यंग सिस्टर क्यूट सेक्स का मजा मुझे मेरी छोटी बहन से मेरे ही घर में मिला. लॉक डाउन में घर पर रहते हुए चूत की कमी हो गयी तो मेरी नजर अपनी छोटी बहन पर गयी.
दोस्तो, नमस्ते.
मेरा नाम फरदीन है. मैं दिल्ली में अपने घर में अपने अम्मी अब्बू और एक बहन के साथ रहता हूं. पिछले महीने मेरे अब्बू जॉब के सिलसिले में दुबई में रहने चले गए हैं और अम्मी भी उनके साथ ही गई हैं.
हम लोग काफी अच्छी फैमिली से ताल्लुक रखते हैं. मेरे घर पर मैं और मेरी छोटी बहन मुस्कान रहती है. प्यार से हम सब लोग उसको मुक्कू नाम से बुलाते हैं.
उसकी उम्र अभी 20 साल है.
वह बहुत प्यारी है और मस्त मुस्कान वाली लड़की है.
उसकी फिगर काफी सेक्सी है, दूध तो पूछो ही मत … इतने मस्त और गोल गोल हैं कि कोई भी लड़का उसको देख कर उसके साथ लेटने की सोच लेता होगा और पक्के में उसका लंड खड़ा हो जाता होगा.
यह मैं दावे के साथ कह सकता हूँ.
ये मेरी पहली यंग सिस्टर क्यूट सेक्स कहानी है.
मैं अपनी जॉब पर रहता था तो रात को थक कर घर आता था और जाता था.
कभी मैंने सेक्स के बारे में अपनी छोटी बहन को लेकर कुछ नहीं सोचा था.
पर जब लॉकडाउन लग गया तो अब मैं घर पर ही रह कर अपना काम करने लगा था.
मुझको सेक्स की बहुत चुल्ल रहती थी.
मैं सेक्स में हर वो चीज़ करता था जो मुझे उपलब्ध होती थी.
जैसे पॉर्न फिल्म्स और मुठ मारना आदि मेरे फेवरेट काम थे.
अब तक मैंने अपनी बहन के बारे में कुछ नहीं सोचा था.
लॉक डाउन में घर पर ही रहते हुए एक दिन मैंने सेक्स कहानी पढ़ी तो उसी दौरान भाई बहन के बीच सेक्स का विषय सामने आया.
मैं सोचने लगा कि यदि एक दिन के अगर मुक्कू मेरे साथ सेक्स कर ले, तो चूत का इंतज़ाम घर पर ही हो जाएगा.
मैंने जब ये सोचा तो मन पक्का करने लगा कि कुछ किया जाए.
दूसरे दिन मैं दिन में उठा तो 10 बजे हुए थे.
मैं टीवी देखने लगा.
तभी मुक्कू भी अपना काम निपटा कर आई और मेरे साथ टीवी देखने बैठ गयी.
टीवी पर एक मूवी आ रही थी.
उसमें एक लड़का और लड़की की प्रेम स्टोरी थी.
मैंने अपनी बहन से पूछा- क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?
उसने बड़े आराम से बोला- नहीं भाई मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है … और मुझे ये सब चीजें पसंद भी नहीं हैं.
मैंने बहुत तरह से अपनी बहन पर लाइन मारी मगर वो लाइन पर आ ही नहीं रही थी.
आखिर में मैंने उससे कहा- तुम तो बहुत हॉट हो यार, तुम्हारा बॉयफ्रेंड क्यों नहीं है? अकेले कैसे रह लेती हो … तुम्हें किसी लड़के का लेने का मन नहीं करता?
उसने मेरी ओर गुस्से में देखा और बोली- मैं आपकी बहन हूँ, आप मेरे से कैसे शब्द इस्तेमाल कर रहे हो?
उसकी भाव भंगिमा देख कर मैं डर गया.
इसके बाद मैंने कोई ऐसा शब्द इस्तेमाल नहीं किया जिससे वो भड़के.
मैं और वो फिर से मूवी देखने लगे.
मेरा मन उसको देख देख कर मचलने लगा.
कुछ देर बाद वो उठ कर अपना काम करने लगी.
ऐसे ही वो दिन निकल गया.
फिर अगले दिन वो नहा कर बाहर आ रही थी तो उसका पैर फिसल गया और वो गिर गयी.
उसके पैर मैं और हाथ में दर्द होने लगा.
मैंने भाग कर उसको उठाया.
वह बेहद तड़फ रही थी.
मैंने पूछा- कैसे गिर गयी?
वह दर्द के मारे रोने लगी और इशारे से अपनी कमर पर हाथ फेरने लगी.
मैंने उसको समझाया- सब सही हो जाएगी … घबराओ मत.
उस समय वो सिर्फ एक टॉवल में थी.
मैंने उसको गोद में उठाया और कमरे में लाकर बिस्तर पर लिटा दिया.
मैंने उससे कहा- तू कपड़े पहन ले, फिर मैं डॉक्टर के यहाँ तुझे दिखा लाऊँगा.
उसने रुआंसी सी होकर हां में सिर हिला दिया.
