फूफी ने मुझसे अपनी ननद की चूत चुदवाई (Randi Bua Nangi Chudai Kahani)

रंडी बुआ नंगी चुदाई कहानी में मेरी फूफी बहुत बदतमीजी से बोलती थी, बात बात में गली देती थी. वह जवान सेक्सी थी तो मैं भी उसे चोदना चाहता था. मेरी तमन्ना फूफी ने पूरी की.

मेरी आशना फूफी बड़ी मस्त, मजेदार और हंसमुख औरत हैं।
वे बातें खूब करती है, हंसती भी खूब हैं और सबको हंसाती भी खूब हैं।
लोग उनकी बातों का मज़ा खूब लेते हैं।

हंसी मजाक में वे गन्दी गन्दी बातें भी बोल जातीं हैं। लंड, बुर, भोसड़ा सब बड़ी आसानी से बोल जातीं हैं और कभी कभी तो प्यारी प्यारी गालियां भी मुंह से निकालतीं हैं।
फूफी बेधड़क किसी को भी भोसड़ी वाले, माँ का लौड़ा, बहनचोद, मादरचोद, बुर चोदीकह देती है।

मजे की बात यह है कि कोई भी उनकी बात का बुरा नहीं मानता बल्कि सब लोग बड़ा एन्जॉय करते हैं।

एक बार मेरी खाला ने कहा- अरे आशना, मेरा मोबाइल कहीं खो गया यार! ज़रा ढूंढो न प्लीज!
फूफी बोली- तेरे भोसड़े में घुसा होगा तेरा मोबाइल … ज़रा हाथ अंदर डाल के देख न!

उसने अपने बदन को टटोला तो सच में मोबाइल चूचियों से सरक कर पेटीकोट के अंदर चला गया था।

एक बार मेरी अम्मी ने पूछा- तेरी वह ननद कहाँ गयी आशना?
फूफी ने फ़ौरन जबाब दिया- अपनी माँ चुदाने गयी होगी बुरचोदी!

मेरा नाम साज़िद है। मैं 24 साल का नौजवान हूँ, गोरा चिट्ठा, हट्टा कट्टा हूँ, हैंडसम हूँ और एक अच्छी सर्विस करता हूँ।

रंडी बुआ नंगी चुदाई कहानी का मजा लीजिये.

मेरी आशना फूफी बेहद खूबसूरत हैं, तीखे नाक नख्स वाली हैं, बड़े बड़े बूब्स वाली हैं और एक मस्तानी गांड की मालकिन हैं।
मुझे उसके मम्मे और उसकी गांड दोनों ही बहुत अच्छे लगते हैं।
मैं उसे खूब तबियत से ताका करता था; उसके मम्मों की एक झलक पाने के लिए उसके आगे पीछे घंटों घूमा करता था।

जब वह बाथरूम से नहाकर निकलती थी तो मैं उसका जिस्म टकटकी लगाकर देखा करता था।
उसकी मोटी मोटी जांघें, पिंडलियाँ जैसे घुटने, खुली हुई मस्त मस्त बाहें, उछलते हुए बड़े बड़े मम्मे, उभरती हुई गांड सब मेरे लंड में आग लगा देते थे।

मैं बस अपना खड़ा लंड सहलाकर रह जाता था।
लेकिन कभी खुल कर कहने की हिम्मत नहीं हुई।

फिर धीरे धीरे मैं भी खुल कर बोलने लगा।

आशना फूफी मुझसे सिर्फ 2 साल बड़ी हैं पर वह मुझे अपना दोस्त समझती है।
उसकी शादी अभी 6 महीने पहले ही हुई है.
वह मुझसे खुल कर बातें करती है।

मैं उससे मन ही मन प्यार करता हूँ, उसे चाहने लगा हूँ.
यहाँ तक कि मैं उसके नाम का मुट्ठ भी मारता हूँ।

मैं उसके सामने नंगा होना चाहता हूँ, उसे अपना लंड पकड़ाना चाहता हूँ, उसे नंगी देखना चाहता हूँ और उसकी बुर में लण्ड पेलना चाहता हूँ।
सच्चाई तो यह है कि मेरी नियत उस पर ख़राब हो चुकी थी।

एक बार मैंने यूं ही पूछ लिया- फूफी, तुम इतनी देर से पड़ोसी के घर में क्या कर रहीं थीं?
वह मुंह बना कर मजाक में बोली- लंड हिला रही थी मैं पड़ोसी का … बोल तू क्या करेगा? तुझे क्या प्रॉब्लम है? तू कौन होता है भोसड़ी का मुझसे पूछने वाला?

