भाभी ने अपनी सहेली की चूची चुसवायी (Bhabhi Ka Doodh)

भाभी का दूध पीया मैंने … उसके बाद भाभी को चोदा भी. भाभी की सहेली को पता चल गया तो वो भी मुझसे सेक्स करना चाह रही थी. लेकिन भाभी नहीं चाहती थी.

दोस्तो, मैं रोहित राणा अपनी सेक्स कहानी के जरिए, आप सभी से एक बार फिर से मुखातिब हूँ.

भाभी का दूध कहानी के पिछले भाग
सगी भाभी ने दूध पिलाकर चुत चुदवायी
में आपने जाना था कि मेरी भाभी के मम्मों में दूध भरा रहता था. चूंकि उनका बच्चा अब उनका दूध कम पीता था, इसलिए भाभी को अपनी चूचियों में दूध भरे रहने के कारण काफी दर्द होने लगा था.
वो अपने हाथ से अपना दूध निकालने की कोशिश करती थीं मगर दूध इतना ज्यादा बनता था कि वो दर्द से तड़फती रहती थी. इसी के चलते उन्होंने मुझसे अपना दूध पीने के लिए कहा.
फिर मैंने उनका दूध भी पिया और उन्हें चोदा भी.

अब आगे भाभी का दूध कहानी:

अब दोस्तो, ऐसे ही मेरा चुदाई का प्रोग्राम रोज ही बनने लगा था. रोज दोपहर और रात को सोने से पहले में भाभी का दूध पी लेता था और भाभी को चोद भी लेता था.

उनका और मेरा बहुत अच्छा रिश्ता हो चला था. मैं अब रोज रात को भाभी के कमरे में ही बिना कपड़ों के नंगा सोने लगा था.
भाभी का दूध पीने से मुझे नींद भी बहुत अच्छी आने लगी थी.

एक रात ऐसे ही मैं खेल कर आने के बाद भाभी के कमरे में कपड़े निकालकर लेट गया था और थकान के चलते मुझे नींद आ गयी थी.

पता नहीं कब पड़ोस की बंगालिन भाभी आ गईं और मेरी भाभी से बातें करने लगीं.

उनकी बातों से मेरी नींद खुल गयी थी लेकिन जैसे ही मैंने बंगालन भाभी की आवाज सुनी तो मेरे लंड में सनसनी होने लगी और मैं सोने का नाटक करता हुआ यूं ही लंड खोले लेटा रह कर सोने का नाटक करता रहा.

उनकी रसीली बातें सुनकर मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे.

कुछ ही देर में वो भाभी के साथ कमरे में आ गईं … उधर मैं बेड पर ऐसे ही नंगा पड़ा था.

जैसे ही बंगालिन भाभी ने मुझे भाभी के कमरे में नंगा लेटा देखा, वो भाभी से बोलीं- ये तुम्हारे कमरे में इस तरह नंगा क्यों पड़ा है?

भाभी ने सारी बातें बंगालिन भाभी को बता दीं.
मैं सब सुन रहा था, इसी कारण मेरा लंड और ज्यादा तन कर खड़ा हो गया.

बंगालिन भाभी- अरे इसका लंड तो बहुत बड़ा है!
भाभी- हां काफी मोटा भी है … अब मैं तो रोज इसी के लंड से चुदती हूँ. मेरा देवर मुझे बड़ा मजा देता है. मेरे पति से ज्यादा तो ये मुझे चुदाई के मजे देता है. इसके लिए मैं तेरी शुक्रगुजार हूँ. तेरे ही कारण मेरा देवर मेरा दूध पीने लगा था और तब से ये मुझे चोदता भी है.

बंगालिन भाभी मेरे लंड को हसरत भरी नजरों से देखती हुई बोलीं- काश … ये मेरा देवर होता. क्या यह मेरा दूध भी पिएगा?
भाभी- हां … इसे मेरा दूध तो बहुत पसंद है, तेरा भी पी लेगा. पर इसके लंड से चुदवाने के बारे में मत सोचना, वो मेरा देवर है और बस मुझे ही चोदेगा. तुम चाहो तो इसे अपना दूध बस पिला सकती हो.

बंगालिन भाभी- ठीक है, पर इसे कैसे तैयार करूं! अच्छा होगा कि तू ही अपने देवर को मेरा दूध पीने को तैयार कर दे ना!
भाभी- ओके भाभी … मैं कोशिश करूंगी.

मैं अपनी भाभी की बात सुनकर बड़ा खुश था.

आपको तो शायद पिछली सेक्स कहानी में मैंने बताया ही था कि अपनी भाभी की चुत चोदकर अब मेरा लंड पूरा शैतान हो गया था.

मेरी भाभी की बात सुनकर बंगालन भाभी बड़ी खुश हुई और मेरे लंड को लहराते हुए देख कर बंगालिन भाभी बुदबुदाती हुई बोलीं- अरे मेरे देवर राजा … काश में तेरी सगी भाभी होती. तू बड़ी किस्मत वाली है, जो तुझे ऐसे लंड वाला देवर मिला.

भाभी- देख मैं इसे तेरा दूध पिलाने तैयार करूंगी … लेकिन तुझे मेरे सामने ही इसे दूध पिलाना होगा … मंजूर हो तो बोलो?

बंगालिन भाभी- ठीक है जैसे भी हो मेरा दूध बस निकल जाए, बड़ा दर्द रहता है. अच्छा अब मैं चलती हूँ, जब तुम्हारा देवर मेरे चूचे चूसने को तैयार हो जाए, तब बता देना … मैं आ जाऊंगी.
भाभी- ठीक है, अब आप जाओ भाभी, मेरे देवर का खाने का टाईम हो गया है. मैं इसे जगा देती हूँ.

बंगालिन भाभी के चले जाने के बाद भाभी ने मुझे जगा दिया. अब भी मेरा लंड खड़ा था.

भाभी- उठो लाल अब आंखें खोलो … मेरी चूचियां खुली हैं … दूध पी लो.

मैंने आंखें खोलीं और अंगड़ाई लेते हुए भाभी को देखने लगा.

भाभी- सपने में किसकी चुत मार रहे थे मेरी जान … जो मेरे देवर का लंड इतना कड़क खड़ा हुआ है.
मैं- भाभी मैं तो सपने में आपकी ही चुत चाट रहा था.
भाभी मुस्कुराकर बोलीं- अच्छा … मेरी चुत चाट रहे थे और मुझे अहसास भी नहीं हुआ. उठो … चलो खाना खाने चलो … फिर मेरी चुत चाट लेना.

मैं उठा और ऐसे ही बिना कपड़े खाने आ गया. मैंने भाभी को भी नंगी होने को बोला, तो वो भी झट से नंगी हो गईं.

मैंने भाभी को अपनी गोद में बिठाया और हम दोनों ने एक दूसरे को खाना खिलाया. खाने में ही हम दोनों की उत्तेजना काफी बढ़ गई थी, तो जल्दी जल्दी में खाना खत्म किया और उठ कर अलग हुए. मैंने भाभी से जल्दी कमरे में आने को बोला.

थोड़ी देर बाद भाभी भी कमरे में आ गईं. वो नंगी तो पहले से ही थीं. अब रोज की तरह मैं भाभी की गोद में सर रखकर उनके दूध पीने ही वाला था, तभी भाभी ने मुझे रोक दिया.

मैं- क्या हुआ भाभी!
भाभी- अरे, आज मेरे स्तनों में दूध नहीं है. आज वेदांत सारा दूध पी गया और बाकी दूध की मैंने खीर बनायी, जो अभी तुमने खायी है.

मैं आश्चर्य से बोला- वो खीर आपके दूध की थी भाभी?
भाभी- हां देवर जी.

मैं- तभी मैं सोचूं कि इतनी मीठी खीर कैसे बनी, पर भाभी आज तो मुझे नींद ही नहीं आएगी. मेरी आदत बिना आपका दूध पिए सोने की नहीं है.
भाभी- तो अब मैं क्या कर सकती हूँ. अच्छा होता कि तुम्हें एक और भाभी मिल जाती … तो मैं तुम्हें उनका दूध पिला देती.

भाभी की चालाकी मैं समझ चुका था. वो मुझे बंगालिन भाभी का दूध पीने के लिए तैयार कर रही थीं.

मैं- भाभी, अगर मुझे दूसरी भाभी भी होती ना … तो भी मैं सिर्फ आपका दूध पी लेता और बस आपको हो चोदता.
भाभी मुस्कुराकर बोलीं- अच्छा देवर जी … इतना प्यार करते हो मुझे!
मैं- हां भाभी … मैं भैया से भी ज्यादा आपको प्यार करता हूँ.

यह सुनकर भाभी ने मुझे गले से लगा लिया और मुझे 5 मिनट तक लम्बा किस किया.

फिर भाभी बोलीं- अगर तू मुझे इतना प्यार करता है … तो तू मेरी बात मानेगा!
मैं- मैंने कभी आपकी बात टाली है … जो अब टालूंगा … आप बस बोल दो, मैं कर दूंगा.

भाभी- तो सुन मैं भी तुम्हें बहुत प्यार करती हूँ और मैं तुम्हें दूध के लिए ऐसा तरसते हुई नहीं देख सकती. आज मेरे स्तन में दूध नहीं है … पर मैं अपने देवर को ऐसे बिना दूध पिए नहीं सोने दूँगी.
मैं- पर भाभी दूध कहां से लाओगी आप! मुझे तो स्तनों को चूस कर ताजा दूध पीना पसंद है.

भाभी- तुम चिंता मत करो … मैं तुम्हें दूध दिला कर रहूंगी.
मैं- वो कैसे भाभी?

भाभी- मेरी तरह ही मेरी सहेली को भी अब ज्यादा दूध के कारण दर्द हो रहा है. तुम आज उसका दूध पी लेना.
मैं- नहीं भाभी, मुझे आपका ही दूध पसंद है. मैं किसी और का दूध नहीं पिऊंगा … फिर दूध पीने के बाद मेरा लंड बेकाबू हो जाता है. मैं नहीं चाहता कि मैं अपनी प्यारी भाभी के अलावा किसी और को चोदूं … प्लीज भाभी.

भाभी- ठीक है. तू सिर्फ उसका दूध पी लेना और मुझे उसके सामने ही चोद देना.
मैं- पर भाभी!

भाभी- अब मैं और कुछ नहीं सुनना चाहती … तू वही करेगा, जो मैं कह रही हूँ.
मैं- ठीक है भाभी … अगर आप यही चाहती हैं तो यही सही.
भाभी- चल अब मुझे किस कर.

कुछ पल किस करने के बाद मैं भाभी की चुत चाटने की कोशिश करने ही जा रहा था कि तभी भाभी ने रोक लिया.

मैंने उनकी आंखों में देखा तो भाभी ने कहा- पहले दूध तो पी ले मेरी सहेली का …. फिर उसी के सामने मुझे चोद लेना.

मैं लंड हिलाता हुआ बोला- तो जल्दी बुलाओ भाभी उस दुधारू को … मुझे आपको जल्दी चोदना है.
भाभी मुस्कुराकर बोलीं- चोदू कहीं का … मेरा देवर कितना उतावला हो गया है.

फिर भाभी ने किसी को कॉल किया और कहा- आ जाओ, मेरा देवर तैयार है. और हां याद रखना तुम्हें उसे बस दूध पिलाना है, चुत चुदवाने के बारे में सोचना भी मत!

उधर से शायद हामी भरी गई और फोन कट गया.

मैं- वाह भाभी आप मेरा कितना ख्याल रखती हो … आई लव यू भाभी.
भाभी- अब मेरी सहेली आती ही होगी … तुम तैयार रहना.

मैं- ठीक है आने दो … साली का दूध निचोड़ कर पिऊंगा
भाभी हंसने लगीं और बोलीं- अरे मेरे देवर … आप तो बड़े चुदक्कड़ हो.

तभी दरवाजे की घंटी बजी और मैंने बंगालिन भाभी को सामने देखा.
मैं नंगा ही था और लंड सहला रहा था.

बंगालिन भाभी- अरे वाह भाभी के देवर … आज अपनी इस भाभी को भी ऐसे ही मजे देना.
मैं- नहीं भाभी, मैं सिर्फ आपका दूध पिऊंगा … वो भी इसलिए क्योंकि मेरी भाभी ने कहा है.

बंगालिन भाभी- काश मुझे ऐसा देवर मिलता.
भाभी- चलो रोहित अब जल्दी से शुरू हो जाओ.

ऐसा कहकर भाभी सामने वाली चेयर पर बैठ गईं और हम दोनों को निहारने लगीं.

मैं बंगालिन भाभी से बोला- भाभी, अपने बूब्स बाहर निकालो.

ऐसा सुनने के बाद बंगालिन भाभी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए. अब हम तीनों ही नंगे थे. मैंने बंगालिन भाभी के मम्मों को दबाना शुरू किया और अपने होंठों में एक निप्पल दबा लिया.

कुछ देर बाद उनकी चुचि से दूध की धार मेरे मुँह पर आ गयी. बंगालिन भाभी के मुँह से सीत्कार निकलने लगी और वो मेरे सर पर हाथ फेरती हुई मुझे अपना दूध पिलाने लगीं.

मैं भी एक छोटे बच्चे की तरह धीरे धीरे उनके आम चुसकने लगा. वो अब मस्त सिस्करियां ले रही थीं.

ये सब देख कर मेरी भाभी बोलीं- क्यों कैसा लगा मेरा देवर!
बंगालिन भाभी- मर जाऊं ऐसे देवर पर … बड़ा मजा दे रहा है.

कुछ ही देर में मैंने बंगालिन भाभी का एक स्तन पूरा निचोड़ लिया. अब दूसरा दूध अपने मुँह में दबा लिया. करीब दस मिनट के बाद मैंने बंगालिन भाभी के दोनों दूध पूरे पी लिए.

इसी दौरान उनकी चुत गीली हो गयी थी … तो मैंने उंगली डाल कर चुत का सारा पानी भी निकाल दिया था. अब वो पूरी तरह से ढीली हो गयी थीं, थक गयी थीं.

अब वो सिर्फ मेरी और मेरे भाभी की चुदाई देखना चाहती थीं.

इधर मेरी सगी भाभी भी बेड पर आ गयी थीं; हमारे दृश्य देखकर भाभी की चुत भी गीली हो गयी थी.

मैंने पहले अपनी भाभी की चुत में ही जीभ डाल दी और उनकी चुत में अन्दर तक फिराता रहा. भाभी की चुत का रस में लगातार चूस रहा था.

करीब दस मिनट के बाद भाभी झड़ गईं. पर मेरा लंड अभी भी खड़ा था.

भाभी अब मुझे अपने एक मम्मे को मेरे मुँह में डाल दिया और चूची चुसवाने लगीं. मैंने भाभी के दोनों आम चूसे … तो उसमें फिर से दूध आ गया था.

मैंने पूरी मस्ती से अपनी भाभी के मम्मे करीब 15 मिनट तक चूसे और भाभी का दूध पी लिया.

फिर मैंने भाभी को लिटा आकार उनकी चुत में लंड पेला और धकापेल चुदाई करना चालू कर दी.

ये देख कर बंगालिन भाभी अपने दूध मसलती हुई बोलीं- काश मेरा कोई देवर होता तो मैं भी इतनी मस्त चुदाई का मजा ले लेती. रोहित तुम बहुत मस्त चोदू इन्सान हो. तुम मुझे अगली बार चोद देना.

बंगालिन भाभी के जाने के बाद मैंने उस रात अपनी सगी भाभी से 3 बार चुदाई का मजा लिया.

हर बार मेरी सगी भाभी ने मेरा वीर्य अपनी चुत में ही ले लिया और बोलीं- मुझे तेरे जैसा बेटा चाहिए, इतना ही ताकतवर … तेरे भाई में इतना दम नहीं है. रोहित आज से तुम मेरे दूसरे पति हो.

हम दोनों चुदाई के बाद ऐसे ही नंगे सो गए. मैं भाभी की चुत में लंड डालकर सो गया था. ऐसे सोने में अपना ही मजा है.

बंगालिन भाभी के बाद अब तो सोसाइटी की बहुत सारी भाभियां मुझे दूध पिलाने के लिए बुलाती हैं … और मैं भी भाभी का दूध पीकर उन्हें चोद देता हूँ. मेरी भाभी ने भी मुझे दूसरी भाभियों को चोदने की परमीशन दे दी है.

मेरी इसी प्रतिभा के कारण पूरी सोसायटी में मैं भभियों के बीच चर्चा का विषय बन गया हूँ.

आपको भाभी का दूध कहानी के लिए जो भी कहना है … मेल से कह दीजिए.
[email protected]

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