मैं बाहर जाने लगा.
उसी समय वो उठने को हुई और चीख पड़ी- आह … मेरे से उठा नहीं जा रहा है, बहुत दर्द हो रहा है.
मैं सोच में पड़ गया कि क्या किया जाए, इसे इस हालत में डॉक्टर के पास कैसे ले जाकर दिखाऊँ.
तभी वो तेज तेज रोने लगी.
मैंने फिर से उसे समझाया और उससे कहा- मैं कपड़े पहना दूँ? तुझे बुरा ना लगे तो!
वो चुप बैठी रही.
मैंने फिर से कहा- ऐसे तो दर्द होता रहेगा, किसी बाहर के आदमी के सामने मैं तुझे ऐसे नहीं ले जा सकता. मैं तो तेरा भाई हूँ.
वह मान गयी.
मैंने कहा- तू क्या पहनेगी, मुझे बता दे. मुझे तेरे कपड़ों के बारे में ज़्यादा नहीं पता है.
उसने अपनी अलमारी की ओर इशारा किया और बोली- वहां मेरी ब्रा और पैंटी है, वो ला दो.
मैंने वो उठाई तो मेरे जिस्म में पता नहीं क्या हुआ.
जैसे ही ब्रा को छुआ तो लौड़े में करंट सा दौड़ गया.
फिर मैंने उसको ब्रा पैंटी दे दी.
उसने कोशिश की पर पहन ही नहीं पायी.
उसने मेरी तरफ देखा.
मैंने कहा- लाओ, मैं पहना देता हूं.
उसने आंखें बंद कर लीं.
मैंने उसका टॉवल हटाया तो उसके मोटे मोटे दूध मेरे सामने आ गए.
मैं देख कर पागल हो गया.
मैंने उसके एक हाथ में ब्रा डाली फिर दूसरे हाथ कर ब्रा के कप उसके मम्मों पर रख कर ब्रा पीछे को ले गया.
मैं उसके सिर को अपनी छाती में दबा कर अपने हाथ पीछे ले गया और उसकी ब्रा का हुक लगाने लगा.
जब मैं उसका सर अपनी तरफ करके हुक लगा रहा था तो वो बोली- मेरे सिर में भी दर्द है. गिरने से गर्दन में चोट लग गयी है.
मैंने फिर उसके दोनों बगलों में हाथ डालकर दूध दबाते हुए उसको उठाया.
वह किसी तरह से आधी खड़ी हुई.
उसने सारा वजन मेरे शरीर पर डाला हुआ था.
उस वजह से उसके दोनों दूध मेरे हाथों में दब रहे थे.
इससे मेरा लंड उसी वक़्त खड़ा हो गया था.
फिर मैंने उसे पैंटी भी पहना दी.
पैंटी पहनाते समय भी मेरे हाथों ने उसकी गांड को टच किया.
इसी तरह से मैंने बाकी के कपड़े भी पहनाए.
अब मैंने उसको डॉक्टर के घर ले जाने के लिए अपनी गोद में उठा लिया.
मैंने लोअर पहन रखा था इस वजह से जब उसे गोद में उठाया तो मेरा लंड उसकी गांड को छू रहा था.
उसको शायद खड़े लंड का अहसास हो रहा था. उसकी आंखें बंद होने लगी थीं.
मैंने उसको कार में लिटाया और डॉक्टर के पास ले गया.
वहां डॉक्टर को दिखाया.
डॉक्टर ने उसे दवाई दी और कुछ ट्यूब पूरी बॉडी पर लगाने को दिए.
मैंने उसे घर लाकर लिटा दिया.
उसको कपड़ों में दिक्कत हो रही थी, कुछ दर्द भी ज्यादा हो रहा था.
मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए और वो नंगी ही चादर ओढ़ कर लेट गयी.
अब मैं उसके जिस्म पर ट्यूब लगाने के लिए आया और उससे कहा.
वह झट से मान गयी, उसने अपनी चादर हटा दी
यह देख कर लगा कि शायद वो भी अब सेक्स के लिए तैयार थी.
मैंने दवाई उसकी बॉडी पर धीरे धीरे लगाई.
मेरा लंड भी खड़ा हो गया.
उसने लोअर में फूले हुए लौड़े को देख लिया था.
वह बोली- भाई, गर्मी बहुत ज्यादा है. मुझे बिना कपड़ों के भी गर्मी लग रही है और एक आप हो कि कपड़े पहने हुए भी गर्मी महसूस नहीं कर रहे हो. क्या वाकयी आपको गर्मी नहीं लग रही है?
मैंने कहा- लग तो रही है … मगर क्या कर सकते हैं!
वह बोली- अगर आप चाहें … तो अपने कपड़े उतार सकते हैं. घर पर सिर्फ हम दोनों ही तो है. आप भी बिना कपड़ों के रह सकते हैं. मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है.
मैंने उसकी ओर देखा तो वो अर्थपूर्ण तरीके से मुस्कुरा दी.
मैं समझ गया कि लड़की हीट पर आ गई है.
बस मुझे मौका मिल गया.