फिर मैं फूफी जी को एक कोने में ले गया और कहा- कितना बड़ा लंड है पड़ोसी का, फूफी जी?
वह तुनक कर बोली- तेरे लंड से तो बड़ा ही है उसका लंड!

मैंने फिर कहा- कभी देखा भी है मेरा लंड तुमने? या ऐसे ही तुक्का मार रही हो?
वह बोली- रोज़ ही देखती हूँ तेरा लंड! जब तू चड्डी खोलता है, नहाता है, तौलिया लपेटता है तब देख लेती हूँ तेरा झांट भर का लंड!

मैंने कहा- मजाक न करो फूफी, तुम इसे झांट भर का बता रही हो? कभी अपने हाथ से पकड़ कर देखो मेरा लंड तब पता चलेगा कितना बड़ा है.
वह मुंह बनाकर बोली- अच्छा कहते हो देख लूंगी कभी तेरा भी लंड … जल्दी क्या है!

फूफी की इन्ही मस्त मस्त बातों से मेरा लंड खड़ा हो जाता था।
मेरा मन करता था कि मैं लंड फूफी के मुंह में पेल दूँ … फूफी की गांड में ठोंक दूँ लंड … फूफी की इन बड़ी बड़ी चूचियों में घुसा दूं अपना लंड!

एक दिन मैं फूफी जी की ससुराल चला गया।

वह मुझे देख कर बहुत खुश हो गयी।
उस समय वह घर में अकेली ही थी और बड़े रोमांटिक मूड में थी, बोली- साज़िद तू बहुत सेक्सी और हॉट छोरा है। एकदम झकास लग रहा है तू … मैं थोड़ा थोड़ा तुम्हें चाहने लगी हूँ। तू मुझे अच्छा लगने लगा है साज़िद। समझ में आया तुझे? तेरी माँ की चूत!

मैंने भी मुस्कराते हुए कहा- हां समझ में आ गया मेरी बुरचोदी आशना फूफी!
उसने बड़े प्यार से मेरे गाल नोचे और कहा- अब तू भी बड़ा शरारती हो गया है। तेरी भी जवानी में उबाल आ रहा है।

शाम का समय था, गर्मी के दिन थे।

मैं अपने कपड़े उतारने लगा।
जब मैं नंगे बदन हो गया और आखिर में तौलिया लपेट कर अपनी चड्डी उतारी तो फूफी ने मुझे अपने पास बुलाया।
वह कुर्सी पर बैठी हुई थी।

मैं जब उसके पास गया तो उसने एक ही झटके में मेरी तौलिया खींच ली तो मैं नंगा हो गया।
मैंने मारे शर्म के अपने दोनों हाथों से अपना लंड छिपा लिया।

वह बोली- अच्छा लड़की हो क्या? शर्म आ रही है तुझे भोसड़ी के साज़िद? मर्द नहीं हो क्या तुम? लौड़ा दिखाने में तेरी गांड फट रही है क्या? चल हट पकड़ने दे मुझे तेरा लंड! जाने कितने दिनों से इस लंड के लिए तरस रही हूँ मैं!
मेरा हाथ हटा तो उसका हाथ पहुँच गया मेरे लंड पर!

उसने बड़े प्यार से मेरा लंड पकड़ा और बोली- वाओ … क्या जबरदस्त है तेरा लंड बहनचोद … कितना मस्त और हैंडसम है तेरा भोसड़ी का लंड! मैं इसके सपने देखा करती थी. आज आया है मेरी पकड़ में तेरा ये हरामजादा लंड!

फूफी ने फ़टाफ़ट कई चुम्मियाँ ले लीं मेरे लंड की मेरे पेल्हड़ की भी।

फिर मैं बड़ी बेशर्मी से फूफी के कपड़े खोलने लगा।

जब वह पूरी तरह नंगी हो गईं तो मैं उसे बड़ी देर तक देखता ही रहा, उसका नंगा बदन सहलाता रहा, उसके मम्मी दबाता रहा और उसकी चिकनी चूत उंगलियां फिराता रहा।

मैं फूफी ने नंगे बदन का गुलाम हो गया था; मैं बड़े रोमांटिक मूड में आ गया।

मेरा लण्ड अपने पूरे तनाव पर था ही!
मैं फूफी के गाल चूमने लगा, उसके होंठ चूमने लगा, उसके मम्मे भी बड़े प्यार से चूमने लगा और निप्पल भी मसलने लगा।

वह मेरे लंड से खेलने लगी और मुझे बेड पर लिटा दिया।
फूफी मेरा लण्ड चाटने लगी और मैं उसकी चूत!

हम दोनों सारी दुनिया भूल कर लंड चूत में समा गए।
मुझे फूफी का गदराया बदन बड़ा मज़ा देने लगा और उसे मेरा मस्ताना लंड!

मैंने मस्ती में पूछा- फूफा का लंड कैसा है फूफी?
वह बोली- झांट भर का है तेरे फूफा का लंड बहनचोद … मुझे बिलकुल पसंद नहीं है उसका लंड। तुम मुझे चोदो, फाड़ डालो मेरी फुद्दी!

मैं जोश में आ गया तो लंड घुसा दिया नंगी बुआ की चूत में!
रंडी बुआ तो पहले से ही खूब चुदी हुई थी तो मुंह से केवल उफ़ निकला.

फिर वह रंडी की तरह भच्च भच्च धच्च धच्च चुदवाने लगी; अपनी कमर हिला हिला कर चुदवाने लगी।

फूफी बोली- साज़िद यार, मैं अपनी शादी के बाद आज पहली बार किसी पराये मरद से चुदवा रही हूँ।

मैंने कहा- अरे फूफी, मैं तुम्हारे लिए कोई पराया मरद थोड़ी हूँ। मैं तो तेरा हूँ फूफी, मेरा लंड भी तेरा ही है और तेरी सेवा में ही रहेगा। तेरी चूत का गुलाम है मेरा लंड!

उसके मुंह से निकला- साज़िद, मुझे नहीं मालूम था कि तेरा लंड इतना मज़ा देगा? इतना स्ट्रांग होगा तेरा लंड और इतना दमदार होगा तेरा लंड!

ऐसा कह कर वह जोर से चिल्ला पड़ी- हाय … बड़ी दूर तक घुस गया तेरा लंड साज़िद। इसे रोको नहीं तो ये साला मेरी गांड से बाहर निकल आएगा।

फूफी बोली- यार, बहुत लंबा है तेरा लंड! जितना लंबा है, उतना ही मोटा भी है। मेरी चत फाड़ रहा है … चीर रहा है। लगता है आज ही तेरा लौड़ा बना देगा मेरी चूत का भोसड़ा! तू तो भोलू से भी ज्यादा अच्छी तरह से चोद रहा है यार। तेरा लंड बहनचोद उसके लंड से ज्यादा मोटा है। मुझे खूब भकाभक चोद।

उसकी बातों से मैं और उत्तेजित गया।
मेरे भी मुंह से निकला- तू बुर चोदी आशना? मेरी हरामजादी आशना, तेरी बहन का भोसड़ा? आज मैं तुझे छोडूंगा नहीं … तेरी चूत का बना दूंगा हलवा। तूने मेरे लंड को बहुत तड़पाया है। आज मैं पूरा बदला लूंगा। मैं तूफ़ान मेल की तरह फूफी की बुर चोदे जा रहा था। पूरा लौड़ा घुसा घुसा चोद रहा था।

फिर मुझे लगा कि फूफी की बुर में पानी छोड़ दिया, ढीली हो गयी उसकी फुद्दी।

उसने कहा- हाय दईया, तूने तो खलास कर दिया मुझे साज़िद!

फिर वह घूमी और मेरा लंड मुट्ठी में लेकर मुट्ठ मारने लगी.
तो मैं भी झड़ गया.

फिर उसने प्यार से मेरा झड़ता हुआ लंड चाटा।

दूसरे दिन अचानक उसकी ननद शिज़ा आ गयी।

फूफी ने मुझे उससे मिलवाया और बताया- ये मेरी ननद है शिज़ा, शादीशुदा है।

शिज़ा बुरचोदी बड़ी सेक्सी और हॉट लग रही थी; एकदम गोरी चिट्टी बड़ी बड़ी चूचियों वाली थी।
उसे देख कर तो मेरी नियत ख़राब हो गयी।
मेरे लंड में हलचल होने लगी।

लेकिन मैंने सोचा कि इसके आने से मैं फूफी को भी नहीं चोद पाऊँगा।
इसलिए मैं वापस घर जाने का मन बना लिया।

मैंने यह बात फूफी से कही तो उसने मुझे रोक लिया और बोली- तू रुक जा साज़िद, मैं कुछ सोच रही हूँ। अभी वापस जाने की जरूरत नहीं है।

तब फिर मैं रुक गया।

मैं आते जाते उठाते बैठते शिज़ा को ही ताकने लगा।
उसकी बड़ी बड़ी चूचियों की झलक पाने की मैं कोशिश करता रहा, उसके सामने अपना लंड सहलाता रहा।

फूफी ने कहा- शिज़ा, जाओ एक नेकर और ऊपर एक स्लीवलेस डीप नेक का टॉप पहन लो।
वह बोली- अरे भाभी, कोई देख लेगा तो?
फूफी ने कहा- यह तेरी ससुराल नहीं है, मायका है मेरी बुरचोदी ननद रानी। यहाँ तो तू कभी नंगी घूमा करती थी। यहाँ कोई मर्द तो है नहीं जो तुझे शर्म आये?

शिज़ा बोली- है न भाभी वह साज़िद?
फूफी ने मुंह बनाते हुए कहा- अरे यार, वह मेरा भतीजा है। मेरी भाई का लड़का! अगर वह देख भी लेगा तो क्या तेरी गांड फट जाएगी? तेरी माँ चुद जाएगी?

शिज़ा हंसने लगी और वही कपड़े पहन कर आ गयी जो फूफी ने कहा था।
वह उन कपड़ों में गज़ब की हॉट लग रही थी।

मौक़ा पाकर मैंने फूफी के कान में कहा- मेरा तो लंड काबू से बाहर हुआ जा रहा है आशना फूफी। शिज़ा की फुद्दी दिलवा दो न प्लीज?
वह बोली- तू चुप रह … मैं वही कर रही हूँ। तू तौलिया बाहर रख कर बाथरूम में घुस जा और शावर खोल कर नहाने लगना। फिर वहीं से तौलिया माँगना। मैं तालिया देने शिज़ा को भेजूंगी, तब वह तेरा खड़ा लंड देख लेगी। ऐसे में शिज़ा की चूत में लग जाएगी आग!

मैं फ़ौरन बाथरूम में घुस गया और नहाने लगा।

फिर मैंने आवाज़ लगायी- अरे फूफी जी, मैं तौलिया बाहर भूल गया, ज़रा मुझे पकड़ा देना!

फूफी ने कहा- शिज़ा, जा साज़िद तो तौलिया दे दे!
शिज़ा तौलिया लेकर आयी और दरवाजा खोल दिया।

अंदर मैं एकदम नंगा खड़ा था।
सच में उसने मेरा बिना झांट का चिकना खड़ा लंड देख लिया।

उसने मेरा लंड भी देखा और मुझसे नज़रें भी मिलायीं।
फिर वह मुस्कराकर चली गयी।
मैं मन ही मन बड़ा खुश हुआ।

शिज़ा फूफी से बोली- तुम तो कह रही थी कि साज़िद एक लड़का है? वह लड़का नहीं, पूरा मर्द है भाभी!
फूफी- तुमने कैसे पहचाना कि वह मर्द है?
शिज़ा- उसका लंड देख कर!

फूफी- तो तेरे मतलब का है उसका लंड?
शिज़ा- अरे भाभी जी, एक मस्त जवान औरत को लंड के अलावा और क्या चाहिए?

फूफी- तो तुम भी मेरी तरह पराये मर्द के लंड की दीवानी हो ननद रानी?
शिज़ा- मैं तुमसे ज्यादा दीवानी हूँ भाभी, पराये मर्द के लंड की!

मैं उनकी बातें सुनकर मस्त हो गया और वही नेकर पहन कर उनके सामने आ गया।

फूफी ने मुझे देख कर मजाक किया, बोली- ये कौन सी नेकर पहन कर आया है तू? इससे अच्छा था कि तू नंगा ही आ जाता।
शिज़ा फूफी की बात पर खिलखिलाकर हंस पड़ीं।

वह बड़े गौर से मेरी नेकर के ऊपर मेरे लंड का उभार देखने लगी।
आग तो उसकी चूत में पहले से ही लगी थी।

रात को मैं ड्राइंग रूम में लेट गया और वे दोनों बेडरूम में!

कुछ देर में फूफी ने मुझे बुलाया और कहा- साज़िद, तुम भी यही हमारे साथ लेटो। वहां अकेले क्या करोगे?
फूफी ने मुझे बीच में लिटा लिया।

एक तरफ फूफी, दूसरी तरफ उसकी ननद!

बातों बातों में ही फूफी मेरे पाजामे का नाड़ा खोलते हुए बोली- शिज़ा, तुमने सच में साज़िद का लंड देखा है?
वह भी बेशर्मी से बोली- हां भाभी, सच में देखा है।

तब फूफी ने मेरा लंड पाजामे से बाहर निकाल लिया और बोली- शिज़ा लो अब इसे अपने हाथ से पकड़ कर देखो।

शिज़ा ने जैसे ही मेरा लंड पकड़ा, वैसे ही मेरे बदन में करंट लग गया।
मेरा लंड और तन तना गया।

शिज़ा बोली- हाय भाभी … लंड तो मस्त है इसका! बड़ा मोटा और शानदार है भोसड़ी का लंड!

उसके मुंह यह सुनकर मेरे तन बदन की आग भड़क गयी।

तब तक फूफी ने शिज़ा के कपड़े उतार कर उसे नंगी कर दिया।
फिर उसकी बड़ी बड़ी मस्त चूचियाँ देख कर मेरे होश उड़ गए।

मैं उसके दूध दबाने लगा और वह मेरा लंड हिला हिला कर मस्ती करने लगी।

तब तक इधर फूफी ने भी कपड़े खोल डाले … वह भी मादरचोद हो गयी नंगी।

मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा.
मैं अपने हाथों से दोनों की चूत सहलाने लगा, दोनों के दूध मसलने लगा।

मैं पहली बार दो दो औरतों को एकदम नंगी देख रहा था।

फिर क्या … फूफी और शिज़ा दोनों नंगी मेरा लंड चाटने लगीं, एक दूसरी के मुंह में लंड घुसेड़ने लगीं।
दोनों की लंड चाटने की मस्ती देखने लायक थी।

फिर मैं भी शिज़ा की चूत चाटने लगा।

कुछ देर बाद रंडी बुआ ने मेरा लंड शिज़ा की फुद्दी में पेल दिया और बोली- साज़िद, आज तुम मेरी ननद की चूत वैसे ही फाड़ो जैसे तुम मेरी फाड़ते हो।

मैं जोश में आ गया और गचा गच चोदने लगा शिज़ा की चूत को!

फूफी मेरे पेल्हड़ सहलाने लगी और मेरे चूतड़ों पर प्यार से हाथ फिराने लगी।

शिज़ा बोली- हाय भाभी, बड़ा मज़ा आ रहा है। साज़िद तो बड़ी मस्ती से चोद रहा है मेरी … लंड इसका बड़ा मोटा है तो मेरी चूत में चारों तरफ से चिपक कर घुस रहा है। हाय साज़िद, मुझे खूब जम कर चोदो, मुझे हचक हचक कर चोदो, मैं तेरी बीवी हूँ, मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो. फाड़ डालो मेरी चूत, मुझे रंडी की तरह चोदो. मुझे पराये मरद का लंड बहुत अच्छा लगता है। मुझे तेरे लंड से प्यार हो गया है भोसड़ी के साज़िद! तेरी बुर चोदी फूफी बड़ी चुदक्कड़ है! तेरी फूफी की बहन का भोसड़ा!

फूफी बोली- देखा साज़िद, कितनी छिनार है मेरी मादरचोद ननद? कितनी मस्ती से पराये मरद के लंड का मज़ा ले रही है।

कुछ देर में शिज़ा ने लंड फूफी की चूत में पेल दिया तो मैं शिज़ा के सामने ही फूफी की फुद्दी चोदने लगा।
इस तरह दोनों एक दूसरे की चूत में लंड घुसेसती रहीं और मैं दोनों की चूत चोद चोद कर रात भर मज़ा लेता रहा।

फूफी को मुझसे अपनी ननद की बुर फड़वाने में बड़ा मज़ा आया।
मेरी रंडी बुआ नंगी चुदाई कहानी पर अपने विचार मुझे बताएं.
[email protected]

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