वर्जिन ब्राइड पेनफुल सेक्स का मजा मुझे दिया मेरे पति ने मेरी कुंवारी चूत में अपना मोटा लंड घुसा कर! मुझे सेक्स करने में बहुत डर लग रहा था पर मेरे पति ने मेरी चूत फाड़ दी.
दोस्तो, मैं शिवाली सिंह हूँ. मेरी उम्र 25 साल है … हाईट सवा फुट है. रंग गोरा साइज 32-28-34 है.
यह मेरी वर्जिन ब्राइड पेनफुल सेक्स कहानी है, जो मेरी सुहागरात की है. मैं आज बहुत हिम्मत करके यह सब लिख रही हूं.
मेरी 19 साल की उम्र में सगाई हो गयी थी, दो साल बाद 21 की उम्र में मेरी शादी हो गयी.
मेरे पति का नाम राज है.
तब तक मैंने किसी के साथ सेक्स नहीं किया था.
हालांकि मन में कई बार आया कि मैं अपनी चूत में कुछ डाल लूँ. पर न जाने क्यों मुझे ऐसा लगने लगता था कि मेरी चूत मेरी नहीं बल्कि मेरे पति की अमानत है.
मैं विवाह से पहले अपनी चूत को जरा भी स्पर्श नहीं करना चाहती थी.
फिर जब मेरे होने वाले पति से मेरी सगाई हुई तो मुझे अपने सुंदर दिखने वाले पति पर गर्व होने लगा.
मैं मन ही मन इतराने लगी.
सगाई से शादी के बीच के समय में हम दोनों सिर्फ मैसेज पर बात करते थे, कॉल पर कभी कभार ही बात करते थे.
मेरे होने वाले पति भी काफी संजीदा किस्म के इंसान निकले.
वे भी मेरी हर बात का सम्मान करते थे.
मुझे कभी भी ऐसा नहीं लगा कि मेरे पति मेरे ऊपर अपनी हुकूमत चला रहे हैं.
साथ ही वे ऐसे भी नहीं थे कि मैं उन्हें अपने हुक्म का गुलाम कहूँ क्योंकि उन्होंने सुहागरात के बाद मुझे जिस तरह से रौंदा था, वह उनके शेर दिल जवान होने वाली बात को जाहिर करता था.
आज मैं अपने पति के साथ हुई अपनी पहली चुदाई के बारे में ही बताना चाह रही हूँ.
हम दोनों की शादी के दिन नजदीक आते जा रहे थे.
पति के साथ रोमांटिक बातें बढ़ती जा रही थीं.
उनकी गर्म बातों से मेरी दोनों टांगों के बीच में सुरसुरी होने लगी थी.
जैसा कि आपको मालूम है कि सभी लड़कियां और भी ज्यादा खूबसूरत दिखने की कोशिश करती हैं.
मैंने भी फेशियल, ब्लीच आदि कराए, फुलबॉडी वैक्स भी कराई.
उससे मैं एकदम चिकनी चमेली हो गयी थी.
मुझे पता ही नहीं था कि फुल बॉडी वैक्स कराने में चूत गांड के आस पास की साफ सफाई का पैकेज भी होता है.
अभी तक तो मैंने खुद अपने हाथों से ही अपनी चूत की झांटों का जंगल साफ किया था.
खैर … इस तरह से मुझे खुद के अन्दर बड़ा आत्मविश्वास सा भर गया और मैंने इस बात को अपने मंगेतर से भी सब बताया.
तो वे भी कहने लगे कि उस पार्लर वाली से पूछ लेना कि क्या उसके यहां लड़कों की फुल बॉडी वैक्स करने की भी सुविधा है!
मुझे हंसी आ गई और मैंने धत्त कह कर उनकी बात से किनारा कर लिया.
हालांकि मेरी इस बात से यह तो साफ हो गया था कि वे भी अपने लंड की सफाई करके आएंगे.
आखिरकार मेरी शादी का दिन आया.
शादी हो गयी.
मैं ससुराल गयी तो रस्में आदि हुईं.
वह सब करके रात के समय जब मैं कमरे में गयी.
तब मैं काफी थक गई थी, पूरी एक रात सोई नहीं थी.
कमरे में मैं अकेली थी और उस वक्त मुझे डर सा लग रहा था.
मैंने कभी सेक्स नहीं किया था तो मैं कुछ ज्यादा ही डर रही थी.
पति कमरे में आए तो मैंने उन्हें दूध का गिलास दिया.
हम दोनों ही एक दूसरे से पहली बार अकेले में मिल रहे थे.
सकुचाते हुए एक दूसरे से शादी की बातें करने लगे.
कुछ देर बाद पति ने कहा कि सेक्स करें?
मैंने मना कर दिया- अभी नहीं, जब दूसरी बार यहां आऊंगी, तब कर लेंगे. अभी मुझे शर्म आ रही है.
