आंटी और उनका सौतेला बेटा- 2 (Madarchod Ladke Ki Kahani)

मादरचोद लड़के की कहानी में मैंने अपने पड़ोस की आंटी को उनके सौतेले बेटे से चुदवा दिया. मैं भी उस मां चोद लड़के के लंड को अपनी चूत में लेकर मजे करती थी.

कहानी के पिछले भाग
आंटी को फैमिली सेक्स के लिए मनाया
में अपने पढ़ा कि मैं पड़ोस वाली आंटी को उनके सौतेले बेटे से चूत चुदवाने के लिए तैयार कर चुकी थी.

अब आगे मादरचोद लड़के की कहानी:

मैं घर के बाहर ही खड़ी थी.
मैंने देखा कि एक बाइक वाला आया, बाइक साइड में लगाया और जल्दी से आंटी के घर घुस गया।

उस आदमी को इससे पहले मैंने कभी नहीं देखा था।
मेरे मन में यही चल रहा था कि ये आदमी कौन है और यह इस तरह आकर घर में क्यों घुस गया; जैसे वह निखिल के जाने का ही इन्तज़ार कर रहा हो।

तो पता करने के लिए मैं आंटी के घर के लिए निकली।
अंदर जाकर देखा तो मुख्य दरवाजा भी अंदर से लॉक था।
मैं समझ गई कि जरूर यह कोई आंटी का आशिक है जो आज आंटी की चुदाई करने आया है।

मैंने डोरबेल बजाई.
कुछ देर और डोरबेल बजाने के बाद आंटी ने दरवाजा खोला.
मैं उन्हें कुछ बोले बिना ही अंदर घुस गई.

मैंने देखा कि आंटी ने नाइटी पहनी हुई थी.
तब मैंने आंटी से पूछा- आपके घर कोई मेहमान आया है क्या? बाहर बाइक खड़ी है और यहाँ तो कोई दिखाई दे नहीं रहा?

आंटी मुझे अंदर आने से रोकने लगी थी पर मैं नहीं मानी और उनके कमरे के तरफ अंदर चली गई अंदर का नज़ारा देख कर मैं थोड़ा चौंक गई.
जो आदमी बाइक से आया था, वह बिस्तर पर नंगा लेटा हुआ था, उसका लंड एकदम खड़ा हुआ था.

मुझे देख कर वह भी चौंक गया और अपने आप को चादर से ढकने लगा।

मैं आंटी से बोली- आंटी, ये कौन है?
आंटी- तुम यहाँ क्यों आई हो? कोई काम हो तो बताओ, नहीं तो जाओ, बाद में आना।
मैं- ओह्ह सॉरी आंटी, मैंने आपको डिस्टर्ब किया. मुझे नहीं पता था कि आप चुदाई करवा रही हो.

मैं आंटी के पास गई और उनकी नाईट उतार दी.
फिर उन्हें मैं उस आदमी के ऊपर धक्का देकर बोली- आप लोग कंटिन्यू करो, मैं चलती हूँ.
यह बोल कर मैं कमरे से बाहर निकल गई।

फिर मेरे दिमाग में एक आईडिया आया कि क्यों न इनकी चुदाई का एक वीडियो बना लिया जाए।
तो मैंने मोबाइल से आंटी और उस आदमी की चुदाई का वीडियो बना ली।

यह वीडियो मैंने निखिल को भेज दी और उसे बताया कि अब वो मौका आ गया है जब तुम अपनी सौतेली माँ की चुदाई करोगे।
फिर मैंने निखिल को पूरा प्लान बताई कि कैसे और क्या करना है।

मैं निखिल को बोली- तुम्हें यह वीडियो दिखा कर अपनी माँ को थोड़ा ब्लैकमेल करना होगा। ऐसा करने से वह तुमसे जरूर चुदवा लेगी क्योंकि कहीं न कहीं वो भी चुदाई करवाना चाहती जरूर है।

दो दिन बाद निखिल की वापसी थी।
मैं आंटी के ही घर थी जब निखिल आया!

हमने पहले ही सब प्लान बना लिए थे कि कैसे और क्या करना है।

निखिल आते ही अपने कमरे में चला गया.
आंटी और मैं हॉल में बैठ हुए थे।

कुछ देर बाद वह कमरे से बाहर आया।
आकर उसने आंटी से कहा- मुझे आपसे कुछ बात करनी है.
आंटी ने कहा- हाँ निखिल, बोलो क्या बात है?

उसने अपना मोबाइल निकाला और उसमें मैंने जो उसे वीडियो भेजी थी, वो वीडियो ऑन कर के आंटी को दिखाकर बोला- ये सब क्या है मम्मी?
आंटी थोड़ा सहमती और हकलाती हुई- ये ये …

निखिल- ये सब क्या चल रहा है मम्मी? ये आदमी कौन है? और आप इसके साथ चुदाई करवा रही हो?
आंटी- ये वीडियो तुमने कब बनाया?
निखिल- मैं अपने लैपटॉप का चार्जर घर पर भी भूल गया था और जब मैं उसे लेने घर वापस आया तो मैंने देखा आप इस आदमी से चुदवा रही थी. मैं उसी टाइम आपको बोलता … पर मेरी फ्लाइट का टाइम हो रहा था तो मैं कुछ बोल नहीं पाया और आपका ये वीडियो बना लिया। बोलो मम्मी, यह आदमी कौन है और क्या पापा को इस सब के बारे में पता है?

आंटी- नहीं बेटा, तुम्हारे पापा को कुछ नहीं पता। तुम मुझे माफ़ कर दो और प्लीज़ तुम अपने पापा को इस सब के बारे में मत बताना।
निखिल- अच्छा ठीक है मैं पापा को कुछ नहीं बताऊंगा. पर मेरी एक शर्त है।
आंटी- हाँ बेटा बोलो, तुम्हारी क्या शर्त है तुम्हारी जो भी शर्त होगी, मुझे मंज़ूर होगी।

निखिल- तो फिर ठीक है. जिस तरह अपने उस आदमी से चुदाई करवाई थी, उसी तरह आपको मेरे साथ भी चुदाई करनी होगी।
आंटी- यह तुम क्या बोल रहे हो निखिल! ये कैसे हो सकता है मैं तुम्हारी माँ हूँ। तुम ही कुछ बोलो रोमा उसे … ये कैसी बात कर रहा है।

मैं थोड़ा नाटक करती हुई- हाँ निखिल, तुम यह क्या बोल रहे हो, ये तुम्हारी माँ है।

निखिल- हाँ मुझे पता है कि ये मेरी माँ हैं. पर ये मेरी सौतेली माँ है बाकी मैं कुछ नहीं जानता. मैंने कई बार इन्हें पापा से चुदवाते देखा है. वो तो ठीक था. पर जब ये बाहर के गैर मर्दों से भी मेरे ही घर में चुदवा सकती है तो फिर मैं क्यों नहीं इन्हें चोद सकता? मैं कुछ नहीं जानता मुझे तो बस मेरी माँ चोदनी है। नहीं तो ये वीडियो मैं पापा को दिखा दूंगा।

आंटी हिचकिचाती हुई- पर …
मैं- आंटी, अब आप भी ज्यादा शर्माइये मत … आप भी तो कहीं न कहीं ये चाहती ही थी। और रही बात सौतेले बेटे की … तो अब आप निखिल को अपना बेटा बना लीजिए उसे अपनी कोख में लेकर और दूध पिला कर!

चलो निखिल जिस तरह बच्चा जब पैदा होता है तो वो नंगा होता है, उसी तरह तुम अब जल्दी से नंगे हो जाओ और आंटी आप एक नाईट गाउन पहन कर आ जाओ. और जिस तरह औरत की डिलिवरी होती है उस पोजीशन में लेट जाओ.
तो आंटी गाउन पहनने चली गई।
और मैं निखिल को नंगा करने लगी।

आंटी के आने तक मैं निखिल को नंगा कर चुकी थी.
तभी आंटी आकर सोफे पर पोजीशन लेकर लेट गईं।

निखिल का लंड अभी खड़ा नहीं था तो मैं उसे मुँह में लेकर चूसने लगी।

धीरे धीरे निखिल का लंड खड़ा हो गया और अपने पूरे आकार में आ गया।

मैंने आंटी के गाउन को उनकी कमर तक सरका दिया।

आंटी ने काली पेंटी पहनी हुई थी.
निखिल ने पहले तो कुछ देर आंटी की चूत पेंटी के ऊपर से ही देखी फिर उनकी पैंटी को उतार दिया।

मैं निखिल को बोली- निखिल, जिस तरह एक बच्चा माँ की कोख से निकलता है, तुम तो चूत से अब निकल नहीं सकते. पर तुम अपना लंड चूत में डाल कर अपनी माँ की कोख में प्रवेश करो।

मेरी बात सुनते ही निखिल ने अपना खड़ा लंड आंटी की चूत पर रख दिया और लंड को अंदर धकेलने लगा.
आंटी की चूत बेटे के लंड का स्पर्श पा कर पूरी गीली हो गई।

3-4 धक्कों में ही निखिल का लंड आंटी की चूत में समा गया।
आंटी जोर जोर से चिल्लाने लगी.
डिलिवरी के टाइम जिस तरह औरत चिल्लाती है, ठीक वैसे ही चिल्लाने लगी.
और निखिल भी पूरे जोश में लंड अंदर बाहर करने लगा।

फिर मैंने निखिल को आंटी की चूत में से लंड बाहर निकालने को कहा तो उसने निकाल दिया.

तब मैंने आंटी को मुबारकबाद दी- आंटी मुबारक हो, आपको 25 साल का नौजवान बेटा हुआ है।
आंटी काफी खुश लग रही थी।

तभी निखिल किसी नये जन्मे बच्चे की तरह रोने लगा।

मैंने आंटी से कहा- आंटी, आपका बच्चा रो रहा है आप इसे अपना दूध पिलाइये.

अब मैं निखिल को बोली- तुम आंटी को गोद में उठा लो और कमरे में चलो!
तो निखिल ने वैसा ही किया और हम कमरे कमरे में आ गये।

आंटी बिस्तर पर बैठ गई.
अब निखिल ने आंटी का गाउन भी उतार दिया और उनकी गोद में लेट गया.

आंटी के एक उरोज को वह अपने मुँह में लेकर चूसने लगा जैसे छोटे बच्चे की तरह दूध पी रहा हो.
और दूसरे हाथ से वह आंटी के दूसरे स्तन को दबाने लगा।

उन दोनों को इस हालत में देख मेरे अंदर भी कामवासना जागने लगी.
तो मैं उन दोनों के पास गई और मैं निखिल के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी।

कुछ देर तक बूब्स से दूध पीने के बाद निखिल ने आंटी को बिस्तर पर चित लिटा दिया और आंटी की टांगों को फैला कर बीच में बैठ कर उनकी चूत को चूम कर बोला- आह हहह मम्मी, आपकी चूत तो बहुत लाजवाब जबरदस्त और गर्म है।

निखिल ने कुछ देर अपनी मम्मी की चूत को चाटा और फिर अपना लंड उनकी चूत पर रख कर बोला- मम्मी, अब देखो अपने बेटे की चुदाई का कमाल!
और एक धक्का लगाया.
तो निखिल के लंड का सुपारा फिर से आंटी की चूत में घुस गया।

कुछ देर रूक कर निखिल ने फिर से एक जोरदार धक्का लगाया और इस बार निखिल का आधा लंड आंटी की चूत में घुस गया और आंटी अहह अहह की सिसकारी के साथ मजे लेने लगी।

मैं माँ बेटे की चुदाई देखकर मजे ले रही थी.
आखिर मैंने माँ बेटे की चुदाई करवा दी थी।

निखिल आंटी के बूब्स मसलते हुए फिर से धक्के लगाने लगा और इस बार निखिल का पूरा का पूरा लंड आंटी की चूत में घुस गया।

फिर निखिल आंटी के बूब्स मसल कर होंठ चूम कर बोला- मम्मी, अब तुम्हारी चूत का काम तमाम हो गया है. अब तो बस आपको मजे ही मजे आएंगे!
और उसने अपना लंड सुपारे तक बाहर निकाल कर एक ही झटके में अपना पूरा लंड आंटी की चूत में घुसा दिया।

आंटी फिर से जोर से चिल्लाई.
और अब आंटी को और भी ज्यादा मजा आने लगा।
आंटी भी अपनी गांड उछालने लगी और निखिल भी चूत में धक्के लगाने लगा।

फिर आंटी अपनी गांड उठा कर बोली- उउउ ऊऊऊ अहह … बेटा चोदो … अपनी माँ की चूत चोदो।

निखिल आंटी की बात सुनकर और जोश में आ गया और जोर जोर से आंटी की चुदाई करने लगा।

आंटी भी निखिल का साथ देते हुए नीचे से अपनी गांड उठा कर अअअ आआ उउ उऊऊ ऊओ ओओहह … जोर से … और जोर से … आआ आहहह … बहुत मजा आ रहा है. चोदो मुझे जोर से … और मेरी चूत से पानी निकाल दो।

कुछ देर बाद निखिल ने आंटी को घोड़ी बनने के लिए कहा।
तो आंटी तुरंत ही घोड़ी बन गई.

फिर निखिल ने पीछे से अपना लंड आंटी की चूत में डाल दिया और धक्के मारने लगा।
बीच बीच में वह जोश में आकर आंटी की गांड पर अपने हाथ से थप्पड़ भी मर रहा था जिससे थप्पड़ की और उन दोनों की सिसकारियों की आवाज़ पूरे कमरे पर गूंजने लगी थी।

काफी घमासान चुदाई के बाद निखिल बोला- मम्मी, मेरे लंड का पानी निकलने वाला है!
तो आंटी ने कहा- बेटा, अपना लंड मेरे मुँह में दे दो, मैं तुम्हारे लंड का सारा वीर्य पीना चाहती हूँ।

निखिल ने लंड को चूत में से निकाल दिया और आंटी के मुँह में डाल दिया.
कुछ ही देर में निखिल का सारा वीर्य निकल गया और आंटी का पूरा मुँह निखिल के वीर्य से भर गया।

अब दोनों माँ बेटे काफी थक चुके थे.
मेरा काम भी पूरा हो चुका था, मैं उन दोनों को चुदवा चुकी थी।

फिर हम तीनों ने कुछ देर आपस में बातें की और फिर मैं अपने घर गई.

बाद में निखिल ने मुझे बताया कि उसने मेरे जाने के बाद, एक बार और अपनी माँ की चुदाई की थी।

घर आकर मैं मन ही मन सोचने लगी कि आज तो चुदाई का एक अलग ही मज़ा आया है.
आज मैंने एक माँ को उसके बेटे से ही चुदवा दी।

यह चुदाई का अनुभव भी अलग ही था।
मादरचोद लड़के की कहानी आपको कैसी लगी?
मुझे इमेल और कमेंट्स में बताएं.
[email protected]

मादरचोद लड़के की कहानी से आगे की कहानी:

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