गुड मोर्निंग सेक्स कहानी में मैं अपनी बुआ की बेटी की जम कर चुदाई करके सोया. सुबह जब जागा तो मेरा लंड लोहे की तरह खड़ा था. मैंने अपनी बहन को जगाया और …
कहानी के पिछले भाग
फुफेरी बहन की जोरदार चुदाई
में आपने पढ़ा कि तीसरे राउंड में मोनी अंदर बेडरूम में मेरे लंड के ऊपर आकर खूब उछली. पूरी रात चुदाई मचाने के बाद हम सुबह साढ़े चार बजे पस्त होकर, नंगे ही चिपककर सो गए.
आगे गुड मोर्निंग सेक्स कहानी:
अगले दिन सुबह दस बजे मेरी नींद खुली, मेरा लंड लोहे के सरिये की तरह टनटनाया हुआ खड़ा था.
मोनी मुझसे चिपकी हुई नंगी सो रही थी.
मैं उसे अपने नीचे दाब कर चुम्माचाटी करने लगा, मोनी की चूचियां दबाने और उसके निप्पल चूसने लगा.
आधी नींद में बेहोश मोनी कुलबुला उठी और गर्म आहें भरने लगी.
पांच मिनट में फोरप्ले के बाद मोनी ने मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और गपागप चूसने लगी.
सुबह-सुबह इतनी ज़बरदस्त चुसाई से मैं भी पागल हो गया उठा.
और दोस्तो, आप जानते हैं आधी नींद में, सुबह सुबह उठने के साथ हवस का स्तर कितना बढ़ा हुआ होता है. उफ़्फ़ … अभी भी आपको वह सब बताते हुए मेरा लंड खड़ा हो रहा है.
गुड मोर्निंग सेक्स का अलग ही आनन्द होता है.
मैंने उसकी जांघें अपनी तरफ खींची और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
वह मुझ पर चढ़ी हुई मेरा लिंग-चूषण कर रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा था.
मोनी की चूत तरबतर हो रही थी.
हमने लगभग पंद्रह मिनट 69 का मज़ा लिया.
मैं चूत चाटकर चित लेटा हुआ था.
मोनी झट से पलट सीधी हुई और मेरे खड़े लंड पर कंडोम चढ़ाकर बैठ गई.
उसने मेरे लंड को अपने हाथ से अपनी फुद्दी के छेद में फ़िट किया और तभी नीचे से मैंने ठोकर मार दी.
मेरा पूरा लंड सरसराता हुआ उसकी चूत में अन्दर तक घुसता चला गया.
दीदी अपनी चूचियों को उछालते हुए मेरे लंड पर जोर जोर से घुड़सवारी करने लगी.
पूरा कमरा सिर्फ ‘फच फच..’ और ‘आह उम्म्ह … अहह … हय … याह … आह्ह..’ की आवाज़ों से गूंज रहा था.
वह अपनी गांड ऊपर तक उठा कर लंड ले रही थी और मैं भी नीचे से झटके दे दे कर उसकी चूत का बाजा बजा रहा था.
“आअह्ह जोर जोर से आआहह उह नीलू … चोद चोद बेबी आअह … अगर तू मेरा भाई न होता तो तुझसे शादी करके तुझे अपना पति बनाकर ज़िन्दगी भर के लिए तेरी रखैल बन जाती!”
मैंने कहा- हाँ दीदी आअह्ह्ह ले ना!
मोनी- आअह उफ्फ नीलू … तूने दीदी समझ के तो मुझे रात भर चोदा है ना … अब रांड कॉल गर्ल छिनाल समझ के चोद … आअहह नीलू!
मैंने कहा- हाँ मेरी रंडी मोनिका … आअहह आई लव यू उउम्म … आह्ह्ह … आअहह उफ्फ … उम्म … मुउह्ह्ह्हा!
मोनी- आआह्ह आई लव यू नीलू … यू आर सो हॉट बेबी! फ़क मी लाइक ए बिच!
मैंने एक जोरदार झटका मारा और अपना पूरा मूसल मोनी की चूत की जड़ तक गाड़ दिया.
मेरी इस हरकत से मोनी की चीख निकल गई.
फिर भी मैं रुका नहीं और मोनी को धकापेल चोदना चालू कर दिया.
इतनी दमदार चुदाई से मोनी को ज़बरदस्त मज़ा आने लगा और वह सातवें आसमान में उड़ने लगी.
लगभग पच्चीस मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मोनी लस्त पस्त हो गई और उसकी चूत बहने लगी.
