मामा की साली की वासना (Mausi Xxx Chudai Kahani)

मौसी Xxx चुदाई कहानी मेरे पत्नी के मामा की साली की चुदाई की है. दूर के रिश्ते में मासी लगने वाली औरत ने खुद मुझे उसकी चुदाई के लिए उकसाया. कैसे?

आप सभी पाठकों को मेरा नमस्कार.

सबसे पहले मैं उन सभी लेखकों का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा कि वो लोग अपने सेक्स का अनुभव सभी के साथ शेयर करते हैं.
कुछ सेक्स कहानियां तो इतनी मजेदार होती हैं कि उन्हें पढ़कर लड़कों के हाथ अपने लंड तक और लड़कियों के हाथ अपनी चूत तक पहुंच जाते हैं.

आज मैं भी आपको एक ऐसी ही सच्ची सेक्स कहानी बताने वाला हूं. उम्मीद है कि आप लोग मौसी Xxx चुदाई कहानी पर मेरा हौसला बढ़ाएंगे.
मैं अपनी जिंदगी के और भी सेक्स अनुभव आप लोगों के साथ शेयर करने की चाह रखता हूँ … आपके प्रोत्साहन से मुझे हिम्मत मिलेगी.

मेरा नाम अमन है. मैं कुरुक्षेत्र हरियाणा का रहने वाला हूं. एक प्राइवेट जॉब करता हूं और शादीशुदा हूं.

मेरी वाइफ के दूर के रिश्ते में एक औरत है, जो उसकी मासी लगती है. उसका नाम परमा है. यह सच्ची सेक्स कहानी मेरे और उसके बीच में है.

ये बात तब की है, जब एक दिन मैं मेरी पत्नी को लेकर उसके मामा के घर गया था.
वहां मामा के लड़के यानि मेरे साले का जन्मदिन था.

कार्यक्रम में कुछ 20-25 लोग ही बुलाए थे. परमा भी वहां आई हुई थी.
परमा मामा की साली थी … पर मेरी पत्नी उसे मासी ही कहती थी.

वह मुझे पहले दिन से ही पसंद थी. उसका पति ट्रक चलाता था और बहुत दिनों बाद घर आता था.
वह भी जब मुझे मिलती, तो मुझे उसकी आंखों में एक अलग ही वासना दिखाई देती थी.

परमा के दो बच्चे थे. एक लड़का 10 साल का … और एक लड़की 6 साल की.
पर उसका शरीर देखकर कोई नहीं कह सकता था कि उसके बच्चे इतने बड़े होंगे.
वह देखने में कोई 25-26 की लगती थी.

रात को जब फंक्शन शुरू हुआ तो सब लोग इकट्ठे हो गए … पर उसकी निगाह मेरी तरफ ही थी.
पहले तो मैंने सोचा कि कोई पंगा ही ना हो जाए, पर उसकी तिरछी निगाहें मेरा दिल चीर रही थीं.

एक दो बार उससे जब नजरें मिलीं तो मैं हल्का सा मुस्कुरा दिया.
बदले में वह भी मुस्कुरा दी.

मुझे लगा आज कुछ होकर रहेगा.

जब केक काटा गया, तो फोन में सब एक दूसरे की फोटो ले रहे थे.
मेरी फोटो लेते वक्त उसने आंख मार दी.

पहले तो मैं डर गया, पर आसपास देखकर मैंने भी हल्की सी आंख मार दी.

कुछ देर इसी तरह आंख-मिचौली चलती रही.

फिर उसने मुझे ऊपर छत पर आने का इशारा किया.
मैंने भी सर हिला कर हां कर दी.

तब मैंने अपनी पत्नी को बोला कि मैं जरा बाहर घूम कर आता हूं.
वह ओके बोल कर फंक्शन में बिजी हो गई और मैं छत पर चला गया और परमा के आने का इंतजार करने लगा.

थोड़ी देर में वह भी आ गई.
क्या कमाल की लग रही थी.

मैं आपको बता दूं कि मामा की छत आसपास की छतों से ऊंची थी, इसलिए हमें वहां कोई नहीं देख सकता था.

आते ही उसने मेरी बाजू पकड़ी और मुझे दीवार की तरफ ले गई.
उसने मुझे कुछ भी बोलने का मौका ही नहीं दिया और मुझ पर टूट पड़ी, किस करने लगी.
वो मेरे होंठों पर ऐसे टूटी जैसे कि बरसों की प्यासी हो.

मैंने उसे अपने से अलग किया और पूछा कि इतनी जल्दी क्या है?
वह बोली- मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ.

मैंने उसकी प्यास का कारण पूछा तो उसने बताया कि उसका पति महीने महीने बाद आकर उसकी प्यास बुझाता है और वह भी पूरी तरह नहीं ठंडा कर पाता.

उससे मैंने बोला- चल आ जा, आज मैं तेरी सारी प्यास बुझा देता हूँ.

उसके बाद हम दोनों के होंठों का फिर से मिलन हो गया. वह मेरी जुबान को अच्छे से अन्दर तक लेकर चूस रही थी.
मैंने भी किस करके उसके होंठों काट दिया.

