न्यूड आंटी पोर्न कहानी मेरी रिश्ते में लगती मौसी के प्रति यौन आकर्षण की है. मैं नानी के घर गया हुआ था. वहां उनकी भतीजी आई तो मैं उनके वासना की दृष्टि से देखने लगा.
फ्रेंड्स, मेरा नाम सचिन है और ये हॉट सेक्स स्टोरी मेरी और मौसी के बीच हुए सेक्स की है
यह न्यूड आंटी पोर्न कहानी उन दिनों की है जब मैं स्कूल में पढ़ता था और उन दिनों में नाना नानी के घर में था.
मेरे नाना जी बैंक में ऑफिसर थे तो मीटिंग आदि के कारण उनका शहर से बाहर आना जाना लगा रहता था.
वे कभी कभी तो 7-8 दिन के लिए भी बाहर चले जाते थे.
उस वक्त मैं नानी के घर में उनके ही साथ में रहा करता था और अपनी स्टडी करता था.
मेरे नाना के दूर के रिश्ते में कोई भतीजी या भानजी है जिनको मैं मौसी बोलता था.
उनकी उम्र 40-42 के बीच की थी और वे किसी पास के गांव में रहती थीं.
उनके पति किसी दूर के शहर में अलग रहते थे.
मौसी के साथ उनका एक लड़का रहता था.
उसकी गांव में मोबाइल की शॉप थी.
मौसी थोड़ी स्थूल थीं और उनका कद भी मध्यम आकार का ही था.
हम उन्हें छोटे कद वाली महिला भी कह सकते हैं.
कम कद के कारण उनके फूले हुए बूब्स बहुत सेक्सी व टाइट थे.
वे साड़ी पहना करती हैं.
उनकी तबीयत कुछ दिन से खराब थी तो उनका बेटा उन्हें दिखाने शहर के बड़े अस्पताल ले आया था.
मौसी को डॉक्टर ने कुछ दिन चैकअप के लिए रोजाना हॉस्पिटल आने के लिए बोला था.
मौसी को गांव से रोजाना शहर के अस्पताल दिखाने आने में कुछ दिक्कत होने लगी थी तो वे अपने बेटे के साथ मेरी नानी के घर आ गई थीं.
भैया ने मौसी को नानी के घर में ही रोक दिया था और मुझसे कहा- मैं शॉप में बिज़ी रहता हूँ, तो तू रोजाना हॉस्पिटल ले ज़ाकर चैकअप करवा दिया कर.
मैंने कहा- ठीक है भैया.
दोस्तो, उस टाइम मौसी के लिए मेरे मन में कुछ भी ग़लत ख्याल नहीं रहता था.
भैया चले गए और मौसी नानी के घर में रुक गईं.
नाना के घर में मैं, नानी और मौसी थे.
उस दिन मौसी और नानी घर के कामों में बिज़ी हो गई थीं.
मैं घर के आखिरी में बने कमरे में आ गया और पढ़ाई करने लगा.
उसके बाद मन नहीं लगा तो टाइम पास के लिए फोन में पॉर्न देखने लगा.
दोस्तो, स्टडी के बाद पॉर्न देखने का मेरा रोजाना का रुटीन था.
उस टाइम फोन में टू जी नेटवर्क चलता था तो पूरे दिन में एक या दो पॉर्न क्लिप्स डाउनलोड हो पाती थीं.
मैं अधिकतर फिल्म्स डाउनलोड करके ही देखता था क्योंकि सीधे देखो, तो हर फिल्म में चलते चलते गोल गोल सर्फिंग वाला पहिया घूमता रहता था.
मैं बहुत दिनों से पॉर्न देख कर हैंडजॉब नहीं कर रहा था, इसी वजह से … या ज़्यादा देर लंड खड़ा रहने की वजह से मेरे लंड की नसों में दर्द रहने लगा था.
उस दिन मेरा लंड कुछ ज्यादा ही दर्द कर रहा था, बहुत देर से अकड़ा हुआ भी था तो मैं किसी तरह से अपना दर्द सहन कर रहा था.
