देसी गर्ल मैरिज सेक्स का मजा ना ले सकी. उसका पति नपुंसक था। उनका तलाक हो गया। लड़की की चूत प्यासी थी, चुदी नहीं थी। फिर वह कैसे कली से फूल बनी?
दोस्तो, मेरा नाम अन्नु है, मैं राजस्थान के एक छोटे से शहर से हूँ। मेरी लम्बाई पांच फीट है।
मेरा बदन भरा हुआ और दूध जैसा गोरा है। मेरा गदराया बदन किसी का भी इमान खराब कर दे। मैं प्रोफेशनल वकील की प्रैक्टिस करती हूँ।
यह मेरी सच्ची देसी गर्ल मैरिज सेक्स कहानी है।
जब मेरी उम्र मात्र 18 वर्ष थी, मेरे पापा ने मेरी शादी कर दी।
पति एक दुकान में कार्य करता था।
मैं बहुत भोली थी, गृहस्थ जीवन के बारे में, मैरिज सेक्स के बारे मुझे ज्यादा पता नहीं था।
मुझे किसी ने गृहस्थ जीवन के बारे में कुछ नहीं बताया था।
शादी के दिन मेरे पति दूध पीकर सो गए और मैं भी सो गई।
कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा।
मेरी सास मुझे खुशखबरी देने के बारे में कहकर छेड़ती रहती थी।
लेकिन धीरे धीरे छेड़खानी गुस्से में बदलने लगी।
शादी के सात महीने के बाद मेरी मां भी परेशान होने लगी और बच्चे के बारे में बात घुमाकर पूछने लगी।
लेकिन मैं इन सब बातों से अन्जान थी।
जब मेरी एक सहेली की शादी हुई तो उसने अपनी पहली रात के मैरिज सेक्स बारे में बताया कि उसके पति ने उसके साथ क्या क्या किया।
तब इस बारे में मैंने अपने पति को बताया।
मेरे पति ये बातें जानते थे लेकिन नपुंसक होने के कारण वो सेक्स करने में असमर्थ थे।
फिर मैंने अपनी सहेली से सेक्स के बारे में जानकारी मांगी तो उसने मोबाईल पर कुछ पोर्न फिल्म भेज दी।
घर का काम निपटाने के बाद मैं पोर्न फिल्म को देख रही थी।
पोर्न फिल्म में अंग्रेजन लड़की को एक हब्सी अपना लिंग चुसवा रहा था.
और बाद में वह हब्सी उस गोरी लड़की की चूत को जीभ से चाट रहा था।
वह सिसकारियां ले रही थी।
थोड़ी देर बाद में उस हब्सी ने अपना काला, मोटा 9 इंच का लंड उसकी चूत में पेल दिया।
यह सीन देखने पर मेरा हाथ कपड़ों के ऊपर से ही मेरी चूत के पर फिसलने लगा।
मेरा दूसरा हाथ चूचियों पर था।
मेरा शरीर पत्ते की तरह कांपने लगा।
मेरे उरोज पत्थर जैसे सख्त हो गए।
मेरा शरीर अकड़ रहा था और मेरी चूत ने पानी का फव्वारा छोड़ दिया।
मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था। किन्तु ये अहसास बहुत अच्छा था।
कुछ देर बाद मुझे मेरा शरीर बहुत हल्का लग रहा था।
रात होने पर वो फिल्म मैंने पति को दिखाई लेकिन उन पर नंगी फिल्म का कोई असर नहीं हुआ।
मैंने पति का पजामा निकालने की कोशिश की।
लेकिन उन्होंने वो पजामा निकालने नहीं दिया।
जब मैंने थोड़ा जोर लगाया तो उनके पजामे समेत अंडरवियर भी निकल गया।
मैंने उनका सोया लिंग चूसना शुरू कर दिया जैसे कि मैंने फिल्म में देखा था।
लेकिन काफी देर बाद भी लिंग में तनाव नहीं आया।
फिर मैंने उनसे चूत चाटने को कहा।
चूत चाटने पर मेरा शरीर कांपने लगा और थोड़ी देर में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
मुझे पहली बार इतना अच्छा अहसास हुआ।
अब मेरे पति ने अपने कपड़े पहन लिए और पलट कर सो गए।
मैं भी लेट गई।
किन्तु थोड़ी देर बाद मेरे शरीर में फिर से आग लगने लगी।
लेकिन अब मैं जान चुकी थी कि शादी का सही अर्थ क्या होता है.