मेरे पति तो सेक्स करने को मरे जा रहे थे पर मैंने नहीं करने दिया.
हम दोनों ने लिपकिस किया. एक घंटा तक यूं ही एक दूसरे के साथ कुछ चिपका चिपकी और चूमाचाटी के बाद हम दोनों चिपक कर सो गए.
दूसरे दिन रात में हम लोग फिर से साथ थे.
पति ने फिर से सेक्स का बोला तो मैंने वही बात बोली कि अभी नहीं, दूसरी बार मिलने पर करेंगे.
वे मुझे किस करने लगे.
मैंने भी उन्हें किस किया.
आज पहली बार मैंने किस किया था तो किस करने में मजा आ रहा था.
कुछ देर के बाद पति ने मुझे कसके पकड़ लिया और हग करने लगे.
मुझे भी अच्छा लग रहा था.
पति बोले कि कपड़े निकाल दूँ?
मैंने मना कर दिया कि मैं कपड़े नहीं निकालने दूँगी क्योंकि मुझे साड़ी पहनना नहीं आता था.
यह जान कर पति हंस कर बोले कि सुबह मैं तुम्हें साड़ी पहनने में मदद कर दूंगा.
इस बार वे नहीं माने और उन्होंने साड़ी निकाल दी.
मुझे शर्म आ रही थी.
मैंने लाइट बंद करने का बोला तो पति बोले- मुझे तुम्हें देखना है.
पर मेरे मना करने पर उन्होंने लाइट बंद कर दी.
बस जीरो वाट का बल्ब जल रहा था.
साड़ी निकालने के बाद वे बोले- ब्लाउज भी निकाल दूँ?
मैंने मना किया.
तो बोले- मैं सेक्स नहीं करूँगा, बस मुझे हर जगह टच करके देखना है.
मैंने बोल दिया- ठीक है, निकाल दो.
उन्होंने मेरा ब्लाउज निकाल दिया और फिर साथ ही मेरी ब्रा भी निकाल दी.
अब मुझे बहुत शर्म आ रही थी.
मेरे पति मेरे बूब्स सहला रहे थे.
फिर उन्होंने मेरे बूब्स को किस करना चालू कर दिया.
मुझे बहुत ही ज्यादा गुदगुदी हो रही थी.
कोई 30 मिनट तक वे मेरे दोनों चूचों को बारी बारी से सहलाते रहे और दोनों को मुँह से चूसते रहे.
मैं आह आह आह की आवाज़ निकालने लगी.
मुझे भी अपने दूध चुसवाने में अच्छा लग रहा था.
पर सेक्स का सोच कर डर भी लग रहा था.
पति के घर पर बहुत सारे मेहमान अभी भी थे तो पति बोले- ज्यादा आवाज़ मत करो, सब सुन लेंगे.
उसके बाद पति ने मेरा पेटीकोट भी निकाल दिया.
अब मैं सिर्फ पैंटी में थी.
वे पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को सहलाने लगे.
कभी मुँह से बूब्स के निप्पल काट देते, तो कभी होंठ काट देते.
मैं तो उत्तेजना में पागल सी हो रही थी.
मेरे लिए ये सब पहली बार था.
मुझे नहीं पता कि कैसे मेरी पैंटी पूरी गीली हो गयी.
अब तो मुझसे सहा नहीं जा रहा था.
फिर पति ने मेरी पैंटी भी निकाल दी, अब मैं पूरी नंगी हो चुकी थी.
पति तो पहले से ही अंडरवियर में थे.
वे धीरे धीरे मेरी चूत सहलाने लगे.
अब तो मैं बता नहीं सकती कि मुझे कितना ज्यादा मजा आ रहा था.
मेरी चूत भी बिल्कुल चिकनी थी.
मैंने खुद शेव की थी.
पति तो मुझे खाये जा रहे थे.
वे सर्दी के दिन थे और आवाज़ बाहर ना जाए, इसलिए हमने पंखा चलाया हुआ था.
मुझे सर्दी लग रही थी, तो हम दोनों कम्बल ओढ़ कर यह सब कर रहे थे.
फिर पति ने मेरी चूत पर मुँह रख दिया.
मैंने मना किया कि यह क्या कर रहे हो?
वे बोले- यह तो मुझे जरूर करना है.
मेरे पति मेरी बुर चूमने चाटने लगे तो मुझे बहुत ही ज्यादा गुदगुदी होने लगी.
वे मेरी चूत में उंगली डाल रहे थे तो मुझे बहुत दर्द हो रहा था क्योंकि मैं सील पैक माल थी.
पति बोले- तुम्हारा छेद तो बहुत छोटा है. सेक्स करने में बहुत दर्द होगा.