लेकिन जब लंड में बहुत तेज दर्द होने लगा तो मैं घर में पेनकिलर देखने लगा.
तभी मौसी ने पूछा- क्या हुआ, क्या देख रहा है?
मैं शर्म की वजह से कुछ बता नहीं पाया लेकिन मेरा दर्द बढ़ता ही जा रहा था.
मौसी मेरा चेहरा देख कर समझ गईं कि कुछ गड़बड़ है.
उनके बार बार पूछने पर मैंने बता दिया कि मौसी मेरी सुसू में बहुत दर्द हो रहा है.
मौसी ने मुझे बच्चा जैसे समझा और बोलीं- अच्छा तू लेट जा बेड पर, मैं बाम लगा देती हूँ … उससे आराम मिल जाएगा.
मैंने दर्द होने की वजह से हां बोल दिया और अपने रूम में जाकर बेड पर लेट गया.
मौसी रूम में बाम लेकर आईं और मेरी पैंट में एक साइड से हाथ डाल कर पेट के नीचे और जांघ के पास बाम लगाना शुरू कर दिया.
उन्होंने पूछा- यहां हो रहा है क्या?
यह कह कर उन्होंने वहीं बाम लगाना चालू कर दिया.
मैंने उनसे कहा- मौसी मुझे सुसू में और जांघ दोनों में दर्द हो रहा है.
मौसी ने धीरे धीरे एक हाथ से जांघ पर बाम लगाना चालू किया और लंड की नस में लगाती हुई पूछने लगीं- और कहां है?
मैंने उनसे कहा- पूरी सुसू में दर्द हो रहा है.
तो उन्होंने मुझे बच्चा समझ कर मेरे लंड को हाथ से पकड़ लिया.
मैं जोर से चिल्लाया- आह मौसी, बहुत दर्द हो रहा है!
उन्होंने मेरे लंड का अहसास किया और बोलीं- रुक जा, कुछ नहीं होगा.
अब उन्होंने लंड में बाम लगाना चालू कर दिया.
उन्हें बाम लगाने में दिक्कत हो रही थी तो उन्होंने मेरे पैंट और चड्डी को पकड़ कर नीचे खींच दिया.
मेरा लंड का साइज एकदम छोटा हो गया था और लौड़े पर हल्के हल्के बाल भी थे.
मौसी ने धीरे से उंगली से मेरे लंड को बाम लगाना शुरू किया और लौड़े को आगे पीछे करने लगीं.
मुझे दर्द के साथ मज़ा आने लगा.
फिर मेरा लंड धीरे धीरे कड़ा होने लगा.
मौसी के हाथ से लगाने पर मुझे अलग ही फीलिंग आने लगी थी.
कुछ ही पलों में मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था.
मौसी मेरे लौड़े को देख कर चौंक गईं कि इस झांट बराबर लौंडे का इतना बड़ा आइटम.
फिर उन्होंने लंड सहलाते हुए ही मुझसे पूछ ही लिया- अब कैसा लग रहा है?
मैंने कहा- अब दर्द कम है.
मेरा लंड पूरी लंबाई में खड़ा हो गया था.
मौसी भी देख रही थीं लेकिन उन्होंने कुछ कहा नहीं.
फिर मौसी ने मेरी पैंट और चड्डी ऊपर कर दी और वे रूम से बाहर चली गईं.
उसके बाद मैं सो गया लेकिन मौसी के हाथ का अहसास मुझे नींद में भी हो रहा था.
ये पहली बार था जब मौसी के लिए मुझे कुछ हो रहा था.
फिर रात हुई और हम तीनों यानि नानी, मैं और मौसी डबल बेड में सो गए.
मौसी दीवार की साइड में, बीच में मैं और नानी दूसरे किनारे पर सो गई थीं.
कमरे की बत्ती बंद थी.
लगभग 12 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मैं नींद में ही मौसी के करीब आ चुका था.
मौसी गहरी नींद में थीं.
मैंने अपना एक पैर मौसी के पैर के पास ले जाकर टच किया.
लेकिन कोई हलचल नहीं हुई.
अब मैं हिम्मत करके अपना मुँह मौसी के बूब्स के पास ले गया और एक हाथ मौसी के पेट के ऊपर रख दिया.
मौसी अभी भी गहरी नींद में सोई हुई थीं.
मैंने कोशिश करके अपना मुँह मौसी के बूब्स के और करीब ले लिया.
अब मुझे मौसी की बॉडी की महक आ रही थी.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैं मौसी से और करीब होकर चिपक सा गया.
मेरी पोज़िशन इस तरह की थी कि मेरा मुँह मौसी के मम्मों को टच कर रहा था और हाथ कमर के ऊपर था.
मेरा एक पैर मौसी के पैर के ऊपर था.
दोस्तो, उस वक्त मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं अभी ही मौसी को पकड़ कर चोद दूँ … लेकिन तभी मौसी की नींद खुल गई थी.
अब वे करवट बदल कर मेरी तरफ हो गईं और उन्होंने अपना एक हाथ मेरे ऊपर रख दिया.
हम दोनों एक दूसरे के ऊपर अपना हाथ रखे हुए थे.
मैंने एक कदम आगे बढ़ा कर मौसी के बूब्स के पास जाकर अपना मुँह टच कर दिया.
लेकिन मौसी नींद खुल गई थी, वह समझ गईं और उठ कर बाथरूम चली गईं.
वापस आकर मौसी दीवार की तरफ होकर सो गईं.
मैं डर गया था इसलिए मैं भी सो गया.
दोस्तो, अब अगले दिन मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैंने आज फिर से नाटक किया कि दर्द हो रहा है.
आज मैं थोड़ा रोने भी लगा.
मौसी ने मुझसे कहा- तू मेरे साथ डॉक्टर के पास चल ही रहा है, तू भी उधर अपना चैकअप करा ले. मैं भी करा लूँगी.
मैंने कहा- मैं अभी नहीं जा सकता, मुझे जब आराम हो जाएगा … मैं तब जाऊंगा.
उन्होंने कहा- चल ठीक है.
उसके बाद वे मुझसे बेड पर सीधा लेटने को बोलीं.
मैं लेट गया.
उसके बाद मैंने खुद ही अपनी पैंट को नीचे कर लिया.
मौसी आज देख के कुछ सटपटा सी गईं क्योंकि रात की हरकत की वजह से उन्हें कुछ समझ में आ गया था.
लेकिन उन्होंने कुछ न कहते हुए बाम लगाना चालू कर दिया और धीरे से लंड में लगाने लगीं.
उनके हाथ का अहसास पाते ही मेरा लंड पूरा कड़क हो गया और मैं धीरे से आह आह की आवाज भी निकालने लगा- आह मौसी, बहुत अच्छा लग रहा है.
यह सब कहते कहते आज मेरा लंड पूरी उत्तेजना में आ गया और मौसी के हाथ में ही लंड का पानी निकल गया.
मैंने कहा- मौसी, आपके हाथ का अहसास पाकर मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ!
मौसी कुछ नहीं बोलीं लेकिन उनको अच्छा नहीं लग रहा था.
वे समझ गई थीं कि मैं उनके लिए कुछ ग़लत फीलिंग ले रहा हूँ.
तो वे मुझे ऐसे ही छोड़ कर चली गईं और बाथरूम में हाथ साफ करने लगीं.
वे वापस आकर कहने लगीं- देख सचिन, मैं तेरी मौसी हूँ और तुझे बेटा समझ कर ही ये सब तेरी हेल्प कर रही थी. तू इतना ग़लत क्यों समझ रहा है?
यह कहती हुई मौसी थोड़ी गुस्सा हो गईं.
मैंने मौसी से माफी मांगते हुए कहा- मौसी सॉरी, मेरे मन में आपके लिए कोई गलत फीलिंग नहीं थी लेकिन मैं रोजाना पॉर्न देखता था और हैंडजॉब नहीं करता था … शायद इसी की वजह से मेरे लंड की नस दुखना चालू हो गई. फिर जब आपने टच किया तो मैं खुद पर कंट्रोल ही नहीं कर पाया. सॉरी … आप बहुत अच्छी लगने लगी हो मुझे.
उन्होंने मुझसे कहा- ये ग़लत है. तेरी मम्मी के बराबर की हूँ मैं … और तू ये सोच रहा है … और तू ये गंदी वीडियो मत देखा कर, अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे. इस बार तेरे बोर्ड के एग्जाम हैं.
मैंने हां बोला और मौसी चली गईं.
लेकिन मेरे दिमाग में मौसी की चुदाई चल रही थी.
मैं कैसे भी मौसी को चोदना चाहता था.
अब मौसी नहाने चली गई थीं.
क्योंकि उन्हें डॉक्टर के पास जाना था और घर में कोई नहीं था इसलिए मुझे ही उनको लेकर जाना था.
भैया तो अपनी शॉप में बिज़ी रहने लगे थे.
मौसी नहाने चली गईं और वे दरवाजे को लगा कर नहाने लगीं.
घर के बाथरूम की कुण्डी थोड़ी ढीली थी, तो दरवाजा पूरी तरह से बंद नहीं होता था.
नानी बगीचे में काम कर रही थीं.
मैं किचन में पानी पीने आया तो किचन की विंडो से देखा कि मौसी के बाथरूम का दरवाजा थोड़ा खुला है.
बाथरूम की लाइट ऑन थी, इसलिए मुझे सब कुछ साफ दिख रहा था.
मौसी ने अपनी साड़ी उतार कर टांग दी थी. वे अब अपना ब्लाउज खोल रही थीं. कुछ ही पलों में ब्लाउज को भी उतार दिया और वे अपनी ब्रा को ढीला करके उसे उतार कर खूंटी पर लटका कर अपने दूध सहलाने लगीं.
मौसी सिर्फ पेटीकोट में थीं और बाल्टी से पानी डाल कर खुद को गीली करना चालू कर दिया.
फिर मौसी ने अपना पेटीकोट ढीला करके उसके अन्दर हाथ डालकर साबुन लगाना चालू किया.
वे शायद अपनी चड्डी में हाथ डाल कर छेद में साबुन लगा रही थीं. फिर उन्होंने अपने मम्मों को भी साबुन लगाया.
उसके बाद मौसी बैठ कर पानी डाल कर नहाने लगीं.
ये सीन देख के मैं अपने पैंट में हाथ डाल कर लंड हिलाने लगा.
मौसी का नहाना हो गया था. उन्होंने अपना पेटीकोट नीचे गिरा दिया और वे अब केवल एक गीली पैंटी में खड़ी थीं.
वे खूंटी से तौलिया लेकर शरीर पौंछने लगीं और फिर चड्डी उतार कर पूरी नंगी हो गईं.
न्यूड आंटी को देख मैं वासना की अग्नि में जल उठा.
उसके बाद मौसी ने पेटीकोट पहना और ब्लाउज पहन कर बाहर आ गईं.
बाहर साड़ी पहन कर मौसी तैयार होने लगीं.
उसी वक्त उन्होंने मुझे आवाज दी- सचिन, तू नहाने चला जा.
मैंने कहा- हां मौसी.
मैं बाथरूम में घुस गया और देखा मौसी कि ब्रा टंगी हुई थी और उनकी उतारी हुई गीली चड्डी नीचे पड़ी हुई थी.
मैंने चड्डी उठाई और हाथ में लेकर सूंघने लगा.
उनकी ब्रा को अपने लंड पर रख कर हिलाने लगा.
तभी मौसी की आवाज आई- कितना टाइम लगेगा, जल्दी कर … डॉक्टर के पास जाना है.
मैं नहा कर तैयार हो गया और मौसी के साथ डॉक्टर के पास जाने के निकलने लगा.
दोस्तो, मौसी की चुदाई की कहानी को अगले भाग में पूरा लिखूँगा. आपको न्यूड आंटी पोर्न कहानी कैसी लग रही है, प्लीज कमेंट्स करके बताएं.
[email protected]
न्यूड आंटी पोर्न कहानी का अगला भाग: