मेरी सीनियर ने मेरी परफॉर्मेंस रिपोर्ट बनायी (Office Boss Sex Kahani)

ऑफिस बॉस सेक्स कहानी में पढ़ें कि कंपनी में मेरी परफॉर्मेंस ठीक नहीं चल रही थी। एक लेडी मैनेजर मेरी परफॉर्मेंस सुधारने के लिए आयी। उसने मेरा काम कैसे देखा?

कैसे हो दोस्तो! मैं अजय, अपनी पुरानी प्रकाशित कहानियों
नई नवेली दुल्हन भाभी को चोदा
और
दोस्त की बीवी का गर्भाधान किया
के प्रकाशन से मिली प्रशंसा से अभिभूत होकर एक और कहानी लिख रहा हूं जो कि बिल्कुल सच्ची घटना है।

मेरी यह ऑफिस बॉस सेक्स कहानी आज से लगभग 6 वर्ष पूर्व की है।
तब भी मैं दवा कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव ही था।

मेरे ख़राब सेल्स परफॉर्मेंस से नाराज़ होकर कम्पनी ने मेरा ट्रांसफर छिंदवाड़ा से सीधा लखनऊ कर दिया था।

कोई और विकल्प तो था नहीं इसलिए मैंने अपना बोरिया बिस्तर बांधकर लखनऊ जाने का निश्चय कर लिया।

मगर जाने से पहले मैं मेरे दोस्त मुकेश और उसकी बीवी निशा से मिलकर आया था।
उसे मुझसे एक बेटा हुआ था जो अब दो साल का प्यारा सा बच्चा था।

बच्चा होने के बाद निशा तो और भी ज्यादा निखर आई थी।
सोचा कि शायद अंतिम बार उसकी सेक्स की प्यास बुझा दूं।
इसलिए मुकेश बच्चे को लेकर अलग रूम में सोया और मैंने पूरी रात में निशा को अलग अलग तरीके से तीन बार चोदा।

जब मैं उसको घोड़ी बना कर चोद रहा था तो वह यही कह रही थी- अजय, तुम मुझे अपने साथ लखनऊ ले चलो, हम वहां खूब मज़े करेंगे। तुमने तो मुझे और अंकिता भाभी को भी चोद दिया, मगर मेरे लिए तुम्हारे अलावा कौन है?

वो बोली- मुकेश का लन्ड हिलाने और मूतने के ही काम का है। मेरी जवानी का क्या होगा? तुमने ही मेरी सील तोड़ी है, अब बीच में छोड़ कर मत जाओ।

मैं उसकी प्यास को समझता था।
तो मैंने निशा को सैटल होने के बाद लखनऊ आने का वादा किया।

फिर दूसरे दिन मैं वहां से निकल आया।

एक हफ्ते में मैं लखनऊ शिफ्ट हो गया। लखनऊ में कुछ दिन काम करके मुझे लोकल मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव ने एक कमरे का घर दिलवा दिया।
मैं वहां रहकर भी छिंदवाड़ा की लाइफ को याद करता रहता था।

मुझे खासकर निशा और अंकिता भाभी की याद आती थी।
उनको सोचकर तो मैं रोज रात को मुट्ठ मारकर सो जाता था।

6 महीने में काम करके मुझे लखनऊ, कानपुर आदि का बहुत पता चल गया था लेकिन यहां भी सेल्स का प्रॉब्लम था।

मुझे दिल्ली में मीटिंग में बहुत डांट पड़ी और मेरी रीजनल मैनेजर अर्पिता सोलंकी, जो कि बहुत ही कड़क थी, को मेरे सेल्स परफॉर्मेंस को सुधारने के लिए स्पेशल काम दिया गया।

अर्पिता मैडम दिखने में एकदम सुंदर, सुडौल थी। उसका गोरा बदन, तीखे नयन नक्श, लंबे बाल, हाइट करीब 5 फिट 4 इंच, हिप्स 36 इंच, छाती 36 इंच और कमर करीब 30 इंच थी।

उसको देखकर ही किसी की भी लार टपक जाए, ऐसी थी अर्पिता मैडम। दो वर्ष पहले उसकी शादी हो गई थी। उसका पति दिल्ली में ही प्राइवेट बैंक में नौकरी करता था।

