देसी चूत की कहानी मेरी ममेरी बहन की पक्की सहेली, जो एकदम कोरा माल थी, की बुर चुदाई की है. मैं उसे निहारा करता था तो वह भी देख कर मुस्कुरा देती थी.
मित्रो, सभी को प्रणाम!
मैं पहली बार अपनी कहानी लिख रहा हूँ और पिछले 12 साल से अन्तर्वासना का पाठक हूं।
तो मैं समय खराब न करते हुए सीधे अपनी बात पर आता हूं.
मैं चौंतीस साल का शादीशुदा आदमी हूं, नाम साहिल अग्रवाल, बरेली शहर से हूं.
यह देसी चूत की कहानी आज से बारह साल पहले की है.
अपने कॉलेज का मैं दबंग नेता भी था और रौला भी ठीकठाक था अपने क्षेत्र में!
मैं बॉडी बिल्डिंग करता था तो शरीर भी सुडौल था जिस कारण मेरी एक दो गर्लफ्रेंड भी बनी थी जिन पर मैं अपनी गर्मी निकाल लिया करता था.
मेरे में एक कमी थी कि मैं चुदाई में सामने वाली लड़की पर रहम नहीं करता था.
मैं अमीर घर से था, सभी लोग पास के फरीदपुर कस्बे में रहते थे, पापा ने एक कोठी बरेली में ले रखी थी जिसमें मैं अकेले रहता था और एक नौकर साथ में था.
जिंदगी अच्छी चल रही थी.
इस बीच मेरी ममेरी बहन धारा जो एकदम कड़क माल थी, शानदार फिगर लेकिन रंग सांवला था, पढ़ाई के कारण शहर में हमारे साथ रहती थी.
धारा सीधी साधी लड़की थी. मैंने उसे कभी खराब निगाह से नहीं देखा.
उसकी की एक सहेली थी जिसका नाम तन्वी चौधरी था, एकदम कड़क माल थी, सफेद दूधिया रंग, गांड और मम्मे एकदम भरे हुए और हाइट पांच फीट, उम्र 19 साल, एकदम कच्ची कली!
उस टाइम वह मेरी बहन के साथ ही पढ़ रही थी.
उसका अक्सर मेरे घर आना जाना था, जिस कारण वो मुझसे घुली-मिली थी.
एक दो बार उसने हमारे घर पर कपड़े चेंज किए थे तो मैंने उसे खिड़की से ब्रा पैंटी में देखा था.
मैं बावला हो गया था उसका गोरा जिस्म और भरे दूध और कटीली कातिल गांड देखकर!
तब से उसे चोदने का ख्वाब मन में लिए बैठा था मैं!
उसने मुझे अपना बदन निहारते हुए देख लिया था और वह भी मुझे देखकर मुस्करा दी.
मैं समझ गया कि यह लौंडिया अपनी जवानी संभाल नहीं पा रही है, जल्दी ही लंड के नीचे आ जाएगी.
जब भी कभी वह घर पर आती, मैं पीछे से उसकी गांड दबा देता, तो कभी बाथरूम में जाती तो पीछे जाकर उसे किस कर लेता.
वो भी साथ देती पर चुदाई के लिए साफ मना कर देती.
मैं भी कुछ नहीं बोलता इतना मजा मिल रहा था कच्ची कली से बहुत था!
वो स्कूल ड्रेस भी इतनी टाइट और स्कर्ट औसतन और लड़कियों से छोटी पहनती थी जिस कारण उसका दीवाना पूरा स्कूल था.
लगती ही इतनी गर्म थी वह!
उसकी क्लास का एक लड़का उसके पीछे पड़ गया और प्यार का नाटक करके उसके कुछ अश्लील फोटो खींच लिए.
फिर उसे ब्लैकमेल करने लगा सेक्स के लिए और आए दिन बदनाम करने की धमकी देने लगा.
तन्वी ने इस बारे में मुझे बताया.
मेरी उससे अच्छी बॉन्डिंग भी थी और उस टाइम मैं दबंग राजनीति में था, मेरे मन में लड्डू फूटा कि सही मौका है चौका मारने का!
