मेरा जिस्म मांगे मोर- 3

वर्जिन बॉय सेक्स कहानी में 40 साल की एक भाभी ने अपनी अन्तर्वासना की आवाज सुनी. उसे नए लंड की जरूरत थी. उसने पड़ोस में रहने वाले अनाड़ी लड़के का लंड कैसे खाया?

कहानी के दूसरे भाग
पड़ोसी लड़के से नैन मटक्का
में आपने पढ़ा कि

अब आगे वर्जिन बॉय सेक्स कहानी:

मैंने कुछ देर बाद जैसे ही दरवाजा खोला मेरे सामने अनुभव खड़ा था.
मुझे आज उस पर प्यार और तरस दोनों ही आ रहे थे.

मैंने जल्दी से उसका हाथ पकड़कर उसे अन्दर खींच लिया.
कल की बात सोच सोचकर मैंने अनुभव से पूछा- क्यों जनाब, रात को नींद आई?

आज भी अनुभव कल की तरह ही शरमा रहा था.
मैंने अनुभव से कहा- यार तुम तो लड़की की तरह शरमा रहे हो. इससे पहले किसी लड़की को नहीं पटाया तुमने शायद?

उसने हां में अपनी गर्दन हिला दी.

मैं उसकी शक्ल देखकर जोर जोर से हंसने लगी- हाय रे दईया … मुझे तो रोज ऐसे निहारते थे जैसे कितने खेले खाये हो!
अनुभव- भाभी जी, आपको जब से देखा है … आप मुझे बहुत ही प्यारी लगती हो।

मैं- अच्छा जी, और मेरा क्या-क्या प्यारा लगता है?
अनुभव- आपकी प्यारी सी आंखें, आपके प्यारे होंठ, आपके प्यारे बाल और आपके प्यारे ये दो कोमल से बूब्स हैं ना … और आपकी प्यारी सी चाल का तो मैं पहले दिन से ही दीवाना हूँ। आप जब चलती हो ना तो आपके ये दोनों चूतड़ मुझे आपका दीवाना बना देते हैं. पर सोनिया भाभी, पता नहीं जब मैं किसी लड़की से बात करता हूं तो मुझे घबराहट सी होनी लगती है।

मैं- अच्छा जी … कोई बात नहीं अनुभव डार्लिंग! आज मैं तुम्हारी सारी घबराहट खत्म कर दूंगी, आज मैं तुम्हें एक लड़के से एक आदमी बना दूंगी. आज तुम्हें इस दुनिया से दूसरी दुनिया का अहसास कराऊंगी कि औरत क्या होती है.

अब मैंने मन ही मन सोच लिया था कि अब मुझे ही बेशर्म बनना पड़ेगा, ये नादान तो कुछ नहीं करेगा।

मैंने उसे अपने पास बुलाया और उसके गले में हाथ डाल दिया.
मैं उसके गले से लिपट गयी.

पहली बार किसी स्त्री का आलिंगन पाकर अनुभव भी एकदम से सिहर उठा.

मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये और उसे चूसना चूमना चालू कर दिया.
उसका लण्ड एकदम से कड़क हो गया था जो मुझे नीचे महसूस हो रहा था.

मैंने अनुभव से कहा- अनुभव, तुम्हारा लण्ड तो एकदम से कड़क हो गया है … लण्ड को अपनी पैन्ट से बाहर निकालो, नहीं तो ये तुम्हारी पैन्ट ही फाड़ देगा.
मैंने हंसते हुए उसके कान में कहा.

वह मेरे मुंह से लण्ड का नाम सुनकर ही उत्तेजित हो गया था- भाभी, आपको मेरा लण्ड पसन्द है … लो अभी बाहर निकालता हूँ!
उसने अपनी पैन्ट से अपना तम्बू जैसा मस्त लण्ड बाहर निकाल लिया.

उसका लण्ड एकदम बांस की तरह सीधा खड़ा फुंकार रहा था.
क्या मस्त लण्ड था अनुभव का … लम्बा और मोटा भी!
एकदम सुधीर के लण्ड जैसा था.

पर आज इस नये लण्ड को देखकर मन प्रसन्न हो गया.
मन अंदर से एकदम प्रफुल्लित था क्योंकि एकदम से कुंवारा लण्ड जो मिला था!

अब अनुभव भी मेरी चूचियाँ दबाने लगा था, वह अपने दोनों हाथों से मेरी चूचियों को जोर-जोर से दबा रहा था जिससे मुझे दर्द होने लगा था.
पर दोस्तो, अनाड़ी आदमी का भी अपना अलग ही मजा होता है.

आज मैंने सोच लिया था कि आज जो भी हो … जिन्दगी का असली आनन्द लेना ही है.
और आनन्द तब और बढ़ जाता है जब आप किसी अजनबी से प्यार कर रहे होते हो.

मैंने अनुभव के लण्ड को अपने हाथ में ले लिया और धीरे-धीरे से उसके मूसल लण्ड को आगे-पीछे करने लगी.

हम दोनों ही इतने उत्साहित थे कि लगभग एक दूसरे में खो गये थे.
वह मुझे चूमे जा रहा था और मेरे हाथ उसके मूसल लण्ड को जोर-जोर से आगे पीछे कर रहे थे.

अचानक से उसके लण्ड ने जोर की पिचकारी छोड़ दी और उसका वीर्य मेरे हाथों पर आ गया और उसने मुझे एकदम जकड़ कर पकड़ लिया.
2-3 मिनट बाद जब वह सामान्य हुआ तो वह शरमा रहा था और मुझसे बोला- सॉरी भाभी जी … ये कैसे हो गया!?

मैंने उससे पूछा- क्या कभी पहले भी किसी लड़की के साथ ऐसा किया है?
उसने ना में अपनी गर्दन हिलाकर जवाब दिया … उसने फिर से अपना सिर झुका लिया.

मुझे उसकी मासूमियत पर बहुत ही प्यार आ रहा था.

मैंने उससे कहा- कोई बात नहीं अनुभव … यह तुम्हारे लिये नया अनुभव है. ऐसा पहली पहली बार एक्साईटमेंट में हो जाता है. कोई बात नहीं यार … अपना सिर ऊपर करो … मेरी आंख से आंख मिलाओ … इस बार तुम मुझे चोदो. अपना लण्ड मेरी चूत में, मेरी गांड में, मेरे मुंह में जहाँ तुमको डालना हो डालो … अनुभव मेरे यार!

मुझे भी आनन्द आ रहा था … मुझे भी अब जवानी चढ़ने लगी थी.

मैंने अनुभव का लण्ड अपने मुंह में लेकर चूसना चालू कर दिया.

थोड़ी देर में ही अनुभव का लण्ड दुबारा से तुनक कर खड़ा हो गया.
उसने अपना मुंह मेरी चूचियों में लगा लिया और चूचियों को चूसने लगा.

मैंने उसे सोफे पर बैठा दिया और जोर जोर से उसके लण्ड को चूसने लगी थी.
मुझे उस पर बड़ा ही प्यार आ रहा था.

मैंने अनुभव के लण्ड को छोड़ कर अब उसके मुंह में अपनी जीभ डाली और उसे पागलों की तरह चूमने लगी.

वो भी अब मेरे साथ खुलने लगा था.
हम दोनों ही डीप किस का आनन्द ले रहे थे.

ऐसा लग रहा था जैसे मैं दुबारा से अपनी सुहागरात का आनन्द ले रही हूँ.

मैंने अभी तक अपनी पेन्टी नहीं उतारी थी और उसने भी अपना बॉक्सर नहीं उतारा था.

तब मैंने अनुभव से कहा- तुम मेरी पेन्टी खींच कर फाड़ दो. मैं तुम्हारा बॉक्सर फाड़ दूंगी.

उसने मेरी पेन्टी को एक झटके में ही मेरे शरीर से अलग कर दिया.
मेरी क्लीन शेव चूत देखकर उसके मुंह से निकला- वॉव भाभी … क्या मस्त चूत है तुम्हारी … पहली बार किसी लड़की की चूत को ऐसे देखा है … भाभी … वॉव … अमेजिंग … भाभी … वॉव!

अनुभव- सोनिया भाभी, पोर्न पिक्चरों में बहुत देखी है … ऐसी क्लीन शेव चूत … पर रियल में आज ही देखी है … सोनिया भाभी तुम्हारी चूत!
मैं- अच्छा देवर जी!

मैंने भी चटकारा लेते हुए उसे कहा- तो आओ और चूसो मेरी चूत को!
अनुभव तुरन्त मेरी टांगो के बीच में आ गया और अपनी जीभ मेरी चूत की फांकों पर लगा दी.

ऐसा लगा जैसे किसे ने आग सी लगा दी हो … मेरी चूत में आग लगी थी.

मैंने अनुभव से कहा- अनुभव … अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर घुसा दो … चूसो जोर-जोर से!
अनुभव- हाँ सोनिया भाभी … मेरी जान … आज तो तुमने जन्नत दिला दी.

मैं भी पूरे जोश में थी.
अनुभव ने जोर-जोर से मेरी चूत को चूसना और चाटना चालू कर दिया था.

