कहानी का पिछला भाग : किस्मत खुली, चूत फटी-1
ओए-होए..क्या चूत थी..! उसकी पतली-पतली फाँकें, रेशमी झांटों के बीच में ऐसे दिख रही थीं, जैसे फूल की कली..!
मैंने पहली बार चूत इतने नजदीक से देखी थी, चूत पूरी गीली थी, मैंने चाट-चाट कर साफ कर दी।
जैसे ही मैंने अपने होंठ चूत पर रखे, अनिता के मुँह से मीठी सी आह निकली।
मैं उसकी चूत चाटता जा रहा था और वो आह..आह किए जा रही थी।
मैं अनिता की चूत चाटते जा रहा था। मैंने अपनी पूरी जीभ चूत मैं डाल दी और अन्दर गोल-गोल घुमाने लगा। अनिता की मीठी-मीठी आवाजें मुझे मदहोश कर रही थीं और मैं चूत चूसे जा रहा था। उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने उस मस्त रस को चाट कर साफ कर दिया।
अब मैंने अनिता को उठाया और बेड पर बिठाया और मैंने अपना लंड चूसने का इशारा किया, तो उसने मेरा लंड हाथ में लिया और हिलाना शुरु किया। फिर दोनों होंठों के बीच में लेकर अपनी जीभ सुपारे पर चलाने लगी। मुझे मजा आने लगा, धीरे-धीरे उसने पूरा लंड मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
मुझे बहुत मजा आने लगा। पहली बार कोई मेरा लंड चूस रहा था। ऐसे लग रहा था जैसे मैं जन्नत में घूम रहा होऊँ।
करीब 5-7 मिनट चूसने के बाद मेरा वीर्य उसके मुँह में ही छूट गया और वो नमकीन मलाई जान कर पूरा पी गई।
इधर मैं अपने हाथों से उसके मम्मे दबा रहा था और अनिता मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर खेल रही थी।
मैंने अनिता को फिर से लिटा दिया, मैं उसके ऊपर चढ़कर उसे चूमने लगा। जोर-जोर से मम्मे दबाने लगा, चूसने लगा, उसके निप्पल को दाँत में लेकर हल्के से काटने लगा, उसके मम्मे मुँह में भर कर चूसने लगा।
अनिता अब बहुत गर्म हो चुकी थी, नीचे मेरा लंड उसके हाथ में झटके मारने लगा था, मैं गर्म हो चुका था।
मैं अनिता को चूमते हुए उसकी नाभि पर आया, नाभि पर जीभ रखते ही उसकी आह निकली। फिर मैं वापस उसकी चूत पर आया और फिर से चूसने लगा।
कभी-कभी वो चहक उठती, मैं उसे ज्यादा गर्म करना चाहता था क्योंकि जब मेरा लंड उसकी चूत में जाए तो उसको ज्यादा दर्द ना हो।
अब अनिता पूरी तरह गर्म हो चुकी थी, उसकी आह… आह.. ऊ…ऊ.. की आवाजों से कमरा गूँज रहा था। अब अनिता को भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था।
वो फक मी…फक मी.. प्लीज फक मी…! कर रही थी।
मुझे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने झट से मेज पर से क्रीम की शीशी ली और अपने लंड पर और उसकी चूत पर भरपूर क्रीम लगा ली।
मैंने उसकी दोनों टांगें खोलीं और अपना साढ़े पांच इंच लंबा और दो इंच मोटा लंड चूत के मुँह पर रखा। अपने दोनों हाथों से अनिता के हाथ पकड़े और एक जोर का झटका मारा। मेरा आधे से कम ही लंड अन्दर गया और दर्द होने से अनिता के मुँह से लंबी चीख निकली।
मैंने अपना मुँह अनिता के मुँह पर रख दिया जिससे उसकी चीख मेरे मुँह में रह गई पर उसकी आँखों में से आँसू बह रहे थे।
मैं थोड़ी देर रुक गया। अब अनिता का दर्द कम हो गया था। मैंने अब पूरी ताकत से जोर का झटका मारा। मेरा लंड चूत फाड़ते हुए पूरा अन्दर चला गया।
अनिता को अब ज्यादा ही दर्द हुआ था। इस बार मैंने अपना हाथ अनिता के मुँह पर दबा दिया। वो झटपटाने लगी पर मैंने अपना पूरा भार उसके बदन पर डाल दिया था। मेरे लंड में भी मीठा सा दर्द हो रहा था और अनिता के चूत से खून निकल रहा था। मैं समझ गया था कि अनिता की सील टूट गई है।
अब अनिता का दर्द भी कम हो गया था, मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरु किए, अब अनिता भी मजे ले रही थी। उसकी ‘आह..आह..’ की सिसकारियों से मैं खुश हो रहा था।
अब अनिता मेरे धक्कों का जवाब गांड उठा-उठा कर दे रही थी, साथ ही ‘आह..आह’ की आवाज निकालते हुए कह रही थी- जोर से आह.. जोर से ऊऊ..!
मैं लगातार जोर-जोर धक्के मार रहा था, वो मेरे हर धक्के जवाब देने लगी।
अब उसका बदन अकड़ने लगा था, उसने मुझे अपने ऊपर दबोच लिया और मेरी पीठ पर उसके नाखून चुभने लगे।
अनिता का पानी छूट गया था और अब मैं भी छूटने ही वाला था। मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और पांच-छह धक्कों के बाद मैं भी उसके चूत में छूट गया और अनिता के ऊपर लेट गया।
थोड़ी देर बाद होश आया तो देखा कि लंड में थोड़ा दर्द हो रहा है और अनिता मेरे बाल सहला रही थी।
मैंने अनिता को चूम लिया उसने भी मुझे चूमा और ‘आई लव यू’ कहा साथ ही कहने लगी- विशु आज बहुत मजा आया..!
मजा तो मुझे भी बहुत आया। मैं बहुत खुश था कि मैंने अनिता की सील फाड़ी।
मैंने अनिता को उठाया और बाथरूम में ले गया। हम दोनों ने साथ में नहाया। मैंने उसकी चूत साफ की और उसने मेरा लंड।
अब हम नहा कर आए तो देखा बेड पर कि चादर पर खून के दाग थे, उसे अनिता ने साफ किया।
उस दिन के बाद मैंने अनिता को खूब चोदा उसकी गांड भी मारी, यह मैं आपको बाद में बताऊँगा।
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरे लाईफ की पहली सच्ची चुदाई।
मुझे मेल करके बताइए।
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