मैंने उससे कहा- चिंता न करो, मैं उसे संभाल लूंगा. पर मुझे क्या फायदा?
वह बोली- भाई, जैसा आप कहोगे, मैं वैसा करूंगी. बस कैसे भी फोटो डिलीट करवा दो और लड़के से मेरा पीछा छुड़वा दो. वरना मैं बदनाम हो जाऊंगी, घर वालों की इज्जत चली जाएगी।
मैंने मन ही मन उसे चोदने का पूरा प्लान मन में बना लिया.
अगले दिन स्कूल की छुट्टी के बाद मैं अपने दोस्त के साथ अपनी सफारी गाड़ी से पहुंच गया और उस लड़के को रोककर गाड़ी में बिठा लिया.
मैंने उस लड़के की जमकर सुताई लगाई और फोटो डिलीट करवा कर एक गांडिए से उसकी गांड मरवाकर उसकी एक वीडियो बनवा लिया और वीडियो में ही तन्वी से माफी मांगी उसने!
लड़का सीधे रास्ते हो गया और तन्वी से दूर हो गया.
अब मेरा लंड उसकी जवानी चूत के लिए लाल टपका रहा था और मैं उसके सफेद भरे जिस्म का दीवाना हो गया था, कैसे भी उसके जिस्म को रौंदना चाहता था बस!
अब वो जब भी मेरे घर पर बहन से मिलने आती थी तो मेरे तरफ देखकर स्माइल पास करती थी.
मैंने एक बात नोट करी कि जब से उसका मसला हल हुआ वो शॉर्ट ड्रेस पहन कर आने लगी.
उसकी सफेद नंगी जांघें देखकर दिमाग सुन्न हो जाता था, बस मन करता चोद दूँ अभी!
एक दिन उसे मेरी बहन के साथ एक प्रोग्राम में जाना था तो उसकी पार्टी ड्रेस मेरे घर पर ही थी, प्रोग्राम मेरे कॉलोनी में ही था.
जब तन्वी घर आई तब मेरी बहन तैयार थी, वो बोली- तू चेंज करके आ, मैं पार्टी में जा रही हूँ।
मेरी बहन यह बोलकर पार्टी में चली गई.
अब घर में मैं और वो अकेले थे.
वो उस टाइम माइक्रो स्कर्ट में और टाइट टॉप में थी.
बहन के जाने के बाद मैंने उसे अपनी ओर खींचा और होंठ से होंठ मिला दिए.
वो भी जैसे तैयार थी पूरा मजा लेने को!
किस करते करते मैं दोनों हाथ उसकी माइक्रो स्कर्ट के अंदर डालकर पेंटी खींचते हुए दोनों कूल्हे दबाने लगा बेरहमी से!
मैं बताना भूल गया कि मुझे जंगली और गंदा सेक्स पसंद है, मेरी फैंटेसी ही रफ सेक्स है.
देसी चूत की कहानी पर आते हैं.
उसके बाद हम दोनों एक दूसरे पर बेल की तरह लिपट गए.
सबसे पहले किस करते करते उसकी ब्लैक माइक्रो स्कर्ट चीर दी और पैंटी के दोनों साइड मजबूती के साथ ऊपर की ओर खींच दिए जिससे उसकी चूत के बीच में पैंटी दब गई और वो और जोश में आ गई.
उसके भरे चूतड़ जब मेरे हाथों में आए तो मेरा दिमाग पूरी तरह वासना से भर गया और मेरा सेक्स का जंगली रूप मुझ पर पूरा हावी हो गया.
किस करते हुए मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी और मेरी और उसकी थूक की लार आपस में मिल गई.
मैंने उसकी टाइट टॉप उतार फैंकी और तन्वी के दोनों टाइट मम्मे 34 इंच के मेरे हाथों में खेल रहे थे.
हम दोनों इस तरह से हवस में पागल थे जैसे एक दूसरे को आज काटकर खा जायेंगे.