मैंने कहा- हां, इसीलिए तो कह रही हूँ कि मत करो.
पर अब वह मुझे नंगी कर चुके थे तो वे कहां मानने वाले थे.
कुछ मिनट तक चूत चाटने के बाद वे बोले कि सेक्स करना है.
मैं मना कर रही थी. मैं बोली कि दर्द होगा.
वे बोले- दर्द होगा तो रुक जाऊंगा.
उन्होंने मुझे अपना लंड पकड़ा दिया जो बहुत ही टाइट था.
मुझे लंड पकड़ने में बड़ा अजीब लग रहा था, कभी मैंने ऐसा नहीं किया था.
फिर वे बोले कि इसे मुँह में ले लो.
मैंने मना कर दिया.
मैं बोली- मुझे गंदा लगता है, मैं नहीं लूँगी.
पति बोले- ठीक है, जब तुम्हें अच्छा लगने लगे, तब ले लेना.
यह कह कर उन्होंने चूत पर लंड रख दिया और धक्का लगा दिया.
पहले धक्के में ही मेरी जान निकल गयी.
पर लंड अन्दर नहीं गया.
मैं बेड के एक सिरे पर थी तो खिसक खिसक कर ऊपर को आ गयी.
पति भी ऊपर आ गए.
उन्होंने एक बार और धक्का लगाया तो मेरी चीख निकल गयी.
इस बार पति गुस्सा हो गए.
वे बोले- तुम मेरे लिए इतना सहन नहीं कर सकती?
मैंने कहा- मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
पति रुक गए.
फिर वे मेरे अंडरआर्म्स चाटने लगे, मुझे किस करने लगे, बूब्स सहलाने लगे.
इस बार उन्होंने चुदाई की तैयारी की तो पहले मेरे मुँह में मेरी ही पैंटी भर दी और एकदम से लंड पेल दिया.
उनका आधा लंड चूत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया.
मैं दर्द से कराह रही थी.
यह देख कर वे रुक गए और मुझे प्यार करने लगे.
कुछ पल बाद उन्होंने फिर से धक्का लगा दिया.
इस बार तो उन्होंने अपना पूरा लंड ही पेल दिया था.
मैं बताना भूल गयी कि मेरे पति का लंड 6 इंच का है और काफी मोटा है.
वर्जिन ब्राइड पेनफुल सेक्स के बाद तो मैं बेसुध हो गयी.
फिर वे मुझे समझाने लगे- कभी ना कभी तो करते ही ना … तो अभी कर लिया.
वे लंड अन्दर बाहर करने लगे.
मुझे दर्द हो रहा था पर मुझे ब्लड नहीं आया.
यह पता नहीं क्यों हुआ था.
उसके बाद पति धीरे धीरे चुदाई करने लगे.
उनका लंड अन्दर बाहर होने लगा.
अब दर्द के साथ साथ मुझे मजा भी आने लगा.
मैंने भी कसके पति को पकड़ लिया और धक्के खाने लगी.
बहुत मजा आ रहा था, समझो मैं तो जन्नत में थी.
पति कभी मेरे बूब्स पीते, कभी किस करते.
कभी गर्दन पर किस करते और साथ साथ वे चुदाई तो कर ही रहे थे.
मैं तो पागल हो गयी थी.
मैंने कभी नहीं सोचा था कि सेक्स में इतना मजा आता है.
कुछ ही देर में मैं झड़ गयी.
मैं अकड़न के साथ झड़ी थी तो एकदम से समझो कट सी गई थी.
मैंने उन्हें और चोदने से मना किया- अब मत करो, बहुत गुदगुदी हो रही है.
मगर वे नहीं माने और करते रहे.
वे मुझे मसल रहे थे और ऐसा लग रहा था कि पता नहीं आज मेरी चूत सही सलामत बचेगी भी या नहीं.
बहुत जगह तो उन्होंने दाँत गड़ा दिए थे.
उन्होंने काफी देर तक ताबड़तोड़ चुदाई करने के बाद मुझे कसके पकड़ लिया और डिस्चार्ज हो गए.
वे मुझे बहुत ही प्यार से चूमने चाटने लगे.
मुझे भी अच्छा लग रहा था, बहुत हल्कापन महसूस हो रहा था.
उसके बाद हम लोग एक दूसरे को प्यार करते हुए ऐसे ही नंगे सो गए.
दोस्तो, मेरी 5 साल की वैवाहिक जिंदगी की अभी और भी बहुत सारी कहानी शेष हैं.
मैं आपके साथ सबकुछ साझा करना चाहती हूं. मैं यह सब बहुत दिन से सोच रही थी पर हिम्मत नहीं हो रही थी.
आप मुझे मेल करके बताएं कि मेरी वर्जिन ब्राइड पेनफुल सेक्स कहानी आपको कैसी लगी.
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