मेरी हॉट मॅाम लाइव चुदाई का नजारा मैंने अपने नाना के घर में देखा जहां मेरी सेक्सी मम्मी मेरे मौसा यानि अपने छोटे जीजू से चुद रही थी. मौसा जी ने मेरी मम्मी की गांड भी मारी.
दोस्तो, मेरी सेक्स कहानी में आपका स्वागत है.
यह सेक्स कहानी मेरी मॉम और मॉम के जीजाजी के बीच हुई चुदाई पर आधारित है. मेरी हॉट मॅाम लाइव चुदाई मैंने देखी, उसी का वर्णन मैं कर रहा हूँ यहाँ.
जिस किसी को रिश्तों में चुदाई की कहानी में रुचि ना हो, वे इस कहानी को छोड़ कर जा सकते हैं.
मेरा मानना है कि चुदाई प्रकृति की अद्भुत देन है और ये लंड और चूत के बीच में होती ही है.
ये रिश्ते नाते समाज ने बनाए हैं ताकि समाज में रिश्तों के माध्यम से मानव योनि में एक मर्यादा बनी रहे.
अन्यथा तो सड़क पर एक कुतिया पर दस कुत्ते चढ़ने के लिए घूमते हुए सभी ने देखे ही होंगे.
मतलब यह कि चुदाई को एक प्राकृतिक उपहार मान कर इसका रसास्वादन करें … न कि घृणा.
मेरे परिवार में पांच लोग रहते हैं. मैं, मेरी बहन, भाई और मॉम डैड.
मॉम का नाम रानी है. मॉम की उम्र 42 साल की है और वे गजब की ब्यूटीफुल लगती हैं.
मुझे तो खुद भी उनकी चूचियां देख कर मस्ती चढ़ जाती थी.
वे अपने घर पर अक्सर पेटीकोट और ब्लाउज में ही काम करती रहती थीं तो पेटीकोट के खुले वाले हिस्से से उनकी चड्डी दिखाई देती रहती थी.
ब्रा की पट्टियां भी ब्लाउज के खुले गले के कारण साफ दिखती थीं.
उनके बड़े बड़े चूचे और गदरायी हुई गांड को देख कर किसी भी मर्द का लंड हिचकोले खाने लगता होगा.
वैसे जब मॉम बाहर निकलती थीं तो वे बड़ी संस्कारी महिला बन कर निकलती थीं ताकि कोई भी उन्हें देख कर कुछ कह न सके.
मगर मैं जानता था और लोगों की नजरों को पढ़ कर अंदाज लगा लेता था कि लोग मॉम को देख कर क्या सोच रहे हैं.
उनकी फूली हुई पैंट उनकी नीयत को बता देती थी.
यह बात कुछ समय पहले की है, जब मेरे मामा का बर्थडे था.
मेरे घर पर सबको मामा की बर्थडे पर जाने की खुशी थी.
मैं देख रहा था कि सबसे ज्यादा खुश मेरी मॉम ही थीं क्योंकि उनके भाई का बर्थडे था.
मॉम को अपने मायके जाने की बहुत ही जल्दी थी क्योंकि इस बार बहुत दिन हो गए थे, मॉम अपने मायके नहीं गई थीं.
यह भी शायद मॉम की खुशी की एक बड़ी वजह थी.
पर असली वजह तो वहां जाकर ही मालूम हुई.
मामा के बर्थडे पर हम सारे लोग गए थे. मेरे मामा के बर्थडे पर बहुत रिश्तेदार आए थे.
उनमें से एक मेरी मम्मी की छोटी बहन के पति, मेरे मौसा जी भी आए थे. यानि कि मेरे नाना के छोटे वाले दामाद जी.
मेरे मौसा जी बहुत ही हट्टे-कट्टे पहलवान किस्म के मर्द दिखाई देते थे.
वे बहुत ही लंबे ओर तगड़े थे.
मेरी मॉम ने उधर जाते ही मौसा जी से नमस्ते की और वे उन्हीं के पास बैठ गईं.
मॉम मौसा जी से बातें करने लगीं.
जब मॉम कुछ भी मजाक वाली बात कहती थीं तो मौसा जी भी खुल कर हंस रहे थे.
हम सबने मामा का बर्थडे खूब धूमधाम से मनाया.
जब मामा ने केक काटा, तो मैंने देखा कि मौसा जी मेरी मॉम के पीछे थे और वे बार बार उनकी गांड को अपने लंड से टच कर रहे थे.
मॉम को भी उनके लौड़े के गड़ने का अहसास हो रहा था पर वे उन्हें कुछ नहीं बोल रही थीं.
उधर बस इतना ही हुआ.
फिर हम सभी ने मामा का बर्थडे धूमधाम से मनाया और उसके बाद सबने खाना खाया.
पापा मेरे मामा के साथ ड्रिंक करने चले गए थे.
मौसा जी ड्रिंक नहीं करते थे.
खाना के दौरान भी मौसा जी मॉम के साथ खड़े होकर उनसे बातें कर रहे थे.
खाना खत्म हुआ तो सब सोने के लिए जाने लगे.
मम्मी भी सोने के लिए नानी के पास जा रही थीं कि मौसा जी ने पीछे से उनका हाथ पकड़ लिया.
मौसा जी- कहां जा रही हो मेरी रानी?
मॉम- छोड़िए ना … अभी सब देख लेंगे.
मौसा जी- कोई नहीं देखेगा, सब सोने जा रहे हैं. आज तो आपको हमारे साथ ही सोना पड़ेगा.
मॉम- ठीक है, पहले हाथ तो छोड़िए.
मौसा जी ने मॉम का हाथ छोड़ दिया.
फिर मेरी मॉम, मौसा जी साथ सोने जाने लगीं.
उन्होंने हम सब बच्चों से कहा- मैं आती हूँ, तुम सब सो जाना.
उनकी बात मान कर हम सब भी सो गए थे.
मगर मेरी आंखों में नींद नहीं थी.
मेरी मां चुदने वाली थी तो भला कैसे नींद आती.
मैंने तो मेरी हॉट मॅाम लाइव चुदाई शो देखना था.
मैं मौसा जी वाले कमरे की तरफ बढ़ गया.
उनके कमरे में बाहर एक बाल्कनी भी थी.
मैं उधर चला गया और बाल्कनी की खिड़की से अन्दर का सीन देखने लगा.
मम्मी जी को मौसा जी अपने रूम में ले गए थे और उन्होंने मॉम को अपने बेड पर बिठा लिया था.
मौसा जी- आज तो अपनी रानी की ऐसी चुदाई करूँगा कि मेरी रानी कभी नहीं भूल पाएगी.
मॉम- ऐसा आज तक कोई मर्द पैदा नहीं हुआ जो इस रानी को चोद कर रुला सके.
मौसा जी बोले- ठीक है … आज तुझे रुला न दिया तो जिंदगी में कभी तुझे हाथ भी नहीं लगाऊंगा.
मॉम ने भी मौसा जी की चुनौती स्वीकार कर ली थी.
फिर क्या था, मौसा जी ने मॉम के सारे कपड़े उतार दिए और अपना लंड मॉम के मुँह में रख कर पेलने लगे.
मम्मी गुंग गुंग कर रही थीं.
मॉम के आंसू आ गए थे और उनकी हालत एकदम दो कौड़ी की सड़क छाप रंडी जैसी हो गई थी.
कुछ देर बाद मौसा जी ने एक तेज झटका दिया और मम्मी के मुँह में अपना मूसल गले तक पेल दिया.
मॉम ने मौसा जी को गाली देना चालू कर दिया- आह क्या गला ही फाड़ेगा भड़वे … साले चूत में पेल ना भोसड़ी के … मुँह में क्या पेलता है!
मौसा जी हंसने लगे और मॉम के चूचे मसल कर कहने लगे- मर्द की ज्यादती ही तो उसका पौरुष है मेरी छिनाल … चल भैन की लौड़ी लंड चूस कर खड़ा कर मादरचोदी … फिर तेरी चूत की मां चोदता हूँ.
मॉम मौसा जी का हैवी लंड अपने मुँह में किसी गन्ने की तरह चूसने लगीं और उनके टट्टे भी सहलाने लगीं.
इससे मौसा जी को बड़ा मजा आ रहा था और वे मेरी मॉम के दूध मसलते हुए कह रहे थे- आह आह रानी … मस्त चूसती है साली … आह और चूस कुतिया!
लंड चुसवाने के बाद मौसा जी ने अपना लंड मॉम की टांगें फैला कर उनकी चूत के मुहाने पर रख दिया.
मौसा जी- आह साली … एकदम साफ करके आई है भैन की लौड़ी अपनी चूत को … एकदम गोरी है तेरी चूत साली रांड!
मॉम- हां आपके लिए ही तो की है साफ … अब बकचोदी बहुत हुई … लंड पेल हरामी.
मौसा जी बिना देर किए मॉम की चूत पर अपने लंड की टोपी टिकाई और मॉम की चूत की फांकें फैला कर सुपारा फंसा दिया.
मॉम ने भी अपनी टांगें फैला कर लंड झेलने की तैयारी कर ली थी.
मौसा जी तभी मॉम की चूत में एक करारा झटका दे दिया तो मॉम की चीख ही निकल गई.
इस झटके में मौसा जी अभी सिर्फ़ आधा लंड ही चूत में गया था.
मॉम- अहाआ मर गई आज तो … धीरे करो न साले हरामी. चूत फाड़ेगा क्या कुत्ते!
मौसा जी- साली, तूने आज क्या कहा था कि कोई मर्द ऐसा पैदा नहीं हुआ कि मुझे चोद कर रुला सके! ले झेल मेरा लंड भोसड़ी की कुतिया.
मौसा जी के एक ही झटके से मॉम के आंसू निकल आए.
और तभी मौसा जी ने एक झटका और दिया तो इस बार मॉम की चूत से खून निकल आया.
मॉम- आहा … मार डाला मादरचोद ने … फाड़ दी मेरी चूत आहा … तेरी माँ की चूत भोंसड़ी के!
मम्मी के मुखारविन्द से गलियाँ सुनकर अब मौसा जी मेरी मॉम को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे.
वे मेरी मॉम को किसी बाजारू रंडी की तरह चोद रहे थे.
कुछ देर बाद मॉम को भी मौसा जी के हैवी लंड से चुदवाने में मजा आने लगा.
वे अब अपनी गांड उठा उठा कर मौसा जी का पूरा साथ दे रही थीं.
चूत लंड के बीच भयंकर युद्ध छिड़ा हुआ था.
मौसा जी भी गचगचा कर अपने लंड से मेरी मॉम की चूत की प्यास बुझा रहे थे.
और मॉम की मादक आवाजें निकल रही थीं- आह फाड़ दे मेरे शेर आह मजा आ गया … तेरे लंड के चक्कर में तो मैं इधर भागी चली आई … आह चोद जोर जोर से पेल कर फाड़ दे मेरी चूत आह!
मौसा जी भी मॉम की दोनों टांगों को पकड़ कर हवा में उठाए हुए थे और अपनी कमर को तेज गति से आगे पीछे चलाते हुए लंड को चूत में अन्दर बाहर कर रहे थे.
अब मॉम झड़ने वाली थीं.
वे ‘आहा आहा … मैं झड़ गई हूँ … अब बस करो …’ कहने लगी थीं.
मौसा जी- अभी कैसे बस करूं … अभी तो मैंने मजा लेना शुरू किया है मेरी जान.
मॉम कुछ नहीं बोलीं.
वे अब चुपचाप चुदवाने लगी थीं.
कुछ मिनट बाद मौसा जी का रस निकलने को हुआ.
उन्होंने पूछा तो मॉम ने कहा कि चूत में ही डाल दो.
मौसा जी ने मॉम की चूत में अपना सारा माल निकाल दिया.
थोड़ी देर तक वे दोनों निढाल अवस्था में पड़े रहे और उन दोनों जीजा साली के बीच चुहलबाजी पुन: शुरू हो गई.
कुछ ही देर बाद शेर फिर से जंगली हो गया और वह मेरी मॉम पर दोबारा से टूट पड़ा.
उन दोनों में फिर से चुदाई चालू हो गई.
इस बार मौसा जी गांड चोदने की ज़िद कर रहे थे.
मॉम गांड मरवाने से मना कर रही थीं क्योंकि मम्मी की अभी तक गांड कुंवारी थी.
उन्होंने खुद ही मौसा जी को बताया कि मेरी गांड की सील अभी पैक है.
मॉम- नहीं यार, गांड में नहीं प्लीज गांड में बहुत दर्द होगा.
मौसा जी- दर्द नहीं होगा, मैं धीरे से करूँगा.
मम्मी मना करती रहीं.
मौसा जी को गुस्सा आने लगा.
उन्होंने मॉम को उठा के उल्टा पटक दिया और उनको ज़बरदस्ती घोड़ी बना दिया.
मॉम- नहीं नहीं ऐसा मत करो यार … प्लीज मैं मर जाऊं … बहुत दर्द होगा छोड़ दो मुझे प्लीज.
मौसा जी- चुप कर रंडी, चूत तो तूने बड़े मज़े से दे दी … अब तेरी गांड मैं खुद अपनी ताकत से लूँगा.
तब मौसा जी ने अपने लंड पर थूक लगाया और मम्मी की गांड पर रख दिया.
मॉम अपनी गांड को इधर उधर कर रही थीं लेकिन मौसा जी ने एक करारा झटका दिया, तो उनका टोपा ही अन्दर जा पाया था.
उधर टोपा ही मॉम की गांड को फाड़ रहा था … तो वे छटपटाने लगीं और आगे होने के लिए भागने लगीं.
लेकिन मौसा जी की कड़क इतनी पकड़ थी कि मॉम छूट ही नहीं पाईं.
उसी वक्त मौसा जी ने एक और झटका दिया तो उनका आधा लंड गांड में घुस गया था.
मॉम की गांड से खून निकलने लगा; वे दर्द से कराहने लगीं, छटपटाने लगीं और उनकी आंखों से आंसू निकल आए.
लेकिन मौसा जी ने बिना रहम किए किसी कसाई की तरह एक और झटका दे दिया.
इस बार उनका भीमकाय लंड पूरा मम्मी की चूत के अन्दर चला गया था.
मम्मी बेहोश होने लगी थीं.
मौसा जी मॉम की गांड चुदाई करने लगे.
दस मिनट तक गांड मारने के बाद मौसा जी ने अपना माल मम्मी के चूतड़ों पर निकाल दिया था.
वे दोनों नंगे ही सो गए थे.
मैं भी उधर बाल्कनी में ही मुठ मार कर सो गया.
सुबह 4 बजे मम्मी को होश आया तो उनकी आवाज सुनकर मैं जाग गया.
मैंने देखा कि मम्मी उठ कर बाथरूम में गईं और उधर से नहा कर वापस आ गईं.
उन्होंने अपने कपड़े पहन लिए और वे कमरे से निकल कर अपनी मम्मी पापा के पास लेटने आ गईं.
सुबह 6 बजे जब मम्मी उठीं तो वे चलने की हालत में नहीं थीं.
बाद में सबने एक साथ चाय पी.
मैंने देखा कि मौसा जी को देख कर मम्मी बहुत खुश थीं ओर इशारे में मौसा जी को चुदाई के लिए थैंक्यू बोल दिया.
एक घंटा बाद हम सब लोग अपने घर वापस आने के लिए तैयार हो गए.
मुझे और मॉम को छोड़ कर सब लोग कार में बैठ गए थे लेकिन मम्मी अभी तक अन्दर ही थीं.
मैं भी बाथरूम जाने बहाने उसी कमरे के बाथरूम में था. मैं दरवाजे की झिरी से देख रहा था कि मॉम मौसा जी के साथ थीं.
मौसा जी उनको किस कर रहे थे और उनके चूचे दबा रहे थे.
बाद में मम्मी ने उनको ‘आई लव यू; बोला.
और हम सब लोग अपने घर के लिए निकल पड़े.
मैं उम्मीद करता हूँ कि आप लोगों को यह सच्ची सेक्स कहानी अच्छी लगी होगी.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है इसलिए लिखने में जरूर कुछ ग़लती हुई होगी, तो माफ़ कर दीजिएगा.
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