उसके बाद हम दोनों एक दूसरे से अलग हुए और मैंने उसे नीचे झुक मैंने उसकी गीली हो चुकी पैंटी को अपने हाथ से उतारा और उसे अपने कंधे में चढ़ाकर उसके दोनों चूतड़ों पर चपत मारता हुआ रूम में ले गया.
वो चांटे पड़ने से कराहती हुई बोली- साहिल भाई, थोड़ा हल्के … दर्द हो रहा है.
मैंने रूम में जाकर उसे बेड पर पटक दिया, उसके बाद उसके पूरे नंगे शानदार दूधिया जिस्म को निहारा, अपने पूरे कपड़े उतारकर मैं नंगा हो गया.
तन्वी के बाल पकड़ कर उसे लंड चूसने को बोला.
वो मना कर रही थी, मैंने उसके बालों को पकड़ा और उसके मुंह में अपना काला लंड डालने लगा.
न नुकुर करने के बाद वो मेरा लंड चूसने लगी.
एक हाथ से मैं उसकी चूत को कुरेदने लगा.
वो इतनी गर्म हो गई कि पागलों की तरह मेरा लंड और खुट्टे दोनों मुंह में लेने लगी.
मेरे खुट्ठे जैसे ही उसने मुंह में लिए, मैं डबल गर्म हो गया और खुद को पलटकर मैंने उसके मुंह में अपनी गांड का छेद लगा दिया और तन्वी से जीभ से चाटने के लिए बोला.
वो चाटती रही, आधा घंटा ये चाटाचाटी के बाद मैंने उसको घोड़ी बनाया और उसके पीछे आकर लंड उसकी चूत में सेट करके और अपने दोनों हाथ उसके बगल से ले जाकर उसके दूध पकड़ लिए, और एक बार में हचक के चोट मारी.
लंड सीधा चूत के अंदर और उसकी चीखें निकलने लगी. चीख सुनकर मेरा शैतान और भड़क गया और पूरी तेजी से मैं उसको चोदने लगा और उसकी गांड इतनी गोरी चमक रही थी कि मेरा खुद पर काबू नहीं था.
मैंने अब उसके दोनों दूध छोड़कर एक हाथ में उसके बालों की चोटी बनाकर उसका सिर पीछे की ओर खींचने लगा और एक हाथ से सफेद चूतड़ों पर चांटे मारने लगा जिससे उसके सफेद चांद से चूतड़ सुर्ख लाल हो गए.
हम दोनों पूरे जोश में चुदाई में लगे थे.
वो पूरे जोश खरोश से मजे ले रही और मैं अपने जानवर से शरीर को उसकी कच्ची जवानी से रगड़ रहा था.
हम दोनों 20 मिनट तक चुदाई करते रहे.
वो एक बार झड़ चुकी थी जब मैंने अपना लंड उसकी चूत में खाली किया.
वह नंगी बेड पर ऐसे पड़ी थी जैसे दस लोगों ने मिलकर उसको चोदा हो. उसके चेहरे पर पूर्ण संतुष्टि के भाव थे.
उसके बाद मैंने उसे उठाया और गोद में लेकर बाथरूम में ले गया और शावर के नीचे हम दोनों साथ नहाए.
मैंने अपना मूत उसके चेहरे पर निकाला और उसका मूत मैं पी गया.
कुंवारी चूत का मूत पीकर मजा आ गया।
इतने में उसके फोन पर मेरी ममेरी बहन का फोन आया- लेट क्यों कर दिया?
तो उसने पेट खराब होने का बहाना बनाकर लेट तैयार हुई बोल दिया और झट से नई ड्रेस पहनकर तैयार होकर जाने को हुई.
मैंने उसे फटी स्कर्ट और पैंटी का याद दिलाया.
उसने कहा- तुम रख लो मेरी पहली चुदाई का उपहार समझकर!
उसके बाद मैंने उसकी गांड कैसे मारी और साथ में मेरी ममेरी बहन कैसे मुझसे चुदी, ये अगली कहानी में!
देसी चूत की कहानी आप सभी को कैसी लगी, बताने के लिए मुझे मेल करें।
धन्यवाद।
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