मैंने भी लंड निकलकर अपना गाढ़ा माल मोनी के मुंह और बूब्स पर निकाल दिया जिसको वह अपनी उँगलियों से चाट गयी.
मोर्निंग सेक्स के बाद हमने थोड़ी देर बिस्तर में आराम किया.
शाम को हम जिम गए.
मोनी ने एक स्पोर्ट्स ब्रा, जिम शॉर्ट्स और जूते पहन रखे थे.
उस शाम जिम में हम दोनों ने जमकर वर्कआउट किया, हम पसीने से तरबतर हो गए थे.
हम पसीने से लथपथ चिपककर चुम्माचाटी करते हुए बाथरूम में घुसे और शावर के नीचे नंगे होने लगे.
मोनी ने मेरा पसीने से लथपथ लंड चूसा, मैं पागल ही हो गया.
मैंने मोनी की बायीं टांग उठाकर अपने कंधे पर रखी और खड़े-खड़े मोनी की चूत में लंड डाल दिया.
शावर के नीचे नहाते हुए मेरे लंड की रगड़ से मोनी की चूत घच्च मच्च मच्च घच्च स्लर्प स्लर्प स्लर्प स्लर्प जैसी आवाज़ें उत्पन्न कर रही थी.
हमने बीस मिनट नंगी शावर चुदाई का मज़ा लिया.
फिर मेरा वीर्य पीने के लिए मोनी घुटनों पर बैठी और लंड चूस चूस कर पूरा वीर्य पी लिया.
वीर्य की आखिरी बूँद चाटने के साथ साथ ही मोनी बोली- अहह नीलू! आई लव दिस पोस्ट वर्कआउट प्रोटीन शेक!
मेरे मुंह से निकला- आअ ह्ह मेरी रंडी दीदी! क्या चुसेड़ी छिनाल है तू! साली लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसती है!
“उफ़्फ़ तेरा काला लंड और गुलाबी सुपारा … यहीं फिसल गयी मैं हाय दइया!”
“मादरचोद साली रांड, पूरी लंडचट्टी है तू, लंड की प्यासी. तेरी चूत का भोंसड़ा बना दूंगा इस लॉकडाउन में!”
“आह्ह येस सश्सस बेबी, हूँ मैं लंडचट्टी! और एक बात कहूँ, तेरे नंगे लंड से चुदने का मज़ा ही कुछ और है. तू अबसे बिना कंडोम लगाए ही मुझे चोद, मैं गर्भनिरोधक गोलियां स्टार्ट कर दूँगी.”
“परफेक्ट … तो फिर तय रहा, नंगा लंड बनाम नंगी चूत, और नंगा भाई बनाम नंगी दीदी. गोलियां मैं कल ही उठा कर लाता हूँ मेडिकल स्टोर से.”
मोनी ने कहा- वाह रे … तू और तेरे जुगाड़ नीलू बहनचोद! मज़े करा दिए तूने तो!
मैंने एक अत्यंत अश्लील मुस्कान देकर कहा- तेरे जैसी टंच आइटम, वह भी इतनी चुदक्कड़, सबसे झूठ बोलकर, गांड हिलाते हुए लॉकडाउन में अपने छोटे भाई से चुदने चली आई. बड़ी बहन की इतनी सेवा तो ये छोटा भाई करेगा ही!
मोनी नग्न अवस्था में मुझसे चिपकी, मेरे गले में बांहे डाल दी और मेरा चुम्बन लेकर कहा- उह्ह् ला ला ला, ऐसी बात है क्या डार्लिंग? फिर तो घर पे यही बोलूंगी कि छोटा भाई बड़ी बहन की बहुत सेवा कर रहा है.
कहकर उसने मुझे आँख मारकर एक बेशर्म सी स्माइल दी.
“आहा … दीदी तो सजनी बनने के मूड में लग रही!”
“बिल्कुल … और तू मेरा भैया हर रात मेरा सैयां बनके अपनी चुदक्कड़ दीदी को पेलेगा. भरपूर प्यार होगा भाई-बहन के बीच!”
“आहह दीदी! भाई-बहन का प्यार! अब आएगा न मज़ा!”
“कसम से नीलू, सच कहूँ तो तेरे साथ यहाँ तेरे फ्लैट पर मैं रोज़ दस गुना ज़्यादा चुदासी हो रही हूँ.”
“हाँ मेरी चुदासी बहना, समझ रहा हूँ. और अभी तो लॉकडाउन पता नहीं कब तक चलेगा. तू भी यहीं है, मैं भी यहीं हूँ, जल्दी किस बात की!”
“हाय मेरे राजा! तेरे लंड का चस्का लग गया है मुझे, तेरी रखैल बन चुकी है तेरी दीदी!”
“ओह येस दीदी! और तू चिंता मत कर. आज तक तेरी सिर्फ चुदाई हुई होगी, लेकिन तेरा ये छोटा भाई तेरी कच्छी फाड़ चुदाई करेगा!”
“ओह फ़क बहनचोद! ये क्या है?”
” जब लौड़ा इतना सख्त हो कि कच्छी को फाड़ते हुए चूत में घुस जाये, उसे कच्छीफाड़ चुदाई कहते हैं दीदी!”
“आह्ह्ह ऐसा क्या नीलू, फिर तो तू मेरी कच्छीफाड़ चुदाई ही कर! मेरी हर कच्छी फाड़ने का लाइसेंस है तेरे पास!”
“तेरी गन्दी कच्छी की नशीली गंध का तो मैं उसी दिन दीवाना हो गया था दीदी. तेरी कच्छी सूँघूंगा, चाटूँगा, चूसूंगा, चबाऊँगा, वह भी बेशर्मी से तेरे सामने. देखा है मेरे जैसा हवस का शिकारी आज तक?”
“आह्ह्ह … मैं भी कम नहीं हूँ बहनचोद! लॉन्ड्री बास्केट से निकालकर तेरी जिम की पहनी चड्डी आज सुबह से तीन बार चूस चुकी हूँ. लेकिन साला मन ही नहीं भरता तेरे पसीने से, तेरी मर्दानी गंध से!”
मैंने यह सुनकर मोनी के होंठों पर चुम्बनों की भीषण बौछार कर दी और कहा- आई लव यू मेरी सेक्सी दीदी! साली तू बहुत बड़ी चुदक्कड़ है!
मोनी तुकबंदी करते हुए अश्लील ढंग से बोली- और तू बहुत हॉट है मेरे भैया राजा! खूब बजाएगा अपनी बहन की चूत का बाजा!
मैंने भी तुकबंदी में उत्तर दिया- तेरी लार टपकती है देखकर मेरा केला, फिर न कहना छोटे भाई ने पूरी रात बेदर्दी से पेला!
मोनी मेरे उत्तर से चिंहुक उठी, बोली-
जाँघ मेरी अधनंगी करके
नाचूँगी मैं रंडी बनके
लुटाके अपनी गर्म जवानी
चाटूँगी तेरा लांड!
मैंने प्रत्युत्तर में सुर मिलाते हुए कहा–
नाच ले तू मेरी छम्मक-छल्लो
चिकनी चिकनी जांघों वाली
जो भी होगा बहना रानी
होगा कच्छीफाड़!
मोनी उछली और मुझसे लिपट गयी.
हम डीप किसिंग करते हुए बैडरूम में गए, तौलिए से गीले बदन को पोंछा.
मैंने कहा- चल अब खाना लगा, भूख लग रही है. उसके बाद पूरी रात तुझे पेलूँगा!
“फ़क येस बेबी, आधा घंटा दे दे बस. गरमागर्म डिनर के बाद फिर से ‘नेटफ्लिक्स एंड चिल’!”
डिनर के बाद हमने पुनः सम्भोग किया.
मोनी मादरचोद, कच्छीफाड़ कुतिया, रसीली रांड, चुदक्कड़ छिनाल जैसे शब्द सुनकर सोफिस्टिकेटेड साउथ दिल्ली गर्ल के अंदर छिपी कनपुरिया रांड बाहर आने लगी थी और खूब गन्दी गन्दी गालियां बकने लगी थी.
मैंने मोनी को नंगी करके पूरी रात चोदा और उसकी चूत ने चार बार पानी छोड़ दिया.
सेक्स से भरपूर रात गुज़ारने के बाद थककर सुबह चार बजे हम नंगे चिपककर सो गए.
दोस्तो, 3 अप्रैल शुक्रवार को शुरू हुआ काण्ड बुधवार तक चला.
संडे की शाम से बुधवार सुबह तक हम दोनों फ्लैट में पूरे समय नंगे ही रहे.
बैडरूम, लिविंग रूम, बालकनी, सोफ़ा, डाइनिंग टेबल, बाथरूम से लेकर फ्लैट के लगभग हर कोने में मैंने मोनी को रगड़ कर चोदा.
भरपूर चुदाई और मेरी दक्ष कामकला के बहाव में मोनी मेरे प्यार में पागल हो चुकी थी.
सेक्स से सराबोर वह पूरा एक्सटेंडेड वीकेंड लगभग हमारे हनीमून की तरह बीता!
यह हमारी हवसलीला की शुरुआत थी.
उसके बाद कोई ऐसा दिन नहीं बीता जब हम भाई-बहन ने सेक्स का आनन्द नहीं लिया.
मोनी को सख्त हिदायत थी कि वह मुझे मेरे ऑफिस टाइम में डिस्टर्ब न करे.
उसके बाद भी कभी कभी वह इतनी कामातुर होती कि मेरे ऑफिस रूम में रेंगकर बहुत ही कामुक ढंग से सम्भोग-निवेदन करती.
बहुत बार ऐसा हुआ कि मेरी ज़ूम कॉल चल थी होती, वेबकैम ऑन होता और कैम में मेरा धड़ दिख रहा होता. किसी को भनक भी नहीं लगती कि मैं नीचे नंगा हूँ और डेस्क के नीचे बैठी मेरी बड़ी बहन मेरा लंड चूस रही है.
कई बार मैंने ज़ूम कॉल (बिना वेबकैम ऑन) के मीटिंग के बीच कॉल म्यूट करके कुर्सी पर बैठे बैठे मोनी को अपने लंड पर बिठा कर चोदा.
यही नहीं, मोनी के ऑनलाइन पी.एच.डी लेक्चर्स और रिसर्च मीटिंग्स चलते हुए भी उसको बहुत बार चोदा.
कुछ ही दिनों में मैंने मोनी को एक बंडल दिखाया.
मैंने वह बंडल खोला.
उसमें बिकिनी मॉडल्स, पोर्नस्टार्स और नंगी औरतों के पोस्टर्स भरे पड़े थे.
मैंने कहा- ये तेरे आने से पहले मैं लगाने वाला था दीदी, पर लिहाज़ करके रुक गया … खैर अब कैसी शर्म!
“बिंदास होकर लगा नीलू … माहौल में सेक्सी वाइब होनी चाहिए. इन पोस्टरों से माहौल में हवस घुलेगी!”
मैंने और मोनी ने मिलकर दोनों बैडरूम की दीवारें उन अश्लील पोस्टर्स से भर दी.
लॉकडाउन लगे एक महीना भी नहीं बीता था और मेरे और मोनी के समीकरण पूरी तरह बदल चुके थे.
बड़ी बहन छोटे भाई की रखैल बन चुकी थी.
उसने जितने गुल खिलाये थे आज तक, कानपुर से लेकर दिल्ली तक, मुझे सब डिटेल में मालूम चल गया था.
अप्रैल के दूसरे वीकेंड पर मैंने पहली बार मोनी की सीलपैक गांड मारी.
वह उपाख्यान बहुत ही हवस भरा है.
उसका विस्तृत विवरण फिर कभी विस्तार से बताऊंगा.
तो दोस्तो, इस बार कथानक में यहीं विराम लेते हैं!
आप सबके समय के लिए एक बार पुनः धन्यवाद!
जल्द मिलते हैं वासना के एक और भंवर के साथ!
जिसमें मैं आपको बताऊँगा दीदी के संग बी.डी.एस.एम खेल के बारे में!
मोनी और मैं अक्सर साथ में अश्लील फिल्में, पोर्न और बीएफ देखने का भरपूर मज़ा लेते थे, साथ ही पोर्न देखते हुए चुदाई का आनंद भी उठाते थे.
करते करते हम गन्दी, वाइल्ड, एक्सट्रीम पोर्न और बी.डी.एस.एम की वीडियो देखने लग गए.
मैंने गौर किया कि बी.डी.एस.एम को लेकर मोनी में एक अलग ही उत्सुकता थी.
हम दोनों ने इंटरनेट पर बी.डी.एस.एम के बारे में विस्तार से पढ़ना शुरू किया.
और दो तीन दिनों में ही बहुत कुछ पढ़ बैठे.
मोनी के आग्रह पर मैं बी.डी.एस.एम के खेल में घुसने को तैयार हो गया.
हमने लॉकडाउन में सेक्स टॉयज़ का जुगाड़ किया और बी.डी.एस.एम में इस हद तक घुसे कि खुद हवस भी शर्मसार हो जाये.
आपको यह गुड मोर्निंग सेक्स कहानी कैसी लगी?
आपका नीलेश शुक्ला
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