा आने लगा था.
थानेदार ने कमली को चित लिटा दिया और खुद उसके ऊपर लेट कर चोदने लगा.
कमली थानेदार के वजन से हिल नहीं पा रही थी.
उसने अपना बदन ढीला छोड़ दिया और चुदाई का आनन्द लेने लगी.
करीब 45 मिनट चोदने के बाद थानेदार झड़ गया.
वह कमली के ऊपर से उतर गया.
कमली पूरी तरह संतुष्ट होकर मुस्कुरा रही थी, उसका बदन दुख रहा था.
थानेदार- कमली रानी, कैसी रही चुदाई? बहुत दर्द हुआ क्या?
कमली- मजा आ गया … आप में चार मर्दों की ताकत है, पूरा बदन तोड़ दिया. पहली बार असली मर्द मिला.
कमली कपड़े पहनने लगी.
थानेदार- कमली रुक, कपड़े मत पहन … थोड़ी देर बाद मुझे तेरी गांड मारनी है.
कमली- मेरी गांड में बवासीर की सख्त गांठें हैं सर. मुझे सिर्फ दर्द होगा और उससे बड़ी बात आपका लंड छिल जाएगा.
यह बहाना मौसी ने लड़कियों को सिखाया था, कमली को बवासीर नहीं था.
थानेदार अभी कुछ कहता कि कमली आगे कहने लगी- सर कोठे में मेरा गांडू पति वसंत भी है. आप उसकी गांड मारिए. वह आपको बहुत मजा देगा.
तब थानेदार ने मौसी को गांडू कमरे में भेजने को कहा.
वसंत को नंगा करके उसे पेट के बल लिटा दिया.
कंडोम पहन कर थानेदार ने उस पर केवाई जैल को लगाया और वसंत के ऊपर चढ़कर उसकी गांड मारने लगा.
बड़े लंड अन्दर जाने से पहले तो वसंत चीखा, फिर उसे मजा आने लगा.
पंद्रह मिनट तक गांड मरवाने के बाद वसंत गिड़गिड़ाने लगा- अब छोड़ दो, गांड दुख रही है.
कमली बैठकर सिगरेट पीती हुई सब देख रही थी.
वसंत कमली को कभी कभी पीटता था. आज वसंत को गिड़गिड़ाते देख कमली को मजा आ रहा था.
थानेदार रुक रुक कर गांड मार रहा था, वसंत हाथ पटककर रो रहा था.
इससे थानेदार को और जोश आ रहा था.
थानेदार ने करीब एक घंटा तक लगातार गांड मारी.
जब वह निपटकर वसंत के ऊपर से उतरा तो वसंत आधी बेहोशी की हालत में था.
थानेदार जाते समय बोला- कमली तुम पहली लड़की हो, जिसने चुदाई के समय आनन्द से साथ दिया. अब तक जितनों को चोदा, वे थोड़ी देर में पस्त हो गईं.
तब थानेदार ने कमली को इनाम में काफी रूपए दिए और कहा- मैं फिर आऊंगा … इस बार बिना कंडोम के चोदूंगा.
कमली ने कपड़े पहने, वसंत को एक और लड़की की मदद से पीछे के कमरे में ले गयी और पलंग पर लिटा दिया.
चूत का पैसा लेकर कमली बैठक में मौसी के पास आयी.
मौसी- थोड़ी देर में ग्राहक आने लगेंगे, थानेदार की चुदाई के बाद तुम थक गयी होगी. थानेदार ने पहली बार किसी लड़की को इनाम दिया है. क्या तुम आज आराम करना चाहोगी?
कमली- थानेदार के साथ मजा आया, मैंने वसंत की चुदाई के समय आराम कर लिया है. मैं ग्राहकों के लिए तैयार हूँ.
उस रात कमली ने 5 ग्राहकों को निपटाया.
दूसरे दिन खबर मिली कि गांव में ठेकेदार ने बुलाया था. उसे नया काम मिला था. कमली वसंत को लेकर गांव चली गयी.
शहर से उसकी अच्छी कमाई हुई थी.
कमली के जाने से पहले मौसी ने कहा- अगले महीने पुणे में श्री गणेश चतुर्थी के समय मंडपों की सजावट देखने आस पास के गांवों और छोटे शहरों से दस दिन तक लोग पुणे आते हैं. कोठा रात भर चालू रहता है. बहुत ग्राहक आते हैं. तुम पांच दिन पहले आ जाना.
मौसी ने कमली को महीने भर की गर्भनिरोधक दवा दी.
थानेदार बिना कंडोम के चोदने वाला था.
कमली, मालती गणेश चतुर्थी के पांच दिन पहले मौसी के कोठे पर पहुंच गईं.
वसंत नहीं आया.
कोठे पर बहुत सारी लड़कियां थीं जो आस-पास के गांव और शहर से आयी थीं.
डॉक्टर ने कोठे पर ही सबकी जाँच की, खून के नूमने लिए.
अगले दिन डॉक्टर की रिपोर्ट आ गयी, जिन लड़कियों को कोई भी बीमारी थी मौसी ने उन्हें वापस भेज दिया.
बाकी लड़कियों के लिए ब्यूटीशियन आयी.
लड़कियों के शरीर के अनचाहे बाल वैक्सिंग या क्रीम से साफ़ किए, फेशियल किया.
दर्जी ने सबके लिए सेक्सी ब्लाउज सिले.
मौसी अच्छी साड़ी, ब्रा पैंटी, साया आदि सबके लिए ले आयी.
तीसरी शाम थानेदार आया.
कमली को वह कमरे में ले गया और उसके कपड़े उतार दिए.
वह खुद भी नंगा हो गया.
कमली का बाल रहित चिकना बदन देख वह खुश हो गया और कमली को चूमने लगा, चूचे दबाने लगा.
उसका लंड खड़ा हो गया.
थानेदार पलंग पर बैठकर बोला- लंड चूस.
कमली ने आगे झुककर पलंग पर हाथ रखे और लंड को गले तक लेकर चूसने लगी.
तब कमली बिना कंडोम लगा लंड चूस रही थी.
उसे लंड का स्वाद अच्छा लगा.
थानेदार कमली को पलंग पर लिटाकर मिशनरी आसन में चोदने लगा, कमली ने पांव छाती की तरफ कर लिए थे.
उसे एक महीने बाद चुदाई का आनन्द मिल रहा था.
वह सिसकारी लेकर कमर हिला रही थी.
उसके बाद थानेदार ने कमली को फर्श पर पलंग के पास खड़ा किया और बोला कि आगे झुककर पलंग पर हाथ रख पांव फैला ले.
थानेदार ने पीछे से चूत में लंड डाला, कमली की कमर पकड़कर चोदने लगा.
वह चोदने के साथ ही उसके कूल्हों पर चांटे भी मार रहा था.
कमली ने सर पलंग पर रखा, दर्द और मजे के कारण हाथ पटकने लगी.
उसकी चूत से कामरस बह रहा था.
करीब आधा घंटे चुदाई के बाद लंड से वीर्य की पिचकारी निकली.
कमली की चूत वीर्य से भर गयी.
उसकी चूत पहली बार वीर्य से भरी थी.
उसे ऐसे लगा, जैसे गर्मी के बाद बरसात हो गई हो.
थोड़ी देर आराम करने के बाद थानेदार बोला- गांडू को बुलाओ, मुझे गांड मारनी है.
कमली हंस कर बोली- इस बार गांडू नहीं आया है सर … मैंने अपने बवासीर का इलाज करा लिया है. मेरी गांड आपकी सेवा करेगी.
थानेदार ने कमली को पीठ के बल लिटाया, उसकी कमर के नीचे तकिया रख दिया.
कमली ने खुद ही अपने पांव छाती की तरफ कर लिए.
थानेदार ने लंड पर तेल लगाया और एक ही झटके में पूरा लंड गांड में पेल दिया.
उसने कमली की जांघ कसके पकड़ ली.
कमली ने इतना बड़ा लंड पहली बार गांड में लिया था.
वह चिल्ला उठी- हाय माँ … आप मेरे दो टुकड़े कर दोगे … मेरी गांड फट गई.
थानेदार जोश में गांड मारने लगा.
कमली दर्द से सर हिला रही थी, हाथ पटककर रो रही थी.
थानेदार ने कमली के खुले मुँह में थूककर कहा- पी जा बहन की लौड़ी.
कमली पी गयी.
काफी देर चुदाई के बाद कमली का दर्द कम हो गया.
उसकी गांड फ़ैल गयी.
अब उसे भी गांड मराने में मजा आने लगा.
थानेदार ने कमली को पेट के बल लिटा दिया. उसके ऊपर लेटकर रुक रुक कर गांड मारने लगा.
एक घंटा गांड चोदने के बाद ठेकेदार कमली की गांड में ही झड़ गया.
थानेदार- कमली मजा आ गया.
उसने कमली को इनाम दिया और जाने लगा.
कमली- आपने मुझे थका दिया, चलने में मुश्किल हो रही है पर मजा बहुत आया.
कमली अपने पांव फैलाकर मुश्किल से चलकर बाहर आयी.
उसने मौसी से कहा कि आज मैं ग्राहक नहीं ले पाऊंगी.
दो दिन बाद लोग पुणे आने लगे.
शाम से कोठे में काफी भीड़ थी.
कमली और 20 लड़किया सजकर बैठक में थीं.
ग्राहक लड़की पसंद करके उसके साथ कमरे में जाते.
एक ग्राहक निपटाने के बाद लड़की कपड़े पहनकर बैठक में आ जाती तो तुरंत दूसरा ग्राहक उसे तैयार मिलता.
लड़कियों को आराम करने का समय नहीं था.
कमली 5-6 ग्राहक निपटाने के बाद बार बार कपड़े पहनने और उतारने से बोर हो गयी.
वह सिर्फ साड़ी पहनकर बैठक में आयी, उसने ब्रा पैंटी ब्लाउज साया नहीं पहना.
उसे देखकर बाकी लड़कियां भी वैसा करने लगीं.
जब कोई लड़की थक जाती, मौसी उसे पीछे के कमरे में सिर्फ आधा घंटे आराम करने की इजाजत देती.
उस कमरे में चाय बिस्कुट पानी का इंतजाम था.
सुबह चार बजे तक ग्राहक आते रहे. कमली ने उस रात 18 ग्राहक निपटाए.
जब ग्राहक ज्यादा होते कमरों की कमी पड़ती.
तब मौसी ग्राहकों को कहती- दो ग्राहक दो लड़कियों को लेकर एक ही कमरे में जा सकते हैं. पलंग काफी बड़ा है.
जो ग्राहक अपने दोस्त के साथ आये थे, वे तो राजी हो जाते. बाकी के कुछ मुँह बनाते.
ग्राहकों के जाने के बाद लड़कियां नहाई और खाना खाकर सो गईं.
ऐसा दस रातों तक चला.
कुछ लड़किया 4-5 रातों के बाद थक गईं.
उन्होंने एक दिन रात आराम किया.
कमली दसों रात डटी रही.
उसकी बहुत कमाई हुई.
ऐसे ही 4-5 साल बीत गए.
कमली की उम्र 24 और मालती 25 की हो गयी.
दोनों ने जमीन खरीदकर पक्का मकान बना लिया.
दोनों ठेकेदार के दिलाये काम करती रहीं.
जब ठेकेदार बुलाता तब दोनों उसकी और उसके मेहमानों की कामेच्छा पूरी करतीं.
कमली मालती को कोठे पर भी काम करती.
गणेश चतुर्थी के समय 10 दिन के लिए भी जाती.
दोनों के पतियों को सब पता था, पर कमली का शराबी और मालती का बूढ़ा पति को कुछ कहने की हिम्मत नहीं थी.
गांव में उनके वेश्या का करने के बारे में किसी को पता नहीं था.
एक और साल बाद कमली मालती अपनी जमीन पर सब्जी की खेती करने लगीं.
काफी महिलाओं को काम मिला.
दोनों के पास पैसा था, चाहे चूत का पैसा था, लोग उनकी इज्जत करते.
पर किसी की पूछने की हिम्मत नहीं थी कि पैसा कहां से आया.
बाद में दोनों ने ग्राम पंचायत का चुनाव जीतकर सदस्य हो गईं.
ठेकेदार को शहर में बड़ा ठेका मिलने लगा. वह गांव में कम ही रहता.
ठेकेदार का लड़का, जो कमली का हमउम्र था, वह कमली का आशिक हो गया.
वह रात कमली के घर आता, दोनों खूब मजा करते.
कमली ठेकेदार के लड़के से गर्भवती होने की कोशिश करने लगी.
उसने गर्भनिरोधक दवा लेनी बंद कर दी.
ग्राम प्रधान का लड़का मालती का आशिक था.
वह मालती के घर रात आता.
कमली मालती के आशिक शादीशुदा हैं, पर उनकी पत्नियां अपने पतियों को वह यौन सुख नहीं दे पाती थीं जो कमली मालती देती थीं.
दोनों अपने आशिकों को अपने तीनों छेदों चूत, गांड, मुँह का आनन्द देतीं. यौन क्रीड़ा ने खुलकर भाग लेतीं.
अब कमली मालती कोठे पर नहीं जाती हैं.
आपको चूत का पैसा सेक्स कहानी कैसी लगीं, जरूर बताएं.
अपने विचार बताते समय कहानी का नाम भी जरूर लिखें.
[email protected]