मैंने कहा- यदि किसी को पता चल गया कि हम दोनों घर पर नंगे हैं तो?
वो बोली- किसी को पता नहीं चलेगा.
अब मैं भी मान गया और अपने सारे कपड़े उतार कर सिर्फ कच्छे में रह गया.
मैंने कच्छे को नहीं उतारा.
अब मैं फिर से दवा लगाने लगा.
मेरा कड़क लंड कच्छे से दिखने लगा; वह बहुत ज्यादा सख्त हो गया था.
वह मेरे लौड़े को ही देखे जा रही थी.
मैंने कहा- मेरा ज़्यादा अच्छा लग रहा है क्या?
वह हँसने लगी और बोली- नहीं, ये शेप में दिख रहा है … तो सोच रही हूँ ये ऐसे ही बिना कच्छे के रहेगा, तो कैसा दिखता होगा?
मैं बोला- तुझे देखना है?
वो बोली- हां.
मैंने कच्छा भी उतार दिया.
वो मेरे खड़े लौड़े को देखने लगी और बोली- वाओ … ये तो बहुत ही अच्छा है. क्या मैं इसको एक बार छू सकती हूं?
मैंने बोला- मैं भाई हूँ तेरा … तो ये भी तेरा ही है. जो मर्ज़ी कर, छू या जो तेरा मन हो वो कर.
वह हंस कर बोली- इसे थोड़ा पास लाना.
मैं उसके करीब हुआ, तो उसने लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
आह क्या मज़ा आ रहा था.
मैं भी उसके दूध दबाने लगा.
वह लंड चूसे जा रही थी.
करीब 10 मिनट तक गपागप लंड चूसने के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.
वह मेरा सारा माल पी गयी.
फिर मैंने उसको होंठों पर किस किया और उसके बाजू में लेट कर उसकी पूरी बॉडी पर चुंबन किए.
अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, तो वो बोली- प्लीज अन्दर डाल दो अब!
मैंने उसके ऊपर चढ़ कर लंड को चूत से रगड़ा और चूत को हाथ से फैला कर उसकी चूत की फाँकों में लंड सैट कर दिया.
वो मेरी आंखों में देखे जा रही थी और उसकी मूक नजरों में सिर्फ वासना ही दिखाई दे रही थी.
उसकी टांगें फैल गई थीं और वह लंड के सुपारे को अपनी चूत पर रगड़वाने के लिए अपनी कमर को हिला रही थी.
मेरी बहन की चूत ने चिकना पानी छोड़ दिया था जो मेरे लंड के सुपारे को गीला कर रहा था.
मैंने भी उसकी आंखों की में क्यूट सेक्स के लिए मौन स्वीकृति को समझते हुए एक ही तेज झटके में लौड़ा पेल दिया.
उसे शायद गुमान ही नहीं था कि लंड की मोटाई क्या थी और उसकी चूत में घुस कर लंड से क्या होगा.
लंड लेते ही वो एकदम से चीख पड़ी.
मैं रुक गया.
अब मैंने धीरे धीरे पेलना आरम्भ किया और उसका दर्द खत्म होता चला गया.
कुछ ही देर में उसने लंड को झेल लिया और गांड उठा उठा कर चुदाई का मजा लेने लगी.
मैंने भी अपनी बहन को फुल स्पीड में चोदा.
कुछ ही पलों बाद पूरे कमरे में फच फच की आवाज़ गूंज रही थी.
वह भी आह आह करती हुई चीख रही थी- आह मां मर गयी … आह मेरे जान और तेज करो … आह तेज़ तेज़ पेलो … आह मेरी चूत फाड़ दो.
मैंने उसे हचक कर चोदा.
वह करीब 15 मिनट बाद झड़ गयी.
उसके 5 मिनट बाद मैं भी उसकी चूत में ही निकल गया.
अब हम दोनों ऐसे ही नंगे चिपक कर सो गए.
जब मेरी नींद खुली तब वो जाग रही थी और मेरे सीने से लगी हुई थी.
मैंने उसे चूमा और कहा- अब दर्द कैसा है?
वो हंसी और बोली- वो था ही कब?
मैं समझ गया कि ये सब इसका ड्रामा था.
हम दोनों दुबारा से चुदाई की मस्ती में डूब गए.
आधा घंटा तक लगातार चुदाई का मजा लेने के बाद हम दोनों नहाने चले गए.
अब से घर पर वो एकदम नंगी घूमती है और मैं भी नंगा ही घूमता हूँ.
हम दोनों का जब भी मन होता है चुदाई में लग जाते हैं.
मैं अपना लंड जब मर्जी, उसकी चूत में घुसा देता हूँ.
अब तो मैंने अपनी बहन की गांड भी मार ली है. वह भी बड़ा ही दिलचस्प मामला है.
अगली बार अपनी सेक्स कहानी में मैं उसकी गांड चुदाई की कहानी सुनाऊंगा कि कैसे हम दोनों ने गांड चुदाई का मजा लिया.
दोस्तो, अगर आपको मेरी यह यंग सिस्टर क्यूट सेक्स अच्छी लगी होगी.
मेल करके जरूर बताएं.
[email protected]