चीटिंग वाइफ इंडियन स्टोरी में पढ़ें कि जब मैं अपने पति से चुद कर बोर हो गयी तो मैंने अन्तर्वासना पर अपने लिए एक नए लंड की खोज की.
मेरे प्यारे दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार।
मैं अंतर्वासना पर बहुत समय से कहानियां पढ़ रही हूं। इस सेक्स कहानी साइट के बारे में मैंने अपनी एक फीमेल फ्रेंड से जाना था।
वह अंतर्वासना पर अपनी कहानियां लिखती है। यहां उसे कुछ बहुत अच्छे नेचर वाले मेल फ्रेंड्स भी मिले जिनके साथ वो कुछ नया कर सकती थी।
उसने ही मुझे अंतर्वासना पर अपनी कहानियां लिखने के लिए प्रेरित किया.
उसी के चलते मैं आज आप लोगों के सामने अंतर्वासना पर अपनी पहली चीटिंग वाइफ इंडियन स्टोरी लिख रही हूं।
इस कहानी को सुनकर मजा लें.
मेरा नाम सोनल है। मैं एक शादीशुदा औरत हूं। मेरी शादी को 3 साल हो गए हैं। इन 3 सालों में हस्बैंड से मुझे जो प्यार मिलना था वह मिल चुका है.
जो शादीशुदा लोग हैं वो जानते हैं कि मेरे कहने का क्या मतलब है.
बाकी सब लोगों की तरह ही वो रोमांस अब मेरी भी शादी में खत्म हो चुका है.
अब बाकी तो मेरी लाइफ बोर ही चल रही थी.
मगर वो कहते हैं ना कि इंसान अपने टाइमपास का तरीका ढूंढ ही लेता है.
ऐसे ही मैंने भी अपने टाइमपास का तरीका अपनी एक फीमेल फ्रेंड के जरिए ढूंढ ही लिया था।
मेरी फ्रेंड ने मुझे अंतर्वासना के बारे में बताया था। उसने मुझे बताया कि अंतर्वासना एक बहुत अच्छी साइट है जहां आप अपना अकेलापन दूर कर सकते हो. वहां तुम्हें बहुत अच्छे दोस्त मिल सकते हैं लेकिन भरोसा जरा सोच समझ कर करना।
जब मैं यहां आई तो मैंने लोगों की कहानियां पढ़ीं तो सच में सेक्स कहानियां पढ़ते हुए सारे जिस्म में एकदम आग सी लग जाती थी।
सच बताऊं तो मुझको सबसे ज्यादा कहानी फीमेल राइटर्स की अच्छी लगी।
उनकी कहानियों को पढ़कर कुछ अपनापन सा फील होता था।
फिर मैंने अंतर्वासना कमेंट बॉक्स में जाकर मैंने कमेंट किया कि मुझसे जिसको बात करनी है वह मुझे मैसेज करे।
ज्यादा टाइम नहीं लगा और मुझे एक रिप्लाई आ गया।
हमारी बातें होने लगीं।
वो एक 38 साल के व्यक्ति थे। उनका नाम सुमित था। वह इंदौर (मध्य प्रदेश) से थे.
मेरी और उनकी बातें होने लगीं. मैंने उन्हें अपने बारे में बताया. उन्होंने मुझे अपने बारे में बताया।
मगर जैसा मुझे मेरी फ्रेंड ने बताया था कि भरोसा जरा सोच समझ कर करना … वह बात हमेशा मेरे दिल और दिमाग में घूम रही थी.
एक बात और कहूं कि सुमित जी इतने अच्छे व्यक्ति लग रहे थे कि मुझे उनकी बातों से उन पर मुझे थोड़ा सा भी संदेह नहीं हो रहा था।
उन्होंने मुझसे कहा- सोना जी, मेरी वजह से आपको कभी कोई परेशानी नहीं होगी. बस मुझे आपसे दोस्ती करनी है. आप जैसा चाहो, मैं करने के लिए तैयार हूं। बाकी आपको जब मुझपर भरोसा हो आप तब बात कर सकती हैं। मैं हमेशा आपके लिए खड़ा हूं. आप मुझे कभी भी याद कर सकती हैं।
हमारी यह सब बातें हैंगआउट पर हो रही थीं।
मुझे भी जब घर के काम से फुर्सत मिलती तो मैं उनसे बात कर लिया करती थी. अपना खाली टाइम उनके साथ ही व्यतीत करती थी।
वो एक भले इंसान थे. वो जब भी मुझसे कहते कि मैं आपके लिए कुछ भी कर सकता हूं तो मुझे बहुत अच्छा लगता था। उन पर भरोसा होता था।
ऐसे ही बात होते होते 3 हफ्ते बीत गए। अब हम एक दूसरे के साथ खुल गए थे। मुझे उन पर पूरा भरोसा हो गया था।
फिर मैंने उनको अपना कांटेक्ट नंबर भी दे दिया। हमारी फोन पर बातें होने लगीं।
एक बार बातों ही बातों में उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे आपसे मिलना है।
मैंने उनसे कहा- आप मुझे सोना क्यों बुलाते हो? मेरा नाम सोनल है।
उन्होंने मुझसे कहा- नहीं, मेरे लिए तो तुम मेरी सोना ही हो. मुझे आपसे मिलना है।
फिर मैं बोली- हम इतनी दूर रहते हैं तो हम कैसे मिल सकते हैं?
वो बोले- मैं आपके लिए कहीं भी आ सकता हूं. आप बताओ कि मुझसे कहां मिल सकती हो?
मैंने कहा- ठीक है, आप दिल्ली आ जाओ. हम मिल सकते हैं।
वो बोले- ठीक है. मैं समय निकालकर दिल्ली आता हूं।
करीब एक हफ्ते बाद उन्होंने मुझसे फोन पर कहा- मैं दो दिन बाद दिल्ली आ रहा हूं।
मैंने उनसे कहा- ठीक है आ जाइए।
फिर मैं बोली- लेकिन हम मिलेंगे कहां?
वो बोले- कोई बात नहीं, आप चिंता न करें. मैं होटल बुक कर दूंगा और आपको उसका पता भी भेज दूंगा.
मैं बोली- जी ठीक है.
कुछ समय के बाद हमारे मिलन का दिन भी आ गया. मेरी तो धड़कनें तेज हो गई थीं।
मेरा चेहरा किसी अजनबी इंसान से पहली बार मिलने पर बार-बार उस पल को सोचकर ही लाल पड़ जा रहा था।
डर तो था लेकिन अंदर कहीं ना कहीं एक उत्सुकता भी थी।
मैं अपने आपको एक साड़ी में लपेट कर उनसे मिलने के लिए होटल में पहुंच गई।
वो मुझे होटल के बाहर लेने भी आ गए।
हम रूम में चले गए।
रूम में जाकर उनके मुंह से बस एक ही शब्द निकला- वाह … मेरी सोना, तुम तो बहुत खूबसूरत हो। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि भगवान मेरी लाइफ में इतनी खूबसूरत मेरी सोना को लेकर आ जाएगा। वो मेरी लाइफ के सबसे अच्छे पल थे जब मेरी तुमसे बात हुई।
वो बोले- मुझे तुम मिल गईं, मुझे ऐसा लगता है कि मुझे पूरा जहां मिल गया।
उनकी ये बातें सुनकर मेरा चेहरा तो शर्म से लाल हुआ जा रहा था.
फिर भी मैंने उनसे कहा- रहने दीजिए … मस्का मत लगाइए।
फिर उन्होंने मुझसे पूछा- तुम क्या लोगी? तुम्हारे लिए क्या ऑर्डर करूं?
मैंने उनसे कहा- आप जो अपने लिए ऑर्डर करो, वही मेरे लिए भी मंगवा लीजिए. दोनों साथ में बैठकर ले लेंगे.
मेरी बात सुनकर उन्होंने कॉफी ऑर्डर कर दी और हमने साथ में बैठकर कॉफी पी।
फिर वे मेरे पास आकर बैठ गए। उन्होंने मेरा हाथ अपने दोनों हाथों के बीच में ले लिया और उसे जोर से दबाने लगे।
वो मेरी आंखों में देखने लगे. मैं भी उनके चेहरे की तरफ देखने लगी।
फिर उन्होंने अपने एक हाथ से मेरे बालों को मेरे कान के पीछे किया और वह मुझे किस करने के लिए आगे बढ़े।
मैंने अपने आपको पीछे खींचने की कोशिश की लेकिन उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया. पकड़ कर फिर उन्होंने मेरे गालों पर किस कर दिया।
मैं उनकी तरफ देख कर मुस्कराने लगी।
फिर एकदम से अचानक से उन्होंने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मुझे किस करने लगे.
उन्होंने मेरे होंठों को अपने होंठों में ले लिया और मेरे होंठों को चूसने लगे।
बहुत अच्छा लग रहा था मुझे!
मेरी साड़ी का पल्लू मेरे कंधे से नीचे गिर गया था और उसमें से मेरे उभरे हुए बूब्स साफ नजर आ रहे थे।
उनके हाथ धीरे-धीरे मेरे कंधे और मेरी कमर पर चल रहे थे।
वह कभी मेरे कंधों पर तो कभी मेरी गर्दन पर और कभी मेरे कानों को अपने मुंह में लेकर चूस रहे थे।
मैंने तो बस अपनी आंखें बंद कर रखी थीं।
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
फिर धीरे-धीरे करके वह मेरे एक एक कपड़े को उतारने लगे और थोड़ी देर में मैं उनके सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में रह गई थी।
मैंने ब्लैक कलर की ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी. मेरा गोरा जिस्म उसमें साफ दिख रहा था।
उसके बाद उन्होंने मुझे बेड की तरफ धक्का दे दिया और मैं बेड पर जाकर सीधे लेट गई. वह मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगे।
मेरे माथे से किस करते हुए मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगे.
फिर मेरी गर्दन पर चूमने लगे और फिर अपने हाथों से उन्होंने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे बूब्स को अपने मुंह में लेकर चूसने लगे. चूसते हुए वो बोबों को दबाने लगे.
उसके बाद वो किस करते हुए अपनी जीभ से मेरे पेट और नाभि पर चूमने लगे.
चूमते हुए वो नीचे जा पहुंचे और फिर उन्होंने अपने हाथों से मेरी पैंटी भी निकाल दी।
मैं पूरी नंगी हो गयी.
वो मेरी चूत को अपने मुंह में लेकर चूसने लगे।
मैंने अपने दोनों हाथों से बेड की चादर को पूरी तरह से जकड़ लिया था क्योंकि मुझसे वह आनंद बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
मैं पागल सी हुई जा रही थी।
मेरे हाथ कब उनके कंधे को दबाने लगे और उनकी कमर को सहलाने लगे मुझे पता ही नहीं चला।
फिर उन्होंने भी अपने कपड़े निकाल दिए और उन्होंने अपना लंड निकाल कर मेरी चूत पर लगाया।
अब वो अपने लंड को धीरे-धीरे करके मेरी चूत में डालने लगे. मैं कभी उनको देखती तो कभी अपनी आंखें बंद कर लेती।
फिर धीरे-धीरे करके उन्होंने पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया।
लंड को चूत में घुसाकर उन्होंने मेरे पूरे जिस्म को अपने आगोश में ले लिया।
वे मेरे पूरे जिस्म पर अपने दोनों हाथ फिराने लगे। कभी मेरे बूब्स को दबाते तो कभी मेरी जांघों को।
वो कभी मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसते और लंड को चूत में घुमाने लगते.
फिर नीचे मेरी चूत में वह जमकर धक्के लगाने लगे.
मेरा पूरा नंगा जिस्म उनके सामने था. वे मेरे कामुक बदन का जमकर भोग लगा लेना चाहते थे।
मैं उनके नीचे थी और वह मेरे ऊपर थे. मैंने अपने पैरों को हल्के से ऊपर उठा रखा था और उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में डाल रखा था।
उनके हर धक्के के साथ मेरे पैरों में पड़ी पाजेब बज रही थी।
वे मेरे बूब्स, मेरे पेट, मेरी नाभि पर अपने दोनों हाथ फिरा रहे थे। बीच-बीच में वो अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लेते थे और मेरे जिस्म को चाटने लगते थे.
मुझे चूमते हुए वो कहने लगे- सोना तुम बहुत खूबसूरत हो … तुम्हें पाकर तो मेरी लाइफ बन गई।
इस बात पर मैंने मुस्कराकर उनको अपनी ओर खींच लिया और अपनी गर्दन पर किस करने का इशारा किया।
वो मेरी गर्दन पर किस करने लगे।
मैं उनके बालों में अपना हाथ फिराने लगी।
नीचे से उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। मेरी चूत ने इतना पानी छोड़ दिया था कि लंड ऐसे ही अंदर चला जाता था।
अब मेरा पानी निकलने वाला था; मैं झड़ने वाली थी. उनका लंड मुझे मेरी चूत में असीम आनंद दे रहा था. पहली बार पराये मर्द से मेरी चूत चुदी थी.
अपने पति की बेरुखी झेलने के बाद पराये मर्द से चुदना मुझे असीम आनंद दे रहा था.
इसी आनंद के चलते मेरी चरम सीमा आ गयी.
मेरा शरीर अकड़ने लगा और मैंने उनसे कहा- और तेज करो!
उन्होंने और तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए और मैं उनके कंधे पकड़े हुए उनकी बांहों में झड़ गई।
वे अभी भी धक्के लगाते रहे.
अब मुझसे उनके धक्के बर्दाश्त नहीं हो रहे थे क्योंकि मजा सिर्फ तभी आता है जब आग दोनों तरफ लगी हो.
मैं तो ठंडी हो गई थी और वे तेज धक्के लगा रहे थे. मैं छटपटाने लगी. दर्द हो रहा था मुझे चूत में और मेरे मुंह से निकल रहा था- छोड़ दो … अब बस … ओह्ह … प्लीज रुका जाओ.
मेरे मुंह से तड़प भरी आवाजें निकलने लगीं. मुझे ऐसे तड़पता देख उनका भी पानी निकलने लगा और उन्होंने अपना सारा वीर्य मेरी चूत में ही छोड़ दिया।
वे मेरे ऊपर लेट गए।
थोड़ी देर बाद जब उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से निकाला तो उनका वीर्य मेरी चूत से निकलकर मेरी जांघों पर बहने लगा।
मैंने उसको एक कपड़े से साफ किया और फिर मैंने अपने साड़ी पहन ली।
मैंने उनसे कहा- अब मैं जाती हूं।
उन्होंने मुझसे रुकने के लिए रिक्वेस्ट की तो मैंने उन्हें अपने घर की प्रॉब्लम बताई कि मैं ज्यादा देर नहीं रुक सकती.
वो बोले- ठीक है सोना … मैं तुम्हारे लिए दोबारा फिर बहुत जल्दी आऊंगा.
तो दोस्तो, जब उस दिन हम पहली बार मिले तो हमारे बीच में इतना ही सब कुछ हुआ था जो मैंने आपको बताया. इससे ज्यादा कुछ भी नहीं हुआ था.
यह एक सच्ची कहानी थी जो मैं आप लोगों के सामने बयां कर रही थी. मैं अंतर्वासना पर कहानियां पढ़ती रहती हूं. मुझे कुछ ही कहानी अच्छी लगती हैं जिनमें एकदम रियल फील होता है. वरना बाकी कहानी को तो पढ़कर अलग से ही पता चल जाता है कि यह कहानी काल्पनिक है।
फिर मैं अपने उस दोस्त से दोबारा भी मिली और फिर हमारे मिलने पर क्या क्या हुआ मैं आपको इस कहानी के अगले भाग में बताऊंगी.
अबकी बार हम एक दूसरे से ज्यादा खुल गए थे तो हमारे बीच में जो सेक्स हुआ वह भी बहुत मजेदार था.
आप लोगों को मेरी चीटिंग वाइफ इंडियन स्टोरी कैसी लगी मुझे ईमेल और हैंग आउट पर मैसेज करके जरूर बताएं। मैं आपके ईमेल का रिप्लाई करने में लेट हो सकती हूं लेकिन मैं रिप्लाई जरूर करूंगी.
मेरी ईमेल आईडी है [email protected]