और मैं यह भी जान गई कि मेरा पति नपुंसक है।
मेरा पति मुझे मां नहीं बना सकता था।
मुझे सेक्स का सुख किसी और से ही लेना होगा, यह बात मेरे मन में आने लगी थी।
अपने पति की नाकामी की बात मैंने अपनी मां को बताई।
उसके बाद मेरी मां ने मेरा वहां से तलाक करवाना ही उचित जाना।
फिर मेरा तलाक हो गया।
मेरे पति से जो पैसा मिला उससे मैंने एलएलबी में एडमिशन ले लिया।
इस दौरान मौहल्ले में रहने वाले एक गुंडे टाइप लड़के से मुझे प्यार हो गया।
वह दिखने में बहुत स्मार्ट था लेकिन बहुत आवारा किस्म का लड़का था।
उसका नाम अजीत था।
हम दोनों काफी समय से फोन पर बातें कर रहे थे।
एक दिन वो मुझे अपनी कार में घुमाने ले गया।
उसने कार शहर से बाहर एक सुनसान रास्ते पर ले ली।
फिर रास्ते में एक तरफ एक पेड़ की आड़ में गाड़ी खड़ी कर दी।
वह बोला- अन्नु मेरा आज बहुत मन कर रहा है।
मैंने कहा- तो मैंने कब रोका है।
वो बोला- लेकिन पहले मुझे लंड चुसवाना है!
यह कहकर उसने अपना लंड अपनी पैंट से बाहर निकाल लिया।
मैंने देखा कि उसका लंड मेरे पति के लंड से बहुत बड़ा था।
तब मैंने झट से लंड को अपने हाथ में लिया और ऊपर नीचे करने लगी।
चूंकि लंड सूखा था तो दर्द कर रहा था।
इसलिए उसने लंड को मुंह में लेने के लिए कहा।
मैंने फिर लंड के सुपारे को हाथ से पौंछा और फिर लंड को मुंह में भर लिया।
उसका लंड पूरे आकार में आ गया; लंड लगभग 7 इंच बड़ा हो गया।
उसका लंड बहुत बड़ा था और मेरे मुंह में भी नहीं आ पा रहा था।
लेकिन मैं उसका लंड जैसे खा जाना चाहती थी।
मेरे मुंह की गर्मी को उसका लंड बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसने जोर लगाकर लंड को गले तक फंसा दिया।
इतने में जोरदार पिचकारी मेरे गले में लगने लगी।
उसका वीर्य मेरे मुंह में चला गया।
वीर्य मुंह में छोड़ने के लिए वो मुझसे माफी मांगने लगा।
मैं बोली- गुड़ खाओ तो गुलगुलों से परहेज नहीं करना चाहिए।
उसको समझ आ गया कि उसका पाला एक गर्म माल से पड़ा है।
मैंने उसको चूत चाटने के लिए कहा तो उसने मेरी चूत के भग्नासा को चाटना शुरू कर दिया।
वह मेरी चूत को चुभलाने लगा और मैं इतनी गर्म हो गई कि दो मिनट में ही ढेर हो गई।
मेरी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया।
हम एक दूसरे का पानी निकाल चुके थे लेकिन जब तक लण्ड और चूत का मिलन ना हो प्यास अधूरी रहती है।
थोड़ी ही देर में अजीत के लण्ड में तनाव आना शुरू हो गया।
मैंने उसके लंड को मुंह में भर लिया और लार से लबालब कर दिया।
अब वह पूरे जोश में था।
उसने मेरे दोनों पैर अपने कन्धे पर रखे और अपने लण्ड को मेरी चूत पर रखा, फिर अंदर की ओर धक्का दे दिया।
उसका लंड फिसल कर साइड हो गया।
अजीत खुश हो गया कि उसको आज एक सीलपैक चूत चोदने को मिल रही है।
वैसे भी मर्दों को चूत की सील तोड़ने में जो खुशी मिलती है उसका आनंद तो वे ही बता सकते हैं।
फिर उसने अपने लण्ड को दोबारा मेरी चूत पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा जिससे लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ आधा घुस गया।
दर्द के मारे मेरी चीख निकलने वाली थी कि उसने अपने होंठों से मेरे होंठों को भींच दिया।
मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे।
