Xxx ओपन सेक्स कहानी में मेरी सहेली मेरे बॉयफ्रेंड के दोस्त से मेरी मौजूदगी में चुद गयी. उसे बहुत मजा आया. मेरे बॉयफ्रेंड का दोस्त मुझे भी चोदना चाहता था.
फ्रेंड्स, मैं अनु आप सबने मेरी पिछली सेक्स कहानी पढ़ी और मुझे भारी संख्या में मेल भेजे, उसके लिए आप सभी का शुक्रिया.
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Xxx Open Sex Kahani
कहानी के पिछले भाग
मेरी सहेली मेरे बॉयफ्रेंड के दोस्त से चुद गयी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मुझे राहुल नामक लड़के ने चोदने का प्रस्ताव दिया पर मैंने उसे मना कर दिया. जबकि मेरे साथ आई मेरी सहेली छवि ने राहुल के साथ चुदना मंजूर कर लिया. वे दोनों एक बार की चुदाई के बाद अगले दौर के लिए रेडी होने लगे थे.
अब आगे Xxx ओपन सेक्स कहानी:
खाना खा पीकर हम तीनों वापस फ्लैट पर आ गए.
फ्लैट पर आने के बाद कुछ देर तक हम लोगों ने आपस में बातचीत की.
फिर राहुल ने हमारे बारे में जाना कि हम लोग यहां पर क्या पढ़ रही हैं, कौन से कॉलेज में पढ़ रही हैं. मैं संजय से कैसे मिली और छवि से मेरी दोस्ती कैसे हुई.
छवि ने उसे सारी बात बताई- हम दोनों बचपन की सहेलियां हैं और संजय हमारे कॉलेज में ही पढ़ता है. वहीं से अनु की उससे दोस्ती हुई और वह अनु का बॉयफ्रेंड बन गया.
फिर इधर-उधर की बातें होने लगीं.
इसी बीच राहुल मेरे साथ नजदीकी बढ़ाने लगा.
मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी कि जब वह छवि के साथ सेक्स कर चुका है तो उसकी मेरे ऊपर नजर क्यों है.
मैंने उसे कोई रिस्पांस नहीं दिया.
फिर वे दोनों अपनी चुदाई के अगले दौर के लिए अन्दर चले गए.
करीब 5 मिनट के बाद वे दोनों वापस बाहर आ गए.
मैंने पूछा- क्या हुआ, इतनी जल्दी?
छवि ने कहा- राहुल तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता है … सिर्फ एक बार!
मैंने कहा- नहीं, मुझे नहीं करना.
छवि ने कहा- प्लीज.
मैंने ना में ही जवाब दिया.
तो छवि ने राहुल को इशारा कर दिया.
राहुल की नज़र मुझ पर थी, वह मेरे करीब आया और मुझे उसने अपनी बांहों में जकड़ लिया.
उसने कहा- अनु, अब तुम्हारी बारी.
मैंने कहा- कौन सी बारी … इस बारे में मैंने कोई हां नहीं कही!
उसने कहा- तो क्या हुआ?
वह मुझे उठा कर सीधे अन्दर ले गया.
पीछे से छवि ने दरवाजा लॉक कर दिया.
राहुल ने मुझे अपनी बांहों में पकड़ लिया और दीवार से मुझे टिका कर कहा- एक बार की ही तो बात है.
मैंने कहा- तुम्हारा मन नहीं भरा छवि के साथ?
उसने कहा- नहीं.
वह मेरे बालों को खोलता हुआ बोला- तुम्हें मेरे साथ वह आनन्द मिलेगा जो तुम्हें संजय अब तक नहीं दे पाया.
उसने मेरी कमर को अपनी तरफ खींचा तो मैं पूरी उसके शरीर से चिपक गयी.
मेरे बूब्स उसकी छाती को छू रहे थे.
उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि मैं कुछ न कर सकी.
फिर उसने एक जबरदस्त किस किया, ऐसे जैसे मेरे होंठों को वह पी ही जाएगा.
मैं विरोध तो कर रही थी पर उसका उस पर कोई असर ही नहीं हो रहा था.
कुछ देर बाद उसने बिना कुछ देर किए मेरे दोनों हाथों को ऊपर किया और एक हाथ से उन्हें लॉक कर दिया
फिर एक जोरदार किस किया.
मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी कि क्या हो रहा है.
इतने में उसने एक हाथ से मेरी कमीज ऊपर की लेकिन वह मेरे बूब्स के पास आकर फंस गयी.
उसने देर न करते हुए तुरंत मेरी सलवार का नाड़ा खोल कर अपने दोनों हाथों से एक झटके में मेरी सलवार और पैंटी को एक साथ नीचे कर दिया.
जब तक मैं कुछ समझ पाती, उसने मेरी एक टांग अपने एक हाथ से ऊपर की और मेरी चूत में अपना मुँह घुसा दिया.
मुझे कुछ सोचने समझने का टाइम ही नहीं मिला.
लेकिन उसका मुँह मेरी चूत को लज्जत देने लगा था.
अब मैं सिर्फ आंखें बंद कर चूत चटाई का मजा ले रही थी.
उसने देखा कि मैं अब विरोध करने की कोशिश नहीं कर रही हूँ तो उसने मुझे उठा कर पलंग पर लेटा दिया और मेरे पैरों से सलवार और पैंटी दोनों उतार कर अलग फेंक दीं.
वह मेरी दोनों टांगों को ऊपर करके मेरी चूत के ऊपर टूट पड़ा.
कुछ देर और चाटने के बाद उसने मेरी कमीज को भी उतार दिया.
मैं सिर्फ अब ब्रा में थी.
छवि ये सब एक पॉर्न मूवी की तरह एन्जॉय कर रही थी.
राहुल ने कहा- अनु मजा आ रहा है न!
मैं कुछ नहीं बोली तो उसने एक झटके के साथ अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में घुसा दीं.
मेरे मुँह से ‘अहहा अहह अहह उईई …’ निकल गयी.
वह मुस्कुराया और बोला- मजा आ रहा है न!
मैंने इशारे में हां कह दिया.
उसे भी तसल्ली हो गयी और ग्रीन सिग्नल समझ कर वह भी अब मेरी लेने के लिए तैयार था.
चूत गीली हो चुकी थी मैं चुदने के लिए तैयार हो गयी थी.
वह समझ गया और उसने अपने सारे कपड़े उतार कर अपना 6 इंच लम्बा लंड फनफनाते हुए बाहर निकाल लिया.
मेरे मन में डर था कि अब क्या होगा.
पर मैं भी गर्म हो चुकी थी और बिना चुदे जाना नहीं चाहती थी.
मैंने उसे एक हल्की सी मुस्कान दे दी.
उसने मेरी गीली चूत में लंड को रगड़ा, उससे मैं तड़प उठी.
मैंने कहा- बिना प्रोटेक्शन के … कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाए?
वह कुछ नहीं बोला.
मैंने उससे फिर से कहा- प्लीज प्रोटेक्शन यूज़ कर लो.
उसने कहा- चिंता मत करो, तुम अपनी सहेली से पूछो कि बिना प्रोटेक्शन के कितना मजा आता है.
मैंने कहा- नहीं, प्लीज!
फिर उसने बेरुखे मन से कंडोम पहना.
वह थोड़ा गुस्से में दिख रहा था.
उसने मेरी गीली चूत में लंड को रगड़ा जिससे मैं तड़प उठी और आंखें बंद करके आनन्द लेने की कोशिश करने लगी.
मुझे तड़पती देख उसने लंड के सुपारे को थोड़ा अन्दर डाला और बाहर निकाल लिया.
मैं फिर से कसमसा सी गयी.
उसे ऐसा करने में मजा आ रहा था.
फिर उसने देर न करते हुए मेरी चूत को हाथों से फैलाया और अपने लंड को मेरी चूत से सटा कर एक जोरदार झटका दे दिया.
मुझे दर्द हुआ और मैं चीख पड़ी.
वह रुका … फिर कुछ सेकंड के बाद उसने फिर से लंड को बाहर को निकाला और पूरी ताकत के साथ अन्दर डाल दिया.
इस बार मेरी गीली चूत में पूरा लंड समा गया.
मुझे जैसे जन्नत मिल गई हो.
वह मेरे होंठ चूसने लगा, चूचे दबाने लगा.
मैंने थोड़ी राहत ली और शांत हो गई.
