टीचर रोमांस की कहानी में पढ़ें कि मुझे अपनी टीचर से वासना भरा लगाव हो गया. मैंने उनसे नजदीकी बढ़ाई और उनके दिल का हाल जाना. वे अपने पति से दूर रहती थी तो मुझे काम आसान लगा.
फ्रेंड्स, मैं हार्दिक आपको अपनी कॉलेज की मैम के साथ हुई चुदाई की कहानी में पुन: स्वागत करता हूँ.
कहानी के पहले भाग
कॉलेज की टीचर पर दिल आ गया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैम मेरे साथ बाइक पर जा रही थीं, तभी मैंने ब्रेक लगाया तो मैम मेरी पीठ से अपने दूध रगड़ बैठीं और मुझे तरन्नुम आ गई.
अब आगे टीचर रोमांस की कहानी:
वे बोलीं- क्या हुआ हार्दिक?
मैं पहले कुछ नहीं बोला फिर उनसे कहा- आप एक मिनट आइए.
तब मैं एक रेस्टोरेंट में उनको ले गया और उनको बैठने को बोला.
वे कुछ बोलतीं, इससे पहले मैं ऑर्डर देने चला गया.
और वे एक टेबल से लगी कुर्सी पर बैठ गईं.
मैं उनका पसंदीदा कप केक लेकर आया. ये मैंने उनसे व्हाट्सैप पर उनकी पसंद पूछी थी, तभी पता चला था.
वे कप केक देख कर खुश हो गईं.
मैंने उनसे कहा- यहां का कप केक काफ़ी अच्छा है.
हम दोनों वे कप केक खाने लगे, जिससे उनके चेहरे पर थोड़ी स्माइल आ गई.
फिर मैंने उनसे पूछा- मैम एक बात बोलूँ!
वे बोलीं- हां बोलो.
मैंने कहा- मैम, आपको देख कर लगता नहीं कि आपका कोई बेटा भी होगा. इनफॅक्ट ऐसा भी नहीं लगता है कि आपकी शादी भी हुई है.
वे बोलीं- अच्छा जी, ऐसा क्यों?
मैं बोला कि बस आपको देख कर लगता है कि आप 21-22 साल की ही लड़की हो.
वे बोलीं- ऊओह ये बात!
वे ये कह कर हंस पड़ीं और कुछ देर वापस हम दोनों बाइक पर बैठ कर चल दिए.
मैंने उनको उनके घर पर ड्रॉप कर दिया.
वे मुझे अन्दर आने के लिए बोलने लगीं पर मुझे कुछ काम था तो मैंने मना कर दिया.
उन्होंने मुझे थैंक्यू बोला.
मैं वहां से चला गया.
अब मैं उनसे और ज़्यादा बातें करने लगा.
वे भी मुझसे खुल सी गई थीं.
फिर एक दिन वे मुझसे मेरी फैमिली के बारे में पूछने लगीं.
मैंने उनको अपनी फैमिली के बारे में बताया साथ ही ये भी बताया कि मेरी फैमिली की कंडीशन इतनी अच्छी नहीं है.
उन्होंने कहा- सब ठीक हो जाएगा … और हां कभी कुछ भी ज़रूरत हो, मुझसे बोल देना.
मैंने उनसे कहा कि कोई नहीं मेम.
वे बोलीं- क्या कोई नहीं?
फिर मैं कुछ नहीं बोला और उनको बस थैंक्यू बोला.
अब हमारी ऐसे ही बातें होती रहीं.
मैम मुझे अब अपनी बातें और कुछ काम भी बता दिया करती थीं और कभी कभी मेरे साथ कॉलेज जातीं.
फिर उन्होंने अचानक से मुझसे कॉलेज में बोलना बंद कर दिया और मुझसे अब मज़ाक भी नहीं किया.
मैंने शुरू में तो कुछ ध्यान नहीं दिया पर 5-6 दिन बाद मुझे जब ये महसूस हुआ.
तो मैंने उनसे फोन पर पूछा.
वे बोलीं कि कुछ नहीं बस तुमको ऐसे ही लग रहा है.
अगले दिन में कॉलेज गया और मैम ने मुझे लेक्चर के बाद अपने केबिन में बुलाया.
मैं वहां गया तो उन्होंने मुझसे कहा- हार्दिक, तुमको पता है कि क्लास में हमारे बारे में क्या चल रहा है?
मैं चुप रहा.
मुझे तो पता था कि क्लास में मेरे और मैम के बारे में बातें होती थीं.
वे बोलीं- बताओ?
मैंने कहा- मुझे नहीं पता मेम?
वे बोलीं- ज़्यादा सीधे मत बनो. अच्छा चलो तुम जाओ … और हां अब थोड़ा ध्यान रखो. इन सब बातों ने मेरा दिमाग़ खराब कर दिया है.
मैं बोला- मैम, मैं कुछ बोलूँ, बुरा ज़रूर लगेगा आपको!
वे बोलीं- हां बोलो!
मैंने उनसे कहा- आप बिना मतलब इन बातों पर ध्यान दे रही हैं.
वे बोलीं- क्या मतलब?
मैंने कहा- आप इन बातों को पहले सोचना छोड़ो … और सोचो क्लास में तो सबको फालतू बकने का काम करते हैं और अगर आप मुझसे बोलोगी भी नहीं तो भी भी क्लास में सब ये ही सोचेंगे, जो वे सोच रही हैं. पर कुछ टाइम बाद सब भूल जाएंगे. आपको इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ना चाहिए कि कोई आपके बारे में अच्छा सोचे या बुरा. वे उनकी सोच है, जिसमें हम कुछ नहीं कर सकते. वे अब आपके बारे में सोच रहे हैं … कल को किसी ओर के बारे में सोचेंगे.
फिर वे बोलीं- अच्छा बाबा ठीक है, चलो तुम अब अपनी क्लास में जाओ.
मैं क्लास में आया और सोचने लगा कि कहीं मैम मुझसे बातें करना बंद ना कर दें.
पर फिर मैम मुझसे फिर से अच्छे से बातें करने लगीं.
कुछ दिन बाद मैम का बर्थडे आया.
मैं पहले उनको विश करने की सोच रहा था लेकिन फिर मैंने नहीं किया.
मैंने उनको सर्प्राइज़ देने का सोचा.
मैं कॉलेज गया और मैम से बात भी हुई.
पर मैंने ऐसे रिएक्ट किया जैसे मुझे याद ना हो कि उनका आज बर्थडे है.
वे थोड़ा दुखी हो गईं.
मैं समझ गया कि क्या बात है.
एक तो मैंने भी उनको बर्थडे विश नहीं किया और दूसरा वे अपने बर्थडे पर अकेली थीं.
वे लेक्चर में भी चुप-चुप सी रहीं.
मैंने प्लान बनाया कि उनको सर्प्राइज़ देता हूँ.
जैसे ही मेरा कॉलेज खत्म हुआ और मैंने मैम को कॉल किया.
तब 4 बजे थे.
‘मैम आप फ्री हो क्या?’
वे बोलीं- क्यों, क्या हुआ?
मैंने उनसे झूठ बोला कि आज मेरी भाभी का बर्थडे है, तो उनके लिए कुछ गिफ्ट लेना है, लेकिन समझ नहीं आ रहा कि क्या लूँ.
वे बोलीं- देख लो, कुछ भी ले लो.
मैंने कहा- मैम मुझे समझ आता, तो आपको कॉल थोड़े ही करता.
मैंने उनसे जोर देकर कहा- प्लीज मैम चलिए ना प्लीज.
वे मान गईं, वे बोलीं- अच्छा ठीक है.
मैंने उनसे कहा- मैं 30 मिनट में आपको पिक करने आता हूँ.
उन्होंने ओके बोला और फोन कट कर दिया.
मैं तैयार होकर मैम के पास चला गया और उनको पिक करके हम दोनों एक मॉल में आ गए.
वहां के लेडीज सेक्शन में आए और उधर मैम ने एक पर्फ्यूम सिलेक्ट किया जिसकी खुशबू मैम को काफी अच्छी लगी.
वाकयी में खुशबू अच्छी थी.
मैंने परफ्यूम पैक करवा ली और हम वहां से निकल पड़े.
रास्ते में आते हुए मैंने एक रेस्टोरेंट के बाहर बाइक रोकी और मैम से कहा- कुछ खाते है, बहुत भूख लग रही है.
मैम ने कहा- मेरा मन नहीं है.
वे अभी भी थोड़ा सा अपसैट थीं पर मेरे ज़िद करने पर वे मान गईं.
हम अन्दर गए और मैंने वहां पहले से ही एक सेक्शन मैम के बर्थडे के लिए बुक किया हुआ था जो उनके लिए सर्प्राइज़ था.
वहां थोड़ी डेकोरेशन भी करवाई थी.
मैं मैम के साथ वहां गया और उनको बिठा कर मैं काउंटर पर बोल कर आया कि वे केक भेज दें.
मैंने थोड़ा बर्थडे बॉम्ब वगैरह का इंतजाम भी किया था और गाने चलाने के लिए भी होटल वालों को बोल दिया था.
उन्होंने प्यारे से सॉंग्स चलाए और मैम मुझे देख कर कुछ पूछने वाली थीं कि तभी वेटर केक लेकर आ गया और टेबल पर रख दिया.
मैंने मैम को बर्थडे विश किया.
मैं मैम के बराबर में ही बैठा था.
मैंने उनको केक कट करने के लिए बोला.
उनको बहुत अच्छा लगा.
जब वे केक कट करने लगीं, तो वहां वे बर्थडे बॉम्ब वगैरह भी फोड़े, जिससे उनको और ज्यादा खुशी मिली.
मैंने उनको एक बार और विश किया.
उन्होंने मुझे थैंक्स बोला और मुझे केक खिलाया.
मैंने उनको वे परफ़्यूम दिया तो वे बोलने लगीं- ये तो तुम्हारी भाभी के लिए था ना!
मैंने कहा- मैंने आपसे झूठ बोला था, जिससे मेरा सर्प्राइज़ खराब ना हो. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या गिफ्ट दूँ तो ये बहाना बनाया था.
वे बोलने लगीं- इस सबकी क्या ज़रूरत थी. तुमने इतना सब क्यों किया?
मैंने कहा- ख़ास लोगों के लिए ख़ास चीजें ही की जाती हैं.
वे बोलीं- लेकिन फिर भी इतना सब … और तुम्हारी कंडीशन भी इतनी अच्छी नहीं है, फिर भी?
मैंने उनसे कहा कि मैंने आज के लिए अपनी पॉकेट मनी सेव की थी.
उनके कुछ बोलने से पहले मैं बोला कि अब आप केक भी कट कीजिए ना!
वे हंस दीं और उन्होंने केक कट करके मुझे खिलाया.
मैंने भी उनको खिलाया और बोला कि अब तो मूड ऑफ नहीं है आपका!
वे बोलीं कि मुझे इतना अच्छा सर्प्राइज़ कभी नहीं मिला.
उन्होंने मुझे फिर से थैंक्स बोला और मेरे गाल पर किस कर दिया.
वे अपना चेहरा नीचे करके बैठ गईं.
एक पल बाद उन्होंने मुझे सॉरी बोला.
अब मैं उनको क्या बोलता.
फिर हम दोनों ने वहां पर डिनर किया और मैंने उनको घर ड्रॉप कर दिया.
रात को मैं उनके बारे में सोचता रहा और वे किस याद करके अपना लौड़ा सहलाता रहा.
अगले दिन सब नॉर्मल था.
ऐसे ही कुछ दिन निकले. अब मेरी उनसे और ज़्यादा बातें होना शुरू हुईं.
एक दिन मैंने उनको प्रपोज़ करने का सोचा.
लेकिन हिम्मत नहीं हुई कि कहीं उनको बुरा लगा तो!
मैंने सोचा कि उनको व्हाट्सैप पर ही बोल देता हूँ.
उनसे व्हाट्सैप पर बात करते हुए मैंने कहा- मुझे आपको कुछ बोलना है!
वे बोलीं- हां बोलो.
मैंने मैसेज किया कि आई लव यू.
उन्होंने 2 मिनट तक कोई रिप्लाइ नहीं किया.
फिर कहा- अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो, तुमको अभी बहुत कुछ करना है. कल से तुम्हारे पेपर भी हैं.
मुझे थोड़ा बुरा लगा और मैं उनकी बात समझा भी नहीं.
फिर बस मैंने अगले 12 दिन उनसे बातें नहीं की और अपने एग्जाम पर ही ध्यान दिया.
ये इंटर्नल एग्जाम थे.
बस मुझसे सवाल पूछा था, तो उससे रिलेटेड बातें हुईं.
एग्जाम खत्म हुए और मैं उनसे कॉलेज में अकेले में मिला.
मैंने उनसे सॉरी बोला, तो वे बोलीं- क्यों?
मैंने कहा कि उस दिन के लिए.
वे कुछ नहीं बोलीं और कहा कि छोड़ो इस बात को.
फिर इधर उधर की बातें हुईं और मैं घर आ गया.
पहले तो मैं उनको केवल हवस की निगाहों से देखता था और उनको चोदना चाहता था, इसलिए टीचर रोमांस कर रहा था लेकिन अब कहीं ना कहीं मेरे दिल में उनके लिए थोड़ी सी फीलिंग्स आ गई थी.
शायद इसका एक कारण ये भी था कि हम दोनों की कंडीशन सेम थी.
उनके पास इतना कुछ होते हुए भी वे अकेली थीं … और मेरे पास कुछ नहीं था इसलिए परेशान और अकेला था.
मैं रात को सोचने लगा कि लगता है पल्लवी मैम के मन में भी मेरे लिए कुछ है.
क्योंकि जब मैंने उनको प्रपोज़ किया तो उन्होंने हां नहीं की और मना भी नहीं की.
उनको यदि बुरा लगता तो वे मुझसे नाराज़ होतीं.
यह सोचते ही मैंने आगे सोचा कि मेरे बर्थडे के 3 दिन बाद वे फ्री हो जाएंगी, उनकी कॉलेज की टेंशन, जो पेंडिंग वर्क है, वे भी खत्म हो जाएगा, तभी उनसे तसल्ली से बात करना ठीक रहेगा.
ऐसे ही 3-4 दिन निकल गए.
वे मुझसे, इतना व्यस्त होने के बाद भी काफ़ी बातें करतीं और मुझे छेड़ भी देतीं.
मैं भी उनसे अब ज़्यादा हंसी मज़ाक करने लगा था.
अगले दिन जब मैं कॉलेज गया तो मेरे कुछ क्लासमेट मेरे बर्थडे की पार्टी की बात करने लगे.
पहले तो नॉर्मल ही रहा.
फिर पल्लवी मैम लेक्चर लेने आईं तो मैम ने उनकी बात सुन ली कि वे मुझसे पार्टी के लिए बोल रहे हैं.
वे भी मुझे कहने लगीं- हार्दिक, बर्थडे की पार्टी कहां दे रहे हो?
मैंने उनसे भी यही बोला कि देखते हैं मेम.
मैम और मेरे दोस्त दोबारा कहने लगे तो मैंने कह दिया- रेस्टोरेंट में चलते हैं. पर बर्थडे से अगले दिन का रखेंगे.
अब मैं उन्हें क्या बताता कि मुझे पैसों का भी इंतजाम करना था.
मैम भी बोलीं- हां ठीक है. उस दिन तो मैं भी फ्री हूँ.
सभी ने मेरे बर्थडे से अगले दिन का प्लान फिक्स किया.
अब मुझे पैसों का देखना था.
मैंने सोचा कि अपने फ्रेंड से मांग लेता हूँ बाद में दे दूंगा.
मेरा बर्थडे आया, मुझे मैम ने 12 बजे विश किया और कुछ प्यारी से कपल वाली केक कट करते हुए एक पिक सेंड की.
मैंने उनको थैंक्स बोला.
उन्होंने पूछा- तुम कल कॉलेज तो आ रहे हो ना!
मैंने कहा- हां मेम, आ रहा हूँ ना … क्यों क्या हुआ?
वे बोलीं- कुछ नहीं, बस ऐसे ही पूछा. वो कल शायद तुम्हारा असाइनमेंट होगा ना!
मैंने उनको ओके बोला और मैं सुबह कॉलेज गया.
मेरा बर्थडे हर बार की तरह सिंपल सा था.
मुझे पता था कि बस घर जाकर शाम को केक कट करना और बस घरवाले कुछ गिफ्ट देंगे शायद और बस खत्म.
मुझमें कुछ उत्साह नहीं था.
अब मैम का लेक्चर आया, वे क्लास में आईं … तो मैं उनको देखता ही रह गया.
वे आज ब्लैक साड़ी पहन कर आई थीं. वे आज से पहले कभी ब्लैक साड़ी में नहीं आई थीं.
जब वे क्लास में आईं तो मेरी तरफ आंख मारती हुई और अपनी कमर मटकाती हुई आईं.
मेरे नजदीक आकर मुझसे थोड़ा मादक सी आवाज़ में बोलीं- हैप्पी बर्थडे टू यू हार्दिक!
मैंने उनको थैंक्यू मैम बोला.
उन्होंने मुझे फिर से आंख मारी, पर मैं कुछ समझा ही नहीं क्योंकि मेरा ध्यान तो उस काली साड़ी में उनके गोरे टाइट जिस्म पर था, जिसे देख कर मेरा बुरा हाल हुआ जा रहा था.
मैं खुद पर किसी तरह कंट्रोल कर रहा था.
उनका लेक्चर खत्म हुआ और वे बाहर चली गईं.
मैंने तुरंत बाथरूम में जाकर हाथ चलाया, तब जाकर मुझे कुछ राहत मिली.
कुछ समय बाद जब छुट्टी हुई, तो मैम की कॉल आई कि मैं उनके केबिन में जाऊँ.
मैं वहां गया तो वे मुझसे बोलीं कि उनकी स्कूटी फिर से खराब हो गई है और उनको कुछ बुक्स घर लेकर जाना है, तो मैं उनको घर पर ड्रॉप कर दूँ.
वे अब मुझे कुछ भी बात अपने हक़ से बोलने लगी थीं, पहले की तरह नहीं कि प्लीज प्लीज कह कर कहें.
मैंने उनको ओके बोला.
उन्होंने कुछ बुक मुझे भी पकड़ा दीं और मैं उनके साथ नीचे पार्किंग तक आया.
फिर मैंने उनको वे बुक्स दे दीं और वे मेरे पीछे बैठ गईं.
मैं बाइक लेकर निकला, मैंने बाइक पर रास्ते में 4-5 बार ब्रेक मारे, जिससे वे मेरे ऊपर गिर जातीं और उनके 34 इंच के बूब्स मेरी पीठ में दब जाते.
वे आउच बोलतीं.
मैं उस पल का सुख लेता हुआ अपने नसीब को सराहता.
हम दोनों उनके घर आ पहुंचे.
मैंने बाइक रोकी और वे उतर गईं.
उन्होंने बुक्स मेरी बाइक पर ही रखी हुई थीं.
वे मुझे अन्दर आने के लिए बोलने लगीं.
मेरा उनको देख कर ही बुरा हाल हो रहा था.
यदि उनके घर में जाता तो पक्की कुछ न कुछ गड़बड़ हो जाती.
मैंने मना किया तो वे थोड़ा फोर्स करने लगीं और बोलीं- इतनी सारी बुक्स हैं, ये तो अन्दर रखवा दो.
तब मैंने उनको ओके बोला और बाइक को साइड में खड़ा करके उनके पीछे बुक्स लेकर चल दिया.
वे मेरे सामने अपनी गांड मटका मटका कर चल रही थीं.
वे घर खोलने के बाद एक रूम में गईं और मुझे भी बुलाया.
वे उनका बेडरूम था.
उन्होंने वहां टेबल पर बुक रखने को कहा.
मैंने वहां बुक्स रख दीं.
उन्होंने मुझे बैठने को बोला, मैं मना करता … उससे पहले ही उन्होंने फिर से बोल दिया- बैठ जाओ, ज़्यादा नखरे ना दिखाओ.
मैं उनके बेड पर बैठ गया.
वे मेरे लिए पानी लेकर आईं.
मैंने पानी पिया और ग्लास टेबल पर रख दिया.
मैं अब उनको देख रहा था और उनके रूम को भी.
वे मुझसे बोलीं- अपना ये बैग साइड में रख दो, कौन सा भागना है तुमको!
मैं चुप था.
मैंने उनको देखते हुए बैग रख दिया.
वे मुझसे पूछने लगीं- क्या देख रहे हो ऐसे?
मैं बोला- कुछ नहीं … सक्षम नहीं दिखाई दे रहा!
वे बोलीं- मैंने तुमको बताया था ना कि मेरे हज़्बेंड मुंबई में रहते हैं. सक्षम की अभी 2 महीने की छुट्टी है, तो वे अभी 3 दिन पहले ही अपने पापा के पास गया है.
मैंने ओके कहा.
वे मुझसे बोलीं- क्या लोगे … चाय कॉफी या कोल्ड ड्रिंक?
मैं बोला कि कुछ नहीं मेम. बस आज्ञा दीजिए, मैं चलता हूँ.
क्योंकि मेरा लंड काबू से बाहर हो रहा था. मेरा मन तो ये कर रहा था कि उनको अभी पकड़ कर चोद दूँ पर फिर उनकी लाइफ के बारे में सोचता, तो मेरा ये ख्याल चला जाता कि मेरी किसी हरक़त की वजह से उनको बुरा लग गया, तो उनकी लाइफ में रहेगा ही कौन … क्योंकि वे मुझसे ही बातें करती हैं बस.
वे बोलीं- अच्छा 2 मिनट रूको, मैं आती हूँ.
मैं हां में सर हिला कर बैठा रहा और वे रूम से बाहर चली गईं.
दोस्तो, मैम कमरे से बाहर जरूर चली गई थीं.
लेकिन जब वे वापस आईं तो मैं भौचक्का रह गया था.
मैंने उनसे जो चाहा था वे मुझे खुद ब खुद मिल गया था.
जी हां … मैम ने अपने आपको मेरे हवाले कर दिया था और मैंने उनकी तबियत से चुदाई की.
वो सब मैं आपको सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगा.
टीचर रोमांस की कहानी पर आपके मेल और कमेंट्स का इंतजार रहेगा.
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टीचर रोमांस की कहानी का अगला भाग: कॉलेज टीचर के साथ रासलीला- 3