अर्पिता मैडम दिखने में खूबसूरत थी मगर बिल्कुल प्रोफ़ेशनल थी।
काम के समय में शर्ट पैंट और जैकेट या कोट पहन कर निकलती थी।

वो इतनी कड़क थी कि किसी की मजाल नहीं थी कि कोई अश्लील हरकतें या बात भी उनके सामने कर सके।

खैर उन्होंने मेरे साथ एक हफ्ते का ज्वाइंट वर्किंग प्लान बनाया।
पहले दिन लखनऊ में काम किया।

उनके लहजे से सभी डॉक्टर्स, केमिस्ट और स्टॉकिस्ट खुश थे, या यूं कहूं कि सब उनको छूना या पाना चाहते थे।

काम करने के बाद फिर शाम को जब उन्हें होटल छोड़ने गया तो उन्होंने बताया कि अब अगले तीन दिन कानपुर और उसके इंटरियर में काम करना है इसलिए कल सुबह तीन दिन का बैग लेकर आ जाना।

अगले दिन मैं अपना बैग लेकर अर्पिता मैडम के साथ कार में बैठकर कानपुर निकला।
मैंने सोचा था कि उनके साथ पिछली सीट पर बैठूंगा तो कुछ छूने को मिल जाए मगर उन्होंने मुझे आगे ड्राइवर के साथ बैठने को बोल दिया।

मेरी तो उनको छूने की भी हिम्मत नहीं थी।

कानपुर पहुंच कर हमने दिन भर काम किया।

शाम को अर्पिता मैडम ने बहुत डांट भी पिलाई यह कहते हुए कि महीने में यहां कई बार आया करो, अच्छे से रिलेशन बनाओ, अपनी अच्छी पर्सनेलिटी को इस्तेमाल करो आदि … आदि।

अब अगले दिन हमें इटावा जाना था।
शाम तक काम करके हम लोग कार से वापस आ रहे थे कि तभी कानपुर से करीब 25 किलोमीटर पहले कार का पहिया पंचर हो गया।

स्टेपनी में भी हवा नहीं थी इसलिए हमने ड्राइवर को ही किसी जगह से स्टेपनी में हवा भरवाकर लाने के लिए भेज दिया।
वो पहिया लेकर चला गया।

मैं और अर्पिता मैडम कार के पास में ही एक झाड़ के नीचे ड्राइवर की प्रतीक्षा करने लगे।

तभी अचानक तेज बारिश आने लगी और हम दोनों ही बुरी तरह भीग गए।

अर्पिता मैडम ने अपना पहना ब्लेजर भीगने के डर से उतार दिया था, परन्तु तेज बारिश में उनकी सफेद शर्ट पारदर्शी हो गई थी।

मैडम की अंदर की सफेद ब्रा और सुंदर गोरे स्तन देखकर मेरा लन्ड वहीं खड़ा हो गया।
मगर मैं कुछ करता तो नौकरी चली जाती इसलिए मन मारकर शांत हो गया।

जब पानी गिरना बंद नहीं हुआ रुका तो हम दोनों कार में अंदर ही बैठ गए। बंद कार में उनके भीगे बदन की खुशबू मुझे दीवाना बना रही थी लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकता था।

हम बैठे रहे।

फिर ड्राइवर भी करीब 2 घंटे बाद पहुंचा और बोला- पानी बरसने के कारण कोई मुझे लिफ्ट ही नहीं दे रहा था।
जैसे तैसे उसने कार में पहिया लगाया और मैं कार स्टार्ट होते ही आगे की सीट पर बैठने लगा।

मगर मैडम ने मुझे अपने साथ पीछे ही बैठने को बोल दिया। मुझे लगा कि शायद कुछ काम बन जाएगा मगर पूरे रास्ते ही वो सेल्स परफॉर्मेंस को सुधारने के फंडे देती रही।

कानपुर पहुंचते पहुंचते रात के 11.00 बज गए।
मैंने उन्हें रास्ते में किसी ढ़ाबे में खाना खाने को बोला तो उन्होंने कहा कि ढाबे में साफ सुथरा खाना नहीं मिलेगा इसलिए हम होटल में पहुंचकर ही खाना खायेंगे।

जब होटल पहुंचे तो वो मुझे रिसेप्शन में बैठने को बोलकर रूम में फ्रेश होने को चली गई।
आधे घंटे बाद उनका रिसेप्शन पर फोन आया कि मुझे बुलाया है।

मैंने ऊपर जाकर रूम में देखा तो मैडम स्लीवलैस गाऊन में थी।
उस समय उनको देखकर लगा कि उससे चिपक जाऊं लेकिन कुछ कर नहीं सकता था।

लड़की की ऑफिस वाली ड्रेस और घरेलू ड्रेस में कितना लुक बदल जाता है यह मुझे तब पता चला।
उस गाऊन में अर्पिता मैडम एकदम सेक्सी भाभी लग रही थी।

होटल का वह वह कमरा आलीशान था।
उन्होंने मुझसे पूछकर खाने का ऑर्डर दे दिया.

जब तक खाना आ रहा था तब तक उन्होंने अपने हस्बैंड से फ़ोन पर बात कर ली।
उनके हाव भाव से समझ आ रहा था कि बहुत सेक्सी बातें चल रही थीं।
वो रह रहकर अपने हस्बैंड को बोल रही थी कि दिल्ली आकर तुम्हारी गर्मी निकालती हूं।

इतने में ही खाना आ गया और उन्होंने हसबैंड को कहा- चलो अब गुड नाइट, खाना खाकर मैं सो जाऊंगी। सुबह बात करते हैं।

मैडम ने फोन एक तरफ रख दिया।
वेटर ने खाना लगाया तो उन्होंने मुझे पहली बार प्यार भरी नज़र से देखकर खाना खाने के लिए आग्रह किया।

हाथ धोने के लिए जब मैं बाथरूम में गया तो अर्पिता मैडम की ब्रा और पैंटी सूखने के लिए टंगी थी।
ये देख कर मेरा लन्ड फिर खड़ा हो गया।

खाना खाते-खाते उन्होंने पूछा- तुम्हारी शादी हो गई क्या?
मैंने कहा- नहीं।
वो बोली- फिर कोई गर्लफ्रेंड होगी?
मैंने कहा- नहीं।

तो वो आश्चर्य से बोली- अरे फिर क्या ऐसे ही हो अब तक?
मैंने पूछा- ऐसे ही मतलब?
तो वो मुस्कराकर बोली- मतलब ब्रह्मचारी टाइप?

मैं उनके पूछने का मतलब समझ चुका था, वो पूछना चाह रही थी कि कभी सेक्स किया कि नहीं।
मैंने कहा- मैडम मैं ब्रह्मचारी भी नहीं हूं। दो के साथ रिलेशन था छिंदवाड़ा में!

अर्पिता मैडम की आंखों में मुझे चमक सी दिख रही थी।
चूंकि कमरे में एसी चल रहा था और मैं भीगा हुआ था इसलिए मुझे रह रहकर कंपकंपी हो रही थी।

मुझे देखकर वो बोली- अरे, मैंने तुम्हें ऐसे ही गीले रहने दिया! मैंने तो ध्यान ही नहीं दिया। तुम खाना खाकर तुरंत नहाने चले जाओ और कपड़े सूखने को डाल दो।

खाना खाने के बाद मैं नहाने गया।

जब नहा रहा था तो एक बार अर्पिता मैडम की पैंटी की खुशबू सूंघ ली और उसमें अपना लन्ड लगाकर हस्तमैथुन करने लगा।

बाद में मैं सिर्फ तौलिया लपेटे बाथरूम से बाहर आया तो देखा कि मैडम ने वेटर को बुलाकर खाने की प्लेट वगैरह हटवा दी थी और मेरे द्वारा उतारी गई शर्ट और पैंट को सूखने के लिए सोफे पर फैला रही थी।

मुझे सिर्फ तौलिया लपेटे देखकर वो एकटक देखती रह गई।
मैंने उनको पूछा- मैडम, मैंने मेरी अंडरवियर और बनियान बाथरूम में सूखने के लिए लटका दिए हैं, शर्ट-पैंट गीले हैं। अब ये तौलिये में मैं बाहर कैसे निकलूंगा?

मैडम हंसकर बोली- फिर तौलिया उतार कर बैठ जाना।
मैं शर्माकर बैठ गया।

तभी वो फिर से खाने के दौरान हुई बात को छेड़ते हुए बोली- तो किन दो लोगों से रिलेशन थे तुम्हारे छिंदवाड़ा में?

मुझे मौका मिल गया था मैडम को गर्म करने का!

मैंने अपनी निशा और अंकिता भाभी की चुदाई की सेक्स स्टोरी खूब नमक मिर्च लगाकर इस तरह सुनायी कि अर्पिता मैडम अपने बेड से उठकर मेरे बगल में बैठकर सुनने लगी।

उनके बगल में टच होते ही मेरा लन्ड खड़ा हो गया।
चूंकि अंडरवियर नहीं पहनी थी इसलिए टॉवल के उपर से भी लंड खड़ा हुआ दिख रहा था।

मेरी सेक्स स्टोरी से अर्पिता मैडम काफी गर्म हो चुकी थी मगर वो पहल करने की हिम्मत नहीं कर पा रही थी।

साथ ही मैं भी डर रहा था कि कहीं किसी बात का बुरा लग गया तो मेरी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी।
इसलिए मैं बाथरूम जाने के लिए कहकर इस तरह उठा कि मेरा पूरा टॉवल खुलकर जमीन पर गिर गया।

मैं मैडम के सामने पूरा नंगा हो गया।
उनके सामने मैं इसी तरह टॉवल उठाने की कोशिश करने लगा।
नंगा होकर मुझे बहुत शर्म आ रही हो।

अर्पिता मैडम मेरे तने हुए 7 इंच लंबे लंड को देखकर इस बार अपने आप को रोक नहीं पाई।

उन्होंने मेरे लन्ड को अपने हाथों से पकड़ लिया और चूम लिया।
मुझे तो बस यही चाहिए था।

मैंने भी अर्पिता मैडम को उठाकर गोद में बैठा लिया और दोनों हाथों से गाउन के ऊपर से ही उनके मुलायम दूध को दबाने लगा।

मेरा तना लंड भी पीछे से गाऊन फाड़कर मैडम के चूतड़ों में घुसने की कोशिश कर रहा था।
अर्पिता मैडम के बूब्स जैसे जैसे कड़क होने लगे मैंने उनकी गर्दन के पीछे से किस करना शुरू कर दिया।

मैडम ने अपना गाऊन उतार उतार दिया।
उफ्फ … कितनी परफेक्ट बॉडी थी।

36 इंच की छाती, 30 इंच की कमर, 36 इंच के हिप्स, महरुन रंग की ब्रा और महरून रंग की ही पैंटी।
ये सब उनके दूधिया गोरे बदन पर खूब खिल रहे थे।

मैंने धीरे धीरे ब्रा का हुक खोल दिया।
अब मैंने उनके मुलायम बूब्स की चुसाई और पैंटी के अंदर हाथ घुमाने का काम शुरू कर दिया।

मैंने महसूस किया कि उनकी चूत पर कोई बाल नहीं था; एकदम चिकनी चूत थी।

अब मैंने उनकी गोरी जांघों पर हाथ फेरते हुए पैंटी नीचे सरका दी।
अब मुझे उनकी पैंटी के अंदर सेक्सी गुलाबी चूत के दर्शन हो गए।

मैं कुछ देर तक चूत को चूमता रहा।

फिर अपनी जीभ मैडम की चूत की दोनों फांकों के बीच फेरना शुरू कर दी।
मैडम की चूत में जल्दी ही पानी आ गया; वो आह … उफ्फ … करके कसमसाने लगी।

वो मुझे बोली- प्लीज़ अब जल्दी अपना लंबा लंड मेरी चूत में डालो। अब मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूं।
मैं फिर भी चूत की चुसाई में लगा रहा।

मैडम की चूत का सारा पानी मैं पी गया।
बहुत मस्त लग रहा था मैडम की चूत का रस।

उसके बाद मैडम की पैंटी से उनकी गीली चूत को पौंछकर धीरे से अपना लन्ड उनकी चूत में डाल दिया।

अभी आधा ही लंड अंदर गया था कि मैडम बोलने लगी- अरे गीली चूत में आराम से जा सकता था तो मेरी पैंटी से पानी क्यों पौंछा?
मैंने कहा- मैडम आज तो आपकी चूत बार बार पानी निकालेगी।

थोड़ा सा अन्दर बाहर करते ही लंड ने चूत में अपनी जगह बना ली।
मैंने एक झटके से पूरी ताकत के साथ अपना पूरा का पूरा लन्ड मैडम की चूत में पेल दिया।