अब उसने धीरे धीरे धक्के देने शुरू किए.
मेरी मादक सिसकारियां निकलने लगीं ‘आआ अहह … अइ आह आऐ ईया … ’
वह मुझे चोदते हुए मेरे मम्मों को मसलने लगा.
उसने मेरी ब्रा को कंधे से खिसका कर मेरी चूचियों को आज़ाद कर दिया.
ब्रा कमर में फंसी हुई थी.
मेरे बूब्स पर लाल निशान देखकर उसे चूमा और मुस्कुरा दिया.
मैं भी मुस्कुरा दी.
उसने अपना लंड फिर से निकाल कर मुझे उठाया और बोला- अब कुतिया बन जाओ.
मैं भी तुरंत बन गयी.
उसने पीछे से अपने लंड को सैट किया और चुदाई शुरू कर दी.
उसी समय उसने मेरी लटकी हुई ब्रा को खोल दिया और मेरे बालों को पकड़ कर मेरी चूत में लौड़े की स्पीड बढ़ा दी.
मैं भी जोश में आ गयी- आआ आहह … और ज़ोर से … अइय् … करते रहो … ज़ोर से चोदो … आह अम्म्म!
मस्त आवाजें करती हुई मैं चुद रही थी.
करीब दस मिनट हो चुके थे.
एक दिन में मैं दूसरी बार चुद रही थी और उसका भी दूसरा राउंड था.
न मैं झड़ी और न ही वह झड़ा.
फिर वह रुका और उसने कहा- अनु सीधी लेट जाओ.
अब उसने मेरी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रखा और बिना देर करते हुए अपने लंड से मेरी चूत की लेना शुरू कर दी.
चोदते हुए वह मुझे किस करता, तो मेरी टांगों से मेरे मम्मे दब जाते.
उसी बीच उसने मेरी जांघ पर काट लिया … मैं कुछ न कह पायी.
फिर वह जल्दी से उठा और मुझे खींच कर पलंग के किनारे कर लिया.
वह खुद खड़ा रहा.
उसने मेरी टांगों को फिर से अपने कंधों पर रखा और शुरू कर दी मेरी ठुकाई.
अब वह पूरी ताकत के साथ झटके मार रहा था जिससे मेरा पूरा बदन हिलता और मम्मे भी हिलते.
मुझे भी बहुत मजा आ रहा था, लग रहा था जैसे मैं जन्नत की सैर कर रही हूँ.
अब मैं भी अपनी कमर उछाल उछाल कर लंड लेने लगी थी.
कुछ ही सेकण्ड्स में मैं झड़ने वाली थी और मेरा शरीर भी अकड़ने लगा था.
उसके कुछ धक्के और लगाने के बाद मेरे मुँह से एक हल्की सी सिसकारी निकल गई और मेरी चूत से पानी निकल गया.
मैं झड़ गई और एकदम से निढाल सी हो गयी.
अब मेरे अन्दर इतनी ताकत नहीं बची थी कि मैं आगे रहकर उछल उछल कर लंड लूँ.
राहुल ने अपना लंड निकाला और कंडोम को भी … उसने मेरी तरफ इशारा किया कि मैं मुँह में लंड लूँ.
उसने कहा- संजय का तुमने मुँह में लिया था न … मेरा भी मुँह में लो.
मेरा मन तो बिल्कुल भी नहीं था पर उसने मेरे बालों को पकड़ा और मुझे पलंग के किनारे बैठा दिया.
वह खुद खड़ा रहा और मेरे मम्मे पर एक चांटा मारा, जिससे मेरी आह … निकल गयी.
उसी वक्त उसने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया.
बस फिर वह मेरे बालों को पकड़ कर अपने हिसाब से मुझे आगे पीछे करने लगा.
मैंने भी सोचा कि क्यों न उसका पानी निकाल कर उसकी तकलीफ दूर कर दूँ.
तो मैंने अपने दोनों हाथों से उसके लंड को पकड़ कर लंड चुसाई शुरू कर दी.
उसके सुपारे को जीभ से चाट चाट कर गुलाबी कर दिया.
कुछ ही मिनटों में वह भी झड़ने को आया तो उसने सारा पानी मेरे मम्मों के ऊपर ही निकाल दिया.
वह मेरे ऊपर ही लेट गया और मुझे किस करने लगा.
उसका पानी दूसरी बार में ज्यादा नहीं निकला था.
वह फिर से मुझे चाटने और चूमने लगा था.
उसने कहा- अनु, कैसा रहा हमारा Xxx ओपन सेक्स?
मैं कुछ न बोली और उठ कर सीधे बाथरूम में गयी.
वह भी मेरे पीछे-पीछे आया और फिर उसने मुझे पानी डाल कर गीला कर दिया.
सारे बदन को पीछे से पकड़ कर किस किया और साबुन लगाने लगा.
मैं नहा कर बाहर आई.
वह भी मेरे पीछे-पीछे बाहर आ गया.
मैंने अपने सारे बदन को पौंछा और कपड़े पहने.
वह भी तैयार हुआ और उसने कहा- थैंक्यू छवि … तुम्हारी वजह से अनु की चूत मिली.
उसने मुझसे भी कहा- अनु, छवि नहीं बोलती तो मैं हिम्मत ही नहीं करता. उसी ने कहा कि तुम मान जाओगी … नहीं तो वह सब संभाल लेगी.
मैंने छवि से कहा- छवि मुझे चुदाने में क्या मिला?
उसने कहा- मेरी चुदाई हुई तो मैं समझ गयी कि जो मजा राहुल के लंड में है, वह तुझे आसानी से कहीं नहीं मिलेगा. बस इसलिए मैंने राहुल का साथ दिया.
हालाँकि मेरे मन में चुदने की ख़ुशी ही थी
मैंने कहा- ठीक है, जो भी हुआ अच्छा हुआ.
राहुल बोला- अनु जब भी दिल करे, मेरे पास आ जाना.
मैंने कहा- नहीं, अब नहीं. हो गया एक बार. हर बार नहीं.
वह मुस्कुराया और छवि भी.
फिर उसने कहा- ठीक है, जैसी तुम्हारी मर्जी.
मैंने कहा- तुम अपने बारे में तो बताओ?
उसने कहा- मैं एक बड़ी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ. ये फ्लैट भी मेरा ही है. मेरे साथ रहने वाला एक पार्टनर भी है. वह मेरे साथ रहता है … पर कुछ दिनों के बाद वह चला जाएगा. उसके पास अभी रहने की जगह नहीं है. जैसे ही उसे रहने के लिए जगह मिल जाएगी, वह चला जाएगा. वह भी मेरे साथ जॉब करता है.
फिर मैंने पूछा- संजय से कैसे जान पहचान है?
उसने कहा- मैं पहले उसी का पड़ोसी था. कुछ समय पहले ही उन्होंने नया घर लिया और वे वहां शिफ्ट हुए. मुझे उसने ही बताया था कि वह अपनी गर्लफ्रेंड को चोदने के लिए ला रहा है.
मुझे सारी कहानी समझ में आ गयी.
मैंने कहा- तुम संजय को कुछ मत बताना.
उसने कहा- नहीं बताउंगा.
फिर उसने हम दोनों को हॉस्टल छोड़ा.
राहुल से चुदने के बाद तो क्या ही मस्त नींद आयी … हम दोनों सो गयी.
दूसरे दिन संजय का फ़ोन आया और कॉलेज भी जाना था.
अब मैं भी खुल चुकी थी.
संजय और मैं जब मन में आता है, तब एक दूसरे के साथ सेक्स कर लेते थे.
वह मुझे कॉलेज में भी मौका पाकर छेड़ता रहता था.
कभी मेरी चूची को मसल देता, तो कभी मेरी गांड में चिमटी काट लेता.
कॉलेज में मेरी क्लास के मेरे ग्रुप में सभी के गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड बन चुके थे तो हमारा भी सभी को पता था.
छवि की सैटिंग एग्जाम तक कॉलेज के सीनियर के साथ थी और राहुल के साथ भी.
एग्जाम्स करीब आ रहे थे, पढ़ना भी जरूरी था क्योंकि पहला ही साल था.
इसलिए अब सारी चीजों को दूर कर सिर्फ पढ़ाई में ही मन लगाना था.
बाकी की चुदाई की कहानी अब अगली बार सुनाऊंगी.
आपको मेरी Xxx ओपन सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज़ बताएं.
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