लेकिन मर्द को जोश चढ़ता है तो वो औरत की चूत को जंग का मैदान समझ लेता है और वार करने के सिवाय उसे कुछ नहीं सूझता।
मेरे दर्द के बावजूद वो मेरी चूत में धक्के मारने लगा।
उसका लंड मेरी चूत को गहराई तक भेद चुका था।
मैं दर्द से कराहने लगी और उसने लंड के धक्कों की बौछार करना शुरू कर दिया।
उसे मैं गाली दे रही थी- मादरचोद … मेरी चूत फाड़ दी है तूने, बहुत दर्द हो रहा है … आईई … भोसड़ी के … लंड निकाल ले चूत से … आह मर गई रे … आईई।
मैं उसे गाली देती तो उसका जोश और ज्यादा बढ़ जाता था।
वह और ज्यादा तेजी से चोदने लगता था।
फिर कुछ देर बाद मेरी चूत का दर्द जैसे गायब होने लगा और मुझे मजा आने लगा।
अब मैं भी नीचे से धक्के लगाने लगी थी।
मेरी चूत से फच फच की आवाज आने लगी थी।
मैं फिर से अजीत को गालियां देने लगी थी- आह्ह … साले कुत्ते … फाड़ दे अगर मर्द का बच्चा है तो … चोद दे … आह्ह … असली मर्द है तो शांत कर दे इसकी गर्मी।
वह मेरी गालियां सुनते हुए तेजी से धक्के लगाए जा रहा था और मेरी चूत का कबाड़ बनाए जा रहा था।
मेरा शरीर अकड़ रहा था।
मैंने अजीत को कस कर भींचना शुरू कर दिया और मेरी चूत से तभी पानी बह निकला।
मेरा शरीर ढीला पड़ने लगा लेकिन अजीत मुझे चोदे जा रहा था।
उसका वीर्य अभी निकलता नहीं लग रहा था।
मेरी चूत दर्द करने लगी थी।
अब मर्द का वीर्य जब तक न निकले तो भला वह कैसे रुक सकता है।
फिर उसने मुझे कुतिया बना लिया और एक झटके में लंड को पेल दिया।
अब उसका लण्ड मेरी बच्चेदानी से टकरा रहा था।
उसकी हर चोट से मुझे अन्दर तक दर्द हो रहा था।
अब मैं अजीत से लण्ड निकालने की मिन्नतें करने लगी।
लेकिन वह नहीं रुक रहा था।
अचानक वह गालियां देने लगा- अन्नु … मेरी रंडी … चूत फाड़ दूंगा तेरी … मेरी रंडी बनकर रहेगी तू … तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा साली … तेरी बहन को चोदूं … तेरी मम्मी को चोदूं साली छिनाल!
इस तरह चोदते हुए वो अचानक से कांपने लगा और उसका वीर्य मेरी चूत में गिरने लगा।
ऐसा लगा मानो गर्म गर्म लावा मेरे शरीर में प्रवेश कर रहा हो।
मेरी जीवन की ये पहली चुदाई थी, और बहुत ही जबरदस्त चुदाई थी।
उसके बाद अजीत ने मुझे कई बार चोदा।
फिर मेरी एलएलबी पूरी हो गई।
मैं उदयपुर में आ गई और यहां के एक वकील वीरभान की जूनियर बनकर प्रैक्टिस करने लगी।
वीरभान 48 साल के हट्टे कट्टे, तगड़े और रौबदार व्यक्तित्व के इंसान थे।
एक दिन वे मुझे अपने साथ क्लाइंट के यहां ले जाने के लिए कहने लगे।
मैं कार में बैठ ली और आधे घंटे में हम वहां जा पहुंचे।
वो घर किसी विक्रम सिंह नाम के शख्स का था।
वह आदमी 6 फीट से भी 2-3 इंच लंबा था।
इसलिए घर में दरवाजे भी सामान्य से थोड़े ऊंचे बनाए गए थे।
विक्रम सिंह ने मेरे सर को फाइल दी।
सर ने सरसरी निगाह से फाइल को देखा और फिर मुझे पकड़ा दी।
इतने में विक्रम सिंह तीन गिलास लेकर आ गया।
उसने व्हिस्की के तीन पटियाला पैग बना लिए।
एक पैग उन्होंने मेरी ओर किया तो मैंने मना कर दिया।
फिर सर और विक्रम सिंह ने अपने पैग खत्म किए।
विक्रम सिंह बोला- सर आप फाइल पढ़िए, मैं आधे घंटे में आता हूं, मुझे जरूरी काम है।
अब वहां पर हम दोनों ही रह गए थे।
सर ने मेरे वाला पैग भी खाली कर दिया।
मैं बाथरूम में मूतने गई तो सर ने मेरे पीछे से कमरे की चटकनी लगा दी।
मैं वापिस आई तो दरवाजा बंद देखा.
मैंने सर से कुछ नहीं कहा और चटकनी खोलने लगी।
लेकिन चटकनी मेरे से कुछ ज्यादा ही ऊंचाई पर थी; मेरी कोशिश बेकार हो गई; उछल कर भी मेरा हाथ वहां नहीं पहुंच रहा था।
इतने में सर ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरे कपड़े खोलने लगे।
मेरे कपड़े उतार कर वे भी अंडरवियर में हो गए।
उन्होंने मुझे बेड पर पटक दिया।
फिर वे मेरे ऊपर आ गए।
उन्होंने अंडरवियर भी उतार दिया।
मैंने उनका लंड देखा।
सर का लंड ज्यादा लंबा तो नहीं था लेकिन मोटा बहुत था।
वे अब कुत्ते की तरह मेरे बदन को चाटने लगे।
सर मेरे दूधों को भींच भींचकर पी रहे थे।
मुझे अपनी चूचियों में दर्द महसूस हो रहा था।
अब सर ने लंड पर थूक लगाया और मेरी चूत में लंड को पेल दिया।
मेरी चूत दर्द से फटी जा रही थी।
मुझे पता था कि मेरी कोई भी कोशिश बेकार हो जानी है।
तो मैंने समर्पण करना ही बेहतर समझा और सर से कहा- आराम से कर लें, क्या जान से मारने का इरादा है!
सर बोले- आह्ह मेरी जान … मैं तो बहुत दिनों से तेरी चूत को फाड़ना चाहता था … आज जाकर मिली है।
वे जानते थे कि उनके लंड की मोटाई बहुत ज्यादा है और कोई भी औरत उनका लंड लेने में कराह सकती थी।
सर मुझे चोदे जा रहे थे।
मुझे उनका लंड लेना भारी हो रहा था।
फिर एकदम उनका निकलने को हुआ तो बोले- कहां निकालूं?
मैं बोली- कहीं भी निकालो सर … लेकिन रुको मत … अब तो दर्द बंद हुआ है, मजा आ रहा है।
लेकिन मेरी चूत की गर्मी सर से कहां बर्दाश्त होने वाली थी।
इतने में वो मेरी चूत में झड़ने लगे और मेरे ऊपर ढेर हो गए।
मैं बोली- सर उठ जाइए, विक्रम सिंह आने वाले होंगे।
वे बोले- चिंता मत करो, मेरे फोन किए बगैर वो नहीं आने वाला।
मैं समझ गई कि सर ने मेरी चुदाई का प्रोग्राम पहले से ही सेट किया हुआ था।
अब मैं सर की सबसे खास जूनियर हो चुकी थी।
जब भी सर को मेरी चूत चोदने का मन होता था तो वे कहते थे कि विक्रम सिंह वाले केस की तैयारी भी करनी है।
मैं उनकी बात समझ जाती थी कि वे मेरी चूत पर चढ़ने वाले हैं।
मैं दो साल उनके पास रही।
वे हर 5-7 दिन में मेरी चूत चुदाई करते थे।
मुझे भी उनसे चुदने में बहुत मजा आता था।
फिर मैं अपने छोटे से शहर में लौट आयी।
अब फेसबुक पर मेरा एक दोस्त था अर्जुन … जिसने मुझसे मेरा नम्बर मांगा और बात करना शुरू कर दिया।
एक दिन उसने कहा कि वह किसी काम से मेरे शहर आने वाला है और मुझसे मिलना चाहता है।
लेकिन वह बहुत कमीना लड़का निकला।
पूरी कहानी मैं आपको अगली बार बताऊंगी।
इस देसी गर्ल मैरिज सेक्स कहानी पर अपनी राय देना न भूलें। मुझे अपनी प्रतिक्रिया जरूर भेजें। कहानी पर कमेंट करना भी न भूलें।
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