बेवफा बीवी की चुदाई शौहर के दोस्त ने कर दी. शौहर का दोस्त उन्हीं के घर में रहता था. एक शाम शौहर को घर आने में देर हो गयी तो बीवी उसके दोस्त से ही चुद गयी.
कहानी के तीसरे भाग
बीवी को गांडू दोस्त से चुदवा दिया
में अपने पढ़ा कि थ्रीसम सेक्स विद फ्रेंड वाइफ का मजा शौहर ने अपने दोस्त को अपने सामने दिलवाया. तीनों ने मिल कर चुदाई की.
अगले दिन शौहर और उसका दोस्त ऑफिस चले गए.
अब आगे बेवफा बीवी की चुदाई:
फैक्ट्री में एक बड़ी मशीन ब्रेक डाउन में आ गयी.
जुनैद को दिख गया कि आज तो रात को काफी देर हो जायेगी घर जाने में.
उसने दोपहर बाद तबस्सुम को बताना चाहा पर उसे ध्यान आया कि वह तो शायद सो रही होगी.
जुनैद अपने काम में लग गया.
फिर तो बाहर के इंजिनियर भी साथ थे तो उसे मौक़ा ही नहीं मिला फोन करने का.
देर शाम उसने तबस्सुम को फोन किया तो उसका फोन काफी देर तक व्यस्त आता रहा.
जुनैद ने फिर उमेश को फोन किया.
वह घर जा ही रहा था.
जुनैद ने उसे बता दिया कि उसे तो रात को देर हो जायेगी.
कह तो दिया जुनैद ने पर उसे तबस्सुम की चिंता हुई. वह सबकी नज़र बचाकर तबस्सुम का फोन ट्राई करता रहा.
थोड़ी देर में तबस्सुम ने उठा लिया.
जुनैद ने उसे सारी बात बताई तो तबस्सुम बोली- उमेश बिलकुल अभी अभी आया है, उसे चाय बनाकर दे रही हूँ.
तबस्सुम उससे नाराज़ हुई- तुम जल्दी आ जाना.
जुनैद ने मज़ाक किया- कोई बात नहीं, उमेश तो है घर पर, तुम दोनों मजे कर लेना.
तबस्सुम भड़क गयी, बोली- जो हो गया हो गया. मैं उमेश को चाय और खाना देकर अपना कमरा बंद कर के टी वी देखूंगी. तुम जब आओ तो उमेश को कह देना वह दरवाज़ा खोल देगा. मैं तो अब तभी खोलूंगी अपने कमरे का दरवाजा जब तुम आ जाओगे.
जुनैद हंस पडा.
उमेश ने चाय किचन में ही आकर पी क्योंकि तबस्सुम फटाफट खाना बनाने में लगी थी.
तब उमेश ने हंसी मज़ाक करते हुए तबस्सुम को भी अपने गिलास में से ही एक दो घूँट चाय पिला दी.
वह बिलकुल नार्मल था तो तबस्सुम भी नार्मल हो गयी.
चाय पीकर उमेश नहाने चला गया.
वह अपना तौलिया बाहर भूल गया था.
बाथरूम कॉमन था सभी का.
उसमें तबस्सुम की ब्रा पेंटी पड़ी थीं.
उमेश ने उन्हें खूब चूमा.
अब उसका मन डोल गया और उसके दिमाग में रात का सीन घूमने लगा.
उसे अब तबस्सुम बिना कपड़ों के नज़र आने लगी.
उसने तबस्सुम को आवाज़ दी- मेरा तौलिया पकड़ा दो.
अब चूंकि तबस्सुम नार्मल थी और उसका और उमेश का हंसी मज़ाक चलता रहता था, तो तबस्सुम ने हँसते हुए जवाब दिया- मैं रोटी सेक रही हूँ, तुम बाहर आकर ले लो.
उमेश बोला- मैं सच में आ जाउंगा बाहर, फिर मत कहना. मैं सीधा किचन में ही आ जाऊंगा.
तबस्सुम भी कम नहीं थी, बोली- हाँ आ जाओ, चिमटे से पकड़ कर चूल्हे में झोंक दूंगी तुम्हारा बेलन!
खैर हँसते हुए तबस्सुम ने तौलिया उठाया और उमेश को पकड़ा दिया.
तबस्सुम ने भी बदमाशी की कि तौलिया देते देते किवाड़ में धक्का मार दिया.
उमेश नंगा खडा था.
उसे भी ठरक चढ़ गयी.
उसने तबस्सुम को पकड़ कर अंदर घसीट लिया.
हँसते हुए तबस्सुम ने अपने को छुड़ाने की बहुतेरी कोशिश की पर उमेश उसे खींच कर सीधे फव्वारे के नीचे ले गया.
तबस्सुम पूरी भीग गयी.
उसने फ्रॉक के नीचे कुछ नहीं पहना था, बस उमेश के आने पर एक चुन्नी डाल ली थी जो इस छीना झपटी में कहीं गुम हो गयी थी.
अब बरसते पानी में भीगी तबस्सुम का एक एक उभार उजागर हो रहा था.
दोनों सन्न खड़े थे.
हंसी मज़ाक में ये क्या हो गया.
आग दोनों को लगी थी.
तबस्सुम को उमेश ने अपने से चिपटा लिया और उसके सुलगते होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
उमेश का लंड तनतना रहा था.
उसने आहिस्ता से तबस्सुम की फ्रॉक ऊपर की, तबस्सुम सिहरी … पर उसने कोई विरोध नहीं किया तो उमेश ने उसकी फ्रॉक को उतार फेंका.
अब दोनों निपट नंगे थे.
तबस्सुम शर्मा कर उमेश से चिपट गयी.
दोनों शावर के नीचे भीगते रहे.
उमेश बार बार तबस्सुम के मम्मे चूसता रहा.
उसका तम्बू बना लंड तबस्सुम के हाथ में बिलबिला रहा था.
तबस्सुम ने उसे अपनी चूत के मुंहाने पर रखा और उसे अंदर घुसाने की नाकामयाब कोशिश की.
वह भी पूरी गरमा चुकी थी.
उसने अपनी एक टांग उठा आर पास रखी बाल्टी के ऊपर रखी तो उमेश ने थोड़ा झुक कर अपना लंड उसकी चूत में पेल ही दिया और लगा धक्के पर धक्के देने!
चुदाई हो तो रही थी पर जो आग लगी थी, वह बुझने की बजाय और भड़क गयी थी.
उमेश ने तबस्सुम को गोदी में उठाया और तौलिया लपेटकर अपने कमरे में ले आया.
तबस्सुम को नीचे उतारकर उसने तबस्सुम को और अपने को तौलिये से सुखाया.
उसके कमरे में एक फोल्डिंग पलंग पडा था.
तबस्सुम बोली- चलो मेरे कमरे में चलते हैं.
पर उमेश समझदार था, बोला- वहां बेड गीला हो जायेगा, जुनैद शक करेगा.
तबस्सुम ने बेड पर पड़े गद्दी को नीचे जमीन पर खींच लिया और नीचे बैठ कर उमेश का लंड मुंह में ले लिया.
वह उसे लोलीपोप की तरह चूसने लगी.
उमेश के चेहरे से स्पष्ट लग रहा था कि वह अब परेशान हो रहा था कि कहीं उसका लंड तबस्सुम के मुंह में ही खलास न हो जाए.
उसने तबस्सुम को खड़ा किया और खड़े खड़े उसकी चूत में लंड घुसाने की कोशिश की.
दोनों के होंठ मिले थे.
तबस्सुम भी बेताब थी अपनी चूत चटवाने के लिए!
बेवफा बीवी चूमते चाटते उमेश को लेकर नीचे लेट गयी.
पहले दोनों 69 हुए.
तबस्सुम की चूत से जल्दी ही नमकीन पानी निकलने लगा था.
वह उतावली हो रही थी उमेश का लंड अपनी चूत में लेने के लिए.
तो वह झट से उमेश के ऊपर बैठ गयी और अपने हाथ से उमेश का लंड अपनी चूत में कर लिया और टेढ़ी मेढ़ी होकर उसे सेट किया जिससे वो उसकी चूत की गहराई तक पहुँच जाए.
अब तबस्सुम लगी उछलने! उसके साथ उसके भारी मम्मे और गले का सोने का हार भी उछल रहा था.
उमेश उसके मम्मे मसल रहा था तो तबस्सुम का हार उसके हाथ से टकरा रहा था.
तभी उमेश ने तबस्सुम से हार उतारने को कहा.
तबस्सुम ने हार तो नहीं उतारा पर उसकी चुदास भड़की हुई थी तो वह नीचे आ गयी.
अब उमेश ने उसकी दोनों टांगें ऊपर पंखे की ओर कर के चौड़ा दीं और घुसेड़ दिया अपना लंड एक ही झटके में!
फिर वह लगा रेलम पेल से तबस्सुम की चूत चोदने में.
तबस्सुम भी उसका पूरा साथ दे रही थी.
दूसरे लंड का मजा ही कुछ और होता है.
डर कोई था नहीं … जुनैद को तो आने में देर थी.
जब मन में डर न हो और टाइम लिमिट न हो तो रिश्तों के बाहर के सेक्स का मज़ा दोगुना हो जाता है.
उमेश और तबस्सुम दोनों ही हांफ रहे थे.
तबस्सुम की कसी हुई चूत में उमेश का लंड रगड़ के चल रहा था.
उमेश ने तबस्सुम के मम्मे मसल मसल कर लाल कर दिए थे.
तबस्सुम भी मतवाली हो चली थी.
पूरा कमरा आह ओह और फच फच की अवाज से गूँज रहा था.
उमेश की स्पीड एक झटके से रुक गयी.
उसने तबस्सुम की चूत में सारा माल निकाल दिया और निढाल होकर उसकी बगल में पड़ गया.
दो चार मिनट बाद तबस्सुम उठी और उमेश से बोली- मैं फ्रेश होकर तैयार होती हूँ, तुम कमरा ठीक कर लो. जुनैद आता होगा.
10 बजे करीब जुनैद आ गया.
तबस्सुम अपने रूम में लेटी टीवी देख रही थी.
उमेश ने किवाड़ खोले.
उसने जुनैद को बताया कि उसने तो खाना खा लिया है. तबस्सुम की तबियत शायद ठीक नहीं है, वह शाम से ही अपने कमरे में है.
और उसने जुनैद को बताया कि वह परसों अपने गाँव जाएगा पंद्रह दिन के लिए. शादी की तारीख वगैरा तय होने पर वो उसे बतायेगा. शादी में उसे और तबस्सुम को आना होगा.
जुनैद कमरे में आया, तबस्सुम उसके गले लिपट गयी, बोली- इतनी देर मत किया करो. मन भी नहीं लग रहा था.
तब जुनैद मुस्कुरा कर बोला- क्यों … उमेश था तो सही घर पर! मस्ती कर लेते दोनों.
तबस्सुम ने उसे धप्पा लगाते हुए कहा- वो एक बार की बात थी, कल ही ख़त्म हो गयी. अब कभी नाम भी मत लेना. मेरी तो आज दोपहर से ही तबियत ठीक नहीं थी. उमेश को जैसे तैसे खाना दिया. तुम हाथ मुंह धो लो, खाना लाती हूँ.
जुनैद नहाने घुस गया.
तबस्सुम किचन में आई तो पीछे से उमेश आकर चिपट गया और लगा चूमने.
उसे तबस्सुम ने उसे धक्का देकर अलग किया और बोली- पागल हो गए हो क्या? जुनैद को शक भी हो गया तो सारे सम्बन्ध खराब हो जायेंगे.
उमेश चला गया.
खाना खाकर जुनैद तबस्सुम को चिपटा कर लेट गया.
उसका मन सेक्स का था.
तबस्सुम थक भी रही थी.
तो उसने कहा- आज तबियत ठीक नहीं है, सो जाओ.
जुनैद बोला भी कि उमेश को बुला लेता हूँ, दोनों मिलकर तेरी तबियत खुश कर देंगे.
तबस्सुम बोली- चुपचाप सो जाओ.
जुनैद उसके मम्मे पकड़ कर सो गया.
अगले दिन कारखाने जाते समय जुनैद ने तबस्सुम को कह दिया- आज खाना बाहर से लेता हुआ आऊंगा. कल तो उमेश चला जाएगा तो आज रात मस्ती करेंगे.
तबस्सुम ने कहा- कोई मस्ती वस्ती नहीं होगी, हाँ खाना लेते आना. बहुत दिन हो गए बाहर का खाए!
पर तबस्सुम को मालूम था कि अब जुनैद के मन में आ गयी है तो वह रात को धमाल जरुर मचाएगा.
उसने दिन में कमरा अच्छे से ठीक कर लिया, बेड की चादर बदल दी.
शाम को उसने पनीर कोरमा बना लिया.
बाकी खाना तो जुनैद लाने वाला ही था.
जुनैद को आइसक्रीम बहुत पसंद थी तो वह पास की दूकान से आइस क्रीम की छोटी ब्रिक ले आई.
रात को पहनने के लिए एक सेक्सी सा ब्रा पेंटी सेट और गाउन उसने बाथरूम में टांग लिया.
जुनैद और उमेश साथ ही आये.
आते ही जुनैद ने तबस्सुम से चाय बनाने को कहा.
खाने का वो आर्डर कर आया था. खाना रात को 8 बजे आना था.
अभी तो एक घंटा था.
तबस्सुम ने चाय बनायी तब तक दोनों कपड़े बदल कर आ गए.
उमेश बहुत खुश था, वह अपने घरवालों के लिए काफी सामान खरीद कर लाया था.
चाय पीकर तबस्सुम जुनैद से बोली- तुम दोनों जाकर नहा लो, मैं तब तक रसोई संभालती हूँ. खाना आते ही खा लेना क्योंकि बाज़ार का खाना ठंडा अच्छा नहीं लगेगा.
जुनैद हँसते हुए उमेश से बोला- चल यार आज हम दोनों साथ साथ नहायेंगे.
तबस्सुम भी मुस्कुराते हुए बोली- हाँ आज नहा लो, इसके बाद तो उमेश की बीवी तुम्हें साथ नहाने नहीं देगी.
जुनैद ने अपने कमरे से तहमत और टी शर्ट निकालते हुए तबस्सुम को छेड़ा- चलो तुम भी आ जाओ साथ नहाने.
तबस्सुम बोली- तुम दोनों ही नहाओ. मैं तो बाद में नहाऊंगी.
जुनैद और उमेश एक साथ बाथरूम में घुस गए.
तब जुनैद ने उमेश से कहा- चल नहाते में तेरी गांड मार लूं!
पर उमेश बोला- नहीं यार, आज नहीं. आज तो अच्छे से रगड़ कर नहा लें.
जुनैद बोला- यार मज़ा आ जाए अगर तबस्सुम भी आ जाए तो!
उमेश बोला- वो आएगी नहीं.
जुनैद बोला- कोशिश करता हूँ.
तभी जुनैद ने तबस्सुम को आवाज़ दी.
सच तो यह था कि तबस्सुम बाहर ही खड़ी थी कान लगाए.
जुनैद के आवाज़ देने पर दबे पाँव दूर हुई और फिर बोली- बताओ क्या बात है?
तो जुनैद बोला- इधर सुनो.
तबस्सुम बाथरूम के बाहर आई तो जुनैद बोला- मेरा तौलिया नीचे गिर कर भीग गया है, दूसरा दे दो.
वह समझ गयी कि ये कुछ बदमाशी कर रहा है.
पर मन तो उसका भी उतावला था मस्ती करने को.
वह दूसरा तौलिया ले आई और जुनैद को पकड़ा दिया.
जुनैद ने तौलिया लेते लेते उसका हाथ पकड़ लिया, वह उसे अंदर खींचने लगा.
तबस्सुम ने अपनी टांग दरवाजे में अड़ा दी और हँसती हुई बोली- मुझसे बदमाशी मत करो. चुपचाप नहा लो.
जुनैद बोला- अच्छा एक काम कर दो, हम दोनों की पाठ रगड़ दो, फिर चली जाना. कसम से तुमसे कुछ नहीं कहेंगे.
अब उसका दूसरा हाथ उमेश ने पकड़ लिया.
दोनों ने उसे अंदर खींच लिया.
अंदर पूरा अँधेरा था. जुनैद और उमेश निपट नंगे थे.
जुनैद ने तबस्सुम के हाथ में साबुन पकड़ा दिया.
तबस्सुम बोली- कोई बदमाशी मत करना, मैं पीठ रगड़ देती हूँ, फिर चली जाऊंगी.
उसने जैसे ही ज़ुनोद की पीठ पर साबुन लगाया, उसने शावर खोल दिया.
तबस्सुम बीच में थी, उसके दोनों और जुनैद और उमेश आ गए.
वह बहुत चीखी चिल्लाई पर दोनों ने उसे भिगो ही दिया.
अब तबस्सुम ने भी हथियार डाल दिए.
वह जुनैद के होंठों से चिपक गयी.
उसकी नाईटी उमेश ने पीछे से उठा दी और उसके नितम्बों को सहलाते हुए उससे पीछे से लिपट गया.
नाइटी कब उतर गयी … तीनों कब चिपट गए पता ही नहीं चला.
तबस्सुम के दोनों हाथों में लंड थे.
ऊपर से शावर का पानी गिर रहा था.
तबस्सुम नीचे बैठ गयी और उमेश का लंड चूसने लगी.
जुनैद ने उसे घोड़ी बना दिया और अपना लंड पेल दिया उसकी चूत में!
गपागप धक्के लगने लगे.
तीनों अब चुदासे हो रहे थे.
बाथरूम छोटा था तो मजा नहीं आ रहा था.
तबस्सुम बोली- बाहर चलो.
जुनैद और उमेश तौलिया लपेट कर अपने अपने कपड़े लेकर बाहर आये.
तबस्सुम अंदर अपने को पौंछ कर पहले से रखे कपड़े पहन कर बाहर आई.
अनोखी फक स्टोरी- 5
[email protected]तभी होटल से खाना आ गया.
जुनैद चाहता था कि खाना बाद में खाया जाए, पहले एक सेशन सेक्स का हो जाए.
पर तबस्सुम बोली- खाना ठंडा हो गया तो अच्छा नहीं लगेगा, पहले खाना लगा देती हूँ, फिर तुम्हारी जो मन में आये, कर लेना.
जुनैद और उमेश ने हबड़-तबड़ में खाना खाया.
उनके दिमाग में तो सेक्स चल रहा था.
तबस्सुम को उनकी छटपटाहट देख कर मजा आ रहा था.
खाने से निबट कर तबस्सुम रसोई संभालने गयी तो पीछे से जुनैद बार बार उसे आवाज़ दे रहा था.
तबस्सुम समझ गयी कि आज नहीं छोड़ेंगे दोनों उसे!
खैर, वह काम निबटा कर कमरे में पहुंची तो कमरे में अन्धेरा था; बहुत हल्की रोशनी एक नीले बल्ब से हो रही थी.
तबस्सुम ने लाईट जलानी चाही तो जुनैद ने मना कर दिया, बोला- बेड पर आ जाओ.
बेड पर जुनैद और उमेश लेटे थे.
तबस्सुम जुनैद के पास से बेड पर चढ़ी तो जुनैद ने उसे बीच में कर दिया.
जब तबस्सुम ने हाथ लगाकर देखा तो पाया कि जुनैद और उमेश ने कपड़े उतारे हुए हैं, दोनों निपट नंगे थे.
तबस्सुम को उन दोनों ने बीच में कस के जकड लिया.
जुनैद ने तबस्सुम का गाउन उतार दिया और उसका मुंह अपनी और करके होंठ से होंठ भिड़ा दिए.
तबस्सुम के हाथों में उसका लंड आ गया था, जिसे वह मसल रही थी.
पीछे से उमेश तबस्सुम से चिपटा हुआ था और उसने हाथ आगे बढाकर उसकी ब्रा ऊपर करके उसके मम्मे लपक लिए थे.
उमेश तबस्सुम के कान पर हल्के से चुम्बन लेकर उन्हें चाट रहा था.
तबस्सुम इस सबसे बहुत उत्तेजित हो गयी.
तब तबस्सुम पलटी और उमेश के होंठों से अपने होंठ भिड़ा दिए.
उमेश ने उसे कस के भींच लिया.
दोनों गुत्थम गुत्था हो गए.
उमेश ने अपना लंड तबस्सुम की चूत में घुसाना चाहा.
तबस्सुम की चुदास भड़क चुकी थी; वह बेकाबू होते हुए उमेश के ऊपर चढ़ कर बैठ गयी और अपने हाथों से उसका लंड सेट करके अपनी चूत में घुसेड़ दिया.
नीचे से उमेश ने धक्का मारा तो लंड सीधा अंदर गहराई तक उतर गया.
तबस्सुम की आह निकल गयी.
वह कसमसा कर उमेश के ऊपर उछलने लगी.
उसके हाथ उमेश से सीने पर थे.
उमेश उसके नितम्बों को पकड़कर उसे ऊपर नीचे कर रहा था.
तबस्सुम जुनैद से बेखबर थी.
उसे होश तो तब आया जब जुनैद ने अपना लंड उसके मुंह के पास कर दिया.
तबस्सुम ने उसे पकड़कर गप से मुंह में कर लिया और लगी लोलीपोप की तरह चूसने!
उमेश ने भी उसके मम्मे पकड़ कर बेरहमी से मसलने शुरू किये.
तबस्सुम लंड चूसने में तो माहिर थी ही, जुनैद को लगने लगा कि वह उसके मुंह में ही खाली हो जाएगा.
उसने तबस्सुम को हटाया और उमेश से कहा कि वह उनकी चुदाई की विडियो बना दे.
तबस्सुम ने मना भी किया पर जुनैद नहीं माना.
तो तबस्सुम ने भी हथियार डाल दिए.
उमेश ने कमरे की लाईट खोली और जुनैद का मोबाइल लेकर बेड के पास खड़ा हो गया और वीडियो बनानी शुरू कर दी.
पहले जुनैद ने अपना तनतनाया लंड उसे दिखाया, फिर तबस्सुम के मम्मे पकड़कर उसकी विडियो बनवाई.
तबस्सुम भी अब बेशर्म हो गयी थी.
उसने नीचे लेटकर अपनी टांगें फैला दीं.
उमेश ने उसकी मखमली चूत की नज़दीक से विडियो बनायी.
अब जुनैद ने अपनी जीभ तबस्सुम की चूत में घुसा दी और हाथों से उसके मम्मे मसलने शुरू किये.
तबस्सुम कसमसा कर बिस्तर पर मछली की तरह तड़पने लगी.
उसने जुनैद से कहा कि अब अंदर आ जाओ.
जुनैद ने उसकी टांगें ऊपर करके चौड़ायीं और अपना लंड पेल दिया उसकी चूत में!
उनकी धकापेल शुरू हो गयी.
उमेश घूम घूम कर विडियो बना रहा था.
वह बार बार कैमरा तबस्सुम के मम्मों पर करता.
तबस्सुम के मम्मी भारी और निप्पलस नुकीले थे.
उमेश का लंड भी विडियो बनाते बनाते पूरा तना हुआ था.
उसका मन तो हुआ कि वह जुनैद से कहे कि भाड़ में जाए विडियो, उसे तो तबस्सुम को चोदना है.
पर पराये माल के लिए वह इतने अधिकार से कैसे कह सकता था.
तबस्सुम ने उसके मन की बात पढ़ ली.
उसने हाथ बढ़ा कर विडियो बनाते उमेश का लंड पकड़ लिया और उसे अपने मुंह की ओर खींचा.
उमेश आगे सरक आया और बेड पर घुटनों से चढ़ कर बैठ गया.
तबस्सुम गर्दन घुमाकर उसका लंड चूसने लगी.
उमेश ने अब मोबाइल बंद कर दिया और वह भी चुदाई में शामिल हो गया.
उसने जुनैद से कहा- तुम तबस्सुम की गांड में घुसेड़ो, मैं इसकी चूत में घुसता हूँ.
यह सुनकर तबस्सुम डर गयी और बोली- मैं तो मर जाऊंगी अगर जुनैद ने अपना मूसल मेरी गांड में घुसेड़ा. तुम लोग एक एक करके ही आओ.
फिर तो वही हुआ जो दो दिन पहले हुआ था.
तबस्सुम की चूत में ऊपर से उमेश घुसा और जोर जोर से रेलमपेल की, फिर उसकी गांड में जुनैद ने वेसलीन लगाकर अपना लंड घुसेड़ा.
वेसलीन लगाने से जुनैद का लंड भी उमेश की गांड में तेजी से फिसल रहा था.
उमेश तबस्सुम की चूत में गहराई तक जाकर रुका हुआ था.
उसके हाथ तबस्सुम के मम्मे मसल रहे थे.
जुनैद के धक्कों से उमेश का लंड भी तबस्सुम की चूत में बार बार ठोकर मारता.
उमेश और तबस्सुम का स्खलन हो चुका था. उमेश का माल तबस्सुम की चूत से बाहर आ रहा था.
पर ऊपर जुनैद के चढ़े होने से उमेश उठ नहीं पा रहा था.
अब जुनैद ने भी अपना माल उमेश की गांड में खाली कर दिया.
तीनों थक कर पसर गए.
उमेश उठा और तबस्सुम को चूमते हुए बोला- मैं सो रहा हूँ, कल जाना है सुबह!
उसके जाने के बाद जुनैद और तबस्सुम ने देर रात चुदाई का एक राउंड और मारा.
अगले दिन उमेश चला गया.
जुनैद और तबस्सुम अब सेक्स के भस्सी हो गए थे तो अब घर पर कोई न होने से अक्सर बिना कपड़ों के ही रहते.
और जुनैद के मोबाइल में तबस्सुम की नंगी तस्वीरों की भरमार थी.
कारखाने में उसे जब भी मौक़ा मिलता, वह एकांत में उन फ़ोटोज़ को देखता.
इससे उसे एनर्जी मिलती थी.
दोनों इन ख्वाबों में रहते कि जब उमेश की बीबी भी यहाँ आ जाएगी तब चारों मिलकर सेक्स किया करेंगे.
दोस्तो, कैसी लगी जुनैद की बेवफा बीवी की चुदाई की कहानी?
लिखियेगा मुझे मेरी मेल आई डी
[email protected] पर!