मैडम दर्द से कराह उठी और बोली- आआईई … उफ्फ … ये कैसी बदतमीजी है!! छोड़ो मुझे, कुछ नहीं करना।
ये कहकर वो मुझे धकेलने लगी, मगर मैंने उनको ऊपर जकड़ रखा था।

एक बार फिर से मैंने उनके बूब्स चूसने शुरू कर दिए और आहिस्ता आहिस्ता लंड ऊपर नीचे करने लगा।
अब मैडम की चूत में कुछ पानी आ जाने से उनको भी थोड़ा मज़ा आने लगा।

मैंने धीरे धीरे उनको चोदने की स्पीड बढ़ा दी।
अब मैडम को भी बहुत मज़ा आने लगा।

वो बोली- वाह … अजय … तूने तो खुश कर दिया मुझे! तेरा लंड तो मेरे पति से दो इंच बड़ा है। पूरा अन्दर तक समा गया … आह्ह … अब से मैं ही तेरी बॉस और मैं ही तेरी गर्लफ्रेंड … तू तो मुझे मेरे पति से ज्यादा खुश रखेगा आह्ह … आह … और कर … तेरी बीवी तो बहुत खुश रहेगी तुझसे … वाह्ह … कमाल चोदते हो … आह्ह और तेज … और तेज … आआआ हह … चोद दे … ये कहते हुए मैडम झड़ गई।

मैंने फिर भी चुदाई रोकी नहीं।
मैं अपना वीर्य निकलने तक उनको जोर जोर से रगड़ कर चोदता रहा।
मेरा लन्ड पूरे शवाब पर आकर उफ़ान मारने लगा और मेरा लावा निकल पड़ा।

तब तक मैडम भी एक बार और झड़ चुकी थी।

चुदवाने के बाद मैडम बाथरूम में चली गई।
फिर 10 मिनट में सब कुछ धोकर नंगी ही मेरे पास आई और मेरे से चिपक कर लेट गई।

अब किसिंग करने की बारी उनकी थी।
वो मुझे किस करते करते बोली- पति के अलावा दो बार हमारे डिवीजन हेड बॉस ने मेरी चुदाई की थी मगर उसमें कोई मज़ा नहीं आया। तुमने मुझे सिखाया है कि चुदाई क्या होती है।

इतना कहकर वो सीधा मेरे लन्ड को मुंह में लेकर चूसने लगी।

मेरा लन्ड फिर तन गया।
इस बार मैडम को मैंने बोला- मैडम, आप ब्रा और पैंटी पहन लो।

मैडम बोली- नहीं मेरी प्यास अभी नहीं बुझी।
मैंने कहा- मैं तो आपकी प्यास ही बुझा रहा हूं। बस आप ब्रा और पैंटी पहन लो।

उनको मेरी बात समझ नहीं आई फिर भी उन्होंने ब्रा और पैंटी पहन ली।

मैंने उनको घोड़ी बनाकर पैंटी के उपर से ही लंड रगड़ना शुरू कर दिया।

जैसे ही मैडम की चूत में पानी आया मैंने पैंटी बिना निकाले साइड से अपना लन्ड उनकी चूत में घुसेड़ दिया और फुल स्पीड से उनको पेलने लगा।

बेड के सामने लगे आइने में देखा तो मुझे और मैडम को ऐसा लगा कि कोई पोर्न फिल्म चल रही है।
इससे हम दोनों और ज्यादा गर्म हो गए।

इस बार उनकी चूत और मेरे लन्ड ने एक साथ ही पानी छोड़ा।
हम दोनों निढाल होकर बिस्तर पर लेट गए।

थक जाने के कारण जल्दी ही नींद भी आ गई।

सुबह मैडम ने जल्दी उठकर ब्रश करके चाय का ऑर्डर करके मुझे उठाया और कहा- चलो रात चली गई, अब मैं तुम्हारी फिर से बॉस बन गई हूं। जाकर मुंह धो लो, चाय आने वाली है।

मैंने फटाफट कपड़े पहन कर ब्रश किया।
तब तक चाय आ गई थी।

चाय पीकर मैडम ने कहा- अब तुम अपने होटल में जाकर नहा धोकर आ जाओ, हमें आज कानपुर लोकल का काम करके वापस रात तक लखनऊ भी पहुंचना है।

तो मैंने कहा- मैडम नहा तो मैं यहीं लूंगा, इससे हमारा टाइम बच जाएगा और मेरे कपड़े भी अब सूख गए हैं।
मैडम बोली- ठीक है तुम जल्दी करो, क्योंकि मुझे भी नहाना है।

मैं तुरंत टॉयलेट में फ्रेश होकर नहाना शुरू करने ही वाला था कि मैडम ने बाथरूम का दरवाजा खटखटाया और एक शैंपू देकर बोली- यह शैंपू लगाकर नहाओ, बाल रेशमी हो जाएंगे।

मैडम को गाऊन में देखकर मेरा फिर मूड बन गया।
मैंने कहा- मैडम, मैंने कभी नहीं लगाया ये शैंपू … एक बार आप आकर लगा दो तो मुझे अच्छा लगेगा।

वो बोली- ओह, मेरा गाऊन गीला हो गया तो?
मैंने कहा- तो फिर गाऊन उतार कर आ जाओ।
वो गाऊन उतारकर ब्रा और पैंटी में ही मेरे साथ बाथरूम में आ गई।

थोड़ा शॉवर शुरू करके अपने मुलायम हाथों से मेरे सिर पर शैंपू करने लगी।
तभी मैंने शावर में मैडम को खींच लिया और बहते पानी में उनको उपर से लेकर नीचे चूत तक किस कर डाला।

उनकी ब्रा और पैंटी निकालकर बाथरूम की दीवार के सहारे उनको सटा लिया।
फिर अपने हाथों से लंड पर टिकाकर खड़े खड़े ही चुदाई करने लगा।
इसमें बहुत मजा आ रहा था।

मैं मस्ती में चोदता रहा और वो भी आनंद में चुदती रही।
चुदवाने के बाद भी मैडम मेरे से लिपट कर शावर के नीचे चिपके हुए ही साथ में नहा रही थी।

अब मैं नहाकर तैयार हो गया।
इसके बाद मैडम भी रेडी होकर नीचे रिसेप्शन में रूम चेक आउट करने का बोलकर मेरे साथ लॉबी में नाश्ता करने लगी।

आज वो बहुत सुंदर दिख रही थी।

अब मैं उनके साथ कार में पीछे की सीट पर ही बैठकर आगे की वर्किंग करके रात को लखनऊ लौटा।
वो बोली- सुनो अजय, तुम आज रात भी यहीं रुक जाओ। कल तो मुझे जाना ही है।

मैं भी तो यही चाहता था।

उस रात भी मैंने मैडम की अलग अलग तरीके से तीन बार चुदाई की।
जब वो दिल्ली जा रही थी तो मैंने उनसे पूछा- मैडम आप यहां पर मेरी परफार्मेंस की रिपोर्ट लेने आईं थीं तो कंपनी में क्या रिपोर्ट देंगी?

उन्होंने आंख मारकर कहा- तुम्हारी परफॉर्मेंस को सुधारने के लिए मुझे अब हर महीने करीब एक हफ्ते की ज्वाइंट वर्किंग रखनी पड़ेगी।
इसके बाद वाकई में उन्होंने मीटिंग में मेरी बहुत तारीफ की और कहा- यदि अजय को लगातार गाइडेंस मिलता रहेगा तो वह अच्छा परफॉर्म करेगा। इसलिए मैं अब से हर महीने में उसके साथ एक हफ्ते की वर्किंग करूंगी ताकि उसको प्रॉपर मोटीवेशन मिले।

मैडम की इस बात से हमारे डिवीजन हेड बहुत खुश हुए।

मैं और मैडम तो बहुत ही ज्यादा खुश थे।

जब तक मैडम कम्पनी में थीं, उनकी मेरे साथ हर महीने रात और दिन ज्वाइंट वर्किंग में चुदाई होती रही और मेरा चुदाई वाला परफॉर्मेंस सुधरता रहा।

दोस्तो, आपको मेरी यह ऑफिस बॉस सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे ईमेल करके जरूर बताइयेगा। आपसे विनती है कि मेरे या मेरी मैडम के फोन नम्बर के बारे में मत पूछियेगा।
मेरी ईमेल आईडी है [email protected]

About Abhilasha Bakshi

Check Also

जरूरत है एक लौड़े की

19 साल की ही तो हुई थी मैं, जब मुझे कुछ रुपयों रूपये के बदले …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *