सेक्सी मौसी की चूत चुदाई का मजा मैंने तब लिया जब मौसी हमारे घर आई थी. उनका जिस्म देखकर मैंने ठान ली थी कि मैं इन्हें चोदूंगा. पढ़ें कि मैंने कैसे मौसी की चूत में लंड घुसाया.
दोस्तो नमस्कार!
मैं रोहित आपको अपनी कल्पना मौसी की जवानी को भोगने और चोदने की सेक्स कहानी से रूबरू करा रहा था.
कहानी के पहले भाग
मौसी की जवानी ने लंड हिला दिया
में अब तक आपने पढ़ा था कि कल्पना मौसी मुझसे सैट हो गई थीं और मैं उनके ऊपर चढ़ कर उनके दूध चूस रहा था.
अब आगे सेक्सी मौसी की चूत चुदाई:
“ओह रोहित, चूस और चूस आहा! बहुत मज़ा आ रहा है आहा उन्ह.”
“हां मौसी … आज तो मैं आपके बोबों को पूरा पी जाऊंगा.”
तभी मैंने मौसी के बोबों को ज़ोर से झंझोड़ा और बुरी तरह से उन्हें मुँह में दबा डाला- उफ … बहुत रसीले हैं मौसी … आह!
“सिस्स … ये तो बाद में भी चूस लेना रोहित पहले तेरा हथियार अन्दर डाल दे यार … बहुत खुजली हो रही है. अब मुझसे और कंट्रोल नहीं हो रहा है.”
“हां मौसी, बस थोड़ी देर और रुक जाओ.”
मैंने मौसी के बोबों को थोड़ी देर और निचोड़ा और निशान दूसरी जगह लगाने के काम में लग गया.
मेरे लंड को मौसी की सबसे अनमोल चीज़ से मिलाने की बारी आ चुकी थी.
मैं फटाफट से मौसी की टांगों में आ गया और उनकी टांगों को ऊपर उठाकर उनकी चड्डी उतार कर फैंक दी.
मौसी की चड्डी खुलते ही चूत से महक मेरे नथुनों में नशा घोलने लगी.
मैंने भी अपना पजामा खोलकर मेरे मोटे तगड़े हथियार को बाहर निकाल लिया.
मैं मौसी की टांगों को ऊपर उठाकर उनकी गर्मागर्म चूत में लंड सैट करने लगा.
मुझे मौसी की चूत के आस-पास घनी झांटों का जंगल महसूस होने लगा.
“मौसी आप अपने खेत की फसल तो काट लिया करो.”
“हां यार, अबकी बार मैं काटना ही भूल गई. बहुत टाइम हो गया.”
मैंने मौसी की चूत के छेद में लंड सैट कर दिया और मौसी की टांगों को मेरे कंधों पर रखकर एक ज़ोर का झटका लगा दिया.
एक ही झटके में मेरा लंड मौसी की चूत के कसे हुए छेद को चीरता फाड़ता हुआ पूरा अन्दर घुस गया.
मेरे लंड के एक ही वार से मौसी सहम उठीं- अआईई मम्मी मर्रर्र गईईई … आईई आई ओह रोहित आई मेरी फट गई!
मेरा मोटा लंबा हथियार मौसी को बहुत भारी लगा.
मैं मौसी की टांगों को पकड़ कर चूत में लंड ठोकने लगा.
आहा … मौसी की चूत में घुसकर मेरे लंड को बहुत ज्यादा आराम मिल रहा था.
मुझे मौसी को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.
मौसी की दर्द भरी सिसकारियां कमरे में गूँजने लगी थीं- आई आह आई ओह धीरे धीरे आई … मर गई रे!
मैं बोला- एक बार चूत में लंड ठोकने के बाद कौन धीरे धीरे चोदता है यार?
खैर … मौसी को सब कुछ याद होते हुए भी वो धीरे धीरे चोदने के लिए कह रही थीं.
मैं तो मौसी को झमाझम बजा रहा था.
मेरे लंड के हर एक झटके के साथ ही मौसी के बोबे ज़ोर ज़ोर से हिल रहे थे.
“आईई आह्ह आह्ह आह्ह सिअस्स उँह आह्ह आह्ह सिसस्स ओह रोहित बहुत दर्द हो रहा है!”
“थोड़ा दर्द तो होता ही है मेरी कप्पो.”
कुछ देर बाद मौसी अकड़ने लगीं और कुछ ही पलों में मौसी की चूत में भूचाल आ गया.
उनकी चूत से गर्मागर्म लावा बाहर फूट पड़ा.
कूलर की ठण्डी हवा में मौसी पसीने से तरबतर हो चुकी थीं.
मेरा लंड मौसी के गर्मागर्म लावा में सन गया और लंड और भी अधिक गुस्सा करने लगा, अब मौसी की चूत के फटे हुए ज्वालामुखी में घमासान मचाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने मौसी को बांहों में कस लिया और उनके पसीने से गीले जिस्म से चिपक कर उनकी गीली चूत में लंड ठोकने लगा- ओह मौसी बहुत मस्त हो आप … आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है.
“आईई आई सिसस्स आह उन्ह … बस ऐसे ही चोद दे मुझे … आह्ह बहुत आराम मिल रहा है.”
मैं गांड हिला हिलाकर मौसी की चूत का भोसड़ा बनाने में लगा हुआ था.
मेरा मोटा लंबा हथियार मौसी की चूत की बखिया उधेड़ रहा था.
मौसी लगातार भावनाओं में बहती जा रही थीं.
वे अब फिर से गर्मा गई थीं और गांड उठाया कर मेरा लंड अपनी चूत में ठुकवा रही थीं- ओह मेरे राजा … ऊँह ओह सिससस्स आह्ह ज़ोर ज़ोर से पेल अपनी कप्पो रानी को … आह्ह उँह आज रुकना मत ईस्सस्स!
मैं अपनी पूरी झींक लगा कर कप्पो मौसी की चूत का कबाड़ा बनाने लगा हुआ था.
“ओह रोहित मर गईईई मैं तो.” तभी मौसी ने जोर से मेरी पीठ पर नाख़ून गाड़ दिए और कुछ ही पलों में मौसी फिर से पानी पानी हो गई थीं.
उनकी चूत फिर से सफ़ेद गाढ़े माल से भर चुकी थी.
मैं मौसी की चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था.
आज मेरा लंड रोके से भी नहीं रुक रहा था.
मैं कप्पो मौसी को ताबड़तोड़ बजाए जा रहा था.
मेरा लंड मौसी की हालत खराब कर चुका था.
मैं लंड की प्यास में उनको जमकर चोद रहा था.
“ओह मेरी जान … साले रुक जा … तूने कोई दवा खाई है क्या आह तुझे क्या मज़ा मिल रहा है … जरा सांस तो लेने दे. आह साले मेरी चूत को ढोलक सी बजाए जा रहा है.”
“आज मत रोको मेरी मौसी जान … आज तो आपकी चूत की खैर नहीं.”
लंड की लगातार पड़ती चोटों से मौसी की चूत फिर से लंड का सामना करने लगी.
यह कुदरत का कमाल है कि औरत एक बार के स्खलन से खत्म नहीं होती, वो वापस लंड से सामना करने लगती है.
“हां मेरे राजा, खूब बजा अपनी रानी को.” मौसी की चूत की आग उन्हें और ज्यादा उकसा रही थी.
ज़ोरदार ठुकाई के साथ उनकी चूत की आग और ज्यादा बढ़ती जा रही थी.
फिर बहुत देर की ताबड़तोड़ ठुकाई के बाद मेरा लंड हिचकोले खाने लगा.
मैं समझ गया था कि अब मेरा माल निकलने वाला है.
तभी मैंने मौसी की चूत में लंड ठहरा दिया और उनको ज़ोर से भींच लिया.
अगले कुछ ही पलों में मेरे लंड के उबाल से मौसी की चूत लबालब भर गई.
“ओह रोहित.” मौसी ने मुझे सीने से चिपका लिया.
सेक्सी मौसी की चूत चुदाई के बाद थोड़ी देर तक हम दोनों ऐसे ही चिपके हुए पड़े रहे.
पहले राउंड की ठुकाई के बाद मौसी बहुत ज्यादा थक चुकी थीं.
उन्होंने अपने कपड़े ठीक कर लिए और वापस अपने कमरे में जाने लगीं.
मैंने उन्हें हाथ पकड़ कर रोका और अपने पास खींच लिया.
मौसी मना करने लगीं और वो एक बच्चों को देखने जाने के लिए कहने लगीं.
मैंने उन्हें कसम दे दी और वो एक बार अपने बच्चों को देख कर वापस आ गईं.
उनके वापस आने का मतलब था कि वो मेरे लंड की मजबूती से खुश थीं और दुबारा चुदाई का सुख लेना चाहती थीं.
इधर मेरे लंड में बहुत ज्यादा आग बाकी थी.
उनके वापस आते ही मैं फिर से मौसी के गुलाबी होंठों पर बची हुई लिपस्टिक को चूसने लगा.
ऑउच्च पुच्च पुच्च ऑउच्च की आवाजें फिर से कमरे में गूँजने लगीं.
माहौल फिर से गर्म होने लगा था.
मैं रगड़ कर मौसी के होंठों को चूस रहा था.
अब मैं नीचे को सरका और मौसी के चिकने गले पर टूट पड़ा. मैं मौसी के गले पर ताबड़तोड़ किस करने लगा.
किस करने से मौसी की चूत फिर से भड़कने लगी.
मौसी भी मुझे अपनी बांहों में फंसाने लगीं.
इधर मेरा लंड फिर से लोहे की रॉड बनने लगा था.
मैं मौसी के बोबों की ओर लपका और मैंने दोनों बोबों को अपनी मुट्ठियों में भींचकर ज़ोर से मसल डाला.
“आई ओह मेरे राजा थोड़े आराम से. ये कहीं भागकर नहीं जा रहे हैं. यहीं तो हैं.”
“हां मेरी कप्पो रानी लेकिन मैं क्या करूं … मुझसे सब्र ही नहीं हो रहा है.”
मौसी बार बार मुझे बोबों को धीरे धीरे दबाने के लिए बोल रही थीं लेकिन मैं अपनी पूरी ताकत से मौसी के बोबों को निचोड़ रहा था.
“तू तो आज मेरे बोबों को तोड़कर ही मानेगा!”
“हां कप्पो डार्लिंग!”
मैंने मौसी के बोबों को मसल मसल कर बुरी तरह से निचोड़ डाला.
उनके मम्मों को पिलपिला करने के बाद मैंने मौसी के ब्लाउज और ब्रा को खोलकर उनके जिस्म से निकाल फेंका.
मेरी मौसी ऊपर से पूरी नंगी हो चुकी थीं.
मैं मौसी के रसीले आमों पर टूट पड़ा और उनके एक आम को अपने मुँह में दबाकर बोबे का स्वाद लेने लगा.
मौसी मेरे बालों को सहलाती हुई अपने दोनों बोबों का रस बारी बारी से मुझे पिला रही थीं.
मैं भी रगड़ रगड़ कर उनके बोबों को चूस रहा था.
“ओह रोहित, चूस ले आज जितनी तेरी मर्ज़ी हो आह्ह.”
मैंने बहुत देर तक मौसी के बोबों को झंझोड़ा.
उसके बाद मैंने उनके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया.
मौसी मेरा इरादा समझ चुकी थीं कि मैं उन्हें पूरी नंगी करना चाहता हूँ.
तभी मौसी ने गांड ऊपर उठा दी- हूँ … ले!
मैंने फटाक से मौसी की साड़ी और पेटीकोट और एक साथ खोल फेंका.
मैं मौसी को पूरी नंगी कर चुका था.
मैं उनकी मोटी मोटी चिकनी जांघों को किस करने लगा.
आहा … बहुत ही मलाईदार जांघें थीं मौसी की!
मैं तो पागल सा होने लगा.
मैंने थोड़ी देर तक मौसी की चिकनी जांघों पर किस किए और उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया.
फिर उनकी टांगों को फैलाकर मैं चूत पर टूट पड़ा.
उनकी मादक चूत की कामुक गंध मुझे बौराए जा रही थी.
मैं मदांध होकर मौसी की चूत चाटने लगा.
मौसी की चूत की भीनी भीनी खुशबू मुझे पागल करने लगी.
उनकी गर्मागर्म चूत चाटने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.
मौसी भी धीरे धीरे अपनी गांड हिलाती हुई कामुक सिसकारियां ले रही थीं- ईसस्स ओह आह्ह ईस्स … उन्ह ओह मेरे राजा आह्ह मज़ा आ रहा है … और दबाकर चाट मेरी चूत … ईस्स!
मैं बुरी तरह से मौसी की चूत पर मुँह रगड़ रहा था.
गुलाबी चूत को चाटने मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.
मौसी कामातुर होकर बेड की चादर को मुट्ठियों में भींच रही थीं.
जल्दी ही मेरी जीभ चूत के ग़ुलाबी दाने को कुरेदने लगी.
“उन्हहः हः रोहित … वहां मत चाट … मेरा पानी निकल जाएगा … आह्ह.”
मौसी मुझे अपनी चूत से दूर हटाने की कोशिश करने लगीं लेकिन मैं उनकी चूत पर जम चुका था.
मैं सबड़ सबड़ कर चूत चाट रहा था.
मौसी अपनी टांगों को इधर उधर फेंक रही थीं.
तभी उन्होंने मेरे सर को पकड़ लिया और ज़ोर से उनकी चूत पर दबा दिया.
कुछ ही पलों में मौसी का पानी निकल गया.
मैं मौसी की चूत से निकलने वाले नमकीन और गर्मागर्म पानी को चाटने लगा.
मैंने थोड़ी ही देर में चूत को चाटकर साफ कर दिया.
मेरा लंड अब फिर से मौसी की चूत में घुसने के लिए कुलाँचें भर रहा था.
मैंने जल्दी से उनकी टांगों को अपने दोनों कंधों पर रखा और तुरन्त ही लंड को चूत के छेद में घिसने लगा.
“आह … साले बहुत शैतान है तू, मेरी छोटी सी बात भी नहीं मानी. पानी निकालकर ही माना मेरा.”
“चूत का पानी निकालने के लिए शैतान तो बनना ही पड़ता मौसी.”
तभी मैंने ज़ोर का झटका मारा और मेरा लंड मौसी की चूत में दनदनाता हुआ घुस गया.
लंड पेल कर मैं फिर से ज़ोर ज़ोर से झटके मारकर मौसी को बजाने लगा.
मेरे लंड के वार से मौसी फिर से हवा में उड़ने लगीं- आई ईस्स … आह्ह आह्ह उँह एकदम से पेल दिया … आह साले जरा तो रहम कर अपनी मौसी की चूत पर … आज ही इसका भोसड़ा बना देगा क्या?
मैंने कहा- जब दो दो औलादें चूत से निकाल दीं, तब चूत ढीली नहीं हुई तो मेरा लंड कैसे चूत का भोसड़ा बनाएगा?
मौसी हंस कर बोलीं- तू दिमाग से पैदल है मेरी जान … और लंड से मजबूत है. मेरी चूत से मेरी औलादों ने मुँह बाहर नहीं निकाला है … मेरे दोनों बच्चे ऑपरेशन से पैदा हुए हैं.
अब मुझे मौसी की कसी हुई चूत का राज मालूम पड़ा था.
मेरे लंड के हर एक झटके से मौसी की चूत बुरी तरह से घायल हो रही थी. मेरा लंड मौसी की चूत की जड़ तक वार कर रहा था.
“ओह मेरे राजा! बहुत आह्ह मज़ा आ रहा है … ओह आह्ह आज बहुत टाइम बाद मुझे आज चुदवाने में इतना मज़ा आ रहा है … आह्ह आह्ह और ज़ोर ज़ोर से चोद मुझे.”
“हां मेरी रानी … आज तो तुझे पूरी रात भर बजाऊंगा.”
मौसी घपाघप मेरा लंड चूत में ले रही थीं.
मैं भी ताबड़तोड़ मौसी की चूत में लंड पेल रहा था. दोनों तरफ बराबर आग लगी हुई थी.
ताबड़तोड़ ठुकाई से मौसी की चूत की आग और ज्यादा भड़क चुकी थी.
तभी मौसी का पानी निकल गया.
दोस्तो, आपको मौसी की चुदाई की कहानी में मजा आया होगा. अपने कमेंट्स से मुझे बताएं.
अभी सेक्सी मौसी की चूत चुदाई चालू है.
उसके बाद उनकी गांड चुदाई की कहानी भी बाकी है. वो मैं अगले अंक में लिखूँगा.
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सेक्सी मौसी की चूत चुदाई कहानी का अगला भाग: युवा मौसी को सैट करके खूब चोदा– 3