शादी से पहले सुहागरात मनाई- 1 (Sexy College Girl Ki Antarvasna)

सेक्सी कॉलेज गर्ल की अन्तर्वासना क्या क्या करवा देती है, इस कहानी में पढ़ें. चुदाई की बातें सुन मेरा दिल भी करता था कोई मेरी बुर की सील भी तोड़े.

यह कहानी सुनें.

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दोस्तो, मैं आपकी रिया सिंह हूँ.

मेरी पिछली कहानी थी: मेरी पहली चुदाई से जीवन बदल गया

आज एक नई सच्ची कहानी लेकर आई हूं. यह कहानी मेरी एक सहेली की है.
इसमें मैंने नाम बदलकर काल्पनिक कर दिया है.

सेक्सी कॉलेज गर्ल की अन्तर्वासना की पूरी कहानी सहेली के शब्दों में ही सुनें.

मेरा नाम आरती है और मेरा फिगर 32 28 34 था.
मेरी उम्र 21 साल है, मेरा रंग गोरा, होंठ गुलाबी हैं.

इस घटना से पहले मैं अपने परिवार में मम्मी पापा के साथ अपने छोटे से मकान में रहती थी और कॉलेज में फाइनल ईयर की स्टूडेंट थी.

मेरी सहेलियां जब अपनी चुदाई की बातें मुझे सुनाती तो मुझे अच्छा लगता था; सेक्सी कॉलेज गर्ल के शरीर में सनसनी दौड़ जाती … उनकी बातें सुनकर मेरा दिल भी करता था कोई मेरी बुर की सील भी तोड़े.

मेरे पापा अपने दोस्त विपुल की फैक्ट्री में काम करते थे. मतलब फैक्ट्री के मालिक विपुल अंकल थे.
वे अक्सर हमारे घर आते जाते रहते थे और हमारी समय समय पर मदद करते रहते थे.

एक दिन मैं कॉलेज से आई तो पेशाब के तेज प्रेशर के कारण घर पर आकर जल्दबाजी में बाथरूम में अपनी पजामी उतार कर सुसु करने बैठ गई.
जल्दबाजी में मैं बाथरूम का दरवाजा बंद करना भूल गई.

पेशाब करने के बाद जैसे ही मेरा ध्यान सामने गया, मैंने देखा कि मेरे पापा के दोस्त विपुल अंकल हमारी किचन के बाहर खड़े होकर अपने मोबाइल से मेरी वीडियो बना रहे थे.

मैंने जल्दी से उठ कर अपनी पजामी पहनी और भाग कर कमरे में चली गई.
मन ही मन मैं घबरा रही थी.

अगले दिन जब मैं कॉलेज से अपनी सहेलियों के साथ बाहर निकल रही थी गेट के बाहर उस तरफ मैंने अंकल को अपनी कार के साथ खड़े देखा.
उन्होंने मुझे इशारा कर अपनी तरफ बुलाया.
मैं अपनी सहेलियों को बाय बोल कर अंकल के पास चली गई.

मैं- अंकल. आप यहां कैसे?
अंकल- मैं यहां से जरूरी काम से निकल रहा था तो सोचा तुमको लेता चलूं. आरती, आजा कार में बैठ जा, मुझे तुमसे जरूरी बात करनी है.
मैं- ऐसी क्या बात है अंकल?

मेरे कार में बैठते ही अंकल ने कार के शीशे ऊपर चढ़ा लिए और अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया.
मेरे पूरे शरीर में सनसनी दौड़ गई. मुझे बहुत अच्छा लगा.

तभी अंकल ने आगे बढ़कर अपना हाथ मेरी चूची पर रख कर दबा दिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ लगाकर एक लंबा चुम्बन ले लिया.
और फिर दोबारा मेरा नीचे वाला होंठ अपने मुंह में लेकर चूसने लगा और दूसरे हाथ से मेरी चूची में दबाने लगे.

मेरे पूरे शरीर में सनसनी दौड़ने लगी.

बीच-बीच में अअंकल पना हाथ मेरी चूत पर रखकर सहलाने लगे. मैं उनका विरोध तो नहीं कर रही थी पर मन ही मन घबरा भी रही थी कि कहीं किसी ने देख लिया तो!

तभी अंकल ने कार की सीट पीछे को एडजेस्ट कर दी जिससे मैं पीछे को लेट गई और अंकल ने अपनी सीट भी पीछे एडजस्ट कर ली.
मैं- अंकल प्लीज, ऐसा मत करो, कोई देख लेगा.

अंकल- आरती मेरी जान, जब से मैंने कॉलेज तुम्हें पेशाब करती देखा, तुम्हारी बुर देखकर मैं तुम्हें पाने को बेचैन रहने लगा हूँ.
मैं- अंकल प्लीज!

अंदर ही अंदर मैं बहुत खुश थी कि अंकल मुझे कितना चाहते हैं, अंकल मुझे सेक्स का मजा भी देंगे.
पर मैं थोड़ा शर्माने का और थोड़ा डर का दिखावा कर रही थी.

अंकल- मुझे अपने होंठों पर किस करने दो और अपनी चूची पीने दो.
मैं- ठीक है अंकल, उसके बाद आप मुझे मेरे घर छोड़ दोगे पक्का ना!

तभी अंकल मेरे ऊपर झुक कर मेरे होंठों को चूसने लगे और अपने हाथों से मेरी चूची दबाने लगे.

काफी देर तक मेरे होंठ चूस कर अंकल बोले- अपनी कुर्ती ऊपर कर कर अपनी चूचियों को आजाद कर दो.

उस दिन मैंने पलाजो पहन रखा था इसलिए कुर्ती ऊपर होते ही मेरे दोनों चूची उछल कर बाहर आ गई.
अंकल मेरी चूची देखकर अपने होश खो बैठे और लपक कर मेरी एक चूची अपने मुंह में लेकर चूसने लगे और दूसरी चूची को अपने हाथ से मसलने लगे.

जैसे-जैसे अंकल मेरी चूची को चूस रहे थे वैसे वैसे मुझे एक नशा सा छाने लगा, मेरे पूरे शरीर में वासना की लहर दौड़ने लगी.

मेरा पूरा शरीर ढीला पड़ता जा रहा था और मैंने दिखावे का विरोध करना भी छोड़ दिया.
मेरे मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां आह निकलने लगी.

अंकल मेरे होंठों को चूस रहे थे और मेरी चूचियां और मेरी चूत को मसल रहे थे.
मेरे पूरे शरीर में मस्ती छा रही थी और मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगी थी.

तभी अंकल ने मेरे प्लाजो की इलास्टिक में हाथ डालकर मेरा प्लाजो नीचे खिसका दिया.
मैंने अंकल को रोकने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब रही.
और अंकल मेरी चूत पर अपने हाथ चलाने लगे.

मस्ती और आनंद में मेरी आंखें बंद हो गई और मेरे मुंह से कामुक आवाजें निकलने लगी.
अंकल अपने मुंह में मेरा एक निप्पल लेकर चूस रहे थे और दूसरे हाथ से कभी दूसरा निप्पल मसल रहे थे. कभी वे मेरे पेट पर हाथ फेर रहे थे और कभी मेरी चूत मसल रहे थे.
जिस कारण मैं अपने होशोहवास खो बैठी थी.

अंकल- आरती मेरी जान, तू तो बहुत जबरदस्त माल है तेरा अंग अंग देखकर मैं पागल हो गया.

मैं- अंकल आपने मेरे शरीर में आग लगा दी. आह आह … ओह ईईईई … ईईईई … चूस लो अंकल अच्छे से … आह आह शश मम्हम.

अंकल पूरी तरह मेरे ऊपर झुके हुए थे और मेरे रस भरे होंठों, मेरी चूचियों का रसपान कर रहे थे.

धीरे-धीरे अंकल ने मेरा प्लाजो मेरी टांगों से निकालकर अलग कर दिया और और मेरी टांगें फैलाकर अपना मुंह मेरी चूत पे लगा कर चाटने लगे.
मेरे मुंह से एक लंबी सिसकारी निकल गई- आह हहहह हआह हहह!

अंकल अपनी जीभ मेरी चूत में डाल कर मेरे शरीर में एक तूफान सा भर दिया और मैं अपने चूतड़ों को ऊपर उठा कर अंकल का सर दबा दिया.
मैं अपने होशखो बैठी- आह हहह आह उम्मह ह उई उई मां.

अंकल हाथों से मेरे चूची दबा रहे थे और मुंह से मेरी चूत को चूस चूस कर मेरा हाल बेहाल कर रहे थे.

तभी मेरा शरीर अकड़ने लगा और मैं अपने चूतड़ों को जोर-जोर से उछालने लगी- आह हहह .. उई मां मर रर गई … आह आह ओह … ईईई.

अचानक से मुझे लगा मेरे अंदर से एक लावा सा फूट पड़ा और मेरी चूत ने ढेर सारा पानी अंकल के मुंह पर छोड़ दिया.
अंकल बहुत सारा पानी अपनी जीभ से चाट रहे थे जो मुझे एक असीम आनंद दे रहा था.

मेरी सांसें जोर-जोर से चलने के कारण मेरी दोनों चूचियां उछल रही थी.
अंकल- मेरी आरती रानी, कैसा लगा?

मैंने अंकल का मुंह चूम कर उनके होंठों को एक लंबा किस किया और अपनी कुर्ती नीचे कर कर अपना प्लाजो पहनने लगी.
मैं- अंकल, मुझे घर पहुंचने में देर हो जाएगी. प्लीज मुझे घर छोड़ दो.
अंकल- हां मेरी जान … बस तुम मिलती रहना.

उन्होंने मेरा मोबाइल नंबर लेकर मेरे फोन पर मिस कॉल मार दी और बोले- यह मेरा नंबर है, सेव कर लेना.

फिर अंकल ने अपनी कार से मुझे घर के बाहर उतार दिया और बोले- आरती सोच लेना, मेरी रानी बनोगी जिंदगी के सारे ऐशोआराम दूंगा.
मैं- प्लीज अंकल … मुझे सोचने का मौका दो.

अंकल बोले- अरे आरती, घबराती क्यूँ है, मैंने तेरी माँ को भी कितनी बार चोदा है!
यह सुन कर मुझे अजीब तो लगा लेकिन फिर मेरे दिल में ख्याल आया कि अंकल की बात सच तो लगती है क्यूंकि मेरी माँ के पास अंकल तब आते थे जब पापा फैक्ट्री में काम पर होते थे.

अंकल- ठीक है, कल मुझे सोच कर बताना. मैं कल तुम्हें कॉलेज के बाहर मिलूंगा.

मैं घर जाकर कमरे में लेट गई और आज का सारा नजारा सोच सोच कर मेरा शरीर अंगड़ाई ले रहा था.
मेरी दोनों चूचियों में मीठा मीठा दर्द हो रहा था.

मुझे रात को भी नींद नहीं आई अंकल के बारे में सोच कर!
और मुझे आज कितना हसीन आनंद मिला … यह सोच सोच कर मेरी कब आंख लग गई, मुझे पता नहीं चला.

मेरी आंख सुबह काफी देर से खुली.
जल्दबाजी में कल वाले प्लाजो में ही तैयार होकर कॉलेज के लिए निकल गई.

जाते जाते एक घंटा लेट हो गई और कॉलेज जाना कैंसिल कर दिया.

मैं वहीं पार्क में बैठकर अंकल के साथ बिताए पल सोच सोच कर मीठी यादों में खो गई क्योंकि यह मेरी जिंदगी का पहला अनुभव था.

मैं अंकल को फोन मिला कर बोली- मैं कॉलेज के सामने वाले पार्क में बैठी हूं.

अंकल जल्दी ही अपनी कार लेकर पार्क के गेट पर पहुंच गए और मुझे फोन मिला कर बोले- कहां हो मेरी आरती डार्लिंग?
मैंने बताया तो मेरे पास पहुंच कर मुझे अपनी बांहों में भर लिया.

मैं- अंकल धीरे से … क्या मार डालोगे? कोई देख लेगा.
अंकल- मेरी आरती जान, पार्क में कोई नहीं है.
और अंकल ने मेरे होंठों पर लंबा किस दे दिया.

अंकल- क्या सोचा मेरी जान … मेरी रानी बनोगी?
और मैंने अपने जवाब में अंकल के होंठों को चूम कर अपनी रजामंदी दे दी.

अंकल- मेरी आरती जानेमन, मैं पूरी जिंदगी तुम्हारा गुलाम रहूंगा. तुम जो बोलोगी मैं वही करूंगा.
और अंकल ने फिर से मुझे अपनी बांहों में जोर से दबा लिया.
मेरे दोनों चूचियां अंकल के सीने में दब गई.

अंकल- आज कॉलेज की छुट्टी … हमारे पास पूरा दिन है.
और अंकल मुझे कार में बैठा कर अपने आलीशान मकान की तरफ चल दिए.

मैं- अंकल, आपका मकान तो बहुत आलीशान है और बहुत बड़ा भी है.
अंकल- मेरी आरती जानेमन, अब इस आलीशान मकान की मालकिन तुम बनोगी.

उनकी बात सुनकर मैं दिल में फूली नहीं समा रही थी.

अंकल के आलीशान मकान के एक कमरे में अंकल की बेगम थी जो बीमार रहती थी और बेड पर लेटी रहती थी.
उसकी देखरेख के लिए अंकल ने एक नौकरानी रखी हुई थी.

अंकल ने नौकरानी को कुछ समझाया, फिर मुझे लेकर अपने बेडरूम में आकर अंदर से दरवाजा बंद कर मुझे अपनी बाहों में भर कर मेरे होंठों पर लंबा किस किया.

मैं- अंकल दरवाजा बंद क्यों किया?
अंकल- ताकि हमें कोई डिस्टर्ब ना करे और मैं अपनी आरती रानी को खूब प्यार करूं!
मैं- अंकल मैं आपकी रानी कैसे हुई?
वे मेरे चूची मसलते हुए बोले- मेरी रानी, मुझे अंकल मत बोलो तुम्हें मेरी कसम.

और अंकल मुझे अपने आलीशान बेड पर मीठा कर मेरे ऊपर आकर मेरे रस भरे होंठ चूसने लगे.
मैं पूरी तरह अंकल के नीचे दबी हुई थी.

अंकल के चौड़े सीने के नीचे मेरी दोनों चूचियां दबी हुई थी. वे मेरे होंठ चूसते हुए मेरी गर्दन पर चुंबन ले रहे थे.

उन्होंने मेरी कुर्ती ऊपर उठा कर मेरी एक चूची मुंह में भर ली, दूसरी चूची को हाथ से दबाने लगे.

अचानक अंकल ने मेरी चूची के निप्पल को दांत से काटा तो मेरे मुंह से दर्द भरी सिसकारी निकल गई- आहह हहह उई मां.

मैं- दांत से मत काटो प्लीज … दर्द होता है.
अंकल- मेरी बेगम रानी, इस दर्द के पीछे ही असली मजा है.

फिर अंकल ने मेरी कुर्ती निकालकर और प्लाजो निकाल कर मुझे पूरी नंगी कर दिया और जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल कर नंगे होकर मेरे ऊपर छा गए.

मैं अंकल का लौड़ा देखकर घबरा गई.
वह काफी लंबा मोटा फौलादी लौड़ा था.

दोस्तो, आपको सेक्सी कॉलेज गर्ल की अन्तर्वासना में मजा आ रहा है ना?
[email protected]

सेक्सी कॉलेज गर्ल की अन्तर्वासना की कहानी का अगला भाग: शादी से पहले सुहागरात मनाई- 2

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