बहुत दिन के बाद सेक्स में एक अजीब सा नशा महसूस हो रहा था … बहुत ही मजा आ रहा था.
ऐसा मजा अब सुधीर के साथ नहीं आ रहा था.

पर आज तो पता नहीं मुझे क्या हो गया था … अनुभव के साथ मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था.

मैं भी अब उछल-उछल कर उससे अपनी चूत चूसवा रही थी.
वह भी जोर-जोर से मेरी चूत को चूसे जा रहा था.

मैंने उसके सिर को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगा दिया.
अचानक से मेरी चूत ने एकदम से बहुत सारा पानी छोड़ दिया।

मेरी चूत के पानी ने उसके पूरे चेहरे को भिगो दिया.
अचानक से अनुभव ने अपना सिर पीछे हटा लिया.
अनुभव- ये नमकीन सा क्या है भाभी?
मैं बोली- देवर जी … यही तो जीवन का आनन्द है! पी जाओ … ये मेरा पानी है … नमकीन!

हँसती हुई मैं अनुभव से बोली- यही आनन्द है प्यारे … आज तुम्हें इतना आनन्द आयेगा कि जीवन में इस आनन्द को फिर कभी भूल ही नहीं पाओगे … मेरे अनुभव प्यारे!
अनुभव- सोनिया भाभी, सच में मजा तो आ रहा है … गजब!
मैं- तो फिर आ, साले चाट मेरी चूत!

वह भी मेरे मुँह से मेरी बात सुनकर हंसने लगा.

मैं- अनुभव, जो तुम्हें करना है करो, जो तुम्हें बोलना है बोलो बिंदास … कुछ भी!
अनुभव- भाभी कुछ भी …

मैं- हाँ यार, आज तुम्हें छूट है … आज कुछ भी बोलो!
अनुभव- देख लो भाभी, गुस्सा मत हो जाना?
मैं- अबे भोसड़ी के … बोल ना साले … बोल कुछ भी!

अनुभव- भाभी तुम गुस्सा करोगी, मैं नहीं बोलूंगा … बस भाभी बोलूंगा आपको!
मैं- नहीं, गुस्सा करूंगी अनुभव! तुम बोलो आज जो भी तुम्हारे मन में आये! यार एन्जॉय करो ना! यार ऐसी भाषा से सैक्स का मजा दुगुना हो जाता है. सुधीर के साथ तो मैं ये सब नहीं कर सकती. पर तुम्हारे साथ तो कर सकती हूँ. मैंने कल ही एक पोर्न मूवी देखी थी जिसमें दोनों एक दूसरे को गाली बक रहे थे और सैक्स कर रहे थे. आज मैं भी ऐसा ही चाहती हूँ यार … एन्जॉय … कहो कुछ भी … कुतिया, कमीनी, साली, मादरचोद, बहनचोद कुछ भी यार … मैं ये सब सुनना चाहती हूँ … अनुभव कहो यार … भूल जाओ आज मैं तुम्हारी सोनिया भाभी हूँ।

अनुभव शरमाते हुए- भाभी, ये सब कैसे बोलूंगा आपको?
मैं- बोल भड़वे, भोसड़ी के साले आज तेरा लण्ड खाऊँगी.

अनुभव- कुतिया साली … कितने दिन से तुझे देख रहा था … तेरे हुस्न ने मदहोश किया हुआ है साली … कुतिया … रोज तुझे देखकर रात को मुठ मारनी पड़ती थी … साली … तेरे मम्मे तो गजब है … तू 40 की हो गयी है पर साली लगती 22 की है … तेरी गांड भी साली क्या लगती है … जब तू चलती है तेरी ये गांड लण्ड को भी खड़ा कर देती है।

मैं- आहा … मजा आ गया! अब साले अब तू भी मर्द बन गया … आज मुझे चोद के साले मर्द बन जायेगा … तू भी चूत की गहराई में गोता लगा लेगा … साले इस चूत की गहराई को आज तक कोई नहीं नाप पाया … कितने राजा, महाराजा, ऋषि, मुनि इस चूत की गइराई में समा गये पर आज तक इसकी गहराई का किसी को पता नहीं चला. आज तेरा नाम और इसमें शामिल हो गया. भोसड़ी के आ … खा मेरी चूत … आह … आह … मेरे राजा … मुझे भी तू पहली नजर में ही पसन्द आ गया था. पर मैं देखना चाहती थी … तू क्या करता है … आज इतने दिनों बाद मेरी तुमन्ना पूरी हुई है. साले तुझे देखते ही पता नहीं क्या हो जाता था … मेरी चूत में भी सनसनाहट होने लगती थी. जब तू जाता था तो मेरी नजरों तेरा ही पीछा किया करती थी. आज वो दिन आ ही गया जब मैं तेरे इस लण्ड को खाऊँगी. वैसे यार अनुभव तेरा लण्ड लग तो काफी कमाल रहा है!

अनुभव- सोनिया डार्लिंग, जबसे तुझे देखा है ना … रोज साले की तेल मालिश की है. और उसी दिन से तेरी चूत में जाने के लिए ये बेकरार था. पर सोनिया डार्लिंग, आज तेरी वजह से मेरा ये लण्ड तेरी चूत की गहराई जरूर नाप लेगा.
मैं- भोसड़ी के देखती हूँ तेरे इस लण्ड को!

अचानक सोनिया ने अनुभव के लण्ड को अपने मुँह में भर लिया और जोर-जोर से उसे पपोलने लगी.
अनुभव के मुंह से आह निकल गयी.
उसका मोटा लाल सुपारा और उसकी लगी हुई स्किन उसकी कुंवारेपन को दर्शा रही थी.

जैसे-जैसे मैं उसका लण्ड चूस रही थी, वैसे-वैसे उसका लण्ड भी मोटा होता जा रहा था.
वो अब बेहद टाईट हो गया था … मेरे मुंह में उसका लण्ड ऐसा लग रहा था कि कोई छड़ मुंह डाल ली हो. मेरे मुंह से अब बस गु … गु … गु की आवाजें ही आ रही थी.

उसने भी मेरा सिर पकड़ा और अपने लण्ड को जोर-जोर से मेरे मुँह में अंदर बाहर करने लगा.

अनुभव- साली, कुतिया देख मेरा लण्ड … हरामजादी तुझे दिखाता हूँ कैसे माँ चोदते हैं. हरामजादी ले!
मेरी आंखों से पानी आने लगा … मैंने अपना हाथ देकर उसे रूकने का इशारा किया.
पर वो साला तो अपने लण्ड से मेरे मुँह को ही चोदे जा रहा था.

और उसने अपने लण्ड को मेरे गले तक उतार दिया था- छिनाल साली, देख मेरा लण्ड … आज तेरी गांड, चूत और तेरा ये प्यारा से सुन्दर मुँह जो है ना … सबको फाड़कर सबका भोसड़ा बना देगा.

एक पल के लिए तो ऐसा लगा जैसे आज अनुभव मेरी जान ही निकाल देगा.
मैंने जोर से अपने दोनों हाथों से जोर का धक्का दिया … तब जाकर वो मेरे मुँह से हटा.

2-4 मिनट के लिए तो ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरी जान ही निकाल दी हो.
उसे धक्का देकर मैं बैड पर लेट गई.

जब मेरी सांस ठीक हुई तो मैं बोली- भोसड़ी के साले, ऐसे चोदने के लिए थोड़े ना कहा है मादरचोद … क्या जान निकालेगा मेरी? हरामजादे!

पर मन ही मन मुझे ये सब आज बहुत ही अच्छा लग रहा था.
वर्जिन बॉय सेक्स के लिए मिल जाने पर एक गजब सा नशा, एक अजब सी मदहोश करने वाली अनुभूति मुझे हो रही थी.

मैं ऊपरी मन से ही उसे डांट रही थी पर इस सब में मुझे आज असीम आनन्द आ रहा था.

अनुभव मेरा गुस्सा देखकर थोड़ा शांत हो गया और मिमयाते हुए मेरे पास आया- भाभी … भाभी … पता नहीं मुझे क्या हो गया … सॉरी भाभी … सॉरी भाभी!
वह मुझसे बार-बार माफी मांग रहा था.

मुझे उस पर हंसी भी आ रही थी … और बहुत प्यार भी.
मैंने प्यार से उसे बैड पर अपने पास बिठाया और कहा- यार यही तो आनन्द है … इसे ही सैक्स कहते हैं.

“अनुभव, करो आज जो तुम्हें करना है … पर जब मैं कहूं तो रूक जाओ.” मैंने उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बड़े प्यार से कहा.
फिर एक प्यारी से पप्पी उसके गालों पर दी.

मैं- आ, अब तुझे चूत के समुद्र की सैर कराती हूँ. आ जा साले … आ चल अब चुदाई का मजा करते है … बता साले पहले चूत मारेगा या मेरी गांड? बहुत पिक्चरें देखी हैं ना तूने … बता साले … चूत मारेगा मेरी या मेरी सैक्सी गांड?
अनुभव- सोनिया भाभी, आज तो पहले तुम्हारी प्यारी कोमल सी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा, फिर तुम्हारी इस मदमस्त गांड का कीमा बनाऊँगा.

मैं- आजा साले … मेरी चूत भी फड़क रही है … अपने अंदर तेरा ये मस्त लण्ड लेने के लिए … आजा मेरे राजा!

मैंने उसे बिस्तर पर धक्का देकर लिटा दिया और उसे कहा- देख, मैं सिखाती हूँ लंड को चूत से कैसे चोदते हैं.

वह सीधा बिस्तर पर लेट गया और उसका वो मनमौजी राम तुनक कर खड़ा हो गया.

अब मैं धीरे से उसके अपर आ गयी और अपनी चूत का मुँह उसके लण्ड पर रख दिया, जोर से मैंने अपनी चूत से एक धक्का दिया, उसका मनमौजी राम मेरी चूत की संकरी दिवारों को भेदता हुआ मेरी चूत की गहराई में समा गया.
एक पल को तो ऐसा लगा कि कोई गर्म चीज मेरी चूत में घुस गई हो.

मैंने अनुभव से कहा- अब धीरे-धीरे से अपने लंड को ऊपर नीचे की ओर करो.
वह वर्जिन बॉय अब सेक्स खिलाड़ी बन गया था, धीरे-धीरे से अपने लंड को ऊपर नीचे कर रहा था.

मैंने बहुत दिन से सुधीर के साथ सैक्स नहीं किया था इसलिए आज मेरी चूत भी एकदम टाईट लग रही थी.
मेरी चूत की दीवारों ने अनुभव के लंड को कस कर पकड़ रखा था.
ऐसा महसूस हो रहा था जैसे पहली बार सुहागरात के दिन लण्ड जा रहा था, वैसी ही कसावट आज मुझे महसूस हो रही थी.

मैं अब अपनी चूत को ऊपर नीचे करके खुद ही उसके लण्ड से चुद रही थी.
अनुभव भी नीचे से अपने लंड को मेरी चूत में ऊपर की ओर धक्के दे रहा था … मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मैं अनुभव से बोली- यार और जोर-जोर से चोद मुझे … आह … उह … आह … मजा आ रहा है यार … आज इतने दिन बाद चूत को तेरे जैसा यार मिला है. चोद भोसड़ी के … और जोर-जोर चोद निर्मोही … आज फाड़ दे मेरी इस निगोड़ी चूत को!

मैं अपनी चूत को भींच भींच कर उसे कस कस के चोद रही थी.
मैंने अपनी चूत का उसके लण्ड पर जोर से दबाव डाला तो उसका लण्ड मेरी चूत की गइराई में पहुंच गया.

मेरी चूत में लहरें उठने लगी थी और एकदम से मेरी चूत ने लावा छोड़ दिया.
मैं अब जोर-जोर से झड़ रही थी … अनुभव का लण्ड मेरी चूत में भिंचा हुआ था.

उसने भी नीचे से जोर-जोर से 5-6 धक्के मारे … उसके लण्ड ने भी मेरी चूत की गहराई में अपना लावा छोड़ दिया.
उसके लण्ड का फूलना, पिचकना और रस छोड़ना मुझे आनन्द के चरम पर ले जा रहा था.

मैंने उसकी छाती पर ही अपना सिर टिका दिया और थोड़ी देर तक ऐसे ही अनुभव के ऊपर लेटी रही.

हम दोनों ही सर्दी के मौसम में एकदम पसीनों से तर बतर हो गये थे.
अब हम दोनों पूरे झड़ चुके थे.

मैं बिस्तर से उठी और बिस्तर की चादर पर अपने और अनुभव के वीर्य को देखकर मन ही मन मुस्करा रही थी.

अनुभव- भाभी, आज तुमने मुझे भी असीम आनन्द दिया है, थैंक्स भाभी जी … थैंक्स!
मैं- यार, थैंक्स तो मुझे तुमको बोलना चाहिए. तुमने आज मुझे वो आनन्द दिया है जिसका मैं ना जाने कब से इंतजार कर रही थी … थैंक्स यू टू, माई लवली लव!

हम आसाम में लगभग 2.5 साल रहे.
और जब भी मुझे और अनुभव को मौका मिलता, मैं उसके लण्ड से, वह मेरी चूत से खेलने लगता.

इन 2.5 सालों में मैंने अपने जीवन के अनमोल पलों को जिया.

दोस्तो, आपको यह वर्जिन बॉय सेक्स कहानी कैसी लगी, अनुराग जी को जरूर बताइयेगा.
आप सभी पाठकों को धन्यवाद!
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