मेरा एक हाथ उसकी चूचियों पर चल रहा था. वह बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी.

उसका भी हाथ मेरे लंड पर आ गया. नीचे झुक कर उसने मेरा लंड निकाल कर अपने मुँह में ले लिया.
वह बहुत अच्छे से लंड चूस रही थी. मेरा 7 इंच लंबा लंड उसके गले तक पहुंच रहा था.

करीब 5 मिनट उसने मेरा लंड चूसा.

फिर मैंने उसे खड़ा किया और उसकी कमीज उतार दी. उसके गोरे गोरे चुचे मेरी आंखों के सामने थे.
मैंने एक को अपने हाथ में ले लिया और मसलने लगा और दूसरे के ऊपर मुँह रख दिया.

वो सिसकारियां लेने लगी.

मैंने एक हाथ उसकी सलवार के अन्दर डाल दिया.

उसकी चूत एकदम साफ थी. मैंने सोचा शायद ये घर से ही सेक्स का मूड बना कर आई थी.
मैंने अपनी उंगली चूत में अन्दर डाल दी.
उसकी चूत गर्म भट्टी की तरह तप रही थी.

फिर मैंने उसे घुमा कर उसके हाथ दीवार पर लगा दिया और अपना लंड पीछे से उसकी चूत में डालने लगा.

मैंने जरा सा लंड ही उसकी चूत के अन्दर डाला तो वो तड़प उठी.
उसकी चूत कसी हुई थी.

फिर मैंने अपने दांत भींचे और अपने हाथ का ढक्कन उसके मुँह पर लगा कर अपना पूरा लंड एक बार में ही उसकी चूत में उतार दिया.

पहले तो वह तड़प उठी और उसकी आंखों से आंसू आ गए.
फिर 2 मिनट बाद वह मेरा साथ देने लगी.

अब मेरे दोनों हाथ उसकी चूचियों पर थे और उन्हें पकड़ कर मैं जोर जोर से चूत में धक्के मार रहा था.
वह भी पूरा साथ दे रही थी. उसके मुँह से भी मादक आवाजें निकल रही थीं- आह चोद दे अमन … और जोर से पेल … आह फाड़ डाल चूत को.

लंड चूत की धकापेल से फच्च फ्छ फ्च्छ की आवाजें आ रही थीं.
हम दोनों के मुँह से भी कामुक आवाजें आआआह ऊऊऊह ईईई .. उम्म निकल रही थीं.
मैं भी पूरा जोर लगा कर चुदाई कर रहा था.

दस मिनट की जोरदार चुदाई के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा.
मुझे लगा वह झड़ऩे वाली है.

मैंने अपना लंड उसी वक्त निकाल लिया और उसको नीचे लिटा कर खुद उसके ऊपर चढ़ गया.

मैं फिर से चूत में लंड पेल कर जोरदार चुदाई करने लगा.
दो मिनट के बाद ही वो झड़ गई.

उसके पानी की गर्मी से मेरा भी पानी निकल गया और मैं उसके अन्दर ही झड़ गया.
जब तक मेरे माल की आखिरी बूंद उसके अन्दर नहीं चली गई, मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला.

वह भी पूरी तरह थक चुकी थी. हम दोनों कुछ मिनट ऐसे ही लेटे रहे.

फिर उसने बोला- मेरी ऐसी जोरदार चुदाई आज तक नहीं हुई. मेरा सारा शरीर दुख रहा है.

मैंने उसे सहारा देकर खड़ा किया और बाद में हम कपड़े सैट करने लगे.

फिर मैंने कहा- परमा, इस तरह से चुदाई में कम मजा मिलता है. तू किसी कमरे में अकेले में मिल तो तेरी मस्त सर्विस कर दूँगा.
वो मुझे चूमते हुए बोली- कल सुबह सुबह आ जा. बच्चे स्कूल जाते हैं, उस समय मैं तेरे साथ घर में मिल लूंगी.
मैंने कहा- ठीक है, कल आता हूँ.

फिर पहले वह नीचे गई, उसके 5 मिनट बाद मैं नीचे आ गया.

किसी को कुछ पता नहीं चला कि ऊपर छत पर एक जोरदार चुदाई भी होकर खत्म हो गई.

दूसरे दिन मैं सुबह घर से ये कह कर जल्दी निकल गया कि मुझे जरा काम है, मैं उधर से ही ऑफिस निकल जाऊंगा.
मेरी बीवी ने पूछा- लंच का क्या करोगे?

मैंने कहा- मैं कैंटीन में खा लूंगा.
उसने ओके कहा.

तो मैं तैयार होकर परमा के घर चला गया. परमा मेरा ही इंतजार कर रही थी.

मैं घर के अन्दर पहुंचा, तो उसने मुझे अन्दर खींचा और खुद बाहर चली गई.
बाहर से उसने गेट पर ताला मारा और पीछे से अन्दर आ गई.

मैंने पूछा- ये क्यों किया?
तो वो आंख मार कर बोली- किसी के आने का झंझट नहीं रहेगा.

मैं मुस्कुरा दिया.

उसने मेरी बांहों में अपने शरीर को झुला दिया और हमारा चुम्बन शुरू हो गया.

कुछ ही देर बाद वो मेरे कपड़े खोलने लगी और साथ ही उसने मुझे इशारा किया कि मैं भी उसे नंगी कर दूं.

मैंने उसे भी नंगी कर दिया.
आह … आज उसकी नंगी जवानी खुल जकर मेरी आंखों के सामने आई तो मेरी आंखें वासना से लाल हो गईं.

वो मेरे सामने नंगी होकर आगे पीछे मुझे अपनी चूत गांड दिखाने लगी फिर झुक कर अपनी चूचियों को अपने हाथ से दबाते हुए मेरी तरफ देखने लगी.

मैं सोफे पर बैठ गया था. मेरा लंड खड़ा होने लगा था.

जब मैंने लंड सहलाया तो वो बोली- उसे हाथ मत लगाओ. वो मेरा आइटम है … आज मैं ही उसको सारा सुख दूंगी.

मैंने दोनों हाथ पसार दिए और उसकी तरफ देखते हुए उसे फ़्लाइंग किस करने लगा.

वो भी नंगी होकर अपने जिस्म कि नुमाइश करती रही.

फिर वो चौपाया बन कर घुटनों के बल चलती हुई मेरे पास आई और अपनी जीभ से मेरे लंड को चाटने लगी.
मुझे बड़ी सनसनी हो रही थी.

कुछ ही देर में उसने मेरे लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगी. लंड चूसने के साथ साथ वो अपनी जीभ मेरे आंडों पर भी फेर रही थी.
मुझे बड़ा मजा आ रहा था.

फिर उसने मेरे लंड को अपने गले तक भर लिया और उसे लार से सान दिया.

मैं इस वक्त सोफे पर टांगें खोल कर बैठा था तो वो अपनी गांड मेरे लंड पर टिकाती हुई बैठने लगी.
उसने अपने हाथ से चूत में लंड सैट किया और लंड पर चूत दबाने लगी.

मेरे लंड ने चूत में सैट होना शुरू कर दिया, दो चार झटकों के बाद उसकी चूत ने लंड को घोंटना चालू कर दिया.

मैंने उसकी चूचियों पर अपने हाथ जमा दिए और अपनी गांड उठा कर उसकी चुदाई चालू कर दी.

पांच मिनट बाद वो लंड से हट गई और पलट कर मेरी तरफ मुँह करके मेरी गोद में बैठ गई.
उसकी चूत फिर से मेरे लंड को खा गई और मैंने उसकी एक चूची पर अपना मुँह लगा दिया.

वो आह आह करके मुँह अपना दूध चुसाने लगी. बड़ी मस्ती से उसने मुझे अपने दोनों मम्मे चुसवाए.

फिर मैंने उसे उठाया और बिस्तर पर ले आया. उसकी चूत में लंड पेल कर मैंने ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी.
उसकी दोनों टांगें हवा में उठी हुई थीं और वो मादक सिसकारियां भर कर मुझसे और तेज तेज चोदने की कह रही थी.

मैंने करीब बीस मिनट तक परमा को चोदा और उसकी चूत में ही झड़ गया.
वो भी अब तक दो बार झड़ चुकी थी.

इस तरह से मैं मौसी Xxx चुदाई की. इसके बाद हम दोनों ने कुछ देर आराम किया.

फिर दुबारा से मूड बन गया.

तो मैंने इस बार उसे घोड़ी बना कर चोदा. उसकी लटकती चूचियों को मसल मसल कर मैंने उसकी चूत को चौड़ा कर दिया.

वो भी बेहद कामुकता से मेरे लंड से चुदती हुई सिसकारियां भरती रही.

फिर मैंने उससे कहा- मैं आने वाला हूँ.
वो बोली- इस बार मुझे रस पीना है.

मैंने लंड चूत से निकाला और उसके मुँह में दे दिया.
वो लंड चूसने लगी और मैंने उसी वक्त लंड से धार मारना शुरू कर दिया.
उसने मेरे वीर्य की एक भी बूंद खराब नहीं जाने दी, सारा माल खा गई.

आधा घंटे बाद उसने बाहर निकल जाकर ताला खोला और अन्दर आ गई.

मैं भी कपड़े पहन कर ऑफिस चला गया.

इसके बाद परमा से मेरा टांका भिड़ा रहा और मैंने उसको कई बार चोदा है.
आज भी मैं उसकी चूत चुदाई का मजा ले रहा हूँ.

आप लोगों को मेरी यह सच्ची मौसी Xxx चुदाई कहानी कैसी लगी, कृपया मुझे मेल करके बताएं.
[email protected]

About Abhilasha Bakshi

Check Also

अनछुई स्वीटी की कहानी

प्रेषक : राज सिंह मैं राज पटना से हूँ अन्तर्वासना का नियमित पाठक। आज मैं …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *