लॉकडाउन में वासना का ज्वार- 5 (Hot Sister Kiss Story)

हॉट सिस्टर किस स्टोरी में मैं और मेरी बहन नशे के धुएं के छल्ले उड़ा रहे थे. हम दोनों एक दूसरे के चेहरे पर धुंआ छोड़ने लगे. इसी बीच हमारे लब जुड़ गए.

कहानी के चौथे भाग
मेरे बहन ने नंगी जांघें दिखाकर ललचाया
मेरी जवान कजिन मेरे साथ नशे में थी. उसने एक झीनी सी टॉप पहनी थी सिर्फ … इसमें उसकी पूरी नंगी जांघें मेरे सामने थी, मेरे लंड को सता रही थी.

अब आगे हॉट सिस्टर किस स्टोरी:

मोनी की आँखों में मुझे हल्की लाली दिखाई दी.
गां/जा अपना असर दिखाना शुरू कर चुका था.

मैंने एक शातिर स्माइल देकर कहा- व्हाई नॉट!

मोनी रूम में घुसी और एक और जॉइंट ले आयी और मेरे काफी करीब बैठ गयी.
मैंने दूसरा जॉइंट जलाया और हम दोनों उसे पीने लगे.

दो-चार कश के बाद मोनी ने मुझे जॉइंट पास नहीं किया बल्कि अपने हाथों से ही मेरे होठों को लगा दिया और अपने हाथ से मुझे पिलाने लगी.
उसके उपरांत मैंने भी मोनी को अपने हाथों से पिलाया.

इन सब के दरमियान हमारे बीच प्यारभरी मुस्कानों का बारम्बार आदान प्रदान हुआ.
माहौल अब बहुत ही कोज़ी हो चुका था.

आधा जॉइंट ख़त्म होते होते मेरे लण्ड ने बॉक्सर में तम्बू बना दिया था.
मैं अब बेशर्मी से से मोनी की चिकनी जांघें घूर रहा था और पूर्णतः अश्लील ढंग से टाँगें खोलकर बैठा था.

मैंने ध्यान दिया कि मोनी कनखियों से मेरे बॉक्सर में उभार को देख रही थी.
हमारे बीच में अब एक मौन था, हम दोनों ही गां/जे का मज़ा लेने में तल्लीन थे.

समय का हिसाब अब मैं भूल चुका था.

मोनी ने एक गहरा ड्रैग खींचा और मेरी तरफ देखकर जॉइंट बढ़ाया.

मैंने मोनी की आँखों में आंखें डाल के देखा.
पूरी तरह से मदहोश उन आँखों में वासना के लाल-लाल डोरे तैर रहे थे.

मैं समझ गया कि लोहा गर्म हो चुका है.
मैंने मौके का फायदा उठाते हुए, पहला कदम लेते हुए अपना बायां हाथ मोनी की अधनंगी जांघ पर रख दिया.

उफ्फ!!!
उस चिकनी जांघ का स्पर्श पाकर मेरे रोयें-रोयें में एक सरसरी तरंग दौड़ गयी.
संगमरमर सी चमकती वह मखमली सुनहरी जांघ इतनी चिकनी थीं कि पहली बार में हाथ फिसल जाये.

मैंने जांघ पर हाथ रखके मोनी की आँखों में देखा और एक गहरा कश लेकर उसकी तरफ छोड़ा.
मोनी ने अपने मुँह से उस धुंए को अंदर खींचने की कोशिश की और उसको खींचकर नाक से छोड़ दिया.

यह देखकर मैंने उसकी जांघ को हल्का सा सहलाया, एक डीप पफ और खींचा और थोड़ा पास आ गया, फिर छोड़ा.

मोनी ने फिर से एक बार धुआं खींचा.

यह सिलसिला दो बार दोहराया.

और मैं अब मोनिका के होंठों से लगभग छह इंच दूरी पर था.
मैंने अपने दोनों हाथ अपने मुँह के साइड में लगाए और मोनी ने आकर मेरे हाथों के दूसरे तरफ अपना मुँह लगा दिया.
और मैंने अपने उस हाथ की गुफा से होते हुए वह धुआं मोनी के मुँह में सीधे ट्रांसफर किया सिर्फ होठों से दो- तीन इंच दूर!

मेरे बिछाये इस खेल के हर एक कश पर मोनी मदहोशी एक अलग आसमान पर पहुंच रही थी.

अब वह अपने हाथ से अपनी दूसरी जांघ से घुटनों तक सहला रही थी.
उसकी आँखें बार-बार मेरे बॉक्सर में बने तम्बू पर जा रही थीं.

वह कभी मुँह से धुँआ छोड़ रही थी तो कभी नाक से, कभी अपने दांतों से अपने होंठ काटती, तो कभी अपने होठों पर अपनी जीभ फिराती.
उसकी सुर्ख लाल आँखें, उसके इरादे बताने में कोई कमी नहीं छोड़ रही थीं.

अब मोनी ने मेरे हाथ से जॉइंट लिया और हाथों से अपने बाल थोड़े सहेज के, बड़े ही सेक्सी तरीके से खींचा.
जॉइंट में मुश्किल से दो-तीन कश और रहे होंगे.

इस बार मोनी ने मेरे मुंह के करीब आकर धुआँ छोड़ा.
मैंने उस धुंए के बादल के अंदर घुसकर, उसको पीने के लिए खींचा.
कि तभी मुझे कुछ महसूस हुआ.

मोनी का हाथ मेरे बॉक्सर पर, मेरे लण्ड पर था.
मैं जन्नत की सैर करने को तैयार था.

मोनी ने एक गहरा कश खींचा और मेरे करीब आयी.
इस बार उसने मेरे होठों से मेरे होंठ मिलाये और सीधा धुआं मेरे मुँह के अंदर छोड़ा.
फिर पीछे हटकर एक अश्लील मुस्कान दी.

वह अब जॉइंट फेंकने ही वाली थी कि मैंने छीन लिया.

अब मोनी मेरे होंठों के पास आयी, मैंने जलते हुए उस जॉइंट के आखिरी टुकड़े को जलती हुई तरफ से अपने दांतों के अंदर दबाया और उलटी फूंक मारते हुए सीधे मोनी की नाक में धुंए का एक गहरा स्प्रे छोड़ा.

मोनी अब मज़े में पागल हो चुकी थी.
अब एक बड़ी बहन की तरह मेरी आँखों में प्यार भरी नज़रों से देखते हुए मोनी मेरे करीब आयी और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए.

मैंने अपने होंठों को हरकत में लाते हुए मोनी के निचले होंठ को अपने होंठों के बीच लेकर चूसा और यही मूवमेंट दोहराते हुए परस्पर चुम्बन लिया.

एक पल को उस चुंबन में तल्लीन हम दोनों की सुर्ख लाल आँखें एक दूसरे से मिलीं और हवस के समंदर में गोता लगाने को फिर बंद हो गयीं.

उफ्फ्फ … वह पहला चुम्बन इतना गहरा और आवेशपूर्ण था कि उसके साथ हम बस उस चुम्बन की गहराइयों में उतरने लगे.

अब पूरी चुम्माचाटी चल रही थी हमारे बीच में!
और हम एक दूसरे के होंठों का चुम्बन लेते हुए, एक दूसरे की जीभ से जीभ लड़ाते हुए, एक दूसरे की जीभ से जीभ मिलाकर रस चूस रहे थे.

हमारे बीच में अब बेशर्मी से चुम्माचाटी चल रही थी पूरी आवाज़ों के साथ- म्म्म … पुच्च पुच्च … स्लर्प लप लप … मम्म मममहं ऊंहू पुच्च पुच्च पुच्लप!!
हम एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे, कुतर रहे थे, जीभ से जीभ रगड़ रहे थे.

मोनी के होंठों का रस चूसते हुए मेरा लण्ड लोहे सा सख्त हो गया.

हमारी चुम्माचाटी कितनी देर चली, मुझे याद भी नहीं.

उसके पश्चात मैंने मोनी को सोफे पर ही अपनी बाँहों में भरते हुए उसके गले पर चूमना, चूसना शुरू किया.

मोनी की जो आहें गूंजी वो, उस लॉकडाउन के उस सन्नाटे को चीरकर हवस घोल रही थीं.

जहाँ दुनिया में इतने लोगों के लेने पे देने पड़े थे, हम भाई-बहन अपनी हवस-लीला का पहला अध्याय लिखने को तैयार थे.

मैं मोनी के गले और ऊपरी सीने पर टूट पड़ा.
उसके बाद मैंने उसकी बाँहों से होते हुए टॉप हल्का सा खींचकर उसके मांसल कन्धों पर दांत गड़ाए.

मोनी सिहर उठी.

उसकी ब्रा का स्ट्राप हरे रंग का था.
यह फोरप्ले उसके रोयें रोयें में आग लगा चुका था और उसके जिस्म की प्यास उसके सर चढ़ के बोल रही थी.

उसकी मादक आहें गवाह थीं उसकी चरित्रहीनता की जो अपने छोटे भाई की मर्दानगी देखकर अपना सर्वस्व लुटाने को तैयार थी.

मैं उसके बदन के उपरार्ध से होते होते, उसके दोनों स्तनों पर अपना मुँह रगड़ के अपने हाथों से मसलने लगा.

उफ्फ्फ … मोनी के 36C के बूब्स लक्ज़री कार के एयरबैग से मुलायम थे और टॉप और ब्रा के अंदर कैद होकर वे आज़ाद होने को फड़फड़ा रहे थे.

बूब्स दबाते हुए मैंने जानवर की तरह, मुंह नीचे करते हुए मोनी जी जाँघों पर चुम्बन किया और चाटते चाटते अपना सर लेकर उसकी स्कर्ट में घुसा.

अब मैं एक नयी दुनिया में था जहाँ मोनी की बैंगनी कच्छी और उस स्कर्ट के अंदर कैद मदमस्त कर देने वाली गंध का भण्डार था.

मैं मोनी की रसीली जांघे चूसने और चाटने लगा, उन रसभरी जांघों का रस अघा अघा कर पिया.
मन भर के जांघों का रसपान करने के बाद मैं उठा, मोनी के होंठों का एक गहरा स्मूच लिया और खड़ा हो गया.

मेरा लंड बॉक्सर के अंदर पूरा तनतनाया हुआ खड़ा था.
मोनी ने बॉक्सर के ऊपर से ही लण्ड को सहलाया, फिर बॉक्सर समेत मुँह के अंदर ले लिया.

मेरे सब्र का बाँध अब टूट चुका था.
यह वही घड़ी थी जिसकी परिकल्पना मैंने तीन या चार दिन पहले बाथरूम में मोनी की कच्छी सूंघते हुए की थी.

बॉक्सर को अपने मुँह से गीला करती हुई सोफे पर बैठी मोनी मेरी आँखों में प्यासी निगाहों से देख रही थी.

मैंने मोनी के कन्धों पर हाथ रखा, मेरे हाथ पकड़कर वह उठकर मेरे सामने खड़ी हुई और मैंने उसको कमर से पकड़कर अपनी बाँहों के आगोश में लेकर किस करना शुरू किया.

मेरे हाथ पीछे से मोनी की स्कर्ट में घुसे और उसकी गांड को सहलाने, मसलने लगे.

इसके पश्चात मैंने उसको बालकनी की बायीं दीवार से लगाया, उसके हाथ दीवार पर थे, चेहरा हाईवे की तरफ घूमा हुआ था.
मैं पीछे से हमला करते हुए मोनी से सट कर उसको हम्प कर रहा था, साथ में उसकी गर्दन और ऊपरी पीठ पर अपने होंठ और दांत भी चला रहा था.

करते करते मोनी ने अपने दोनों हाथ ऊपर किये, मैं इशारा समझ गया.

मैंने कमर से मोनी का टॉप पकड़ा और ऊपर खींचकर पूरा उतार दिया.

अब मोनी ब्रा में थी और उसका टॉप सोफे पर!

मोनी अब वाइल्ड हो गयी.
उसने मेरा चुम्बन लेते हुए मेरा सैंडो उतारने की कोशिश की.
मैंने भी अपने हाथ उठाकर इस कोशिश को सफल बनाया.

मेरे चौड़े सीने पर मोनिका ने बारी बारी चुम्बन किया और मेरे आगोश में आ गयी.

मैंने मिनी स्कर्ट की इलास्टिक दोनों तरफ से खींची और स्कर्ट सरकाते हुए नीचे गिरा दी.

मोनी ने भी अपने पंजों पर उठकर मुझे किस करते हुए स्कर्ट उतरने में मदद की.

मेरी बहन मोनी अब सिर्फ ब्रा-कच्छी में थी और पहली बार मुझे उसकी नंगी जवानी के दर्शन हुए.

नशे में धुत्त, हवस में चूर अपनी अधनंगी बहन को मैंने खड़े खड़े अपनी बाँहों में उठा लिया, उसकी नंगी पीठ और नंगी जांघें मेरी बाँहों से रगड़ खा रही थीं.

जिस बहन ने कभी बचपन में मुझे अपनी गोद में खिलाया था, उसे मैं अपनी गोद में अधनंगी उठाये हुए बैडरूम में घुसा और बिस्तर पर पटक दिया.

इसके बाद मैं एक भूखे जानवर की तरह उस पर टूट पड़ा.
मोनी का कोई अंग नहीं बचा जिसका मैंने स्वाद न लिया हो.
और खासकर मोनिका की गांड के नीचे जो कालिख थी, उसको अघा अघा कर चाटा.

मैंने मोनी की ब्रा का हुक अपने एक हाथ से खोला और अगले ही पल उसकी चूचियों को गिरफ़्त से आज़ाद कर दिया.

आआहह … मोनी के वह डार्क ब्राउन निप्पल्स पूरे तने हुए थे.

मोनी ने मेरी आँखों में देखा और अपने ठेठ कनपुरिया लहज़े में, टूटी आवाज़ में बोली- आआह्ह … चूसो नीलू … ब्रेस्ट चूसो … पप्लीज़!

मैंने बिना देर किये मोनी के मम्मों से दुग्धपान शुरू किया और निप्पल चूसते हुए उसके चूचुक चाटने काटने लगा, उसके स्तनों का अपने हाथों से मर्दन करते हुए मैंने महसूस किया कि चूची चुसवाते हुए मोनी अपने हाथ से मेरा सर सहला रही थी.

जमकर चुसाई के बाद मैंने मोनी की जांघों से रस चूसने का दूसरा दौर शुरू किया.

हमारे बीच में बातें सिर्फ आँखों आँखों में हो रही थीं.
शब्दों की जगह मोनी की कामुक आआह्ह उफ्फ्फ और मेरी हवसभरी मर्दाना गुर्राहट ने ले ली थी.

अंदरूनी जाँघों पर परस्पर चुम्बनों से उत्तेजित मोनी की कच्छी गीली हो चुकी थी.
उसने अपनी दोनों टांगें ऊपर उठाकर संकेत दिया कि अब मैं उसकी पेंटी उतार दूँ.

मोनी का मौन आमंत्रण स्वीकार करते हुए कच्छी के अंदर दोनों तरफ अपनी उँगलियाँ फ़ंसायीं और कच्छी को खींचा.
अगले ही पल वह कच्छी मेरे हाथ में थी.

डिज़ाइन और आकर के मामले में एकदम बाथरूम वाली कच्छी जैसी! सिर्फ रंग गहरा बैंगनी.
यह पेंटी बाथरूम वाली से ज़्यादा नयी थी.

मोनी के कामरसों से तरबतर उस कच्छी के अंदरूनी भाग में चिपचिपा स्राव था जिसका स्रवण फोरप्ले के दौरान हुआ था.

मैं कच्छी को सूंघने से खुद को रोक नहीं पाया और सूंघते हुए उसका रस चाट लिया.

मुझे यह करते देख मोनी अति कामातुर होकर पगला उठी और एक लम्बी आह लेकर एक हवस भरी मुस्कराहट दी.

मेरी बड़ी बहन मेरे सामने पूरी मादरजात नंगी लेटी थी और मेरे सामने उसकी सांवली अंदरूनी जाँघों के बीच वह चमकदार गुलाबी चूत थी.

चूत पर बाल का कोई नामोनिशान नहीं था.
शायद मोनी के सुबह ही झांटें शेव करी थीं.

तो प्रिय पाठको, मेरी हॉट सिस्टर किस स्टोरी कैसी लग रही है आपको?
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हॉट सिस्टर किस स्टोरी का अगला भाग: लॉकडाउन में वासना का ज्वार- 6

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