लॉकडाउन में बहन को चोदा

Xxx सिस्टर की चुदाई का मजा मैंने लिया अपनी छोटी बहन से जबकि मुझे बड़ी बहन ज्यादा पसंद थी. क्योंकि उसके स्तन बड़े हैं, बहुत ही सेक्सी है वह! लेकिन पहले छोटी चुद गई.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम आकाश है और मैं राजस्थान में स्थित बीकानेर से हूँ.

मेरी दो बहनें हैं. बड़ी बहन का नाम प्रिया और छोटी बहन का नाम काव्या है.

उस समय मेरी उम्र 19 थी, काव्या की 21 और प्रिया की 23 थी.

मैं शुरू से अपनी बहन प्रिया को चोदना चाहता था लेकिन डर लगता था.
मैं रोज उसके कपड़ों पर मुठ मारता था.

मुझे प्रिया दीदी बहुत अच्छी लगती थी क्योंकि उसके बड़े बड़े बूब्स … आह … बहुत ही सेक्सी है वह!

मैं उस पर नजर रखने लगा था.
जब वह घर से बाहर जाती थी तो मैं भी उसका पीछा करने के लिए चला जाता था.

जल्दी ही मैं जान चुका था कि प्रिया के 3-4 ब्वॉयफ्रेंड्स भी थे और वह अपने ब्वॉयफ्रेंड्स से सेक्स भी करती थी.

शायद Xxx सिस्टर की चुदाई रोज ही होती होगी, जिसके कारण उसके बूब्स बहुत बड़े हो गए थे और उसकी गांड भी बहुत सेक्सी हो गई थी.

उसकी नजरों ने यह भांप लिया था कि मैं उसके सेक्स संबंधों को जान चुका हूँ, तो वह मुझसे बड़ी मुस्कुरा कर बात करती थी.

जबकि मेरी नजरों में उसके सेक्स संबंधों से कुछ लेना देना नहीं था, मुझे तो बस उसे ही पेलने का मन था.

प्रिया ने जब यह देखा कि मुझे उसके दोस्तों से कोई आपत्ति नहीं है, तो Xxx सिस्टर ने मेरे सामने ही अपने ब्वॉयफ्रेंड्स से फोन पर बात करनी शुरू कर दी थी.
मैं तब भी उसकी बातचीत को नजरअंदाज कर देता था कि शायद यह पिघल जाए और मुझे अपनी जवानी का रस चखा दे.

पर मैं यह नहीं समझ पाया था कि हम दोनों के बीच सगे बहन भाई का रिश्ता था, जिस वजह से प्रिया ने सपने में भी यह नहीं सोचा होगा कि मैं उसे चोदना चाहता हूँ.

उधर दूसरी बहन काव्या का ना तो फिगर ही कोई खास अच्छा था और ना ही उसके दूध ज्यादा बड़े थे.
हालांकि ऐसा भी नहीं था कि वह सेक्सी नहीं थी.
मेरे कहने का आशय यह है कि वह प्रिया के मुकाबले कम सेक्सी थी और मुझे यदि उन दोनों में से किसी को चोदने का विकल्प चुनने को कहा जाता, तो मैं प्रिया को पहले अपने लौड़े के नीचे लेना पसंद करता.

दूसरी बात यह भी थी कि काव्या जयपुर में रहती थी. क्योंकि उसकी जॉब जयपुर में लगी हुई थी. इसलिए वह मेरी नजरों के सामने कम रहती थी.

फिर कुछ समय बाद करोना के कारण लॉकडाउन लग गया था तो काव्या भी घर वापस आई हुई थी.
इस बार जब काव्या घर वापस आई थी तो वह काफी अलग लग रही थी.

शायद जलेबी शीरा पी गई थी.
उसकी चूचियों का आकार भी बढ़ गया था.

उसे देख कर जो विचार मेरे मन में प्रिया को चोदने को लेकर आते थे, वही विचार अब काव्या को देख कर आने लगे थे.

काव्या और प्रिया की आपस में बातें हुईं तो उन दोनों में भी खूब हंसी मजाक हुआ.

वह सब देख कर मैं समझ गया कि ये दोनों ही चुदक्कड़ हो गई हैं और अपनी चुदाई की बातें आपस में साझा कर रही हैं.

हमारे घर की छत पर दो कमरे बने थे, एक में मैं रहता था और दूसरा कमरा काव्या का था.
जबकि प्रिया नीचे वाले कमरे में अपना डेरा जमाई हुई थी.

काव्या को अकेले रूम में डर लगता था, तो वह मेरे कमरे में ही रहने लगी थी.
मैंने उसे मना भी नहीं किया क्योंकि मुझे उसके साथ भी सेक्स करना था और इससे अच्छा मौका मुझे और कहां मिलता.

हम दोनों एक ही बेड पर सोते थे, रात को जब वह सो जाती तो मैं उसकी गांड देखकर मुठ मारता और सो जाता.

फिर कुछ दिनों बाद एक रात को हम दोनों सो गए थे, उसकी गांड मेरी तरफ थी.
मुझे पता भी नहीं चला कि मैं कब उसके करीब सरक गया.

रात में किसी सेक्सी सपने के देखने से मेरा लंड खड़ा था और वह उसकी गांड के नीचे दोनों टांगों के बीच में चला गया था.
कुछ सपना भी उसी तरह का था कि मैं किसी के साथ चुदाई कर रहा हूँ, तो उसी समय मेरा हाथ उसके बूब्स पर चला गया.

अचानक से मेरी नींद खुल गई.
तब मैंने देखा कि मेरा लंड काव्या की गांड में लगा है और हाथ उसके मम्मों पर है.

वह स्थिति कुछ इस तरह की थी कि आम तौर पर कोई भी लड़की ऐसी स्थिति में जाग कर लड़के को डांट सकती थी.
लेकिन उसने कोई प्रतिरोध नहीं किया.

मुझे लगा कि काव्या गहरी नींद में सो रही है. मैं धीरे धीरे अपने लंड को उसकी टांगों में ही आगे पीछे करने लगा.

उस समय काव्या ने लैगी और टी-शर्ट पहनी हुई थी.
मेरा लंड उसकी दोनों टांगों के बीच में था, मैं धक्के देता हुआ लंड रगड़ रहा था.

फिर अचानक से वह हंस पड़ी और मुझे पता चल गया कि वह जाग रही है.

मैं उसी पोजीशन में सो गया.
मैं 5-10 मिनट ऐसे ही पड़ा रहा, फिर मैंने देखा कि उसकी आंखें खुली हैं लेकिन उसने मुझे कुछ भी नहीं कहा.

यह देख कर मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं फिर से अपने लंड को हरकत देने लगा.
मेरा लंड अभी भी उसकी टांगों के बीच में ही था.

मैं फिर से उसे आगे पीछे करने लगा लेकिन उसने अब भी कोई विरोध नहीं किया था.
तो मैं समझ गया कि वह भी चुदाई करवाना चाहती है.

बाद में मैंने उसके बूब्स भी दबाना शुरू कर दिया.
वह फिर से हंसी और 10-15 मिनट तक ऐसे ही चला.

अब तक सुबह के 5 बज गए थे.
मम्मी भी उठ गई थीं; उनकी आवाज आने लगी थी.

तो मैं सो गया और काव्या भी सो गयी.

सुबह मैं देर से जागा.
काव्या को अब समझ आ गया था कि आज फिर से वह सब होगा.

उस समय उसने पैंट और काले रंग की टी-शर्ट पहनी थी.
उसने सोने का नाटक किया.

मैंने 15-20 मिनट बाद वही पोजीशन ले ली.
उसने भी कुछ नहीं कहा.

मैंने हिम्मत करके उसकी टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाला और बूब्स दबाने में लग गया.
जब इतना हो जाने पर भी उसने कुछ नहीं कहा तो मैंने उसकी पैंट में हाथ डालकर उसकी चूत में उंगली डाल दी.

उसने धीरे से कहा- उंगली निकाल दे.
मैं समझ गया कि वह जाग रही है.

मैंने हाथ पैंट से बाहर निकाला लेकिन उसके बूब्स को दबाता रहा.
उसने कुछ नहीं कहा.

मैंने अपना हाथ टी-शर्ट से निकाला और अपना पजामा खोल दिया.
अब मैं सिर्फ चड्डी में था.

मैंने चड्डी से लंड को बाहर निकालकर काव्या का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.
उसी के साथ मैंने अपना हाथ उसकी टी-शर्ट में उसके डालकर बूब्स दबाने लगा.

पहले तो उसने मेरे लंड को छोड़ दिया, पर मैंने दुबारा से उसके हाथ को अपने लौड़े पर रखा … तो इस बार उसने लंड को सहलाना चालू कर दिया था.

कुछ देर बाद मैंने देखा कि काव्या मेरे लंड को अपने हाथ से जोर जोर से हिला रही थी.
मैंने उसके बूब्स दबाने बंद कर दिए लेकिन वह अभी भी मेरा लंड आगे पीछे कर रही थी.

मैंने उससे उसकी पैंट निकालने के लिए कहा तो उसने पैंट का बटन और चैन खोल दी.
मैंने अपने हाथ से उसकी पैंट नीचे खिसका कर निकाल दी.

अब वह भी चड्डी और टी-शर्ट में थी.
उसने अपनी चड्डी को नीचे करके मेरा लंड पकड़कर अपनी गांड पर सैट कर दिया.
मैंने भी तत्काल एक धक्का दे दिया, जिससे मेरा आधा लंड अन्दर घुस गया.

उसकी हल्की सी आह की आवाज आई और लंड गांड में घुस गया.
मैं यह देख कर चकित था कि इसने तो शायद प्रिया को भी चुदाई में पीछे छोड़ दिया है.

यह सोचते हुए ही मैंने फिर से एक और धक्का लगा दिया.

मेरा पूरा लंड उसकी गांड में चला गया.
वह फिर से आह करके लंड झेल गई.

अब मैंने धीरे धीरे धक्के देना शुरू किया … लेकिन उस पर कुछ असर नहीं पड़ रहा था.
मैं समझ गया कि इसने पहले भी कई बार अपनी गांड मरवाई है.

अब मैंने उसे अपने नीचे ले लिया और पूरी रफ्तार से उसकी गांड मारनी शुरू कर दी.

मेरे दोनों हाथों में उसके दोनों दूध जकड़े हुए थे.
और तेज रफ्तार से लंड के झटके लगने से उसकी चीख निकलने लगी थी ‘आआह अआह धीरे चोद मादरचोद …’
लेकिन मैं नहीं माना और उसे उसी स्पीड में चोदता रहा.

कुछ मिनट बाद मेरा माल निकल गया और मैंने लंड का रस उसकी गांड में ही छोड़ दिया.
अब मैंने लंड बाहर निकाला और काव्या को उठाया.

वह उठी, तो मैंने उससे कहा- मुँह में ले लो.
उसने मना कर दिया.

मैंने उसका हाथ पकड़कर अपना लंड उसके हाथ में दे दिया तो उसने मुट्ठी मारनी शुरू कर दी.
फिर अचानक से उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया और अब वह मेरा लंड चाटती रही.

मेरा लंड उसके गले तक जा रहा था.
मेरा माल फिर से निकलने वाला था, तो मैंने उसे बिना बताए लंड रस उसके मुँह में ही छोड़ दिया.

वह भी मेरा सारा माल पी गयी.

मैंने उससे फिर से मुट्ठी मारने को कहा तो उसने मुट्ठी मारनी शुरू कर दी.
दस मिनट बाद मेरा फिर से खड़ा हो गया तो मैंने उसे इशारा किया.

वह घोड़ी बन गयी लेकिन इस बार मैंने उसकी चूत मारने को कहा.
वह मान गई.

फिर जैसे ही मैंने उसकी चूत में लंड डाला, तो मैं समझ गया था कि यह तो साली रांड बन चुकी है. उसकी चूत में भी काफी लंड ने कसरत की हुई थी.

मैं उसे पूरी ताकत से चोदने लगा.
वह फिर से चीख पड़ी लेकिन मैं रुका नहीं, उसे उसी रफ्तार में चोदता रहा.

कोई 20 मिनट बाद मैं फिर से झड़ गया और मैंने उसकी चूत में ही माल छोड़ दिया.

चुदाई के बाद मैंने उससे कहा- कितनी ढीली चूत करवा ली यार!
वह हंस कर बोली- साले एक तो चूत चोदने दी और भोसड़ी का चूत का सम्मान नहीं कर रहा है!

मैंने उसे अपनी बांहों में भर कर प्यार किया और कहा- जिससे प्यार होता है उसी के अच्छे के लिए तो कहा जाता है. कल को अपने पति से क्या कहेगी?
वह हंस दी और बोली- उसके लिए तू चिंता मत कर!

अगले दिन वह रूम में अकेली थी तो मैं अन्दर आ गया.
हम दोनों ने कुछ बातें की.

काव्या ने कहा- रात को क्या चुतियापंथी वाली बातें कर रहा था?
मैं बोला- क्यों तुम्हें अच्छा नहीं लगा क्या?

फिर Xxx सिस्टर से चुदाई की बातें होने लगीं.

तो मैंने उससे पूछा- मेरा कैसा लगा?
वह बोली- अच्छा तो बहुत लगा. लेकिन यार हम दोनों भाई बहन हैं और ये सब सही नहीं है.
मैं बोला- इसमें कुछ गलत नहीं है और ये सब तो आजकल सामान्य है. हम दोनों का मन था तो हमने कर लिया, इसमें गलत क्या है?
वह बोली- हां तू सही बोल रहा है. प्रिया की भी ले चुका क्या?

मैंने कहा- नहीं यार, तू दिलवा न उसकी!
वह हंस कर बोली- अबे, वह तो वैसे ही तेरे नीचे आने को राजी है.

मैंने कहा- क्या बात कर रही है?
वह बोली- हां, आज ही लेकर देख.

मैंने उसी रात को प्रिया को भी कमरे में बुलाया और उसके साथ भी सेक्स करना शुरू कर दिया.

उसके बाद से हम तीनों रोज रात को सेक्स करने लगे थे.

प्रिया के साथ हुई सेक्स कहानी को मैं अगली बार बताऊंगा.

आपको यह Xxx सिस्टर की चुदाई कहानी कैसी लगी?
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