जवान चूत मारी मैंने … वह लड़की खुद ही मेरी दूकान पर आकर मेरे गले पड़ गयी. अपनी चूचियां दबवा ली, फिर मेरे लंड का साइज़ पूछने लगी और मुझे अपने घर बुला लिया.
दोस्तो, मेरा नाम युवराज है, मेरी उम्र 30 साल है।
मैं दिखने में स्मार्ट हूँ, कद 5’8″, गोरा रंग है।
यह मेरी पहली स्टोरी है जो मैं आप लोगों को बताने वाला हूँ.
यह जवान चूत मारी स्टोरी 9 साल पहले की है जब मैं 21 साल का था.
हमारी कपड़ों, गारमेंट्स की दुकान है.
एक दिन पापा की तबीयत कुछ अच्छी नहीं थी तो आज मम्मी ने मुझे दुकान भेज दिया था.
मैं दुकान बहुत कम ही जाता हूं पर मम्मी ने कहा तो चला गया.
मस्त तैयार होकर मैं दुकान पहुंचा और दुकान खोली.
धीरे-धीरे लोगों का आना शुरू हुआ.
हमारे दुकान का बहुत नाम है. पूरे बाजार में लड़कियों की पसंद की कपड़ों की हर एक डिजाइन जो कहीं और नहीं मिलती वो हमारे यहां मिलती है.
दुकान खोलने के कुछ ही देर बाद देखते ही देखते बहुत से लोग हमारे यहां आने लगे और सभी काम करने वाले लोग अपने-अपने कामों में बिजी हो गए.
मैं बैठा बस बिल बना रहा था, उतना कुछ मुश्किल काम नहीं था लेकिन मुझे कुछ ज्यादा आता नहीं था.
देखते ही देखते दोपहर के 2:30 बज गए.
मेरे यहां काम करने वाले सब लोग खाना खाने चले गए.
मैं दुकान में ही बैठा था अपना टिफ़िन निकाल ही रहा था कि एक लड़की आई.
उसकी उम्र कुछ 25 साल रही होगी.
खूबसूरत आंखें, लंबे बाल, सेक्सी फ़िगर, और उसका कद भी अच्छा था.
देखकर अच्छे-अच्छों की नीयत डोल जाए.
“सुनिए आप ब्रा रखते हैं क्या?”
मैंने कहा- हां रखते हैं … आप अपना साइज़ बताइए?
उसने कहा- साइज़ … साइज़ तो पता नहीं, पर शायद 32 या 34 के करीब होगा.
यारो, यह मेरी लाइफ का तब का सबसे मस्त अनुभव था कि कोई लड़की मुझे अपने ब्रा का साइज बता रही हो.
मैं निकालने जा ही रहा था कि उसने मुझे रोक लिया और कहा- आपके पास इंची टेप होगा, तो माप कर सही साइज़ निकाल देते.
मैंने कहा- हां, टेप तो है चेंजिंग रूम में आप नाप लेकर बता दीजिए, मैं निकाल देता हूं.
उसने हिचकिचाते हुए कहा- वो मुझे नापना नहीं आता. आप नाप सकते हैं, इसमें मुझे कोई दिक्कत नहीं है.
मैंने कहा- ठीक है चलिए.
हम दोनों चेंजिंग रूम में गए.
मैंने टेप निकाला और उसे हाथ ऊपर करने को कहा.
उसने हाथ ऊपर किए, मैंने टेप उसके शरीर से जैसे ही लगाया मेरे हाथ कांपने लगे क्योंकि मैं पहली बार किसी लड़की के इतने क़रीब था और उसके स्तन को नाप रहा था.
मेरे हाथ से टेप गिर गया.
ऐसा मेरे साथ दो बार हुआ.
उसने मेरी तरफ़ गुस्से से देखा तो मैं डर गया.
सोचा कि कहीं मेरा हाथ तो नहीं लग गया उसके शरीर पर जो ये गुस्सा हो रही है.
मैंने तुरंत सॉरी बोल दिया.
वह मेरे तरफ़ बढ़ी और मेरे हाथों को पकड़ कर अपने स्तन पर रख दिया और बोली- अब बताओ क्या साइज है?
मैं पसीना-पसीना हो रहा था इसलिए मैंने अपना हाथ हटा लिया.
इस पर उसने मुस्कुराते हुए दोबारा मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- डरो मत, तुम ऐसे भी मेरा साइज़ नाप सकते हो.
यह कहकर उसने दोबारा मेरा हाथ अपने स्तन पर रख दिया.
उसके मस्त गोल-गोल स्तनों को अपने हाथ में पाकर मेरा तो मन कर रहा था बस संतरे की तरह निचोड़ दूं.
नीचे से मेरा लंड भी गर्म हो रहा था.
मैंने उसे ऐसे ही अंदाज से 32 साइज़ बता कर अपने हाथ पीछे कर लिए.
वह मुस्कुराती हुई बोली- तुम्हारे हाथों में पूरे समा गए. लगता है छोटे हैं, बड़े करवाने पड़ेंगे.
मैं समझा नहीं कि वो बोलना क्या चाहती थी.
मैंने उसे ब्रा निकाल कर दिया.
तो उसने मुझसे मेरे पसंद का रंग निकालने को कहा.
मैंने देर न करते हुए उसे ब्लैक कलर की ब्रा निकाल कर दे दी और वह थैंक यू बोल कर चली गई.
कुछ देर बाद मेरे दुकान पर काम करने वाले भी आ गए.
फिर देखते ही देखते शाम हो गई, मैं दुकान बंद करके घर आ गया.
दुकान में हुई बातें याद करते ही मेरा लंड गर्म होने लगता तो मैंने मुठ मार ली उसे याद कर के!
दूसरे दिन भी मैं दुकान पर चला गया क्योंकि पापा अभी ठीक नहीं हुए थे.
कल की तरह ही सब काम करने वाले लोग दोपहर में लंच करने चले गए.
मैं भी दुकान का शटर आधा गिरा कर खाना खा रहा था और कल वाली लड़की को याद कर रहा था.
मैं खाकर उठा ही था कि किसी ने शटर पर हाथ मारा.
मुझे लगा कि मेरे यहां काम करने वाले लोग खा पी कर आ गए.
मैंने अंदर आने को कहा.
तो फिर वही लड़की थी.
उसने कहा- कल ब्रा तो ले गयी थी पर पेंटी लेना भूल ही गई.
मैंने कहा- ठीक है, साइज बताओ!
उसने कहा- नाप लो ना!
मैं उसकी बातों को सुनकर हैरान था.
लेकिन आज तो मैं इतना समझ ही गया था कि ये मुझसे चुदाई का मज़ा लेना चाहती है.
आज तो मैं भी इसकी लेना चाहता था.
मैंने कहा- चलो चेंजिंग रूम.
वह आ गई.
मैंने टेप निकाला.
उसने कहा- अपने हाथों के टेप से नापो ना, बिल्कुल सही नाप आएगा.
मैंने भी मौके का फ़ायदा उठाकर टेप फेंक दिया और उसकी कमर पर हाथ रखकर बोला- ये तो 28 है.
उसने मेरे कान में धीरे से कहा- तुम्हारे औजार का साइज कितना है?
मैंने भी कहा- खुद नाप लो.
उसने हंसते हुए मेरी और देखा और मेरे होंठो पर अपने नरम गुलाब की पंखुड़ियों जैसे गुलाबी होठों को रख दिया और अपना हाथ मेरे पैन्ट में डाल दिया, मेरे लंड को पकड़ कर बाहर लाने लगी.
जब मेरा लंड बाहर आया तो पूरे 7 इंच लंबा था.
उसने नीचे देखा और बोली- ओवर साइज है, हाथों से नापा नहीं जा रहा है मुंह में ले कर नापना पड़ेगा.
मेरे मन में तो लड्डू फूटने लगे ‘वाह यार … क्या लड़की है!’
वह नीचे बैठ गई और मेरे लंड को लॉलीपॉप बना डाला.
ऐसा लग रहा था कि बस मैं जन्नत में पहुंच गया हूँ.
पर फिर मैंने उसे बीच में ही रोक दिया.
लेकिन वह तो रुकने को तैयार ही नहीं थी, पूरा चूस कर ही मानी साली.
फिर मैंने उसे कहा- यहां ये सब सही नहीं है. कोई आ गया तो दिक्कत हो जाएगी.
तो उसने मुझे कहा- ठीक है!
और मुझे एक पता लिख कर दिया- कभी भी आ जाना. मैं अकेली ही रहती हूं!
इतना कह कर वह अपनी पेंटी लेकर चली गई.
पापा की तबियत ठीक होने तक मैं ही दुकान जाता था लेकिन अब वो नहीं आ रही थी.
पर उसकी चुसाई ने मेरी नींद उड़ा दी थी.
तब मैं उसके दिए पते पर जा पहुंचा.
उसने दरवाजा खोला.
वह मुस्कुराई और मुझे अंदर ले कर दरवाजा बंद कर लिया और मुझसे आ कर लिपट गई मुझे गर्दन से चूमना चालू कर दिया.
मैंने उसको खुद से दूर किया.
वह दोबारा मुझसे आ कर लिपट गई और कहने लगी- अब एक पल भी तुमसे ओर दूर नहीं रहा जाता ‘युवी’ आई लव यू … मुझे अपना बना लो अब बस!
मुझे उसकी बातों में प्यार से ज्यादा हवस नजर आ रही थी.
तो मैंने भी उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और पूछा- नाम क्या है तुम्हारा?
उसने कहा- मोनिका … तुम्हारे साथ स्कूल में पढ़ती थी.
वैसे तो मुझे कुछ याद आया नहीं था पर कोई और सवाल करके मज़ा खराब नहीं करना चाहता था.
उसने मेरे होठों को बुरी तरह चूसना शुरू कर दिया.
तो मैंने भी उसके चूतड़ों को दबाना शुरू किया. उसके कूल्हे बड़े और मुलायम थे.
फिर मैंने उसका ऊपर का टॉप उतार दिया.
उसने ब्रा नहीं पहनी थी तो मैंने बिना देर किए स्तनों को चूसना शुरू कर दिया.
उसे दीवाल से टिका कर दोनों हाथ ऊपर करके मैंने उसके दोनों दूध को इतना चूसा, इतना चूसा कि स्वाद आ गया.
उसके दोनों निप्पल को हल्के-हल्के दांतों से काट काट कर चूसा.
बहुत मज़ा आया.
उसकी सिसकारियां निकल रही थी- बस आह … आह … यूवी आह … आह!
फिर उसको सोफे पर लेटा कर उसकी नाभि पर को चूमते चूमते नीचे पहुंचा और उसकी लोवर उतार दी.
मैंने देखा कि उसने तो पेंटी भी नहीं पहनी थी.
मैंने उसके दोनों पैरों को दूर दूर किया और चूत के दर्शन किए.
उसकी चूत गुलाबी थी.
फूली हुई मस्त गीली चूत को देखकर मेरा सीधे उसे चोदने का मन करने लगा.
पर चूत का स्वाद भी तो लेना था इसलिए मैंने चूत पर जीभ लगा उसे चूसना शुरू कर दिया.
मेरे ऐसा करते ही उसका छटपटाना शुरू हो गया.
लेकिन मैं नहीं रुका और अंदर तक जीभ डाल कर उसकी चूत को चूसने लगा.
उसे गुदगुदी सी हो रही थी, वह बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी, सिसकारियां भरने लगी- आह … अअ अअअह … हह हअअ अअअ!
उसकी सिसकारियां इतनी मधुर लग रही थी कि क्या बताऊं.
उसकी चूत की पंखुड़ी पर मैंने अपने दांतों से थोड़ा सा काट भी दिया.
अब उसका पानी निकलने लगा था.
और क्या ही स्वाद था … मेरी जीभ ने पहली बार चूत के पानी का स्वाद चखा.
मैं तो उसके पानी को चाट चाट कर पूरा साफ़ कर गया.
उसने मुझे ऊपर अपनी ओर खींचा और बोली- अब लंड चूसा दे मुझे भी!
मैंने अपना लंड खोल कर उसके मुंह के सामने रख दिया.
फिर तो साली ने पूरा बदला ही ले लिया, इतना दांत मारा कि मेरा लंड तो बेचारा लाल हो गया.
फिर मुझे भी बदला लेना था तो बिना देर किए हुए मैंने उसे उल्टा कर दिया और घोड़ी बनाकर उस पर सवारी करने के लिए चढ़ गया.
मेरे पहले धक्के से उसकी सांस जैसे रुक सी गई थी.
लेकिन हम दोनों पीछे नहीं हटे, धक्के मार मारकर मैंने उसकी चूत में अपना पूरा डालने शुरू कर दिया.
वह मुझसे कह रही थी- मेरे राजा आज मत रुकना … जब तक कि तेरा पूरा निकल न जाए.
उसकी बातों से जोश बढ़ रहा था.
किसी का भी 2 धक्के में पूरा निकल जाता है लेकिन मेरा उसकी बातों से जोश और रफ्तार बढ़ रहा था.
मैं भी सोच रहा था कि आज पहली बार मौका मिला है तो तुझे चोद कर तेरा पानी निकाल कर ही मानूंगा. जब उसे इतना आग लगी है तो पूरी आग बुझा कर ही मानूंगा.
मैं पहली बार सेक्स कर रहा था तो मेरा लंड भी छिल गया था.
पर उसकी हरकतों से मेरा जोश कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था.
15 मिनट फुल स्पीड में चोदने के बाद मेरी हालत खराब हो गई पर वह नहीं मानी.
वह मेरे को नीचे लेटा कर खुद मेरे लंड पर चढ़ गई और शुरू हो गई जब तक कि मैं पूरी तरह न झड़ जाऊं.
उसने एक बार फिर मेरा लंड चूस कर खड़ा कर दिया और उस पर बैठ गई.
10 मिनट तक वह्मेरे लंड पर कूदते हुए आगे पीछे करती रही.
ऐसे ही हमने 4 राउंड पूरे किए और मैं पूरा थक गया था पर वह अब भी मेरे लंड से खेल रही थी.
इस तरह से मैंने जवान चूत मारी!
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फिर रात करीब 8 बजे मैं वहां से अपने घर आ गया.
और दोबारा मैं कभी उसके पास नहीं गया.
साली में बहुत आग थी.
अब तो मेरी गर्लफ्रैंड है, मैं उसकी ही चूत मारता हूं.
तो दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी कैसी लगी आप को जिसमें मैंने एक जवान चूत मारी?
कमेंट्स में बताएं.
कोई गलती हो तो सॉरी.